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हम दोनों एक दूसरे की बुर चुदवाने लगीं - Ham dono ek dusre ki bur chudwane ladi
हम दोनों एक दूसरे की बुर चुदवाने लगीं - Ham dono ek dusre ki bur chudwane ladi , लंड देखकर मेरी चूत में आग लग जाती है , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन मैं जैसे ही कमरे में घुसी तो मैंने देखा की मेरी अम्मी किसी अंकल का लण्ड बड़े प्यार से सहला रहीं हैं। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो मेरे पूरे बदन में आग लग गयी। खास तौर से मेरी चूत में ? इतना मोटा और इतना खूबसूरत लण्ड मैं पहली बार देख रही थी। मैं शर्म के मारे वापस जाने लगी तो अम्मी ने आवाज़ देकर कहा बुर चोदी सबीना तू कहाँ जा रही है, माँ की लौड़ी ? इधर आ मेरे पास। मैं जब अम्मी के पास गई तो वह बोली बेटी देख अब तू जवान हो गई है। १९ साल की है तू। तुझे लण्ड की बेहद जरुरत है। शर्माने की कोई जरुरत नहीं भोसड़ी की सबीना, तेरी माँ की चूत ? अगर तुझे अपनी जवानी का मज़ा लेना है तो बेशर्म होना पड़ेगा ? आ इधर और मजे से पकड़ ले अंकल का लण्ड और फिर चुदाना शुरू कर दे अपनी माँ का भोसड़ा ? तू ये सब करेगी तभी तो ज़िन्दगी भर जवानी का मज़ा लूटेगी नहीं तो हमेशा पछताती रहेगी। अम्मी की बातें मुझे अच्छी लगींऔर मैं मन से बेशर्म हो गयी। मैंने हाथ बढ़ाकर अंकल का लण्ड पकड़ लिया और मुठ्ठी ले लेकर एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए ऊपर नीचे करने लगी। लण्ड का सुपाड़ा चमकने लगा और मैं बेशर्म होने लगी। अम्मी तो एकदम नंगी ही बैठी थी। उसने मुझे भी नंगी कर दिया और बोली बेटी लण्ड नंगी नंगी पीने में ज्यादा मज़ा आता है। इत्तिफाक से मेरी झांटें बनी हुई थीं मेरी चिकनी चूत देख कर अंकल का लौड़ा और टन टनाने लगा , मुझे और मज़ा आने लगा। मैने कहा भोसड़ी के लौड़े मियां आज तू मेरी माँ की बुर लेगा ? फिर मैंने अम्मी की आँखों में आँखे डालकर कहा अम्मी, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? अब मैं यही लण्ड तेरी बेटी की माँ के भोसड़ा में पेल दूँगी। अम्मी मेरे मुंह से प्यार भरी गन्दी गन्दी गालियां सुनकर बहुत खुश हुई। उसे यकीन हो गया की अब मेरी बेटी जवानी का मज़ा लेने में कोई कसर उठा नहीं रखेगी।इतने में मैंने लण्ड अम्मी के भोसड़ा पर टिका दिया और चूतड़ दबा दिया। लण्ड गच्च से अंदर घुस गया और मेरी माँ चुदने लगी। मैं भी जवानी का मज़ा लूटने लगी।
थोड़ी देर में अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया तो मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी क्योंकि अब मुझे किसी का न तो कोई डर था और न ही कोई शर्म ? उसी दिन से हम दोनों एक दूसरे की बुर चुदवाने लगीं।
एक बार मैं जॉब के लिए एक इंटरव्यू दे रही थी। मैं सभी सवालों का बड़ी बेबाकी से जबाब दे रही थी। मेरे चेहरे पर गज़ब का कॉन्फिडेंस झलक रहा था।
अचानक एक साहेब ने सवाल किया - आपकी हॉबी क्या क्या है, सबीना ?
