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उसका लण्ड भी अपने कब्जे में ले लूंगी - Uska Land bhi apne kabje me le lungi
उसका लण्ड भी अपने कब्जे में ले लूंगी - Uska Land bhi apne kabje me le lungi , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
तू बुर चोदी मेरी नंद हो गई अम्मी जान और अब्बू जान हो गया मेरा नंदोई ? अब बोलो मैं अपनी नन्द की बुर चोदूँ की नंदोई का लण्ड? अम्मी ने भी उसी अंदाज़ में जबाब दिया - हां मैं बुर चोदी तेरी नन्द को गई, बेटी। अब तो तू भोसड़ी की ज़ोया अपनी नन्द की बुर भी चोद ले और अपने नंदोई का लण्ड भी। तुझे कौन भोसड़ी वाली मना कर सकती है। अब तो तुझसे तेरी शादी हो जाने के बाद चोदा चोदी का रिस्ता ही बन गया है। मैं तेरी रिश्ते में नन्द हो गई और तू मेरी छोटी भाभी। अब तो तू मेरी बुर चोदेगी और मैं तेरी बुर चोदूँगी। लेकिन मैं अपनी भाभी की बुर चोदने में कोई कसर उठा नहीं रखूंगी। एक से एक बेहतरीन लण्ड पेलूँगी मैं अपनी भाभी की बुर में ? तब तक पीछे से एक आवाज़ आई लण्ड तो मैं भी पेलूँगी दीदी तेरी छोटी भाभी की बुर में ? मैं भी तो उसकी नन्द हुई और वह मेरी भाभी। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला जान थीं। यानी मेरी अम्मी की छोटी बहन ? मैंने कहा अरे वाह तू भी मेरी नन्द हो गयी बुर चोदी खाला जान ? और तेरा शौहर यानी मेरा खालू बहन चोद हो गया मेरा नंदोई। अब तो मैं उसका लण्ड भी अपने कब्जे में ले लूंगी। मैं इस दूसरे रिश्ते का मज़ा जरूर लूटूँगी। तब तक मेरी फूफी जान भी आ गयी और बोली नहीं ज़ोया दोहरा नहीं तिहरा रिस्ता हो गया है। मुझे भी अभी मालूम हुआ की तू मेरी बहू होकर आ रही है। मैंने हाय अल्ला, ये कितने रिश्ते बनते जा रहें हैं, फूफी जान ? अगर मैं तेरी बहू होकर आ रही हूँ तो अम्मी की भी बहू हुई मैं, खाला की भी बहू हुई मैं। ये दोनों भी मेरी सास हुई और इनके शौहर मेरे ससुर ? मेरी अम्मी, अम्मी के साथ साथ मेरी नन्द भी हैं और मेरी सास भी ? मेरी खाला भोसड़ी की मेरी खाला होने के साथ साथ मेरी नन्द भी है और मेरी सास भी। फूफी ने कहा हां ज़ोया अब तो ये सब रिश्तों की खिचड़ी पकेगी ही. मैं तो तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी ज़ोया ? तेरी नन्द की चूत में लण्ड पेलूँगी और तेरी सास की गांड में लण्ड ठोंकूंगी। फूफी ने खूब जम कर मजाक किया ?
उसने फिर कहा - देखा न ज़ोया ? एक शादी के हो जाने से जाने कितने रिश्ते बदल जातें हैं। यह हमारे मुस्लिम समाज में होता है क्योंकि हमारे यहाँ नजदीकी रिश्तों में शादियां हो जाती हैं। इन शादियों से चोदा चोदा के रिश्ते बढ़ जातें हैं। इसलिए हमारे यहाँ चुदाई पर कोई पाबन्दी नहीं होती। जिसकी चाहो उसकी बुर चोदो। जिसका चाहो उसका लण्ड पेलो। कोई न बुरा मानती है और न बुरा मनाता है। मैंने कहा हां फूफी जान तुम बिलकुल सच कह रही हो। अब बताओ मेरा अब्बू मेरा नंदोई है। मैं तो अपने नंदोई के लण्ड पर बैठूंगी जरूर। खालू के लण्ड पर बैठूंगी जरूर। उधर फूफा मेरे ससुर हो गया। मैं तो ससुर का भी लण्ड चोदूँगी और सास का भोसड़ा भी ?
