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रिश्ते बदल गए , जन्म देने वाले बने चोदने के हक़दार - Rishte badal kar chodne lage
रिश्ते बदल गए , जन्म देने वाले बने चोदने के हक़दार - Rishte badal kar chodne lage , घर के लोग ही चोदते है यहाँ , चुदना चुदवाना चुदाई चोदन , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन मेरी अम्मी जान अचानक मेरे पास आयी और बोली बेटी रेहाना, अब तू बुर चोदी मेरी बहू बनने वाली है। अब तो मैं खुले आम बहू की गांड़ में दम करूंगी और उसकी बुर चोदूँगी।
एक दिन मेरी अम्मी जान अचानक मेरे पास आयी और बोली बेटी रेहाना, अब तू बुर चोदी मेरी बहू बनने वाली है। अब तो मैं खुले आम बहू की गांड़ में दम करूंगी और उसकी बुर चोदूँगी।
- मैंने कहा - ऐसा क्या हो गया, अम्मी जान ? ऐसे कैसे मैं तेरी बहू बनने वाली हूँ ?
- वह बोली - तेरा निकाह तेरे चचा जान के बेटे से हो रहा है। जो मेरा देवर है वही आज मेरा समधी बनने जा रहा है। जो मेरा भतीजा है, वह मेरा दामाद बनने जा रहा है। और तुम उसकी बीवी बनने जा रही हो. अब तो तुम मेरी बहू हो जाओगी, बेटी रेहाना ? इधर से बेटी उधर से बहू ?
- मैंने कहा - हाय दईया ऐसा है क्या ? अगर ऐसा है तो फिर और भी बहुत कुछ होगा, अम्मी जान ? जो अभी तक मेरा भाई जान है वही कल मेरा शौहर हो जायेगा ? ऐसा होता है हमारे मुस्लिम समाज में ?
- अम्मी ने कहा - हां बेटी सही कह रही हो, ऐसा ही होता है हमारे समाज में। इसीलिए हमारे समाज में लड़कियां अपने भाई जान से चुदवा लेतीं हैं। भाई जान भी अपनी बहनों को चोदने में तनिक भी नहीं शर्माते क्योंकि पता नहीं कौन सी बहन उसकी बीवी हो जाए ? अब देखो न तू अपने भाई जान की बीवी बनने जा रही है और मेरी बहू बनने जा रही है ।
- अम्मी जान बड़े मूड में थीं. वह मुस्कराकर बड़े प्यार से बोली - बहू की माँ का भोसड़ा ? बहू की बहन की चूत ? आज से मैं तेरी सास हूँ और तेरी चूत पर मेरा कब्जा होगा।
- मैं भी यह सुन कर खुश हो गयी और सोंचने लगी की जो कल तक मेरा भाई था आज वही मेरा शौहर बनने जा रहा है। मेरी चची जान मेरी सास होगी, चची की जेठानी यानी मेरी अम्मी मेरी बड़ी सास होंगी तब मुझे भी मस्ती सूझी और मैं बोली - तेरी बहू की सास का भोसड़ा अम्मी जान ? अम्मी मेरे मुंह से गाली सुनकर गद गद हो गईं।
- मैंने फिर कहा - सास की बिटिया की बुर अम्मी जान ? अब तो मैं भी ठोंकूंगी सास के भोसड़ा में लण्ड ?
- अम्मी ने मजाक में फिर कहा - अब तो मैं भी तेरे मियां का लण्ड चोदूगी बेटी रेहाना ?
- मैंने कहा - तो मैं भी तेरे देवर का लण्ड चोदूँगी अम्मी जान।
फिर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया। हम दोनों बड़े प्यार से गले मिलीं।
मेरी अम्मी का नाम है अलीना बेगम, वह 44 साल की हैं और बड़ी मस्त जवान मोहतरमा हैं। उसकी खूबसूरती के बड़े बड़े चर्चे होतें हैं। खुदा ने उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी ही नहीं बल्कि बहुत सेक्सी और सुडौल बनाई हैं। उसकी गांड बड़ी मद मस्त है और चूत के तो कहने ही क्या ? मजे की बात यह है की हर रोज़ लौड़ा ठोंकवाने के बाद भी उसकी चूत चूत ही बनी हुई है भोसड़ा नहीं ? मेरा अब्बू मक़बूल हुसैन है, मेरे चचा जान हैं खालिद मियां और मेरी नन्द का नाम है नफीसा। मेरी अम्मी जान कैसी हैं यह आप जान ही चुके हैं। अब मैं आपको बताना चाहती हूँ की कैसे मैं अम्मी जान से खुल गयी और उससे गालियों से बातें करने लगीं।
