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दूसरों की बीवियां चोदने वालों - सावधान जो जाओ - Dusre ki Biwi chodne se pahle padhen
दूसरों की बीवियां चोदने वालों - सावधान जो जाओ - Dusre ki Biwi chodne se pahle padhen , सभी महिलाऐं लड़कियां औरतें बहनें बेटियां माँ बुआ चाची ताई फूफी मामी नानी दादी सब किसी ना किसी से चुदवाती है , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
दूसरों की बीवियां चोदने वाले लोगों को यह पता नहीं होता की उनकी बीवियां भी दूसरे लोग चोदते हैं। उनकी बीवियां भी पराये मर्दो से चुदवातीं हैं और अच्छी तरह चुदवातीं हैं। यह बात तय हैं की तुम अगर किसी और की बीवी चोदोगे तो कोई और तेरी बीवी चोदेगा। मैं उन्ही लोगों की बीवियां चोदता हूँ जो दूसरों की बीवियां चोदते हैं। और ऐसी बीवियां मुझसे बड़े प्यार से चुदवातीं हैं। मैंने जब ऐसी बीवियां चोदना शुरू किया तो मालूम हुआ की हर दूसरी बीवी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार बैठी है। मुझे यह भी मालूम हुआ की अधिकतर बीवियां ग़ैर मर्दो से चुदवातीं है चाहे उसके हसबैंड दूसरों की बीवियां चोदते हों चाहे न चोदते हों ? पहले तो मैं हर दिन एक या दो बीवियां चोदता था लेकिन अब तो मुझे चोदने की तारीख देनी पड़ती है। आजकल मैं २/३ बीवियां रोज़ चोदता हूँ. शनिवार इतवार को तो कई कई बीवियां चोदता हूँ। यह सब कैसे हुआ मैं आपको बता रहा हूँ.
एक बार मैं ट्रेन से कानपुर से मुंबई जा रहा था। मैं फर्स्ट क्लास A / C में था जिसमे सिर्फ चार बर्थ होतीं हैं। चारों में मुसाफिर थे। मैं नीचे की बर्थ पर था। मेरे सामने एक महिला थी उसका नाम था मिसेज अलका तिवारी । मैंने लिस्ट में उसका नाम देख लिया था। उम्र उसकी ३२ साल की थी। वह बड़ी खूबसूरत थी, गोल चेहरा, गोरी चिट्टी और अच्छे कद काठी वाली थी. बड़ी चूँचियों वाली और बड़ी बड़ी कजरारी आँखों वाली भी थी। मैं उसे देख कर एक सेकंड के लिए स्तब्ध रह गया। मैंने अपना सामान लगाया और उसका सामान लगाने में उसकी हेल्प की। वह भी खुश हो गयी। ऊपर के दोनों बर्थ पर दो लड़के थे। 3 /4 घंटे के बाद वो दोनों उतर पड़े। फिर टी टी ने बताया की अब रात में कोई नहीं आएगा बल्कि सुबह ७ बजे दो पैसेंजर आयेंगें।
तब तक रात के 10 बज चुके थे। अलका बोली मिस्टर प्रेम कुमार तिवारी अब मैं अपने कपड़े चेंज करूंगी। मैंने कहा ठीक है मैं बाहर चला जाता हूँ। वह बोली नहीं तुम्हे बाहर जाने की कोई जरुरत नहीं हैं। मैं ऐसे ही बदल लूंगी। वह उठी और अपनी साड़ी खोल डाली। ऊपर से एक गाउन पहन लिया। उसने अपनी ब्रा भी उतारी यह मुझे मालूम पड़ गया। उसने ब्रा ही पहनी थी ब्लाउज़ पहना ही नहीं था। आजकल की बीवियां सिर्फ ब्रा के ऊपर ही साड़ी पहन लेतीं हैं. ब्लाउज़ पहनने का चलन शायद धीरे धीरे ख़तम हो रहा है। उसने पेटीकोट भी उतार दिया। मैं समझ गया की अब अलका के बदन पर सिर्फ एक गाउन हैं। नीचे से उसकी चूँचियाँ भी नंगीं हैं और चूत भी। फिर अलका जी आराम से बैठ गयी और बातें करने लगीं। मुझे उसकी बात करने की अदा भा गयी।
बातों ही बातों में मुझे मालूम हुआ की वह एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हैं और उसके हसबैंड यूनिवर्सिटी में एक बड़े पद पर हैं। वह अपनी बहन के घर जा रहीं हैं। मैंने भी अपना परिचय दिया तो वह खुश हो गयीं। थोड़ी देर में उसने अपने बैग से शराब की एक बोतल निकाली और मुझे कहा मिस्टर प्रेम क्या आप मेरा साथ देगें ? मैं इस बात पर हैरान था की सच्ची में आजकल की महिलायें पुरुषों से आगे निकल रहीं हैं। मैंने हां कह दी. मुझे भी एक पैग शराब बना कर दे दिया उसने। मैं उसके साथ पीने लगा। अब थोड़ा खुल कर बातें होने लगीं। उसने कहा देखो प्रेम तुम भी कानपुर में रहते हो और मैं भी कानपुर में रहती हूँ। आज से तुम मेरे दोस्त हो गए हो। तब तक दूसरा पैग चालू हो गया था। वह फिर बोली अब तुम्हारे में और मेरे हसबैंड में फर्क नहीं रह गया है। यह सुनकर मैं थोड़ा चौक गया। मैंने उसे हैरानी से देखा तो उसने दोहराया देखो प्रेम मैं जो कह रही हूँ सच कह रही हूँ। मैं अपने कपड़े अपने हसबैंड के सामने उतारती हूँ और आज तेरे सामने भी उतार दिया है। तो फिर फरक कहाँ रहा ? जो कुछ बचा है वह भी उतार दूँगी।
