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कोई ऐसा लण्ड पेलो की वह तिलमिला उठे - Koi aisa land pelo ki vo tilmila uthe
कोई ऐसा लण्ड पेलो की वह तिलमिला उठे - Koi aisa land pelo ki vo tilmila uthe , लंड अंदर मस्ती बाहर , Sexy Love Stories , चूत फाड़ दो , गांड के चिथड़े उड़ा दो , मुंह में पूरा ठोक दो , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
शादी के बाद मुझे ससुराल आये हुए मुझे एक महीने हो चुका था । इस एक महीने में मैं बहुत कुछ जान चुकी थी और बहुत कुछ समझ भी चुकी थी। मर्द हो चाहे औरत मैं सबके नेचर के बारे में, सबके हाव भाव के बारे में, सबके चाल चलन के बारे में और सबकी बात चीत के बारे में अच्छी तरह जान चुकी थी। मेरी शादी एक नजदीकी रिश्ते में हुई है जैसा की हम मुसलमानों में होता है इसलिए मुझे सबके बारे में जाने और समझने में कोई देर नहीं लगी। मैं बहुत जल्दी सबसे घुल मिल भी चुकी थी और सबसे अच्छी बात यह थी की सब लोग मुझसे खुल कर बातें भी करने लगीं थीं। मैं सबका ख्याल रखने लगी और सब लोग मेरा ख्याल रखने लगे। मैं भी बहन चोद धीरे धीरे खुलती गयी, बोल्ड होती थोड़ा थोड़ा हर रोज़ बेशरम भी होती गयी। मैंने देखा की हमारी ससुराल में खुल कर बात करने का, गन्दी गन्दी बातें करने का, हंसी मजाक करने का और प्यार से गाली गलौज करने का रिवाज़ है। सब लोग आपस में मिलजुल कर रहतें हैं और एन्जॉय करते हैं। मेरे माईके में भी यही माहौल है इसलिए मैं सच में बहुत खुश हूँ। मैं इस घर की बहू हूँ मेरा नाम सबीना है। मेरी सास हैं मुमताज़ बेगम और मेरी नन्द का नाम है शन्नो। मैं बड़ी चंचल और शोख़ मिज़ाज़ की हूँ, हंस मुख हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी भी हूँ। मुझे लण्ड पकड़ने की आदत १५ साल की उम्र में हो गयी थी यह बात मेरी अम्मी जान को मालूम हो गयीं थी लेकिन उसने मुझे कुछ कहा नहीं। मैं उसी उम्र में गाली देना भी सीख गयी थी क्योंकि मेरे घर में गालियों का माहौल भी था।
मेरी अम्मी गालियों से बात करती थीं। अब्बू जान तो बिना बहन चोद कहे कुछ बोलते ही नहीं थे। मेरी खाला, फूफी जान और उनकी बेटियां सब की सब अक्सर प्यार से एक दूसरे को गाली दे देती थीं। इसका असर मुझ पर भी पड़ा । मैं भी गालियां देने लगी । इसी बीच मैंने कई बार अम्मी को गैर मर्दों से चुदवाते हुए देखा था। अम्मी को खालू से चुदवाते हुए देखा था, खाला जान को अब्बू का लण्ड पीते हुए देखा था। फूफी जान को अपने देवर से चुदवाते हुए देखा और भाभी जान को अपने जीजू का लौड़ा चाटते हुए देखा था। मैं अक्सर रात में उठ कर इधर उधर झांका करती थी तो मुझे कहीं न कहीं किस न किसी की चुदाई देखने को मिल ही जाती थी। अम्मी को मालूम हो गया था की मैंने उसे गैर मर्दों से चुदवाते हुए देख लिया है । फिर वह मुझसे खुल कर बातें करने लगीं थी।
एक दिन बोलीं तू भोसड़ी की सबीना छुप छुप कर सबकी चुदाई देखती है ? तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? चोदना और चुदाना कोई गन्दा काम तो है नहीं और न ही कोई गुनाह है बेटी सबीना। चुदाई तो आपस में प्यार की निशानी है। मैं जब १८ + की हुई तो अम्मी ने मुझे एक दिन लण्ड खुद ही पकड़ा दिया था और तभी से मैं माँ चुदाने लगी थी। हमारे समाज में चोदा चोदी एक आम बात है। हुआ यह था की मैं जब कॉलेज से घर आई तो देखा की अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैंने अपनी ड्रेस चेंज की और खिड़की से झाँकने लगी. मैंने देखा की अम्मी जान एकदम नंगी नंगी सोफा पर बैठी हुई हैं। उसके बगल में एक आदमी भी नंगा बैठा है। मैं उसे पहचानती नहीं थी। उसका लौड़ा खड़ा था और लौड़ा साला बड़ा जबरदस्त था। मेरे मुंहे से लार टपकने लगी। मेरा मन हुआ की मैं अभी अंदर घुस कर लण्ड मुंह में रख लूं। अचानक अम्मी ने मुझे देख लिया तो उसने कहा अरी भोसड़ी की सबीना झाँक क्यों रही है अंदर आ जा। मैं अंदर घुस गयी तो वह मुझे लण्ड दिखाते हुए बोली ले बुर चोदी सबीना पकड़ के देख अंकल का लण्ड ?
