Home
» Top-Hindi-Sex-kahani-XXX-Porn-Stories-in-Hindi
» रंडी की तरह चोदो, पराई बीवियां - Dusron ki Biwiyon ko Randi banakar chudai karo
रंडी की तरह चोदो, पराई बीवियां - Dusron ki Biwiyon ko Randi banakar chudai karo
रंडी की तरह चोदो, पराई बीवियां - Dusron ki Biwiyon ko Randi banakar chudai karo , मुंह चूत और गांड में एक साथ लंड ठुसो , पूरी रात बारी - बारी चोदते रहो , चुदास चुदक्कड और लंड की प्यासी बना दो , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
ऐसा देखा गया है की अक्सर लोगों की अपनी ही बीवियां अच्छी तरह नहीं चुदवाती। या तो वह नखरे करती है, या बिमारी का बहाना बनाती है या फिर गुस्सा करती है। ऐसे माहौल न चोदने का मन करता है और न उसके साथ सोने का ? वहीं दूसरी तरफ पराई बीवियां खूब जम कर चुदवाती हैं, उछल उछल कर चुदवाती हैं और बड़े मन से चुदवाती हैं। ऐसे में उन्हें खूब चोदने का भी मन करता है और उनके साथ सोने का भी मन करता है।
इसलिए आजकल लोग दूसरों की बीवियां चोदना ज्यादा पसंद करतें हैं और मौक़ा पाते ही उन्हें खूब रंडी की तरह चोदते हैं और एन्जॉय करते हैं। ऐसा देखा गया है की अब कोई भोसड़ी वाला अपनी बीवी नहीं चोदता . हां अपनी बीवी तब चोदते हैं जब उन्हें बच्चे पैदा करना होता है। नहीं तो एन्जॉय करने के लिए लोग दूसरों की ही बीवियां चोदते हैं।बीवियां भी मस्ती से पराये मर्दों से खूब धकाधक चुदवाती हैं। चोरी छिपे चुदवाती हैं और पराये मर्दों को बुला बुला कर चुदवाती हैं। अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती हैं, रंडियों की तरह चुदवाती हैं और एन्जॉय करती हैं। इसीलिए मैं कहता हूँ की जब भी किसी की बीवी चोदो तो रंडी की तरह चोदो। अब मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ। मैं कानपुर में एक ऑफिस में काम करता हूँ। उस ऑफिस के मैं ही सबसे बड़ा अधिकारी हूँ। एक दिन मेरे पास किसी काम के लिए एक महिला आई. वह आकर मेरे सामने ही बैठ गयी। सच बताऊँ उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मेरा मन डोल गया। वह बहुत ही खूबसूरत थी। उसकी बाहें बहुत सेक्सी थीं। वह स्लीवलेस ब्लाउज़ में गज़ब की सुन्दर दिख रही थी। मेरा मन हुआ की अगर ये मुझे मिल जाए तो मैं सबसे पहले इसके मुंह में लौड़ा पेल दूँ। खैर बातों बातों में उसने बताया की उसका नाम मिसेज कामिनी तिवारी है. मैंने सोंचा की चलो अच्छा हुआ ये अपने काम के लिए सीधे मेरे पास आ गयी। मैंने उसका काम फ़ौरन कर दिया और वह खुश हो गयी। उसने कहा आकाश जी कल मेरा बर्थ डे है अगर आपके पास टाइम हो कल शाम को ८ बजे आ जाना। मेरा यह कार्ड है। उसने कार्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं अगले दिन शाम को उसके घर चला गया। मैंने देखा की घर में कोई चहल पहल नहीं है। कोई मेहमान नहीं है। कोई तयारी नहीं है। माज़रा क्या है ? मैं बैठ तो गया लेकिन मेरे मन में कई सवाल पैदा हो गए।
वह थोड़ी देर में ट्रे में सामान रख कर आ गयी और बोली आकाश जी आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा ? मेरा बर्थ डे है पर मैंने किसी मेहमान को नहीं बुलाया। सिर्फ आपको बुलाया है। मैंने उसके सामने बर्थ डे का केक काटा, उसे खिलाया और खुद भी खाया। फिर हम दोनों बैठ गए। उसने मेरे सामने डिंक्स का सेट लगा दिया और मुझे एक पैग शराब बना कर पकड़ा दिया। मैं मना नहीं कर पाया और उसके साथ शराब पीने लगे। फिर वह अपने आप बोली देखो आकाश मैं एक शादीशुदा औरत हूँ। मेरा हसबैंड 4 दिन के लिए विदेश गया है। मैं घर पर अकेली हूँ। मैं अपनी बर्थ डे पर एक साथी चाहती थी। कल जब मैंने तुम्हे देखा तो लगा की तुमसे अच्छा मेरा कोई और साथी नहीं हो सकता ? इसलिए मैंने तुम्हे बुला लिया। तुम्हे बुरा तो नहीं लग रहा है ?