मैंने कहा :- मेरी हॉबी लंड पीना माँ चुदाना। जी हां मेरी हॉबी है - पहला लण्ड पीना और दूसरा माँ चुदाना। वे सब मेरा मुंह देखने लगे। मैंने फिर कहा हां हां सर मैं सच कह रही हूँ। मैं लण्ड पीती हूँ और माँ चुदवाती हूँ। मेरी माँ के भी दो ही शौक हैं। लण्ड पीना और बेटी चुदाना। वह भी लण्ड पीती हैं और बेटी चुदवाती हैं। वे सब फिर मुझे फटी फटी आँखों से देखने लगे। मैंने कहा मैंने इसमें कुछ बुरा कह दिया क्या सर ? आपने मेरे शौक पूंछे तो मैंने सच सच बता दिया। हां बात अश्लील जरूर है पर सच बोलना तो अच्छी बात है न सर।
मेरे सामने तीन लोग बैठे थे। उसमे एक महिला भी थी। वह महिला बोली सबीना तुमने जितनी आसानी से ये बातें कह दीं हैं उतनी आसानी से होती नहीं हैं। कहना आसान है लेकिन करना बड़ा कठिन।
मैंने कहा :- मैडम, मैं जो कहती हूँ वह करके भी दिखाती हूँ। आप चाहे तो मेरा इम्तहान ले लें ?
मैडम बोली :- तो तुम मुझे चैलेन्ज कर रही हो ?
मैंने कहा :- मेरी मंसा तो ऐसी नहीं है मैडम, पर मैं अपनी बात सिद्ध करने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ।
मैडम बोली :- तुम कहती हो मैं तेरा इम्तहान जरूर लूंगी। तब तक मुझे यह बताओ की क्या तुम गालियां दे लेती हो ? अगर दे लेती हो तो मुझे देकर दिखाओ।
मैंने कहा :- माँ की लौड़ी, बहन चोद, बुर चोदी, भोसड़ी वाली तू मुझसे गालियां सुनना चाहती है, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन का लण्ड, गांडू कहीं की, मैं तेरी झाँटें उखाड़ लूंगी। ठोंक दूँगी तेरी गांड में हाथ भर का लण्ड। चोद डालूंगी तेरी बिटिया की बुर, कमीनी, रंडी कहीं की, घुसेड़ दूँगी तेरी बुर में गधे का लण्ड, हरामजादी, छिनार ? मैं एक ही सांस में सब बोल गयी। तो सबने खूब एन्जॉय क्या और तालियां बजाईं।
मैडम बोली ;- वाह वाह ! सबीना इसमें तो तुम पास हो गयी हो। अब यह बताओ की तुम यहां सबके सामने लण्ड पी सकती हो ?
मैंने कहा :- बेशक पी सकती हूँ। बताओ किसका लण्ड पी कर दिखाऊं मैडम ?
मैडम बोली :- अच्छा वहां सोफा पर बैठो मैं अभी एक लड़के को तेरे पास भेजती हूँ।
मैं सोफे पर जाकर बैठ गयी और लड़के का इंतज़ार करने लगी। थोड़ी देर में एक मस्त जवान लड़का आ गया। उसकी उम्र शायद २२/२३ साल की होगी। मैडम बोली हां सबीना अब तुम इसका लण्ड पीकर दिखाओ। मैं उसकी पेंट खोलने लगी। वह मेरे आमने ही खड़ा था। मैं भी जींस और टॉप में थी। मेरी अंदर की चूत गरम होने लगी और चूचियाँ फड़फड़ाने लगीं। उसकी पैंट खुल गयी तो वह चड्ढी में आ गया। उसके लण्ड का उभार साफ़ साफ़ दिख रहा था मुझे। मैंने खड़ी हुई और उसकी कमीज भी उतार