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सुहागरात से बीवी दुसरो से चुदवाने लगा Biwi ki suhagraat manwayi dusre logon se
सुहागरात से बीवी दुसरो से चुदवाने लगा Biwi ki suhagraat manwayi dusre logon se , पति ने खुद अपनी पत्नी को गैर मर्दों से सुहागरात की रात में चुदवाया , दुसरे आदमियों ने शादी से अगली रात में चुदाई करवाई , मिलन की रात अन्य लोगों के लंड के साथ , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जब हनीमून मनाने अपनी बीवी के साथ गोवा गया और एक होटल के कमरे में प्रवेश किया तो वहां बेड पर रखी हुई एक चिठ्ठी मिली। उसमे लिखा था :-
"आप गोवा में अपनी सुहागरात मनाने आये हैं. मैं होटल की तरफ से आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ। मैं चाहती हूँ की आप अपनी बीवी के साथ साथ यहाँ ठहरी हुई सभी बीवियों के साथ भी सुहागरात मनाएं। यहाँ सारे कपल सुहागरात मनाने ही आतें हैं। आज रात आप अपनी बीवी चोद कर अपनी सुहागरात मना ले कल से आप यहाँ ठहरी हुई सभी बीवियां चोद कर सुहागरात मनाये। आप अपनी बीवी अपनी सुहागरात में दूसरों से चुदवायें और आप खुद यहाँ कई बीवियां चोद कर अपनी सुहागरात मनाने का मज़ा लें ।
कल शाम को ८ बजे नीचे बेसमेंट में एक बड़ा हॉल है वहीं पर सारे कपल आतें हैं और सब एक दूसरे की बीवी चोद कर सुहागरात मनाते हैं। आप भी सबकी बीवी चोदिये और मज़ा लीजिये। मैं भी किसी की बीवी हूँ और मैं अच्छी तरह जानती हूँ की आपकी बीवी को इसमें बड़ा मज़ा आएगा। वह आपसे ज्यादा एन्जॉय करेगी . यहाँ जितनी बीवियां आतीं है वो सब पराये मर्दों से चुदवाकर मस्त होकर जातीं हैं "
कल शाम को ८ बजे नीचे बेसमेंट में एक बड़ा हॉल है वहीं पर सारे कपल आतें हैं और सब एक दूसरे की बीवी चोद कर सुहागरात मनाते हैं। आप भी सबकी बीवी चोदिये और मज़ा लीजिये। मैं भी किसी की बीवी हूँ और मैं अच्छी तरह जानती हूँ की आपकी बीवी को इसमें बड़ा मज़ा आएगा। वह आपसे ज्यादा एन्जॉय करेगी . यहाँ जितनी बीवियां आतीं है वो सब पराये मर्दों से चुदवाकर मस्त होकर जातीं हैं "
मेरा नाम रोहन है और मेरी बीवी का नाम अंकिता। मैं २६ साल का हूँ और वह २५ साल की। मैंने यह चिठ्ठी उसे पढ़ाई तो उसने पहले चिठ्ठी अच्छी तरह पढ़ी और फिर मुस्कराकर रख दी। वह कुछ बोली नहीं। लेकिन उसके मुझे बॉडी लैंग्वेज से मालूम हुआ की उसे यह सन्देश अच्छा लगा। दिन में तो हम लोग थोड़ा घूम कर आये और रात में अपने कमरे में बैठ कर थोड़ा व्हिस्की पीने लगे। मैंने बीवी से पूंछा तुम शराब पियोगी। वह बोली तुम पिलाओगे तो पी लूंगी वरना नहीं। मैंने उसका मन देखा तो उसे साथ बैठा कर शराब पीने लगा। थोड़ा नशा चढ़ा तो मैं उसके बदन पर हाथ फिराने लगा।
ऐसे ही आगे बढ़ता गया और फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने बिलकुल नंगे हो गये। पहली बार मैंने उसे नंगी देखा और पहली बार उसने मुझे नंगा देखा। मैंने उसकी चूँचियाँ पकड़ी तो उसने मेरा लन्ड पकड़ा। हम दोनों मस्ती में आ गये और फिर होने लगी चुदाई।
- चुदवाती हुई वह बोली आज तो ठीक से चोद लो मुझे, कल तो तुम किसी और की बीवी चोदोगे।
- कल तो तुम भी किसी और के मियां से चुदवाओगी।
- ऐसे थोड़ी न चुदवा लूंगी। जब तक तुम कहोगे नहीं ?
