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लेडी डॉक्टर और उसकी सहेलियों की चुदाई Lady doctor aur uski saheliyon ki chudai
लेडी डॉक्टर और उसकी सहेलियों की चुदाई Lady doctor aur uski saheliyon ki chudai , डाक्टरनी को चोद दिया , महिला डाक्टरनी चुद गई , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम रिंकू है, मेरी उम्र २३ साल है, मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ, मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। यह कहानी मेरी आपबीती है के जरिये आप लोगों तक पहुँचा रहा हूँ। मेरी चाची की डिलीवरी होनी थी, वो अस्पताल में भर्ती थी। मैं और मेरी मम्मी चाची के पास अस्पताल में थे। शाम का समय था, मेरी मम्मी ने मुझे खाना लाने के लिए कहा। मैं होटल से खाना लेकर आ गया और हम खाना खाने में व्यस्त हो गए। इतनी देर में एक नर्स अन्दर आई और बोली- आपको एक जरूरी फॉर्म भरना है, आपको डॉक्टर ने बुलाया है। मेरी मम्मी ने मुझे डॉक्टर के पास जाने के लिए कहा। जैसे ही मैं डॉक्टर के कमरे में गया तो सामने के लेडी डॉक्टर को देखकर मेरे तो होश उड़ गए ! क्या मस्त फिगर थी उसकी और उम्र लगभग 27 साल !
मेरा नाम रिंकू है, मेरी उम्र २३ साल है, मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ, मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। यह कहानी मेरी आपबीती है के जरिये आप लोगों तक पहुँचा रहा हूँ। मेरी चाची की डिलीवरी होनी थी, वो अस्पताल में भर्ती थी। मैं और मेरी मम्मी चाची के पास अस्पताल में थे। शाम का समय था, मेरी मम्मी ने मुझे खाना लाने के लिए कहा। मैं होटल से खाना लेकर आ गया और हम खाना खाने में व्यस्त हो गए। इतनी देर में एक नर्स अन्दर आई और बोली- आपको एक जरूरी फॉर्म भरना है, आपको डॉक्टर ने बुलाया है। मेरी मम्मी ने मुझे डॉक्टर के पास जाने के लिए कहा। जैसे ही मैं डॉक्टर के कमरे में गया तो सामने के लेडी डॉक्टर को देखकर मेरे तो होश उड़ गए ! क्या मस्त फिगर थी उसकी और उम्र लगभग 27 साल !
मैंने कहा- आपने बुलाया डॉक्टर?
उसने कहा- फॉर्म पर हस्ताक्षर के लिए बुलाया है।
मैंने कहा- क्यों? कैसा फ़ॉर्म है?
तो उसने मुझे समझाया- डिलीवरी के समय यदि कोई समस्या हो गई तो इसके जिम्मेदार हम नहीं है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने बिना कुछ सोचे साइन कर दिए और साथ ही मैंने पूछा- डिलीवरी में खर्चा कितना आ जाएगा?
उसने कहा- दस से बारह हजार !
मैंने कहा- जितना कम में हो जाये उतना बेहतर है !
उसने कहा- काम तो फ्री में भी हो जायेगा।
मैंने कहा- यह कैसे हो सकता है?
उसने कहा- हो सकता है ! लेकिन यह बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए।
मैंने कहा- ठीक है !
उसने मेरा मोबाइल नंबर माँगा तो मैंने अपना मोबाइल नंबर दे दिया। डिलीवरी के बाद हम घर जा चुके थे, दो दिन बाद मेरे मोबाइल पर फ़ोन आया- मैं ईशा बोल रही हूँ ! मैं समझ चुका था कि यह उसी डॉक्टर का फ़ोन है।
उसने कहा- आज दिन में ठीक एक बजे मेरे घर पर आ जाना !
उसने अपना पता बताया और मैं ठीक एक बजे उसके घर चला गया। उसने दरवाजा खोला तो मेरी तबीयत मस्त हो गई, वो बड़ी सेक्सी लग रही थी। जैसे ही मैं घर के अन्दर गया तो देखा कि घर अन्दर से सजा हुआ था, मैंने कहा- यह क्या है?
तो वो बोली- आज मेरा जन्मदिन है !
मैंने उसे विश किया और काम पूछा तो उसने कहा- मैंने तुम्हारे साथ में जन्मदिन मनाना है !
मैंने कहा- आप मुझे पहले ही बता देती तो मैं आपके लिए उपहार ले आता !
उसने कहा- वो तो मैं अपनी पसंद से लूँगी !
मैंने कहा- आपको जो चाहिए वो मैं आपको देने के लिए तैयार हूँ !
मैंने पूछा- आपको क्या चाहिए?
तो उसने कहा- लण्ड !
सुन कर मैं चौंक गया, मैंने कहा- वो तो मेरे पास एक ही है ! वो मैं आपको कैसे दे सकता हूँ?
उसने कहा- नाटक मत करो और जल्दी तैयार हो जाओ !
मैं बहुत खुश था।
उसने कहा- अपने कपड़े उतारो !
मैंने अपने कपड़े उतार दिए, उसने मेरा खड़ा लण्ड हाथ में पकड़ा और कहा- आज से यह लण्ड और इस लण्ड का मालिक मेरे गुलाम है ! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अचानक उसने मुझे गाल पर एक चांटा मारा और बोली- मादरचोद केक लेकर आ ! मैं नंगा ही केक लेने चला तो मैंने पूछा- केक है कहाँ?
