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कई मर्दों के लन्ड चूसे और मौका पाकर चुदवाया भी है - Kai mardon ke lund chuse chudwayi
कई मर्दों के लन्ड चूसे और मौका पाकर चुदवाया भी है - Kai mardon ke lund chuse chudwayi , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम तराना है दोस्तों, मैं २४ साल की हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं एक पढ़ी लिखी, खूबसूरत, हॉट और बिंदास लड़की हूँ। फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हूँ और उसी फर्राटे से लन्ड चूसती हूँ। मुझे ग़ैर मर्दों के लन्ड चूसने के बड़ा शौक है। इसलिए मैं हमेशा ग़ैर मर्दों के लन्ड के फिराक में रहती हूँ। घर में रहती हूँ तो ग़ैर मर्दों के लन्ड पर आँखे गड़ाए रखती हूँ और बाहर जाती हूँ तो भी मर्दों के लन्ड पर नज़र रखती हूँ। मैंने तो कई बार ट्रेन में कई मर्दों के लन्ड चूसे हैं और मौका पाकर चुदवाया भी है। इसलिए मैं हमेशा ए / सी फर्स्ट क्लास में ही चलती हूँ जहाँ लन्ड पीने का स्कोप ज्यादा होता है।
एक दिन इत्तिफाक से घर में कई लोग इकठ्ठा हो गये। हमारे घर में चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं है. खुल कर बातें करने में और अश्लील बातें करने पर भी कोई रोक टोक नहीं है ? यहाँ अक्सर लड़कियों के मुंह से औरतों के मुंह से लन्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब निकला करता है। प्यार से गाली गलौज भी खूब होती है। सब लोग खूब एन्जॉय करतें हैं। चुदाई तो एन्जॉय करने का ही खेल है जिसे हम लोग बिना किसी रूकावट के खेला करती हैं।
एक दिन मैंने देखा की मेरा खालू साला मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लन्ड घुसेड़े हुए चोद रहा है। मेरी खाला मेरी फूफा का लन्ड अपनी
चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं। मेरी फूफी की बुर मेरा मामू जान ले रहा है। धकाधक धकाधक अपना लन्ड पिस्टन की तरह उसकी बुर में पेलता चला जा रहा है। मेरा अब्बू मेरी सास की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए चोदे चला जा रहा है। मेरा जीजू ने लन्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया है नन्द भी भोसड़ी की पराये मरद का लन्ड पाकर बड़ी से चुदवा रही है। मेरा ससुर मेरी दीदी की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए .
मेरा नाम तराना है दोस्तों, मैं २४ साल की हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं एक पढ़ी लिखी, खूबसूरत, हॉट और बिंदास लड़की हूँ। फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हूँ और उसी फर्राटे से लन्ड चूसती हूँ। मुझे ग़ैर मर्दों के लन्ड चूसने के बड़ा शौक है। इसलिए मैं हमेशा ग़ैर मर्दों के लन्ड के फिराक में रहती हूँ। घर में रहती हूँ तो ग़ैर मर्दों के लन्ड पर आँखे गड़ाए रखती हूँ और बाहर जाती हूँ तो भी मर्दों के लन्ड पर नज़र रखती हूँ। मैंने तो कई बार ट्रेन में कई मर्दों के लन्ड चूसे हैं और मौका पाकर चुदवाया भी है। इसलिए मैं हमेशा ए / सी फर्स्ट क्लास में ही चलती हूँ जहाँ लन्ड पीने का स्कोप ज्यादा होता है।
एक दिन इत्तिफाक से घर में कई लोग इकठ्ठा हो गये। हमारे घर में चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं है. खुल कर बातें करने में और अश्लील बातें करने पर भी कोई रोक टोक नहीं है ? यहाँ अक्सर लड़कियों के मुंह से औरतों के मुंह से लन्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब निकला करता है। प्यार से गाली गलौज भी खूब होती है। सब लोग खूब एन्जॉय करतें हैं। चुदाई तो एन्जॉय करने का ही खेल है जिसे हम लोग बिना किसी रूकावट के खेला करती हैं।
एक दिन मैंने देखा की मेरा खालू साला मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लन्ड घुसेड़े हुए चोद रहा है। उसे देख कर मेरी चूत की आग भड़क उठी। मेरा भी मन पराये मरद से चुदवाने का हो गया। मैं लन्ड की तलास में इधर उधर घर में घूमने लगी। तभी मेरे सामने मेरी खाला आ गयीं। मैंने कहा अरे खाला जान तुम्हे मालूम है की तेरा मियां मेरी माँ भोसड़ा चोद रहा है। मैंने कहा चलो मैं तुम्हे दिखाती हूँ। खाला ने जैसे ही देखा तो उसकी भी चूत में आग लग गयी। वह बोली तराना तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी किसी से चुदवाने जा रही हूँ। बस थोड़ी देर में मैंने देखा की खाला भी उसी कमरे में मेरे फूफा का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं। तब तक यह बात मैंने फूफी को बता दी। वह दौड़ी दौड़ी आयी और सब कुछ अपनी आँखों से देखा। थोड़ी देर में मुझे मालूम हुआ की फिर मेरी फूफी की बुर मेरा मामू जान ले रहा है। धकाधक धकाधक अपना लन्ड पिस्टन की तरह उसकी बुर में पेलता चला जा रहा है।
इसकी खबर मेरे अब्बू को लग गयी। उससे रुका न गया। तब मैंने देखा की मेराअब्बू मेरी सास की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए चोदे चला जा रहा है और वहीँ पर मेरा जीजू ने लन्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया है। नन्द भी भोसड़ी की पराये मरद का लन्ड पाकर बड़ी मस्ती से चुदवा रही है। चुदाई की खबर आग की तरह पूरे घर में फ़ैल गयी। तब पता चला की मेरा ससुर मेरी दीदी की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए है। वह भोसड़ी का दीदी की चूत अपनी बीवी की चूत समझ कर चोदने में लगा है। मेरे ससुर का लन्ड साला बड़ा हरामजादा है। वो तो बहन चोद अपनी बेटी की भी बुर ले लेता है। मेरा शौहर मेरी मामी की बुर में लौड़ा पेल कर चोदने का मज़ा ले रहा है। मैं भी इधर अपने नंदोई का लन्ड अपनी चूत में घुसड़े हुए सबके सामने भकाभक चुदवा रही हूँ।
तो देखा आपने दोस्तों, यहाँ साला कोई भी अपनी बीवी की बुर में लन्ड नहीं घुसेड़े हुए है। कोई भी अपनी बीवी नहीं चोद रहा है। इन भोसड़ी वालों को जब चोदना होता है तो परायी बीवी की ही बुर नज़र आती है अपनी बीवी की बुर नहीं ? और मैं अब इन बीवियों को क्या कहूँ ? यहाँ कोई भी बीवी अपने मरद से नहीं चुदवा रही है। इन बुर चोदी बीवियों को जब चुदवाना होता है तो पराये मरद का लन्ड ही नज़र आता है अपने मरद का लन्ड नहीं ?