यार यह सुनकर मेरे लण्ड में जबरदस्त करंट लग गया। वह मुझे बड़ी नशीली निगाहों से देखने लगी और मैं भी पिघल गया उसकी खूबसूरती पर। मेरी इच्छा होने लगी की मैं इसे अब पूरी तरह नंगी देखूं। मैं उसके साथ शराब पीने मज़ा लूट रहा था। तब तक वह बोली क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है ? मैंने कहा अभी तो नहीं हुई है। वह बोली अच्छा अब तुम 29 साल के हो गए हो शादी तो होनी चाहिए। मैंने कहा हां हो जाएगी कभी न कभी। वह बोली अच्छा तो तुम्हे अभी बीवी का अनुभव नहीं है। तुम्हे बीवी का सुख नहीं मिला अभी तक ? मैंने मजाक में कहा की आजकल तो लोग अपनी बीवियों से बड़े दुखी दिखतें हैं। वह बोली वो लोग ही दुखी है भोसड़ी वाले जो अपनी बीवी की कदर नहीं करते ? दूसरे की बीवी की गांड के पीछे लगे रहतें हैं। जैसा की मेरा हसबैंड। इसलिए मैं भी उसकी परवाह नहीं करती। मैंने कहा अरे अलका जी क्या हुआ। वह बोली मुझे अलका भाभी कहो यार। मैं तेरी भाभी हूँ अलका जी नहीं हूँ। अलका जी की माँ की चूत ? अलका की तो झांटें कई बर्षों से सुलग रहीं हैं, यार । मैंने कहा ऐसा क्या हो गया भाभी जी ? वह बोली अरे यार मेरा हसबैंड मुझे नहीं चोदता ? वह भोसड़ी वाला पराई बीवियां चोदता है। उसकी बहन की बुर ? मैं भी उसकी परवाह नहीं करती ?
उसकी नाराज़गी अपनी जगह पर थी पर मैं उस पर फ़िदा हो गया। वह बोली प्रेम आज तुम मिलो मुझे और अच्छे मौके के पर मिलो। आज मैं तुमको सब खोल कर बता दूँगी और खोल कर दिखा भी दूँगी। उसने ऐसा बोल कर अपने गाउन की दोनों बटन खोल दी। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरी आँखों के सामने एकदम गईं। मैं अपने होंठ चाटने लगा। वह बोली लो अब तुम इन्हे पकड़ो, दबाओ और मसलो. तुम मेरे देवर हो न तो देवर का धरम निभाओ। मैंने सच में चूँचियाँ पकड़ लीं। वह मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थीं। उसके बड़े बड़े चूतड़ और बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर पागल हो गया। मुझे लगा की ये तो ब्लू फिल्म की हीरोइन है। उसने मेरे कपड़े खोलना शुरू कर किया। आखिर में जब मेरी चड्ढी रह गयी तो उसका उभार देख कर वह बोली बाप रे बाप देख तेरा लण्ड बिचारा बाहर निकलने के लिए कितना तड़प रहा है यार।
इतने में उसने मेरी चड्ढी झर्र से नीचे घसीट दी। मेरा लण्ड एकदम तना हुआ उसके सामने खड़ा हो गया। वह बोली हाय दईया लण्ड तो साला बड़ा हक्कानी है तेरा। बड़ा सॉलिड है लण्ड और बड़ा खूबसूरत भी है ? आज तो मुझे मज़ा आ जायेगा। आज का दिन मेरे लिये बड़ा अच्छा दिन है। मैंने सोंचा नहीं था की आज मुझे इतना बढ़िया लण्ड मिलेगा। उसने लण्ड की धड़ाधड़ चुम्मी लीं, सुपाड़ा चाटाऔर पेल्हड़ भी चाटे फिर बोली मेरे देवर राजा आज तो मुझे अच्छी तरह से लण्ड का मज़ा लेने दो। मैं भी उसकी चूँचियों का मज़ा लेने लगा और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा। वह बोली आज जब मैं घर से चली तो भगवान् से मना रही थी की कोई मस्त जवान लड़का मिल जाए तो मैं उससे रात भर चुदवाऊंगी और देखो भगवान् ने मेरी सुन ली। अब तुम मुझे रात भर चोदो। भाभी की बातें ही मेरे लण्ड में जोश भर रहीं थीं। मैं भी घूम कर उसकी मस्तानी चूत चाटने लगा। मेरा लण्ड चपर चपर चाटने लगी।
थोड़ी देर में उसने कहा प्रेम लो अब तुम अपना लण्ड मेरी चूँचियाँ के बीच घुसेड़ो मैं चूँचियों से तेरा लण्ड चोदूँगी। मैंने वैसा ही किया। उसकी चूँचियाँ इतनी बड़ी बड़ी थीं की लण्ड साला बीच बीच में गुम हो जाता था। फिर कुछ देर में वह लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगीं। उसने सड़का मारने की स्पीड बढ़ा दी तो मैंने कहा अरे भाभी मैं निकल जाऊंगा, झड़ जाऊंगा तो वह बोली झड़ जाओ न ? मैं पहली बार जिसका लण्ड पकड़ती हूँ उसका सड़का जरूर मारती हूँ। क्योंकि पहली बार लण्ड जल्दी खलास हो जाता है। मैं उससे अपनी चूँचियाँ भिगो लेती हूँ और दूसरी पारी में मजे से चुदवाती हूँ। ऐसे में वह दूसरी बड़ी देर तक चोदता रहता है।
दूसरों की बीवियां चोदने वाले लोगों को यह पता नहीं होता की उनकी बीवियां भी दूसरे लोग चोदते हैं। उनकी बीवियां भी पराये मर्दो से चुदवातीं हैं और अच्छी तरह चुदवातीं हैं। यह बात तय हैं की तुम अगर किसी और की बीवी चोदोगे तो कोई और तेरी बीवी चोदेगा। मैं उन्ही लोगों की बीवियां चोदता हूँ जो दूसरों की बीवियां चोदते हैं। और ऐसी बीवियां मुझसे बड़े प्यार से चुदवातीं हैं। मैंने जब ऐसी बीवियां चोदना शुरू किया तो मालूम हुआ की हर दूसरी बीवी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार बैठी है। मुझे यह भी मालूम हुआ की अधिकतर बीवियां ग़ैर मर्दो से चुदवातीं है चाहे उसके हसबैंड दूसरों की बीवियां चोदते हों चाहे न चोदते हों ? पहले तो मैं हर दिन एक या दो बीवियां चोदता था लेकिन अब तो मुझे चोदने की तारीख देनी पड़ती है। आजकल मैं २/३ बीवियां रोज़ चोदता हूँ. शनिवार इतवार को तो कई कई बीवियां चोदता हूँ। यह सब कैसे हुआ मैं आपको बता रहा हूँ.