एक दिन जब मैं घर आई तो देखा की अम्मी जान पड़ोस की ज़रीना आंटी से बातें कर रही हैं। बातें कुछ मजेदार और मसालेदार थीं तो मैं छिप कर सुनने लगी। आंटी -- अरी अलीना, तेरी बेटी रेहाना तो अब जवान हो गयी है। खुल कर बात करती है तुमसे की नहीं। अम्मी जान -- नहीं यार बिलकुल नहीं करती। वह मादर चोद अभी भी शर्माती है. आंटी -- अच्छा ऐसा है क्या ? अब मेरी बेटी को देखो वह तेरे बेटी से एक साल छोटी है लेकिन मेरे भोसड़ा में लण्ड पेला करती है। बिना गालियों के वह बात ही नहीं करती मुझसे। अम्मी -- मैं भी यही चाहती हूँ की मेरी बेटी भी मुझसे गालियों से बातें करें तभी उसकी शर्म ख़तम होगी और तभी वह लण्ड का मज़ा ले पायेगी। आंटी -- तो फिर उसे किसी दिन पकड़ा दो न लण्ड ? जब तक उसकी शर्म नहीं जाएगी तब तक उसकी चूत पूरा मज़ा भी नहीं ले पायेगी। अम्मी -- क्या करूँ यार ? मैं चाहती हूँ की वह प्यार से गालियां दें, खूब गन्दी गन्दी बातें करे, लण्ड चूत बुर भोसड़ा गांड झांट सब खुल्लम खुल्ला बोले और एन्जॉय करे . आंटी -- यही नहीं उससे कहो की वह अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाये। अम्मी -- हां मैं भी यही चाहती हूँ पर वह बुर चोदी न अपना मुंह खोलती है और न अपनी चूत का मुंह । आंटी -- उससे कहो की एक दिन लण्ड पकड़ के अपनी माँ के भोसड़ा में पेलो। अम्मी जान -- यार ज़रीना ये काम तू करवा दे। आंटी - अच्छा मैं अपनी बेटी को कल भेजूंगी। वह तेरी बेटी के सामने ही तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलेगी। और फिर तेरी बेटी से भी लण्ड तेरे भोसड़ा में पेलवायेगी। अम्मी जान - हां यार यह ठीक रहेगा।
अगले दिन दोपहर को आंटी की बेटी नदा आ गई / उसके साथ एक मस्त जवान लड़का भी था। नदा बोली रेहाना इससे मिलो ये है मेरी फूफी का बेटा रियाज़। मैं उससे मिलकर खुश हुई । उसने पूंछा - तेरी बुर चोदी अम्मी जान कहाँ हैं रेहाना ? मैंने कहा - अंदर होगी भोसड़ी वाली किसी का लण्ड हिला रही होगी। वह मेरे मुंह से गालियां सुनकर हैरान हो गई। उसने कहा यार रेहाना मैंने सुना है की तू गालियां बिलकुल नहीं देती। बड़ी गुम सुम रहती है तू। अपनी माँ भी कभी नहीं चुदवाई तूने ? जबकि इस उम्र में तो हमारे समाज की लड़कियां धकाधक अपनी माँ चुदवाती हैं। मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ। मैंने कहा - अरे यार मैं गालियां देती हूँ और खूब देती हूँ। मैं अपने कॉलेज के गाली देने वाली लड़की के नाम से मशहूर हूँ पर घर में मैं भोली भाली बनी रहती हूँ ,. अम्मी जान की हकीकत मैं जानती हूँ। वह भोसड़ी वाली जाने कितने लोगों से चुदवाती है। लेकिन उसने कभी कोई लौड़ा मुझे नहीं पकड़ाया अभी तक। मैं 21 की हूँ मस्त जवान हूँ, मुझे भी लण्ड चाहिए। लेकिन अम्मी ने कभी ये सोंचा ही नहीं। मुझसे खुल कर बात ही नहीं करती। ऐसे में मैं कैसे कोई लण्ड उसकी चूत में पेल दूँ। शुरुआत तो उस बुर चोदी को करना चाहिए। पता नहीं उसकी गांड़ क्यों फट रही है।
वह बोली - कुछ भी हो रेहाना तुम्हे आज रियाज़ का लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलना है। आज तुम मेरे सामने अपनी माँ चोदोगी। अरे तुम तो लड़की हो तुम्हे माँ चोदने में शर्म आ रही है। रियाज़ तो अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है। अपना लण्ड अपनी माँ की चूत मे पेल देता है। मेरे सामने भी पेलता है लण्ड अपनी माँ की चूत में। मैं भी इससे चुदवाती हूँ। यार अपने समाज में ये सब जायज़ माना जाता है। मैंने कहा हां यार मैं जानती हूँ तो फिर मेरी अम्मी बहन चोद मेरी चूत में लण्ड क्यों नहीं पेलती ? वह बोली - आज तेरी अम्मी पेलेगी मेरे सामने तेरी चूत में लण्ड ? आज से तुम अपनी माँ चुदाओ और वह अपनी बेटी चुदायेगी ? नदा अंदर गयी और अम्मी से कुछ बात चीत की और फिर हम चारों लोग एक ही कमरे में बैठ गए।
नदा बोली - अलीना आंटी, सुनाहै कई लोग तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलते हैं और तू किसी की बुर में लण्ड नहीं पेलती। अम्मी ने कहा - मैं किसकी बुर में लण्ड पेलूं ? मेरे घर में दो ही बुर हैं फिलहाल। एक मेरी और एक मेरी बेटी की। अब मैं अपनी बेटी की बुर में कैसे लण्ड पळून जब वह मुझे कहीं भी हाथ नहीं रखने देती। आज तक उसने मुझे बुर चोदी अम्मी जान नहीं कहा - मुझे कभी मादर चोद अलीना नहीं कहा। नदा बोली - अरे आंटी जो तुमने भी तो कभी उसे रेहाना तेरी माँ का भोसड़ा नहीं कहा। रेहाना तेरी बुर चोदी माँ की चूत नहीं कहा ? तो वह भी बिचारी चुप है।
अम्मी बोली - चुप क्यों है भोसड़ी वाली। रेहाना की तो मैं माँ चोद दूँगी। झांटें उखाड़ लूंगी उस हरामजादी की। रेहाना की माँ का भोसड़ा ?