जिसकी चूत में जिसका लन्ड था वह चुदाई का मज़ा उसी लन्ड से उठा रही थी और आस पास के लौड़ों पर भी नज़र डाल रही थी। हर बीवी यह देख रही थी की कौन कैसे चुदवा रही है ? कौन कितना लौड़ा अंदर घुसेड़वा रही है ? किसकी बीवी को कितना मज़ा आ रहा है। उनकी नज़र इस पर भी थी की किसका शौहर कितनी अच्छी तरह चोद रहा है। अपनी बुर चुदवाते हुए दूसरे की बुर चुदते हुए देखने में भी बड़ा आनंद आता है। इसकी मिसाल है आज यह "चुदाई समारोह" । यह समारोह अपने आप बन गया। इसे पहले से प्लान नहीं किया गया। जब इतने लोग इकठ्ठा हो गये तो मन में आया क्यों न सबके लन्ड का मज़ा लिया जाए ? और सबके सामने लिया जाए ? क्यों न पराये मर्दों के लन्ड अपनी चूत में पेलें जाये ? उधर जब यह बात मर्दों को मालूम हुई तो उनको भी जोश आ गया की क्यों न इसी बहाने दूसरों की बीवियां चोदें। उनको चोदने का सुख लूटें ? सबके मन में यही था की अगर सबके सामने एक परायी बीवी को अच्छी चोदूंगा तो फिर और भी परायी बीवियां मुझसे चुदवाएगीं ? यही सोंच कर सारे मरद बड़ी शिद्दत से चोदने में जुटे हुए थे। वैसे भी परायी बीवी की बुर बड़ी अच्छी लगती है। परायी बीवी को लन्ड चुसाने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने सोंचा की मैं बड़ी देर से नंदोई का लन्ड चाट रही हूँ अब लन्ड बदल कर देखा जाए ? मेरी नज़र फ़ौरन अपने ससुर के लन्ड पर पड़ी। मैंने हाथ बढ़ाया और उसका लन्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वह भी मेरी तरफ खिंचा चला आया। मैं उसका लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। तब तक मेरा नंदोई साला मेरी ममी की तरफ बढ़ा और उसने लन्ड ममी के मुंह में घुसेड़ दिया। मेरी मामी बहन चोद बड़ी मस्त हैं। उसे मेरे नंदोई लन्ड पसंद आ गया और वह मस्ती से चूसने लगी लन्ड। तब तक मेरी दीदी ने फूफा का लन्ड पकड़ा और उसे अपनी चूँचियों पर फिराने लगीं। उसका गुम्बद की तरफ सुपाड़ा चूँचियों पर चढ़कर मज़ा करने लगा। मेरी दीदी भी भोसड़ी की बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। अपने दोनों देवरों से चुदवाती है और अपने ससुर का लन्ड अपनी गांड में भी लेती है। अपने शौहर के दोस्तों के लन्ड तो हर दूसरे दिन अपनी बुर में घुसाती है। अपनी गांड में भी पेलती है लन्ड ?
मेरी नन्द बुर चोदी लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है। बिना लन्ड के वह एक रात भी नहीं गुज़ारती ? उसकी नज़र मेरे अब्बू के लन्ड पर गयी तो उसने हाथ बढ़ाया और लपक कर पकड़ लिया लन्ड ? अब्बू भी उसकी तरफ आ गया। वह भी शायद मेरी नन्द की बुर पर घात लगाए बैठा था। उसे तो लड़कियों की चूत चोदने में बड़ा मज़ा आता है। मेरे मोहल्ले की हर लड़की मेरे अब्बू से चुदवाने आती है क्योंकि इसका लन्ड मोटा है लंबा है और बड़ी देर तक ठहरता है। अब तो मेरे अब्बू से लड़कियां अपनी माँ चुदाने आने लगीं हैं। मैं जान गयी आज तो मेरी नन्द की चूत फटेगी। मेरी सास का भोसड़ा भी लन्ड बदलने की तलास में था। उसने हाथ बढ़ा कर मेरे मामू का लन्ड पकड़ा। मामू का लन्ड जब उसके हाथ में आया तो वह अपनी बेटी (मेरी नन्द ) से बोली बेटी ये तो तेरे ससुर के लन्ड की तरह है। साला उतना ही मोटा है और उसी तरफ गुर्रा रहा है इसका भी लन्ड। देखो न बेटी। मेरी नन्द बोली हां अम्मी तो इसका मतलब आज मेरी माँ का भोसड़ा मस्त हो जायेगा मादर चोद। मैं समझ गयी की ये दोनों माँ बेटी आपस में मिलकर खूब चुदवाती हैं।
मेरी फूफी के हाथ में आया मेरे खालू का लन्ड ? फूफी बुर चोदी ग़ैर मर्दों से चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। इसके कुनबे के सारे लन्ड इसकी चूत में घुस चुकें हैं। इसने तो अपनी बेटी के ससुराल वालों से भी चुदवाना शुरू कर दिया है। इसकी बेटी ने ही मुझे बताया की मेरी अम्मी ने पहले मेरे देवर का लन्ड पकड़ा फिर मेरे जेठ का लन्ड अपनी भोसड़ा में घुसाया और एक दिन मेरे नंदोई का लौड़ा भी पेल लिया। पता नहीं की मेरी अम्मी का भोसड़ा साला लन्ड का कितना भूँखा हैं ? मेरी माँ भोसड़ी की बहुत ही हरामजादी चुदक्कड़ है। अब देखो इसने खालू का लन्ड लिया और सीधे अपने भोसड़ा में घुसा लिया। खाला मेरे मियां का लन्ड पकड़ कर मस्ती करने लगीं। मेरी खाला भी मेरी अम्मी की तरफ मस्ती से चुदाने में कभी पीछे नहीं रहीं। मेरी अम्मी ने मेरे जीजू के लन्ड पर हमला बोल दिया। अपनी बेटी के मियां का लन्ड पकड़ कर वह बड़ा फक्र महसूस कर रहीं है । उसे इस बात का नाज़ है की मेरी बेटी एक बड़े और मोटे लन्ड वाले की बीवी है।