एक बार मैं ट्रेन से कानपुर से मुंबई जा रहा था। मैं फर्स्ट क्लास A / C में था जिसमे सिर्फ चार बर्थ होतीं हैं। चारों में मुसाफिर थे। मैं नीचे की बर्थ पर था। मेरे सामने एक महिला थी उसका नाम था मिसेज अलका तिवारी । मैंने लिस्ट में उसका नाम देख लिया था। उम्र उसकी ३२ साल की थी। वह बड़ी खूबसूरत थी, गोल चेहरा, गोरी चिट्टी और अच्छे कद काठी वाली थी. बड़ी चूँचियों वाली और बड़ी बड़ी कजरारी आँखों वाली भी थी। मैं उसे देख कर एक सेकंड के लिए स्तब्ध रह गया। मैंने अपना सामान लगाया और उसका सामान लगाने में उसकी हेल्प की। वह भी खुश हो गयी। ऊपर के दोनों बर्थ पर दो लड़के थे। 3 /4 घंटे के बाद वो दोनों उतर पड़े। फिर टी टी ने बताया की अब रात में कोई नहीं आएगा बल्कि सुबह ७ बजे दो पैसेंजर आयेंगें।
तब तक रात के 10 बज चुके थे। अलका बोली मिस्टर प्रेम कुमार तिवारी अब मैं अपने कपड़े चेंज करूंगी। मैंने कहा ठीक है मैं बाहर चला जाता हूँ। वह बोली नहीं तुम्हे बाहर जाने की कोई जरुरत नहीं हैं। मैं ऐसे ही बदल लूंगी। वह उठी और अपनी साड़ी खोल डाली। ऊपर से एक गाउन पहन लिया। उसने अपनी ब्रा भी उतारी यह मुझे मालूम पड़ गया। उसने ब्रा ही पहनी थी ब्लाउज़ पहना ही नहीं था। आजकल की बीवियां सिर्फ ब्रा के ऊपर ही साड़ी पहन लेतीं हैं. ब्लाउज़ पहनने का चलन शायद धीरे धीरे ख़तम हो रहा है। उसने पेटीकोट भी उतार दिया। मैं समझ गया की अब अलका के बदन पर सिर्फ एक गाउन हैं। नीचे से उसकी चूँचियाँ भी नंगीं हैं और चूत भी। फिर अलका जी आराम से बैठ गयी और बातें करने लगीं। मुझे उसकी बात करने की अदा भा गयी।
बातों ही बातों में मुझे मालूम हुआ की वह एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हैं और उसके हसबैंड यूनिवर्सिटी में एक बड़े पद पर हैं। वह अपनी बहन के घर जा रहीं हैं। मैंने भी अपना परिचय दिया तो वह खुश हो गयीं। थोड़ी देर में उसने अपने बैग से शराब की एक बोतल निकाली और मुझे कहा मिस्टर प्रेम क्या आप मेरा साथ देगें ? मैं इस बात पर हैरान था की सच्ची में आजकल की महिलायें पुरुषों से आगे निकल रहीं हैं। मैंने हां कह दी. मुझे भी एक पैग शराब बना कर दे दिया उसने। मैं उसके साथ पीने लगा। अब थोड़ा खुल कर बातें होने लगीं। उसने कहा देखो प्रेम तुम भी कानपुर में रहते हो और मैं भी कानपुर में रहती हूँ। आज से तुम मेरे दोस्त हो गए हो। तब तक दूसरा पैग चालू हो गया था। वह फिर बोली अब तुम्हारे में और मेरे हसबैंड में फर्क नहीं रह गया है। यह सुनकर मैं थोड़ा चौक गया। मैंने उसे हैरानी से देखा तो उसने दोहराया देखो प्रेम मैं जो कह रही हूँ सच कह रही हूँ। मैं अपने कपड़े अपने हसबैंड के सामने उतारती हूँ और आज तेरे सामने भी उतार दिया है। तो फिर फरक कहाँ रहा ? जो कुछ बचा है वह भी उतार दूँगी।
यार यह सुनकर मेरे लण्ड में जबरदस्त करंट लग गया। वह मुझे बड़ी नशीली निगाहों से देखने लगी और मैं भी पिघल गया उसकी खूबसूरती पर। मेरी इच्छा होने लगी की मैं इसे अब पूरी तरह नंगी देखूं। मैं उसके साथ शराब पीने मज़ा लूट रहा था। तब तक वह बोली क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है ? मैंने कहा अभी तो नहीं हुई है। वह बोली अच्छा अब तुम 29 साल के हो गए हो शादी तो होनी चाहिए। मैंने कहा हां हो जाएगी कभी न कभी। वह बोली अच्छा तो तुम्हे अभी बीवी का अनुभव नहीं है। तुम्हे बीवी का सुख नहीं मिला अभी तक ? मैंने मजाक में कहा की आजकल तो लोग अपनी बीवियों से बड़े दुखी दिखतें हैं। वह बोली वो लोग ही दुखी है भोसड़ी वाले जो अपनी बीवी की कदर नहीं करते ? दूसरे की बीवी की गांड के पीछे लगे रहतें हैं। जैसा की मेरा हसबैंड। इसलिए मैं भी उसकी परवाह नहीं करती। मैंने कहा अरे अलका जी क्या हुआ। वह बोली मुझे अलका भाभी कहो यार। मैं तेरी भाभी हूँ अलका जी नहीं हूँ। अलका जी की माँ की चूत ? अलका की तो झांटें कई बर्षों से सुलग रहीं हैं, यार । मैंने कहा ऐसा क्या हो गया भाभी जी ? वह बोली अरे यार मेरा हसबैंड मुझे नहीं चोदता ? वह भोसड़ी वाला पराई बीवियां चोदता है। उसकी बहन की बुर ? मैं भी उसकी परवाह नहीं करती ?
