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बेटियां बन गईं बीवियां इन्हें चोदो - Betiyan Bani Biwiyan ab karo inki chudai
बेटियां बन गईं बीवियां इन्हें चोदो - Betiyan Bani Biwiyan ab karo inki chudai , बेटियां बुर चोदी हो गईं हैं बीवियां, चुदाई करो , Hindi Porn Kahani अदला बदली , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस दिन जब बात हो रही थी तो अम्मी, फूफी और खाला जान के साथ साथ उनकी बेटियां भी बैठीं थीं। मैंने कहा अम्मी जान आज तो बड़ा बढ़िया मौक़ा है। हम बेटियों के शौहर भी यहाँ मौजूद हैं और आज चांदनी रात भी है। तो फिर ऐसे में क्यों न हो जाये चोदा चोदी ? इतने में मेरी फूफी जान बोली हां ठीक तो है। अब क्या अब तो सब की सब बेटियां बुर चोदी बन गईं हैं बीवियां ? मैं तो कहती हूँ की इन बीवियों को खूब चोदो।आज ये सब नई नवेली बीवियां सबके लण्ड पर बैठेंगीं और सबके लण्ड चोदेंगीं। खुल्लम खुल्ला सबके सामने चोदेंगीं। मैंने कहा मंजूर है लेकिन हमारे शौहर भी सबकी अम्मियों के भोसड़ा में लण्ड पेलेगें। सभी बेटियों की माँ चोदेंगें। वह भी खुल्लम खुल्ला।
बस फिर क्या था ? होना लगा फ़टाफ़ट सामूहिक चुदाई का इंतज़ाम। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
एक दिन इत्तिफाक से मैं आफ़िया अपनी अम्मी नादिरा बेगम के साथ बैठी थी। मेरे बगल में बैठीं थीं मेरी खाला जान उसका नाम है नाज़िया बेगम और दूसरी तरफ बौठीं थीं मेरी फूफी जान। उसका नाम है मुमताज़ बेगम। इतने में उसकी बेटी सूफ़िया आ गयी और उधर खाला जान की बेटी हिना भी आ गयी। हम तीनो बेटियां लगभग एक ही उम्र की हैं। यही कोई 22 से 25 साल के बीच। हमारी अम्मियाँ भी लगभग 44/ 45 साल की हैं और मस्त जवान हैं। हम सबके बीच खूब झमाझम बातें होने लगीं। होते होते कुछ गन्दी गन्दी बातें भी होने लगीं और फिर निहायत अश्लील बातें भी यानी लण्ड, बुर ,चूत, भोसड़ा, गांड की बातें होने लगीं। हम तीनो बेटियां भी शादी शुदा भी थीं इसलिए और खुल कर बातें कर रहीं थीं। चोदा चोदी की बाते भी होने लगीं। और फिर प्यार से गाली गलौज भी होने लगा और खूब मौज़ मस्ती होने लगी।
बस फिर क्या था ? होना लगा फ़टाफ़ट सामूहिक चुदाई का इंतज़ाम। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
एक दिन इत्तिफाक से मैं आफ़िया अपनी अम्मी नादिरा बेगम के साथ बैठी थी। मेरे बगल में बैठीं थीं मेरी खाला जान उसका नाम है नाज़िया बेगम और दूसरी तरफ बौठीं थीं मेरी फूफी जान। उसका नाम है मुमताज़ बेगम। इतने में उसकी बेटी सूफ़िया आ गयी और उधर खाला जान की बेटी हिना भी आ गयी। हम तीनो बेटियां लगभग एक ही उम्र की हैं। यही कोई 22 से 25 साल के बीच। हमारी अम्मियाँ भी लगभग 44/ 45 साल की हैं और मस्त जवान हैं। हम सबके बीच खूब झमाझम बातें होने लगीं। होते होते कुछ गन्दी गन्दी बातें भी होने लगीं और फिर निहायत अश्लील बातें भी यानी लण्ड, बुर ,चूत, भोसड़ा, गांड की बातें होने लगीं। हम तीनो बेटियां भी शादी शुदा भी थीं इसलिए और खुल कर बातें कर रहीं थीं। चोदा चोदी की बाते भी होने लगीं। और फिर प्यार से गाली गलौज भी होने लगा और खूब मौज़ मस्ती होने लगी।
मैंने कहा - खाला तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहन की बिटिया की बुर ?
तब तक उसकी बेटी हिना बोल पड़ी - आफ़िया, तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली मैं किसी दिन कोई लण्ड तेरी बुर में और तेरी माँ की बुर पेल दूँगी। फाड़ डालूंगी तुम दोनों की चूत।
उधर से फूफी की बेटी भी बोली - अरी आफिया और हिना तुम लोग सुन लो मैं भी तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी लण्ड। तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा भी चोदूँगी ? अपने अब्बू का लण्ड पेल दूँगी तेरी चूत में बुर चोदी हिना। अम्मी जान बोली - अरी बुर चोदी सूफ़िया, पेलना है तो अपने मियां का लण्ड पेलो ? दूसरे के मियां का लण्ड क्यों पेलोगी ?