- मैं कहूंगा तो तुम किसी और से चुदवा लोगी ?
- अगर तुम किसी और को चोदोगे और मुझसे किसी और से चुदवाने के लिए कहोगे तब देखा जायेगा।
- इसका मतलब कल तुम किसी और का लन्ड पकड़ोगी ?
- ऐसे थोड़ी न पकड़ लूंगी किसी और का लन्ड ? तुम्हारा भी तो लन्ड कोई और पकड़ लेगी ?
- सच बताओ कल वहां जाने का मन है ?
- मैं तो तुम्हारे साथ हूँ। जो तुम कहोगे मैं वही करुँगी। अगर तुम्हारा मन है की तुम किसी और को अपना लन्ड पकड़ाओ और मैं किसी और का लन्ड पकड़ूँ तो फिर ठीक है। मैं भी वही करूंगी। आखिर कार देखूं तो वहां क्या होता है ?
मैं समझ गया की मेरी बीवी का मन कल उस महफ़िल में जाने का है। फिर क्या मैं उसे चोदने में जुट गया। पहली बार अपनी बीवी चोद रहा था तो बड़ा अच्छा लग रहा था। जिस तरह से वह चुदवा रही थी वह भी अच्छा था। मैं मन में सोंचने लगा की अगर कल वहां दूसरों की बीवियां इसी तरह मुझसे चुदवाये तो मज़ा आ जाये। इसी तरह मेरा लन्ड पकड़ें, चाटें और चूसें तो मज़ा आ जाये ? आखिर में जब अंकिता ने मेरा झड़ता हुआ लन्ड चाटा तो मुझे लगा की वह झड़ता हुआ लन्ड पहली बार नहीं चाट रही है। उसे लन्ड चाटने और लन्ड का रस पीने का अनुभव है। लेकिन मैं चुप रहा।
अगले दिन हम दोनों ८ बजे उसी हॉल में पहुँच गए. वहां मुझे एक मैडम मिली। वह थीं मिसेज मोनिका। उसने हम दोनों को ऊपर से नीचे तक देखा और कहा मैं आप लोगों से कुछ सवाल करना चाहती हूँ। मुझे साफ़ साफ़ और खुल कर जबाब देना।
- सवाल - रोहन, तुम अपनी बीवी किसी और से चुदवाने के लिए तैयार हो ? तुम्हे कोई आपत्ति तो नहीं होगी
- जबाब :- नहीं कोई आपत्ति नहीं होगी ?
- तुम दूसरों की बीवियां चोदने के लिए तैयार हो ?
- जी हां बिलकुल तैयार हूँ।
- अब मैं अंकिता तुमसे पूंछती हूँ। तुम पराये मरद से चुदवाने के लिए तैयार हो ? वह भी अपने पति के सामने ?
- हां तैयार हूँ।
- तुम अपने सामने अपने पति को दूसरों की बीवियां चोदने दोगी ?
- हां बिलकुल चोदने दूँगी।
- तुम्हे गालियां देना आता है ?
- हां आता है।
- कुछ गालियां दे कर सुनाओ ?
- मादर चोद, भोसड़ी के, गांडू, माँ के लौड़े, बहन की बुर, माँ का भोसड़ा, बुर चोदी आदि।
- इसमें तो 'लन्ड' की गालियां हैं ही नहीं ? 'लन्ड' की गालियां सुनाओ
- बहन का लन्ड, मैं झांटें सहित तेरा लन्ड उखाड़ लूंगी, तेरी गांड में ठोंक दूँगी लन्ड , तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूंगी हाथ भर का लण्ड, तेरे लन्ड की माँ चोद दूँगी, खा जाऊंगी तेरा समूचा लन्ड, माँ का लौड़ा बहन चोद ?