फिर मैं भी बोल पड़ी - अलीना की बिटिया की बुर, अम्मी जान ? तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड अम्मी जान ? फिर हम सब लोग हंस पड़े। फिर नदा ने रियाज़ का लौड़ा खोल कर बाहर निकाल लिया और उसे मुझे पकड़ा दिया। मैं लण्ड पाकर मस्त हो गई। उसने मुझे नंगी कर दिया . उधर अम्मी जान भी नंगी हो गई। नदा बोली लो रेहाना अब तुम लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलो और चोदो मेरे सामने अपनी अम्मी का भोसड़ा जैसे मैं अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदती हूँ। मैं सच में बड़ी बेशर्म होकर उसका भोसड़ा चोदने लगी। थोड़ी देर बाद अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अब वह मेरी बुर चोदने लगी। उस दिन से हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुल गई. फिर हम दोनों एक साथ चुदाई करने लगीं और एन्जॉय करने लगीं।
मैंने रियाज़ का लण्ड चूसते हुए पूंछा - रियाज़ सच में तुम अपनी माँ चोदते हो ?
वह बोला - हां सच में चोदता हूँ।
मैंने कहा - यार एक दिन मेरे सामने अपनी माँ का भोसड़ा चोदो।
वह बोला - हां हां बिलकुल चोदूंगा आज ही चोदूंगा। आज तुम मेरे साथ मेरे घर चलो। मैं भी बिंदास थी तो चल पड़ी उसके साथ। उसके घर पहुंची तो उसकी अम्मी से मिली। और भी घर वालों से मिली। उसकी अम्मी तो वास्तव बड़ी मस्त जवान थीं। बेहद खूबसूरत और हॉट थी वह ?
बातों ही बातों में रियाज़ बोला - अम्मी जान ये नदा की दोस्त है रेहाना। ये आज तेरा चुदता हुआ भोसड़ा देखने आई है।
वह बोली - हां हां जरूर दिखाऊँगी, बेटा इसे अपना चुदता हुआ भोसड़ा और फिर मैं भी देखूँगी इसकी चुदती हुई बुर ? मेरी बेटी भी तो इसी उम्र की है। वह तो रोज़ ही देखती है मेरा चुदता हुआ भोसड़ा ? और मैं भी रोज़ देखती हूँ उसकी चुदती हुई बुर ? उसके बाद उसने अपने बेटे का लण्ड पजामा खोल कर बाहर निकाल लिया। वह नंगा हो गया। मैं माँ बेटे दोनों को नंगा देख रही थी। रियाज़ की अम्मी का भोसड़ा भी बड़ा चौकस था और खूबसूरत भी था। रियाज़ ने अपना लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर टिकाया और एक ही धक्के में पूरा लण्ड घुसेड़ दिया। वह मस्ती से चोदने लगा अपनी अम्मी का भोसड़ा। मैं यह सब देख कर बहुत गरम हो गयी और झुक कर उसके पेल्हड़ चाटने लगी। इतने में रियाज़ की बहन आ गयी. उसके पीछे शौहर भी था। वह बोली हाय भाई जान तुम अम्मी का भोसड़ा चोद रह हो ? उसने लण्ड अपनी अम्मी की चूत से निकाला और चाटने लगी। वह बोली भाई जान अब तुम लण्ड मेरी बुर में पेल दो।तुम मुझे चोदो और मेरा मियां अम्मी का भोसड़ा चोदेगा। उसकी अम्मी अपने दामाद से चुदवाने लगी और बहन अपने भाई जान से चुदवाने लगी।
यह अब देख कर मेरी चूत का कबाड़ा हुआ जा रहा था. मुझे लग रहा था की मैं सबके लण्ड पेल लूँ अपनी चूत में। उस दिन मुझे मालूम हो गया की हमारे समाज में चुदाई में किसी तरह के रिश्ते की कोई अहमियत नहीं हैं। यहाँ तो बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है और माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है। भाई अपनी बहन की बुर लेता है और बहन अपने भाई जान का लण्ड अपनी बुर में पेल लेती है। सब चलता है, सब जायज़ है और सब कुछ होता है हमारे समाज में ? इतने में उसकी अम्मी ने रियाज़ का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली तू बुर चोदी रेहाना अभी तक मेरा चुदता हुआ भोसड़ा देख रही थी अब मैं तेरी चुदती हुई बुर देखूँगी। रियाज़ मुझे भकाभक चोदने लगा और मैं भी उतनी ही मस्ती से चुदवाने लगी। उसके बाद रियाज़ की बहन के मियां ने भी मुझे चोदा।
