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अम्मी की अदला बदली करके करो चुदाई - Maa badalkar chodne ka nirala majaa
अम्मी की अदला बदली करके करो चुदाई - Maa badalkar chodne ka nirala majaa , एक दुसरे की माँ की चुदाई करो , अदल बदल में मम्मी की चुदाई , मैया बदलकर चुदवायेगी , एक दुसरे के बेटे से चुदाई करंगी माताएं , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
तुम लोग पहले अपनी अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदो फिर एक दूसरे की अम्मी का भोसड़ा चोदो। एक ही कमरे में आमने सामने चोदो। आजकल की अम्मियाँ बड़े मजे से अपने अपने जवान बेटों से चुदवा लेतीं हैं। इसमें शर्माने की कोई जरुरत नहीं है।क्योंकि ये सब हमारे समाज में जायज़ है। जब बुर चोदी बेटियां अपने अपने अब्बू से चुदवा लेतीं हैं, फिर वो एक दूसरे के अब्बू से चुदवाना शुरू कर देतीं हैं तो फिर अम्मियाँ अपने अपने बेटों से क्यों न चुदवायें ? और एक दूसरे के बेटों से क्यों न चुदवायें ?
उस दिन मैं फूफी के घर गई हुई थी। मेरी फूफी जान बहुत अच्छे स्वाभाव की हैं। वह हमेशा हंसती रहतीं हैं. हंस कर सबसे बातें करतीं रहतीं हैं। खूब हंसी मजाक भी करती हैं और प्यार मोहब्बत से गाली गलौज भी करती हैं , मुझे तो उससे बातें करने में बड़ा मज़ा आता है। वह अपनी बेटी से भी इसी तरह की बात करती हैं. एक दिन वह थोड़ी देर से आयी तो फूफी बोली - तू इतनी देर से कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी ?
तुम लोग पहले अपनी अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदो फिर एक दूसरे की अम्मी का भोसड़ा चोदो। एक ही कमरे में आमने सामने चोदो। आजकल की अम्मियाँ बड़े मजे से अपने अपने जवान बेटों से चुदवा लेतीं हैं। इसमें शर्माने की कोई जरुरत नहीं है।क्योंकि ये सब हमारे समाज में जायज़ है। जब बुर चोदी बेटियां अपने अपने अब्बू से चुदवा लेतीं हैं, फिर वो एक दूसरे के अब्बू से चुदवाना शुरू कर देतीं हैं तो फिर अम्मियाँ अपने अपने बेटों से क्यों न चुदवायें ? और एक दूसरे के बेटों से क्यों न चुदवायें ?
उस दिन मैं फूफी के घर गई हुई थी। मेरी फूफी जान बहुत अच्छे स्वाभाव की हैं। वह हमेशा हंसती रहतीं हैं. हंस कर सबसे बातें करतीं रहतीं हैं। खूब हंसी मजाक भी करती हैं और प्यार मोहब्बत से गाली गलौज भी करती हैं , मुझे तो उससे बातें करने में बड़ा मज़ा आता है। वह अपनी बेटी से भी इसी तरह की बात करती हैं. एक दिन वह थोड़ी देर से आयी तो फूफी बोली - तू इतनी देर से कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी ?
तो उसकी बेटी ने भी जबाब दिया - माँ चुदा नहीं रही थी मैं अम्मी जान। मैं तो माँ चोदने वाला लण्ड ढूंढ रही थी।
एक दिन मेरे और अपनी बेटी के सामने ही फूफी अपने देवर से बोली - देवर राजा, कितने दिन हो गये तुझे अपनी भाभी के भोसड़ा में लण्ड पेले हुए ?
वह बोला - अरे भाभी जान, अभी पिछले हफ्ते ही तो मैंने पेला था अपनी भाभी के भोसड़ा में लण्ड ?
तो फूफी बोली - हां हां पेला था तूने ? मुझे याद है। पर तूने मेरी बिटिया की बुर में तो नहीं पेला था लण्ड ? चलो आज पेलो लण्ड उसकी बुर में और मेरे सामने पेलो ? उसके बाद तो फूफी जान अपने सामने ही अपने देवर का लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेलवा कर ही मानी। फिर अपनी बेटी के साथ साथ मेरी भी बुर चुदवाई।
वह बोला - अरे भाभी जान, अभी पिछले हफ्ते ही तो मैंने पेला था अपनी भाभी के भोसड़ा में लण्ड ?