हिना मुस्कराती हुई बोली - मैं पेलूँगी अपने मियां लण्ड सूफ़िया की बुर में ?
यह सुनकर सब एकदम से हंस पड़ी। अम्मी जान खाला और फूफी के साथ खूब एन्जॉय करने लगीं। अपनी अपनी बेटियों के मुंह से गालियां सुन सुन कर खूब खुश हो रहीं थीं।
एक दिन मैं अपनी सहेली अमरा के घर गई थी। उसने फोन किया और कहा यार तुम सीधे मेरे कमरे में आ जाना मैं जब पहुंची तो देखा की वह अपने अब्बू के पास एकदम नंगी बैठी हुई ब्लू फिल्म देख रही है। उसका अब्बू भी बहन चोद बिलकुल नंगा था और उसका लण्ड भी खड़ा था। मैं तो लण्ड देख कर ललचा गई। मेरा मन हुआ की मैं लण्ड उससे छीन कर अपने मुंह में भर लूं। वह अपने अब्बू का लण्ड धीरे धीरे सहला रही थी। मुझे देख कर वह बोली लो यार आफ़िया तुम मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ो। मैं तो चाहती ही थी। मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया और बड़े प्यार से मुस्कराती हुई उसे चूमने चाटने लगी। तब तक वह उठी और मुझे भी नंगी कर दिया। उसका अब्बू मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मैं उसके लण्ड में खोती जा रही थी।
मैं ब्लू फिल्म कम देख रही थी उसका लण्ड ज्यादा। इतने में वह अंदर आयी तो उसके हाथ के एक और टन टनाता हुआ लण्ड है. वह बोली ये मेरे चचा जान का लण्ड है। मैं उससे छीन कर ले आयी हूँ। मैंने पूँछा तो फिर तेरी अम्मी क्या कर रहीं हैं ? वह बोली मेरी अम्मी मेरी फूफी के बेटे से अपना भोसड़ा चुदवा रही हैं। मैंने कहा यार कल मैं अपनी सहेली सलमा के घर गयी थी। वह भी भोसड़ी वाली अपने ससुर से चुदवाने में जुटी थी और उसकी अम्मी अपने भाई जान से चुदवा रहीं थीं। मैं जिसके घर जाती हूँ उसी घर में मुझे चुदाई होती हुई दिखाई पड़ती है। उसने कहा यार देखो हम लोगों के घरों में चुदाई खूब होती है और हमेशा कोई न कोई किसी न किसी की बुर चोदता ही रहता है। अब देखो न मेरे घर में मैं हूँ, मेरी अम्मी हैं, मेरी दो भाभियाँ हैं। चार चूत हैं। अब जो भी आता है वह भोसड़ी का किसी न किसी की चूत चोद कर ही जाता है। बिना चोदे कोई मादर चोद वापस जाता ही नहीं ? कभी कभी तो २/३ चूत एक ही दिन में चोद कर जाता है। रात में अगर रुक जाता है तो सबकी चूत में लण्ड पेलता है। उसे भी मज़ा आता है और हम लोगों को भी।
उसके बाद मैंने देखा की अमरा ने अपंने चचा जान का लण्ड अपनी बुर में पेला और वहीं पर धकाधक चुदवाने लगी। मैंने भी फिर उसके अब्बू का लण्ड अपने चूत में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। न उसे कोई शर्म और न मुझे। हम दोनों बिलकुल रंडी की तरह, बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह चुदवाने लगीं। उस दिन मुझे मालूम हुआ की चुदाई में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए और सबके लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वा कर चुदवाना चाहिए। लण्ड बहन चोद चाहे जिसका हो ? मैंने देखा की मेरी अम्मी जान, खाला जान और फूफी जान भी चुदवाने में शर्माती नहीं है और आगे बढ़ कर सबके लण्ड पकड़ लेतीं हैं। जब हमारी शादियां हो गईं तो हम सब और बेशरम हो गईं।
अब तो हमें न माँ का भोसड़ा चुदाने में कोई शर्म आती है और न अम्मी को अपनी बेटी की बुर चुदवाने में ? बुर चोदी अम्मी अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेल देती है और बुर चोदी बेटी अपनी माँ की चूत में लण्ड घुसेड़ देती है।
