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बाहर वालों के भी लण्ड का मज़ा लेना शुरू कर दो - Bahar walo se bhi chudai karwao
उस दिन मैं बड़ी मस्ती के मूड में थी। मेरे दिमाग में लण्ड बुर चूत भोसड़ा ही भरा था. मैं कुछ और सोंच ही नहीं रही थी। इतने में मेरे सामने अम्मी आ गयी। उसकी चूँचियाँ खुली थीं और वह भी एक रंडी की तरह दिख रहीं थीं। बस मेरे मुंह से निकला - तेरी बेटी की बुर, तेरी बहू की चूत, बुर चोदी अम्मी जान। वह मुस्कराई और बोली - तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी भाभी की चूत, बुर चोदी सानिया। इतने में मेरी भाभी भी दिख गयीं। वह हमारी बातें सुन रही थी। आते ही वह बोली - तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत, बुर चोदी सासू।
फिर हम तीनो खूब खिलखिलाकर हंसने लगी. हमारे घर में इसी तरह की मौज़ मस्ती होती रहती है।
ये कहानी भी एक मौज़ मस्ती की कहानी है।
अचानक खाला जान बोली - अच्छा सानिया जा तू बाहर वालों के लण्ड ले आ और चोद ले हम सबका भोसड़ा ? मैं भी तो देखूं की बाहर वालों के लण्ड कैसे होते हैं और वे भोसड़ी वाले कैसे चोदते हैं ?
अब यह एक बड़ी जिम्मेदारी मुझ पर आ गयी। मैं सोंचने लगी की मैं कैसे चार चार लण्ड इकठ्ठा कर पाऊँगी। मैं अपना दिमाग दौड़ाने लगी। अगले दिन मैंने कॉलेज के अपनी दोस्तों से ज़िकर किया की यार मुझे अपनी माँ चुदवानी है, खाला और फूफी का भोसड़ा चुदवाना है तो मुझे कोई बढ़िया मोटे तगड़े लण्ड वाले लड़के बताओ। एक ने बताया की मेरा एक दसौत है अन्थोनी उसका लौड़ा बड़ा मोटा भी है और लंबा भी। वह मेरी मॉम का भोसड़ा चोदता है तुम उसे ले सकती हो। उसस्का एक दोस्त है जिसका लौड़ा उसी के जैसा मोटा है पर मुझे उसका नाम नहीं मालूम। तुम अन्थोनी से पूंछ लेना। एक और दोस्त ने बताया यार मेरा बॉय फ्रेंड है उसका नाम है बलराज। लौड़ा उसका भी बड़ा मस्त है. चोदने में उसका कोई जबाब नहीं। बस मैंने इन दोनों से जल्दी ही मिली इनसे खुल कर बात की और ये दोनों तैयार भी हो गए।
तीसरे का नाम भी पता चल गया। वह है पीटर अन्थोनी का दोस्त। मैंने एक और दोस्त अली को भी ले लिया। मैंने चारों को इकट्ठा किया और कहा यार तुम लोग तो एक दूसरे से शरमाओगे तो नहीं ? एक दूसरे के सामने नंगे होने में और बुर चोदने में झिझकोगे तो नहीं। पीटर बोला यार सानिया तुम एक बार हम सबका लण्ड एक साथ पकड़ कर देख ले। तुझे तसल्ली हो जाएगी और हम लोगों की शर्म भी ख़तम हो जाएगी। मैं उसकी बात मान गयी और एक होटल में मीटिंग करने के बहाने चली गयी और एक कमरा बुक कर लिया। अंदर से कमरा बंद किया और बाहर बोर्ड लगा दिया - "don't disturb" मैंने एक एक करके चारों को नंगा किया। उनके लण्ड पकड़ कर हिलाये। नंगी मैं भी हो चुकी थी। फिर मैंने एक एक करके चारों लण्ड का सड़का मारा और सड़का मार कर उनका वीर्य पिया फिर लण्ड का सुपाड़ा चाटा। सच में दोस्तों, मज़ा आ गया।
अगले दिन रात को मैंने चारों को अपनी माँ चुदवाने के लिए बुला लिया। मैंने सबको अपनी अम्मी जान से मिलवाया। मैं १९ साल की थी पर अपने डील डौल से २२/२३ से कम की नहीं लगती थी। मेरी चूँचियाँ बड़ी हो गयीं है। कमर पतली और कूल्हे बड़े हो गए है। मेरे चूतड़ भी उभर आये हैं मेरी गांड सेक्सी निकल आयी है. मेरी जाँघे मोटी हो गईं है और मेरी झांटें बड़ी घनी घनी और काली काली खूबसूरत दिख रहीं हैं। मैं उन्हें ट्रिम करवाने पार्लर जाती हूँ। मेरी झांटों की देख रेख पार्लर के दो लड़के करतें हैं। मैं जब जाती हूँ तो मेरी झांटो की डिजाईन यही दो लड़के नंगे नंगे बनाते हैं और मैं उनके लण्ड का मज़ा लेती रहती हूँ। अम्मी उन चारों से मिलकर बहुत खुश हुई।
