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मैं जिसके घर में काम करती हूँ उससे चूत भी चुदवाती हूँ - Kamvali ki chut ki chudai
मैं जिसके घर में काम करती हूँ उससे चूत भी चुदवाती हूँ - Kamvali ki chut ki chudai , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जिसके घर में काम करती हूँ बाबू जी उसका लण्ड जरूर चोदती हूँ। मुझे लण्ड चोदने का बड़ा शौक है और अब यह मेरा शौक मेरी आदत बन चुका है। जब तक मैं लण्ड चोद नहीं लेती तब तक मेरा मन काम ने नहीं लगता। मैंने तेरा लण्ड देख लिया है, बाबू जी। लण्ड मुझे अच्छी तरह पसंद आ गया है। तेरे लण्ड जैसा हक्कानी लण्ड मैंने आज तक नहीं देखा। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा सकता है तेरा भोसड़ी का लण्ड बाबू जी, पर मेरी चूत भी तेरे लण्ड को अपने अंदर डाल कर भून डालेगी। तेरे लण्ड को भुने हुए बैगन की तरह अपनी चूत से निकाल कर बाहर कर देगी बाबू जी। तेरा लण्ड देख कर मेरी चूत की आग ज्वालामुखी बन चुकी है। अब तो मैं तेरा लण्ड चोदूँगी बाबूजी। बिना लण्ड चोदे जाऊंगी नहीं। कल मैंने इसी तरह लाल कोठी वाले बाबू जी का लण्ड चोदा था। हुआ यह की मैंने जब लण्ड देख लिया था। तब मैंने उससे भी यही बात कही थी। कह कर लण्ड हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया था। उसके बाद वह कुछ न बोल सका। मैंने उसे नंगा किया उसने मुझे नंगी किया और फिर मैंने उसके लण्ड पर चढ़ कर खूब धका पेल चोदा उसका लण्ड। फिर वह भी मस्त हो गया और मैं भी। आज तेरे लण्ड की बारी है बाबू जी। तेरा लण्ड उसके लण्ड से ज्यादा मोटा और तगड़ा है. इसे चोदने में तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आएगा। मज़ा तुमको भी आएगा बाबू जी। अगर मज़ा न आये तो चाहे मेरी गांड मार लेना चाहे मेरी माँ का भोसड़ा चोद लेना ? सच बात तो यह है विक्रम बाबू की तेरा लण्ड मेरे दिल - औ - दिमांग में छा गया है। अब मैं बिना तेरा लण्ड चोदे रह ही नहीं सकती।
मैं ये सब बातें नंगी नंगी विक्रम बाबू का लण्ड हिलाते हुए और उसे बार बार चूमते चाटते हुए कह रही थी।
मैंने आगे कहा देखो बाबू जी मैं एक बंगाली लड़की हूँ और बंगाली लड़कियां बहुत ही सेक्सी, खूबसूरत और हॉट होतीं हैं क्योंकि उनके पास जो भी होता है वो सब बड़ा बड़ा होता है। जैसे उनकी आँखें बड़ी बड़ी होतीं हैं, गाल बड़े बड़े होतें हैं, चूँचियाँ बड़ी बड़ी होतीं हैं, चूतड़ बड़े बड़े होतें हैं, गांड बड़ी बड़ी होती हैं चूत भी बड़ी बड़ी और गद्देदार होती है, बाल बड़े बड़े होतें हैं। अब ये न कहना की झांटें भी बड़ी बड़ी होतीं हैं। हम लोग झांटें या तो घर में बना लेतीं हैं या फिर पार्लर में जाकर लड़कों से बनवा लेतीं हैं। यहाँ पार्लर में लड़कियां अक्सर झांटें बनवाने आतीं है क्योंकी यहाँ लड़के नंगे नंगे लड़कियों की झांटें बनाते हैं। लड़कियां उनके लण्ड पकड़े पकड़े अपनी झांटें बनवातीं हैं। ये कलकत्ता है बाबू जी यहाँ मस्ती ज्यादा होती है और मस्ती का सबसे अच्छा तरीक है लड़कियों की बुर चोदना। यहाँ लोग लड़कियों की बुर चोदने आतें हैं। लड़कियां बुर चोदी एक तरफ बड़ी मस्ती से अपनी बुर चुदवाती है तो दूसरी तरफ लड़कों के लण्ड भी चोदतीं हैं।
मेरा नाम रूपा है और मैं २२ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली हूँ। मेरी जांघें मोटी मोटी हैं और मेरी चूत एकदम खिली हुई है। मेरे चूतड़ उभरे हुए हैं और उनके बीच की गांड बड़ी चकाचक दिखती है। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरी चूँचियाँ उछलती हैं और पीछे से गांड मटकती है। मुझे देख कर लोग अपना लण्ड सहलाने लगते हैं. इतनी मस्त जवानी को बिना लण्ड के संभालना कोई मामूली काम नहीं है यारों। इसलिए मैं जिसके घर जाती हूँ उसके लण्ड पर चढ़ बैठती हूँ।