- पर गालियां जरुरी हैं क्या मोनिका जी ?
- हां जरुरी हैं क्योंकि यहाँ बीवियों को प्यार से गालियां देना होगा। मरद गाली नहीं देते हैं. वे बस बीवियों की प्यार भरी गालियां सुन सकतें हैं। बीवियों के मुंह से 'लन्ड' की गालियां सुनकर मरद मस्त हो जातें हैं और मस्त हो जातें हैं उनके लन्ड।
- तुम्हे देशी लन्ड पसंद हैं की विदेशी लन्ड।
- दोनों देशी और विदेशी लन्ड ?
मैंने देखा की इस सवाल जबाब में अंकिता बेहद बेशरम हो गयी है। तब तक मोनिका बोली अब आप लोग अंदर जा सकतें हैं लेकिन जाने के पहले आपको कपड़े यहीं उतारने होगें। आप नंगे नंगे ही अंदर घुस सकेगें। हम दोनों अपने अपने कपड़े उतारने लगे। सबसे पहले मेरी बीवी नंगी हो गयी। शायद उसे किसी का लन्ड पकड़ने की बहुत जल्दी थी। फिर मैं भी नंगा हो गया। मोनिका ने मेरे लन्ड की तरफ देखा। हाथ बढाकर उसे पकड़ा और बोली वाओ, लौड़ा तो तेरा बढ़िया है। आज इसे बढ़िया बढ़िया चूत मिलेगी। फिर उसने मेरी बीवी की बुर सहलाई और उसकी चूँचियाँ मसल कर बोली वाह ! क्या चूत है ! आज तुझे बड़े मोटे मोटे लन्ड चोद कर मस्त कर देगें। फिर हम दोनों एक बड़े से हॉल में घुस गये। घुसते ही हमने जो वहाँ का सीन देखा उसकी तो कल्पना भी न की थी मैंने।
मैंने देखा की वहां पूरे हाल में नंगे नंगे मरद ही मरद और नंगी नंगी बीवियां ही बीवियां। पूरा हाल नंगे लोगों से भरा था। मेरी बीवी भी ऐसा नज़ारा देख कर बड़ी खुश हुई और उत्साहित भी हो गयी। मैं भी यह सब देख कर एन्जॉय करने लगा। मेरा लण्ड खड़ा था तो मेरी बीवी की चूँचियाँ तनी हुई थीं। मैंने थोड़ा घूम कर देखा तो अद्भुत नज़ारा था। कोई बीवी लण्ड हिला रही थी, कोई लण्ड चाट रही थी, कोई लण्ड अपनी चूँचियों के बीच पेले हुई थी। कोई लण्ड चूत में पेले हुए थी, कोई लण्ड अपनी गांड में घुसेड़े हुई थी। कोई लण्ड चूस रही थी तो कोई उसके पेल्हड़ सहला रही थी। किसी के हाथ में दो दो लण्ड थे तो किसी के मुंह में भी लण्ड और बुर में भी लण्ड था। कोई बुर चोद रहा था। कोई किसी की बीवी की गांड मार रहा था, कोई चूँची चोद रहा था, कोई सड़का मरवा रहा था। कोई अपनी बुर चटवा रही थी, कोई लण्ड पी रही थी तो कोई लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर अपनी जबान फिरा रही थी। हर तरफ लण्ड ही लण्ड, चूत ही चूत ?
