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शादी में आंटी की सहेली की चूत चुदाई Shadi me aunty ki saheli ki chut chudai
शादी में आंटी की सहेली की चूत चुदाई Shadi me aunty ki saheli ki chut chudai , घर में ही चोद दिया , इंकार नहीं कर सकी चुदने लगी चुदवाने लगी अपनी मासूम चूत फड़वाने लगी , चोदने का सबका मन करता है इसलिए चुदी , चुदवाना भी पड़ता है , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हैल्लो दोस्तों, में त्रिकोट हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और मैं 25 साल का हूँ और मेरा लंड 6 इंच का है और मैं चुदाई करने में बहुत एक्सपर्ट हूँ. एक दिन मेरी आंटी ने मुझे शाम को कॉल किया और बोला कि उनकी बेस्ट फ्रेंड की बेटी की शादी है और आज मेहन्दी की रस्म है और तुम्हारे अंकल आज बाहर जा रहे है, क्या तुम मेरे साथ चलोगे प्लीज? क्योंकि शादी में जाने के लिए कोई और नहीं है. फिर मैं तैयार हो गया और शाम को अपनी बाईक पर आंटी के घर पहुँच गया और आंटी को लेकर निकल पड़ा और कुछ देर के बाद हम वहाँ पहुँच गये. अब वहाँ पहुँचने पर आंटी की बेस्ट फ्रेंड ने हमारा स्वागत किया और उनके साथ एक आंटी और थी जो बहुत टाईट कपड़ों में अपने बूब्स को टाईट करके हमसे मिली. उसके बहुत बड़े-बड़े बूब्स थे और जब वो पलटी तो उनकी गांड बाप रे बाप, बहुत ही मस्त थी. उनकी गांड बहुत ज़्यादा बाहर निकली थी. फिर मैंने आंटी से पूछा कि ये कौन है? तो वो बोली ये सपना है.
हैल्लो दोस्तों, में त्रिकोट हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और मैं 25 साल का हूँ और मेरा लंड 6 इंच का है और मैं चुदाई करने में बहुत एक्सपर्ट हूँ. एक दिन मेरी आंटी ने मुझे शाम को कॉल किया और बोला कि उनकी बेस्ट फ्रेंड की बेटी की शादी है और आज मेहन्दी की रस्म है और तुम्हारे अंकल आज बाहर जा रहे है, क्या तुम मेरे साथ चलोगे प्लीज? क्योंकि शादी में जाने के लिए कोई और नहीं है. फिर मैं तैयार हो गया और शाम को अपनी बाईक पर आंटी के घर पहुँच गया और आंटी को लेकर निकल पड़ा और कुछ देर के बाद हम वहाँ पहुँच गये. अब वहाँ पहुँचने पर आंटी की बेस्ट फ्रेंड ने हमारा स्वागत किया और उनके साथ एक आंटी और थी जो बहुत टाईट कपड़ों में अपने बूब्स को टाईट करके हमसे मिली. उसके बहुत बड़े-बड़े बूब्स थे और जब वो पलटी तो उनकी गांड बाप रे बाप, बहुत ही मस्त थी. उनकी गांड बहुत ज़्यादा बाहर निकली थी. फिर मैंने आंटी से पूछा कि ये कौन है? तो वो बोली ये सपना है.
