Home
» Top-Hindi-Sex-kahani-XXX-Porn-Stories-in-Hindi
» बेटी तू बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ है - Beti teri gand badi hone lagi tu chudti hai kya
बेटी तू बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ है - Beti teri gand badi hone lagi tu chudti hai kya
बेटी तू बुर चोदी बड़ी चुदक्कड़ है - Beti teri gand badi hone lagi tu chudti hai kya , गांड बड़ी हो गई , अब चुदने चुदवाने चुदाई करवाने का समय आ गया , तू खूब चुदा कर , चुदाई करवाकर अपनी चूत गांड फुडवा ले , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बेटी सानिया अभी अभी तेरी ससुराल से एक बड़ी जोर दार खबर आयी है और जानती हो यह खबर किसने दी है? ये खबर मुझे तेरी बुर चोदी नन्द ने दी है। वह कह रही थी की मेरी भाभी ने आते ही यहाँ सबका दिल जीत लिया है। सब लोग बस बहू की तारीफ ही कर रहें हैं। मेरी अम्मी जान, खाला जान और फूफी जान भी अपनी बहू की तारीफ में कसीदे गढ़ रहीं हैं। कहतीं हैं की बहू ने एक महीने में ही सबके दिलो पर ही नहीं सबके लण्ड पर भी राज़ करने लगी है। ऐसा कोई लण्ड नहीं है इस घर में जिसे सानिया भाभी ने अपने मुंह में पेला न हो ? अपनी चूत में घुसेड़ा न हो और जिससे अपनी बुर चुदवाई न हो ? भले ही एक एक बार ही चुदवाया हो लेकिन इतने ढंग से चुदवाया की सब लोग उसे याद करतें हैं और उसके वापस आने का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रहे हैं। इतना ही नहीं उसने यहाँ सबको प्यार भरी ऐसी ऐसी गालियां सुनाई है की सब लोग उसके मुरीद हो गएँ हैं। उसकी गालियों ने सबके लण्ड में ऐसा जोश भर दिया है की आज भी लोग उसे याद कर कर के अपना लण्ड खड़ा करतें हैं। कमाल की है मेरी सानिया भाभी, कमाल की है उसकी चूत और कमाल की हैं उसकी मस्त मस्त गालियां ? बेटी सानिया। तू तो बुर चोदी मुझसे भी बड़ी चुदक्कड़ हो गई है।
मैंने कहा - अम्मी जान, तुम अपनी ससुराल में सबसे बड़ी चुदक्कड़ हो और मैं अपनी ससुराल में सबसे बड़ी चुदक्कड़ हूँ। और फिर एक बात तो जग ज़ाहिर है की बेटी की ससुराल तो बुर चुदवाने वाली ही जगह होती है। बेटी तो अपनी ससुराल बुर चुदवाने ही जाती है। इसीलिए मैंने वहां के सबके लण्ड अपनी बुर में पेला और सबसे चुदवाया।
अम्मी ने कहा - बेटी चुदवाती तो सभी हैं आजकल। बेटियां, बहुएं, बीवियां सबकी सब बुर चोदी चुदवाती है पर इतना कोई किसी को याद नहीं करता है जितना लोग तुझे याद कर रहें हैं। कौन सा जादू किया है तूने भोसड़ी वाली अपनी ससुराल में जो तेरी इतनी तारीफ हो रही है। अच्छा चल अब तू खुल कर सबसे पहले बता की तूने अपने ससुर से कब और कैसे चुदवाया ?