आज जब मैं सवेरे काम करके जाने लगी तो एक बार बाबू जी को देखने की इच्छा हुई , बस मैं फ़ौरन उसके कमरे में चली गयी। वह लेटा था उसकी लुंगी खुली थी लण्ड खड़ा था, चादर का तम्बू बना हुआ था। लण्ड के सुपाड़े पर चादर ऐसे पड़ी थी जैसे दुल्हन के सिर पर घूंघट। मैंने झाँक कर देखा तो मुझे सुपाड़ा छोड़ कर पूरा लण्ड दिख गया। मुझे यह भी मालूम हो गया की झांटें उसकी छोटी छोटी हैं। पेल्हड़ तो बिलकुल साफ़ नज़र आ रहे थे। मैंने धीरे से चादर हटाई तो तोप का गोला जैसा सुपाड़ा मेरी आँखों के सामने आ गया। मेरी चूत बहन चोद गीली हो गयी, मेरी चूँचियाँ तन गयीं मेरी गांड थिरकने लगी। मेरा मुंह खुल गया। मन हुआ की मैं लण्ड मुंह में भर लूं पर नहीं मैंने हाथ बढाकर लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और सुपाड़े पर अपनी जबान छुआ दी। विक्रम बाबू कुछ नहीं बोले लेकिन उसका लण्ड उछाल मारने लगा। मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने ठान लिया की आज मैं बाबू जी का लण्ड चोद कर ही जाऊंगी। मैंने अपने सारे कपड़े खोल डाले। मैं नंगी नंगी उसके सामने बैठ कर उसका लण्ड ऊपर नीचे करते हुए मस्ती करने लगी। लण्ड फूलने लगा। मैं समझ गयी की बाबू जी जग रहे हैं पर कुछ बोल नहीं रहें हैं।
तब मैंने कहा - बड़ा प्यारा और मोटा तगड़ा है तेरा लण्ड बाबू जी ? मुझे तो ऐसा ही लण्ड पसंद है। बाबू जी ने अपनी आँखें खोली तो मुझे एकदम नंगी नंगी बैठी हुई देखा। मेरी बही बड़ी मस्तानी चूँचियाँ देखीं तो वह उठा और मुझे अपने बाहों में भर लिया। चिपका मुझे अपने नंगे बदन से। मैं भी बड़े प्यार से उससे चिपक गयी। मेरी चूँचियाँ उसकी छाती से चिपक गयी उसका लण्ड मेरी जानहिं के बीच इधर उधर मुंह मारने लगा। उसने मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराया और फिर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। वह बोला रूपा तुम वाकई बहुत खूबसूरत हो। मेरा दिल तुम पर आ गया है।
मैंने कहा - बाबू जी, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ। मुझे तेरे लण्ड से मोहब्बत हो गयी है।
वह बोला - रूपा मैं भी तुमसे मोहब्बत करता हूँ।
मैंने कहा - मैं तो तेरा लण्ड चोदूँगी, बाबू जी।
वह बोला - वाओ, तुम लण्ड कबसे चोदने लगी हो रूपा ?
तब मैंने वो सब कहा जो अपने ऊपर पढ़ा।
मैंने अपने दिल की बात कह दी कीआज मैं तेरा लण्ड चोदूँगी।
वह बात कर ही रहा था की मैं घूम गयी और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया। वह भी मेरी चिकनी चूत पर अपनी उंगलियां फिराना शुरू कर दिया। फिर धीरे से वह मेरी चूत पर अपनी जबान घुमाने लगा। मैं भी इधर उसके लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर जबान घूमाने लगी। हमारी पोजीशन 69 की हो गयी। मैं सच में बहुत बेशर्म हूँ। मेरा मानना है की शर्माने से चुदाई का पूरा मज़ा नहीं मिलता। मेरी माँ भी बुर चोदी चुदाई के समय बिलकुल रंडी हो जाती है। उसने मुझसे कहा था बेटी रूपा अगर तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना है तो पहले शर्म की माँ चोद डाल। हो जा बिलकुल बेशरम और पेल दे टन टनाता हुआ लण्ड अपनी माँ की चूत में। मैंने वैसा ही किया। मेरे लण्ड पेलते ही मेरी माँ की तमन्ना पूरी हो गयी। फिर मैंने कहा मम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी मैं इसी तरह चोदूँगी। वह बोली हां रूपा अब मुझे यकीन हो गया है की तू जवानी का पूरा पूरा मज़ा ले सकेगी। और मैं सच में ले रही हूँ।
वह बोला - तब तो मैं तेरी माँ भी हैं। रूपा।
मैंने कहा - हां बिलकुल चोद लेना। उसे भी इतने बड़े और मोटे लण्ड से चुदवाने में मज़ा आएगा।