इसीलिए उस दिन सब बेटियों ने खुले आम सामूहिक चुदाई की बात की। उस दिन चांदनी रात को हम सब छत पर इकठ्ठा होने लगीं। मैं आफिया, मेरी अम्मी जान नादिरा, मेरी नाज़िया खाला, उसकी बेटी हिना, मुमताज़ फूफी और उसकी बेटी सूफ़िया, खालू अरबाज़, फूफा सफीक, मेरा मामू अज़हर, और उधर इन तीनो बेटियों के शौहर भी आने लगे। मेरा मियां आरिफ, हिना का मियां अतीक और सूफ़िया का मियां हनीफ भी आ गए। पूरी छत पर हम सब लोग चुदाई के लिए इकठ्ठा हो गए।
फूफी ने फिर दोहराया। वह सारे मर्दों से बोली आज तुम सब लोग इन बेटियों को अच्छी तरह चोदो। इन बेटियों को इनकी अम्मियों के सामने चोदो। इनकी बुर में लौड़ा पेल पेल के चोदो। ये सब बुर चोदी बन गईं हैं बीवियां और अपनी अपनी सुहागरात में खूब भकाभक चुदवाकर आईं हैं। इसी मस्ती ने फूफी की बेटी सूफ़िया अपने मियां से बोली आज तुम लोग भी हमारी अम्मियों का भोसड़ा खूब जम कर चोदो। सबकी अम्मियों का भोसड़ा अदल बदल कर चोदो। बेटियों के सामने इनका भोसड़ा चोदो। फाड़ डालो इन बुर चोदियों का भोसड़ा ? इन बातों से माहौल एकदम से गरम हो गया।
सूफ़िया ऐसा बोल कर मेरे मामू जान की तरफ बढ़ी और उससे लिपट गयी. उसने पहले कभी मेरे मामू का लण्ड देखा नहीं था। इसलिए उसे उसका लण्ड पकड़ने की बड़ी जल्दी थी। हिना भी फूफा की तरफ लपकी और उसकी गोद में जा गिरी। इधर मैं भी खालू की बाँहों में समा गयी। मैंने उसके गले में बाहें डाल दीं। वह भी म्रेरे बदन पर हाथ फिराने लगा। कर से ही मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। तब मैंने देखा मेरी अम्मी ने सूफ़िया के मियाँ हनीफ के पजामा में अपना हाथ घुसेड़ दिया है। खाला ने मेरे मियां का लण्ड पकड़ने के लिए उसका पजामा खोल डाला है और फूफी हिना के मियां का लण्ड उसके पजामा के अंदर हाथ घुसेड़ कर हिलाने लगीं हैं। साथ ही साथ ये सब अपने अपने कपड़े भी उतारने लगीं हैं। मैंने सबसे पहले खालू को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिलाकर सबको दिखा दिया। फिर हिना ने फूफा का लण्ड निकाल कर सबको दिखाया और बाद में सूफ़िया ने भी मामू का लौड़ा निकाल कर उसका सुपाड़ा चाट चाट कर सबको दिखाया। खालू गुफा और मामू तीनो भोसड़ी के एकदम नंगे हो गए. फिर अम्मी, फूफी और खाला जान भी नंगी हो गईं।
इधर हम तीनो बेटियां भी नंगी हो गयीं। और हमारे शौहर भी नंग धडंग हो गए। अब महफ़िल में कोई भी ऐसा नहीं था जो नंगा न हो और नंगी न हो ? सबको नंगी और सबको नंगा देखने का भी एक मज़ा होता है। यही मज़ा हम सब लेने लगीं। हमारी अम्मियाँ भी हमारे मर्दों के लण्ड देख देख कर इतरा रहीं थीं और हम सब उनके मर्दों के लण्ड देख देख कर। यह बड़ा नेचुरल है की बेटियां बड़े लोगों से चुदवाना ज्यादा पसंद करतीं हैं और अम्मियाँ
अपनी बेटी के उम्र के लड़कों से चुदवाना पसंद करतीं हैं आज इस महफिल में सबकी पसंद पूरी हो रही हैं। यही तो असली मज़ा है सामूहिक चुदाई का ? सबसे पहले फूफी जान ने खाला की बेटी हिना के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेला। उस भोसड़ी वाली को चुदवाने की बहुत ही जल्दी थी। उसके पास उसकी बेटी सूफ़िया अपनी चूत खोले हुए मेरे मामू का लण्ड चाट रही थी। मामू ने झटका दिया और लण्ड सूफ़िया की बुर में घुसा दिया। अब फूफी और उसकी बेटी दोनों अगल बगल भकाभक चुदवाने लगीं। खाला जान ने मेरे मियां आरिफ का लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। उधर मेरी अम्मी जान ने सूफ़िया के मियां हनीफ का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलवाया और वह भी रंडी की तरह दनादन चुदवाने लगी। इस तरह ये तीनो अम्मियाँ हम तीनो के मियों से चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं थीं।