तो फूफी बोली - हां हां पेला था तूने ? मुझे याद है। पर तूने मेरी बिटिया की बुर में तो नहीं पेला था लण्ड ? चलो आज पेलो लण्ड उसकी बुर में और मेरे सामने पेलो ? उसके बाद तो फूफी जान अपने सामने ही अपने देवर का लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेलवा कर ही मानी। फिर अपनी बेटी के साथ साथ मेरी भी बुर चुदवाई।
तो ऐसी हैं मेरी फूफी जान और फूफी जान की चहेती बेटी। मेरी फूफी का नाम है आफरीन बेगम। वह ४५ साल की मद मस्त, बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट हैं। उसकी खूबसूरती बड़ी मशहूर है। उसकी बेटी का नाम है आलिया। वह भी उतनी ही खूबसूरत और हॉट है। उसकी उम्र २३ साल की है। फूफी जान का एक जवान बेटा भी है। मेरा नाम नफीसा है मैं भी खूबसूरत हूँ बड़ी बड़ी चूँचियों वाली हूँ मेरे चूतड़ बड़े बड़े हैं और मेरी गांड बड़ी सेक्सी दिखती है। मेरी मोटी मोटी जाँघों के बीच एक मस्तानी चूत है उस पर छोटी छोटी काली काली झांटें भी है जो मेरी चूत की खूबसूरती बढ़ातीं हैं।
एक दिन मैं फिर फूफी के घर गयी तो पता चला की वहां मेरी खाला जान भी हैं। रात का समय था। मैं खाला जान के पास चली गयी और वहां जो हो रहा था उसे देख कर मैं दंग रह गयी। मैंने देखा की खाला जान का बेटा नंगा नंगा अपनी ही माँ के ऊपर चढ़ा हुआ है। खाला जान नंगी नंगी नीचे लेटी हुई हैं। उसकी दोनों टांगें फैली हुई हैं। उसका बेटा अपना लण्ड खाला जान की चूत में पेले हुए है। वह अपनी माँ की चूत चोद रहा था। खाला जान बोल रहीं थीं - पूरा लण्ड पेल दो बेटा। खूब मस्ती से धकाधक चोदो मेरी बुर जैसे तूने कल अपनी भाभी की बुर चोदी थी। तेरा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। वाओ बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे। खूब झमाझम चोदो ? फाड़ डालो बेटा मेरी बुर ? तब तक फूफी जान भी आ गयीं। वह मुझसे बोली अरी नफीसा तू चुपचाप क्या देख रही हैं ? तू भी भोसड़ी की कपड़े खोल कर पकड़ ले लण्ड और मज़ा ले ले जवानी का ?
मैंने कहा - अरे फूफी जान कोई बेटा अपनी ही माँ भोसड़ा चोद रहा है। यह कैसे हो सकता है ?
वह बोली - धत्त तेरे की ? तू बहन चोद अभी यही सोंच रही है ? दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है बेटी , तू अभी यहीं गांड मरा रही है माँ की लौड़ी नफीसा ? अरे मेरी बुर चोदी बेटी, देख चुदाई के समय औरत के पास केवल तीन चीज होती हैं, चूत, बुर और भोसड़ा ? उसके साथ में चूँची और गांड भी ? मरद के पास भी तीन चीज होतीं हैं, लण्ड, लौड़ा, लांड ? साथ में पेल्हड़ भी। बस. इसके अलावा और कुछ नहीं। यहाँ न कोई बुर चोदी माँ है, न कोई बेटा, न कोई बेटी ? उधर न कोई भोसड़ी वाला बाप है, न कोई भाई जान, न कोई बहन ? चुदाई तो बस लण्ड और चूत का खेल है। चूत को चाहिए लण्ड और लण्ड को चाहिए चूत ? हमारे मुस्लिम समाज में चूत चाहे जिसकी हो उसे चोदो। लण्ड चाहे जिसका हो उसे पेलो और उससे चुदवाओ। चोदा चोदी का जितना मज़ा हमारे समाज में है उतना कहीं और नहीं ? दूसरी बात यह की तेरी खाला जान का बेटा अब मर्द हो गया है। उसका लण्ड बुर चोदने वाला हो गया है। भोसड़ा चोदने वाला हो गया है तो भोसड़ा चोदेगा ही ? अब वह भोसड़ा चाहे उसकी माँ का ही क्यों न हो ? उसकी बहन का ही क्यों न हो ? या फिर किसी और का ही क्यों न हो ? इससे कोई फरक नहीं पड़ता ? जब लौड़ा खड़ा होता है न बेटी तब वह चोदने के लिए बुर ढूंढता है। बुर चाहे जिसकी हो लौड़ा उसी में घुस जाता है। और जब चूत चुदासी होती है तो वह लौड़ा ढूंढती है, लौड़ा चाहे जिसका हो, वह लौड़ा अपने अंदर पेल लेती है। बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