इतनी गरम गरम बातें हुई तो उसका लौड़ा और कड़क हो गया। फिर वह रुका नहीं और लौड़ा मेरी चूत में टिका दिया। उसके बाद एक ही धक्के में उसने पूरा लौड़ा अंदर घुसा दिया। मैं चिल्ला पड़ी भोसड़ी के फाड़ डाला तूने मेरी चूत। मैं नहीं मेरी माँ चुद गयी यार। इतना मोटा लौड़ा मादर चोद आज मेरी चूत का बाजा बजा कर इसे भोसड़ा बना देगा। पर वह माना नहीं। उसने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी और पागलों की तरह भकाभक चोदने लगा। मैंने कहा बाबू जी लगता है तुम और भी कई लड़कियां चोद चुके हो। तेरी चोदने की स्टाइल बहुत प्यारी है। बहुत कम लोग ऐसे हैं जो इतनी अच्छी तरह चोदते हैं।
इतनी मस्ती चुदवाते हुए मैं और उत्तेजित हो गयी।
मैंने कहा - बाबू जी, बहुत चोद ली तूने मेरी बुर ? अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड।
मैंने बावू जी को नीचे लिटा दिया और मैं उसके खड़े लण्ड पर चढ़ बैठी। मेरा मुंह बाबू जी के मुंह की तरफ था। उसका लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मैं थोड़ा आगे झुकी और अपनी गांड लण्ड पर उठा उठा के पटकने लगी। मैं लण्ड उसी तरह चोदने लगी जैसे लड़के लड़कियों की बुर चोदते हैं। मैंने भी स्पीड बढ़ा दी तो वह आह आह करने लगा। मैंने कहा बाबू जी मैं तो तेरा लण्ड चोद रही हूँ और फट रही है तेरी गांड ? वह बड़ी जोर से हंसने लगा बोला रूपा तुम मजाक भी बहुत अच्छा करती हो। जितना बढ़िया लण्ड चोदती हो उतनी ही बढ़िया बातें भी करती हूँ। मैंने कहा अरे बाबू जी मैं बहन चोद बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। अव्वल दर्जे की मादर चोद हूँ मैं। मैं चुदाई को खूब अच्छी तरह एन्जॉय करती हूँ। लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लेती हूँ मैं। थोड़ी देर बाद मैं घूम गयी और अपनी पीठ बाबू जी की तरफ कर दी। आगे अपने दोनों हाथ रख कर और अपनी गांड उठाते हुए चोदने लगी लण्ड। वह बोला अरे रूपा मुझे आज तक किसी ने ऐसे नहीं चोदा ? तुम तो चुदाई के नए नए तरीके निकाल लेती हो। ये सब कहाँ से सीखा तूने ? मैंने बताया की बाबू जी मुझे ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक है। मैं हर रोज़ रात को लैपटॉप कर पोर्न देखती हूँ। बिना चुदाई देखे और बना कई खड़े लण्ड देखे मैं सोती नहीं हूँ। मैंने ये सब चुदाई के तरीके वहीँ से सीखा है। कुछ देर बाद वह बोला अब मैं निकलने वाला हूँ यार। तब तक मैं भी खलास हो चुकी थी। मैं ऊपर से नीचे उतर आयी और लण्ड का सड़का लगाने लगी। मुझे लड़कों का सड़का मारने में बड़ा मज़ा आता है। बस एक मिनट में ही उसके लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मैं मजे से पी गयी और सुपाड़ा मस्ती से चाटने लगी। वह भी आहें भरने लगा और बोला आज तक मैंने इतनी अच्छी चुदाई नहीं की।
उसके बाद मैं हर रोज़ बाबू जी का लण्ड चोदने लगी।
एक दिन जब मैं बाबू जी का लण्ड हिला रही थी, लण्ड चूम चाट रही तो मैंने पूंछा - बाबू जी, तुम मेरी माँ चोदोगे की प्रेम बाबू की बीवी ? वह मेरी बात सुनकर थोड़ा हैरान हुआ। मैंने कहा मैं जहाँ काम करती हूँ वह है प्रेम बाबू। आजकल वह टूर पर गया है। ३ दिन बाद आएगा। उसकी बीवी जो अभी २५ साल की ही है वह बुर चोदी बहुत बड़ी मादर चोद है। बदचलन है भोसड़ी वाली। अपने हसबैंड से छुप चुप कर पराये मर्दों से खूब चुदवाती है और मैं उसका साथ देती हूँ. उसने मुझसे कहा है की रूपा कोई बढ़िया लण्ड वाला आदमी हो तो लाओ उसे मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। अभी अकेली हूँ तो मैं कई लोगों के लण्ड का मज़ा लेना चाहती हूँ। कहो तो आज ही तुम्हे उसकी बुर दिलवा दूँ। वह बोला है दिलवा दो। मैं जवान जवान बीवियां चोदने का बड़ा शौक़ीन हूँ। मैंने कहा फिर क्या ? आज रात भर चोदो प्रेम बाबू की बीवी नेहा की बुर ?