इधर मेरी चूत में खालू ने अपना लण्ड पेल दिया। वह बोला आफ़िया मैं बहुत दिनों से तेरी बुर चोदना चाह रहा था। आज मुझे मौक़ा मिला है। आज तो मैं तेरी ये मस्तानी बुर अच्छी तरह चोदूंगा। तेरी माँ का भोसड़ा तो मैंने बहुत चोदा है आज उसकी बिटिया की बुर चोदने का मज़ा लूंगा। वह रफ़्तार बढ़ाने लगा और मुझे मज़ा आने लगा। मेरी खाला जान की बेटी हिना मेरे फूफा का लण्ड अपनी बुर में पेले हुए चुदवाने लगी। वह बोली हाय सफीक मियां तू मेरे अब्बू की उम्र का है पर मुझे ऐसे चोद रहा है जैसे की मैं तेरी बीवी हूँ। भोसड़ी के कभी अपनी बिटिया की बुर भी इसी तरह चोदी है तूने ? वह बोला हां चोदी है। मैं जिसको चोदता हूँ उसे अपनी बीवी की ही तरह चोदता हूँ। तेरी माँ का भोसड़ा भी मैं अपनी बीवी के भोसड़ा की तरह ही चोदता हूँ। वह भी मेरी बीवी बन जाती है और आज तू भी मेरी बीवी बनी हुई है। हिना बोली तेरी बीवी की माँ का भोसड़ा ? पूरा लौड़ा घुसा दे न मेरी चूत में। फाड़ दाल मेरी बुर चोदी बुर।
पास में ही फूफी जान की बेटी सूफ़िया भी मेरे मामू जान से चुदवाने में मस्त थी। ऐसा लग रहा था की जैसे उसे आज पहली बार उसके मन का कोई लण्ड मिला है। औरत को जब अपने मन का लण्ड मिलता है तो बहुत अच्छी तरह चुदवाती हैं। इस तरह बेटियां अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रहीं है और माँ अपनी बेटियों की बुर चुदवा रहीं हैं। बेटियां बड़ी मस्ती से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदता हुआ देख रहीं हैं और अम्मियाँ भी अपनी अपनी बेटियों की चुदती हुई बुर देख रहीं हैं। वो तो जानती ही है की हमारी बेटियां बुर चोदी ससुराल से चुद कर आईं हैं। अब वे सब की सब चुदवाने में बड़ी बेशरम और बेहाया हो गईं हैं। वहां अपनी सास और नन्द की बुर चोदतीं हैं और यहाँ अपनी माँ और बहन की बुर चोदतीं हैं। आजकल तो इन बेटियों का ही ज़माना है। जहाँ जाओ वहीं चोदो और चुदाओ।
चुदाई की मस्ती में खाला जान की बेटी हिना ने मजाक किया और कहा - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? खाला ने जबाब दिया और बोली - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज तेरी माँ को पता चल रहा है की मोटे मोटे लण्ड से चुदाने में कितना मज़ा आता है। मैंने भी कहा - अम्मी जान आज तो तेरी बिटिया की बुर चुद रही है, तेरी बहन का भोसड़ा भी चुद रहा है। तेरी नन्द की चूत चुद रही है और इन दोनों की बेटियों की बुर भी चुद रही है। आज तो चुदाई का जलसा हो रहा है।
रात में सब एक दूसरे की बीवी चोदते हैं, बहू.
मैं जब दुबारा ससुराल पहुंची तो मेरा मन चुदाई में ही घूम रहा था। मैं सोंचने लगी की यहाँ की सामूहिक चुदाई होती भी है की नहीं। लोग रात के किस तरह की चुदाई करते हैं ? अपनी अपनी बीवी चोदते हैं की दूसरों की भी ? लोग अपनी बेटी चोदते हैं की नहीं। अपनी बहो की बुर में लण्ड पेलते है की नहीं ? ये सब सवाल मेरे मन में पैदा हो रहे थे जिनका जबाब मेरी नन्द के पास था या फिर मेरी सास के पास ? रात के 10 बज चुके थे , मैंने देखा की फर्श पर एक बड़ा सा बिस्तर लगा हुआ है। मैंने पूंछा तो मेरी नन्द ने बताया भाभी जान यहाँ केवल शादी शुदा लोग हो सोते हैं। तब तक सास आ गयीं वह बोली बहू रात में हमारे यहाँ इस बिस्तर पर सब बीवियां एक साथ सोतीं है और उनके साथ मियां भी ? यहाँ हम सब मिलकर ही चुदाई का मज़ा लेतीं हैं। यह सुनकर मुझे सवालों का जबाब मिलने लगा। नन्द ने फिर हंस कर कहा अरे भाभी जान ये बुर चोदी तेरी सास सही नहीं बता रही है। यहां अपनी बीवी कोई नहीं चोदता ? सास बोली अरे बहू ये तेरी बुर चोदी नन्द खुल कर नहीं बता रही है। सही बात यह है बहू की यहाँ लोग रात में एक दूसरे की बीवी चोदते हैं ?