तब तक फूफी का बेटा भी आ गया। फूफी ने उसका लण्ड पकड़ लिया। लण्ड खड़ा था फूफी मुझे लण्ड दिखाते हुए बोलीं - नफीसा देख अब ये मेरा बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगा। तुम यहीं बैठो और देखो फिर ये दोनों बेटे मेरे सामने तेरी भी बुर चोदेंगें। फूफी की बातें सबने सुनी तो चुदाई में और जोश आ गया। फूफी ने अपने कपड़े उतारे और नंगी नंगी अपना भोसड़ा फैलाकर लेट गयी। वह बोली नफीसा तू पहले मेरे बेटे का लण्ड मजे से चूस ले चाट फिर इस मेरे भोसड़ा में पेल दे। तब तक मैं तेरी खाला के बेटे के पेल्हड़ चाटती हूँ। मैं भी फिर बेशरम हो गयी और नंगी नंगी उसका लौड़ा पकड़ कर चूमने लगी, फिर जबान निकाल कर सुपाड़ा चाटा और मुंह में भर लिया लण्ड ? मैंने कहा भाई जान तेरा लण्ड तो सच में बहुत बड़ा मर्द हो गया है। देखो न बहन चोद कितना बड़ा है और कितना मोटा है। मेरी भी चूत गीली हो गयी थी। मैं उसे अपनी बुर में घुसेड़ना चाहती थी पर मैंने सब्र से काम लिया और लौड़ा फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। वह मादर चोद भकाभक अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगा।
मैं दोनों भोसड़ा के बीच में बैठ गयी। कभी खाला के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी फूफी के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर चाट लेती। मैं सोंचने लगी की सच में यार माँ, बहन, बेटी सबकी चुदाई में बड़ा मज़ा होता है। वो दोनों साले धकापेल अपनी अपनी माँ का भोसड़ा जानवरों की तरह चोद रहे थे। जैसे कुत्ता साला किसी की भी कुतिया की बुर चोद लेता है वैसे ही आदमी भी मादर चोद किसी की भी बुर चोद लेता है चाहे वह अपनी अम्मी की ही बुर क्यों न हो ? इतने में फूफी की बेटी भी गयी। उसने देखा की मेरा भाई जान मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है और खाला का बेटा भी अपनी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है। तो वह उत्तेजित हो गयी। और बोली अब तुम लोग एक दूसरे की अम्मी चोदो। उसने खाला के बेटे का लण्ड निकाल कर अपनी अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया और अपने भाई जान का लण्ड निकाल कर खाला के भोसड़ा में पेल दिया। लो अब तुम चोदो एक दूसरे की माँ का भोसड़ा ?
फिर क्या चुदाई में बड़ी जान आ गयी। तब तक उसका शौहर आ गया। तो उसने उसका लण्ड निकाल कर मेरी चूत में घुसा दिया और कहा आलिया अब तुम मेरे मियां से चुदवाओ। अब मैं जा रही हूँ तेरे घर तेरे अब्बू से चुदवाने ? उसका लण्ड मुझे बहुत पसंद है। मैं जब जब आती हूँ तो तेरे अब्बू से चुदवाकर ही जाती हूँ। फूफी की बेटी गई तो इधर उसका शौहर मुझे बड़ी बेरहमी से चोदने लगा। मैं चुदवाती हुई खाला का भोसड़ा और फूफी का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी। मेरी नजर उन दोनों लड़कों के लण्ड पर भी थी। मेरे मन में आया की मैं क्यों न इन दोनों के अब्बू से चुदवाऊँ ? जब कहीं कोई पाबन्दी नहीं है कोई किसी को शर्म नहीं है तो फिर मैं क्यों शरमाऊं। मैं भी खुल कर चुदवाऊंगी ?