इतने में किसी की बीवी ने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया। मैंने भी उसे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। वह वाकई बड़ी खूब सूरत थी उसकी भी बड़ी बड़ी चूँचियाँ थीं। मैं तो बस चूँचियाँ ही मसलने में जुट गया और वह मेरा लण्ड चूसने चाटने में लगी रही। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी किसी का लण्ड मुंह में डाल कर बड़ी मस्ती से चूम चाट रही है और उसके पेल्हड़ मुस्काकर मुस्कराकर सहला रही है। मैं समझ गया की वह खूब एन्जॉय कर रही है। तब तक किसी ने मेरी बीवी की बुर में अपना लौड़ा पेल दिया। वह भी प्यार से अपनी टांगें फैलाकर चुदवाने लगी। शुरू में ही वह दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगी। इधर मैं भी किसी की बीवी चोदने लगा और किसी दूसरे की बीवी की चूँचियाँ दबाने लगा। मुझे भी दो दो बीवी का मज़ा मिलने लगा। मैंने मन में सोंचा की अच्छा किया जो यहाँ आ गया।
आज हमारी सुहागरात का दूसरा दिन ही है और मेरी बीवी पराये मर्दों से चुदवा रही है। मैं भी परायी बीवियां चोद रहा हूँ। मज़ा मुझे भी आ रहा है और उसे भी आ रहा है। मैंने अपना लण्ड उसकी बुर से निकाल कर बगल में लेटी हुई एक बेहद खूबसूरत बीवी की बुर में पेल दिया। मुझे वह बीवी बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा दिल उस पर आ गया था तो मैं पूरे जोश से उसकी बुर चोदने लगा। मेरी बीवी के हाथ में मैंने एक मोटा मस्त लौड़ा देखा तो मैं बहुत खुश हुआ। उसने मुझे इशारा करके बताया की वह खूब मज़ा लूट रही है।
अचानक मेरी नज़र अलका भाभी पर पड़ी। वह भी नंगी थी। उसकी चूँचियाँ बड़ी गज़ब की थीं। उसके चूतड़ बड़े बड़े थे। उसकी गांड बड़ी मस्तानी थी। और उसकी चूत की खूबसूरती तो वाकई देखने काबिल थी। मैं उसके पास गया तो वह मुझे देख कर खुश हुई और मेरा लण्ड पकड़ कर बोली वॉवो तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा है यार रोहन ? और तू यहाँ कबसे आ रहा है ? तेरी बीवी कहाँ है ? मुझे उससे मिलवाओ न ? मैंने पहले तो अलका भाभी को अपनी छाती से चिपका लिया उसे खूब खूब चूमा चाटा और उसे चोदने का मन बाना लिया। तब मैंने उसे इशारा करके बताया की वह मेरी बीवी है देखो किसी से कितनी मस्ती से अपनी बुर चुदवा रही है। वह बोली रोहन जानते हो तेरी बीवी कौन चोद रहा है ? मैंने कहा मैं नहीं जानता और मुझे जानने की जरुरत भी नहीं है। यहाँ तो सब लोग सबकी बीवियां चोदने ही हैं। वह बोली अरे मेरे रोहन राजा तेरी बीवी चोदने वाला कोई और नहीं बल्कि मेरा हसबैंड सूरज है ? यह सुन कर मैं तो और खुश हो गया। मैंने कहा वाओ क्या बात है ? तब तो मज़ा आ जायेगा। मेरी बीवी को बताओ की वह तेरा हसबैंड है और उसकी बीवी मेरी बाँहों में हैं। मैंने गचगचा कर उसकी चूँचियाँ दबायीं और निपल्स मुंह में लेकर चूसने लगा।
अलका भाभी बोली यार रोहन मैं बातें बाद में करूंगी। पहले मुझे चोदो। लौड़ा पेलो अपना मेरी चूत में। मैंने फ़ौरन चोदना और वह मजे चुदवाने लगीं। अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। उसके बगल में भी एक और बीवी लेटी हुई चुदवा रही थी। मेरे आगे भी एक बीवी किसी और से चुदवा रही थी। चारों तरफ चुदाई ही चुदाई हो रही थीं। तब तक मेरी बीवी सूरज का लण्ड पकड़े पकड़े हमारे पास आ गयी और वह भी अलका भाभी की चुदती हुई बुर देख कर बड़ी खुश हुई। मैंने कहा यार सूरज तुम मेरे सामने चोदो मेरी बीवी। मैं तेरे सामने तेरी बीवी चोद रहा हूँ। उस समय मैं अलका की बुर से अपना लण्ड बार बार अंदर बाहर कर रहा था। रफ़्तार तेज कर रहा था।