दी। मैंने सोंचा की मैं उसे पूरा नंगा कर दूँगी। सबस बाद में चढ़ी खोलूंगी। मैंने ऐसा ही किया। उसकी बनियाइन उतारी तो वह ऊपर से नंगा हो गया। उसकी घने घने बालों वाली छाती मुझे अच्छी लगी। अब मैं बैठ कर उसकी चड्ढी के दोनों तरफ उंगली फंसा कर उसे नीचे घसीट दी तो लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा। मेरे मुंह से निकला उफ़ थप्पड़ मार रहे हो तुम भोसड़ी के मुझे। उस लड़के ने मेरी गाली का मज़ा लिया और मस्कराने लगा। मैंने उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया। लण्ड पकड़ते ही मैं पहचान गयी की यह मुस्लिम लण्ड नहीं है। यह कोई ग़ैर मुस्लिम लण्ड है क्योंकि इसकी खाल कटी नहीं है।
मैंने लण्ड का टोपा खोला तो मज़ा आ गया। पहाड़ी आलू की तरह उसका टोपा बड़ा सुन्दर लग रहा था। उसकी छोटी छोटी झाँटें भी थी। मैंने टोपा चूमा कई बार चूमा, उसे प्यार से पुचकारा और दूसरे हाथ से पेलहड़ थाम लिया। मैं लौड़ा मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। मेरे हिसाब से लण्ड का साइज 8" x 5" का होगा। मैं उसका सड़का मारने लगी। इतने में अचानक मैडम उठी और मेरे पास आ गईं। उसने मेरे टॉप के दोनों बटन खोल दिया। मेरी चूचियाँ नंगी हो गईं।लड़का मेरी चूचियाँ देख कर मस्त होने लगा। उसका लण्ड और कड़क हो गया। फिर मैडम ने मेरा टॉप उतार कर नीचे फेंक दिया। फिर मैडम ने पूंछ सबीना तुम्हे लौड़ा कैसा लगा ? मैंने कहा बहुत बढ़िया है लौड़ा मैडम। मुझे तो ऐसे ही लौड़े पसंद हैं। मेरा तो दिल आ गया है इस पर ? इतना खूबसूरत और इतना प्यारा लौड़ा बहुत काम लोगों का होता है। मेरा तो मन करता है की मैं इसे अपनी पर्श में रख लूँ ? मैडम ने कहा अरी पगली ऐसा लौड़ा पर्श में नहीं बुर में रखा जाता है। मैंने कहा अरे मैडम जी आपने इसकी इज़ाज़त नहीं दी नहीं तो मैं इसे अब तक अपनी बुर में रख लेती और फिर अपनी माँ की बुर में भी रख लेती।
मैडम बोली ठीक है तुम पहले लण्ड पी कर दिखाओ। वह अपनी कुर्शी पर जाकर बैठ गयी। मैं लण्ड चूसने लगी। आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ कर मैं लण्ड बड़ी चूसने लगी। उसका सुपाड़ा अंदर ही अंदर चभुलाने लगी। फिर बार बार मुंह से निकालती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। थोड़ी देर के बाद मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और उसकी आँखों में आंखें डाल कर दनादन्न सड़का मारने लगी। मुझे जोश आया तो मैं बोलनी लगी हाय मेरे राजा जल्दी से आ जा। तू साला बड़ा मस्त लौड़ा है। बड़ा प्यारा लौड़ा है। मैं तेरा मक्खन निकाल लूंगी। तेरा मक्खन खा