इस तरह सब लोगों ने बीवियां बदलीं और भकाभक चोदने में जुट गये। कुछ तरह की बातें भी सुनाई पड़ने लगीं और कुछ अजीब तरह की आवाज़ें भी। आप भी सुनिये :-
हाय दईया तमन्ना ने तो अपनी माँ चुदवा ली बहन चोद ? अब मेरी बेटी अपनी माँ कब चुदवायेगी --- हाय अल्ला, कितना मोटा लन्ड है तेरा साला, देखो कैसे चिपक कर मेरी चूत में घुस रहा है। मेरी चूत की खाल न कहीं निकल जाए ----- हाय अल्ला, बड़ा मज़ा आ रहा है ---- आज पहली बार चुदाने के इतना मज़ा मिल रहा है --- मुझे और कस कस के चोदो मेरे राजा --- अरे यार तेरा लन्ड साला तो पूरा घुस गया अंदर तक ---- साला कितनी दूर तक चोट कर रहा है --- उइ माँ फट गयी मेरी चूत --- साले ने पूरा घुसेड़ दिया लन्ड --- है कोई मेरी गांड मारने वाला ---- यार एक लन्ड मेरी गांड में पेल दो प्लीज ---- मेरी चूंचियां चोदो बेटा पहले ---- अरे देख ले कही तेरे पेल्हड़ तो नहीं घुस गए मेरे भोसड़ा में ---- हाय रे, ओ, हो, ऊँ, ईं, ओ, हे, हे, हो, ओहो, हाय और पेलो लन्ड ----जल्दी जल्दी चोदो पीछे से चोदो --- लन्ड पे बैठा के चोदो ---- मुझे मेरी बेटी के सामने चोदो --- मेरी माँ चोद लो पहले अंकल --- नन्द की माँ की चूत अम्मी --- बेटी तेरी माँ का भोसड़ा --- खाला तेरी बुर चोदी बेटी क्या अपनी गांड मराने गयी है --- फूफी तेरी बिटिया की बुर कहीं और चुद रही है क्या ---- मैं हूँ न मुझे चोदो --- हां पूरा पेल दो लन्ड ---- खाला तेरी बहन की लन्ड ----- क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार ,,,,,,,,,,,,,,,,?
सब लोग सबकी बातें सुन सुन कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। इन बातों से चुदाई का जोश बढ़ता जा रहा था। तब तक लोगों ने लन्ड एक चूत से निकाल कर दूसरे की चूत में घुसाने लगे। बीवियां भी एक लन्ड अपनी चूत से निकाल कर दूसरा लन्ड पेलने लगीं। मस्ती का कोई ठिकाना न था। सबको बड़ी जल्दी थी सब लोगों से चुदवाने की और मर्दों को जल्दी थी सबकी बीवियां चोदने की। इसलिए यह चुदाई समारोह दूसरे दिन भी चलता रहा। और तब तक चलता रहा जब तक सबने सबकी बीवी चोद नहीं ली।
चुदाई समारोह के दूसरे दिन मेरी खाला की बेटी रूफी और फूफी की बेटी शमा आ गयी। दोनों को अच्छी तरह खबर हो गयी की यह दो दिन तक चुदाई समारोह हुआ है। बस रूफी मुझसे नाराज़ हो गयी।
शमा बोली - हां यार आंटी ठीक तो कह रही हैं।
रूफी बोली :- तराना चलो अब तुम ही इसका इंतज़ाम करो और मैं सबसे पहले तेरे मियां से चुदवाऊँगी।
मैं रूफी के साथ इंतज़ाम करने लगी। तब तक शमा ने हम तीनो के मियॉँ को बुला लिया। मेरा मियां ज़ाकिर, रूफी का मियां रफ़ी और शमा का मियां आरिफ तीनो आ गये। शमा ने उन सबको बता दिया की आज तुम लोग सरेआम एक दूसरे की बीवी चोदोगे। पर यह बताओ की तुम लोग शरमाओगे तो नहीं ? तब तक रफ़ी बोला बिलकुल नहीं शर्माऊंगा, भाभी जान। वैसे तो हम अपने घर में भी दूसरों की बीवियां ही चोदते हैं आज यहाँ सबके सामने चोद देगें। हमें कोई शर्म नहीं है। यह बात पूरे घर में फ़ैल गयी तब सब लोग चुदाई देखने के लिए इकठ्ठा हो गए। मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी, मेरी नन्द मेरी सास मेरी दीदी और मेरी भाभी ? इत्तिफाक से इनमे कोई मरद नहीं था देखने वाला क्योंकि वो सब काम पर चले गये थे।