मैं तो पागलों की तरह अलका भाभी की बुर चोद रहा था। मैंने कई बार अलका भाभी के नाम का सड़का मारा है। मैं सोंचता था की मैं कभी भी अलका भाभी की बुर चोदना तो दूर रहा बुर देख भी नहीं पाऊंगा और आज मैं उसकी बुर देख भी रहा हूँ और चोद भी रहा हूँ। मैं वाकई लकी हूँ. इसी उत्साह में चोदते चोदते थोड़ी देर में ही झड़ गया। मेरा झड़ता लण्ड भाभी ने अपने मुंह में ले लिया। वह मेरा सारा वीर्य पी गयी जिसे देख कर मैं गद गद हो गया। उसने जिस तरह से मेरा सुपाड़ा चाटा है वह कबीले तारीफ है। उधर मैंने देखा की मेरी बीवी सूरज का झड़ता हुआ लण्ड पी रही है। सुपाड़ा चाट रही है और पेल्हड़ चूम रही है।
फिर अलका भाभी ने बताया - यार रोहन मेरी शादी के ५ साल हो गए. लेकिन मैं हर साल अपनी सुहागरात मनाने यहाँ आती हूँ। कभी कभी साल में २/३ बार आती हूँ। यहाँ मुझे कई मर्दों से चुदवाने का मौक़ा मिलता है और मेरे हसबैंड को कई बीवियां चोदने का मौक़ा मिलता है। हम लोग जब आतें हैं तब एक सप्ताह रुकते हैं और हर रोज़ चुदाई का खूब मज़ा लेते हैं। यहाँ मेरी दोस्त नेहा, रितिका और सपना हैं। ये भी सब यहाँ पराये मर्दों से चुदवा रहीं हैं। उसने तीनो को बुलाया और हमसे मिलवाया।
हम लोग उनके हसबैंड से भी मिले। सब की सब बीवियां नंगी थीं और सबके हसबैंड भी नंगे थे। बड़ा मज़ा आया। मेरी बीवी नंगी नंगी नेहा के पति नीरज से मिली, रितिका के पति रोहित से मिली और सपना के पति शिवा से मिली। ये सब लोग भी नंगे थे और मेरी बीवी सबके लण्ड देख देख कर खूब मस्त हो रही थी। मैं भी सब बीवियों की चूँचियाँ उनकी चूत और गांड का मज़ा ले रहा था। मैंने सोंच लिया की अब मैं इन सबको चोद कर ही जाऊंगा। मेरी बीवी सबके लण्ड अपने चूत में पेलने के लिए उतावली हो गई । ये सब हो रहा था तभी मेरा लण्ड
फिर से खड़ा हो गाय। नीरज रोहित और शिवा के भी लण्ड खड़े हो गया। नीरज की बीवी ने मेरा लण्ड पकड़ लिया तो चूँचियाँ पकड़ लीं। मेरी बीवी ने नीरज लण्ड पकड़ा उसे हौले। नीरज मेरी बीवी चूँचियाँ मसलने लगा। उधर रोहित और शिवा की बीवियां भी एक दूसरे के लण्ड और उनके पति एक दूसरे की बीवी की चूँचियाँ चूमने और / चूसने लगे। भी लोग दूसरों की बीवियां चोदने में जुटे थे। इन नंगो की भीड़ में मुझे सबकी चोदने में मज़ा आ रहा था। मैंने फिर नीरज की बीवी नेहा की बुर में लण्ड पेल दिया। नीरज भी मेरी बीवी चोदने लगा। रोहित और शिवा भी एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। सबके साथ दूसरों की बीवियां चोदने का सुख जो हम सबको मिल रहा था वह सच में बड़ा अद्वतीय था जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
मैंने अपनी बीवी से पूंछा - अंकिता तुम्हे अब मज़ा आ रहा है न ? अब तक कितने लण्ड पेल चुकी हो तुम अपनी चूत में ?
वह बोली - मज़ा तो वाकई खूब आ रहा है और मैं अब तक 4 लण्ड पेल चुकी हूँ अपनी चूत में। आज मुझे एहसास हो रहा है की जवानी वास्तव में कितनी मजेदार होती है और पराये मरद से चुदवाने में कितना मज़ा आता है ? अब तुम बताओ तुमने कितने लोगों की बीवियां चोदीं ?