जाऊंगी मैं लण्ड राजा। वह भी मस्ती के मूड में आ गया। मैं समझ गयी की अब यह निकलने वाला है तो मैंने स्पीड बढ़ा दी। मैं बोली साले लौड़े तू माँ का लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैं तुझे कच्चा चबा जाऊंगी भोसड़ी के। तेरा एक एक बूँद निचोड़ लूंगी मैं। मैं बड़ी हरामजादी और मादर चोद लड़की हूँ। मैं लण्ड की नस नस जानती हूँ। अब तक तमाम लण्ड पी चुकी हूँ मैं।
मैंने अपना मुंह खोल दिया और फिर उसका टोपा पूरा खोल खोल कर सड़का मारने लगी। बस २ मिनट में वह बोल गया और उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में। मैंने लौड़ा पूरा मुंह में ही भर लिया। पी गयी सारा मक्खन और फिर धीरे से निकाला लण्ड मुंह से। निकालते ही मैंने जबान से पूरा सुपाड़ा चाट लिया। चाट चाट कर उसे चिकना कर दिया। तब तक मैडम मेरे पास आईं और मेरी पीठ थपथपाई। उसने भी मस्ती से लण्ड की २/३ बार चुम्मी ली और अपनी जबान निकाल कर उसका स्वाद चखा। उसके बाद मैं तैयार होकर इंटर व्यू बोर्ड के सामने बैठ गयी।
मैडम ने कहा सबीना मैं तुम्हे मुबारकबाद देती हूँ तुम लण्ड पीने में भी पास हो गयी हो। अब बाकी है माँ चुदाना। अब बताओ तुम कब दिखाओगी अपनी माँ चुदाना ? मैंने जबाब दिया मैडम जब आप कहें तब दिखा दूँगी माँ चुदाना। एक बात बता दीजिये की चोदने वाला लण्ड मैं लेकर आऊंगी या फिर आप बताएंगीं ? मैडम ने कहा तुम अपनी माँ के साथ कल शाम को आ जाना फिर मैं बताऊंगी तुम्हे किससे और कहाँ अपनी माँ चुदानी है। जी हां कल शाम को ८ बजे यही इसी हॉल में ?
मैं जब घर वापस आई तो अम्मी को सारा किस्सा बताया। उसने कहा बेटी तुमने सब ठीक किया। मुझे तुम पर नाज़ है। अब तो बस माँ चुदान बचा है। वह भी ठीक ठाक हो गया तब तो तेरी नौकरी पक्की हो जाएगी और फिर हमारे अच्छे दिन आ जायेगें। मैं उसी दिन का इंतज़ार कर रही हूँ, बेटी। मैंने कहा अम्मी तुम बिलकुल चिंता न करो। मैं सब कुछ करके दिखा दूँगी।
मैं दूसरे दिन मैडम के पास पहुँच गयी। मैंने देखा की वह अकेली बैठी हुई हैं। मुझे देख कर बोली कहां है तेरी अम्मी सबीना ? मैंने अम्मी को बुलाकर उसके सामने कर दिया और कहा मैडम है मेरी अम्मी रेहाना खान। वह अम्मी को देख कर बोली माशा अल्ला अभी तो आप बहुत जवान हैं। आप तो सबीना की माँ नहीं बल्कि बड़ी बहन लग रहीं हैं। अम्मी ने कहा शुक्रिया मैडम। मैडम बोली अच्छा तुम लोग थोड़ा रुको मैं गाड़ी लेकर आती हूँ। बस वह २ मिनट में एक कार में बैठ कर आ गयी और कहा सबीना लो तुम लोग भी इसी में बैठ जाओ। रास्ते में उसने पूंछा सबीना तूम अपनी माँ किसी विदेशी आदमी से चुदवा लोगी ? मैंने कहा हां मैडम बिलकुल चुदवा लूंगी। मैडम बोली लौड़ा अगर काला हो तो चलेगा ? मैंने कहा बिलकुल चलेगा मैडम। काला लौड़ा मुझे बहुत पसंद है और अम्मी को भी। मैडम ने मुस्कराकर कहा वेरी गुड।