शाम को ८ बजे मैंने दारू चालू कर दी। मेरी अम्मी नसीम, बानो, मेरी आतिफा खाला और फूफी आबिदा भी हमारे साथ बैठी थीं। मैंने सबको सबसे मिलवाया। दारू के साथ साथ बातें भी होने लगीं। में कहा अम्मी जान यहाँ इन चारों में तीन तो नॉन मुस्लिम हैं और एक मुस्लिम है। आज तुम पहली बार ग़ैर मुस्लिम लण्ड के दीदार करोगी। बाहर वालों के लण्ड का मज़ा लोगी। तुम्हारे साथ साथ खाला जान को और फूफी जान को भी मज़ा आएगा। मैं थोड़ा जानबूझ करअश्लील बातें करने लगी ताकि सबकी शर्म ख़तम हो जाये। देखो चुदाई जब तक खुल कर न हो और बेशर्मी से न हो तब तक असली मज़ा नहीं आता। बातों बातों में मेरी फूफी बोली। लो जी देख लो अपनी अम्मी का भोसड़ा चुदवाने के लिए इतने लण्ड ईकठ्ठा किया है इस बुर चोदी सानिया ने ? मैंने कहा अरी मेरी फूफी जान, भोसड़ा तो मेरी अम्मी की नन्द का भी चोदा जायेगा। फूफी ने फिर मुस्कराकर कहा हां सानिया ठीक कह रही तू। भोसड़ा तो फिर तेरी माँ की बहन का भी चोदा जायेगा ?
बस इतने में माहौल गरम हो गया। मैंने पहले बलराज के लण्ड पर हाथ रखा और उसे दबाते हुए कहा यार तुम सबसे पहले अपना लण्ड हम सबको दिखाओ। मैंने उसे नंगा किया तो अध् टन्ना लांड सबके सामने खुल कर आ गया , मैं उसे हिलाया तो लौड़ा एकदम से अपने ताव पर आ गया। मैंने उसे फूफी जान को पकड़ा दिया और मैं फूफी के कपड़े उतारने लगी। जैसे वह नंगी हुई वैसे ही लौड़ा और ज्यादा फनफनाने लगा। मैंने फिर खाला की चूँचियाँ खोली और उसका भोसड़ा खोल कर सबको दिखाया। उधर अली का पजामा खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाला। वह भी मादर चोद अज़गर की तरह बाहर निकल आया और मैंने उसे खाला को पकड़ा दिया। खाला लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। मैंने फिर अन्थोनी के लण्ड पर धावा बोला। उसे नंगा किया तो वह मादर चोद अपना लण्ड हिलाने लाग। मैंने उसे अम्मी को पकड़ाया और उसके कपड़े खोल कर नंगी कर दिया। वह भी बड़े प्यार से लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी।
सबसे आखिर में मैंने पीटर का लण्ड बाहर निकाला और उसे मस्ती से हिलाती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। मैं जैसे ही नंगी हुई वैसे ही वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और निपल्स चाटने चूसने लगा। मेरी गांड़ पर हाथ फिराने लगा और मेरे गाल चूमने लगा। वह बोला हाय मेरी जान तुम बहुत खूबसूरत हो आज मैं तुझे खूब अच्छी तरह चोदूंगा। -
फूफी ने कहा - आज मैं ज़िन्दगी में पहली बार किसी नॉन मुस्लिम का लण्ड चूस रही हूँ। ये समूचा लण्ड वाकई बड़ा शानदार लग रहा है । इसका तो सुपाड़ा अपने आप बाहर निकला हुआ है। और देखो कितना खूबसूरत लग रहा है लण्ड ? इसे मुठ्ठी में लेकर ऊपर करती हूँ तो सुपाड़ा थोड़ा बंद हो जाता है और नीचे करती हूँ तो सुपाड़ा खुल जाता है। ये लुका छिपी का खेल खेलने में बड़ा मज़ा आ रहा है। ये मुस्लिम भोसड़ी वाले बिना मतलब ही अपना लण्ड कटवा लेतें हैं ?