नन्द बोली - भाभी, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
सास बोली - बहू, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैं दोनों की बात सुनकर हंस पड़ी क्योंकि मुझे सारे सवालों का जबाब मिल गया। रात में मैं मेरा शौहर आरिफ, मेरा ससुर अजमल मेरी सास आसिया मेरी नन्द सबा नंदोई नदीम, मेरा ममिया ससुर हलीम और ममिया सास शबीना बिस्तर पर आ गईं. रात गहराती गयी और हमारा जोश बढ़ता गया। मैंने देखा की मेरी सास ने अपनी बेटी के मियां के लण्ड पर हाथ रख दिया। वह भी मेरी सास की चूँचियाँ दबाना शुरू कर दिया। तब तक मेरा ससुर मेरी तरफ बढ़ा और मुझे अपनी तरफ घसीट लिया। मैं भी उसकी तरफ बढ़ गयी। उसने मेरा हाथ अपने लण्ड पर रखा और कहा बहू लो देखो तुम्हे ये पसंद है की नहीं ? मैंने जब लण्ड पकड़ा तो मेरी चूत में आग लग गई। मेरे बदन जलने लगा। लण्ड साला बड़ा मोटा और लंबा था। मैंने कहा ससुर जी ये तो बहुत बड़ा है ,. वह बोला बहू इसका नाम लेकर बोलो न ? जरुरत नहीं है। मैंने कहा ये आपका लण्ड बड़ा मोटा है। बस यह सुनकर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड सीधे मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। तब मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी मेरे नंदोई का लण्ड पी रही हैं। मेरा शौहर ने लण्ड ममिया सास की चूँचियों में पेल दिया। उधर ममिया ससुर अपना लण्ड नन्द की बुर पर रगड़ने लगा।
जोश बढ़ने लगा उत्तेजना बढ़ने लगी। मेरा ससुर जब मेरे ऊपर चढ़ा तो मैं समझ गई की मैं सही घर में ब्याही गयी हूँ जहाँ मुझे लण्ड पे लण्ड मिलते रहेगें। मेरे मियां का लण्ड कोई भी ले जाए मुझे कोई अफ़सोस नहीं होगा लण्ड मिलते रहेंगे। उसने लण्ड पेला तो मेरी चूत गन गना उठी। लण्ड इतना मोटा था की वह चारों तरफ से चूत में छिपक कर घुस रहा था। मैं तो मस्ती होती जा रही थी। मेरे बगल में बुर चोदी अपने मामू जान से चुदवाये जा रही थी। मेरी सास ने अपने दामाद का लण्ड अपने भोसड़ा में पेल रखा था वह तो माँ की लौड़ी धकाधक अपनी बेटी और बहू के सामने रंडी की तरह चुदवा रही थी। मेरी ममिया सास ने मेरे मियां का लौड़ा पेला था अपनी चूत में। वह भी मादर चोद चुदवाने में किसी से पीछे नहीं थीं।
सास बोली - देखा बहू रानी, तेरा ससुर अपने बेटे की बीवी चोद रहा है, तेरा नंदोई तेरे ससुर की बीवी चोद रहा है, तेरा ममिया ससुर तेरे नंदोई की बीवी चोद रहा है और तेरा शौहर अपने मामू जान की बीवी चोद रहा है। यहाँ सब भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियां चोद रहे हैं। यही है हमारे घर की खूबसूरती, हमारी चुदाई की खूबसूरती। ये लोग इसी तरह रात भर एक दूसरे की बीवी चोदते रहे।
०=०=०=०=०=०=० समाप्त
एक दिन मैं अपनी सहेली अमरा के घर गई थी। उसने फोन किया और कहा यार तुम सीधे मेरे कमरे में आ जाना मैं जब पहुंची तो देखा की वह अपने अब्बू के पास एकदम नंगी बैठी हुई ब्लू फिल्म देख रही है। उसका अब्बू भी बहन चोद बिलकुल नंगा था और उसका लण्ड भी खड़ा था। मैं तो लण्ड देख कर ललचा गई। मेरा मन हुआ की मैं लण्ड उससे छीन कर अपने मुंह में भर लूं। वह अपने अब्बू का लण्ड धीरे धीरे सहला रही थी। मुझे देख कर वह बोली लो यार आफ़िया तुम मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ो। मैं तो चाहती ही थी। मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया और बड़े प्यार से मुस्कराती हुई उसे चूमने चाटने लगी। तब तक वह उठी और मुझे भी नंगी कर दिया। उसका अब्बू मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मैं उसके लण्ड में खोती जा रही थी।