वह हमें एक होटल में ले गईं। तीसरी मंजिल पर एक रूम में हम दोनों के साथ घुस गईं। मैंने देखा की उसमे एक काला आदमी बैठा है। मैडम बोली अब्दुल लो जो तुम चाहते थे वह मिल गया। ये है मेरी दोस्त सबीना और यह है इसकी माँ रेहाना। अब तुम बेटी के सामने उसकी माँ चोदो। बेटी खुद बताएगी की तुम उसकी माँ कैसे चोदोगे ? वो जिस तरह तेरा लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़े वैसे उसे घुसेड़ने देना। खूब मस्ती से चोदो मैं अभी आती हूँ। वह मुझे आँख मारते हेु चली गईं। उसके बाद अब्दुल ने पूंछा सबीना थोड़ी व्हिस्की पियोगी। मैंने कहा हां बस फिर हम तीनो शराब पीने लगे। एक पैग शराब जल्दी ही खत्म हो गयी। फिर मैं उठी और अपने कपड़े खोलने लगी। मेरी चूचियाँ खुली तो मुझे देखते ही रह गया। फिर मैंने अम्मी की भी चूचियाँ खोल दीं। बस उसका लौड़ा साला आपे से बाहर होने लगा।
मैंने उसकी कमीज उतारी। उसके पैजामे का नाड़ा खोला। वह नंगा हुआ तो उसका लौड़ा काला सांप की तरह फनफनाता हुआ हमारे सामने खड़ा हो गया। मैंने लण्ड पकड़ा तो वह और गुर्राने लगा। वास्तव में वह इतना मोटा था की मेरी एक मुठ्ठी में नहीं आ रहा था। मैंने लौड़ा दोनों हाथ से पकड़ा और उसे ऊपर नीचे करने लगी। अम्मी ने मेरा साथ दिया। उसने पेलहड़ थामा। फिर अम्मी ने लण्ड पकड़ा और मैंने पेलहड़। उसकी झाँटें बिलकुल साफ़ थी। इसलिए लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मैं और अम्मी दोनों ने पहले कभी कोई काला लौड़ा नहीं देखा था। आज मुझे मालूम हो रहा था की काला कितना बड़ा कितना मोटा और कितना सुन्दर होता है। लण्ड साला ९" से कम था। उसका टोपा ही ३" का था। तब तक मैं भी पूरी नंगी हो गयी और अम्मी भी। अम्मी का बुर देख कर वह मस्त हो गया।
- मैंने उससे पूंछा तुम किस देश के हो।
- वह बोला मैं मलेसिया का हूँ। यहाँ साल में ३/४ बार लड़कियां चोदने आता हूँ। मुझे इंडियन गर्ल्स बहुत अच्छी लगती हैं।
- मैंने फिर पूंछा तुम अकेले हो की कोई और भी है ?
- वह बोला हमारे साथ ५ लोग हैं वो सब अपने अपने कमरे में लड़कियां चोद रहें हैं।
- तो क्या तुम लोग अलग अलग चोदते हो लड़कियां ? मेरा अगला सवाल था।
- उसने बताया पहले अलग अलग और फिर रात को १२ बजे के बाद हम सब एक ग्रुप में कई लड़कियां चोदते हैं। अदल बदल कर लड़कियां चोदते हैं।
- मैंने पूंछा तो यहां की लड़कियों की क्या खासियत है ?