मैंने कहा नहीं बिलकुल नहीं ? बल्कि मुझे इस बात की ख़ुशी है की आपने मुझे इस काबिल समझा। मेरे सामने वह एक स्लीवलेस ढीला ढाला गाउन पहने थी जिससे उसकी बड़ी बड़ी चूँचियों का साइज मालूम पड़ रहा था। उसने ब्रा नहीं पहनी थी. आते जाते उसकी चूँचियाँ हिलती हुई नज़र आ रहीं थीं। मेरा मन वहीं लगा हुआ था। मैंने कहा - मैडम ,,,,तो वह फ़ौरन बोली मुझे मैडम मत कहो। मैं कामिनी हूँ मुझे कामिनी कहो, बहन चोद कामिनी, मादर चोद कामिनी या फिर बुर चोदी कामिनी कहो। उसकी ये बातें मुझे अंदर से बहुत उत्तेजित कर गईं। मेरा लण्ड अंदर ही अंदर छलांग चुका था। मेरा मन हुआ की मैं अभी इसके आगे नंगा हो जाऊं और इसे भी नंगी कर दूँ। मैंने सोंचा की अभी इसने अपने मुंह से गालियां निकाली है अब अगर ये अपनी चूँचियाँ भी निकाल कर दिखा दे मज़ा आ जाए। दारू का दूसरा पैग शुरू हो गया। नशा भी थोड़ा थोड़ा चढ़ने लगा। मैंने कहा कामिनी जी ,,,. ? वह फिर बड़े प्यार से मुस्कराती हुई तिरछीं निगाहों से बोली - 'जी' की माँ का भोसड़ा ? 'जी' की बहन की बुर। तुम यार मुझे सिर्फ कामिनी भाभी कहा करो ? मैं तेरी भाभी हूँ।
उसकी गालियों ने इस बार मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर दिया। मेरा भी मन आया की मैं खुल कर बोलने लगूं लेकिन मैं थोड़ा संयम बनाये रखना बेहतर समझा।
मैंने कहा - हां यह ठीक है। आप मेरी भाभी जी हैं।
वह मान गयी और बोली हां मैं तेरी भाभी हूँ और तू मेरा देवर ? अब तुझे मेरे देवर जैसा काम करना पड़ेगा और मैं तेरी भाभी जैसा काम करूंगी। इन बातों में शराब का दूसरा पैग भी ख़तम हो गया और मेरे सब्र का बाँध टूट रहा था। मैं उस पर झपट पढ़ना चाहता था। लेकिन तभी वह बोली अरे मेरे देवर राजा अब मुझे से क्या शर्माना ? अब तो तुम मेरे देवर हो ? जानते हो मैंने तुझे अपना देवर क्यों बनाया ? आज मैं तेरी बाहों में समाना चाहती हूँ । तुझे नंगा करना चाहती हूँ। तेरा लण्ड देखना चाहती हूँ। वह एक ही सांस में अपने मन की बात कह गयी। इससे मेरे लण्ड में ही नहीं बल्कि पूरे तन बदन में आग लग गई। मैं भी आगे बढ़ा और वह भी। मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसकी चुम्मियाँ लेने लगा। वह भी मेरे गाल और होंठ चूमने लगी। मेरा हाथ अपने आप उसकी चूँचियों पर चला गया और वह भी मेरा लण्ड टटोलने लगीं।
इतने में मैंने उसके गाउन का फीता खोल दिया और उसे कंधे से उतार दिया। उसकी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियाँ मेरे सामने एकदम नंगी हो गईं। मैं तो उन्हें देख कर पागल हो गया। मैंने इतनी मस्त और सेक्सी चूँचियाँ कभी नहीं देखीं थीं। मैंने उन्हें बड़े मजे से मसलने लगी. और वह भी मजे से मसलवाने लगीं। तब तक मेरा हाथ उसकी कमर तक पहुँच गया और फिर उसने मस्ताने चूतड़ों पर। मैंने मस्ती से उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा और उसे कई बार चूमा। धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी मस्तानी चूत पर पहुँच