अम्मी ने कहा - हां नन्द रानी तुम सही कह रही हो ? देखो, अन्थोनी का लण्ड भी कितना प्यारा लग रहा है। इन साले मादर चोद मुल्लाओ ने हमें कुनबे के अंदर ही बंद करके रखा है अभी तक। हमें कभी बाहर वालों के लण्ड देखने ही नहीं दिए। आज सानिया की वजह से ये दिन आया है की हम सब बाहरी दुनियां के लण्ड देख रहीं हैं। खुदा ने जितने तरह मरद बनाये हैं उतने तरह के लण्ड भी बनाये हैं। और हर लण्ड का अपना ही मज़ा है। इसलिए हम सब जितने नए नए लण्ड पकडेंगीं हमें उतना ही मज़ा आएगा।
तब तक बलराज ने लण्ड फूफी की बुर में पेल दिया और इधर अन्थोनी ने लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया। दोनों साले आमने सामने चोदने लगे भोसड़ा। मैं मस्ती से पीटर का लण्ड पेले हुए चुदवाने लगी और खाला जान ने अली का लौड़ा अपनी चूत में पेल रखा था। वह भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। सब की सब अपनी अपनी चुदाई में मस्त होने लगीं। फूफी बोली हाय अल्ला कितना अच्छा लग रहा है। तुम बलराज बहुत अच्छी तरह चोद रहे हो। और चोदो मुझे ओ हो, उई माँ कितना मज़ा आ रहा है। हो, हां , है, ही, हूँ, क्या बात है ? मेरी चूत फटी जा रही है। आज इस बुर चोदी बुर को मालूम हो रहा है की लौड़ा कैसा होता है ? उधर अम्मी ने कहा हाय दईया फाड़ डालो मेरा भोसड़ा ? पूरा पेल दो लौड़ा। चोद डालो मेरी बुर। इस बुर चोदी सानिया को बड़ा मज़ा आ रहा है अपनी माँ चुदवाने में। तू भोसड़ी की सच कह रही थी की बाहर वालों से चुदवा कर देखो। आज बाहर वाले ही मेरी चूत फाड़ रहें हैं। अभी तक मादर चोद मुझे मुल्ले ही चोदते रहे आज पहली बार कोई असली मरद चोद रहा है मुझे। बेटी सानिया तू इसी तरह बाहर वालों के लण्ड पेलती रहो और चुदवाती रहो अपनी माँ का भोसड़ा। मुहे भी बहुत अच्छा लग रहा था। पीटर भोसड़ी का मुझे खूब हचक हचक कर चोद रहा था। पूरा लण्ड पेल पेल कर चोद रहा था। उसे भी आज कोई मुस्लिम चूत मिली है। वह बोला हाय सानिया यार मुझे नहीं मालूम था की मुस्लिम लड़कियां इतनी अच्छी तरह चुदवाती हैं ? तेरी माँ भी मेरे दोस्त को मज़ा दे रही है। वह चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मुस्लिम औरतों की बुर में कोई चीज है जिससे लण्ड को बड़ा अच्छा लग रहा है। चुदाई अपने पीक पर थी। चारों का भोसड़ा खूब मजे से चुद रहा था । चुदाई की आवाजें पूरे घर में गूंज रहीं थीं। सभी मस्ती में थी और बाहरी लौंड़ों लूट रहीं थीं।
खाला बोली सानिया तूने अली का लौड़ा खूब ढूंढ कर निकाला है। मैं समझ रही थी की इसकी सफ़ेद दाढ़ी है तो इसके लण्ड में दम नहीं होगी ? लेकिन ये बहन चोद मेरी चूत का कीमा बना रहा है। इतना मोटा लण्ड साला चूत का भरता तो बना ही देता है। मेरी बेटी भी ऐसे ही मोटे मोटे लण्ड खूब पसंद करती है बुर चोदी। ऐसे ही मोटे लण्ड पेलती है मेरी चूत में। कहती है अगर माँ का भोसड़ा फाड़ना है तो फिर मोटा लण्ड पेलो उसके भोसड़ा में ? मैंने कहा तो फिर क्या करती हो खाला जान ? वह बोली मैं उससे कम नहीं हूँ। मैं भी घुसा देती हूँ मोटे मोटे लण्ड उसकी चूत में। वह मेरा भोसड़ा फाड़ती है तो मैं उसकी बुर फाड़ती हूँ। हम दोनों इसी तरह फाड़ने फड़वाने का खेल खेला करती हैं।