तब तक खाला बोली हाय नफीसा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तू भी बहुत अच्छी तरह से चुदवाती है।
उधर फूफी ने कहा - नफीसा, तेरी माँ की नन्द की चूत ? तूने देख लिया न अपनी माँ की नन्द की चूत।
मैंने कहा - मैंने देख भी लिया और यह भी देख लिया की मेरी बुर चोदी फूफी जान कैसे अपने बेटे से ही चुदवा लेती है। वह बोली तो क्या हुआ वह भी मर्द है और मर्द भोसड़ा नहीं चोदेगा तो क्या मुठ्ठ मारेगा बहन चोद। अब मेरा बेटा तेरी बुर लेगा नफीसा। और आलिया के मियां का लौड़ा मैं अपनी बुर में पेलूँगी। अभी मुझे मेरे बेटे ने चोदा अब मुझे मेरा दामाद चोदेगा।
फूफी ने मुझसे लण्ड ले लिया और अपने बेटे का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं भी मजे से चुदवाने लगी और एन्जॉय करने लगी। एक दिन मैं पड़ोस में रहीमा आंटी के घर चली गयी. गर्मी के दिन थे। दोपहर के दो बजे थे। उसने दरवाजा खोला और कहा नफीसा चलो सीधे मेरे ए /सी कमरे में. बाहर तो बहुत गर्मी है। मैं उसके साथ उसके कमरे में घुस गई। घुसते ही मैंने देखा की वहां दो लड़के बैठे हैं। एक तो आंटी का बेटा ही था महताब और दूसरा मैं पहचानती नहीं थी। आंटी के साथ एक और लेडी बैठी थी। आंटी ने बताया की ये मेरी सहेली नसरीन बेगम है और ये मज़हर इसका बेटा है। दोनों ही बेटे बड़े मस्त जवान और हैंडसम थे। उन्हें देख कर मैं खुद उन पर फ़िदा हो गयी।
मुलाक़ात के बाद आंटी उठी और अपने कपड़े खोलने लगीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मैं मस्त हो गयी। फिर उसकी सहेली नसरीन उठी। वह भी कपड़े खोलने लगी। मुझे नहीं मालूम था की क्या होने वाला है। मैं चुप चाप देखती रही। जब आंटी का भोसड़ा खुला तो मैं देख कर दंग रह गयी। उसका भोसड़ा क्या बिलकुल नई ताज़ी चूत लग रही थी। यही हाल नसरीन के भोसड़ा का भी था। दोनों बड़ी बेशर्मी से उन दोनों लड़कों के आगे नंगी हो गयीं। फिर दोनों आगे बढ़ीं और अपने अपने बेटों को नंगा करने लगीं। आंटी ने अपने बेटे का लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगीं। लण्ड साला बढ़ने लगा। उधर नसरीन ने भी अपने बेटे को नंगा करके उसका लौड़ा सहलाने लगीं। वह भी जोश में आने लगा और उसका लौड़ा भी तन कर खड़ा हो गया। आंटी अपने बेटे का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और नसरीन अपने बेटे का लण्ड। फिर आंटी ने मुझे इशारा किया तो मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी हो गयी और आंटी के बेटे के लण्ड के पेल्हड़ चाटने लगी। लण्ड दोनों बहन चोद आठ आठ इंच के थे और मोटे भी साढ़े पांच इंच से कम के न थे. आंटी बोली देखा नफीसा मेरा बेटा अब मर्द हो गया है। नसरीन का बेटा भी मर्द हो गया है। इनके लण्ड चूत क्या भोसड़ा चोदने वाले हो गए हैं।
इसलिए आज ये दोनों पहले अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चोदेंगें और फिर एक दूसरे की माँ का भोसड़ा चोदेंगें। तू नफीसा चिंता न कर ? ये दोनों बीच बीच में तेरी भी बुर लेते रहेंगें। इतने में पीछे से आवाज़ आयी नहीं भाभी जान नफीसा की बुर मैं लेता रहूंगा। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह आंटी का देवर हसन था। उसने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और नंगा नंगा मेरे आगे खड़ा हो गया।
मैं उसका तना हुआ लण्ड देख कर बोली - चचा जान लण्ड तो तेरा भी बड़ा जानदार है भोसड़ी का ?
वह बोला - तुम नहीं जानती हो बेटी नफीसा मैं तेरी अम्मी का भोसड़ा चोदता हूँ। तेरा अब्बू मेरी बीवी की बुर चोदता है। कल से वह मेरी बेटी की भी बुर चोदने लगा है। उसने मेरी बेटी की बुर चोदी है तो मैं उसकी बेटी की बुर चोदूंगा।
अंकल का यह खुलासा सुनकर मैं और उत्तेजित हो गयी। मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया और उसे मुंह में डाल कर चूसने लगी। तब तक उधर महताब अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगा और मज़हर अपनी माँ का भोसड़ा। मैं यह सीन देख कर मस्त हो गयी। आज मैं पहली बार किसी अम्मी को अपने ही बेटे से चुदवाते हुए देख रही थी। ये साली चूत की आग कुछ भी करा सकती है। तब तक हसन अंकल ने भी अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मैं भी बेशर्मी से रंडी की तरह चुदवाने लगी। दोनों रहीं थी - हां बेटा और कस कस चोदो अपनी भोसड़ा। फाड़ डालो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा। तुम लोग पूरे मर्द हो गए हो। अब तुम किसी की भी बुर चोद सकते हो। अपनी बहन की बुर चोदो फिर एक दूसरे की बहन की बुर चोदो। पहले अपनी अपनी भाभी की बुर चोदो फिर एक दूसरे की भाभी की बुर चोदो। पहले अपनी अपनी बीवी चोदना फिर एक दूसरे की बीवी चोदना।
आंटी की इन सेक्सी बातों से जोश और बढ़ता जा रहा था।
मैंने चुदवाते हुए पूंछा - हसन अंकल, मेरी माँ चोदते समय उसकी चूँचियाँ चोदते हो की नहीं ?