मैंने आगे बढ़ी और थोड़ा झिझकी तो वह बोली अब तू नाटक मत कर मैं जानती हूँ की तू लड़कों के लण्ड पकड़ती है, लण्ड का मुठ्ठ मारती है और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती है तू ? मुझसे कुछ भी छुपा नहीं है। अब तू जवान हो गयी है। लण्ड पीने वाली हो गयी है और माँ चुदाने वाली हो गयी है। मैंने फिर लपक कर पकड़ लिया लण्ड। अम्मी ने मेरे कपड़े उतारते हुए कहा बेटी सबीना लण्ड नंगी होकर पकड़ने में ज्यादा मज़ा आता है। फिर वह भी मेरे साथ लण्ड और लण्ड के पेल्हड़ चाटने लगीं। उसी दिन अम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से अपने भोसड़ा में पेलवाया। फिर क्या था मैं बेधड़क चुदाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? उसके बाद अम्मी ने वही लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दिया तो मैं भी चुदाना सीख गयी। मैं ससुराल में आयी तो यहाँ भी मुझे वही माहौल मिला जो मेरे माईके में था।
एक दिन मेरी सास मेरे पास आयी और बोली - आज तेरी नन्द की बुर फटेगी, बहू रानी ? तेरी नन्द बुर चोदी बहुत बड़ी चालक बनती है। सबकी चूत में लण्ड पेला करती है और फिर भाग जाती है। अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देती है और चली जाती है। हम लोगों को उसकी चूत में लण्ड पेलने में बड़ी मुश्किल होती है। वह सबकी बुर चोदती है और अपनी बुर चुदवाने में आना कानी करती है। ऐसा नहीं की उसे लण्ड पसंद नहीं है। पर वह नाटक करती है भोसड़ी वाली। तुम इस घर की बहू हो वह तेरी नन्द ? आज तुझे उसकी चूत फाड़नी है बहू रानी ? कोई ऐसा लण्ड पेलो की वह तिलमिला उठे ?
सास की मजे दार बात सुनकर मैं अंदर से गन गना उठी। लेकिन मैंने कहा सासू जी मेरे पास लण्ड तो है ही नहीं। मैं घुसेड़ूँगी क्या ? वह बोली अरे बहू रानी लण्ड तो मैं दूँगी, तुझे तो बस अपनी बुर चोदी नन्द की बुर में पेल देना है। तब तक मेरी नन्द शन्नो आ गयी। वह भी बड़े सेक्सी मूड में थी।
नन्द आते ही बोली - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? तुझे मालूम है भाभी जान, की तेरी सास कितनी बड़ी हरामजादी है, कितनी बड़ी छिनार है और कितनी बड़ी चुदक्कड़ है बुर चोदी। उसका भोसड़ा जाने कितने लण्ड खा चुका है और आज भी लण्ड खाने के लिए उसका मुंह खुला रहता है। तेरी मादर चोद सास अपनी नन्द के भोसड़ा में और अपनी बहन के भोसड़ा में लण्ड घुसाया करती है ? इतना ही नहीं वह घर की सब बहू बेटियों की बुर में भी लण्ड पेला करती है। तुम ज़रा उससे बच कर रहना भाभी जान। मैं तो कहती हूँ भाभी जान आज तुम उसका भोसड़ा चोद डालो। ऐसा कोई लण्ड पेल दो उसके भोसड़ा में भाभी जान की उसकी गांड फट जाये।
मैंने कहा अरे नन्द रानी मेरे पास तो ऐसा कोई लण्ड है ही नहीं। वह बोली लण्ड का इंतज़ाम तो मैं करूंगी भाभी जान तुम्हे तो बस अपनी सास के भोसड़ा में पेल देना है। मैं दोनों की मस्त मस्त बातें सुनकर समझ गयी की इन दोनों माँ बेटी में अगाध प्रेम है। दोनों में एक दूसरे के लिए बेहद मोहब्बत है और दोनों मिलकर खूब एन्जॉय करती हैं।
शाम हुई तो घर में हलचल होने लगी. मेरी सास और नन्द दोनों बहुत खुश नज़र आ रही थीं, रात में एक बड़े कमरे में चुदाई का सारा इंतज़ाम किया गया। सास बहू नन्द हम तीनो एक ही कमरे में एक साथ ही सोतीं हैं। तो हमें मालूम होता है रात को कौन क्या क्या करती है ? थोड़ी देर में सास एक आदमी को लेकर मेरे पास आयीं और कहा बहू रानी देख ये है अब्बास अली। मेरी सहेली का शौहर। इसका लौड़ा बड़ा बेहतरीन है। मोटा तगड़ा और लम्बा चौड़ा है। इसी का लौड़ा पेल देना अपनी नन्द की बुर में। चोद डालना अपनी बुर चोदी नन्द की बुर ? फाड़ डालना उसकी बुर ? उसे भी पता चले