शाम को मैं विक्रम बाबू को लेकर प्रेम बाबू के घर पहुँच गयी। मैंने विक्रम बाबू को एक ढीली ढीली लेकर पहना दी थी और ऊपर एक बनियाइन। उसे एक नौकर के भेष में बना दिया था। उसे प्रेम की बीवी नेहा से मिलवाया। नेहा को बाबू जी से मिलवाया। दोनों एक दूसरे को देख कर बहुत खुश हुए। नेहा बोली अरी रुपा माल तो तू बहुत बढ़िया लाई है ? अब मुझे इसका लण्ड देखना है कैसा है ? उसके मुंह से लण्ड सुनकर विक्रम बाबू के लण्ड में उछाल आ गया। लण्ड पसंद आ गया तो मैं तुझे इनाम दूँगी। मैंने कहा कौन सा इनाम दोगी बीवी जी। वह बोली तुम्हे एक मलेसिया का १० इंची काला लांड दूँगी मैं। कल वह आएगा मुझे चोदने। कल मैं वही लांड तेरी भी बुर में घुसेड़ूँगी। नेहा बीवी की बातों ने मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी। फिर उसने हम सबको दारू पिलाई।
नेहा समझ रही थी की विक्रम कोई नौकर है। पर इससे उसे कोई फरक नहीं पड़ता। उसे तो लण्ड चाहिए लण्ड और कुछ नहीं। उसे तो कोई उसकी बुर चोदने वाला चाहिए और कुछ नहीं। दो घूंट शराब पीने के बाद उसने अपनी चूँचियाँ खोल कर सामने रख दीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर बाबू जी का लौड़ा आपे से बाहर होने लगा। मैंने कहा बीवी जी ज़रा लौड़ा खोल कर देख लो और बताओ की माल अच्छा है की नहीं ? तो मुझे भी तस्सली हो जाए ? वह बोली अरे हां तू सही कह रहीहै । तो फिर तू ही खोल दे न इसकी नेकर। मैंने बाबू जी को खड़ा किया और कहा नहीं बीवी जी तुम ही इसे नंगा करो और देखो तभी मज़ा आएगा। उसने बाबू जी नेकर खोली तो लण्ड बहन चोद टन टना कर उसके गाल पर लगा। वह बोली हाय दईया इतना कड़क लण्ड ? इसने तो मेरे गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। तब तक मैंने बाबू जी की बनियाइन उतार दी। वह मादर चोद नंगा हो गया। नेहा ने उसकी चौड़ी छाती देखी और बलिष्ठ भुजाएं देखीं तो मस्त हो गयी। फिर उसका लण्ड पकड़ कर बोली बाप रे बाप इतना मोटा लण्ड ? रूपा माल तो सच में बहुत ही अच्छा है। मैं तुझे इनाम जरूर दूँगी , कल मैं दस इंची लांड से तेरी चूत फाड़ूंगी। वह लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी तब तक मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया। उसके छोटी छोटी झांटों वाली मस्तानी चूत बाबू जी के सामने नाचने लगी। यह देख कर उसका लण्ड साला और फनफनाने लगा।
तब तक मैं भी एकदम नंगी हो चुकी थी। नेहा लण्ड चाटने लगी और मैं लण्ड के पेल्हड़। नेहा बोली रूपा आज का लौड़ा ज्यादा मोटा है और सख्त भी , कल वाला लौड़ा इतना नोटा नहीं था। मैंने कहा बीवी जी कल वाला लण्ड देहाती था आज का लौड़ा पंजाबी है। विक्रम बाबू जी पंजाब से आये हैं। इन्हे तुम नौकर न समझो। ये बहुत बड़े आदमी है और यहाँ एक बहुत बड़ी पोस्ट पर काम करते हैं। मैंने सोंचा था की यह बात मैं तुमको तब बताऊंगी जब तुम्हे लौड़ा पसंद आ जायेगा। मेरी बात सुनकर नेहा और मस्ती से लौड़ा चूसने लगी। बोली हाय
दईया तब तो मैं इससे अक्सर चुदवाया करूंगी। जब जब मेरा मियां बाहर जायेगा तब तब मैं इसी का लौड़ा पीती
रहूंगी। ऐसा बोल कर उसने अपनी चूत फैला दी और बाबू जी ने लौड़ा अंदर घुसा दिया। वह चोदने लगा नेहा की बुर और मैं सहलाने लगी उसके पेल्हड़। थोड़ी देर बाद मैं लण्ड बीच बीच में बुर से निकाल कर चाटने लगी , मैं नेहा की बुर इसी तरह चुदवाती रहती हूँ। थोड़ी देर बाद बाबू जी ने नेहा को कुतिया बनाकर चोदा और बड़ी देर तक चोदा। नेहा नीच एमए ही खलास हो गयी। वह बोली रूपा तेरे बाबू जी ने मेरी चूत ढीली कर दी। फिर वह घूम कर लण्ड का सड़का करने लगी और फिर उसका वीर्य पूरा का पूरा अपने मुंह में डाल कर पी गयी। उसने कहा रूपा कल फिर लाना अपने बाबू जी को मेरी बुर चोदने। दूसरे दिन बाबू जी ने कहा रूपा तेरी नेहा बीवी की बुर मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने कहा अब तो रास्ता खुल गया है बाबू जी। जब चाहो तब उस बुर चोदी की बुर ले लो। अब तुम मुझे चोदो सवेरे सवेरे मैं उससे खूब चुदवाया और घर आ गयी।