ज़ाकिर, रफ़ी और आरिफ तीनो सोफा पर बैठ गए। हम तीनो भी सामनेबैठी हुई थीं। तभी रूफी उठी और एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी। उसे देख कर मैं भी खड़ी होकर अपने कपड़े खोलने लगी। हम दोनों देखते ही देखते नंगी हो गयीं। हमारा नंगा बदन और बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देख कर उन सबके लन्ड साले खड़े होने लगे। तभी शमा भी उठ खड़ी हुई। वह भी हमारी तरह नंगी हो गयी और अपना नंगा बदन घूम घूम कर दिखाने लगी। तब तक किसी ने पीछे से म्यूजिक लगा दिया तो हम तीनो उसी पर थिरकने लगीं। हमारी चूचियां उछलने लगी और गांड मटकने लगी। तभी अम्मी आगे बढ़ीं और रफ़ी के कपड़े खोल डाले। आखिर में जब उसका लन्ड नंगा नंगा बाहर आया तो सबने तालियां बजायीं। अम्मी ने लन्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाया। वह बोली हाय दईया बड़ा मस्त लौड़ा है बहन चोद। आज तो ये मस्ती से मेरी बिटिया की बुर लेगा ? अम्मी ने लन्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं रफ़ी का लन्ड पाकर बढ़ी खुश हो गयी और एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लन्ड चाटने लगी। लन्ड के टोपा पर जबान फिराने लगी।
तभी खाला जान आगे बढ़ीं और शमा के मियां आरिफ के कपड़े उतार कर उसे सबके सामने नंगा कर दिया। उसका लन्ड हिलाया तो लन्ड साला आसमान से बातें करने लगा। सबने फिर तालियां बजायीं और मज़ा लिया। खाला ने लन्ड रूफी को पकड़ा दिया और कहा ले भोसड़ी की अब तू इसे अपनी चूत में घुसेड़ कर सबके सामने अपनी बुर चुदवाकर कर दिखा। रूफी लन्ड पकड़ कर सहलाने लगी और फिर उसे पूरा मुंह में भर लिया। रूफी मस्ती से चूसने लगी शमा के मियां का लन्ड ? फिर फूफी ने हाथ बढ़ाया और मेरे मियां ज़ाकिर का कुर्ता निकाला फिर उसके पैजामे का नाड़ा खोला। पैजामा जैसे ही खुला और नीचे गिरा तो लन्ड साला सबके सामने तन कर खड़ा हो गया। फूफी ने उस पर २/३ थप्पड़ मारा और कहा मादर चोद इतनी देर से तू छुपा क्यों बैठा था ? तेरी माँ की चूत बहन चोद । अब तू जा और आरिफ की बीवी शमा की चोद ले बुर ? लन्ड शमा के हाथ में आ गया तो वह उसे घुमा घुमा कर पहले तो देखने लगी और फिर पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक और टोपा से पेल्हड़ तक मस्ती से चाटने लगी लन्ड।
फिर थोड़ी देर बाद, ज़ाकिर आरिफ की बीवी की बुर चोदने लगा। उसने अंदर तक पूरा लन्ड घुसेड़ दिया और धकाधक अंदर बाहर करने लगा। रफ़ी ज़ाकिर की बीवी चोदने में जुट गया। यानी उसने मेरी चूत में लन्ड पेल दिया। मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। आरिफ ने लन्ड रफ़ी की बीवी की बुर पेल दिया। वह साला मजे से चोदने लगा। इस तरह तीनो मरद एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। मैं बीच में लेटी थी। मेरी दाहिनी ओर मेरी गांड के तरफ शमा लेटी थी और बायी तरफ रूफी लेटी थी। मैं बार बार अपनी गर्दन घुमा घुमा कर दोनों की चूत में लन्ड आता जाता देख रही थी। इतना ही नहीं मैं एक हाथ से आरिफ के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से अपने मियां के पेल्हड़। वो दोनों मिलकर रफ़ी के पेल्हड़ सहलाने लगी। चुदवाते समय हम तीनो की चूंचियां उछल रही थीं जिन्हें देख देख कर मर्दों को बड़ा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर तक इसी तरह चुदाई होती रही। फिर एकदम से तीनो हमें पीछे से चोदने लगे। बिलकुल कुतिया की तरह चोदने लगे हमें। वैसे सच बताऊँ कुतिया की तरह चुदवाने में बहुत मज़ा आता है बशर्ते की लन्ड बड़ा हो। छोटा लन्ड ऐसे में ठीक से चोद नहीं पाता।
थोड़ी देर में मेरी मस्ती बढ़ी तो मैंने घूम कर आरिफ का लन्ड पकड़ लिया उसे तौलिया से पोंछ कर मुंह में ले लिया। मैं लन्ड चाटने लगी। मुझे देख कर रूफी मेरे मियां का लन्ड चाटने लगी और शमा रूफी के मियां रफ़ी का लन्ड चाटने लगी। लन्ड की इस तरह अदला बदली हो गयी। तभी सबने तालियां खूब बजायीं।
खाला बोली :- भोसड़ी की बेटियां तो बड़ी मस्ती चुदवा रहीं हैं। मुझे तो देखने में ही मज़ा आ रहा है।
अम्मी ने कहा :- अब ये बेटियां नहीं रहीं ? अब ये सब बुर चोदी हो गईं है हमारी सहेलियां।
फूफी ने कहा :- हां भाभी, अब हमारी बेटियां जब रंडियों की तरह एक दूसरे के मियां से चुदवायेगी तो फिर हमारी सहेलियां ही हुई न। हम लोग भी तो इसी तरह चुदवाती हैं। इन सब बेटियों माँ का भोसड़ा और बेटियों की माँ की चूत। तब तक उधर से शमा बोली और अम्मियों की बेटियों की बुर बहन चोद ? यह सुनकर सबने ने जोर का ठहाका लगाया।
रूफी बोली :- अरे तुम लोग चिंता न करो, आज रात को यही सारे लन्ड तुम सबके भोसड़ा में पेले जायेगें।
शमा बोली :- आज रात को एक अलग तरह का चुदाई समारोह होगा ? जिसमे चुदेगी सबकी बुर, सबकी चूत और सबका भोसड़ा ?