की मेरी भाभी कितनी बड़ी लौड़ा पेलने वाली औरत है ? मैंने उसका चेहरा देखा और समझ गयी की मेरी सास ने इससे अपना भोसड़ा खूब चुदवाया होगा। वह गयी तो नन्द आ गयी। उसके साथ एक मस्त जवान हैंडसम और हट्टा कट्टा तगड़ा तंदुरुस्त लड़का था। उसे देख कर तो मेरी चूत ससुरी गीली हो गयी। नन्द बोली भाभी ये है मेरा बॉय फ्रेंड अनीस। इसका लौड़ा बड़ा जबरदस्त है। इसे अपनी सास के भोसड़ा में ठोंक देना। बाकी तो ये खुद ही फाड़ डालेगा तेरी सास का भोसड़ा। तेरी सास को पता चलना चाहिए की उसकी बहू अब उसकी गांड में ठोंका करेगी लण्ड ?
शाम को जब मैं सास और नन्द के साथ मैं बैठ गयी तो हमारे सामने अब्बास अली और अनीस भी बैठ गए। सबको मालूम था की अब क्या होने वाला है ? किसी से कुछ भी छुपा नहीं था। तभी सास ने मेरा हाथ पकड़ कर अब्बास अली के लण्ड पर रख दिया। मुझे एहसास हुआ की लौड़ा साला खड़ा हुआ है। सास फिर मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरी चूँचियाँ खुली तो दोनों मरद मस्त हो गए। फिर मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत भी खुल गयी। वह बड़ी सेक्सी लग रही थी। तब मैंने भी सास का भोसड़ा सबको खोल कर दिखा दिया। उसके बाद मैं नन्द की तरफ बढ़ी। तब तक मैं बड़ी बेशरम हो चुकी थी। बोल्ड हो चुकी थी। मैंने नन्द को बुरी तरह नंगी कर दिया। मैंने कहा जब मैं नंगी हो सकती हूँ, तेरी माँ भोसड़ी वाली नंगी हो सकती है तो फिर तू क्यों नहीं होगी नंगी ? वह जब नंगी हुई तो दोनों मरद साल पागल हो गए।
मैंने सबसे पहले अब्बास का लौड़ा पकड़ लिया और कहा बाप रे बाप बहुत बड़ा लौड़ा है बहन चोद ? मोटा भी ै और खूबसूरत भी। मैंने उसे खूब चूमा और चाटा फिर उसे अपनी नन्द के मुंह में घुसेड़ दिया। वह लण्ड मजे से चूसने लगी और दूसरे हाथ से पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने फिर अनीस का लौड़ा पकड़ा . वह भी मादर चोद अब्बास के लौड़े से कम नहीं था। मैंने मन में कहा नन्द भोसड़ी वाली बहुत बढ़िया लण्ड ढूंढ कर लायी है। मैंने उसे खूब चूमा उसके सुपाड़े की कई चुम्मियाँ लीं और जबान निकाल कर चाटा भी। बिना झांट का लौड़ा मुझे बहुत ही पसंद आया। मैंने फिर उसे अपनी सास को पकड़ा दिया। सास भोसड़ी की ख़ुशी ख़ुशी लण्ड पकड़ कर मस्ती करने लगी। मेरे पास दो लण्ड थे। मैंने दोनों लण्ड दे दिया अब मैं बिना लण्ड के अपनी चूँचियाँ दबाने लगी। फिर मैं झुक कर नन्द की बुर चाटने लगी।
पीछे से मेरी गांड उठी हुई थी। मैंने अब्बास का लण्ड नन्द की बुर में पेल दिया। नन्द बोली हाय भाभी जान इतना मोटा लण्ड तूने मेरी ही चूत में घुसा दिया। उधर मैंने अनीस का लौड़ा सास के भोसड़ा में ठोंक दिया। वह भी मादर चोद भकर भकर चुदवाने लगी। मैं समझ गई की ये दोनों माँ बेटी बड़ी बेशर्म हैं, छिनार हैं बेहाया हैं और गज़ब की चुदक्कड़ हैं। मैंने अब्बास के चूतड़ दबा कर कहा पूरा पेल दे लण्ड मेरी नन्द की बुर में। फाड़ डाल मेरी नन्द की बुर। चीर दे मेरी नन्द की बुर। इसकी माँ का भोसड़ा साली इसकी बुर बहुत तंग करती है इसे। उधर मैं अनीस के ऊपर चढ़ गयी और उसके साथ सास का भोसड़ा चोदने लगी। मैंने कहा भोसड़ी की मुमताज़ मेरी सास आज मैं तेरा भोसड़ा फाड डालूंगी। आज मैं बता दूँगी की तेरी बहू बुर चोदी कितनी हरामजादी है ? तेरा भोसड़ा फाड़ूंगी और तेरी बिटिया की बुर फाड़ूंगी। शन्नो सुन तू भी सुन ले माँ की लौड़ी। आज मैं तेरी बुर चोद रही हूँ कल मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी।
नन्द बोली - वाह भाभी जान वाह ! मज़ा आ गया। आज तो मेरी बुर जरूर फटेगी। तुम तो हम लोगों से ज्यादा मस्त हो। मुझे तो ऐसी ही भाभी चाहिए थी जो मेरी बुर चोदे और मेरे बाप का लण्ड चोदे ?