दूसरे दिन मैंने कहा बाबू जी आज रोहित की बीवी चोदोगे ? देखो रोहित भी अभी एक हफ्ते के लिए विदेश गया है। उसकी बीवी रोहिणी बड़ी चुदक्कड़ है। वह पराये मर्दों से खूब धकाधक चुदवाती है। मैंने अभी तक उसकी बुर ४ लोगों से चुदवा चुकी हूँ। कल उसने मुझसे कहा की यार रूपा कोई लौड़ा पेलो न मेरी चूत में। मैंने कहा हां यार पेल दूँगी। चिंता न करो। ऐसा लौड़ा पेलूँगी की तेरी बुर एक ही दिन में भोसड़ा बन जाएगी। बाबू जी ने कहा ठीक है मैं चलूँगा रोहिणी की बुर चोदने। रोहिणी २६ साल की एक बेहद खूबसूरत बीवी है। वह बड़ी मस्ती से पराये मर्दों से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती है और झड़ता हुआ लण्ड खूब पीती है। बाबू जी भी उसे चोद कर मस्त हो गए।
फिर मैंने कहा - अरे बाबू जी आज तो मेरी माँ का भोसड़ा चोद लो।
वह बोला - तो फिर चलो आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगा।
मैं जिसके घर में काम करती हूँ बाबू जी उसका लण्ड जरूर चोदती हूँ। मुझे लण्ड चोदने का बड़ा शौक है और अब यह मेरा शौक मेरी आदत बन चुका है। जब तक मैं लण्ड चोद नहीं लेती तब तक मेरा मन काम ने नहीं लगता। मैंने तेरा लण्ड देख लिया है, बाबू जी। लण्ड मुझे अच्छी तरह पसंद आ गया है। तेरे लण्ड जैसा हक्कानी लण्ड मैंने आज तक नहीं देखा। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा सकता है तेरा भोसड़ी का लण्ड बाबू जी, पर मेरी चूत भी तेरे लण्ड को अपने अंदर डाल कर भून डालेगी। तेरे लण्ड को भुने हुए बैगन की तरह अपनी चूत से निकाल कर बाहर कर देगी बाबू जी। तेरा लण्ड देख कर मेरी चूत की आग ज्वालामुखी बन चुकी है। अब तो मैं तेरा लण्ड चोदूँगी बाबूजी। बिना लण्ड चोदे जाऊंगी नहीं। कल मैंने इसी तरह लाल कोठी वाले बाबू जी का लण्ड चोदा था। हुआ यह की मैंने जब लण्ड देख लिया था। तब मैंने उससे भी यही बात कही थी। कह कर लण्ड हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया था। उसके बाद वह कुछ न बोल सका। मैंने उसे नंगा किया उसने मुझे नंगी किया और फिर मैंने उसके लण्ड पर चढ़ कर खूब धका पेल चोदा उसका लण्ड। फिर वह भी मस्त हो गया और मैं भी। आज तेरे लण्ड की बारी है बाबू जी। तेरा लण्ड उसके लण्ड से ज्यादा मोटा और तगड़ा है. इसे चोदने में तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आएगा। मज़ा तुमको भी आएगा बाबू जी। अगर मज़ा न आये तो चाहे मेरी गांड मार लेना चाहे मेरी माँ का भोसड़ा चोद लेना ? सच बात तो यह है विक्रम बाबू की तेरा लण्ड मेरे दिल - औ - दिमांग में छा गया है। अब मैं बिना तेरा लण्ड चोदे रह ही नहीं सकती।
मैं ये सब बातें नंगी नंगी विक्रम बाबू का लण्ड हिलाते हुए और उसे बार बार चूमते चाटते हुए कह रही थी।
मैंने आगे कहा देखो बाबू जी मैं एक बंगाली लड़की हूँ और बंगाली लड़कियां बहुत ही सेक्सी, खूबसूरत और हॉट होतीं हैं क्योंकि उनके पास जो भी होता है वो सब बड़ा बड़ा होता है। जैसे उनकी आँखें बड़ी बड़ी होतीं हैं, गाल बड़े बड़े होतें हैं, चूँचियाँ बड़ी बड़ी होतीं हैं, चूतड़ बड़े बड़े होतें हैं, गांड बड़ी बड़ी होती हैं चूत भी बड़ी बड़ी और गद्देदार होती है, बाल बड़े बड़े होतें हैं। अब ये न कहना की झांटें भी बड़ी बड़ी होतीं हैं। हम लोग झांटें या तो घर में बना लेतीं हैं या फिर पार्लर में जाकर लड़कों से बनवा लेतीं हैं। यहाँ पार्लर में लड़कियां अक्सर झांटें बनवाने आतीं है क्योंकी यहाँ लड़के नंगे नंगे लड़कियों की झांटें बनाते हैं। लड़कियां उनके लण्ड पकड़े पकड़े अपनी झांटें बनवातीं हैं। ये कलकत्ता है बाबू जी यहाँ मस्ती ज्यादा होती है और मस्ती का सबसे अच्छा तरीक है लड़कियों की बुर चोदना। यहाँ लोग लड़कियों की बुर चोदने आतें हैं। लड़कियां बुर चोदी एक तरफ बड़ी मस्ती से अपनी बुर चुदवाती है तो दूसरी तरफ लड़कों के लण्ड भी चोदतीं हैं।