इतने में मैंने अम्मी के हाथ से अन्थोनी का लण्ड ले लिया और चाटने लगी। अम्मी ने खाला से अली का और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगीं। खाला ने हाथ बढाकर फूफी से बलराज का लण्ड ले लिया और उसे मुंह में डाल कर चूसने लगी। फूफी ने मेरे हाथ से पीटर का लण्ड लिया और उसे सीधे अपने भोसड़ा में पेल लिया। लण्ड की अदला बदली हुई तो मज़ा दूना आने लगा। मस्तियाँ बढ़ने लगी तो फिर चुदाई के साथ साथ प्यार से गाली गलौज भी होने लगी।
फूफी ने मुझसे कहा - सानिया, तेरी माँ का भोसड़ा तू मादर चोद भी से इतनी बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है।
मैंने कहा - फूफी जान तेरी बुर तेरी भाभी की बुर ? तेरी बुर तेरी बिटिया चूत ? तू बस देखती जा मैं आगे कैसे कैसे लण्ड पेलती हूँ तेरे भोसड़ा में। तेरी बेटी को भी शामिल करूंगी। उसी के सामने चोदूँगी तेरा भोसड़ा ?
अम्मी ने कहा - अरे सानिया ये तो मेरी नन्द है बुर चोदी। इसका तो भोसड़ा मैं फाड़ूंगी। इसकी गांड में भी ठोकूंगी लण्ड। तब इसकी गर्मी निकलेगी ?
खाला बोली - सानिया, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तेरी चूत तेरी माँ की चूत ? तेरे बाप का लण्ड बहन चोद ? मैं किसी दिन सबकी चूत में पेलूँगी तेरे बाप का लण्ड ?
हम सब इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें करती हुई रात भर और फिर दिन भर चुदवाती रहीं।
- मैंने कहा - मेरी बुर चोदी अम्मी जान एक बात तुम कान खोल कर सुन लो। अब तो मैं खुले आम
- अम्मी ने कहा - तू माँ की लौड़ी सानिया तुझे इतनी गन्दी गन्दी गालियां देने में तुझे शर्म नहीं आती ? चुदाई बंद कमरे में होती है की सड़क पर ? तुझे इतना भी नहीं मालूम ?
- मुझे सब मालूम है अम्मी जान। अब मैं बच्ची नहीं हूँ। 19 साल की हो गयी हूँ मैं। मस्त जवान हूँ और सब कुछ जानती हूँ। लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड़, चोदा चोदी सब जानती हूँ मैं। यहाँ चुदाई बंद कमरे में कहाँ होती है ? अभी कल ही तूने यहीं खुले आँगन में खालू से चुदवाया था। और तू शर्माने की बात कर रही है ? दो दिन पहले तूने फूफी के बेटे का लण्ड भी खुले आम सबके सामने अपनी चूत में पेला था ? तब तुझे शर्म नहीं आयी थी ? खुल्लम खुल्ला गैर मर्दों से चुदवाती हो और मुझे शर्माने का पाठ पढ़ाती हो। तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
- हां मैं गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। यह सबको मालूम है किसी से छुपा हुआ नहीं है। लेकिन मैं अकेली नहीं हूँ खुले आम चुदवाने वाली। यहां सभी खुले आम चुदवाती हैं , तेरी खाला जान, तेरी फूफी जान, तेरी मामी जान और इन सबकी बुर चोदी बेटियां, तेरी भाभियाँ भी खुले आम चुदवाती हैं । जब सब खुले आम चुदवाती है तो फिर शर्म किससे और क्यों ? जब सबकी सब एक ही जैसी हों तो शर्म का कोई सवाल ही नहीं उठाता ? तुझे इतना भी नहीं मालूम ? तू भोसड़ी की अपने आप को पढ़ी लिखी बताती है। तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
- तो फिर तू बंद कमरे की क्या बात कर रही है ? मैं तो देखती हूँ की यहाँ रात में सबके कमरे खुले रहतें हैं, खिड़कियां खुली रहती हैं इसीलिए न की सब लोग सबकी चुदाई देखें ?