हमारी बात पर सब हंसने लगीं। आप सोंच रहें होंगें की मैं अम्मी से इतना खुल कर और गालियों से कैसे बातें कर लेती हूँ ? तो इसका भी एक मजेदार किस्सा है। मैं 19 साल की थी। पूरी तरह जवान हो गयी थी। कहीं कोई कमी नहीं थी। चूँचियाँ बड़ी बड़ी, चूतड़ बड़े बड़े, गांड बड़ी सी, जाँघे मोटी मोटी और घनी घनी काली झांटो वाली चूत सब कुछ तो था मेरे पास। अब मुझे लण्ड की सख्त जरुरत थी। मैं कॉलेज के लड़कों एक लण्ड पकड़ने लगी थी। कभी बाथरूम में कभी सिनेमा हाल में। मुझे अच्छा लगने लगा था। मैं जब किसी जवान लड़के को देखती थी या फिर किसी मरद को देखती थी तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती थी । एक दिन घर में मैं, मेरी अम्मी जान और खालू जान थे। रात के १२ बजे थे। मैं बिस्तर से उठी और बाथ रूम से जा रही थी तभी खालू ने मुझे बुलाया। मैंने देखा की वह नंगे बदन केवल पैजामा पहने लेटा है। पैजामे का नाड़ा खुला है। उसने कहा ज़ोया ज़रा इधर आ मेरे सामने। मैंने सामने चली गयी। उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने लण्ड पर रख कर बोला इसे ज़रा पकड़ लो। मैंने हाथ खींच लिया।
मैं उसकी मंशा समझ गयी। मैंने कहा खालू ये क्या कह रहे हो ? वह बोला सही यह रहा हूँ। पकड़ तो लो इसे देखो ये क्या चीज है ? उसने मेरा हाथ जोर से अपने लण्ड पर रख दिया। मन तो मेरा भी था लेकिन मैं नखरे करती हुइ बोली नहीं खालू मैं सोने जा रही हूँ। उसने कहा नहीं तुम नहीं जा सकती। देखो तो पकड़ के तुम्हे भी अच्छा लगेगा। इतने में उसने अपना लण्ड आधा बाहर निकाल लिया। उसका लण्ड देख कर और लण्ड का सुपाड़ा देख कर मैं ललचा गयी। मेरे मुंह में पानी आ गया। इतना बड़ा लण्ड तो मेरे किसी दोस्त का नहीं है। तब तक वह बोला अरी ज़ोया इसे तो तेरी अम्मी भी पकड़ती है तो तुम्हे पकड़ने में क्या हर्ज़ है ? इससे मेरी हिम्मत खुल गयी। मैंने फिर मुठ्ठी से पकड़ ही लिया लण्ड और कहा अम्मी पकड़ कर क्या करती हैं ? वह बोला अपने मुंह में लेती है, फिर अपनी चूँचियों में डालती है और बाद में अपनी बुर में लेती है। मैंने कहा अच्छा तो इसका मतलब तुम मेरी माँ चोदते हो, भोसड़ी के खालू ? बस उसने मुझे खींच कर अपने बदन से चिपका लिया और बोला आज तो मैं तेरी माँ की बेटी भी चोदूंगा ?
मैंने उसका पैजामा उतार कर फेंक दिया। वह एकदम नंगा हो गया। मैंने भी अपने कपड़े उतर डाले। मैं भी मादर चोद उसके आगे नंगी हो गयी। लेकिन दरवाजा बंद करना भूल गयी। इतने में अम्मी आ गयीं। वह मुझे देख कर बोली - तेरी माँ का भोसड़ा ज़ोया तू बुर चोदी यहाँ लण्ड चाट रही है। लगता है की जवानी का जोश कुछ ज्यादा ही उछाल मार रहा है ? मैंने कहा - अरे अम्मी जान मैंने कुछ नहीं किया ये खालू ही ,,,,,,,,,,,,, ? वह बोली हां बेटी मैं जानती हूँ ये खालू मार चोद बहुत हरामी चीज है। इसी ने तेरी फूफी की बेटी को भी लण्ड पकड़ा दिया था. ये तो तेरे चची जान का भोसड़ा चोदता है और उसकी बेटी की बुर लेता है। अम्मी की ये सब खुली खुली बातें सुन कर मेरे में जोश आ गया तो मैंने पूंछा - अच्छा अम्मी यह बताओ इसने कभी मेरी माँ का भोसड़ा चोदा है ? वह मुस्कराकर बोली - हां चोदा है और कई बार चोदा है। ऐसा कह कर अम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से ले लिया और उसकी चुम्मी लेकर मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। बोलीं अब तू भी ले ले इसके लण्ड का मज़ा ? मैं लण्ड का सुपाड़ा चूसने लगी तो वह बोली ज़ोया आज ये तेरी माँ की बिटिया की बुर लेगा। मैंने भी मस्ती से कहा अम्मी, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ?