कुछ देर बाद एक एक करके तीनो लन्ड झड़ने लगे और फिर हमने सबके झड़ते हुए लन्ड चाटे।
मेरा नाम तराना है दोस्तों, मैं २४ साल की हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। मैं एक पढ़ी लिखी, खूबसूरत, हॉट और बिंदास लड़की हूँ। फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हूँ और उसी फर्राटे से लन्ड चूसती हूँ। मुझे ग़ैर मर्दों के लन्ड चूसने के बड़ा शौक है। इसलिए मैं हमेशा ग़ैर मर्दों के लन्ड के फिराक में रहती हूँ। घर में रहती हूँ तो ग़ैर मर्दों के लन्ड पर आँखे गड़ाए रखती हूँ और बाहर जाती हूँ तो भी मर्दों के लन्ड पर नज़र रखती हूँ। मैंने तो कई बार ट्रेन में कई मर्दों के लन्ड चूसे हैं और मौका पाकर चुदवाया भी है। इसलिए मैं हमेशा ए / सी फर्स्ट क्लास में ही चलती हूँ जहाँ लन्ड पीने का स्कोप ज्यादा होता है।
एक दिन इत्तिफाक से घर में कई लोग इकठ्ठा हो गये। हमारे घर में चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं है. खुल कर बातें करने में और अश्लील बातें करने पर भी कोई रोक टोक नहीं है ? यहाँ अक्सर लड़कियों के मुंह से औरतों के मुंह से लन्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब निकला करता है। प्यार से गाली गलौज भी खूब होती है। सब लोग खूब एन्जॉय करतें हैं। चुदाई तो एन्जॉय करने का ही खेल है जिसे हम लोग बिना किसी रूकावट के खेला करती हैं।
एक दिन मैंने देखा की मेरा खालू साला मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लन्ड घुसेड़े हुए चोद रहा है। मेरी खाला मेरी फूफा का लन्ड अपनी
चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं। मेरी फूफी की बुर मेरा मामू जान ले रहा है। धकाधक धकाधक अपना लन्ड पिस्टन की तरह उसकी बुर में पेलता चला जा रहा है। मेरा अब्बू मेरी सास की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए चोदे चला जा रहा है। मेरा जीजू ने लन्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया है नन्द भी भोसड़ी की पराये मरद का लन्ड पाकर बड़ी से चुदवा रही है। मेरा ससुर मेरी दीदी की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए .
एक दिन इत्तिफाक से घर में कई लोग इकठ्ठा हो गये। हमारे घर में चोदा चोदी पर कोई खास रोक टोक नहीं है. खुल कर बातें करने में और अश्लील बातें करने पर भी कोई रोक टोक नहीं है ? यहाँ अक्सर लड़कियों के मुंह से औरतों के मुंह से लन्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब निकला करता है। प्यार से गाली गलौज भी खूब होती है। सब लोग खूब एन्जॉय करतें हैं। चुदाई तो एन्जॉय करने का ही खेल है जिसे हम लोग बिना किसी रूकावट के खेला करती हैं।
एक दिन मैंने देखा की मेरा खालू साला मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लन्ड घुसेड़े हुए चोद रहा है। उसे देख कर मेरी चूत की आग भड़क उठी। मेरा भी मन पराये मरद से चुदवाने का हो गया। मैं लन्ड की तलास में इधर उधर घर में घूमने लगी। तभी मेरे सामने मेरी खाला आ गयीं। मैंने कहा अरे खाला जान तुम्हे मालूम है की तेरा मियां मेरी माँ भोसड़ा चोद रहा है। मैंने कहा चलो मैं तुम्हे दिखाती हूँ। खाला ने जैसे ही देखा तो उसकी भी चूत में आग लग गयी। वह बोली तराना तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी किसी से चुदवाने जा रही हूँ। बस थोड़ी देर में मैंने देखा की खाला भी उसी कमरे में मेरे फूफा का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रहीं हैं। तब तक यह बात मैंने फूफी को बता दी। वह दौड़ी दौड़ी आयी और सब कुछ अपनी आँखों से देखा। थोड़ी देर में मुझे मालूम हुआ की फिर मेरी फूफी की बुर मेरा मामू जान ले रहा है। धकाधक धकाधक अपना लन्ड पिस्टन की तरह उसकी बुर में पेलता चला जा रहा है।
इसकी खबर मेरे अब्बू को लग गयी। उससे रुका न गया। तब मैंने देखा की मेराअब्बू मेरी सास की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए चोदे चला जा रहा है और वहीँ पर मेरा जीजू ने लन्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया है। नन्द भी भोसड़ी की पराये मरद का लन्ड पाकर बड़ी मस्ती से चुदवा रही है। चुदाई की खबर आग की तरह पूरे घर में फ़ैल गयी। तब पता चला की मेरा ससुर मेरी दीदी की चूत में लन्ड घुसेड़े हुए है। वह भोसड़ी का दीदी की चूत अपनी बीवी की चूत समझ कर चोदने में लगा है। मेरे ससुर का लन्ड साला बड़ा हरामजादा है। वो तो बहन चोद अपनी बेटी की भी बुर ले लेता है। मेरा शौहर मेरी मामी की बुर में लौड़ा पेल कर चोदने का मज़ा ले रहा है। मैं भी इधर अपने नंदोई का लन्ड अपनी चूत में घुसड़े हुए सबके सामने भकाभक चुदवा रही हूँ।
तो देखा आपने दोस्तों, यहाँ साला कोई भी अपनी बीवी की बुर में लन्ड नहीं घुसेड़े हुए है। कोई भी अपनी बीवी नहीं चोद रहा है। इन भोसड़ी वालों को जब चोदना होता है तो परायी बीवी की ही बुर नज़र आती है अपनी बीवी की बुर नहीं ? और मैं अब इन बीवियों को क्या कहूँ ? यहाँ कोई भी बीवी अपने मरद से नहीं चुदवा रही है। इन बुर चोदी बीवियों को जब चुदवाना होता है तो पराये मरद का लन्ड ही नज़र आता है अपने मरद का लन्ड नहीं ?