- बंद कमरे का मतलब है की कुनबे के लोगों के अलावा कोई बाहर के लोग न आने पाएं। कुनबे में तो किसी का किसी से पर्दा नहीं है। सब भोसड़ी वाली रात में नंगी नंगी घूमती हैं। सारे मरद भी अपना अपना लण्ड हिलाते हुए नज़र आतें हैं। लेकिन कोई बाहर वाला तो नहीं होता है ?
- ये क्या अम्मी जान ? क्या बाहर वाले का लण्ड किसी दूसरी तरह का होता है ? क्या बाहर वालियों की चूत किसी अलग किसम की होती है ? क्या उसकी चूँचियाँ खुदा ने बिलकुल अलग तरह की बनायीं हैं। मैं तो कहती हूँ अब बाहर वालों से वैसे ही ब्यवहार किया जाए जैसे हम घर वालों के साथ करते हैं।
- तो क्या हम बाहर वालों के लण्ड अपनी बेटी बहू की बुर में पेल दूँ ? क्या उन्हें इज़ाज़त दे दूँ की वे हमारे घर की सब बहू बेटियों और बीवियों की बुर चोदें ? क्या बाहर वालियां आकर हमारे मर्दों से खुले आम चुदवायें ?
- हां क्यों नहीं ? बाहर वाले आएं और हमारी बुर चोदें। हमारे मरद भी बाहर वालियों की बुर चोदें। हमारे घर की औरतों को चुदवाने के लिए नए नए लण्ड मिलेंगें और उन्हें चोदने के लिए नयी नयी चूत और चूँचियाँ ? तब देखो कितना मज़ा आता है ? अरे अम्मी जान दुनियां बहुत बड़ी है। हमें बाहर निकल कर भी मज़ा लेना चाहिए ?
अचानक खाला जान बोली - अच्छा सानिया जा तू बाहर वालों के लण्ड ले आ और चोद ले हम सबका भोसड़ा ? मैं भी तो देखूं की बाहर वालों के लण्ड कैसे होते हैं और वे भोसड़ी वाले कैसे चोदते हैं ?
अब यह एक बड़ी जिम्मेदारी मुझ पर आ गयी। मैं सोंचने लगी की मैं कैसे चार चार लण्ड इकठ्ठा कर पाऊँगी। मैं अपना दिमाग दौड़ाने लगी। अगले दिन मैंने कॉलेज के अपनी दोस्तों से ज़िकर किया की यार मुझे अपनी माँ चुदवानी है, खाला और फूफी का भोसड़ा चुदवाना है तो मुझे कोई बढ़िया मोटे तगड़े लण्ड वाले लड़के बताओ। एक ने बताया की मेरा एक दसौत है अन्थोनी उसका लौड़ा बड़ा मोटा भी है और लंबा भी। वह मेरी मॉम का भोसड़ा चोदता है तुम उसे ले सकती हो। उसस्का एक दोस्त है जिसका लौड़ा उसी के जैसा मोटा है पर मुझे उसका नाम नहीं मालूम। तुम अन्थोनी से पूंछ लेना। एक और दोस्त ने बताया यार मेरा बॉय फ्रेंड है उसका नाम है बलराज। लौड़ा उसका भी बड़ा मस्त है. चोदने में उसका कोई जबाब नहीं। बस मैंने इन दोनों से जल्दी ही मिली इनसे खुल कर बात की और ये दोनों तैयार भी हो गए।