मेरा नाम रूपा है और मैं २२ साल की हूँ, खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी हूँ और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली हूँ। मेरी जांघें मोटी मोटी हैं और मेरी चूत एकदम खिली हुई है। मेरे चूतड़ उभरे हुए हैं और उनके बीच की गांड बड़ी चकाचक दिखती है। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरी चूँचियाँ उछलती हैं और पीछे से गांड मटकती है। मुझे देख कर लोग अपना लण्ड सहलाने लगते हैं. इतनी मस्त जवानी को बिना लण्ड के संभालना कोई मामूली काम नहीं है यारों। इसलिए मैं जिसके घर जाती हूँ उसके लण्ड पर चढ़ बैठती हूँ।
आज जब मैं सवेरे काम करके जाने लगी तो एक बार बाबू जी को देखने की इच्छा हुई , बस मैं फ़ौरन उसके कमरे में चली गयी। वह लेटा था उसकी लुंगी खुली थी लण्ड खड़ा था, चादर का तम्बू बना हुआ था। लण्ड के सुपाड़े पर चादर ऐसे पड़ी थी जैसे दुल्हन के सिर पर घूंघट। मैंने झाँक कर देखा तो मुझे सुपाड़ा छोड़ कर पूरा लण्ड दिख गया। मुझे यह भी मालूम हो गया की झांटें उसकी छोटी छोटी हैं। पेल्हड़ तो बिलकुल साफ़ नज़र आ रहे थे। मैंने धीरे से चादर हटाई तो तोप का गोला जैसा सुपाड़ा मेरी आँखों के सामने आ गया। मेरी चूत बहन चोद गीली हो गयी, मेरी चूँचियाँ तन गयीं मेरी गांड थिरकने लगी। मेरा मुंह खुल गया। मन हुआ की मैं लण्ड मुंह में भर लूं पर नहीं मैंने हाथ बढाकर लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और सुपाड़े पर अपनी जबान छुआ दी। विक्रम बाबू कुछ नहीं बोले लेकिन उसका लण्ड उछाल मारने लगा। मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने ठान लिया की आज मैं बाबू जी का लण्ड चोद कर ही जाऊंगी। मैंने अपने सारे कपड़े खोल डाले। मैं नंगी नंगी उसके सामने बैठ कर उसका लण्ड ऊपर नीचे करते हुए मस्ती करने लगी। लण्ड फूलने लगा। मैं समझ गयी की बाबू जी जग रहे हैं पर कुछ बोल नहीं रहें हैं।
तब मैंने कहा - बड़ा प्यारा और मोटा तगड़ा है तेरा लण्ड बाबू जी ? मुझे तो ऐसा ही लण्ड पसंद है। बाबू जी ने अपनी आँखें खोली तो मुझे एकदम नंगी नंगी बैठी हुई देखा। मेरी बही बड़ी मस्तानी चूँचियाँ देखीं तो वह उठा और मुझे अपने बाहों में भर लिया। चिपका मुझे अपने नंगे बदन से। मैं भी बड़े प्यार से उससे चिपक गयी। मेरी चूँचियाँ उसकी छाती से चिपक गयी उसका लण्ड मेरी जानहिं के बीच इधर उधर मुंह मारने लगा। उसने मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराया और फिर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। वह बोला रूपा तुम वाकई बहुत खूबसूरत हो। मेरा दिल तुम पर आ गया है।
मैंने कहा - बाबू जी, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ। मुझे तेरे लण्ड से मोहब्बत हो गयी है।
वह बोला - रूपा मैं भी तुमसे मोहब्बत करता हूँ।
मैंने कहा - मैं तो तेरा लण्ड चोदूँगी, बाबू जी।
वह बोला - वाओ, तुम लण्ड कबसे चोदने लगी हो रूपा ?
तब मैंने वो सब कहा जो अपने ऊपर पढ़ा।
मैंने अपने दिल की बात कह दी कीआज मैं तेरा लण्ड चोदूँगी।
वह बात कर ही रहा था की मैं घूम गयी और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया। वह भी मेरी चिकनी चूत पर अपनी उंगलियां फिराना शुरू कर दिया। फिर धीरे से वह मेरी चूत पर अपनी जबान घुमाने लगा। मैं भी इधर उसके लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर जबान घूमाने लगी। हमारी पोजीशन 69 की हो गयी। मैं सच में बहुत बेशर्म हूँ। मेरा मानना है की शर्माने से चुदाई का पूरा मज़ा नहीं मिलता। मेरी माँ भी बुर चोदी चुदाई के समय बिलकुल रंडी हो जाती है। उसने मुझसे कहा था बेटी रूपा अगर तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना है तो पहले शर्म की माँ चोद डाल। हो जा बिलकुल बेशरम और पेल दे टन टनाता हुआ लण्ड अपनी माँ की चूत में। मैंने वैसा ही किया। मेरे लण्ड पेलते ही मेरी माँ की तमन्ना पूरी हो गयी। फिर मैंने कहा मम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी मैं इसी तरह चोदूँगी। वह बोली हां रूपा अब मुझे यकीन हो गया है की तू जवानी का पूरा पूरा मज़ा ले सकेगी। और मैं सच में ले रही हूँ।