सास बोली - हां सबीना मुझे भी ऐसी ही बहू चाहिए थी जो मेरा भोसड़ा चोदे और मेरी बिटिया की बुर चोदे। तू तो बहुत ज्यादा वाली बहू है। आज तो मेरा भोसड़ा जरूर फटेगा।
तब तक किसी ने लण्ड मेरी चूत में पीछे से पेल दिया। मुझे एहसास हुआ की लण्ड मोटा है। मैं जोर से चिल्लाई कौन है भोसड़ी का ? किसने मेरी बुर में लौड़ा पेल दिया ? कौन है ये साला हरामी ? इसकी माँ की चूत ? इसकी बहन का लण्ड ? सामने से चोदने में तेरी गांड फटती है क्या ?
इतने में नन्द बोली - अरे भाभी जान, ये मेरा शौहर है ज़फर। इसी ने लण्ड तेरी चूत में पेल दिया है।
मैंने कहा - तो फिर चुपके चुपके क्यों पेला। सामने आके पेल देता। मैं क्या मना कर देती ?
नन्द ने कहा - मना तो अब तेरा बाप भी नहीं कर पाता भाभी जान ? आज तू मेरी बुर फाड़ रही है।. मेरी माँ की बुर भी फाड़ रही है तो मैं क्या अपनी झांटें उखाडूँगी। मैं भी फाड़ूंगी तेरी बुर। इसीलिए मैंने अपने मियां को बुला लिया है। अब उसका लण्ड तेरी बुर फाड़ेगा। मैं भी मजे से अपने नंदोई से अपनी बुर फड़वाने लगी। हम तीनो सास बाहूणंद एक दूसरे के सामने चुदवाने लगीं। मस्ती का माहौल था। लण्ड तीनो एक से बढ़कर एक थे। हम तीनो की चूत टाइट थी तो ऐसे में मज़ा आना ही था।
थोड़ी देर में सास ने ज़फर का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर अपनी बुर में पेल लिया। मैंने मन में कहा देखो सास मादर चोद कीतनी बेशरम है। अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। उसे ज़रा सी भी शर्म नहीं है। सास मेरा चेहरा देख कर वह बोली बहू रानी हम मुसलमान हैं हमारे यहाँ चुदाई में रिस्ता नहीं देखा जाता ? चुदाई में सिर्फ लण्ड और चूत देखी जाती है। लण्ड किसी भी चूत में घुस जाता है और चूत किसी भी लण्ड को घुसेड़ लेती है। यहाँ तो बेटी बाप का लण्ड पेल लेती है अपनी चूत में। माँ बेटे का लण्ड घुसेड़ लेती है। बहन भाई का लौड़ा घुसा लेती है और भाई अपनी बहन की बुर चोद लेता है। यहाँ सब कुछ जायज़ है बहू रानी।
मैंने कहा - हां सासू जी मैं सब जानती हूँ। इसीलिए मैं तेरा भोसड़ा चोद रही हूँ और तेरी बेटी की बुर।
उस दिन की चुदाई वास्तव में बड़ी मजे दार थी।
एक दिन मैं अपनी नन्द के साथ बैठी हुई हंसी मजाक कर रही थी। इतने में मेरी सास आ गयी।
वह बोली - बहू तेरी सास की बिटिया की बुर ? तू क्या यहाँ अपनी गांड मरा रही है ?
