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दूधवाले को देखा तो चूत में खुजली हुई - Dudh wale se chut chudai
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मेरा नाम राघव है। मैं मेरठ का रहने वाला एक 25 वर्षीय युवा हूं। मेरे घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं है क्योंकि मेरे पिताजी की मृत्यु कुछ समय पहले ही हो गई और अब मुझ पर ही सारे घर की जिम्मेदारियां आ गई हैं। जिस वजह से मुझे बहुत ही तकलीफ हो रही है और अपने आप से मुझे टेंशन भी है। क्योंकि मेरी दो बहने हैं। उनकी मुझे ही शादी करनी है और मुझ पर ही उनकी सारी जिम्मेदारियां हैं। मेरी मां भी अब ज्यादा किसी से बात नहीं करती है और वह चुपचाप ही अपने कमरे में बैठी रहती है।
एक दिन मेरे चाचा ने मुझे फोन किया और कहने लगे कि तुम एक काम करो, तुम मेरे साथ मुंबई आ जाओ। मैं तुम्हें वहां पर ही नौकरी लगवा दूंगा, जिससे तुम्हारे घर का खर्चा चल जाएगा करेगा और तुम अपने घर में कुछ पैसे भी दे पाओगे। क्योंकि अब तुम पर ही सारी जिम्मेदारियां हैं और तुम्हें ही सारा घर का काम देखना है। मेरे चाचा ने हमारे लिए कुछ पैसे भिजवा दिए थे जिससे हमारा खर्चा चल रहा था।
मैंने अपने चाचा से कहा ठीक है मैं आपके पास आ जाता हूं। मैं कुछ काम कर लूंगा और घर में खर्चा भेज दिया करुंगा। अब मैं उनके पास मुंबई चला गया। जब मैं मुंबई गया तो मुझे पहले रास्ते पता भी नहीं थे और मैं सोच रहा था कैसे यहां पर मैं रहूंगा लेकिन धीरे-धीरे मुझे सब कुछ पता चलने लगा और जब समय बीतता चला गया तो मुझे अब अच्छा लगने लगा था और मेरे चाचा ने मेरी एक जगह मेरी नौकरी भी लगवा दी थी। मैं अच्छे से नौकरी कर रहा था और अपने चाचा के साथ ही उनके घर पर रहता था।
मेरे चाचा एक अच्छी कंपनी में हैं और उन्होंने कुछ वर्ष पहले ही अभी एक फ्लैट लिया है। उन्होंने जब वह फ्लैट लिया तो वह बहुत ही खुश थे और मेरे पिताजी भी मुंबई उनका फ्लैट देखने के लिए आए थे। मैं भी उनके साथ ही एक बार मुंबई आया था लेकिन अब उनकी मृत्यु हो चुकी है इसलिए मुझे कई बार अपने पिताजी की याद भी आती है और मैं सोचता रहता हूं कि काश वह अभी जिंदा होते तो हम लोग बहुत ही अच्छे से रहते। परंतु अब उनकी मृत्यु हो चुकी है इस वजह से मुझे बहुत ही तकलीफ होती है।
मैं अपने काम में ही लगा हुआ था और एक दिन मुझे एक महिला दिखाई दी। जो कि मेरे चाचा के फ्लैट के सामने ही रहती थी। वह शादीशुदा महिला थी। जब मैंने उसे देखा तो वह मुझे बहुत ही अच्छी लगी। मैं उसे देखने लगा और मुझे ऐसा लगता था कि मेरे अंदर उसके लिए कुछ फीलिंग सी आने लगी। क्योंकि वह बहुत ज्यादा सुंदर थी और मैं जब भी उसे देखता था तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। ऐसा लगता था कि काश कि मैं उससे शादी कर पाता लेकिन उसकी शादी पहले ही हो चुकी थी। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस जा रहा था तो मैं सीढ़ियों से ही जा रहा था और वह महिला भी मेरे पीछे पीछे आ रही थी। तभी उनका पैर स्लिप हो गया और वह फिसल गई। जैसे ही वह फिसली तो मैं पीछे पलटा और मैंने उन्हें पकड़ लिया। वह गिरने से बच गई। उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा और कहने लगी तुमने आज मुझे बचा लिया नहीं तो मुझे चोट लग जाती। अब वह मुझसे बात करने लगी और मैंने उनसे उनका नाम पूछ लिया।
जब मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे राधिका बताया। मैं बहुत ही खुश था उन से बात करते हुए और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा था कि मैं अब उनसे बात करने लगा हूं। उन्होंने मुझे पूछा तुम हमारे बगल में ही रहते हो। मैंने उन्हें कहा कि हां मैं आप के बगल में ही रहता हूं। वह कहने लगे, क्या वह तुम्हारे पिताजी हैं।