वह बोला - अरे बेटी नफीसा तेरी माँ की चूँचियाँ तो खूब चोदता हूँ। तेरी माँ की चूँचियाँ इतनी बड़ी बड़ी हैं की उनमे मेरा लण्ड बहन चोद गुम हो जाता है। तेरी अम्मी जैसी मस्त चुदवाने वाली औरत मैंने आज तक कोई और नहीं देखी। तेरी माँ का भोसड़ा बिलकुल नया ताज़ा एकदम बर्फी जैसा रखा है। उसमे लण्ड पेलने का मज़ा ही कुछ और है। तेरी अम्मी जान जब बड़ी मस्त मस्त और प्यारी प्यारी गालियां देती हुई चुदवाती हैं तो ज़न्नत का मज़ा आता है बेटी नफीसा। यह बात सुन कर मैं भी अंकल से अपनी गांड उठा उठा कर भकाभक चुदवाने लगी। मुझे भी ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
तब तक नसरीन के बेटे मज़हर ने आंटी के भोसड़ा में लण्ड पेल दिया और आंटी के बेटे महताब ने लण्ड नसरीन
के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। दोनों मज़हर और महताब एक दूसरे की अम्मी का भोसड़ा चोदने लगे। मैं इधर हसन अंकल का लण्ड पेले हुए चुदवाने में जुट गयी। मैंने कहा अंकल मुझे वैसे ही चोदो जैसे मेरा अब्बू तेरी बेटी चोदता है। मुझे यह भी बताओ क्या तूने कभी अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेला है। वह बोला अरे नफीसा हमारे घर में सब चलता है। मेरी बेटी ने खुद ही मेरा लण्ड पकड़ लिया था। रात का समय था मैं अपनी भाभी का भोसड़ा चोद रहा था। मेरी बेटी भी अपने खालू का लौड़ा पी रही थी। मैं उसे देख रहा था और वह मुझे देख रही थीं। मेरी बीवी अपने भाई जान का लौड़ा पेले हुए थी। इतने में मेरी भाभी अपने जीजू का लण्ड पकड़ लिया तो मेरे लण्ड खाली हो गया। बस मेरी बेटी की नज़र मेरे लण्ड पर पड़ी तो उसने अपना हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया मेरा लण्ड। फिर लण्ड बहन चोद कहाँ रुकने वाला था। घुस गया साला उसकी चूत के अंदर। उसे भी मज़ा आया और मुझे भी। तबसे वह मुझसे चुदवाने लगी।
इतने में मज़हर बोला - यार महताब मुझे तेरी माँ का भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। अब तो मैं इसे अक्सर चोदा करूंगा।
महताब बोला - हां यार मज़हर मुझे भी तेरी माँ का भोसड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है। अब तो मैं जब जब तेरे घर आऊंगा तब तब तेरी माँ का भोसड़ा चोद कर जाऊंगा।
=०=०=०=०=०=समाप्त
एक दिन मैं फिर फूफी के घर गयी तो पता चला की वहां मेरी खाला जान भी हैं। रात का समय था। मैं खाला जान के पास चली गयी और वहां जो हो रहा था उसे देख कर मैं दंग रह गयी। मैंने देखा की खाला जान का बेटा नंगा नंगा अपनी ही माँ के ऊपर चढ़ा हुआ है। खाला जान नंगी नंगी नीचे लेटी हुई हैं। उसकी दोनों टांगें फैली हुई हैं। उसका बेटा अपना लण्ड खाला जान की चूत में पेले हुए है। वह अपनी माँ की चूत चोद रहा था। खाला जान बोल रहीं थीं - पूरा लण्ड पेल दो बेटा। खूब मस्ती से धकाधक चोदो मेरी बुर जैसे तूने कल अपनी भाभी की बुर चोदी थी। तेरा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। वाओ बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे। खूब झमाझम चोदो ? फाड़ डालो बेटा मेरी बुर ? तब तक फूफी जान भी आ गयीं। वह मुझसे बोली अरी नफीसा तू चुपचाप क्या देख रही हैं ? तू भी भोसड़ी की कपड़े खोल कर पकड़ ले लण्ड और मज़ा ले ले जवानी का ?