उसकी नाराज़गी अपनी जगह पर थी पर मैं उस पर फ़िदा हो गया। वह बोली प्रेम आज तुम मिलो मुझे और अच्छे मौके के पर मिलो। आज मैं तुमको सब खोल कर बता दूँगी और खोल कर दिखा भी दूँगी। उसने ऐसा बोल कर अपने गाउन की दोनों बटन खोल दी। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरी आँखों के सामने एकदम गईं। मैं अपने होंठ चाटने लगा। वह बोली लो अब तुम इन्हे पकड़ो, दबाओ और मसलो. तुम मेरे देवर हो न तो देवर का धरम निभाओ। मैंने सच में चूँचियाँ पकड़ लीं। वह मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थीं। उसके बड़े बड़े चूतड़ और बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर पागल हो गया। मुझे लगा की ये तो ब्लू फिल्म की हीरोइन है। उसने मेरे कपड़े खोलना शुरू कर किया। आखिर में जब मेरी चड्ढी रह गयी तो उसका उभार देख कर वह बोली बाप रे बाप देख तेरा लण्ड बिचारा बाहर निकलने के लिए कितना तड़प रहा है यार।
इतने में उसने मेरी चड्ढी झर्र से नीचे घसीट दी। मेरा लण्ड एकदम तना हुआ उसके सामने खड़ा हो गया। वह बोली हाय दईया लण्ड तो साला बड़ा हक्कानी है तेरा। बड़ा सॉलिड है लण्ड और बड़ा खूबसूरत भी है ? आज तो मुझे मज़ा आ जायेगा। आज का दिन मेरे लिये बड़ा अच्छा दिन है। मैंने सोंचा नहीं था की आज मुझे इतना बढ़िया लण्ड मिलेगा। उसने लण्ड की धड़ाधड़ चुम्मी लीं, सुपाड़ा चाटाऔर पेल्हड़ भी चाटे फिर बोली मेरे देवर राजा आज तो मुझे अच्छी तरह से लण्ड का मज़ा लेने दो। मैं भी उसकी चूँचियों का मज़ा लेने लगा और उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा। वह बोली आज जब मैं घर से चली तो भगवान् से मना रही थी की कोई मस्त जवान लड़का मिल जाए तो मैं उससे रात भर चुदवाऊंगी और देखो भगवान् ने मेरी सुन ली। अब तुम मुझे रात भर चोदो। भाभी की बातें ही मेरे लण्ड में जोश भर रहीं थीं। मैं भी घूम कर उसकी मस्तानी चूत चाटने लगा। मेरा लण्ड चपर चपर चाटने लगी।
थोड़ी देर में उसने कहा प्रेम लो अब तुम अपना लण्ड मेरी चूँचियाँ के बीच घुसेड़ो मैं चूँचियों से तेरा लण्ड चोदूँगी। मैंने वैसा ही किया। उसकी चूँचियाँ इतनी बड़ी बड़ी थीं की लण्ड साला बीच बीच में गुम हो जाता था। फिर कुछ देर में वह लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगीं। उसने सड़का मारने की स्पीड बढ़ा दी तो मैंने कहा अरे भाभी मैं निकल जाऊंगा, झड़ जाऊंगा तो वह बोली झड़ जाओ न ? मैं पहली बार जिसका लण्ड पकड़ती हूँ उसका सड़का जरूर मारती हूँ। क्योंकि पहली बार लण्ड जल्दी खलास हो जाता है। मैं उससे अपनी चूँचियाँ भिगो लेती हूँ और दूसरी पारी में मजे से चुदवाती हूँ। ऐसे में वह दूसरी बड़ी देर तक चोदता रहता है।
उसने फिर मुझे खाना खिलाया और खूब बातें की। न मैंने कपड़े पहने और न उसने। एक घंटे के बाद वह फर मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और मैं उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। लधार लण्ड खड़ा उसकी चूँचियाँ भी तन गयीं। मस्ती फिर बढ़ने लगी और जोश फिर आने लगा। उसने लण्ड मुंह में भरा और बड़े मजे से सुपाड़े के चारों तरफ घूमाने लगी। मुझे भी अच्छा लगा और उसे भी। फिर उसने लण्ड का सुपाड़ा कई बार अपनी चूत पर रगड़ा और फिर गच्च से पेलवा लण्ड। मुझे भी उसकी टाइट चूत में लण्ड पेलने में मज़ा आया। वह थोड़ा चीखी तो पर फिर वह मस्ती से चुदवाने लगी। मैं पहली बार किसी को चलती हुई ट्रेन में चोद रहा था। उधर ट्रेन की स्पीड बढ़ने लगी इधर मेरी चोदने की स्पीड बढ़ने लगी। मुझे चलती ट्रेन में किसी परायी बीवी चोदना बड़ा अच्छा लग रहा था। अलका भाभी बोली देखा प्रेम मेरा हसबैंड दूसरों की बीवियां चोदता है लेकिन मैं उससे ज्यादा पराये मर्दों से चुदवाती हूँ। उसे क्या मालूम की मैं किस किस से और कहाँ कहाँ चुदवाती हूँ। फिर मैंने उसे रात में तीन बार चोदा और मुंबई पहुँच कर भी चोदा।