मैं ब्लू फिल्म कम देख रही थी उसका लण्ड ज्यादा। इतने में वह अंदर आयी तो उसके हाथ के एक और टन टनाता हुआ लण्ड है. वह बोली ये मेरे चचा जान का लण्ड है। मैं उससे छीन कर ले आयी हूँ। मैंने पूँछा तो फिर तेरी अम्मी क्या कर रहीं हैं ? वह बोली मेरी अम्मी मेरी फूफी के बेटे से अपना भोसड़ा चुदवा रही हैं। मैंने कहा यार कल मैं अपनी सहेली सलमा के घर गयी थी। वह भी भोसड़ी वाली अपने ससुर से चुदवाने में जुटी थी और उसकी अम्मी अपने भाई जान से चुदवा रहीं थीं। मैं जिसके घर जाती हूँ उसी घर में मुझे चुदाई होती हुई दिखाई पड़ती है। उसने कहा यार देखो हम लोगों के घरों में चुदाई खूब होती है और हमेशा कोई न कोई किसी न किसी की बुर चोदता ही रहता है। अब देखो न मेरे घर में मैं हूँ, मेरी अम्मी हैं, मेरी दो भाभियाँ हैं। चार चूत हैं। अब जो भी आता है वह भोसड़ी का किसी न किसी की चूत चोद कर ही जाता है। बिना चोदे कोई मादर चोद वापस जाता ही नहीं ? कभी कभी तो २/३ चूत एक ही दिन में चोद कर जाता है। रात में अगर रुक जाता है तो सबकी चूत में लण्ड पेलता है। उसे भी मज़ा आता है और हम लोगों को भी।
उसके बाद मैंने देखा की अमरा ने अपंने चचा जान का लण्ड अपनी बुर में पेला और वहीं पर धकाधक चुदवाने लगी। मैंने भी फिर उसके अब्बू का लण्ड अपने चूत में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। न उसे कोई शर्म और न मुझे। हम दोनों बिलकुल रंडी की तरह, बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह चुदवाने लगीं। उस दिन मुझे मालूम हुआ की चुदाई में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए और सबके लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वा कर चुदवाना चाहिए। लण्ड बहन चोद चाहे जिसका हो ? मैंने देखा की मेरी अम्मी जान, खाला जान और फूफी जान भी चुदवाने में शर्माती नहीं है और आगे बढ़ कर सबके लण्ड पकड़ लेतीं हैं। जब हमारी शादियां हो गईं तो हम सब और बेशरम हो गईं।
अब तो हमें न माँ का भोसड़ा चुदाने में कोई शर्म आती है और न अम्मी को अपनी बेटी की बुर चुदवाने में ? बुर चोदी अम्मी अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेल देती है और बुर चोदी बेटी अपनी माँ की चूत में लण्ड घुसेड़ देती है।
इसीलिए उस दिन सब बेटियों ने खुले आम सामूहिक चुदाई की बात की। उस दिन चांदनी रात को हम सब छत पर इकठ्ठा होने लगीं। मैं आफिया, मेरी अम्मी जान नादिरा, मेरी नाज़िया खाला, उसकी बेटी हिना, मुमताज़ फूफी और उसकी बेटी सूफ़िया, खालू अरबाज़, फूफा सफीक, मेरा मामू अज़हर, और उधर इन तीनो बेटियों के शौहर भी आने लगे। मेरा मियां आरिफ, हिना का मियां अतीक और सूफ़िया का मियां हनीफ भी आ गए। पूरी छत पर हम सब लोग चुदाई के लिए इकठ्ठा हो गए।
फूफी ने फिर दोहराया। वह सारे मर्दों से बोली आज तुम सब लोग इन बेटियों को अच्छी तरह चोदो। इन बेटियों को इनकी अम्मियों के सामने चोदो। इनकी बुर में लौड़ा पेल पेल के चोदो। ये सब बुर चोदी बन गईं हैं बीवियां और अपनी अपनी सुहागरात में खूब भकाभक चुदवाकर आईं हैं। इसी मस्ती ने फूफी की बेटी सूफ़िया अपने मियां से बोली आज तुम लोग भी हमारी अम्मियों का भोसड़ा खूब जम कर चोदो। सबकी अम्मियों का भोसड़ा अदल बदल कर चोदो। बेटियों के सामने इनका भोसड़ा चोदो। फाड़ डालो इन बुर चोदियों का भोसड़ा ? इन बातों से माहौल एकदम से गरम हो गया।
सूफ़िया ऐसा बोल कर मेरे मामू जान की तरफ बढ़ी और उससे लिपट गयी. उसने पहले कभी मेरे मामू का लण्ड देखा नहीं था। इसलिए उसे उसका लण्ड पकड़ने की बड़ी जल्दी थी। हिना भी फूफा की तरफ लपकी और उसकी गोद में जा गिरी। इधर मैं भी खालू की बाँहों में समा गयी। मैंने उसके गले में बाहें डाल दीं। वह भी म्रेरे बदन पर हाथ फिराने लगा। कर से ही मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। तब मैंने देखा मेरी अम्मी ने सूफ़िया के मियाँ हनीफ के पजामा में अपना हाथ घुसेड़ दिया है। खाला ने मेरे मियां का लण्ड पकड़ने के लिए उसका पजामा खोल डाला है और फूफी हिना के मियां का लण्ड उसके पजामा के अंदर हाथ घुसेड़ कर हिलाने लगीं हैं। साथ ही साथ ये सब अपने अपने कपड़े भी उतारने लगीं हैं। मैंने सबसे पहले खालू को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिलाकर सबको दिखा दिया। फिर हिना ने फूफा का लण्ड निकाल कर सबको दिखाया और बाद में सूफ़िया ने भी मामू का लौड़ा निकाल कर उसका सुपाड़ा चाट चाट कर सबको दिखाया। खालू गुफा और मामू तीनो भोसड़ी के एकदम नंगे हो गए. फिर अम्मी, फूफी और खाला जान भी नंगी हो गईं।