मैंने कहा - अरे फूफी जान कोई बेटा अपनी ही माँ भोसड़ा चोद रहा है। यह कैसे हो सकता है ?
वह बोली - धत्त तेरे की ? तू बहन चोद अभी यही सोंच रही है ? दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है बेटी , तू अभी यहीं गांड मरा रही है माँ की लौड़ी नफीसा ? अरे मेरी बुर चोदी बेटी, देख चुदाई के समय औरत के पास केवल तीन चीज होती हैं, चूत, बुर और भोसड़ा ? उसके साथ में चूँची और गांड भी ? मरद के पास भी तीन चीज होतीं हैं, लण्ड, लौड़ा, लांड ? साथ में पेल्हड़ भी। बस. इसके अलावा और कुछ नहीं। यहाँ न कोई बुर चोदी माँ है, न कोई बेटा, न कोई बेटी ? उधर न कोई भोसड़ी वाला बाप है, न कोई भाई जान, न कोई बहन ? चुदाई तो बस लण्ड और चूत का खेल है। चूत को चाहिए लण्ड और लण्ड को चाहिए चूत ? हमारे मुस्लिम समाज में चूत चाहे जिसकी हो उसे चोदो। लण्ड चाहे जिसका हो उसे पेलो और उससे चुदवाओ। चोदा चोदी का जितना मज़ा हमारे समाज में है उतना कहीं और नहीं ? दूसरी बात यह की तेरी खाला जान का बेटा अब मर्द हो गया है। उसका लण्ड बुर चोदने वाला हो गया है। भोसड़ा चोदने वाला हो गया है तो भोसड़ा चोदेगा ही ? अब वह भोसड़ा चाहे उसकी माँ का ही क्यों न हो ? उसकी बहन का ही क्यों न हो ? या फिर किसी और का ही क्यों न हो ? इससे कोई फरक नहीं पड़ता ? जब लौड़ा खड़ा होता है न बेटी तब वह चोदने के लिए बुर ढूंढता है। बुर चाहे जिसकी हो लौड़ा उसी में घुस जाता है। और जब चूत चुदासी होती है तो वह लौड़ा ढूंढती है, लौड़ा चाहे जिसका हो, वह लौड़ा अपने अंदर पेल लेती है। बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
तब तक फूफी का बेटा भी आ गया। फूफी ने उसका लण्ड पकड़ लिया। लण्ड खड़ा था फूफी मुझे लण्ड दिखाते हुए बोलीं - नफीसा देख अब ये मेरा बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगा। तुम यहीं बैठो और देखो फिर ये दोनों बेटे मेरे सामने तेरी भी बुर चोदेंगें। फूफी की बातें सबने सुनी तो चुदाई में और जोश आ गया। फूफी ने अपने कपड़े उतारे और नंगी नंगी अपना भोसड़ा फैलाकर लेट गयी। वह बोली नफीसा तू पहले मेरे बेटे का लण्ड मजे से चूस ले चाट फिर इस मेरे भोसड़ा में पेल दे। तब तक मैं तेरी खाला के बेटे के पेल्हड़ चाटती हूँ। मैं भी फिर बेशरम हो गयी और नंगी नंगी उसका लौड़ा पकड़ कर चूमने लगी, फिर जबान निकाल कर सुपाड़ा चाटा और मुंह में भर लिया लण्ड ? मैंने कहा भाई जान तेरा लण्ड तो सच में बहुत बड़ा मर्द हो गया है। देखो न बहन चोद कितना बड़ा है और कितना मोटा है। मेरी भी चूत गीली हो गयी थी। मैं उसे अपनी बुर में घुसेड़ना चाहती थी पर मैंने सब्र से काम लिया और लौड़ा फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। वह मादर चोद भकाभक अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगा।
मैं दोनों भोसड़ा के बीच में बैठ गयी। कभी खाला के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी फूफी के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर चाट लेती। मैं सोंचने लगी की सच में यार माँ, बहन, बेटी सबकी चुदाई में बड़ा मज़ा होता है। वो दोनों साले धकापेल अपनी अपनी माँ का भोसड़ा जानवरों की तरह चोद रहे थे। जैसे कुत्ता साला किसी की भी कुतिया की बुर चोद लेता है वैसे ही आदमी भी मादर चोद किसी की भी बुर चोद लेता है चाहे वह अपनी अम्मी की ही बुर क्यों न हो ? इतने में फूफी की बेटी भी गयी। उसने देखा की मेरा भाई जान मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है और खाला का बेटा भी अपनी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है। तो वह उत्तेजित हो गयी। और बोली अब तुम लोग एक दूसरे की अम्मी चोदो। उसने खाला के बेटे का लण्ड निकाल कर अपनी अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया और अपने भाई जान का लण्ड निकाल कर खाला के भोसड़ा में पेल दिया। लो अब तुम चोदो एक दूसरे की माँ का भोसड़ा ?