एक दिन मेरा निकाह हो गया। मैं अपने चचा जान की बहू बन गयी और उसके लड़के शब्बीर की बीवी बन गयी। शब्बीर अभी तक मेरा चचेरा भाई था आज वह मेरा शौहर है। इसकी बहन मेरी बहन थी आज वह मेरी नन्द बन गयी है। इसकी अम्मी मेरी चची जान थीं आज वह मेरी सास बन गयी हैं। इसी तरह मेरी अम्मी जान भी मेरी सास हो गईं हैं और मैं उसकी बहू। इसीलिए मैं अब कहने लगी हूँ बहू की बुर सास का भोसड़ा ? माँ का भोसड़ा, बिटिया की बुर। मैं तो प्यार से दोनों तरफ से अम्मी जान को गालियां देती हूँ और वह भी मुझे प्यार से दोनों तरफ से गालियां देती हैं।
एक दिन रात में घर में कुछ ही लोग थे। मैं थी, मेरी अम्मी जान, मेरी नन्द और मेरी खाला जान। मर्दों में उस समय रात में मेरा शौहर, मेरा भाई जान, मेरा ससुर यानी मेरा चचा जान और मेरा नंदोई। यानी 4 मियां और 4 बीवियां। हम सब लोग रात को खाना खा कर लेट गए। उस समय 10 बजा था। करीब एक घंटे तक सब लोग करवटें बदलते रहे और फिर शुरू हो गया चोदा चोदी का खेल। सबसे पहले अम्मी ने मेरे मियां के लण्ड की तरफ हाथ बढ़ाया। पहले उसने लण्ड ऊपर से दबाया। जब उसे मालूम हुआ की लण्ड तो खड़ा हो रहा है तब उसने पजामा का नाड़ा खोला और लण्ड बाहर खींच लिया। मेरा मन अपने भाई जान के लण्ड की तरफ चला गया , मैं उसे निकाल कर सहलाने लगी। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मेरी नन्द अपने अब्बू की तरफ लपकी। उसने अपना हाथ अपने अब्बू के लण्ड पर रख दिया। उसका अब्बू तो मेरा ससुर ही था। वह थोड़ा खसक कर चिपक गयी। मेरी खाला को मेरे नंदोई का लण्ड भाने लगा। मैंने देखा वह तो बड़े मजे से लण्ड चाट रहीं हैं। उसका तो भोसड़ा सबसे पहले खुल चुका था।
पहले सबके लण्ड खुल गए और तन कर खड़े भी हो गए फिर सबकी चूँचियाँ भी खुल गई और निपल्स तन कर
खड़े हो गए. फिर सबकी चूत नंगी हो गयी। किसी की छोटी छोटी झांटें थीं किसी की झांटें एकदम साफ़ थीं। हां लण्ड तो चारों चिकने थे। झांट का कहीं नामोनिशान नहीं था। उसके बाद किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं रहा। सब नंगे और सब नंगी। इससे माहौल में पूरी तरह गर्मी छा गयी।
अम्मी जान मेरे मियां का लण्ड चूसने लगीं, मैं अपने ससुर का लण्ड चूसने लगी, मेरी नन्द बुर चोदी जान का लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी और मेरी खाला जान मेरे नंदोई का लण्ड चूसने लगीं। इस तरह सब की सब एक दूसरे को देख देख कर और एक दूसरे के पेल्हड़ सहला सहला कर लण्ड पीने लगीं। अम्मी ने कहा - हाय रेहाना तेरे मियां का लण्ड बड़ा मोटा तगड़ा है बेटी। मुझे नहीं मालूम था की इसका लण्ड इतना सख्त होगा। आज तेरी सास का भोसड़ा अच्छी तरह चुदेगा मेरी बहू रानी ? मैंने कहा - हाय दईया तो आज तेरी बहू की भी बुर अच्छी तरह चोदी जाएगी। क्योंकि उसे चोदने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर ही है। वह तो तेरी बेटी का चचा जान भी है। मेरी नन्द बोली हाय मेरी रेहाना भाभी जान आज तेरी नन्द की भी बुर खूब अच्छी तरह चोदी जाएगी। चोदने वाला तेरा भाई जान है भाभी।खाला जान भी कहने लगी रेहाना तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। तेरी सास की बिटिया की बुर। आज मुझे चुदाई में सबसे ज्यादा ही मज़ा आएगा। मैं तेरे नंदोई से चुदवाने जा रही हूँ।
फिर क्या मेरा मियां शब्बीर मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। मेरा ससुर मेरी बुर चोदने लगा। मुझे उसे देख देख कर मज़ा आ रहा था। मेरे भाई जान ने लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया। वह भी हचक हचक के चोदने लगा उसकी चूत। मेरा नंदोई तो खाला के ऊपर चढ़ा हुआ उसे अपनी बीवी समझ कर चोद रहा था। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। चुदाई की महक भी पूरे कमरे में फ़ैल गयी। मुझे तो ऐसी चुदाई में सच में बड़ा अच्छा लगता है। ये सब मुस्लिम समाज में ही होता है। ऐसा मज़ा कहीं और देखने को नहीं मिलता। सारी औरतों को नंगी देखना, उनकी चूँचियाँ, चूत और गांड देखना, सारे मर्दों को नंगा देखना और उनके नंगे नंगे खड़े हुए लण्ड देखना कितना मजेदार होता है। ऐसा सीन बड़े नसीब से मिलता है।