गया। उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे बहुत ही अच्छी लगी। मैंने झुक कर उसकी चुम्मी ली तो वह सिहर उठी। वह बोली हाय मेरे राजा तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है यार ? तुम मेरे बहुत अच्छे देवर हो ? तब तक वह मुझे नंगा कर चुकी थी। मेरा लण्ड भी साला तन कर खड़ा हो गया। वह लण्ड पकड़ कर बोली बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ? इतना खूबसूरत लण्ड ? तेरा ये 8" + का लण्ड आज मेरी बुर ही नहीं मेरी जान ले लेगा बहन चोद ? यार आज मैं अपने आपको बहुत नसीब वाली समझ रही हूँ। मुझे पहली बार कोई मरद मेरे मन का मिला है। आज मेरे मन का लण्ड मिला है मुझे ।
उसने मेरा लण्ड कई बार चूमा, ताबड़तोड़ चूमा और कई बार जबान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटा। वह नंग नंगी अपनी दोनों टांगें फैलाकर लेट गयीं और बोली आकाश यार तुम मेरी बुर चाटो मेरे राजा। और अपने दोनों हाथों से मेरी चूँचियाँ भी दबाते जाओ। मेरे निपल्स सहलाते जाओ। मुझे किसी पराये मरद के पूरे जिस्म का मज़ा लेने दो यार। मैंने वैसा ही किया और वह सिसकारी भरने लगी क्योंकि मैं अपनी जबान उसकी चूत में घुसेड़ कर उसकी बुर चाटने लगा। बल्कि मैं अपनी जबान से ही उसकी बुर चोदने लगा।वह बोली हाय आकाश बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरी बुर आजतक इतनी अच्छी तरह से किसी ने भी नहीं चाटी। मेरे हसबैंड ने भी नहीं। उसकी चूत एकदम चिकनी थी झांटें तो चूत में ऊपर थीं वह भी छोटी छोटी। वह बोली और चाटो हाय दईया, ऊँ, हूँ, हां, ओ, हो, ही हूँ हां हां और, और हां वो तेरी जबान में जादू है यार। उसकी ये सब सिसकारियां मेरा हौसला बढ़ा रहीं भी खूब मज़ा ले रहा था।
थोड़ी देर में भाभी ने कहा आकाश अब तुम सोफा पर लेटो अब मैं तेरा लण्ड चाटूँगी। मैं भी अपनी टाँगे फैलाकर सोफा पर लेट गया नीच बैठ कर मेरी दोनों तंगी के बीच अपना मुंह घुसेड़ कर मेरा लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। सुपाड़ा पूरा अंदर घुसेड़ लिया और अंदर ही अंदर उसके चारोंतरफ अपनी जबान गहूमाने लगी ,. मैं मस्ती से सिसियाने लगा जैसे वह सिसिया रही थी। बीच बीच में वह मेरे पैल्हाड भी चाटने चूसने लगी। कोई परायी बीवी इतनी अच्छी तरह से मेरा लण्ड चूसेगी मुझे आज मालूम हो रहा था। मेरी बीवी ने सच में कभी ऐसा मज़ा मुझे कभी नहीं दिया। वह बार बार लण्ड मुंह से निकालती और फिर मुंह में घुसेड़ लेती। बिलकुल आम की गुठली की तरह भाभी मेरा लण्ड चूस और चाट रहीं थीं। सुपाड़ा बार बार निकालना और बार बार अंदर घुसाना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। मैंने पूंछा भाभी जी यह सब आपने किससे सीखा ? वह बोली पहले तो ब्लू फिल्म देख देख कर सीखा और फिर कॉलेज के दिनों में लड़कों के लण्ड चूस चूस कर सीखा।