उसी दिन से मेरी अम्मी मेरी दोस्त बन गयी। उसी दिन खालू ने मुझे मेरी अम्मी के सामने चोदा फिर उसने अम्मी को मेरे सामने चोदा। वही लण्ड जो मेरी अम्मी की बुर में घुसा मेरी भी बुर में घुसा। आगे चल कर मेरी खाला जान भी इस खेल में हमारे बीच कूद पड़ी। एक दिन मुझे मालूम हुआ की मेरी खाला जान की बेटी भी अपनी माँ चुदाने लगी है तो हम दोनों और नजदीक आ गयी। एक रात को उसने मेरी माँ की चूत में लण्ड पेला और मैंने उसकी माँ की चूत में लण्ड पेला। इस तरह हमारी हर रात रंगीन होने लगी। अब जब मेरी शादी होने वाली है तो मैं अम्मी की छोटी भाभी हो जाऊंगी और अम्मी मेरी नन्द। खाला भी बुर चोदी नन्द होगी। मेरी फूफी मेरी सास बनने वाली हैं। अब तो मुझे सबकी बुर बेधड़क चोदने का मौक़ा मिलेगा। मैं किसी भी चूत पर कोई रहम नहीं करूंग। सबकी बुर चोदूँगी और मारूंगी सबकी गांड।
आगे चल कर मेरा निकाह हो गया और मैं ससुराल चली गयी। मेरी नन्द मेरी सुहागरात के पहले ही गयी और बोली ज़ोया भाभी ये बताओ की तेरी झांटें हैं की नहीं ?
- मैंने कहा - हाय दईया नन्द रानी मैं जवान हूँ यार, मैं कोई बच्ची नहीं हूँ। झांटें तो होंगी ही और होना भी चाहिए।
- वह बोली - नहीं भाभी जान वो बात नहीं। मैं पूँछ रही हूँ की अगर झांटें बड़ी बड़ी हो तो मैं अभी ट्रिम कर दूँ क्योंकि मेरे भाई जान को छोटी छोटी झांटीं वाली चूत पसंद है।
- मैं ट्रिम करवा कर आयी हूँ मेरी जान ?
- अच्छा अब दूसरा सवाल - आज तुम कितने लण्ड से सुहागरात मनाओगी ?
- ये भी एक अजूबा सवाल है, नन्द रानी।
- नहीं भाभी अजूबा नहीं है। मैंने अपनी सुहागरात में ३ लण्ड का मज़ा लिया था वह भी अपने मियां के कहने पर।
- तो फिर तुम यह सवाल मेरे मियां से करो न की मुझसे नहीं ?
- लेकिन रज़ामंदी तो तुम्हारी ही चलेगी भाभी जान।
- मेरी चूत हर मुकाबला करने के लिए तैयार है। एक हो, दो हों, तीन हों या उससे भी अधिक लण्ड ?
- बड़ा गुमान है तुझे अपनी चूत पर भाभी जान ?
मेरी नन्द का नाम है नशा बेगम। वह मुझसे एक साल बड़ी है। उसने कहा भाभी जान तेरी सुहागरात की जिम्मेदारी हमारी है। और हमारे याहं सुहागरात में दुल्हन की इच्छा का ख्याल पहले रखा जाता है। अगर दुल्हन खुश होती है तो सुहागरात कामयाब मानी जाती है। वह बोली भाभी जान मैं हर हाल में तेरी सुहागरात कामयाब बनाना चाहती हूँ। मैंने कह ऐसा ही होगा तुम चिंता न करो मेरी नन्द रानी। उस रात जब मेरे शौहर आया तो वह बड़े नाज़ुक अंदाज़ में मेरा घूँघट उठाया। मेरा दीदार किया मेरी तारीफ की और फिर मुझे गले से लगा लिया। धीरे धीरे हम दोनों चोदा चोदी की तरफ बड़े। मैंने उसके कपड़े उतारे और उसने मेरे , हम दोनों देखते ही देखते नंगे हो गए। फिर वही हुआ जो होता है। मुझे उसका लौड़ा पसंद आया और उसकी मेरी चूत। मुझे चोद कर वह चला गया। उसके आधे घंटे के बाद मेरी नन्द नशा मेरे पास आयी।
वह बोली - भाभी जान कैसा लगा तुम्हे मेरे भाई जान का लौड़ा ? मज़ा आया की नहीं ?