मैं जब कानपुर वापस आ गया तो उसके दो दिन बाद मेरे पास एक फोन आया। वह फोन मिसेज मोहिनी दुबे का था। वह बोली हाय प्रेम मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ अभी इसी वख्त ? क्या तुम मुझसे मिल सकते हो ? मैंने कहा हां मिल सकता हूँ पर आपको मेरा घर तो नहीं मालूम है। वह बोली मुझे मालूम है आपका घर मैं बस आधे घंटे में ही पहुँच रही हूँ। उस दिन संडे था और सवेरे के 11 बजे थे। मैं तो बस नंगे बदन एक लुंगी लगाए हुए बैठा था। वह आधे घंटे में आ गयी। मैं उसे देख कर बहुत खुश हुआ। वह लगभग 28 /29 साल की होगी जींस और टॉप पहने थी। बॉब कट बाल थे उसके। चूँचियाँ बड़ी बड़ी और मद मस्त गांड थी उसकी । मैंने कहा कहिये कैसे आना हुआ आपका ? वह बोली मुझे अलका जी ने सब बता दिया है। मैं खुल कर आपसे बात करना चाहती हूँ। मैंने कहा हां हां करो मैं सुनने के लिए तैयार हूँ।
वह बोली देखो यार मेरा पति दूसरों की बीवियों के चक्कर में रहता है। तो मैं भी कम नहीं हूँ। मैं भी पराये मर्दों के साथ सोतीं हूँ। उनके साथ रात गुज़ारती हूँ उनसे चुदवाती हूँ। मुझे न कोई अफ़सोस है, न कोई शर्म और न कोई डर। अभी दो दिन के लिए मेरा पति बाहर गया है। मैं अच्छी तरह जानती हूँ की वह भोसड़ी का किसी न किसी की बुर चोद कर आएगा। तो मैं पहले ही क्यों न चुदवा लूं ? इसलिए आज मैं तुमसे चुदवाने आयी हूँ। तुम्हारे मस्ताने लण्ड का मज़ा लूटने आयी हूँ जैसा अलका ने लूटा है। मैंने कभी सोंचा नहीं था की कोई बीवी इस तरह खुल कर कह सकती है। पर मुझे किसी ने बताया था की औरत जब बेशरम हो जाती है तो कुछ भी कर सकती है। अगर ऐसा न हो तो वह सैकड़ों लोगों के सामने नंगी कैसे नाच सकती है ? मुझे आज उसकी बात सच दिखाई पड़ रही थी। फिर वह खड़ी हुई और मेरे नंगे बदन से लिपट गयी। मेरी छाती के बालों पर हाथ फेरने लगी और बोली मुझे मर्दों के छाती के बाल बहुत सेक्सी लगते हैं।
मैंने भी उसे बाहों में भर लिया तभी उसने धीरे से अपना टॉप खोल दिया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरे सामने नंगी हो गयीं। उसने मेरी लुंगी में हाथ घुसेड़ दिया तो उसका हाथ लण्ड से टकरा गया। वह बोली हाय दईया ये तो पहले से ही खड़ा है। उसने लुंगी फ़ौरन खोल कर फेंक दी और मुझे नंगा कर दिया। उसका मुंह अपने आप खुल गया और वह लौड़ा चाटने चूसने लगी। उसके मुंह से निकला यार लौड़ा तेरा 8+ का है। मोटा भी मस्त है। मेरी चूत का बाजा बजा देगा। फिर उसने अपनी जींस भी उतार दी। मैंने उसे जब नंगी देखा तो मस्त हो गया। , वह तो बिलकुल सनी लिओन लग रही थी। मैंने उसे फिर अपनी छाती से चिपका लिया और उसकी चुम्मी ली. उसकी चूँचियाँ चाटने चूसने लगा और उसकी मस्तानी चूत पर हाथ फिराने लगा। वह बहुत ही गरम हो चुकी थी।गरम मैं भी था। फिर बर्दास्त नहीं हुआ। कुछ देर में मैंने उसे चोदना शुरू किया। वह बोली हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ। मेरा पति मादर चोद मुझे ठीक से चोदता ही नहीं। तुम बढ़िया चोदते हो तो चोदो। मुझे रंडी की तरह चोदो। नोच डालो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी बुर. हलवा बना दो मेरी बुर चोदी बुर का। ये बुर ससुरी मुझे बहुत परेशान करती है। उसकी बातों ने मुझे पागल बना दिया। मैं पराई बीवी चोदने का मज़ा लूटने लगा। और खूब एन्जॉय करने लगा।
वह जाते जाते बोली यार प्रेम मेरी एक दोस्त है उसका पति भी चुपके चुपके परायी बीवियां चोदता है। मैं चाहती हूँ की तुम उसे भी चोदो। चिंता न करो वह मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है। उसकी चूत बिलकुल मेरी चूत जैसी
ही है। तुझे मज़ा आ जायेगा। मुझे दिन पर दिन इस बात का फायदा मिलता गया की जो भी मुझसे चुदवाकर जाती थी, वह 2/ 3 बीवियां मेरे पास और भेज देती थी चोदने के लिए।