जिसकी चूत में जिसका लन्ड था वह चुदाई का मज़ा उसी लन्ड से उठा रही थी और आस पास के लौड़ों पर भी नज़र डाल रही थी। हर बीवी यह देख रही थी की कौन कैसे चुदवा रही है ? कौन कितना लौड़ा अंदर घुसेड़वा रही है ? किसकी बीवी को कितना मज़ा आ रहा है। उनकी नज़र इस पर भी थी की किसका शौहर कितनी अच्छी तरह चोद रहा है। अपनी बुर चुदवाते हुए दूसरे की बुर चुदते हुए देखने में भी बड़ा आनंद आता है। इसकी मिसाल है आज यह "चुदाई समारोह" । यह समारोह अपने आप बन गया। इसे पहले से प्लान नहीं किया गया। जब इतने लोग इकठ्ठा हो गये तो मन में आया क्यों न सबके लन्ड का मज़ा लिया जाए ? और सबके सामने लिया जाए ? क्यों न पराये मर्दों के लन्ड अपनी चूत में पेलें जाये ? उधर जब यह बात मर्दों को मालूम हुई तो उनको भी जोश आ गया की क्यों न इसी बहाने दूसरों की बीवियां चोदें। उनको चोदने का सुख लूटें ? सबके मन में यही था की अगर सबके सामने एक परायी बीवी को अच्छी चोदूंगा तो फिर और भी परायी बीवियां मुझसे चुदवाएगीं ? यही सोंच कर सारे मरद बड़ी शिद्दत से चोदने में जुटे हुए थे। वैसे भी परायी बीवी की बुर बड़ी अच्छी लगती है। परायी बीवी को लन्ड चुसाने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने सोंचा की मैं बड़ी देर से नंदोई का लन्ड चाट रही हूँ अब लन्ड बदल कर देखा जाए ? मेरी नज़र फ़ौरन अपने ससुर के लन्ड पर पड़ी। मैंने हाथ बढ़ाया और उसका लन्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वह भी मेरी तरफ खिंचा चला आया। मैं उसका लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। तब तक मेरा नंदोई साला मेरी ममी की तरफ बढ़ा और उसने लन्ड ममी के मुंह में घुसेड़ दिया। मेरी मामी बहन चोद बड़ी मस्त हैं। उसे मेरे नंदोई लन्ड पसंद आ गया और वह मस्ती से चूसने लगी लन्ड। तब तक मेरी दीदी ने फूफा का लन्ड पकड़ा और उसे अपनी चूँचियों पर फिराने लगीं। उसका गुम्बद की तरफ सुपाड़ा चूँचियों पर चढ़कर मज़ा करने लगा। मेरी दीदी भी भोसड़ी की बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। अपने दोनों देवरों से चुदवाती है और अपने ससुर का लन्ड अपनी गांड में भी लेती है। अपने शौहर के दोस्तों के लन्ड तो हर दूसरे दिन अपनी बुर में घुसाती है। अपनी गांड में भी पेलती है लन्ड ?
मेरी नन्द बुर चोदी लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है। बिना लन्ड के वह एक रात भी नहीं गुज़ारती ? उसकी नज़र मेरे अब्बू के लन्ड पर गयी तो उसने हाथ बढ़ाया और लपक कर पकड़ लिया लन्ड ? अब्बू भी उसकी तरफ आ गया। वह भी शायद मेरी नन्द की बुर पर घात लगाए बैठा था। उसे तो लड़कियों की चूत चोदने में बड़ा मज़ा आता है। मेरे मोहल्ले की हर लड़की मेरे अब्बू से चुदवाने आती है क्योंकि इसका लन्ड मोटा है लंबा है और बड़ी देर तक ठहरता है। अब तो मेरे अब्बू से लड़कियां अपनी माँ चुदाने आने लगीं हैं। मैं जान गयी आज तो मेरी नन्द की चूत फटेगी। मेरी सास का भोसड़ा भी लन्ड बदलने की तलास में था। उसने हाथ बढ़ा कर मेरे मामू का लन्ड पकड़ा। मामू का लन्ड जब उसके हाथ में आया तो वह अपनी बेटी (मेरी नन्द ) से बोली बेटी ये तो तेरे ससुर के लन्ड की तरह है। साला उतना ही मोटा है और उसी तरफ गुर्रा रहा है इसका भी लन्ड। देखो न बेटी। मेरी नन्द बोली हां अम्मी तो इसका मतलब आज मेरी माँ का भोसड़ा मस्त हो जायेगा मादर चोद। मैं समझ गयी की ये दोनों माँ बेटी आपस में मिलकर खूब चुदवाती हैं।
मेरी फूफी के हाथ में आया मेरे खालू का लन्ड ? फूफी बुर चोदी ग़ैर मर्दों से चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। इसके कुनबे के सारे लन्ड इसकी चूत में घुस चुकें हैं। इसने तो अपनी बेटी के ससुराल वालों से भी चुदवाना शुरू कर दिया है। इसकी बेटी ने ही मुझे बताया की मेरी अम्मी ने पहले मेरे देवर का लन्ड पकड़ा फिर मेरे जेठ का लन्ड अपनी भोसड़ा में घुसाया और एक दिन मेरे नंदोई का लौड़ा भी पेल लिया। पता नहीं की मेरी अम्मी का भोसड़ा साला लन्ड का कितना भूँखा हैं ? मेरी माँ भोसड़ी की बहुत ही हरामजादी चुदक्कड़ है। अब देखो इसने खालू का लन्ड लिया और सीधे अपने भोसड़ा में घुसा लिया। खाला मेरे मियां का लन्ड पकड़ कर मस्ती करने लगीं। मेरी खाला भी मेरी अम्मी की तरफ मस्ती से चुदाने में कभी पीछे नहीं रहीं। मेरी अम्मी ने मेरे जीजू के लन्ड पर हमला बोल दिया। अपनी बेटी के मियां का लन्ड पकड़ कर वह बड़ा फक्र महसूस कर रहीं है । उसे इस बात का नाज़ है की मेरी बेटी एक बड़े और मोटे लन्ड वाले की बीवी है।
इस तरह सब लोगों ने बीवियां बदलीं और भकाभक चोदने में जुट गये। कुछ तरह की बातें भी सुनाई पड़ने लगीं और कुछ अजीब तरह की आवाज़ें भी। आप भी सुनिये :-
हाय दईया तमन्ना ने तो अपनी माँ चुदवा ली बहन चोद ? अब मेरी बेटी अपनी माँ कब चुदवायेगी --- हाय अल्ला, कितना मोटा लन्ड है तेरा साला, देखो कैसे चिपक कर मेरी चूत में घुस रहा है। मेरी चूत की खाल न कहीं निकल जाए ----- हाय अल्ला, बड़ा मज़ा आ रहा है ---- आज पहली बार चुदाने के इतना मज़ा मिल रहा है --- मुझे और कस कस के चोदो मेरे राजा --- अरे यार तेरा लन्ड साला तो पूरा घुस गया अंदर तक ---- साला कितनी दूर तक चोट कर रहा है --- उइ माँ फट गयी मेरी चूत --- साले ने पूरा घुसेड़ दिया लन्ड --- है कोई मेरी गांड मारने वाला ---- यार एक लन्ड मेरी गांड में पेल दो प्लीज ---- मेरी चूंचियां चोदो बेटा पहले ---- अरे देख ले कही तेरे पेल्हड़ तो नहीं घुस गए मेरे भोसड़ा में ---- हाय रे, ओ, हो, ऊँ, ईं, ओ, हे, हे, हो, ओहो, हाय और पेलो लन्ड ----जल्दी जल्दी चोदो पीछे से चोदो --- लन्ड पे बैठा के चोदो ---- मुझे मेरी बेटी के सामने चोदो --- मेरी माँ चोद लो पहले अंकल --- नन्द की माँ की चूत अम्मी --- बेटी तेरी माँ का भोसड़ा --- खाला तेरी बुर चोदी बेटी क्या अपनी गांड मराने गयी है --- फूफी तेरी बिटिया की बुर कहीं और चुद रही है क्या ---- मैं हूँ न मुझे चोदो --- हां पूरा पेल दो लन्ड ---- खाला तेरी बहन की लन्ड ----- क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार ,,,,,,,,,,,,,,,,?