मैंने कहा - मैंने ४ लोगों की बीवियां अभी तक चोदी हैं और ये पांचवी बीवी नीरज की बीवी है जो अभी चोद रहा हूँ। अब मेरी नज़र रितिका और सपना की बुर पर है। मैं जल्दी ही इन दोनों की बुर में लण्ड पेलूँगा।
वह बोली - मैं भी जल्दी ही रोहित और शिवा के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ूँगी।
मुझे दूसरों से अपनी बीवी चुदवाने में मज़ा आने लगा। मेरी बीवी को भी मुझे दूसरों की बीवियां चोदते हुए देखने में मज़ा आने लगा। तब हम दोनों ने तय किया की यहाँ से वापस जाकर भी एक दूसरे की बीवी चोदना और अपनी बीवी लोगों से चुदवाना जारी रखूंगा। इसी बीच मैंने सपना भाभी को पकड़ा और उसकी चूत में लण्ड पेल दिया। वह भी मुझसे हंस हंस के चुदवाने लगी। उधर मेरी बीवी ने रोहित का लण्ड अपनी बुर में पेला और शिवा का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसे दो दो लण्ड का मज़ा लेते हुए देख कर मैं बहुत खुश हो रहा था। इस तरह मैं अपनी बीवी सुहागरात से ही चुदवाने लगा। =
०=०=०=०=०= समाप्त
मैंने देखा की वहां पूरे हाल में नंगे नंगे मरद ही मरद और नंगी नंगी बीवियां ही बीवियां। पूरा हाल नंगे लोगों से भरा था। मेरी बीवी भी ऐसा नज़ारा देख कर बड़ी खुश हुई और उत्साहित भी हो गयी। मैं भी यह सब देख कर एन्जॉय करने लगा। मेरा लण्ड खड़ा था तो मेरी बीवी की चूँचियाँ तनी हुई थीं। मैंने थोड़ा घूम कर देखा तो अद्भुत नज़ारा था। कोई बीवी लण्ड हिला रही थी, कोई लण्ड चाट रही थी, कोई लण्ड अपनी चूँचियों के बीच पेले हुई थी। कोई लण्ड चूत में पेले हुए थी, कोई लण्ड अपनी गांड में घुसेड़े हुई थी। कोई लण्ड चूस रही थी तो कोई उसके पेल्हड़ सहला रही थी। किसी के हाथ में दो दो लण्ड थे तो किसी के मुंह में भी लण्ड और बुर में भी लण्ड था। कोई बुर चोद रहा था। कोई किसी की बीवी की गांड मार रहा था, कोई चूँची चोद रहा था, कोई सड़का मरवा रहा था। कोई अपनी बुर चटवा रही थी, कोई लण्ड पी रही थी तो कोई लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर अपनी जबान फिरा रही थी। हर तरफ लण्ड ही लण्ड, चूत ही चूत ?