एक दिन सवेरे 9.30 एक फोन आ गया। मैं ऑफिस जा ही रहा था। मैंने फोन उठाया तो आवाज़ आयी आप प्रेम बोल रहे हैं ? मैंने कहा हां मैं प्रेम ही बोल रहा हूँ। वह बोली देखिये मैं मिसेज निशा शर्मा बोल रही हूँ। मुझे आपके बारे में मिसेज मोहिनी ने बताया था। मैं आपके घर के पास ही रहती हूँ। आज आप ऑफिस मत जाईये और मेरे घर आ जाईये। इस समय बच्चे स्कूल गये हैं और मेरा हसबैंड ऑफिस चला गया है. मैं घर में अकेली हूँ। मौक़ा अच्छा है। मैं आपका इंतज़ार कर रही हूँ। पता आपको भेज दिया है। प्लीज जल्दी आईये। मैं बड़ी बेताब हो रही हूँ। मैंने भी उसके पास जाने का इरादा बना लिया। मैं कार में बैठा और उसके घर पहुँच गया। उसने दरवाजा खोला तो मैंने कहा मैं प्रेम हूँ और निशा जी से मिलना चाहता हूँ। वह बोली अंदर आईये मैं ही निशा हूँ । उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझसे लिपट गयी। वह सच में बहुत खूबसूरत थी। मैंने अब तक जितनी बीवियां चोदीं हैं उन सब में निशा सबसे ज्यादा खूबसूरत निकली। वह बोली प्रेम बाबू तुम तो वास्तव में बड़े हैंडसम हो। बड़े प्यारे हो। मैं तुम्हे अपना दिल दे बैठी हूँ। मैं तेरी गुलाम हो गयी हूँ यार। मैंने उसके बदन पर हाथ फेरना शुरू किया और उसकी चुम्मी ली. उसके होंठ चूमे और फिर उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ ऊपर से ही दबा दीं। वह बोली हाय मेरे राजा ज़रा रुको मैं इन बुर चोदियों को खोल देती हूँ। उसने अपनी ब्रा उतारी तो 5 - 5 किलो की बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरी आँखों के सामने नांचने लगीं। मैं तो बहन चोद मस्त हो गया। फिर उसने मेरे कपड़े खोलना शुरू कर दिया। वह बोली मोहिनी बुर चोदी ने जो बताया था तुम तो उससे भी बढ़ कर हो मेरे यार ? इतने में मैंने उसका पेटीकोट का नाड़ा खोआ तो वह मेरे आगे एकदम नंगी हो गई।
मैंने झुक कर उसकी चूत की कई चुम्मियाँ लीं। उसकी छोटी छोटी झाटों पर ऊँगली फिराई और मोटी मोटी जांघो को सहलाया। वह गरम थी ही पर और गरम होने लगी। उसने फ़टाफ़ट मेरे सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया और मेरा लण्ड पकड़ कर मुस्कराते हुए हिलाने लगी। लण्ड साला पूरे जोश से टन टना उठा। वह बोली हाय दईया लण्ड तो तेरा बहुत बड़ा है और मोटा भी। पूरा घोड़े के लण्ड जैसा है तेरा लण्ड प्रेम बाबू ? उसने लण्ड का सुपाड़ा चाटा पेल्हड़ चाटे और ऊपर से नीचे तक पूरे लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले डालीं। मैं भी उसकी इस अदा से मस्त होने लगा। वह बोली प्रेम बाबू तेरा लण्ड साढ़े आठ इंच लंबा और साढ़े पांच इंच मोटा है। मैंने कहा अरे भाभी जी आपने बिना नापे कैसे बता दिया ? वह बोली मेरी उंगलियां ही लण्ड की लम्बाई चौड़ाई बता देतीं हैं। मैंने अपनी लाइफ में इतने लण्ड पकड़े हैं की मैं अब हर एक लण्ड की नाप अपनी उंगलियों से ही ले लेती हूँ।
फिर वह मुझे अपने बेड रूम में ले गयी और मुझे लिटा कर मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। मैं भी उसकी बुर चाटने लगा। मैंने पूंछा भाभी जी क्या तेरा हसबैंड दूसरों की बीवियां चोदता है ? वह बोली मुझे यह नहीं मालूम की वह पराई बीवियां चोदता है की नहीं पर मैं जरूर ग़ैर मर्दों से चुदवाती हूँ और खूब चुदवाती हूँ। मैं बिना पराये मर्दों से चुदवाये रह नहीं सकती। मुझे चोदने वाले बहुत हैं लेकिन आज मैं तुम्हारा नाम और तुम्हारे लण्ड का नाम सबसे ऊपर रखतीं हूँ।
मैं करीब एक घंटे तक उसके नंगे बदन से खेलता रहा और वह भी मेरे नंगे बदन से खेलती रहीं। फिर मैंने लण्ड गच्च से उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। वह भी मजे से धचा धच चुदवाने लगी। मैंने यह अनुभव की वह जितनी खूब सूरत थी उतनी ही चुदवाने में भी एक्सपर्ट थी। मैंने एक घंटे तक उसे खूब मजे से चोदा और हर तरफ से चोदा।
तो मेरे दोस्तों, मैं अपनी राय पर अभी भी कायम हूँ। पहला यह की जो लोग दूसरों की बीवियां चोदते हैं उनकी बीवियां दूसरे लोग चोदते हैं। बीवियां भी बड़े प्रेम से चुदवाती हैं। और दूसरा यह की खूबसूरत बीवियां पराये मर्दों से जरूर चुदवाती हैं।