सब लोग सबकी बातें सुन सुन कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। इन बातों से चुदाई का जोश बढ़ता जा रहा था। तब तक लोगों ने लन्ड एक चूत से निकाल कर दूसरे की चूत में घुसाने लगे। बीवियां भी एक लन्ड अपनी चूत से निकाल कर दूसरा लन्ड पेलने लगीं। मस्ती का कोई ठिकाना न था। सबको बड़ी जल्दी थी सब लोगों से चुदवाने की और मर्दों को जल्दी थी सबकी बीवियां चोदने की। इसलिए यह चुदाई समारोह दूसरे दिन भी चलता रहा। और तब तक चलता रहा जब तक सबने सबकी बीवी चोद नहीं ली।
चुदाई समारोह के दूसरे दिन मेरी खाला की बेटी रूफी और फूफी की बेटी शमा आ गयी। दोनों को अच्छी तरह खबर हो गयी की यह दो दिन तक चुदाई समारोह हुआ है। बस रूफी मुझसे नाराज़ हो गयी।
- वह बोली - तराना तू तो भोसड़ी की बड़ी चालक निकली। इतना बड़ा चुदाई का जश्न कर डाला और मुझे कानो कान खबर नहीं बहन चोद ?
- शमा ने कहा - हां यार कम से कम बता तो दिया होता ? तो हम लोग भी मज़ा ले लेतीं ? हम लोगों से छिपाने की क्या बात थी ?
- मैंने कहा - नहीं छिपाने की कोई बात नहीं। दरअसल इसका कोई प्लान नहीं बनाया था। बस यूँ ही प्रोग्राम बन गया और इसमें सिर्फ वही लोग थे जो घर में मौजूद थे। किसी को भी बाहर से नहीं बुलाया गया।
- रूफी - अच्छा तूने तो इसी बहाने मेरी माँ चुदवा ली और मुझे मौक़ा नहीं दिया। अगर दिया होता तो मैं तेरी माँ चुदवा लेती। तब सोंचों कितना मज़ा आता ?
- मैंने कहा - हां मज़ा तो आता पर यार क्या अब इसके बाद कोई और जश्न नहीं हो सकता है ? अरे भई चूत अपने घर की है, लन्ड अपने घर के हैं तो फिर इंतज़ार किस बात का ? जब चाहो तब पेलो लन्ड फिर चोदो और चुदाओ
- शमा - हां हां यह बात तो है पर अब जो हो गया सो हो गया। यह मलाल तो रहेगा ही की हम दोनों उसमे शामिल नहीं हो सकी। सुना है सबने खूब शिद्दत से चोदा और खूब शिद्दत से चुदवाया।
- मैंने कहा - हां सबने खूब मस्ती से चोदा और चुदवाया। सबने सबकी बीवियां चोदीं और सबने सबके शौहरों से चुदवाया।
- रूफी - हाय दईया तो हम दोनों बन गयी न चूतिया ? तुम लोगों ने मज़ा लिया और हम दोनों बैठी बैठी अपनी अपनी झांटें ही उखड़ती रहीं।
शमा बोली - हां यार आंटी ठीक तो कह रही हैं।
रूफी बोली :- तराना चलो अब तुम ही इसका इंतज़ाम करो और मैं सबसे पहले तेरे मियां से चुदवाऊँगी।
मैं रूफी के साथ इंतज़ाम करने लगी। तब तक शमा ने हम तीनो के मियॉँ को बुला लिया। मेरा मियां ज़ाकिर, रूफी का मियां रफ़ी और शमा का मियां आरिफ तीनो आ गये। शमा ने उन सबको बता दिया की आज तुम लोग सरेआम एक दूसरे की बीवी चोदोगे। पर यह बताओ की तुम लोग शरमाओगे तो नहीं ? तब तक रफ़ी बोला बिलकुल नहीं शर्माऊंगा, भाभी जान। वैसे तो हम अपने घर में भी दूसरों की बीवियां ही चोदते हैं आज यहाँ सबके सामने चोद देगें। हमें कोई शर्म नहीं है। यह बात पूरे घर में फ़ैल गयी तब सब लोग चुदाई देखने के लिए इकठ्ठा हो गए। मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी, मेरी नन्द मेरी सास मेरी दीदी और मेरी भाभी ? इत्तिफाक से इनमे कोई मरद नहीं था देखने वाला क्योंकि वो सब काम पर चले गये थे।
ज़ाकिर, रफ़ी और आरिफ तीनो सोफा पर बैठ गए। हम तीनो भी सामनेबैठी हुई थीं। तभी रूफी उठी और एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी। उसे देख कर मैं भी खड़ी होकर अपने कपड़े खोलने लगी। हम दोनों देखते ही देखते नंगी हो गयीं। हमारा नंगा बदन और बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देख कर उन सबके लन्ड साले खड़े होने लगे। तभी शमा भी उठ खड़ी हुई। वह भी हमारी तरह नंगी हो गयी और अपना नंगा बदन घूम घूम कर दिखाने लगी। तब तक किसी ने पीछे से म्यूजिक लगा दिया तो हम तीनो उसी पर थिरकने लगीं। हमारी चूचियां उछलने लगी और गांड मटकने लगी। तभी अम्मी आगे बढ़ीं और रफ़ी के कपड़े खोल डाले। आखिर में जब उसका लन्ड नंगा नंगा बाहर आया तो सबने तालियां बजायीं। अम्मी ने लन्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाया। वह बोली हाय दईया बड़ा मस्त लौड़ा है बहन चोद। आज तो ये मस्ती से मेरी बिटिया की बुर लेगा ? अम्मी ने लन्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं रफ़ी का लन्ड पाकर बढ़ी खुश हो गयी और एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लन्ड चाटने लगी। लन्ड के टोपा पर जबान फिराने लगी।