तीसरे का नाम भी पता चल गया। वह है पीटर अन्थोनी का दोस्त। मैंने एक और दोस्त अली को भी ले लिया। मैंने चारों को इकट्ठा किया और कहा यार तुम लोग तो एक दूसरे से शरमाओगे तो नहीं ? एक दूसरे के सामने नंगे होने में और बुर चोदने में झिझकोगे तो नहीं। पीटर बोला यार सानिया तुम एक बार हम सबका लण्ड एक साथ पकड़ कर देख ले। तुझे तसल्ली हो जाएगी और हम लोगों की शर्म भी ख़तम हो जाएगी। मैं उसकी बात मान गयी और एक होटल में मीटिंग करने के बहाने चली गयी और एक कमरा बुक कर लिया। अंदर से कमरा बंद किया और बाहर बोर्ड लगा दिया - "don't disturb" मैंने एक एक करके चारों को नंगा किया। उनके लण्ड पकड़ कर हिलाये। नंगी मैं भी हो चुकी थी। फिर मैंने एक एक करके चारों लण्ड का सड़का मारा और सड़का मार कर उनका वीर्य पिया फिर लण्ड का सुपाड़ा चाटा। सच में दोस्तों, मज़ा आ गया।
अगले दिन रात को मैंने चारों को अपनी माँ चुदवाने के लिए बुला लिया। मैंने सबको अपनी अम्मी जान से मिलवाया। मैं १९ साल की थी पर अपने डील डौल से २२/२३ से कम की नहीं लगती थी। मेरी चूँचियाँ बड़ी हो गयीं है। कमर पतली और कूल्हे बड़े हो गए है। मेरे चूतड़ भी उभर आये हैं मेरी गांड सेक्सी निकल आयी है. मेरी जाँघे मोटी हो गईं है और मेरी झांटें बड़ी घनी घनी और काली काली खूबसूरत दिख रहीं हैं। मैं उन्हें ट्रिम करवाने पार्लर जाती हूँ। मेरी झांटों की देख रेख पार्लर के दो लड़के करतें हैं। मैं जब जाती हूँ तो मेरी झांटो की डिजाईन यही दो लड़के नंगे नंगे बनाते हैं और मैं उनके लण्ड का मज़ा लेती रहती हूँ। अम्मी उन चारों से मिलकर बहुत खुश हुई।
शाम को ८ बजे मैंने दारू चालू कर दी। मेरी अम्मी नसीम, बानो, मेरी आतिफा खाला और फूफी आबिदा भी हमारे साथ बैठी थीं। मैंने सबको सबसे मिलवाया। दारू के साथ साथ बातें भी होने लगीं। में कहा अम्मी जान यहाँ इन चारों में तीन तो नॉन मुस्लिम हैं और एक मुस्लिम है। आज तुम पहली बार ग़ैर मुस्लिम लण्ड के दीदार करोगी। बाहर वालों के लण्ड का मज़ा लोगी। तुम्हारे साथ साथ खाला जान को और फूफी जान को भी मज़ा आएगा। मैं थोड़ा जानबूझ करअश्लील बातें करने लगी ताकि सबकी शर्म ख़तम हो जाये। देखो चुदाई जब तक खुल कर न हो और बेशर्मी से न हो तब तक असली मज़ा नहीं आता। बातों बातों में मेरी फूफी बोली। लो जी देख लो अपनी अम्मी का भोसड़ा चुदवाने के लिए इतने लण्ड ईकठ्ठा किया है इस बुर चोदी सानिया ने ? मैंने कहा अरी मेरी फूफी जान, भोसड़ा तो मेरी अम्मी की नन्द का भी चोदा जायेगा। फूफी ने फिर मुस्कराकर कहा हां सानिया ठीक कह रही तू। भोसड़ा तो फिर तेरी माँ की बहन का भी चोदा जायेगा ?