इतने में किसी की बीवी ने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया। मैंने भी उसे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। वह वाकई बड़ी खूब सूरत थी उसकी भी बड़ी बड़ी चूँचियाँ थीं। मैं तो बस चूँचियाँ ही मसलने में जुट गया और वह मेरा लण्ड चूसने चाटने में लगी रही। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी किसी का लण्ड मुंह में डाल कर बड़ी मस्ती से चूम चाट रही है और उसके पेल्हड़ मुस्काकर मुस्कराकर सहला रही है। मैं समझ गया की वह खूब एन्जॉय कर रही है। तब तक किसी ने मेरी बीवी की बुर में अपना लौड़ा पेल दिया। वह भी प्यार से अपनी टांगें फैलाकर चुदवाने लगी। शुरू में ही वह दो दो लण्ड का मज़ा लेने लगी। इधर मैं भी किसी की बीवी चोदने लगा और किसी दूसरे की बीवी की चूँचियाँ दबाने लगा। मुझे भी दो दो बीवी का मज़ा मिलने लगा। मैंने मन में सोंचा की अच्छा किया जो यहाँ आ गया।
आज हमारी सुहागरात का दूसरा दिन ही है और मेरी बीवी पराये मर्दों से चुदवा रही है। मैं भी परायी बीवियां चोद रहा हूँ। मज़ा मुझे भी आ रहा है और उसे भी आ रहा है। मैंने अपना लण्ड उसकी बुर से निकाल कर बगल में लेटी हुई एक बेहद खूबसूरत बीवी की बुर में पेल दिया। मुझे वह बीवी बहुत अच्छी लग रही थी। मेरा दिल उस पर आ गया था तो मैं पूरे जोश से उसकी बुर चोदने लगा। मेरी बीवी के हाथ में मैंने एक मोटा मस्त लौड़ा देखा तो मैं बहुत खुश हुआ। उसने मुझे इशारा करके बताया की वह खूब मज़ा लूट रही है।
अचानक मेरी नज़र अलका भाभी पर पड़ी। वह भी नंगी थी। उसकी चूँचियाँ बड़ी गज़ब की थीं। उसके चूतड़ बड़े बड़े थे। उसकी गांड बड़ी मस्तानी थी। और उसकी चूत की खूबसूरती तो वाकई देखने काबिल थी। मैं उसके पास गया तो वह मुझे देख कर खुश हुई और मेरा लण्ड पकड़ कर बोली वॉवो तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा है यार रोहन ? और तू यहाँ कबसे आ रहा है ? तेरी बीवी कहाँ है ? मुझे उससे मिलवाओ न ? मैंने पहले तो अलका भाभी को अपनी छाती से चिपका लिया उसे खूब खूब चूमा चाटा और उसे चोदने का मन बाना लिया। तब मैंने उसे इशारा करके बताया की वह मेरी बीवी है देखो किसी से कितनी मस्ती से अपनी बुर चुदवा रही है। वह बोली रोहन जानते हो तेरी बीवी कौन चोद रहा है ? मैंने कहा मैं नहीं जानता और मुझे जानने की जरुरत भी नहीं है। यहाँ तो सब लोग सबकी बीवियां चोदने ही हैं। वह बोली अरे मेरे रोहन राजा तेरी बीवी चोदने वाला कोई और नहीं बल्कि मेरा हसबैंड सूरज है ? यह सुन कर मैं तो और खुश हो गया। मैंने कहा वाओ क्या बात है ? तब तो मज़ा आ जायेगा। मेरी बीवी को बताओ की वह तेरा हसबैंड है और उसकी बीवी मेरी बाँहों में हैं। मैंने गचगचा कर उसकी चूँचियाँ दबायीं और निपल्स मुंह में लेकर चूसने लगा।
अलका भाभी बोली यार रोहन मैं बातें बाद में करूंगी। पहले मुझे चोदो। लौड़ा पेलो अपना मेरी चूत में। मैंने फ़ौरन चोदना और वह मजे चुदवाने लगीं। अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। उसके बगल में भी एक और बीवी लेटी हुई चुदवा रही थी। मेरे आगे भी एक बीवी किसी और से चुदवा रही थी। चारों तरफ चुदाई ही चुदाई हो रही थीं। तब तक मेरी बीवी सूरज का लण्ड पकड़े पकड़े हमारे पास आ गयी और वह भी अलका भाभी की चुदती हुई बुर देख कर बड़ी खुश हुई। मैंने कहा यार सूरज तुम मेरे सामने चोदो मेरी बीवी। मैं तेरे सामने तेरी बीवी चोद रहा हूँ। उस समय मैं अलका की बुर से अपना लण्ड बार बार अंदर बाहर कर रहा था। रफ़्तार तेज कर रहा था।