०=०=०=०=० समाप्त
मैं जब कानपुर वापस आ गया तो उसके दो दिन बाद मेरे पास एक फोन आया। वह फोन मिसेज मोहिनी दुबे का था। वह बोली हाय प्रेम मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ अभी इसी वख्त ? क्या तुम मुझसे मिल सकते हो ? मैंने कहा हां मिल सकता हूँ पर आपको मेरा घर तो नहीं मालूम है। वह बोली मुझे मालूम है आपका घर मैं बस आधे घंटे में ही पहुँच रही हूँ। उस दिन संडे था और सवेरे के 11 बजे थे। मैं तो बस नंगे बदन एक लुंगी लगाए हुए बैठा था। वह आधे घंटे में आ गयी। मैं उसे देख कर बहुत खुश हुआ। वह लगभग 28 /29 साल की होगी जींस और टॉप पहने थी। बॉब कट बाल थे उसके। चूँचियाँ बड़ी बड़ी और मद मस्त गांड थी उसकी । मैंने कहा कहिये कैसे आना हुआ आपका ? वह बोली मुझे अलका जी ने सब बता दिया है। मैं खुल कर आपसे बात करना चाहती हूँ। मैंने कहा हां हां करो मैं सुनने के लिए तैयार हूँ।
वह बोली देखो यार मेरा पति दूसरों की बीवियों के चक्कर में रहता है। तो मैं भी कम नहीं हूँ। मैं भी पराये मर्दों के साथ सोतीं हूँ। उनके साथ रात गुज़ारती हूँ उनसे चुदवाती हूँ। मुझे न कोई अफ़सोस है, न कोई शर्म और न कोई डर। अभी दो दिन के लिए मेरा पति बाहर गया है। मैं अच्छी तरह जानती हूँ की वह भोसड़ी का किसी न किसी की बुर चोद कर आएगा। तो मैं पहले ही क्यों न चुदवा लूं ? इसलिए आज मैं तुमसे चुदवाने आयी हूँ। तुम्हारे मस्ताने लण्ड का मज़ा लूटने आयी हूँ जैसा अलका ने लूटा है। मैंने कभी सोंचा नहीं था की कोई बीवी इस तरह खुल कर कह सकती है। पर मुझे किसी ने बताया था की औरत जब बेशरम हो जाती है तो कुछ भी कर सकती है। अगर ऐसा न हो तो वह सैकड़ों लोगों के सामने नंगी कैसे नाच सकती है ? मुझे आज उसकी बात सच दिखाई पड़ रही थी। फिर वह खड़ी हुई और मेरे नंगे बदन से लिपट गयी। मेरी छाती के बालों पर हाथ फेरने लगी और बोली मुझे मर्दों के छाती के बाल बहुत सेक्सी लगते हैं।
मैंने भी उसे बाहों में भर लिया तभी उसने धीरे से अपना टॉप खोल दिया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरे सामने नंगी हो गयीं। उसने मेरी लुंगी में हाथ घुसेड़ दिया तो उसका हाथ लण्ड से टकरा गया। वह बोली हाय दईया ये तो पहले से ही खड़ा है। उसने लुंगी फ़ौरन खोल कर फेंक दी और मुझे नंगा कर दिया। उसका मुंह अपने आप खुल गया और वह लौड़ा चाटने चूसने लगी। उसके मुंह से निकला यार लौड़ा तेरा 8+ का है। मोटा भी मस्त है। मेरी चूत का बाजा बजा देगा। फिर उसने अपनी जींस भी उतार दी। मैंने उसे जब नंगी देखा तो मस्त हो गया। , वह तो बिलकुल सनी लिओन लग रही थी। मैंने उसे फिर अपनी छाती से चिपका लिया और उसकी चुम्मी ली. उसकी चूँचियाँ चाटने चूसने लगा और उसकी मस्तानी चूत पर हाथ फिराने लगा। वह बहुत ही गरम हो चुकी थी।गरम मैं भी था। फिर बर्दास्त नहीं हुआ। कुछ देर में मैंने उसे चोदना शुरू किया। वह बोली हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ। मेरा पति मादर चोद मुझे ठीक से चोदता ही नहीं। तुम बढ़िया चोदते हो तो चोदो। मुझे रंडी की तरह चोदो। नोच डालो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी बुर. हलवा बना दो मेरी बुर चोदी बुर का। ये बुर ससुरी मुझे बहुत परेशान करती है। उसकी बातों ने मुझे पागल बना दिया। मैं पराई बीवी चोदने का मज़ा लूटने लगा। और खूब एन्जॉय करने लगा।
वह जाते जाते बोली यार प्रेम मेरी एक दोस्त है उसका पति भी चुपके चुपके परायी बीवियां चोदता है। मैं चाहती हूँ की तुम उसे भी चोदो। चिंता न करो वह मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है। उसकी चूत बिलकुल मेरी चूत जैसी