वह बोला - तब तो मैं तेरी माँ भी हैं। रूपा।
मैंने कहा - हां बिलकुल चोद लेना। उसे भी इतने बड़े और मोटे लण्ड से चुदवाने में मज़ा आएगा।
इतनी गरम गरम बातें हुई तो उसका लौड़ा और कड़क हो गया। फिर वह रुका नहीं और लौड़ा मेरी चूत में टिका दिया। उसके बाद एक ही धक्के में उसने पूरा लौड़ा अंदर घुसा दिया। मैं चिल्ला पड़ी भोसड़ी के फाड़ डाला तूने मेरी चूत। मैं नहीं मेरी माँ चुद गयी यार। इतना मोटा लौड़ा मादर चोद आज मेरी चूत का बाजा बजा कर इसे भोसड़ा बना देगा। पर वह माना नहीं। उसने चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी और पागलों की तरह भकाभक चोदने लगा। मैंने कहा बाबू जी लगता है तुम और भी कई लड़कियां चोद चुके हो। तेरी चोदने की स्टाइल बहुत प्यारी है। बहुत कम लोग ऐसे हैं जो इतनी अच्छी तरह चोदते हैं।
इतनी मस्ती चुदवाते हुए मैं और उत्तेजित हो गयी।
मैंने कहा - बाबू जी, बहुत चोद ली तूने मेरी बुर ? अब मैं चोदूँगी तेरा लण्ड।
मैंने बावू जी को नीचे लिटा दिया और मैं उसके खड़े लण्ड पर चढ़ बैठी। मेरा मुंह बाबू जी के मुंह की तरफ था। उसका लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मैं थोड़ा आगे झुकी और अपनी गांड लण्ड पर उठा उठा के पटकने लगी। मैं लण्ड उसी तरह चोदने लगी जैसे लड़के लड़कियों की बुर चोदते हैं। मैंने भी स्पीड बढ़ा दी तो वह आह आह करने लगा। मैंने कहा बाबू जी मैं तो तेरा लण्ड चोद रही हूँ और फट रही है तेरी गांड ? वह बड़ी जोर से हंसने लगा बोला रूपा तुम मजाक भी बहुत अच्छा करती हो। जितना बढ़िया लण्ड चोदती हो उतनी ही बढ़िया बातें भी करती हूँ। मैंने कहा अरे बाबू जी मैं बहन चोद बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। अव्वल दर्जे की मादर चोद हूँ मैं। मैं चुदाई को खूब अच्छी तरह एन्जॉय करती हूँ। लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लेती हूँ मैं। थोड़ी देर बाद मैं घूम गयी और अपनी पीठ बाबू जी की तरफ कर दी। आगे अपने दोनों हाथ रख कर और अपनी गांड उठाते हुए चोदने लगी लण्ड। वह बोला अरे रूपा मुझे आज तक किसी ने ऐसे नहीं चोदा ? तुम तो चुदाई के नए नए तरीके निकाल लेती हो। ये सब कहाँ से सीखा तूने ? मैंने बताया की बाबू जी मुझे ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक है। मैं हर रोज़ रात को लैपटॉप कर पोर्न देखती हूँ। बिना चुदाई देखे और बना कई खड़े लण्ड देखे मैं सोती नहीं हूँ। मैंने ये सब चुदाई के तरीके वहीँ से सीखा है। कुछ देर बाद वह बोला अब मैं निकलने वाला हूँ यार। तब तक मैं भी खलास हो चुकी थी। मैं ऊपर से नीचे उतर आयी और लण्ड का सड़का लगाने लगी। मुझे लड़कों का सड़का मारने में बड़ा मज़ा आता है। बस एक मिनट में ही उसके लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मैं मजे से पी गयी और सुपाड़ा मस्ती से चाटने लगी। वह भी आहें भरने लगा और बोला आज तक मैंने इतनी अच्छी चुदाई नहीं की।
उसके बाद मैं हर रोज़ बाबू जी का लण्ड चोदने लगी।
एक दिन जब मैं बाबू जी का लण्ड हिला रही थी, लण्ड चूम चाट रही तो मैंने पूंछा - बाबू जी, तुम मेरी माँ चोदोगे की प्रेम बाबू की बीवी ? वह मेरी बात सुनकर थोड़ा हैरान हुआ। मैंने कहा मैं जहाँ काम करती हूँ वह है प्रेम बाबू। आजकल वह टूर पर गया है। ३ दिन बाद आएगा। उसकी बीवी जो अभी २५ साल की ही है वह बुर चोदी बहुत बड़ी मादर चोद है। बदचलन है भोसड़ी वाली। अपने हसबैंड से छुप चुप कर पराये मर्दों से खूब चुदवाती है और मैं उसका साथ देती हूँ. उसने मुझसे कहा है की रूपा कोई बढ़िया लण्ड वाला आदमी हो तो लाओ उसे मैं उससे चुदवाना चाहती हूँ। अभी अकेली हूँ तो मैं कई लोगों के लण्ड का मज़ा लेना चाहती हूँ। कहो तो आज ही तुम्हे उसकी बुर दिलवा दूँ। वह बोला है दिलवा दो। मैं जवान जवान बीवियां चोदने का बड़ा शौक़ीन हूँ। मैंने कहा फिर क्या ? आज रात भर चोदो प्रेम बाबू की बीवी नेहा की बुर ?