मैंने कहा - मैं जब ससुराल पहुंची तो कुछ दिन बाद ही मेरे कान में आवाज़ आयी की दुल्हन के ससुर का लण्ड तो बड़ा मोटा है बहन चोद। कल रात को उसने मेरी चूत का खूब अच्छी तरह से बाजा बजाया। मेरी बेटी मेरे बगल में लेटी हुई अपने देवर से चुदवा रही थी। वह भी मेरी चुदाई की आवाज़ सुनकर दंग रह गयी। उसने कहा अम्मी जान जो लण्ड तेरा भोसड़ा चोद रहा है वही लण्ड तेरी बिटिया की बुर भी चोदेगा। तो मैंने कहा हां बेटी ठीक है लेकिन जो लण्ड मेरी बिटिया की बुर चोद रहा है वही लण्ड उसकी माँ का भोसड़ा भी चोदेगा।
मैं यह सब सुनकर बड़ी मस्त हो गयी और उत्तेजित भी। मैंने ठान लिया की अब मैं जल्दी से जल्दी अपने ससुर का लण्ड पकड़ूँगी। मैं उसी कोशिश में लग गयी क्योंकि तुम जानती हो अम्मी की मुझे मोटे लण्ड बहुत पसंद हैं। उसी दिन से मेरी आँखों में बस एक जबरदस्त मोटा लण्ड ही घूमने लगा।
एक दिन ऐसा इत्तिफाक हुआ की मेरी सास और नन्द कहीं चली गईं थीं। केवल मैं और मेरा ससुर था। गर्मी के दिन थे। अचानक लाइट भी चली गयी तो गर्मी ज्यादा लगने लगी। ससुर खाना खाने के बाद अपने कमरे में लेटा था। खाना मैं भी खा चुकी थी और लेटने जा रही थी। तभी उसने आवाज़ दी बहू ज़रा एक गिलास पानी लेते आना। मैं पानी लेकर गयी तो सिर्फ ब्रा पहने थी। मेरी दोनों चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब थीं। मैंने थोड़ा झुक कर गिलास दिया तो उसकी निगाहें मेरी चूँचियाँ पर टिक गयीं।
- वह बोला - बहू गर्मी बहुत है।
- मैंने कहा - तो फिर अपने कपड़े उतार दो न ससुर जी। थोड़ी हवा लगेगी तो अच्छा है।
- उसने अपनी बनियाइन उतार दी। उसकी चौड़ी छाती देख कर मुझे मज़ा आ गया। उस पर काले काले बाल बहुत सेक्सी लग रहे थे। मैंने हंस कर कहा तो फिर पजामा भी उतार दो न ससुर जी।
- वह बोला - अरे बहू रानी मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है।
- मैंने कहा - तो क्या हुआ ? यहाँ कोई नहीं है। तुम नंगे नंगे लेटे रहो। मैं भी अंदर चली जाती हूँ। जब लाइट आ जाए तो पहन लेना।
- वह बोला - बहू तो फिर तुम ही उतार दो न मेरा पजामा।
- मैं अंदर से बड़ी खुश हो गयी। मैंने उसका नाड़ा खोला और जैसे ही पजामा नीचे घसीटा वैसे उसका लण्ड तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मेरे मुंह से निकला से निकला ये तो बड़ा खूबसूरत है, ससुर जी बड़ा मोटा भी है ?
- वह बोला - इसे पकड़ कर देखो बहू रानी और बताओ मुझे की तुम्हे कैसा लग रहा है ?
- मैंने लण्ड पकड़ लिया और कहा अच्छा तो लग रहा है। अब तुम बताओ इसे और किस किस ने पकड़ा है ससुर जी।
- इसे तेरी जेठानी ने पकड़ा है, तेरी नन्द ने पकड़ा है, तेरी खाला सास ने पकड़ा है, तेरी फूफी सास ने पकड़ा है, उसकी बेटी ने पकड़ा है और भी कई हैं जिन्होंने इसे पकड़ा है, बहू रानी। पर 'इसे' का मतलब बताओ न मुझे। 'इसे' इसके नाम से बुलाओ, बहू रानी। शर्माती क्यों हो ? इसे क्या कहतें हैं ?
- इसे 'लण्ड' कहते हैं ससुर जी 'लण्ड' ? 'लौड़ा' भी कहतें हैं इसे । और मेरे गाँव में तो इसे 'लांड़' भी कहा जाता है, ससुर जी।
- तब तक उसने मेरी ब्रा खोल दी और चूँचियाँ दबाने लगा बोला - बड़ी मस्त हैं चूँचियाँ तेरी बहू रानी। फिर सलवार उतार दी और पूंछा इसे क्या कहते हैं बहू रानी।
- मैंने कहा - इसे कहते हैं 'चूत' इसे कहतें हैं 'बुर' और इसे 'भोसड़ा' भी कहतें हैं। अब समझ में आया भोसड़ी के ससुर जी ? तेरी बहू की नन्द की चूत ? तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तू इतनी देर से मुझसे मस्ती कर रहा है। मुझे चूतिया समझ रहा है तू , मादर चोद ? मैं सब जानती हूँ तेरे बारे में ससुर जी और तेरे लण्ड के बारे में भी। आज जब मैं तेरे लण्ड का, अपनी चूत में भून कर , भरता बनाऊंगी तब तुझे मालूम होगा की ये मेरी चूत है ?