मैंने नन्द के कान में कहा मेरी सास तो हमेशा ही मूड में रहती हैं।
नन्द बोली - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तू क्या यहाँ हमारी झांटें उखाड़ने आयी है बुर चोदी मुमताज़ ? उधर से मैं भी बोल पड़ी - तेरी बहू की नन्द की बुर, सासू जी ? झांटें तो अब मैं तेरी उखाडूँगी।
अगले दिन मेरा खालू मेरी ससुराल आ गया। उधर से मेरी नन्द का ससुर आ गया और सास का जीजू भी आ धमका। फिर क्या रात में मेरी नन्द का ससुर मेरी सास का भोसड़ा चोदने लगा, मेरा खालू मेरी नन्द बुर लेने लगा और सास का जीजू मेरी बुर चोदने लगा।
फिर रात भर हम तीनो ने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
शादी के बाद मुझे ससुराल आये हुए मुझे एक महीने हो चुका था । इस एक महीने में मैं बहुत कुछ जान चुकी थी और बहुत कुछ समझ भी चुकी थी। मर्द हो चाहे औरत मैं सबके नेचर के बारे में, सबके हाव भाव के बारे में, सबके चाल चलन के बारे में और सबकी बात चीत के बारे में अच्छी तरह जान चुकी थी। मेरी शादी एक नजदीकी रिश्ते में हुई है जैसा की हम मुसलमानों में होता है इसलिए मुझे सबके बारे में जाने और समझने में कोई देर नहीं लगी। मैं बहुत जल्दी सबसे घुल मिल भी चुकी थी और सबसे अच्छी बात यह थी की सब लोग मुझसे खुल कर बातें भी करने लगीं थीं। मैं सबका ख्याल रखने लगी और सब लोग मेरा ख्याल रखने लगे। मैं भी बहन चोद धीरे धीरे खुलती गयी, बोल्ड होती थोड़ा थोड़ा हर रोज़ बेशरम भी होती गयी। मैंने देखा की हमारी ससुराल में खुल कर बात करने का, गन्दी गन्दी बातें करने का, हंसी मजाक करने का और प्यार से गाली गलौज करने का रिवाज़ है। सब लोग आपस में मिलजुल कर रहतें हैं और एन्जॉय करते हैं। मेरे माईके में भी यही माहौल है इसलिए मैं सच में बहुत खुश हूँ। मैं इस घर की बहू हूँ मेरा नाम सबीना है। मेरी सास हैं मुमताज़ बेगम और मेरी नन्द का नाम है शन्नो। मैं बड़ी चंचल और शोख़ मिज़ाज़ की हूँ, हंस मुख हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी भी हूँ। मुझे लण्ड पकड़ने की आदत १५ साल की उम्र में हो गयी थी यह बात मेरी अम्मी जान को मालूम हो गयीं थी लेकिन उसने मुझे कुछ कहा नहीं। मैं उसी उम्र में गाली देना भी सीख गयी थी क्योंकि मेरे घर में गालियों का माहौल भी था।
मेरी अम्मी गालियों से बात करती थीं। अब्बू जान तो बिना बहन चोद कहे कुछ बोलते ही नहीं थे। मेरी खाला, फूफी जान और उनकी बेटियां सब की सब अक्सर प्यार से एक दूसरे को गाली दे देती थीं। इसका असर मुझ पर भी पड़ा । मैं भी गालियां देने लगी । इसी बीच मैंने कई बार अम्मी को गैर मर्दों से चुदवाते हुए देखा था। अम्मी को खालू से चुदवाते हुए देखा था, खाला जान को अब्बू का लण्ड पीते हुए देखा था। फूफी जान को अपने देवर से चुदवाते हुए देखा और भाभी जान को अपने जीजू का लौड़ा चाटते हुए देखा था। मैं अक्सर रात में उठ कर इधर उधर झांका करती थी तो मुझे कहीं न कहीं किस न किसी की चुदाई देखने को मिल ही जाती थी। अम्मी को मालूम हो गया था की मैंने उसे गैर मर्दों से चुदवाते हुए देख लिया है । फिर वह मुझसे खुल कर बातें करने लगीं थी।
एक दिन बोलीं तू भोसड़ी की सबीना छुप छुप कर सबकी चुदाई देखती है ? तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? चोदना और चुदाना कोई गन्दा काम तो है नहीं और न ही कोई गुनाह है बेटी सबीना। चुदाई तो आपस में प्यार की निशानी है। मैं जब १८ + की हुई तो अम्मी ने मुझे एक दिन लण्ड खुद ही पकड़ा दिया था और तभी से मैं माँ चुदाने लगी थी। हमारे समाज में चोदा चोदी एक आम बात है। हुआ यह था की मैं जब कॉलेज से घर आई तो देखा की अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैंने अपनी ड्रेस चेंज की और खिड़की से झाँकने लगी. मैंने देखा की अम्मी जान एकदम नंगी नंगी सोफा पर बैठी हुई हैं। उसके बगल में एक आदमी भी नंगा बैठा है। मैं उसे पहचानती नहीं थी। उसका लौड़ा खड़ा था और लौड़ा साला बड़ा जबरदस्त था। मेरे मुंहे से लार टपकने लगी। मेरा मन हुआ की मैं अभी अंदर घुस कर लण्ड मुंह में रख लूं। अचानक अम्मी ने मुझे देख लिया तो उसने कहा अरी भोसड़ी की सबीना झाँक क्यों रही है अंदर आ जा। मैं अंदर घुस गयी तो वह मुझे लण्ड दिखाते हुए बोली ले बुर चोदी सबीना पकड़ के देख अंकल का लण्ड ?