वह मस्ती से बोले जा रहीं थीं - हाय आकाश मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो, मैं तेरी भाभी हूँ अपनी भाभी की बुर चोदो, यार. मेरे ऊपर चढ़ कर चोदो, मेरी चूँची चोदो, मेरी गांड चोदो, मेरा मुंह चोदो यार, मेरा पूरा बदन चोद डालो, मुझे रंडी की तरह चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर, चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के। यार तेरा लण्ड मादर चोद बड़ा ताकतवर है। आई लव योर लण्ड।
उसके बाद न वह रुक सकी और न मैं. वह चित लेट गई और मैं अपना लण्ड उसके ऊपर चढ़ कर पेल दिया उसकी चूत में। लण्ड पूरा घुसा तो वह आह कह कर रह गयी और पूरा लौड़ा बड़े मजे से पेलवा लिया। मैं धकाधक चोदने लगा उसकी बुर और बीच बीच में दबाने लगा उसके मस्ताने बूब्स। जैसे मैं धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था वैसे ही भाभी जी भी धक्के का जबाब धक्के से दे रहीं थीं। उससे लग रहा था की जितना मैं एन्जॉय कर रहा था उतना भाभी भी एन्जॉय कर रहीं थीं। फिर वह बोली यार आकाश अब तुम पीछे से चोदो। डॉगी स्टाइल में चोदो। वह फ़ौरन घोड़ी बन गई और मैं घोड़े की तरह पीछे से घुसेड़ दिया लण्ड। मैं उसकी कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा और भाभी भी अपने बड़े बड़े चूतड़ आगे पीछे करती हुई चुदवाने लगीं। नीचे उसके मस्ताने बूब्स हिल रहे थे। जिन्हे मैं सामने लगे शीशे में देख रहा था। मैं कुछ देर में समझ गया की भाभी की चूत ढीली हो गयी है और मैं भी मुकाम पर पहुँच गया हूँ।
बस वह घूम कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपना मुंह खोल कर मेरे लण्ड का सड़का मारने लगीं। लण्ड से जितनी पिचकारी निकली वह सब उसके मुंह में गिरीं और वह सब मस्ती से पी गयी सारा वीर्य। फिर वह बड़े प्यार से लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
एक दिन जब मैं अपने ऑफिस में बैठा था तो एक अनजान फोन आ गया। वह बोली आकाश जी मैं मिसेज कविता चौधरी बोल रही हूँ। मुझे कामिनी ने आपके बारे में सब कुछ बता दिया है। मैं आपसे मिलना चाहती हूँ आज और अभी क्योंकि मेरे हसबैंड ऑफिस गये हैं और मेरे बच्चे स्कूल। मैं अभी घर में अकेली हूँ और आपका पल पल इंतज़ार कर रही हूँ। मेरे घर आपके ऑफिस के पास ही है। मैं एड्रेस भेज रही हूँ। प्लीज कम। मैंने भी मन बनाया और उसके घर आधे घंटे में पहुँच गया।
मैं जब उससे मिला तो मैं उसे देखता ही रहा। वह सच में कामिनी से ज्यादा खूबसूरत थी। उसकी चूँचियाँ भी कामिनी की चूँचियों से बड़ी नज़र आईं मुझे। उसने मुझे अंदर ले जाकर बैठाया और कहा मुझे कामिनी ने सब कुछ बता दिया है। मेरे पास केवल ३ घंटा है। वह मुझसे लिपट गयी और बोली आकाश यार मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। तेरे लण्ड का मज़ा लेना चाहती हूँ। जब से उसने मुझे तेरे लण्ड के बारे में बताया है तब से बेचैन हूँ और जब तक मैं तुमसे चुदवा नहीं लेती तब तक ये बेचैनी बनी रहेगी। उसने मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से ही दबा दिया। उसने फिर मुझे दारू का गिलास पकड़ाया और खुद भी मेरे साथ दारू पीने लगी। मेरी नज़र उसके चेहरे और उसकी मस्त चूँचियों से हट ही नहीं रही थी। उसने गिलास खाली किया और मेरे सामने खड़ी होकर अपने कपड़े खोलने लगी. मैं उस बिना पलक झपकाए उसे देखने लगा । जैसे ही उसकी चूँचियाँ नंगी हुई वैसे ही मेरे लण्ड में बड़ी जोर का करंट लगा।