थोड़ी देर तक इसी तरह चुदती रही सबकी बुर। फिर थोड़ा बदलाव होने लगा। मेरा नंदोई मेरी अम्मी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड उसके भोसड़ा में पेल दिया। मेरे ऊपर आ गया। उसने अपना लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। वह मुझे बड़ी मस्ती से चोदने लगा. उसके सामने मेरा ससुर मेरी नन्द की बुर चोदने लगा। यानी ससुर भोसड़ी का अपनी ही बेटी की बुर में लण्ड पेले हुए चोदने में जुट गया। हमारे समाज में आजकल की बेटियां अपने अब्बू से खूब खूब चुदवाने लगीं हैं। मेरा मियां ने अपना लण्ड मेरी खाला जान के भोसड़ा में पेल दिया और वह धकाधक चोदने लगा। उधर सबके लण्ड बदले और इधर चुदाई की रफ़्तार बढ़ी तो सबका मज़ा दूना हो गया। मस्ती और बढ़ गयी।
सबका डबल रिस्ता था। इस दोहरे रिश्ते से दोहरी गालियां भी होने लगीं।
अम्मी बोली - रेहाना, तेरी माँ की चूत, तेरी सास का भोसड़ा
मैंने जबाब दिया - अम्मी जान, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत
मेरी नन्द बोली - रेहाना भाभी जान, तेरी बुर चोदी बहन की बुर, तेरी नन्द की चूत।
खाला जान ने कहा - रेहाना - तेरी माँ की बहन का भोसड़ा, तेरी सास की बहन की चूत।
तब तक नन्द हंस कर बोली एक बात और सुनो भाभी जान - तेरे मादर चोद ससुर का लौड़ा, तेरे भोसड़ी वाले भाई जान का लांड़, तेरी बुर चोदी नन्द के मियां का लण्ड ?
इसी तरह की मस्ती करती हुई हम सब रात भर चुदवाती रहीं।
=०=०=०=०=०= समाप्त
मेरी अम्मी का नाम है अलीना बेगम, वह 44 साल की हैं और बड़ी मस्त जवान मोहतरमा हैं। उसकी खूबसूरती के बड़े बड़े चर्चे होतें हैं। खुदा ने उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी ही नहीं बल्कि बहुत सेक्सी और सुडौल बनाई हैं। उसकी गांड बड़ी मद मस्त है और चूत के तो कहने ही क्या ? मजे की बात यह है की हर रोज़ लौड़ा ठोंकवाने के बाद भी उसकी चूत चूत ही बनी हुई है भोसड़ा नहीं ? मेरा अब्बू मक़बूल हुसैन है, मेरे चचा जान हैं खालिद मियां और मेरी नन्द का नाम है नफीसा। मेरी अम्मी जान कैसी हैं यह आप जान ही चुके हैं। अब मैं आपको बताना चाहती हूँ की कैसे मैं अम्मी जान से खुल गयी और उससे गालियों से बातें करने लगीं।
एक दिन जब मैं घर आई तो देखा की अम्मी जान पड़ोस की ज़रीना आंटी से बातें कर रही हैं। बातें कुछ मजेदार और मसालेदार थीं तो मैं छिप कर सुनने लगी। आंटी -- अरी अलीना, तेरी बेटी रेहाना तो अब जवान हो गयी है। खुल कर बात करती है तुमसे की नहीं। अम्मी जान -- नहीं यार बिलकुल नहीं करती। वह मादर चोद अभी भी शर्माती है. आंटी -- अच्छा ऐसा है क्या ? अब मेरी बेटी को देखो वह तेरे बेटी से एक साल छोटी है लेकिन मेरे भोसड़ा में लण्ड पेला करती है। बिना गालियों के वह बात ही नहीं करती मुझसे। अम्मी -- मैं भी यही चाहती हूँ की मेरी बेटी भी मुझसे गालियों से बातें करें तभी उसकी शर्म ख़तम होगी और तभी वह लण्ड का मज़ा ले पायेगी। आंटी -- तो फिर उसे किसी दिन पकड़ा दो न लण्ड ? जब तक उसकी शर्म नहीं जाएगी तब तक उसकी चूत पूरा मज़ा भी नहीं ले पायेगी। अम्मी -- क्या करूँ यार ? मैं चाहती हूँ की वह प्यार से गालियां दें, खूब गन्दी गन्दी बातें करे, लण्ड चूत बुर भोसड़ा गांड झांट सब खुल्लम खुल्ला बोले और एन्जॉय करे . आंटी -- यही नहीं उससे कहो की वह अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाये। अम्मी -- हां मैं भी यही चाहती हूँ पर वह बुर चोदी न अपना मुंह खोलती है और न अपनी चूत का मुंह । आंटी -- उससे कहो की एक दिन लण्ड पकड़ के अपनी माँ के भोसड़ा में पेलो। अम्मी जान -- यार ज़रीना ये काम तू करवा दे। आंटी - अच्छा मैं अपनी बेटी को कल भेजूंगी। वह तेरी बेटी के सामने ही तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलेगी। और फिर तेरी बेटी से भी लण्ड तेरे भोसड़ा में पेलवायेगी। अम्मी जान - हां यार यह ठीक रहेगा।