मैंने जबाब दिया - बड़ा मस्त मज़ा बहुत आया।
वह बोली - अब तुम मेरे देवर से चुदवा लो प्लीज। वह सवेरे से तुम्हे चोदने के लिए तैयार बैठा है।
मैंने कहा - तुम कहती हो तो चुदवा लूंगी।
नशा ने अपने देवर को बुलाया और मुझसे मिलवाया। वह भी एक २२ साल का नौजवान लड़का था। मैं समझ गयी की इसका लौड़ा तो खूब सख्त होगा। वह बोली आरिफ भाभी जान तुमसे चुदवाने केलिए राज़ी हो गयी हैं। अब तुम कैसे चोदोगे यह तुम्हारे पर है ? मैंने तपाक से कहा जैसे तुम्हे चोदता है वैसे ही मुझे चोदेगा। क्यों आरिफ मियाँ। वह बोला हां भाभी आपने सही कहा। मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके गाल चूम लिए। वह भी मुझसे लिपट गया और बोला भाभी जान आप बहुत खूबसूरत हैं। मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किया तो नशा जाने लगी।
मैंने कहा - यार तुम कहाँ जा रही हो ?
वह बोली- मैं अपने जीजू के लण्ड पर बैठने जा रही हूँ, भाभी।
मैंने पूंछा - तो फिर तेरी दीदी क्या करेगी ?
वह बोली - वह तो खालू से चुदवा रही है, भाभी जान।
मैंने मन में कहा बाप रे बाप यहाँ भी सब भोसड़ी वाली बुर चोदी हैं।
तब तक मैं नंगी हो चुकी थी। आरिफ मेरी चूंचोयान दबाने लगा और फिर मैंने भी उसे नंगा किया। उसका लौड़ा टन्ना उठा और मेरे समें ही हिनहिनाने लगा। मैंने उसे पकड़ा और कहा यार तुझसे बड़ा तो तेरा लौड़ा है। मैंने लण्ड का सुपाड़ा चाटा और पूछा तुम अपनी भाभी की बुर कबसे ले रहे हो आरिफ ? वह बोला मैं उसकी सुहागरात के दूसरे दिन से ही मैं भाभी की बुर चोद रहा हूँ। मेरा दूसरा सवाल था की तुम और किस किस की बुर चोदते हो। वह बोला मैं खाला का भोसड़ा चोदता हूँ और उसकी बेटी की बुर। फूफी जान भी मुझसे चुदवाती है और उसकी बेटी भी मेरा लण्ड पीती है। दीदी की नन्द जब जब आती है तब तब मुझसे चुदवाकर जाती है। इसके अलावा मैं अपने दोस्तों की बीवियां भी चोदता हूँ। मैंने कहा इसका मतलब तुम भी अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाओगे। वह बोला हां बिल्कुल चुदवाऊंगा क्योंकि मैंने सबसे वादा किया है। मैंने इसी बीच उसका लौड़ा अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी।
अगले दिन सवेरे सवेरे मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली भाभी जान आपकी शादी के ख़ुशी में आज रात को चुदाई का जश्न होने जा रहा है। इसमें सभी लोग भाग लेगें। हमारे रीति रिवाज़ के मुताबिक ये जश्न दुल्हन के खैरमकदम में किया जाता है और इसमें सभी औरतें और बेटियां भाग लेतीं हैं। सारे मरद भी भाग लेते हैं। नाते रिश्ते दार भी आते हैं और वो भी चुदाई एन्जॉय करते हैं। ये जश्न बड़ी बेशर्मी से और खुल्लम खुल्ला मनाया जाता है। इसमें चोदना और चुदाना दोनों अनिवार्य है। औरतों को किसी भी तरह की गालियां देने की छूट है और मर्दों को एन्जॉय करने की। मरद गाली नहीं दे सकते। इसमें सिर्फ लण्ड और चूत का रिस्ता माना जाता है। बाकी रिश्तों की माँ का भोसड़ा ? दुल्हन का इसमें सबके लण्ड पकड़ना जरुरी होता है। वह सबके लण्ड अपनी बुर में डालती है। और मज़ा करती है। तो फिर आज रात के लिए तैयार हो जाओ भाभी जान ? मैंने कहा तू बुर चोदी नशा बड़ी अच्छी अच्छी ख़बरें लाती है।