बस इतने में माहौल गरम हो गया। मैंने पहले बलराज के लण्ड पर हाथ रखा और उसे दबाते हुए कहा यार तुम सबसे पहले अपना लण्ड हम सबको दिखाओ। मैंने उसे नंगा किया तो अध् टन्ना लांड सबके सामने खुल कर आ गया , मैं उसे हिलाया तो लौड़ा एकदम से अपने ताव पर आ गया। मैंने उसे फूफी जान को पकड़ा दिया और मैं फूफी के कपड़े उतारने लगी। जैसे वह नंगी हुई वैसे ही लौड़ा और ज्यादा फनफनाने लगा। मैंने फिर खाला की चूँचियाँ खोली और उसका भोसड़ा खोल कर सबको दिखाया। उधर अली का पजामा खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाला। वह भी मादर चोद अज़गर की तरह बाहर निकल आया और मैंने उसे खाला को पकड़ा दिया। खाला लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। मैंने फिर अन्थोनी के लण्ड पर धावा बोला। उसे नंगा किया तो वह मादर चोद अपना लण्ड हिलाने लाग। मैंने उसे अम्मी को पकड़ाया और उसके कपड़े खोल कर नंगी कर दिया। वह भी बड़े प्यार से लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी।
सबसे आखिर में मैंने पीटर का लण्ड बाहर निकाला और उसे मस्ती से हिलाती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। मैं जैसे ही नंगी हुई वैसे ही वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और निपल्स चाटने चूसने लगा। मेरी गांड़ पर हाथ फिराने लगा और मेरे गाल चूमने लगा। वह बोला हाय मेरी जान तुम बहुत खूबसूरत हो आज मैं तुझे खूब अच्छी तरह चोदूंगा। -
फूफी ने कहा - आज मैं ज़िन्दगी में पहली बार किसी नॉन मुस्लिम का लण्ड चूस रही हूँ। ये समूचा लण्ड वाकई बड़ा शानदार लग रहा है । इसका तो सुपाड़ा अपने आप बाहर निकला हुआ है। और देखो कितना खूबसूरत लग रहा है लण्ड ? इसे मुठ्ठी में लेकर ऊपर करती हूँ तो सुपाड़ा थोड़ा बंद हो जाता है और नीचे करती हूँ तो सुपाड़ा खुल जाता है। ये लुका छिपी का खेल खेलने में बड़ा मज़ा आ रहा है। ये मुस्लिम भोसड़ी वाले बिना मतलब ही अपना लण्ड कटवा लेतें हैं ?
अम्मी ने कहा - हां नन्द रानी तुम सही कह रही हो ? देखो, अन्थोनी का लण्ड भी कितना प्यारा लग रहा है। इन साले मादर चोद मुल्लाओ ने हमें कुनबे के अंदर ही बंद करके रखा है अभी तक। हमें कभी बाहर वालों के लण्ड देखने ही नहीं दिए। आज सानिया की वजह से ये दिन आया है की हम सब बाहरी दुनियां के लण्ड देख रहीं हैं। खुदा ने जितने तरह मरद बनाये हैं उतने तरह के लण्ड भी बनाये हैं। और हर लण्ड का अपना ही मज़ा है। इसलिए हम सब जितने नए नए लण्ड पकडेंगीं हमें उतना ही मज़ा आएगा।
तब तक बलराज ने लण्ड फूफी की बुर में पेल दिया और इधर अन्थोनी ने लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया। दोनों साले आमने सामने चोदने लगे भोसड़ा। मैं मस्ती से पीटर का लण्ड पेले हुए चुदवाने लगी और खाला जान ने अली का लौड़ा अपनी चूत में पेल रखा था। वह भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। सब की सब अपनी अपनी चुदाई में मस्त होने लगीं। फूफी बोली हाय अल्ला कितना अच्छा लग रहा है। तुम बलराज बहुत अच्छी तरह चोद रहे हो। और चोदो मुझे ओ हो, उई माँ कितना मज़ा आ रहा है। हो, हां , है, ही, हूँ, क्या बात है ? मेरी चूत फटी जा रही है। आज इस बुर चोदी बुर को मालूम हो रहा है की लौड़ा कैसा होता है ? उधर अम्मी ने कहा हाय दईया फाड़ डालो मेरा भोसड़ा ? पूरा पेल दो