मैंने आगे बढ़ी और थोड़ा झिझकी तो वह बोली अब तू नाटक मत कर मैं जानती हूँ की तू लड़कों के लण्ड पकड़ती है, लण्ड का मुठ्ठ मारती है और मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती है तू ? मुझसे कुछ भी छुपा नहीं है। अब तू जवान हो गयी है। लण्ड पीने वाली हो गयी है और माँ चुदाने वाली हो गयी है। मैंने फिर लपक कर पकड़ लिया लण्ड। अम्मी ने मेरे कपड़े उतारते हुए कहा बेटी सबीना लण्ड नंगी होकर पकड़ने में ज्यादा मज़ा आता है। फिर वह भी मेरे साथ लण्ड और लण्ड के पेल्हड़ चाटने लगीं। उसी दिन अम्मी ने लण्ड मेरे हाथ से अपने भोसड़ा में पेलवाया। फिर क्या था मैं बेधड़क चुदाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? उसके बाद अम्मी ने वही लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दिया तो मैं भी चुदाना सीख गयी। मैं ससुराल में आयी तो यहाँ भी मुझे वही माहौल मिला जो मेरे माईके में था।
एक दिन मेरी सास मेरे पास आयी और बोली - आज तेरी नन्द की बुर फटेगी, बहू रानी ? तेरी नन्द बुर चोदी बहुत बड़ी चालक बनती है। सबकी चूत में लण्ड पेला करती है और फिर भाग जाती है। अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देती है और चली जाती है। हम लोगों को उसकी चूत में लण्ड पेलने में बड़ी मुश्किल होती है। वह सबकी बुर चोदती है और अपनी बुर चुदवाने में आना कानी करती है। ऐसा नहीं की उसे लण्ड पसंद नहीं है। पर वह नाटक करती है भोसड़ी वाली। तुम इस घर की बहू हो वह तेरी नन्द ? आज तुझे उसकी चूत फाड़नी है बहू रानी ? कोई ऐसा लण्ड पेलो की वह तिलमिला उठे ?
सास की मजे दार बात सुनकर मैं अंदर से गन गना उठी। लेकिन मैंने कहा सासू जी मेरे पास लण्ड तो है ही नहीं। मैं घुसेड़ूँगी क्या ? वह बोली अरे बहू रानी लण्ड तो मैं दूँगी, तुझे तो बस अपनी बुर चोदी नन्द की बुर में पेल देना है। तब तक मेरी नन्द शन्नो आ गयी। वह भी बड़े सेक्सी मूड में थी।
नन्द आते ही बोली - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा, भाभी जान ? तेरी सास की बिटिया की बुर ? तुझे मालूम है भाभी जान, की तेरी सास कितनी बड़ी हरामजादी है, कितनी बड़ी छिनार है और कितनी बड़ी चुदक्कड़ है बुर चोदी। उसका भोसड़ा जाने कितने लण्ड खा चुका है और आज भी लण्ड खाने के लिए उसका मुंह खुला रहता है। तेरी मादर चोद सास अपनी नन्द के भोसड़ा में और अपनी बहन के भोसड़ा में लण्ड घुसाया करती है ? इतना ही नहीं वह घर की सब बहू बेटियों की बुर में भी लण्ड पेला करती है। तुम ज़रा उससे बच कर रहना भाभी जान। मैं तो कहती हूँ भाभी जान आज तुम उसका भोसड़ा चोद डालो। ऐसा कोई लण्ड पेल दो उसके भोसड़ा में भाभी जान की उसकी गांड फट जाये।
मैंने कहा अरे नन्द रानी मेरे पास तो ऐसा कोई लण्ड है ही नहीं। वह बोली लण्ड का इंतज़ाम तो मैं करूंगी भाभी जान तुम्हे तो बस अपनी सास के भोसड़ा में पेल देना है। मैं दोनों की मस्त मस्त बातें सुनकर समझ गयी की इन दोनों माँ बेटी में अगाध प्रेम है। दोनों में एक दूसरे के लिए बेहद मोहब्बत है और दोनों मिलकर खूब एन्जॉय करती हैं।
शाम हुई तो घर में हलचल होने लगी. मेरी सास और नन्द दोनों बहुत खुश नज़र आ रही थीं, रात में एक बड़े कमरे में चुदाई का सारा इंतज़ाम किया गया। सास बहू नन्द हम तीनो एक ही कमरे में एक साथ ही सोतीं हैं। तो हमें मालूम होता है रात को कौन क्या क्या करती है ? थोड़ी देर में सास एक आदमी को लेकर मेरे पास आयीं और कहा बहू रानी देख ये है अब्बास अली। मेरी सहेली का शौहर। इसका लौड़ा बड़ा बेहतरीन है। मोटा तगड़ा और लम्बा चौड़ा है। इसी का लौड़ा पेल देना अपनी नन्द की बुर में। चोद डालना अपनी बुर चोदी नन्द की बुर ? फाड़ डालना उसकी बुर ? उसे भी पता