रात के करीब १० बजे थे। तभी मुझे बाहर से आवाज़ सुनाई पड़ी - नशा जाओ और दुल्हन को यहाँ ले आओ। उसे यहाँ का नज़ारा दिखाओ ताकि वह भी यहाँ सबको नंगा नंगी देख कर बेशर्म हो जाए। फिर सबके सामने उसके कपड़े उतार कर उसे भी नंगी कर दो। दुल्हन को नंगी करने का जिम्मा नन्द का ही होता है। नशा मेरे पास आयी और बोली भाभी जान अब चलो बाहर तुम्हारा इंतज़ार हो रहा है। सब लोग तुम्हे देखना चाहते हैं। जश्न शुरू हो गया है। वह मुझे लेकर उस बड़े कमरे में आ गयी जहाँ जश्न हो रहा था। मैंने देखा की यहाँ तो बहन चोद सबके सब नंगे हैं। मरद हो चाहे औरत किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं है। सबके लण्ड दिख रहें हैं और सबकी चूत चूँचियाँ और गांड भी दिख रही है। मैं तो लण्ड देख कर सनसना उठी और सोंचने लगी ये भोसड़ी के सारे लण्ड मेरी बुर चोदेंगें तो मेरी बुर का क्या होगा ? फिर मैंने कमर कस लिया की जो होगा देखा जायेगा। मैं सबके लण्ड का तेल निकाल कर ही दम लूंगी।
नशा बोली भाभी मैं बताती हूँ की यहाँ कौन क्या कर रहा है और कौन क्या रही है ? ये दखो मेरा देवर मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा है। मेरा अब्बू मेरी नन्द की बुर लेने में जी जान से जुटा है। पूरा लौड़ा उसकी बुर में घुसेड़ रखा है अब्बू ने। मेरा अब्बू भोसड़ी का बहुत बड़ा चोदू है साला। लड़की देख कर लौड़ा बहन चोद हिनहिनाने लगता है। मेरा नंदोई मेरी भाभी की बुर चाट रहा है और भाभी उसका लण्ड चाट रही हैं। भाई जान ने अपना लौड़ा फूफी के भोसड़ा में घुसा दिया है। फूफी भी बुर चोदी खूब धकाधक चुदवाती है। उधर देखो फूफा तो खाला जान की बेटी की बूर लेने में मस्त है। खालू उसी के सामने फूफी की बेटी चोद रहा है। उसका कहना है की तुम मेरी बीवी चोदोगे तो मैं तेरी बेटी चोदूंगा। अब इधर आओ भाभी, देखो मेरी दीदी कितने मजे से फूफी के दामाद से चुदवा रही हैं। मेरा जीजू उसके सामने ही खाला का भोसड़ा चोदने में लगा हुआ है। इसी बीच नशा ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी। नशा तो पहले से ही नंगी थी। वह मुझे नंगी नंगी ही सब कुछ दिखा रही थी।
मैं ये सब देख रही थी और नशा मुझे बड़े प्यार से दिखा भी रही थी। तभी अचानक मेरी नज़र अपने अब्बू पर
भाभी जान देखो सबके लण्ड कैसे बदल गए हैं। मेरा नन्दोई अब मेरी फूफी का भोसड़ा चोदने लगा है। मेरा भाई जान अब मेरी खाला की बिटिया की बुर चोद रहा है। फूफा भोसड़ी का अपना लण्ड अपनी ही बेटी की चूत में पेले हुए है। खालू मेरी दीदी की बुर ले रहा है। फूफी का दामाद खाला का भोसड़ा चोद रहा है। मेरा जीजू मेरी माँ के ऊपर चढ़ा हुआ है। वह मादर चोद अपनी सास का भोसड़ा चोदने में लगा है।
मैं ये सब नज़ारा देख भी रही है और लण्ड अदल बदल कर चुदवा भी रही थी।
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