अब मैं बार-बार उनको ही देख रहा था और वो भी मुझे नोटीस कर चुकी थी. फिर वो मेरे पास आई और हम नॉर्मल बातें करने लगे, अब जब हम बातें कर रहे थे कि तभी मैं उनके बड़े-बड़े बूब्स को ही देख रहा था. फिर हमें आंटी ने आवाज़ देकर बुलाया, क्योंकि दुल्हन की मेहन्दी दिखाई जा रही थी और सब एक के पीछे एक खड़े हो कर देख रहे थे. अब मैं सपना आंटी के पीछे खड़ा था और अब मेरा दिल उनकी बाहर निकली हुई गांड देखकर मचलने लगा तो मैंने सोचा क्यों ना एक चान्स मारा जाए? फिर मैंने अपना लंड जो कि आधा खड़ा था वो आंटी की गांड पर टच कर दिया और वो झट से पीछे पलट कर देखने लगी, तो मैं डर गया, लेकिन आंटी ने एक नॉटी स्माइल देकर फिर आगे देखने लगी. अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था. अब मैं और आगे होकर लंड को गांड पर महसूस करने लगा और वो भी अपनी गांड पीछे करके लंड को दबाने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने इधर उधर देखा तो अब हमें कोई नहीं देख रहा था और फिर मैं अपना एक हाथ आंटी की गांड पर रखकर आगे झुककर देखने लगा और फिर धीरे-धीरे गांड को सहलाने लगा. फिर सब वहाँ से हटने लगे और मैं थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया. फिर आंटी मेरे पास आई और मुस्कुराते हुए बोली कि मज़ा आया तो मैं बोला कि अभी कहाँ मज़ा आया? तो वो बोली जब रात में सब सो जायेंगे तो पीछे स्टोर रूम में आ जाना. अब मैं बहुत खुश हो गया और सबके सोने का इंतजार करने लगा.
फिर रात के 2 बजे मैं छुपते हुए स्टोर रूम में गया और कोई आधे घंटे के बाद सपना आंटी भी अंदर आई, आंटी लाल नाइटी पहने थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने झट से आंटी को हग कर लिया और अपने होंठ उनके होठों पर रखकर फ़्रेच किस करने लगा और एक हाथ से बूब्स और दूसरे हाथ से उनकी गांड दबाने लगा. अब वो भी सिसकारी निकालने लगी ओह्ह्ह त्रिकोट कम ऑन, तो मैं भी जोश में आ गया. अब मैंने आंटी के मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो अब आंटी मेरी जीभ आइसक्रीम की तरह चूसने लगी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनकी नाईटी उतार दी. वो ब्लेक ब्रा और ब्लेक पेंटी में थी. अब मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके बड़े-बड़े बूब्स दबाने लगा और अब वो मेरा लंड पेंट से बाहर निकालकर सहलाने लगी. फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और ज़मीन पर लेटाकर बूब्स के एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया. अब वो मेरा सिर अपने बूब्स पर दबाने लगी थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने उनके दोनों बूब्स को चूस-चूस कर निचोड़ डाला और अब मैं किस करते हुए नीचे सरकने लगा तो अब वो मौन कर रही थी. फिर मैं उनकी पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी और उन्होंने मुझे उठाकर एक जोरदार किस करते हुए मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए और नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने लगी. अब मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी. अब मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था और वो मेरे लंड के आगे वाले हिस्से पर अपनी जीभ बहुत मस्त तरीके से घुमा रही थी. फिर आंटी बोली कि अब मुझे चोदो प्लीज.
मैंने उन्हे डॉगी पोजिशन में किया और पीछे से लंड एक बार ही में पूरा डाल दिया. फिर वो बोली कि आराम से करो, अब मैं उन्हें तेज़-तेज़ चोदने लगा और दोनों हाथों से बूब्स भी दबा रहा था. अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवा रही थी. अब मुझे वो बहुत ही अनुभव वाली लग रही थी, क्योंकि वो मेरे लंड को बहुत अंदर तक ले रही थी. अब उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया और दोनों हाथ मेरे पैरों पर रखकर बहुत स्पीड में अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुद रही थी, अब मैं बहुत मज़ा ले रहा था.
फिर मैंने उन्हें खड़ा करके दीवार के सहारे चिपका कर उनका एक पैर हाथ में पकड़ कर अपना लंड चूत में डाल दिया और चोदने लगा. अब वो बस याहह एस्स एस्स बोले जा रही थी और हम दोनों पसीना- पसीना हो चुके थे. अब वो बार-बार मेरे लंड को बाहर निकालती और फिर दोबारा चूत में डालती जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था. अब मैंने उनको ज़मीन पर लेटाकर उनके दोनों पैरो को अपने कंधो पर रखकर चोदने लगा और अपने हाथ से बूब्स को निचोड़ भी रहा था. अब उनकी चूत पूरी गीली होकर बहने लगी थी, शायद वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन अभी भी मज़े से चुदवा रही थी. अब मेरा लंड भी हार नहीं मान रहा था और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर आंटी मुझे नीचे करके मेरे लंड पर सवार हो गई, तो अब मैं उनके बूब्स मुँह लेकर चूस भी रहा था. अब वो ऊपर से और मैं नीचे से धक्के लगा रहा था और फिर मेरा पानी उनकी चूत में ही निकल गया और वो भी मेरे साथ में ही झड़ गई और झट से मेरा लंड मुँह में लेकर चाटने लगी. अब वो मेरा पानी ऐसे चाट रही थी, जैसे उनको शहद का मज़ा मिल रहा हो और चाट-चाटकर मेरा पूरा लंड चिकना कर दिया. फिर मुझे किस करके बोली कि तूने तो आज बहुत मज़ा दे दिया त्रिकोट. फिर मैं बोला कि मज़ा तो आपने मुझे दिया थैंक यू. उसके बाद हम अपनी-अपनी जगह पर जा कर सो गये.