चले की मेरी भाभी कितनी बड़ी लौड़ा पेलने वाली औरत है ? मैंने उसका चेहरा देखा और समझ गयी की मेरी सास ने इससे अपना भोसड़ा खूब चुदवाया होगा। वह गयी तो नन्द आ गयी। उसके साथ एक मस्त जवान हैंडसम और हट्टा कट्टा तगड़ा तंदुरुस्त लड़का था। उसे देख कर तो मेरी चूत ससुरी गीली हो गयी। नन्द बोली भाभी ये है मेरा बॉय फ्रेंड अनीस। इसका लौड़ा बड़ा जबरदस्त है। इसे अपनी सास के भोसड़ा में ठोंक देना। बाकी तो ये खुद ही फाड़ डालेगा तेरी सास का भोसड़ा। तेरी सास को पता चलना चाहिए की उसकी बहू अब उसकी गांड में ठोंका करेगी लण्ड ?
शाम को जब मैं सास और नन्द के साथ मैं बैठ गयी तो हमारे सामने अब्बास अली और अनीस भी बैठ गए। सबको मालूम था की अब क्या होने वाला है ? किसी से कुछ भी छुपा नहीं था। तभी सास ने मेरा हाथ पकड़ कर अब्बास अली के लण्ड पर रख दिया। मुझे एहसास हुआ की लौड़ा साला खड़ा हुआ है। सास फिर मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरी चूँचियाँ खुली तो दोनों मरद मस्त हो गए। फिर मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत भी खुल गयी। वह बड़ी सेक्सी लग रही थी। तब मैंने भी सास का भोसड़ा सबको खोल कर दिखा दिया। उसके बाद मैं नन्द की तरफ बढ़ी। तब तक मैं बड़ी बेशरम हो चुकी थी। बोल्ड हो चुकी थी। मैंने नन्द को बुरी तरह नंगी कर दिया। मैंने कहा जब मैं नंगी हो सकती हूँ, तेरी माँ भोसड़ी वाली नंगी हो सकती है तो फिर तू क्यों नहीं होगी नंगी ? वह जब नंगी हुई तो दोनों मरद साल पागल हो गए।
मैंने सबसे पहले अब्बास का लौड़ा पकड़ लिया और कहा बाप रे बाप बहुत बड़ा लौड़ा है बहन चोद ? मोटा भी ै और खूबसूरत भी। मैंने उसे खूब चूमा और चाटा फिर उसे अपनी नन्द के मुंह में घुसेड़ दिया। वह लण्ड मजे से चूसने लगी और दूसरे हाथ से पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने फिर अनीस का लौड़ा पकड़ा . वह भी मादर चोद अब्बास के लौड़े से कम नहीं था। मैंने मन में कहा नन्द भोसड़ी वाली बहुत बढ़िया लण्ड ढूंढ कर लायी है। मैंने उसे खूब चूमा उसके सुपाड़े की कई चुम्मियाँ लीं और जबान निकाल कर चाटा भी। बिना झांट का लौड़ा मुझे बहुत ही पसंद आया। मैंने फिर उसे अपनी सास को पकड़ा दिया। सास भोसड़ी की ख़ुशी ख़ुशी लण्ड पकड़ कर मस्ती करने लगी। मेरे पास दो लण्ड थे। मैंने दोनों लण्ड दे दिया अब मैं बिना लण्ड के अपनी चूँचियाँ दबाने लगी। फिर मैं झुक कर नन्द की बुर चाटने लगी।
पीछे से मेरी गांड उठी हुई थी। मैंने अब्बास का लण्ड नन्द की बुर में पेल दिया। नन्द बोली हाय भाभी जान इतना मोटा लण्ड तूने मेरी ही चूत में घुसा दिया। उधर मैंने अनीस का लौड़ा सास के भोसड़ा में ठोंक दिया। वह भी मादर चोद भकर भकर चुदवाने लगी। मैं समझ गई की ये दोनों माँ बेटी बड़ी बेशर्म हैं, छिनार हैं बेहाया हैं और गज़ब की चुदक्कड़ हैं। मैंने अब्बास के चूतड़ दबा कर कहा पूरा पेल दे लण्ड मेरी नन्द की बुर में। फाड़ डाल मेरी नन्द की बुर। चीर दे मेरी नन्द की बुर। इसकी माँ का भोसड़ा साली इसकी बुर बहुत तंग करती है इसे। उधर मैं अनीस के ऊपर चढ़ गयी और उसके साथ सास का भोसड़ा चोदने लगी। मैंने कहा भोसड़ी की मुमताज़ मेरी सास आज मैं तेरा भोसड़ा फाड डालूंगी। आज मैं बता दूँगी की तेरी बहू बुर चोदी कितनी हरामजादी है ? तेरा भोसड़ा फाड़ूंगी और तेरी बिटिया की बुर फाड़ूंगी। शन्नो सुन तू भी सुन ले माँ की लौड़ी। आज मैं तेरी बुर चोद रही हूँ कल मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी।
नन्द बोली - वाह भाभी जान वाह ! मज़ा आ गया। आज तो मेरी बुर जरूर फटेगी। तुम तो हम लोगों से ज्यादा मस्त हो। मुझे तो ऐसी ही भाभी चाहिए थी जो मेरी बुर चोदे और मेरे बाप का लण्ड चोदे ?