शाम को मैं विक्रम बाबू को लेकर प्रेम बाबू के घर पहुँच गयी। मैंने विक्रम बाबू को एक ढीली ढीली लेकर पहना दी थी और ऊपर एक बनियाइन। उसे एक नौकर के भेष में बना दिया था। उसे प्रेम की बीवी नेहा से मिलवाया। नेहा को बाबू जी से मिलवाया। दोनों एक दूसरे को देख कर बहुत खुश हुए। नेहा बोली अरी रुपा माल तो तू बहुत बढ़िया लाई है ? अब मुझे इसका लण्ड देखना है कैसा है ? उसके मुंह से लण्ड सुनकर विक्रम बाबू के लण्ड में उछाल आ गया। लण्ड पसंद आ गया तो मैं तुझे इनाम दूँगी। मैंने कहा कौन सा इनाम दोगी बीवी जी। वह बोली तुम्हे एक मलेसिया का १० इंची काला लांड दूँगी मैं। कल वह आएगा मुझे चोदने। कल मैं वही लांड तेरी भी बुर में घुसेड़ूँगी। नेहा बीवी की बातों ने मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़का दी। फिर उसने हम सबको दारू पिलाई।
नेहा समझ रही थी की विक्रम कोई नौकर है। पर इससे उसे कोई फरक नहीं पड़ता। उसे तो लण्ड चाहिए लण्ड और कुछ नहीं। उसे तो कोई उसकी बुर चोदने वाला चाहिए और कुछ नहीं। दो घूंट शराब पीने के बाद उसने अपनी चूँचियाँ खोल कर सामने रख दीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर बाबू जी का लौड़ा आपे से बाहर होने लगा। मैंने कहा बीवी जी ज़रा लौड़ा खोल कर देख लो और बताओ की माल अच्छा है की नहीं ? तो मुझे भी तस्सली हो जाए ? वह बोली अरे हां तू सही कह रहीहै । तो फिर तू ही खोल दे न इसकी नेकर। मैंने बाबू जी को खड़ा किया और कहा नहीं बीवी जी तुम ही इसे नंगा करो और देखो तभी मज़ा आएगा। उसने बाबू जी नेकर खोली तो लण्ड बहन चोद टन टना कर उसके गाल पर लगा। वह बोली हाय दईया इतना कड़क लण्ड ? इसने तो मेरे गाल पर थप्पड़ जड़ दिया। तब तक मैंने बाबू जी की बनियाइन उतार दी। वह मादर चोद नंगा हो गया। नेहा ने उसकी चौड़ी छाती देखी और बलिष्ठ भुजाएं देखीं तो मस्त हो गयी। फिर उसका लण्ड पकड़ कर बोली बाप रे बाप इतना मोटा लण्ड ? रूपा माल तो सच में बहुत ही अच्छा है। मैं तुझे इनाम जरूर दूँगी , कल मैं दस इंची लांड से तेरी चूत फाड़ूंगी। वह लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी तब तक मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया। उसके छोटी छोटी झांटों वाली मस्तानी चूत बाबू जी के सामने नाचने लगी। यह देख कर उसका लण्ड साला और फनफनाने लगा।
तब तक मैं भी एकदम नंगी हो चुकी थी। नेहा लण्ड चाटने लगी और मैं लण्ड के पेल्हड़। नेहा बोली रूपा आज का लौड़ा ज्यादा मोटा है और सख्त भी , कल वाला लौड़ा इतना नोटा नहीं था। मैंने कहा बीवी जी कल वाला लण्ड देहाती था आज का लौड़ा पंजाबी है। विक्रम बाबू जी पंजाब से आये हैं। इन्हे तुम नौकर न समझो। ये बहुत बड़े आदमी है और यहाँ एक बहुत बड़ी पोस्ट पर काम करते हैं। मैंने सोंचा था की यह बात मैं तुमको तब बताऊंगी जब तुम्हे लौड़ा पसंद आ जायेगा। मेरी बात सुनकर नेहा और मस्ती से लौड़ा चूसने लगी। बोली हाय
दूसरे दिन मैंने कहा बाबू जी आज रोहित की बीवी चोदोगे ? देखो रोहित भी अभी एक हफ्ते के लिए विदेश गया है। उसकी बीवी रोहिणी बड़ी चुदक्कड़ है। वह पराये मर्दों से खूब धकाधक चुदवाती है। मैंने अभी तक उसकी बुर ४ लोगों से चुदवा चुकी हूँ। कल उसने मुझसे कहा की यार रूपा कोई लौड़ा पेलो न मेरी चूत में। मैंने कहा हां यार पेल दूँगी। चिंता न करो। ऐसा लौड़ा पेलूँगी की तेरी बुर एक ही दिन में भोसड़ा बन जाएगी। बाबू जी ने कहा ठीक है मैं चलूँगा रोहिणी की बुर चोदने। रोहिणी २६ साल की एक बेहद खूबसूरत बीवी है। वह बड़ी मस्ती से पराये मर्दों से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती है और झड़ता हुआ लण्ड खूब पीती है। बाबू जी भी उसे चोद कर मस्त हो गए।
फिर मैंने कहा - अरे बाबू जी आज तो मेरी माँ का भोसड़ा चोद लो।
वह बोला - तो फिर चलो आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगा।
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