इधर हम तीनो बेटियां भी नंगी हो गयीं। और हमारे शौहर भी नंग धडंग हो गए। अब महफ़िल में कोई भी ऐसा नहीं था जो नंगा न हो और नंगी न हो ? सबको नंगी और सबको नंगा देखने का भी एक मज़ा होता है। यही मज़ा हम सब लेने लगीं। हमारी अम्मियाँ भी हमारे मर्दों के लण्ड देख देख कर इतरा रहीं थीं और हम सब उनके मर्दों के लण्ड देख देख कर। यह बड़ा नेचुरल है की बेटियां बड़े लोगों से चुदवाना ज्यादा पसंद करतीं हैं और अम्मियाँ
अपनी बेटी के उम्र के लड़कों से चुदवाना पसंद करतीं हैं आज इस महफिल में सबकी पसंद पूरी हो रही हैं। यही तो असली मज़ा है सामूहिक चुदाई का ? सबसे पहले फूफी जान ने खाला की बेटी हिना के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेला। उस भोसड़ी वाली को चुदवाने की बहुत ही जल्दी थी। उसके पास उसकी बेटी सूफ़िया अपनी चूत खोले हुए मेरे मामू का लण्ड चाट रही थी। मामू ने झटका दिया और लण्ड सूफ़िया की बुर में घुसा दिया। अब फूफी और उसकी बेटी दोनों अगल बगल भकाभक चुदवाने लगीं। खाला जान ने मेरे मियां आरिफ का लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। उधर मेरी अम्मी जान ने सूफ़िया के मियां हनीफ का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलवाया और वह भी रंडी की तरह दनादन चुदवाने लगी। इस तरह ये तीनो अम्मियाँ हम तीनो के मियों से चुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं थीं।
इधर मेरी चूत में खालू ने अपना लण्ड पेल दिया। वह बोला आफ़िया मैं बहुत दिनों से तेरी बुर चोदना चाह रहा था। आज मुझे मौक़ा मिला है। आज तो मैं तेरी ये मस्तानी बुर अच्छी तरह चोदूंगा। तेरी माँ का भोसड़ा तो मैंने बहुत चोदा है आज उसकी बिटिया की बुर चोदने का मज़ा लूंगा। वह रफ़्तार बढ़ाने लगा और मुझे मज़ा आने लगा। मेरी खाला जान की बेटी हिना मेरे फूफा का लण्ड अपनी बुर में पेले हुए चुदवाने लगी। वह बोली हाय सफीक मियां तू मेरे अब्बू की उम्र का है पर मुझे ऐसे चोद रहा है जैसे की मैं तेरी बीवी हूँ। भोसड़ी के कभी अपनी बिटिया की बुर भी इसी तरह चोदी है तूने ? वह बोला हां चोदी है। मैं जिसको चोदता हूँ उसे अपनी बीवी की ही तरह चोदता हूँ। तेरी माँ का भोसड़ा भी मैं अपनी बीवी के भोसड़ा की तरह ही चोदता हूँ। वह भी मेरी बीवी बन जाती है और आज तू भी मेरी बीवी बनी हुई है। हिना बोली तेरी बीवी की माँ का भोसड़ा ? पूरा लौड़ा घुसा दे न मेरी चूत में। फाड़ दाल मेरी बुर चोदी बुर।
पास में ही फूफी जान की बेटी सूफ़िया भी मेरे मामू जान से चुदवाने में मस्त थी। ऐसा लग रहा था की जैसे उसे आज पहली बार उसके मन का कोई लण्ड मिला है। औरत को जब अपने मन का लण्ड मिलता है तो बहुत अच्छी तरह चुदवाती हैं। इस तरह बेटियां अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रहीं है और माँ अपनी बेटियों की बुर चुदवा रहीं हैं। बेटियां बड़ी मस्ती से अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदता हुआ देख रहीं हैं और अम्मियाँ भी अपनी अपनी बेटियों की चुदती हुई बुर देख रहीं हैं। वो तो जानती ही है की हमारी बेटियां बुर चोदी ससुराल से चुद कर आईं हैं। अब वे सब की सब चुदवाने में बड़ी बेशरम और बेहाया हो गईं हैं। वहां अपनी सास और नन्द की बुर चोदतीं हैं और यहाँ अपनी माँ और बहन की बुर चोदतीं हैं। आजकल तो इन बेटियों का ही ज़माना है। जहाँ जाओ वहीं चोदो और चुदाओ।
चुदाई की मस्ती में खाला जान की बेटी हिना ने मजाक किया और कहा - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? खाला ने जबाब दिया और बोली - बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? आज तेरी माँ को पता चल रहा है की मोटे मोटे लण्ड से चुदाने में कितना मज़ा आता है। मैंने भी कहा - अम्मी जान आज तो तेरी बिटिया की बुर चुद रही है, तेरी बहन का भोसड़ा भी चुद रहा है। तेरी नन्द की चूत चुद रही है और इन दोनों की बेटियों की बुर भी चुद रही है। आज तो चुदाई का जलसा हो रहा है।
रात में सब एक दूसरे की बीवी चोदते हैं, बहू.