तब तक मैं पूरी तरह उसके आगे नंगी हो गयी थी और वह भी मादर चोद मेरे आगे बिलकुल नंगा हो चुका था। वह मेरे बड़े बड़े चूतड़, मोटी मोटी जांघें और एक मस्त गाड़ देख कर ललचा गया और मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा बोला बहू तुम तो खूसबूरत भी हो तेरा तेरा जिस्म भी बड़ा खूबसूरत है। आज बहुत दिनों के बाद मेरे लण्ड को पूरी ख़ुराक मिलेगी। मैंने कहां नहीं ससुर जी ख़ुराक तो मेरी बुर चोदी बुर को मिलेगी आज। इतना मस्त लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। आज मेरी चूत इसे खाकर मस्त हो जाएगी। मैं लण्ड चाटने लगी औरअपनी चूत उसके मुंह पर रख बोली ले तू भी चाट ले मेरी मस्तानी बुर ? वह अपनी लपलपाती जबान निकाल निकाल कर मेरी बुर कुत्ते की तरह चाटने लगा। सच बताऊँ अम्मी मुझे अपने ससुर से अपनी बुर चटवाने में बड़ा मज़ा आने लगा। अब वह मेरा गुलाम हो चुका था।
मैंने उसका लण्ड दोनों हाथों से पकड़ा था क्योंकि लण्ड मेरी एक मुठ्ठी में आ ही नहीं रहा था। सुपाड़ा तो बिलकुल रसगुल्ला जैसा था। मैं उसके चारों ओर जबान घुमाने लगी और हौले हौले पेल्हड़ सहलाने लगी। बीच बीच में पेल्हड़ भी चूमने लगी। उसकी झांटें बिलकुल साफ़ थीं इसलिए लण्ड अच्छा भी लग रहा था और मज़ा भी दे रहा था। मैं लौड़ा आधे से अधिक मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी। वह बोला वाओ बहू बड़ा मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो तेरी बुर चोदी नन्द भी नहीं देती ? मैंने कहा वह सारा मज़ा अपने ससुर को देती होगी जैसे मैं तुम्हे दे रही हूँ। तू तो माँ का लौड़ा बहुत ही बड़ा चोदू है। अपने घर में ही सबकी बुर चोदता रहता है तू। कभी किसी और के घरों की बुर ली है तूने ? वह बोला हां खूब ली है बहू और आज भी लेता हूँ। मोहल्ले की सब की सब लड़कियां मादर चोद मेरा लौड़ा अपनी बुर में पेलती हैं और अपनी माँ के भोसड़ा में भी घुसेड़ती हैं।
ऐसा कह कर वह घूमा और लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरे मुंहं से एक चीख निकली - उई माँ मर गयी मैं इतना मोटा लण्ड एक ही बार में पेल दिया भोसड़ी वाले ने। 10 / 12 बार जब लण्ड अंडा आया गया तो रास्ता साफ़ हो गाय। फिर वह दनादन चोदने मैं भी चुदवाने लगी। मुझे अच्छा लगा तो मैं भी अपनी गांड उठा उठा के धक्के लगाने लगी। वह समझ गया की मैं कोई नई नेवेली बुर चुदवाने वाली नहीं हूँ। मैं तो चुदाई में बड़ी। वह बोला बहू रानी तुम तो बहुत अच्छी तरह चुदवा रही हो ? मैंने कहा हां ससुर जी न तेरा लण्ड नया है और न मेरी चूत ? अगर मेरी चूत चुदी चुदाई है तो तेरा लण्ड भी बहन चोद चुदा चुदाया है। अब अगर चुदी हुई बुर चुदा हुआ लण्ड अपने अंदर घुसा रही है तो मज़ा तो आना ही हैं। फिर मैंने अपने ससुर का लण्ड भून कर ही निकाला अपनी चूत से, अम्मी जान ?
अम्मी बोली - वाह सानिया वाह, तूने सच में बड़ा कमाल किया। इसके बाद तुझे किसका लण्ड चोदने में ज्यादा मज़ा आया ? कभी तूने अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चोदी ?
मैंने कहा - हां हां खूब चोदी अम्मी जान और खूब अच्छी तरह चोदी ?