उसने कहा- तेरी माँ की चूत में ! मादरचोद, फ्रिज में रखा है !
मैं केक लेकर आया और उसे मेज पर रख दिया। उसने अपना मोबाइल उठाया और कॉल किया। वो बोली- केक काटने का समय हो गया है, जल्दी आ जाओ ! तभी पीछे का एक दरवाज़ा खुला और एक साथ छः औरतें अन्दर आ गई जिनकी उम्र लगभग २५ से ३० साल की थी। मुझे शर्म आ रही थी। उनमें से एक बोली- ईशा, इंतजाम तो बहुत अच्छा किया है ! ईशा बोली चलो प्रोग्राम जल्दी शुरू करते हैं ! ईशा ने केक काटा और चाक़ू से केक मेरे लण्ड पर लगाकर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर ईशा ने मुझसे कहा- नयना को केक खिलाओ !
मैंने एक केक का टुकड़ा लिया और अपने लण्ड पर मसल दिया। अब मैं तो नयना को जानता नहीं था तो मैं उन छः में से एक औरत के पास गया तो उसने मुझे उल्टा किया और मेरे चूतडों पर दो चांटे रसीद कर दिए। तब मैं दूसरी के पास गया तो उसने भी वैसा ही किया। अब मैं तीसरी के पास गया तो उसने भी वैसा ही किया। लेकिन में जैसे ही चौथी के पास गया तो उसने झट से मेरा लण्ड चाटकर साफ़ कर दिया और नयना अपने कपड़े उतारकर अलग बैठ गई। इसी तरह से मैंने सबको बारी बारी से केक खिलाया और एक एक करके सब नंगी हो गई और मिलकर डांस करने लगी। ईशा भी नंगी हो गई और सोफे पर लेट गई।
उसके बाद एक औरत बोली- आज ईशा का जन्मदिन है इसलिए आज सिर्फ ईशा ही चुदेगी और बाकी हम अपने अपने तरीके से मजे करेंगी!
इतने में ईशा ने ढेर सारा केक अपनी चूत में लगा लिया, मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और चाटने लग गया, फिर अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उधर बाकी औरतें एक दूसरे की फ़ुद्दी में उंगलियाँ घुसा कर मजे दे रही थी। अचानक से एक औरत मेरे पास आई और उसने अपना मुँह खोल लिया। मैंने अपना लण्ड चूत से निकालकर उसके मुँह में डाल दिया। इधर ईशा उल्टी लेट गई और केक की क्रीम को अपनी गांड में लगाने लगी। मैं सब समझ चुका था, मैंने लण्ड उसकी गाण्ड के छेद पर टिकाया और जोर से धक्का मारा। एक ही बार में पूरा लण्ड अन्दर ! वो जोर से चिल्ला उठी। मुझे मजा आ रहा था, जैसे ही मैंने अपना लण्ड गाण्ड से निकाला तो फटाफट एक औरत ने अपने मुँह में लपक लिया और चूसने लगी। फिर उसने वापस लण्ड को ईशा की चूत पर टिका दिया तो मैंने धक्का मारा तो लण्ड सरकता हुआ चूत के अन्दर ! पन्द्रह मिनट बाद ईशा स्खलित हो चुकी थी।
मैंने भी जोर लगाकर अपना पूरा पानी चूत के अन्दर छोड़ दिया। थोड़ी देर बाद मैंने अपना लण्ड निकाला तो ईशा की चूत से नदी बह रही थी। उसकी सब सहेलियों ने उसकी चूत का पानी पिया और उसके बाद हम सब नंगे सोफे पर बैठ गए। ईशा मुझसे बोलने लगी- ये सब मेरी सहेलियाँ हैं। आज इनकी चुदाई नहीं हुई है, अगली बार तुम्हें इन सबकी भी चुदाई करनी है।
मैंने पूछा- मैडम ये औरतें आपके पास कहाँ से आती हैं?
वो बोली- मैं एक लेडी डॉक्टर हूँ, इलाज के समय औरत की चूत और गाण्ड देखकर पता लगा लेती हूँ कि उसने कितनों का लण्ड खाया है। बस फिर उसे भी अपनी पार्टी में शामिल कर लेती हूँ फिर सबने मुझे एक एक हज़ार रुपए दिए और बोली- अब हम भी तुम्हें अपने घर बुलाकर चुदाई करवाएँगी।
इतने में ईशा बोली- कोटा की एक महिला है जो इलाज के लिए मेरे अस्पताल आई थी। उसके पति की कमजोरी के कारण उसके कोई संतान नहीं है, उसका नाम मीनाक्षी है और यह उसका मोबाइल नंबर है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तुम्हें उसके घर जाना है और उसके पेट में बच्चा डालना है। तुम पैसे की चिंता मत करना।
मैंने कहा- ठीक है !
इतने में ईशा की एक सहेली बोली- मेरी भी एक सहेली है जिसका बिना चुदाई के पेट नहीं भरता है, उसका नाम हिना है और यह उसका मोबाइल नंबर है, उसके घर जाकर उसकी भी अच्छे तरीके से चुदाई कर देना।
उस दिन के बाद बहुत सी महिलाएँ और लड़कियाँ मुझे अपने घर बुलाती हैं और तरह तरह से चुदाई करवाती हैं।
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