मैं जब दुबारा ससुराल पहुंची तो मेरा मन चुदाई में ही घूम रहा था। मैं सोंचने लगी की यहाँ की सामूहिक चुदाई होती भी है की नहीं। लोग रात के किस तरह की चुदाई करते हैं ? अपनी अपनी बीवी चोदते हैं की दूसरों की भी ? लोग अपनी बेटी चोदते हैं की नहीं। अपनी बहो की बुर में लण्ड पेलते है की नहीं ? ये सब सवाल मेरे मन में पैदा हो रहे थे जिनका जबाब मेरी नन्द के पास था या फिर मेरी सास के पास ? रात के 10 बज चुके थे , मैंने देखा की फर्श पर एक बड़ा सा बिस्तर लगा हुआ है। मैंने पूंछा तो मेरी नन्द ने बताया भाभी जान यहाँ केवल शादी शुदा लोग हो सोते हैं। तब तक सास आ गयीं वह बोली बहू रात में हमारे यहाँ इस बिस्तर पर सब बीवियां एक साथ सोतीं है और उनके साथ मियां भी ? यहाँ हम सब मिलकर ही चुदाई का मज़ा लेतीं हैं। यह सुनकर मुझे सवालों का जबाब मिलने लगा। नन्द ने फिर हंस कर कहा अरे भाभी जान ये बुर चोदी तेरी सास सही नहीं बता रही है। यहां अपनी बीवी कोई नहीं चोदता ? सास बोली अरे बहू ये तेरी बुर चोदी नन्द खुल कर नहीं बता रही है। सही बात यह है बहू की यहाँ लोग रात में एक दूसरे की बीवी चोदते हैं ?
नन्द बोली - भाभी, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैं दोनों की बात सुनकर हंस पड़ी क्योंकि मुझे सारे सवालों का जबाब मिल गया। रात में मैं मेरा शौहर आरिफ, मेरा ससुर अजमल मेरी सास आसिया मेरी नन्द सबा नंदोई नदीम, मेरा ममिया ससुर हलीम और ममिया सास शबीना बिस्तर पर आ गईं. रात गहराती गयी और हमारा जोश बढ़ता गया। मैंने देखा की मेरी सास ने अपनी बेटी के मियां के लण्ड पर हाथ रख दिया। वह भी मेरी सास की चूँचियाँ दबाना शुरू कर दिया। तब तक मेरा ससुर मेरी तरफ बढ़ा और मुझे अपनी तरफ घसीट लिया। मैं भी उसकी तरफ बढ़ गयी। उसने मेरा हाथ अपने लण्ड पर रखा और कहा बहू लो देखो तुम्हे ये पसंद है की नहीं ? मैंने जब लण्ड पकड़ा तो मेरी चूत में आग लग गई। मेरे बदन जलने लगा। लण्ड साला बड़ा मोटा और लंबा था। मैंने कहा ससुर जी ये तो बहुत बड़ा है ,. वह बोला बहू इसका नाम लेकर बोलो न ? जरुरत नहीं है। मैंने कहा ये आपका लण्ड बड़ा मोटा है। बस यह सुनकर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड सीधे मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। तब मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी मेरे नंदोई का लण्ड पी रही हैं। मेरा शौहर ने लण्ड ममिया सास की चूँचियों में पेल दिया। उधर ममिया ससुर अपना लण्ड नन्द की बुर पर रगड़ने लगा।
जोश बढ़ने लगा उत्तेजना बढ़ने लगी। मेरा ससुर जब मेरे ऊपर चढ़ा तो मैं समझ गई की मैं सही घर में ब्याही गयी हूँ जहाँ मुझे लण्ड पे लण्ड मिलते रहेगें। मेरे मियां का लण्ड कोई भी ले जाए मुझे कोई अफ़सोस नहीं होगा लण्ड मिलते रहेंगे। उसने लण्ड पेला तो मेरी चूत गन गना उठी। लण्ड इतना मोटा था की वह चारों तरफ से चूत में छिपक कर घुस रहा था। मैं तो मस्ती होती जा रही थी। मेरे बगल में बुर चोदी अपने मामू जान से चुदवाये जा रही थी। मेरी सास ने अपने दामाद का लण्ड अपने भोसड़ा में पेल रखा था वह तो माँ की लौड़ी धकाधक अपनी बेटी और बहू के सामने रंडी की तरह चुदवा रही थी। मेरी ममिया सास ने मेरे मियां का लौड़ा पेला था अपनी चूत में। वह भी मादर चोद चुदवाने में किसी से पीछे नहीं थीं।
सास बोली - देखा बहू रानी, तेरा ससुर अपने बेटे की बीवी चोद रहा है, तेरा नंदोई तेरे ससुर की बीवी चोद रहा है, तेरा ममिया ससुर तेरे नंदोई की बीवी चोद रहा है और तेरा शौहर अपने मामू जान की बीवी चोद रहा है। यहाँ सब भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियां चोद रहे हैं। यही है हमारे घर की खूबसूरती, हमारी चुदाई की खूबसूरती। ये लोग इसी तरह रात भर एक दूसरे की बीवी चोदते रहे।
०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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