अगले दिन दोपहर को आंटी की बेटी नदा आ गई / उसके साथ एक मस्त जवान लड़का भी था। नदा बोली रेहाना इससे मिलो ये है मेरी फूफी का बेटा रियाज़। मैं उससे मिलकर खुश हुई । उसने पूंछा - तेरी बुर चोदी अम्मी जान कहाँ हैं रेहाना ? मैंने कहा - अंदर होगी भोसड़ी वाली किसी का लण्ड हिला रही होगी। वह मेरे मुंह से गालियां सुनकर हैरान हो गई। उसने कहा यार रेहाना मैंने सुना है की तू गालियां बिलकुल नहीं देती। बड़ी गुम सुम रहती है तू। अपनी माँ भी कभी नहीं चुदवाई तूने ? जबकि इस उम्र में तो हमारे समाज की लड़कियां धकाधक अपनी माँ चुदवाती हैं। मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ। मैंने कहा - अरे यार मैं गालियां देती हूँ और खूब देती हूँ। मैं अपने कॉलेज के गाली देने वाली लड़की के नाम से मशहूर हूँ पर घर में मैं भोली भाली बनी रहती हूँ ,. अम्मी जान की हकीकत मैं जानती हूँ। वह भोसड़ी वाली जाने कितने लोगों से चुदवाती है। लेकिन उसने कभी कोई लौड़ा मुझे नहीं पकड़ाया अभी तक। मैं 21 की हूँ मस्त जवान हूँ, मुझे भी लण्ड चाहिए। लेकिन अम्मी ने कभी ये सोंचा ही नहीं। मुझसे खुल कर बात ही नहीं करती। ऐसे में मैं कैसे कोई लण्ड उसकी चूत में पेल दूँ। शुरुआत तो उस बुर चोदी को करना चाहिए। पता नहीं उसकी गांड़ क्यों फट रही है।
वह बोली - कुछ भी हो रेहाना तुम्हे आज रियाज़ का लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलना है। आज तुम मेरे सामने अपनी माँ चोदोगी। अरे तुम तो लड़की हो तुम्हे माँ चोदने में शर्म आ रही है। रियाज़ तो अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है। अपना लण्ड अपनी माँ की चूत मे पेल देता है। मेरे सामने भी पेलता है लण्ड अपनी माँ की चूत में। मैं भी इससे चुदवाती हूँ। यार अपने समाज में ये सब जायज़ माना जाता है। मैंने कहा हां यार मैं जानती हूँ तो फिर मेरी अम्मी बहन चोद मेरी चूत में लण्ड क्यों नहीं पेलती ? वह बोली - आज तेरी अम्मी पेलेगी मेरे सामने तेरी चूत में लण्ड ? आज से तुम अपनी माँ चुदाओ और वह अपनी बेटी चुदायेगी ? नदा अंदर गयी और अम्मी से कुछ बात चीत की और फिर हम चारों लोग एक ही कमरे में बैठ गए।
नदा बोली - अलीना आंटी, सुनाहै कई लोग तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलते हैं और तू किसी की बुर में लण्ड नहीं पेलती। अम्मी ने कहा - मैं किसकी बुर में लण्ड पेलूं ? मेरे घर में दो ही बुर हैं फिलहाल। एक मेरी और एक मेरी बेटी की। अब मैं अपनी बेटी की बुर में कैसे लण्ड पळून जब वह मुझे कहीं भी हाथ नहीं रखने देती। आज तक उसने मुझे बुर चोदी अम्मी जान नहीं कहा - मुझे कभी मादर चोद अलीना नहीं कहा। नदा बोली - अरे आंटी जो तुमने भी तो कभी उसे रेहाना तेरी माँ का भोसड़ा नहीं कहा। रेहाना तेरी बुर चोदी माँ की चूत नहीं कहा ? तो वह भी बिचारी चुप है।
अम्मी बोली - चुप क्यों है भोसड़ी वाली। रेहाना की तो मैं माँ चोद दूँगी। झांटें उखाड़ लूंगी उस हरामजादी की। रेहाना की माँ का भोसड़ा ?
फिर मैं भी बोल पड़ी - अलीना की बिटिया की बुर, अम्मी जान ? तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड अम्मी जान ? फिर हम सब लोग हंस पड़े। फिर नदा ने रियाज़ का लौड़ा खोल कर बाहर निकाल लिया और उसे मुझे पकड़ा दिया। मैं लण्ड पाकर मस्त हो गई। उसने मुझे नंगी कर दिया . उधर अम्मी जान भी नंगी हो गई। नदा बोली लो रेहाना अब तुम लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलो और चोदो मेरे सामने अपनी अम्मी का भोसड़ा जैसे मैं अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदती हूँ। मैं सच में बड़ी बेशर्म होकर उसका भोसड़ा चोदने लगी। थोड़ी देर बाद अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अब वह मेरी बुर चोदने लगी। उस दिन से हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुल गई. फिर हम दोनों एक साथ चुदाई करने लगीं और एन्जॉय करने लगीं।
मैंने रियाज़ का लण्ड चूसते हुए पूंछा - रियाज़ सच में तुम अपनी माँ चोदते हो ?