- वह बोला यहाँ की लड़कियां जितनी अच्छी तरह लण्ड बुर में लेती हैं उतनी ही अच्छी तरह से लण्ड मुंह में भी लेती हैं। पूरा लण्ड पी जाती हैं। लण्ड चाट जातीं हैं और लण्ड के साथ खूब खेलती हैं। न तो कभी किसी चीज का बुरा मानती है और न किसी चीज को करने के लिए मना करती हैं।
हम दोनों इसी तरह उसका लौड़ा चाटते हुए उससे बातें कर रही थी।
मेरा तो मन था की लौड़ा अपनी अपनी चूत में पेल लूँ लेकिन फिर सोंचा मैं तो यहाँ माँ का भोसड़ा चुदाने आई हूँ। मैं यहाँ इम्तहान देने आई हूँ। बस मैंने लौड़ा पकड़ा और अम्मी की चूत में घुसा दिया। लण्ड साला सरसराता हुआ पूरा घुस गया। मैं बड़ी हैरान थी की इतना बड़ा लौड़ा कैसे पूरा घुस गया। कितना गहरा है माँ का भोसड़ा ? मैं फिर मस्ती से चुदवाने लगी माँ की चूत। मैं अब्दुल के चूतड़ों पर हाथ फिरा रही थी। उन्हें दबा दबा कर लौड़ा पेल रही थी। दूसरे हाथ से पेलहड़ सहला रही थी। उसे चूम भी रही थी और उसका जोश बढ़ा रही थी। मैं इसी बीच पूंछ तुम लड़कियां चोदते हो की यहाँ की लड़कियों की माँ भो चोदते हो। वह बोला अरे सबीना यहां तो लड़कियों की माँ और मस्ती से चुदवाती हैं। उनके लौड़ा पकड़ने से ही लौड़े में करंट लग जाता है। मज़ा तब आता है की जब लड़की खुद कहती है की मेरी माँ चोदो। मेरे सामने चोदो। और उस समय भी लण्ड में जोश भर जाता है जब माँ कहती है की मेरी बेटी की बुर चोदो। मेरे सामने चोदो। इन्ही सब बातों की वजहसे हम लोग यहां चोदने आतें हैं।
फिर मैंने अम्मी का कुतिया की तरह पोज़ बना दिया और कहा अब्दुल अब तुम डॉगी स्टाइल में चोदो मेरी माँ की चूत। वह तो चालू हो गया। उसने बताया की अमेरिका में तो अधिक तर औरतें इसी तरह चुदवाती हैं। मुझे वाकई बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं खुदा से दुआ कर रही थी की मैं माँ चुदाने में भी पास हो जाऊं तो काम बन जाए ? थोड़ी देर के बाद मैंने अम्मी को ९ इंची लण्ड पर बैठा दिया। वह कूद कूद कर अब्दुल का लौड़ा ही चोदने लगी। वह बोला अरे वाह यह स्टाइल तो बहुत अच्छी है। मुझे पसंद आ गयी। हमारे देश में औरत मर्द के ऊपर चढ़ कर चोदने की सोंच ही नहीं सकतीं। यहां तो बड़ा मज़ा है यार। अम्मी बार बार अपने चूतड़ लण्ड पर पटक पटक कर चोद रही थी। उसका लौड़ा भी पनाह बोल गया। इतना बड़ा लण्ड अब गिरने वाला था वह बोला हाय सबीना अब मैं खलास होने वाला हूँ। तब मैंने लौड़ा चूत में निकाल लिया और उसे चाटने लगी। अम्मी भी मेरा लण्ड चाटने में साथ दें लगीं। वह मेरे मुंह में लण्ड डालने लगीं और मैं उसके मुंह में।
फिर ५ मिनट में मैडम का फोन आ गया। वह बोली सबीना तू माँ चुदा की न ? मैंने कहा हां मैडम चुदा चुकी हूँ। वह बोली ठीक है तो अब तुम कमरा नंबर ४०३ में आ जाओ। मैं यहीं हूँ। मैं अम्मी के साथ उस कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की मैडम एकदम नंगी बैठी हुई किसी का लण्ड हिला रही हैं। मैं तो हैरान हो गयी यह सब देख कर। तब वह बोली सबीना बताओ यह लण्ड तुम्हे कैसा लग रहा है ? मैंने कहा लण्ड तो वाकई बड़ा खूबसूरत गोरा चिट्टा मोटा तगड़ा लग रहा है, मैडम ? वह बोली यह लौड़ा जर्मनी का है। तब तक उसने एक पर्दा हटाया तो उसके पीछे एक औरत धकाधक अपनी बुर चुदवाये चली जा रही थी। मैडम मुस्कराते हुए बोली देख सबीना मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही हूँ। मेरी तो आँखे फटी की फटी रह गईं। वह बोली सबीना मैंने तुम्हे अपनी माँ चुदवाते हुए देखा है। वो देखो ऊपर कैमरा लगा है। उसमे तुम मेरी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख सकती हो जैसे मैंने तेरी माँ का भोसड़ा देखा था। मैं तुम्हे एक बार फिर मुबारकबाद देती हूँ। तुम माँ चुदाने में पास हो गयी हो ? अब तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। अम्मी तो मुझसे ज्यादा खुश हो गईं। उसने मुझे गले से लगा लिया।
मैडम बोली सबीना, तुम गाली देने में, लण्ड पीने में और माँ चुदाने में पास हो गयी हो। अब तुम्हारी नौकरी पक्की। कल से काम पर आ जाना। लो ये लौड़ा चूसो। मैं इसे तेरी चूत में पेलूंगी। तू बहुत चुदासी है मैं जानती हूँ। आज मैं चोदूँगी तेरी बुर वह भी तेरी माँ के सामने ? उस रात मैडम ने वास्तव में मेरी बुर बहुत अच्छी तरह से चोदी। मुझे उससे कुछ सीखने को भी मिला। दूसरे दिन मैं ऑफिस पहुँच गयी। मैडम ने मुझे अपॉइंटमेंट लेटर पकड़ा दिया और मैंने खुदा का शुक्रिया अदा किया।
मैडम बोली :- देखो सबीना, अब मैं तुम्हे सारी बात बताती हूँ। हमारी कंपनी बहुत बड़ी कंपनी है। इसमें कुछ काम चुपचाप तरीक से किये जातें हैं। हम लोग यहाँ लण्ड सप्लाई करते हैं चूत सप्लाई करते हैं। विदेशों से लोग यहाँ की लड़कियां चोदने आतें हैं। हम उन्हें लकड़ियां देते है और लड़कियों की माँ भी देते हैं। इसी तरह विदेश से बहुत सारी औरतें भी आतीं हैं। वो यहाँ के मर्दों से खुल कर चुदवाती हैं। एक एक औरत दो दो / तीन तीन मर्दों से चुदवाती है। इसलिए लण्ड की सप्लाई ज्यादा करनी पड़ती हैं। उस दिन जब तुमने उस लड़के का लण्ड पिया था तो वह भी इंटरव्यू देने आया था और पास हो गया था। इस तरह के सैकड़ों लड़के हमारे पास है जिन्हे मैं विदशी औरतों को चोदने के लिए भेजती रहती हूँ। तुम्हारी जैसी लड़कियां भी सैकड़ों हैं हमारे पास जिन्हे मैं विदेशी मर्दों से चुदवाने के लिए भेजती रहती हूँ। अब तुमको भी यही सब काम करना होगा। तुमने देखा न मैं भी कल अपनी माँ चुदवा रही थी। अब तुम खुल कर चुदवाओ और खुल कर अपनी माँ चुदवाओ। इसके बदले तुम्हे इतने पैसे मिलेगें जितने तुमने कभी सोंचा भी नहीं होगा। एक ही साल में तू मालामाल जाएगी, सबीना ।
मैंने घर आकर अम्मी को सब बातें बताई। वह तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ीं। बोली बेटी ये साली बुर अगर किसी का मनोरंजन करे और उसके बदले हमें ढेर सारे पैसे मिलें तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। मैं तो कहती हूँ की बेटी तुम "खूब चुदाओ - खूब कमाओ" . बेटी, आज तेरी माँ का भोसड़ा काम आ गया। मैंने कहा हां अम्मी और आज तेरी बिटिया की बुर भी काम आ गयी।
बस एक साल में हीं हमारे पास एक घर हो गया। गाड़ी हो गयी और अच्छा खासा बैंक बैलेंस हो गया।
यह सब देख कर एक दिन मजाक में खुश होकर अम्मी बोली :- बुर चोदी सबीना, तेरी माँ का भोसड़ा ? तू तो लण्ड पीती है और माँ चुदवाती है अपनी ?
मैंने भी उसी लहज़े में जबाब दिया :- भोसड़ी की रेहाना, तेरी बिटिया की बुर ? तू भी तो लण्ड पीती है और बेटी चुदवाती है अपनी ?
फिर हम दोनों खूब खिलखिला कर हंस पड़ीं।
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