एक दिन सवेरे 9.30 एक फोन आ गया। मैं ऑफिस जा ही रहा था। मैंने फोन उठाया तो आवाज़ आयी आप प्रेम बोल रहे हैं ? मैंने कहा हां मैं प्रेम ही बोल रहा हूँ। वह बोली देखिये मैं मिसेज निशा शर्मा बोल रही हूँ। मुझे आपके बारे में मिसेज मोहिनी ने बताया था। मैं आपके घर के पास ही रहती हूँ। आज आप ऑफिस मत जाईये और मेरे घर आ जाईये। इस समय बच्चे स्कूल गये हैं और मेरा हसबैंड ऑफिस चला गया है. मैं घर में अकेली हूँ। मौक़ा अच्छा है। मैं आपका इंतज़ार कर रही हूँ। पता आपको भेज दिया है। प्लीज जल्दी आईये। मैं बड़ी बेताब हो रही हूँ। मैंने भी उसके पास जाने का इरादा बना लिया। मैं कार में बैठा और उसके घर पहुँच गया। उसने दरवाजा खोला तो मैंने कहा मैं प्रेम हूँ और निशा जी से मिलना चाहता हूँ। वह बोली अंदर आईये मैं ही निशा हूँ । उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझसे लिपट गयी। वह सच में बहुत खूबसूरत थी। मैंने अब तक जितनी बीवियां चोदीं हैं उन सब में निशा सबसे ज्यादा खूबसूरत निकली। वह बोली प्रेम बाबू तुम तो वास्तव में बड़े हैंडसम हो। बड़े प्यारे हो। मैं तुम्हे अपना दिल दे बैठी हूँ। मैं तेरी गुलाम हो गयी हूँ यार। मैंने उसके बदन पर हाथ फेरना शुरू किया और उसकी चुम्मी ली. उसके होंठ चूमे और फिर उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ ऊपर से ही दबा दीं। वह बोली हाय मेरे राजा ज़रा रुको मैं इन बुर चोदियों को खोल देती हूँ। उसने अपनी ब्रा उतारी तो 5 - 5 किलो की बड़ी बड़ी चूँचियाँ मेरी आँखों के सामने नांचने लगीं। मैं तो बहन चोद मस्त हो गया। फिर उसने मेरे कपड़े खोलना शुरू कर दिया। वह बोली मोहिनी बुर चोदी ने जो बताया था तुम तो उससे भी बढ़ कर हो मेरे यार ? इतने में मैंने उसका पेटीकोट का नाड़ा खोआ तो वह मेरे आगे एकदम नंगी हो गई।
मैंने झुक कर उसकी चूत की कई चुम्मियाँ लीं। उसकी छोटी छोटी झाटों पर ऊँगली फिराई और मोटी मोटी जांघो को सहलाया। वह गरम थी ही पर और गरम होने लगी। उसने फ़टाफ़ट मेरे सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया और मेरा लण्ड पकड़ कर मुस्कराते हुए हिलाने लगी। लण्ड साला पूरे जोश से टन टना उठा। वह बोली हाय दईया लण्ड तो तेरा बहुत बड़ा है और मोटा भी। पूरा घोड़े के लण्ड जैसा है तेरा लण्ड प्रेम बाबू ? उसने लण्ड का सुपाड़ा चाटा पेल्हड़ चाटे और ऊपर से नीचे तक पूरे लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले डालीं। मैं भी उसकी इस अदा से मस्त होने लगा। वह बोली प्रेम बाबू तेरा लण्ड साढ़े आठ इंच लंबा और साढ़े पांच इंच मोटा है। मैंने कहा अरे भाभी जी आपने बिना नापे कैसे बता दिया ? वह बोली मेरी उंगलियां ही लण्ड की लम्बाई चौड़ाई बता देतीं हैं। मैंने अपनी लाइफ में इतने लण्ड पकड़े हैं की मैं अब हर एक लण्ड की नाप अपनी उंगलियों से ही ले लेती हूँ।
फिर वह मुझे अपने बेड रूम में ले गयी और मुझे लिटा कर मेरा लण्ड चाटने चूसने लगी। मैं भी उसकी बुर चाटने लगा। मैंने पूंछा भाभी जी क्या तेरा हसबैंड दूसरों की बीवियां चोदता है ? वह बोली मुझे यह नहीं मालूम की वह पराई बीवियां चोदता है की नहीं पर मैं जरूर ग़ैर मर्दों से चुदवाती हूँ और खूब चुदवाती हूँ। मैं बिना पराये मर्दों से चुदवाये रह नहीं सकती। मुझे चोदने वाले बहुत हैं लेकिन आज मैं तुम्हारा नाम और तुम्हारे लण्ड का नाम सबसे ऊपर रखतीं हूँ।
मैं करीब एक घंटे तक उसके नंगे बदन से खेलता रहा और वह भी मेरे नंगे बदन से खेलती रहीं। फिर मैंने लण्ड गच्च से उसकी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। वह भी मजे से धचा धच चुदवाने लगी। मैंने यह अनुभव की वह जितनी खूब सूरत थी उतनी ही चुदवाने में भी एक्सपर्ट थी। मैंने एक घंटे तक उसे खूब मजे से चोदा और हर तरफ से चोदा।
तो मेरे दोस्तों, मैं अपनी राय पर अभी भी कायम हूँ। पहला यह की जो लोग दूसरों की बीवियां चोदते हैं उनकी बीवियां दूसरे लोग चोदते हैं। बीवियां भी बड़े प्रेम से चुदवाती हैं। और दूसरा यह की खूबसूरत बीवियां पराये मर्दों से जरूर चुदवाती हैं।
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