वह बोला - हां सच में चोदता हूँ।
मैंने कहा - यार एक दिन मेरे सामने अपनी माँ का भोसड़ा चोदो।
वह बोला - हां हां बिलकुल चोदूंगा आज ही चोदूंगा। आज तुम मेरे साथ मेरे घर चलो। मैं भी बिंदास थी तो चल पड़ी उसके साथ। उसके घर पहुंची तो उसकी अम्मी से मिली। और भी घर वालों से मिली। उसकी अम्मी तो वास्तव बड़ी मस्त जवान थीं। बेहद खूबसूरत और हॉट थी वह ?
बातों ही बातों में रियाज़ बोला - अम्मी जान ये नदा की दोस्त है रेहाना। ये आज तेरा चुदता हुआ भोसड़ा देखने आई है।
वह बोली - हां हां जरूर दिखाऊँगी, बेटा इसे अपना चुदता हुआ भोसड़ा और फिर मैं भी देखूँगी इसकी चुदती हुई बुर ? मेरी बेटी भी तो इसी उम्र की है। वह तो रोज़ ही देखती है मेरा चुदता हुआ भोसड़ा ? और मैं भी रोज़ देखती हूँ उसकी चुदती हुई बुर ? उसके बाद उसने अपने बेटे का लण्ड पजामा खोल कर बाहर निकाल लिया। वह नंगा हो गया। मैं माँ बेटे दोनों को नंगा देख रही थी। रियाज़ की अम्मी का भोसड़ा भी बड़ा चौकस था और खूबसूरत भी था। रियाज़ ने अपना लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा पर टिकाया और एक ही धक्के में पूरा लण्ड घुसेड़ दिया। वह मस्ती से चोदने लगा अपनी अम्मी का भोसड़ा। मैं यह सब देख कर बहुत गरम हो गयी और झुक कर उसके पेल्हड़ चाटने लगी। इतने में रियाज़ की बहन आ गयी. उसके पीछे शौहर भी था। वह बोली हाय भाई जान तुम अम्मी का भोसड़ा चोद रह हो ? उसने लण्ड अपनी अम्मी की चूत से निकाला और चाटने लगी। वह बोली भाई जान अब तुम लण्ड मेरी बुर में पेल दो।तुम मुझे चोदो और मेरा मियां अम्मी का भोसड़ा चोदेगा। उसकी अम्मी अपने दामाद से चुदवाने लगी और बहन अपने भाई जान से चुदवाने लगी।
यह अब देख कर मेरी चूत का कबाड़ा हुआ जा रहा था. मुझे लग रहा था की मैं सबके लण्ड पेल लूँ अपनी चूत में। उस दिन मुझे मालूम हो गया की हमारे समाज में चुदाई में किसी तरह के रिश्ते की कोई अहमियत नहीं हैं। यहाँ तो बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है और माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है। भाई अपनी बहन की बुर लेता है और बहन अपने भाई जान का लण्ड अपनी बुर में पेल लेती है। सब चलता है, सब जायज़ है और सब कुछ होता है हमारे समाज में ? इतने में उसकी अम्मी ने रियाज़ का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली तू बुर चोदी रेहाना अभी तक मेरा चुदता हुआ भोसड़ा देख रही थी अब मैं तेरी चुदती हुई बुर देखूँगी। रियाज़ मुझे भकाभक चोदने लगा और मैं भी उतनी ही मस्ती से चुदवाने लगी। उसके बाद रियाज़ की बहन के मियां ने भी मुझे चोदा।
एक दिन मेरा निकाह हो गया। मैं अपने चचा जान की बहू बन गयी और उसके लड़के शब्बीर की बीवी बन गयी। शब्बीर अभी तक मेरा चचेरा भाई था आज वह मेरा शौहर है। इसकी बहन मेरी बहन थी आज वह मेरी नन्द बन गयी है। इसकी अम्मी मेरी चची जान थीं आज वह मेरी सास बन गयी हैं। इसी तरह मेरी अम्मी जान भी मेरी सास हो गईं हैं और मैं उसकी बहू। इसीलिए मैं अब कहने लगी हूँ बहू की बुर सास का भोसड़ा ? माँ का भोसड़ा, बिटिया की बुर। मैं तो प्यार से दोनों तरफ से अम्मी जान को गालियां देती हूँ और वह भी मुझे प्यार से दोनों तरफ से गालियां देती हैं।
एक दिन रात में घर में कुछ ही लोग थे। मैं थी, मेरी अम्मी जान, मेरी नन्द और मेरी खाला जान। मर्दों में उस समय रात में मेरा शौहर, मेरा भाई जान, मेरा ससुर यानी मेरा चचा जान और मेरा नंदोई। यानी 4 मियां और 4 बीवियां। हम सब लोग रात को खाना खा कर लेट गए। उस समय 10 बजा था। करीब एक घंटे तक सब लोग करवटें बदलते रहे और फिर शुरू हो गया चोदा चोदी का खेल। सबसे पहले अम्मी ने मेरे मियां के लण्ड की तरफ हाथ बढ़ाया। पहले उसने लण्ड ऊपर से दबाया। जब उसे मालूम हुआ की लण्ड तो खड़ा हो रहा है तब उसने पजामा का नाड़ा खोला और लण्ड बाहर खींच लिया। मेरा मन अपने भाई जान के लण्ड की तरफ चला गया , मैं उसे निकाल कर सहलाने लगी। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मेरी नन्द अपने अब्बू की तरफ लपकी। उसने अपना हाथ अपने अब्बू के लण्ड पर रख दिया। उसका अब्बू तो मेरा ससुर ही था। वह थोड़ा खसक कर चिपक गयी। मेरी खाला को मेरे नंदोई का लण्ड भाने लगा। मैंने देखा वह तो बड़े मजे से लण्ड चाट रहीं हैं। उसका तो भोसड़ा सबसे पहले खुल चुका था।