तभी खाला जान आगे बढ़ीं और शमा के मियां आरिफ के कपड़े उतार कर उसे सबके सामने नंगा कर दिया। उसका लन्ड हिलाया तो लन्ड साला आसमान से बातें करने लगा। सबने फिर तालियां बजायीं और मज़ा लिया। खाला ने लन्ड रूफी को पकड़ा दिया और कहा ले भोसड़ी की अब तू इसे अपनी चूत में घुसेड़ कर सबके सामने अपनी बुर चुदवाकर कर दिखा। रूफी लन्ड पकड़ कर सहलाने लगी और फिर उसे पूरा मुंह में भर लिया। रूफी मस्ती से चूसने लगी शमा के मियां का लन्ड ? फिर फूफी ने हाथ बढ़ाया और मेरे मियां ज़ाकिर का कुर्ता निकाला फिर उसके पैजामे का नाड़ा खोला। पैजामा जैसे ही खुला और नीचे गिरा तो लन्ड साला सबके सामने तन कर खड़ा हो गया। फूफी ने उस पर २/३ थप्पड़ मारा और कहा मादर चोद इतनी देर से तू छुपा क्यों बैठा था ? तेरी माँ की चूत बहन चोद । अब तू जा और आरिफ की बीवी शमा की चोद ले बुर ? लन्ड शमा के हाथ में आ गया तो वह उसे घुमा घुमा कर पहले तो देखने लगी और फिर पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक और टोपा से पेल्हड़ तक मस्ती से चाटने लगी लन्ड।
फिर थोड़ी देर बाद, ज़ाकिर आरिफ की बीवी की बुर चोदने लगा। उसने अंदर तक पूरा लन्ड घुसेड़ दिया और धकाधक अंदर बाहर करने लगा। रफ़ी ज़ाकिर की बीवी चोदने में जुट गया। यानी उसने मेरी चूत में लन्ड पेल दिया। मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। आरिफ ने लन्ड रफ़ी की बीवी की बुर पेल दिया। वह साला मजे से चोदने लगा। इस तरह तीनो मरद एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। मैं बीच में लेटी थी। मेरी दाहिनी ओर मेरी गांड के तरफ शमा लेटी थी और बायी तरफ रूफी लेटी थी। मैं बार बार अपनी गर्दन घुमा घुमा कर दोनों की चूत में लन्ड आता जाता देख रही थी। इतना ही नहीं मैं एक हाथ से आरिफ के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से अपने मियां के पेल्हड़। वो दोनों मिलकर रफ़ी के पेल्हड़ सहलाने लगी। चुदवाते समय हम तीनो की चूंचियां उछल रही थीं जिन्हें देख देख कर मर्दों को बड़ा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर तक इसी तरह चुदाई होती रही। फिर एकदम से तीनो हमें पीछे से चोदने लगे। बिलकुल कुतिया की तरह चोदने लगे हमें। वैसे सच बताऊँ कुतिया की तरह चुदवाने में बहुत मज़ा आता है बशर्ते की लन्ड बड़ा हो। छोटा लन्ड ऐसे में ठीक से चोद नहीं पाता।
थोड़ी देर में मेरी मस्ती बढ़ी तो मैंने घूम कर आरिफ का लन्ड पकड़ लिया उसे तौलिया से पोंछ कर मुंह में ले लिया। मैं लन्ड चाटने लगी। मुझे देख कर रूफी मेरे मियां का लन्ड चाटने लगी और शमा रूफी के मियां रफ़ी का लन्ड चाटने लगी। लन्ड की इस तरह अदला बदली हो गयी। तभी सबने तालियां खूब बजायीं।
अम्मी ने कहा :- अब ये बेटियां नहीं रहीं ? अब ये सब बुर चोदी हो गईं है हमारी सहेलियां।
फूफी ने कहा :- हां भाभी, अब हमारी बेटियां जब रंडियों की तरह एक दूसरे के मियां से चुदवायेगी तो फिर हमारी सहेलियां ही हुई न। हम लोग भी तो इसी तरह चुदवाती हैं। इन सब बेटियों माँ का भोसड़ा और बेटियों की माँ की चूत। तब तक उधर से शमा बोली और अम्मियों की बेटियों की बुर बहन चोद ? यह सुनकर सबने ने जोर का ठहाका लगाया।
रूफी बोली :- अरे तुम लोग चिंता न करो, आज रात को यही सारे लन्ड तुम सबके भोसड़ा में पेले जायेगें।
शमा बोली :- आज रात को एक अलग तरह का चुदाई समारोह होगा ? जिसमे चुदेगी सबकी बुर, सबकी चूत और सबका भोसड़ा ?
कुछ देर बाद एक एक करके तीनो लन्ड झड़ने लगे और फिर हमने सबके झड़ते हुए लन्ड चाटे।
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