मैं तो पागलों की तरह अलका भाभी की बुर चोद रहा था। मैंने कई बार अलका भाभी के नाम का सड़का मारा है। मैं सोंचता था की मैं कभी भी अलका भाभी की बुर चोदना तो दूर रहा बुर देख भी नहीं पाऊंगा और आज मैं उसकी बुर देख भी रहा हूँ और चोद भी रहा हूँ। मैं वाकई लकी हूँ. इसी उत्साह में चोदते चोदते थोड़ी देर में ही झड़ गया। मेरा झड़ता लण्ड भाभी ने अपने मुंह में ले लिया। वह मेरा सारा वीर्य पी गयी जिसे देख कर मैं गद गद हो गया। उसने जिस तरह से मेरा सुपाड़ा चाटा है वह कबीले तारीफ है। उधर मैंने देखा की मेरी बीवी सूरज का झड़ता हुआ लण्ड पी रही है। सुपाड़ा चाट रही है और पेल्हड़ चूम रही है।
फिर अलका भाभी ने बताया - यार रोहन मेरी शादी के ५ साल हो गए. लेकिन मैं हर साल अपनी सुहागरात मनाने यहाँ आती हूँ। कभी कभी साल में २/३ बार आती हूँ। यहाँ मुझे कई मर्दों से चुदवाने का मौक़ा मिलता है और मेरे हसबैंड को कई बीवियां चोदने का मौक़ा मिलता है। हम लोग जब आतें हैं तब एक सप्ताह रुकते हैं और हर रोज़ चुदाई का खूब मज़ा लेते हैं। यहाँ मेरी दोस्त नेहा, रितिका और सपना हैं। ये भी सब यहाँ पराये मर्दों से चुदवा रहीं हैं। उसने तीनो को बुलाया और हमसे मिलवाया।
हम लोग उनके हसबैंड से भी मिले। सब की सब बीवियां नंगी थीं और सबके हसबैंड भी नंगे थे। बड़ा मज़ा आया। मेरी बीवी नंगी नंगी नेहा के पति नीरज से मिली, रितिका के पति रोहित से मिली और सपना के पति शिवा से मिली। ये सब लोग भी नंगे थे और मेरी बीवी सबके लण्ड देख देख कर खूब मस्त हो रही थी। मैं भी सब बीवियों की चूँचियाँ उनकी चूत और गांड का मज़ा ले रहा था। मैंने सोंच लिया की अब मैं इन सबको चोद कर ही जाऊंगा। मेरी बीवी सबके लण्ड अपने चूत में पेलने के लिए उतावली हो गई । ये सब हो रहा था तभी मेरा लण्ड
मैंने अपनी बीवी से पूंछा - अंकिता तुम्हे अब मज़ा आ रहा है न ? अब तक कितने लण्ड पेल चुकी हो तुम अपनी चूत में ?
वह बोली - मज़ा तो वाकई खूब आ रहा है और मैं अब तक 4 लण्ड पेल चुकी हूँ अपनी चूत में। आज मुझे एहसास हो रहा है की जवानी वास्तव में कितनी मजेदार होती है और पराये मरद से चुदवाने में कितना मज़ा आता है ? अब तुम बताओ तुमने कितने लोगों की बीवियां चोदीं ?
मैंने कहा - मैंने ४ लोगों की बीवियां अभी तक चोदी हैं और ये पांचवी बीवी नीरज की बीवी है जो अभी चोद रहा हूँ। अब मेरी नज़र रितिका और सपना की बुर पर है। मैं जल्दी ही इन दोनों की बुर में लण्ड पेलूँगा।
वह बोली - मैं भी जल्दी ही रोहित और शिवा के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ूँगी।
मुझे दूसरों से अपनी बीवी चुदवाने में मज़ा आने लगा। मेरी बीवी को भी मुझे दूसरों की बीवियां चोदते हुए देखने में मज़ा आने लगा। तब हम दोनों ने तय किया की यहाँ से वापस जाकर भी एक दूसरे की बीवी चोदना और अपनी बीवी लोगों से चुदवाना जारी रखूंगा। इसी बीच मैंने सपना भाभी को पकड़ा और उसकी चूत में लण्ड पेल दिया। वह भी मुझसे हंस हंस के चुदवाने लगी। उधर मेरी बीवी ने रोहित का लण्ड अपनी बुर में पेला और शिवा का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। उसे दो दो लण्ड का मज़ा लेते हुए देख कर मैं बहुत खुश हो रहा था। इस तरह मैं अपनी बीवी सुहागरात से ही चुदवाने लगा। =
०=०=०=०=०= समाप्त
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