सास बोली - हां सबीना मुझे भी ऐसी ही बहू चाहिए थी जो मेरा भोसड़ा चोदे और मेरी बिटिया की बुर चोदे। तू तो बहुत ज्यादा वाली बहू है। आज तो मेरा भोसड़ा जरूर फटेगा।
तब तक किसी ने लण्ड मेरी चूत में पीछे से पेल दिया। मुझे एहसास हुआ की लण्ड मोटा है। मैं जोर से चिल्लाई कौन है भोसड़ी का ? किसने मेरी बुर में लौड़ा पेल दिया ? कौन है ये साला हरामी ? इसकी माँ की चूत ? इसकी बहन का लण्ड ? सामने से चोदने में तेरी गांड फटती है क्या ?
इतने में नन्द बोली - अरे भाभी जान, ये मेरा शौहर है ज़फर। इसी ने लण्ड तेरी चूत में पेल दिया है।
मैंने कहा - तो फिर चुपके चुपके क्यों पेला। सामने आके पेल देता। मैं क्या मना कर देती ?
थोड़ी देर में सास ने ज़फर का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर अपनी बुर में पेल लिया। मैंने मन में कहा देखो सास मादर चोद कीतनी बेशरम है। अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। उसे ज़रा सी भी शर्म नहीं है। सास मेरा चेहरा देख कर वह बोली बहू रानी हम मुसलमान हैं हमारे यहाँ चुदाई में रिस्ता नहीं देखा जाता ? चुदाई में सिर्फ लण्ड और चूत देखी जाती है। लण्ड किसी भी चूत में घुस जाता है और चूत किसी भी लण्ड को घुसेड़ लेती है। यहाँ तो बेटी बाप का लण्ड पेल लेती है अपनी चूत में। माँ बेटे का लण्ड घुसेड़ लेती है। बहन भाई का लौड़ा घुसा लेती है और भाई अपनी बहन की बुर चोद लेता है। यहाँ सब कुछ जायज़ है बहू रानी।
मैंने कहा - हां सासू जी मैं सब जानती हूँ। इसीलिए मैं तेरा भोसड़ा चोद रही हूँ और तेरी बेटी की बुर।
उस दिन की चुदाई वास्तव में बड़ी मजे दार थी।
एक दिन मैं अपनी नन्द के साथ बैठी हुई हंसी मजाक कर रही थी। इतने में मेरी सास आ गयी।
वह बोली - बहू तेरी सास की बिटिया की बुर ? तू क्या यहाँ अपनी गांड मरा रही है ?
मैंने नन्द के कान में कहा मेरी सास तो हमेशा ही मूड में रहती हैं।
नन्द बोली - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ की चूत ? तू क्या यहाँ हमारी झांटें उखाड़ने आयी है बुर चोदी मुमताज़ ? उधर से मैं भी बोल पड़ी - तेरी बहू की नन्द की बुर, सासू जी ? झांटें तो अब मैं तेरी उखाडूँगी।
अगले दिन मेरा खालू मेरी ससुराल आ गया। उधर से मेरी नन्द का ससुर आ गया और सास का जीजू भी आ धमका। फिर क्या रात में मेरी नन्द का ससुर मेरी सास का भोसड़ा चोदने लगा, मेरा खालू मेरी नन्द बुर लेने लगा और सास का जीजू मेरी बुर चोदने लगा।
फिर रात भर हम तीनो ने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
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