मैंने उन्हें बताया नहीं वह मेरे चाचा हैं। मैं उनके साथ ही रहता हूं। मेरे पिताजी का देहांत हो चुका है इस वजह से मुझे नौकरी करने यहां आना पड़ा। जब मैंने उसे अपने पिताजी के बारे में बताया तो वह बहुत ही दुखी हुई। मैंने राधिका से पूछा कि तुम्हारे साथ यहां कौन रहता है। वह कहने लगी मेरे साथ मेरी सास रहती है और मेरे पति पुणे में रहते हैं। वह हफ्ते में एक बार ही घर आते हैं। मैंने उसे कहा मैं भी यहां ज्यादा किसी को जानता नहीं हूं इसलिए मैं किसी से भी बात नहीं करता हूं। अब तुम से मेरा परिचय हो चुका है तो तुमसे ही मैं बात किया करूंगा। वह कहने लगी कोई बात नहीं, जब भी तुम्हें समय मिलता है तो तुम मेरे घर भी आ सकते हो और यदि तुम्हें कभी कहीं घूमने का मन हो तो मैं तुम्हारे साथ घूमने भी चल सकती हूं। क्योंकि मैं भी घर में अकेले अकेले बोर हो जाती हूं। यहां मेरा कोई भी दोस्त नहीं है और ना ही मैं कहीं जाती हूं। अपने ऑफिस से आने के बाद मैं भी घर पर ही रहती हूं।
जब यह बात राधिका ने मुझसे कहीं तो मैंने उसे कहा कि हम अगले हफ्ते कहीं घूमने चलेंगे। उसने मुझे कहा ठीक है हम अगले हफ्ते घूमने चल पड़ेंगे। अब वह मेरे साथ घूमने के लिए अगले हफ्ते चल पड़ी। हम लोगो ने खूब मस्ती की और वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह कह रही थी कि तुम्हारे साथ मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने कहा कि मुझे भी तुम्हारे साथ बहुत अच्छा लग रहा है। यदि तुम्हारी शादी नहीं हुई होती तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेता। यह बात सुनकर वह थोड़ा गुस्सा हो गई और कहने लगी तुम्हें मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए। मैंने उसे कहा कि इसमें कोई गलत थोड़ी है। मुझे तुम अच्छी लगती हो। इसलिए मैंने अपने दिल की बात तुम्हें कह दी। अब यदि तुम नहीं चाहते तो उसमें कोई आपत्ति वाली बात नहीं है।
राधिका और मेरी अच्छे से बात हो रही थी और वह भी मुझसे बहुत बातें किया करती थी और मुझे अक्सर फोन कर दिया करती। मुझे समझ नहीं आ रहा था। क्या वह भी मेरे लिए कुछ चाहती है या सिर्फ मैं ही उसके बारे में ऐसा कुछ सोच रहा हूं। एक दिन मैं उसके घर पर चला गया और हम लोग बैठे हुए थे। मैं उससे काफी देर से बात कर रहा था और बातों-बातों में मैंने उससे पूछ लिया, की तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो। वो कहने लगी मेरे दिल में भी तुम्हारे लिए कुछ है। परंतु मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकती और ना ही हम कोई रिलेशन रख सकते हैं। हम सिर्फ एक अच्छे दोस्त बन कर रह सकते हैं और हम दोनों के लिए यही उचित होगा। मैंने उसे कहा जब तुमने सोच लिया है तो मुझे भी उसमें कोई आपत्ति नहीं है। अब वह कहने लगी हम लोग अच्छे दोस्त बनकर तो साथ में रह सकते हैं।
जब वह इस तरीके की बात कर रही थी तो मैं उसके होठों को देख रहा था और मैंने उसके होठों को देखते देखते ही उसे कस कर पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने जब राधिका को अपनी बाहों में लिया तो वह भी मुझसे चिपकने लगी और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया। मैंने तुरंत ही उसके होंठों में अपने होठों से किस किया। मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में जैसे ही लिया तो वह मूड मे आ गई और मैंने तुरंत ही उसे वहीं जमीन पर लेटाते हुए अपने मोटे लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि में डाला तो उसके मुंह से बड़ी तेज तेज आवाज निकलने लगी और वह मेरा पूरा साथ देने लगी। उसे भी बहुत ही मजा आ रहा था वह कहने लगी कि तुम्हारा लंड लेकर तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा है।