फिर क्या चुदाई में बड़ी जान आ गयी। तब तक उसका शौहर आ गया। तो उसने उसका लण्ड निकाल कर मेरी चूत में घुसा दिया और कहा आलिया अब तुम मेरे मियां से चुदवाओ। अब मैं जा रही हूँ तेरे घर तेरे अब्बू से चुदवाने ? उसका लण्ड मुझे बहुत पसंद है। मैं जब जब आती हूँ तो तेरे अब्बू से चुदवाकर ही जाती हूँ। फूफी की बेटी गई तो इधर उसका शौहर मुझे बड़ी बेरहमी से चोदने लगा। मैं चुदवाती हुई खाला का भोसड़ा और फूफी का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी। मेरी नजर उन दोनों लड़कों के लण्ड पर भी थी। मेरे मन में आया की मैं क्यों न इन दोनों के अब्बू से चुदवाऊँ ? जब कहीं कोई पाबन्दी नहीं है कोई किसी को शर्म नहीं है तो फिर मैं क्यों शरमाऊं। मैं भी खुल कर चुदवाऊंगी ?
तब तक खाला बोली हाय नफीसा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तू भी बहुत अच्छी तरह से चुदवाती है।
उधर फूफी ने कहा - नफीसा, तेरी माँ की नन्द की चूत ? तूने देख लिया न अपनी माँ की नन्द की चूत।
मैंने कहा - मैंने देख भी लिया और यह भी देख लिया की मेरी बुर चोदी फूफी जान कैसे अपने बेटे से ही चुदवा लेती है। वह बोली तो क्या हुआ वह भी मर्द है और मर्द भोसड़ा नहीं चोदेगा तो क्या मुठ्ठ मारेगा बहन चोद। अब मेरा बेटा तेरी बुर लेगा नफीसा। और आलिया के मियां का लौड़ा मैं अपनी बुर में पेलूँगी। अभी मुझे मेरे बेटे ने चोदा अब मुझे मेरा दामाद चोदेगा।
फूफी ने मुझसे लण्ड ले लिया और अपने बेटे का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं भी मजे से चुदवाने लगी और एन्जॉय करने लगी। एक दिन मैं पड़ोस में रहीमा आंटी के घर चली गयी. गर्मी के दिन थे। दोपहर के दो बजे थे। उसने दरवाजा खोला और कहा नफीसा चलो सीधे मेरे ए /सी कमरे में. बाहर तो बहुत गर्मी है। मैं उसके साथ उसके कमरे में घुस गई। घुसते ही मैंने देखा की वहां दो लड़के बैठे हैं। एक तो आंटी का बेटा ही था महताब और दूसरा मैं पहचानती नहीं थी। आंटी के साथ एक और लेडी बैठी थी। आंटी ने बताया की ये मेरी सहेली नसरीन बेगम है और ये मज़हर इसका बेटा है। दोनों ही बेटे बड़े मस्त जवान और हैंडसम थे। उन्हें देख कर मैं खुद उन पर फ़िदा हो गयी।
मुलाक़ात के बाद आंटी उठी और अपने कपड़े खोलने लगीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मैं मस्त हो गयी। फिर उसकी सहेली नसरीन उठी। वह भी कपड़े खोलने लगी। मुझे नहीं मालूम था की क्या होने वाला है। मैं चुप चाप देखती रही। जब आंटी का भोसड़ा खुला तो मैं देख कर दंग रह गयी। उसका भोसड़ा क्या बिलकुल नई ताज़ी चूत लग रही थी। यही हाल नसरीन के भोसड़ा का भी था। दोनों बड़ी बेशर्मी से उन दोनों लड़कों के आगे नंगी हो गयीं। फिर दोनों आगे बढ़ीं और अपने अपने बेटों को नंगा करने लगीं। आंटी ने अपने बेटे का लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगीं। लण्ड साला बढ़ने लगा। उधर नसरीन ने भी अपने बेटे को नंगा करके उसका लौड़ा सहलाने लगीं। वह भी जोश में आने लगा और उसका लौड़ा भी तन कर खड़ा हो गया। आंटी अपने बेटे का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और नसरीन अपने बेटे का लण्ड। फिर आंटी ने मुझे इशारा किया तो मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी हो गयी और आंटी के बेटे के लण्ड के पेल्हड़ चाटने लगी। लण्ड दोनों बहन चोद आठ आठ इंच के थे और मोटे भी साढ़े पांच इंच से कम के न थे. आंटी बोली देखा नफीसा मेरा बेटा अब मर्द हो गया है। नसरीन का बेटा भी मर्द हो गया है। इनके लण्ड चूत क्या भोसड़ा चोदने वाले हो गए हैं।
इसलिए आज ये दोनों पहले अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चोदेंगें और फिर एक दूसरे की माँ का भोसड़ा चोदेंगें। तू नफीसा चिंता न कर ? ये दोनों बीच बीच में तेरी भी बुर लेते रहेंगें। इतने में पीछे से आवाज़ आयी नहीं भाभी जान नफीसा की बुर मैं लेता रहूंगा। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह आंटी का देवर हसन था। उसने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और नंगा नंगा मेरे आगे खड़ा हो गया।
मैं उसका तना हुआ लण्ड देख कर बोली - चचा जान लण्ड तो तेरा भी बड़ा जानदार है भोसड़ी का ?