अम्मी ने कहा - तो फिर बताओ न मुझे तूने कैसे और कब चोदा अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की चूत ? मैंने कहा - अच्छा तो मैं सुनाती हूँ। सुनो :-
मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की मेरी सास और नन्द बैठी हुई बातें कर रहीं हैं । बातें कुछ मसालेदार थीं क्योंकि ठहाकों की आवाज़ आ रही थी। मैंभी शामिल हो गयी। मुझे देख कर मेरी नन्द बोली - लो अम्मी जान आ गयी तेरी बेटी की भाभी की बुर ? सास बोली - हां बेटी निदा । आ गयी तेरी अम्मी की बहू की चूत ? दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं। तब मैं भी बोली - हां देखो न नन्द रानी आ गयी तेरी माँ का बहू की बुर ? और सासू जी तुम भी देख लो तेरी बेटी की भाभी की चूत भी आ गई है. मैं तो खुश इस बात से हूँ की मेरी नन्द की माँ का भोसड़ा यहाँ बैठा हुआ है और मेरी सास की बुर चोदी बिटिया की बुर भी बैठी हुई है। मेरी बात सुनकर दोनों ने बड़ी जोर का ठहाका लगाया और मैंने भी ठहाका लगाया। सास बोली बहू रानी तुम बिलकुल हम लोगों की ही तरह हो । नन्द ने भी मुझे गले लगा लिया और बोली भाभी जान अब आएगा जबरदस्त मज़ा।
सास ने कहा - बेटी निदा, अब तुम अपनी भाभी की बुर में ठोंक दो लण्ड। फाड़ डालो इसकी बुर ?
नन्द बोली - हां अम्मी जान मैं तो ऐसा करूंगी ही। अब तुम भी ठोंको अपनी बहू की चूत में लण्ड पे लण्ड।
मैं दोनों की बात सुनकर मुस्कराने लगी।
मैं अपनी अम्मी जान को अपनी कहानी सुना रही थी।
मैंने कहा की कुछ देर बाद मेरा जीजू आरिफ पहुँच गया मेरी ससुराल। अब तुम तो जीजू के लण्ड के बारे जानती हो अम्मी जान ? कितना मोटा तगड़ा है उसका लण्ड ? तेरा भोसड़ा भी फटने लगता है उससे चुदवाकर ? अम्मी बोली हां बेटी सानिया तू सही कह रही है। वह तो बहन चोद मुझे खूब मस्ती से चोदता है और तेरी भी बुर बड़े प्यार से लेता है। मैंने कहा जब मैं उसे देखा तो मन बना लिया की आज मैं सास का भोसड़ा जरूर चोदूँगी और नन्द की बुर में भी पेल दूँगी जीजू का लण्ड। तब तक कुछ ऐसा हुआ की मेरी नन्द का शौहर भी आ गया। मुझे तो और मज़ा आ गया। मैंने सोंच लिया की इसका लण्ड मैं अपनी बुर में पेलूँगी और फिर इन दोनों की बुर में। रात में सब लोग एक साथ लेटने लगे तो किसी ने दरवाजा खटखटाया। मेरी नन्द निदा उठी और दरवाजा खोला तो मेरा देवर मुनीर भी आ गया। वह भी २३ साल का मस्त जवान लड़का था। वह भी हमारे बिस्तर पर मजे से लेट गया।
सास बोली - तूने इतनी देर कहाँ लगा दी, बेटा मुनीर ?
वह बोला - अरे अम्मी जान मैं फूफी के घर गया था। आज दिन भर वहीं रहा।
सास ने पूंछा - तो तू वहां दिन भर क्या करता रहा।
वह बोला - पहले तो फूफी जान ने मुझसे अपना भोसड़ा चुदवाया। फिर कहा की अभी तुम यहीं रुको मेरी बेटी आती होगी। तुम उसे भी मेरे सामने चोदो। कल उसने अपने बॉय फ्रेंड के लण्ड मेरे भोसड़ा में पेला था आज मैं तेरा लण्ड उसकी बुर में पेलूँगी। मैं इसीलिए रुक गया और जब उसकी बेटी आई तो मैंने उसे भी फूफी के सामने चोदा। फूफी जान ने बड़ी मस्ती से मुझसे अपनी बेटी की बुर चुदवाई।
सास बोली - आजकल तू सबकी बुर, भोसड़ा बहुत चोदने लगा है।
वह भी हमारे साथ बिस्तर पर लेट गया। अब एक तरफ मैं सानिया मेरी सास ताहिरा और मेरी नन्द निदा थीं