अब मैं उसे ऐसे ही बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था और उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था मेरे शरीर से भी आग निकलने लगी। लेकिन उसके स्तन देखकर मैं उसकी तरफ आकर्षित होता जाता और मैं उसे ऐसे ही चोदे जा रहा था। उसकी योनि बहुत टाइट थी और मुझे इतना मजा आ रहा था उसे चोदने में की मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूं। मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और बड़ी तेजी से धक्का देना शुरु किया। उसकी चतडे मुझसे टकराती जाती तो मुझे बहुत ही मजा आता। उसकी चूतड पूरी लाल हो चुकी थी और मेरा शरीर भी पूरा गरम हो गया था। उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर निकल रही थी जिसे कि मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त ना कर सका और मेरा वीर्य पतन हो गया।
मेरा नाम राघव है। मैं मेरठ का रहने वाला एक 25 वर्षीय युवा हूं। मेरे घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं है क्योंकि मेरे पिताजी की मृत्यु कुछ समय पहले ही हो गई और अब मुझ पर ही सारे घर की जिम्मेदारियां आ गई हैं। जिस वजह से मुझे बहुत ही तकलीफ हो रही है और अपने आप से मुझे टेंशन भी है। क्योंकि मेरी दो बहने हैं। उनकी मुझे ही शादी करनी है और मुझ पर ही उनकी सारी जिम्मेदारियां हैं। मेरी मां भी अब ज्यादा किसी से बात नहीं करती है और वह चुपचाप ही अपने कमरे में बैठी रहती है।
एक दिन मेरे चाचा ने मुझे फोन किया और कहने लगे कि तुम एक काम करो, तुम मेरे साथ मुंबई आ जाओ। मैं तुम्हें वहां पर ही नौकरी लगवा दूंगा, जिससे तुम्हारे घर का खर्चा चल जाएगा करेगा और तुम अपने घर में कुछ पैसे भी दे पाओगे। क्योंकि अब तुम पर ही सारी जिम्मेदारियां हैं और तुम्हें ही सारा घर का काम देखना है। मेरे चाचा ने हमारे लिए कुछ पैसे भिजवा दिए थे जिससे हमारा खर्चा चल रहा था।
मैंने अपने चाचा से कहा ठीक है मैं आपके पास आ जाता हूं। मैं कुछ काम कर लूंगा और घर में खर्चा भेज दिया करुंगा। अब मैं उनके पास मुंबई चला गया। जब मैं मुंबई गया तो मुझे पहले रास्ते पता भी नहीं थे और मैं सोच रहा था कैसे यहां पर मैं रहूंगा लेकिन धीरे-धीरे मुझे सब कुछ पता चलने लगा और जब समय बीतता चला गया तो मुझे अब अच्छा लगने लगा था और मेरे चाचा ने मेरी एक जगह मेरी नौकरी भी लगवा दी थी। मैं अच्छे से नौकरी कर रहा था और अपने चाचा के साथ ही उनके घर पर रहता था।
मेरे चाचा एक अच्छी कंपनी में हैं और उन्होंने कुछ वर्ष पहले ही अभी एक फ्लैट लिया है। उन्होंने जब वह फ्लैट लिया तो वह बहुत ही खुश थे और मेरे पिताजी भी मुंबई उनका फ्लैट देखने के लिए आए थे। मैं भी उनके साथ ही एक बार मुंबई आया था लेकिन अब उनकी मृत्यु हो चुकी है इसलिए मुझे कई बार अपने पिताजी की याद भी आती है और मैं सोचता रहता हूं कि काश वह अभी जिंदा होते तो हम लोग बहुत ही अच्छे से रहते। परंतु अब उनकी मृत्यु हो चुकी है इस वजह से मुझे बहुत ही तकलीफ होती है।
मैं अपने काम में ही लगा हुआ था और एक दिन मुझे एक महिला दिखाई दी। जो कि मेरे चाचा के फ्लैट के सामने ही रहती थी। वह शादीशुदा महिला थी। जब मैंने उसे देखा तो वह मुझे बहुत ही अच्छी लगी। मैं उसे देखने लगा और मुझे ऐसा लगता था कि मेरे अंदर उसके लिए कुछ फीलिंग सी आने लगी। क्योंकि वह बहुत ज्यादा सुंदर थी और मैं जब भी उसे देखता था तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। ऐसा लगता था कि काश कि मैं उससे शादी कर पाता लेकिन उसकी शादी पहले ही हो चुकी थी। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस जा रहा था तो मैं सीढ़ियों से ही जा रहा था और वह महिला भी मेरे पीछे पीछे आ रही थी। तभी उनका पैर स्लिप हो गया और वह फिसल गई। जैसे ही वह फिसली तो मैं पीछे पलटा और मैंने उन्हें पकड़ लिया। वह गिरने से बच गई। उन्होंने मुझे शुक्रिया कहा और कहने लगी तुमने आज मुझे बचा लिया नहीं तो मुझे चोट लग जाती। अब वह मुझसे बात करने लगी और मैंने उनसे उनका नाम पूछ लिया।
जब मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे राधिका बताया। मैं बहुत ही खुश था उन से बात करते हुए और मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा था कि मैं अब उनसे बात करने लगा हूं। उन्होंने मुझे पूछा तुम हमारे बगल में ही रहते हो। मैंने उन्हें कहा कि हां मैं आप के बगल में ही रहता हूं। वह कहने लगे, क्या वह तुम्हारे पिताजी हैं।