वह बोला - तुम नहीं जानती हो बेटी नफीसा मैं तेरी अम्मी का भोसड़ा चोदता हूँ। तेरा अब्बू मेरी बीवी की बुर चोदता है। कल से वह मेरी बेटी की भी बुर चोदने लगा है। उसने मेरी बेटी की बुर चोदी है तो मैं उसकी बेटी की बुर चोदूंगा।
अंकल का यह खुलासा सुनकर मैं और उत्तेजित हो गयी। मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया और उसे मुंह में डाल कर चूसने लगी। तब तक उधर महताब अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगा और मज़हर अपनी माँ का भोसड़ा। मैं यह सीन देख कर मस्त हो गयी। आज मैं पहली बार किसी अम्मी को अपने ही बेटे से चुदवाते हुए देख रही थी। ये साली चूत की आग कुछ भी करा सकती है। तब तक हसन अंकल ने भी अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मैं भी बेशर्मी से रंडी की तरह चुदवाने लगी। दोनों रहीं थी - हां बेटा और कस कस चोदो अपनी भोसड़ा। फाड़ डालो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा। तुम लोग पूरे मर्द हो गए हो। अब तुम किसी की भी बुर चोद सकते हो। अपनी बहन की बुर चोदो फिर एक दूसरे की बहन की बुर चोदो। पहले अपनी अपनी भाभी की बुर चोदो फिर एक दूसरे की भाभी की बुर चोदो। पहले अपनी अपनी बीवी चोदना फिर एक दूसरे की बीवी चोदना।
आंटी की इन सेक्सी बातों से जोश और बढ़ता जा रहा था।
मैंने चुदवाते हुए पूंछा - हसन अंकल, मेरी माँ चोदते समय उसकी चूँचियाँ चोदते हो की नहीं ?
वह बोला - अरे बेटी नफीसा तेरी माँ की चूँचियाँ तो खूब चोदता हूँ। तेरी माँ की चूँचियाँ इतनी बड़ी बड़ी हैं की उनमे मेरा लण्ड बहन चोद गुम हो जाता है। तेरी अम्मी जैसी मस्त चुदवाने वाली औरत मैंने आज तक कोई और नहीं देखी। तेरी माँ का भोसड़ा बिलकुल नया ताज़ा एकदम बर्फी जैसा रखा है। उसमे लण्ड पेलने का मज़ा ही कुछ और है। तेरी अम्मी जान जब बड़ी मस्त मस्त और प्यारी प्यारी गालियां देती हुई चुदवाती हैं तो ज़न्नत का मज़ा आता है बेटी नफीसा। यह बात सुन कर मैं भी अंकल से अपनी गांड उठा उठा कर भकाभक चुदवाने लगी। मुझे भी ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
तब तक नसरीन के बेटे मज़हर ने आंटी के भोसड़ा में लण्ड पेल दिया और आंटी के बेटे महताब ने लण्ड नसरीन
इतने में मज़हर बोला - यार महताब मुझे तेरी माँ का भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। अब तो मैं इसे अक्सर चोदा करूंगा।
महताब बोला - हां यार मज़हर मुझे भी तेरी माँ का भोसड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है। अब तो मैं जब जब तेरे घर आऊंगा तब तब तेरी माँ का भोसड़ा चोद कर जाऊंगा।
=०=०=०=०=०=समाप्त
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