पहले सबके लण्ड खुल गए और तन कर खड़े भी हो गए फिर सबकी चूँचियाँ भी खुल गई और निपल्स तन कर
अम्मी जान मेरे मियां का लण्ड चूसने लगीं, मैं अपने ससुर का लण्ड चूसने लगी, मेरी नन्द बुर चोदी जान का लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी और मेरी खाला जान मेरे नंदोई का लण्ड चूसने लगीं। इस तरह सब की सब एक दूसरे को देख देख कर और एक दूसरे के पेल्हड़ सहला सहला कर लण्ड पीने लगीं। अम्मी ने कहा - हाय रेहाना तेरे मियां का लण्ड बड़ा मोटा तगड़ा है बेटी। मुझे नहीं मालूम था की इसका लण्ड इतना सख्त होगा। आज तेरी सास का भोसड़ा अच्छी तरह चुदेगा मेरी बहू रानी ? मैंने कहा - हाय दईया तो आज तेरी बहू की भी बुर अच्छी तरह चोदी जाएगी। क्योंकि उसे चोदने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर ही है। वह तो तेरी बेटी का चचा जान भी है। मेरी नन्द बोली हाय मेरी रेहाना भाभी जान आज तेरी नन्द की भी बुर खूब अच्छी तरह चोदी जाएगी। चोदने वाला तेरा भाई जान है भाभी।खाला जान भी कहने लगी रेहाना तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। तेरी सास की बिटिया की बुर। आज मुझे चुदाई में सबसे ज्यादा ही मज़ा आएगा। मैं तेरे नंदोई से चुदवाने जा रही हूँ।
फिर क्या मेरा मियां शब्बीर मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। मेरा ससुर मेरी बुर चोदने लगा। मुझे उसे देख देख कर मज़ा आ रहा था। मेरे भाई जान ने लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा दिया। वह भी हचक हचक के चोदने लगा उसकी चूत। मेरा नंदोई तो खाला के ऊपर चढ़ा हुआ उसे अपनी बीवी समझ कर चोद रहा था। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। चुदाई की महक भी पूरे कमरे में फ़ैल गयी। मुझे तो ऐसी चुदाई में सच में बड़ा अच्छा लगता है। ये सब मुस्लिम समाज में ही होता है। ऐसा मज़ा कहीं और देखने को नहीं मिलता। सारी औरतों को नंगी देखना, उनकी चूँचियाँ, चूत और गांड देखना, सारे मर्दों को नंगा देखना और उनके नंगे नंगे खड़े हुए लण्ड देखना कितना मजेदार होता है। ऐसा सीन बड़े नसीब से मिलता है।
थोड़ी देर तक इसी तरह चुदती रही सबकी बुर। फिर थोड़ा बदलाव होने लगा। मेरा नंदोई मेरी अम्मी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड उसके भोसड़ा में पेल दिया। मेरे ऊपर आ गया। उसने अपना लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। वह मुझे बड़ी मस्ती से चोदने लगा. उसके सामने मेरा ससुर मेरी नन्द की बुर चोदने लगा। यानी ससुर भोसड़ी का अपनी ही बेटी की बुर में लण्ड पेले हुए चोदने में जुट गया। हमारे समाज में आजकल की बेटियां अपने अब्बू से खूब खूब चुदवाने लगीं हैं। मेरा मियां ने अपना लण्ड मेरी खाला जान के भोसड़ा में पेल दिया और वह धकाधक चोदने लगा। उधर सबके लण्ड बदले और इधर चुदाई की रफ़्तार बढ़ी तो सबका मज़ा दूना हो गया। मस्ती और बढ़ गयी।
सबका डबल रिस्ता था। इस दोहरे रिश्ते से दोहरी गालियां भी होने लगीं।
अम्मी बोली - रेहाना, तेरी माँ की चूत, तेरी सास का भोसड़ा
मैंने जबाब दिया - अम्मी जान, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत
मेरी नन्द बोली - रेहाना भाभी जान, तेरी बुर चोदी बहन की बुर, तेरी नन्द की चूत।
खाला जान ने कहा - रेहाना - तेरी माँ की बहन का भोसड़ा, तेरी सास की बहन की चूत।
तब तक नन्द हंस कर बोली एक बात और सुनो भाभी जान - तेरे मादर चोद ससुर का लौड़ा, तेरे भोसड़ी वाले भाई जान का लांड़, तेरी बुर चोदी नन्द के मियां का लण्ड ?
इसी तरह की मस्ती करती हुई हम सब रात भर चुदवाती रहीं।
=०=०=०=०=०= समाप्त
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