लौड़ा। चोद डालो मेरी बुर। इस बुर चोदी सानिया को बड़ा मज़ा आ रहा है अपनी माँ चुदवाने में। तू भोसड़ी की सच कह रही थी की बाहर वालों से चुदवा कर देखो। आज बाहर वाले ही मेरी चूत फाड़ रहें हैं। अभी तक मादर चोद मुझे मुल्ले ही चोदते रहे आज पहली बार कोई असली मरद चोद रहा है मुझे। बेटी सानिया तू इसी तरह बाहर वालों के लण्ड पेलती रहो और चुदवाती रहो अपनी माँ का भोसड़ा। मुहे भी बहुत अच्छा लग रहा था। पीटर भोसड़ी का मुझे खूब हचक हचक कर चोद रहा था। पूरा लण्ड पेल पेल कर चोद रहा था। उसे भी आज कोई मुस्लिम चूत मिली है। वह बोला हाय सानिया यार मुझे नहीं मालूम था की मुस्लिम लड़कियां इतनी अच्छी तरह चुदवाती हैं ? तेरी माँ भी मेरे दोस्त को मज़ा दे रही है। वह चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मुस्लिम औरतों की बुर में कोई चीज है जिससे लण्ड को बड़ा अच्छा लग रहा है। चुदाई अपने पीक पर थी। चारों का भोसड़ा खूब मजे से चुद रहा था । चुदाई की आवाजें पूरे घर में गूंज रहीं थीं। सभी मस्ती में थी और बाहरी लौंड़ों लूट रहीं थीं।
खाला बोली सानिया तूने अली का लौड़ा खूब ढूंढ कर निकाला है। मैं समझ रही थी की इसकी सफ़ेद दाढ़ी है तो इसके लण्ड में दम नहीं होगी ? लेकिन ये बहन चोद मेरी चूत का कीमा बना रहा है। इतना मोटा लण्ड साला चूत का भरता तो बना ही देता है। मेरी बेटी भी ऐसे ही मोटे मोटे लण्ड खूब पसंद करती है बुर चोदी। ऐसे ही मोटे लण्ड पेलती है मेरी चूत में। कहती है अगर माँ का भोसड़ा फाड़ना है तो फिर मोटा लण्ड पेलो उसके भोसड़ा में ? मैंने कहा तो फिर क्या करती हो खाला जान ? वह बोली मैं उससे कम नहीं हूँ। मैं भी घुसा देती हूँ मोटे मोटे लण्ड उसकी चूत में। वह मेरा भोसड़ा फाड़ती है तो मैं उसकी बुर फाड़ती हूँ। हम दोनों इसी तरह फाड़ने फड़वाने का खेल खेला करती हैं।
इतने में मैंने अम्मी के हाथ से अन्थोनी का लण्ड ले लिया और चाटने लगी। अम्मी ने खाला से अली का और उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगीं। खाला ने हाथ बढाकर फूफी से बलराज का लण्ड ले लिया और उसे मुंह में डाल कर चूसने लगी। फूफी ने मेरे हाथ से पीटर का लण्ड लिया और उसे सीधे अपने भोसड़ा में पेल लिया। लण्ड की अदला बदली हुई तो मज़ा दूना आने लगा। मस्तियाँ बढ़ने लगी तो फिर चुदाई के साथ साथ प्यार से गाली गलौज भी होने लगी।
फूफी ने मुझसे कहा - सानिया, तेरी माँ का भोसड़ा तू मादर चोद भी से इतनी बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है।
मैंने कहा - फूफी जान तेरी बुर तेरी भाभी की बुर ? तेरी बुर तेरी बिटिया चूत ? तू बस देखती जा मैं आगे कैसे कैसे लण्ड पेलती हूँ तेरे भोसड़ा में। तेरी बेटी को भी शामिल करूंगी। उसी के सामने चोदूँगी तेरा भोसड़ा ?
अम्मी ने कहा - अरे सानिया ये तो मेरी नन्द है बुर चोदी। इसका तो भोसड़ा मैं फाड़ूंगी। इसकी गांड में भी ठोकूंगी लण्ड। तब इसकी गर्मी निकलेगी ?
खाला बोली - सानिया, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तेरी चूत तेरी माँ की चूत ? तेरे बाप का लण्ड बहन चोद ? मैं किसी दिन सबकी चूत में पेलूँगी तेरे बाप का लण्ड ?
हम सब इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें करती हुई रात भर और फिर दिन भर चुदवाती रहीं।
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