दूसरी तरफ मेरा नंदोई रेहान, मेरा जीजू आरिफ और मेरा देवर मुनीर ? लेटते अपने जीजू के लण्ड पर चला गया। मैं उसका लण्ड पजामा के ऊपर से दबाने लगी और वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। तब मैंने देखा की मेरी नन्द अपने शौहर के पजामा में हाथ घुसेड़े हुए है। वह अंदर ही अंदर उसका लौड़ा हिला रही। मजे की बात यह थी की मेरी सास अपने बेटे का लण्ड उसका पजामा खोल कर हिलाने लगीं। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी। वह तो मेरा देवर था। मैंने कहा देवर जी तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा है। तू अपनी माँ चोदेगा क्या ? वह बोला नहीं भाभी जान मैं पहले तुम्हे चोदूंगा फिर अपनी माँ चोदूंगा। मैं समझ गयी की मेरी सास अपने बेटे से भी चुदवाती है। थोड़ी देर में सबके कपड़े उतर गए। मेरी नन्द नंगी हो गयी, मेरी सास भी कपड़े खोल कर एकदम रंडी बन गयी और फिर मैं भी हो गई नंगी क्योंकि मुझे भी कोई शर्म नहीं थी। इतने में मैंने देखा की नन्द ने अपने मियां का लण्ड अपनी अम्मी को पकड़ा दिया। मेरी सास अपनी बेटी के मियां का लण्ड बड़े प्यार से चूसने चाटने लगीं। मैंने अपने जीजू का लण्ड अपनी नंद को पकड़ा दिया। वह एक नया लण्ड पाकर मस्त गई। इतने में मेरी सास ने मेरा हाथ पकड़ कर मुनीर के लण्ड पर रख दिया और कहा लो बहू अब तुम अपने देवर से खूब चुदवाओ। मैं तेरी चुदती हुई बुर देखना चाहती हूँ। मैं नंगी नंगी अपने देवर का लण्ड पीने लगी. मेरी नन्द मेरे जीजू का लण्ड पीने लगी और मेरी सास अपने ही दामाद का लण्ड पीने लगी। हम तीनो एक दूसरे को लण्ड पीते हुए देख देख कर और ज्यादा उत्तेजित होने लगीं।माहौल इतना गरमागरम हो चुका था की अब कोई रुकने वाला नहीं था।
सबसे पहले मेरे जीजू ने लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसा दिया। लण्ड घुसते ही वह आह कर उठी और फिर अपनी गांड उचकाकर उचकाकर चुदवाने लगी। मेरी सास ने मेरे नंदोई का लौड़ा बड़े मन से अपने भोसड़ा में पेलवा लिया। वह भी एक रंडी की तरह चुदवाने लगी। मुझे तो मेरा देवर ही मादर चोद धकाधक चोदने लगा। उसका लौड़ा बड़ा मस्त था और मुझे भी पसंद आ गया। वह भी अपनी अम्मी की तरह चुदवाने में जुट गई। अब हम तीनो की चूत का बाजा बजने लगा। चुदाई की आवाज़ चारों तरफ फ़ैलने लगी। मुझे इस तरह की चुदाई की आवाज़ बड़ी अच्छी लगती है। मैं मन में सोंचने लगी की मेरा देवर भोसड़ी का इतनी छोटी उम्र में ही इतनी बढ़िया चुदाई करने लगा है। जिसका कोई जबाब नहीं ? वह तो चूत, बुर, भोसड़ा सब अच्छी तरह चोद लेता है। फिर सासू जी ने लण्ड चूँचियों के बीच पेला और मज़ा लेने लगीं।
मेरी नज़र नंदोई के लण्ड पर थी। थोड़ी देर बाद मैंने हाथ बढ़ाया और नंदोई का लण्ड पकड़ लिया तो सासू ने मेरे जीजू का लण्ड अपने हाथ में ले लिया। मेरी नन्द रानी ने अपने भाई जान का लण्ड पकड़ा और उसे बड़े मजे से चाटने लगी। नन्द ने लण्ड अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। मुझे एक भाई को अपनी बहन की बुर चोदते हुए देखने में बड़ा अच्छा लग रहा था।
अम्मी जान मेरी कहानी बड़े गौर से सुन रहीं थीं। मैंने कहा उसके बाद तो मैंने अपने जेठ से चुदवाया, अपने खालू और ममिया ससुर से चुदवाया। इन दोनों के बेटे भी मेरी बुर लेने लगे और ये लोग अपने दोस्तों से भी मेरी बुर चुदवाने लगे। मैंने सबके लण्ड का मज़ा लिया और सबको अपनी चूत का मज़ा दिया।
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- लड़की की गांड कैसे मारें - Ladki ki gand kaise choden