मैंने उन्हें बताया नहीं वह मेरे चाचा हैं। मैं उनके साथ ही रहता हूं। मेरे पिताजी का देहांत हो चुका है इस वजह से मुझे नौकरी करने यहां आना पड़ा। जब मैंने उसे अपने पिताजी के बारे में बताया तो वह बहुत ही दुखी हुई। मैंने राधिका से पूछा कि तुम्हारे साथ यहां कौन रहता है। वह कहने लगी मेरे साथ मेरी सास रहती है और मेरे पति पुणे में रहते हैं। वह हफ्ते में एक बार ही घर आते हैं। मैंने उसे कहा मैं भी यहां ज्यादा किसी को जानता नहीं हूं इसलिए मैं किसी से भी बात नहीं करता हूं। अब तुम से मेरा परिचय हो चुका है तो तुमसे ही मैं बात किया करूंगा। वह कहने लगी कोई बात नहीं, जब भी तुम्हें समय मिलता है तो तुम मेरे घर भी आ सकते हो और यदि तुम्हें कभी कहीं घूमने का मन हो तो मैं तुम्हारे साथ घूमने भी चल सकती हूं। क्योंकि मैं भी घर में अकेले अकेले बोर हो जाती हूं। यहां मेरा कोई भी दोस्त नहीं है और ना ही मैं कहीं जाती हूं। अपने ऑफिस से आने के बाद मैं भी घर पर ही रहती हूं।
जब यह बात राधिका ने मुझसे कहीं तो मैंने उसे कहा कि हम अगले हफ्ते कहीं घूमने चलेंगे। उसने मुझे कहा ठीक है हम अगले हफ्ते घूमने चल पड़ेंगे। अब वह मेरे साथ घूमने के लिए अगले हफ्ते चल पड़ी। हम लोगो ने खूब मस्ती की और वह बहुत ज्यादा खुश थी। वह कह रही थी कि तुम्हारे साथ मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने कहा कि मुझे भी तुम्हारे साथ बहुत अच्छा लग रहा है। यदि तुम्हारी शादी नहीं हुई होती तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेता। यह बात सुनकर वह थोड़ा गुस्सा हो गई और कहने लगी तुम्हें मेरे बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए। मैंने उसे कहा कि इसमें कोई गलत थोड़ी है। मुझे तुम अच्छी लगती हो। इसलिए मैंने अपने दिल की बात तुम्हें कह दी। अब यदि तुम नहीं चाहते तो उसमें कोई आपत्ति वाली बात नहीं है।
राधिका और मेरी अच्छे से बात हो रही थी और वह भी मुझसे बहुत बातें किया करती थी और मुझे अक्सर फोन कर दिया करती। मुझे समझ नहीं आ रहा था। क्या वह भी मेरे लिए कुछ चाहती है या सिर्फ मैं ही उसके बारे में ऐसा कुछ सोच रहा हूं। एक दिन मैं उसके घर पर चला गया और हम लोग बैठे हुए थे। मैं उससे काफी देर से बात कर रहा था और बातों-बातों में मैंने उससे पूछ लिया, की तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो। वो कहने लगी मेरे दिल में भी तुम्हारे लिए कुछ है। परंतु मैं तुमसे शादी तो नहीं कर सकती और ना ही हम कोई रिलेशन रख सकते हैं। हम सिर्फ एक अच्छे दोस्त बन कर रह सकते हैं और हम दोनों के लिए यही उचित होगा। मैंने उसे कहा जब तुमने सोच लिया है तो मुझे भी उसमें कोई आपत्ति नहीं है। अब वह कहने लगी हम लोग अच्छे दोस्त बनकर तो साथ में रह सकते हैं।
जब वह इस तरीके की बात कर रही थी तो मैं उसके होठों को देख रहा था और मैंने उसके होठों को देखते देखते ही उसे कस कर पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया। मैंने जब राधिका को अपनी बाहों में लिया तो वह भी मुझसे चिपकने लगी और उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया। मैंने तुरंत ही उसके होंठों में अपने होठों से किस किया। मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में जैसे ही लिया तो वह मूड मे आ गई और मैंने तुरंत ही उसे वहीं जमीन पर लेटाते हुए अपने मोटे लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने मोटे लंड को उसकी योनि में डाला तो उसके मुंह से बड़ी तेज तेज आवाज निकलने लगी और वह मेरा पूरा साथ देने लगी। उसे भी बहुत ही मजा आ रहा था वह कहने लगी कि तुम्हारा लंड लेकर तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा है।
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