उसके बाद उसने अपना पेटीकोट भी खोल डाला। उसकी मस्तानी चूत आँखों के सामने नाचने लगी। फिर गोद में बैठ गयी और मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरी जब आखिर उतारी तो मेरा लण्ड उसकी आँखों के सामने तन कर खड़ा हो गया। वह लण्ड पकड़ कर बोली वाओ, मज़ा आ गया यार आकाश ? कामिनी भोसड़ी वाली सच ही कह रही थी। तेरा लण्ड तो हज़ारों में एक है यार। तू तो मेरी चूत फाड़ डालेगा और आज मैं तुमसे अपनी चूत फड़वा कर ही दम लूंगी। उसकी बातों ने मेरा जोश दूना कर दिया। मैं नंगा नंगा उसकी चूँचियाँ दबाने लगा मसलने लगा, चूमने लगा उसकी चूँचियाँ और नियल्स भी। मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पर पहुँच गया। मैं उसे सहलाने लगा और फिर एक दो ऊँगली भी पेल दीं अंदर। मैंने कहा कविता भाभी तेरी चूत तो एकदम गरमागरम है यार ? वह बोली तो फिर थोड़ा चाट लो न मेरी बुर। हम दोनों 69 बन कर मज़ा लेने लगे। मैं उसकी बुर चाटने लगा और वह मेरा लण्ड।
इतने में वह बहुत उत्तेजित हो गयी और बोली यार आकाश अब तुम पेल दो अपने मुस्टंडा लण्ड मेरी चूत में।
कविता भाभी खुल कर बोली - आकाश, तुमको मैं एक सलाह दे रही हूँ की तुम स्मार्ट हो और हैंडसम भी। तुमसे तो पराई बीवियां बड़ी मस्ती से चुदवायेंगी और खूबसूरत पराई बीवियां तो दौड़ कर चुदवायेंगी। आज से तुम खूबसूरत पराई बीवियां रंडियों की तरह बेहिचक बिंदास चोदा करो। ये खूबसूरत बीवियां बुर चोदी बड़ी हरामजादी होतीं है और बहुत बड़ी छिनार होतीं है जैसे की मैं हूँ। जैसे की कामिनी है । कामिनी जैसी मेरी और भी सहेलियां हैं जो पराये मर्दों से खूब भकाभक चुदवातीं हैं।कामिनी की तो माँ की चूत ? वह भोसड़ी वाली गैर मर्दों से चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। बड़े बड़े लण्ड पेल लेती है अपनी चूत में और एक साथ कई मर्दों से भी चुदवाती है।
मैं मन ही मन सोंच रहा था की खूबसूरत बीवियां बहन चोद बड़ी बदचलन होतीं हैं। ये पराये मर्दों से चुदवाती जरूर हैं कोई माने चाहे न माने ? थोड़ी देर में वह मुझे नीचे लिटा कर मेरे लण्ड पर बैठ गयी। मेरी तरफ मुंह करके वह मेरा ही लण्ड मर्दों की तरह चोदने लगी। मैं उसकी उछलती हुई चूँचियाँ देख देख कर मस्त होने लगा। वह बोली हाय आकाश देखो मैं भी चोदना जानती हूँ केवल तुम मरद लोग ही चोदना नहीं जानते हो। मैं इसी तरह कई लण्ड चोद चुकी हूँ। थोड़ी देर बाद वह खालस हो गयी और तब उसने मेरे लण्ड का सड़का मार कर मुझे भी खलास कर दिया। उसने जिस तरह मेरा झड़ता हुआ लण्ड पिया वह सच में बड़ा कबीले तारीफ था।
एक दिन मैं अपने घर में अकेला बैठा था। संडे तह दिन था। मैं भी छुट्टी के मूड में था। गर्मी के दिन थे इसलिए एक ढीली ढली एलास्टिक वाली नेकर पहन राखी थी मैंने। बाक मैं नंगे बदन ही बैठा हुआ अख़बार पढ़ रहा था। किसी ने मेरा डोर बेल बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान महिला कड़ी थी। वह लगभग ३०/३१ साल की लग रही थी। वह मुझे देखते ही बोली आप ही आकाश बाबू हैं ? मैंने कहा जी हां मैं ही आकाश हूँ। वह बोली मैं आपसे ही मिलने आयी हूँ। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और दरवाजा बंद कर दिया। वह बोली मैं मिसेज राधिका हूँ। कई दिनों से आपने से मिलने की इच्छा थी आज मुझे मौक़ा मिला तो मैं चली आई। वह स्लीवलेस डीप पैक का ब्लाऊज़ पहने हुए थी। उसके अंदर से उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने को बेताब दिख रहीं थीं। मेरी नज़र वहीं टिकी हुई थी। उसकी गांड भी बड़ी मोटी थी और उसकी बाहें तो कमाल की सेक्सी थीं।
उसका गोरा चिट्टा चिकना बदन मुझे अपनी तरफ खींचने लगा। मैंने कहा आप क्या पियेंगीं, चाय या काफी ? वह बोली अरे आप बैठिये अभी कौन जल्दी है ? मैं बैठ गया तब उसने बताया की मुझे मिसेज बाला ने आपके बारे में बताया। मैंने कहा मैं तो बाला को जानता ही नहीं। मैं कभी उससे कभी मिला भी नहीं ? वह बोली बाला मिसेज कविता की पक्की दोस्त है. कविता ने उसे आपके बारे में सब कुछ बताया और उसने मुझे बताया। आज मैं आई हूँ किसी दिन बाला भी आपके पास आएगी। अब तुमको साफ साफ़ बताती हूँ आकाश बाबू की मैंने पिछले हफ्ते बाला के साथ दो दो पराये मर्दों से चुदवाया था। मैं उसकी चूत में लण्ड पेल रही थी और वह मेरी चूत में ? उसकी खुली बात सुनकर मैं तो गरम हो गया। फिर वह बोली हां अब मुझे चाय नहीं थोड़ी व्हिस्की पिलाओ तो अच्छा है। मुझे तो बस इसी का इंतज़ार था। फिर हम दोनों दारू पीने लगे। दारू पीते पीते उसने अपनी चूँचियाँ खोल दीं और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे चूँचियाँ पकड़ा दीं। वह बोली लो मेरे राजा ये सब तेरे ही लिए हैं। इन्हे दबाओ, मसलो, चूमो और चाटो जो चाहे करो मेरे देवर जी। मैं कविता की ही तरह तेरी भाभी हूँ। और तुमसे बिंदास चुदवाने आई हूँ। मेरा हसबैंड बहन चोद ४ दिन के लिए टूर पर गया है।
इतने में उसने अपनी दो दो उँगलियाँ मेरी नेकर के दोनों तरफ फसांयीं और झर्र से नीचे घसीट दिया। मैं एकदम से नंगा हो गया और मेरा लण्ड टन्न से खड़ा होकर उसके गाल पर लगा गया। वह बोली वॉवो, कितना मस्त और प्यार लौड़ा है तेरा यार ? उसने फटाफट मेरे पेल्हड़ थाम कर मेरे लण्ड की कई चुम्मियाँ ले लीं। मैंने फिर उसे अपनी छाती से चिपका लिया। उसकी मस्त मस्त चूँचियाँ मेरी छाती में चिपक गई। मैंने उसका पेटीकोट खोला और उसकी मस्तानी चूत सहलाने लगा। उसकी चूत पर एक भी झांट नहीं थी। मेरी एक ऊँगली अपने आप उसकी चूत में घुस गयी तो उसके अंदर कितनी आग है इसका एहसास मुझे हो गया।
मैंने फिर उसे फिर खूब पटक पटक के चोदा रंडी की तरह चोदा। मैंने उसे अपने घर में ही रोक लिया और रात में उसे तीन बार चोदा।
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- लड़की की गांड कैसे मारें - Ladki ki gand kaise choden