फिर रात के 2 बजे मैं छुपते हुए स्टोर रूम में गया और कोई आधे घंटे के बाद सपना आंटी भी अंदर आई, आंटी लाल नाइटी पहने थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने झट से आंटी को हग कर लिया और अपने होंठ उनके होठों पर रखकर फ़्रेच किस करने लगा और एक हाथ से बूब्स और दूसरे हाथ से उनकी गांड दबाने लगा. अब वो भी सिसकारी निकालने लगी ओह्ह्ह त्रिकोट कम ऑन, तो मैं भी जोश में आ गया. अब मैंने आंटी के मुँह में अपनी जीभ डाल दी तो अब आंटी मेरी जीभ आइसक्रीम की तरह चूसने लगी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उनकी नाईटी उतार दी. वो ब्लेक ब्रा और ब्लेक पेंटी में थी. अब मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके बड़े-बड़े बूब्स दबाने लगा और अब वो मेरा लंड पेंट से बाहर निकालकर सहलाने लगी. फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और ज़मीन पर लेटाकर बूब्स के एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया. अब वो मेरा सिर अपने बूब्स पर दबाने लगी थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने उनके दोनों बूब्स को चूस-चूस कर निचोड़ डाला और अब मैं किस करते हुए नीचे सरकने लगा तो अब वो मौन कर रही थी. फिर मैं उनकी पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी और उन्होंने मुझे उठाकर एक जोरदार किस करते हुए मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए और नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने लगी. अब मेरे मुँह से सिसकारी निकल रही थी. अब मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था और वो मेरे लंड के आगे वाले हिस्से पर अपनी जीभ बहुत मस्त तरीके से घुमा रही थी. फिर आंटी बोली कि अब मुझे चोदो प्लीज.
मैंने उन्हे डॉगी पोजिशन में किया और पीछे से लंड एक बार ही में पूरा डाल दिया. फिर वो बोली कि आराम से करो, अब मैं उन्हें तेज़-तेज़ चोदने लगा और दोनों हाथों से बूब्स भी दबा रहा था. अब वो भी अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवा रही थी. अब मुझे वो बहुत ही अनुभव वाली लग रही थी, क्योंकि वो मेरे लंड को बहुत अंदर तक ले रही थी. अब उन्होंने मुझे नीचे लेटाकर मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया और दोनों हाथ मेरे पैरों पर रखकर बहुत स्पीड में अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुद रही थी, अब मैं बहुत मज़ा ले रहा था.
फिर मैंने उन्हें खड़ा करके दीवार के सहारे चिपका कर उनका एक पैर हाथ में पकड़ कर अपना लंड चूत में डाल दिया और चोदने लगा. अब वो बस याहह एस्स एस्स बोले जा रही थी और हम दोनों पसीना- पसीना हो चुके थे. अब वो बार-बार मेरे लंड को बाहर निकालती और फिर दोबारा चूत में डालती जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था. अब मैंने उनको ज़मीन पर लेटाकर उनके दोनों पैरो को अपने कंधो पर रखकर चोदने लगा और अपने हाथ से बूब्स को निचोड़ भी रहा था. अब उनकी चूत पूरी गीली होकर बहने लगी थी, शायद वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन अभी भी मज़े से चुदवा रही थी. अब मेरा लंड भी हार नहीं मान रहा था और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर आंटी मुझे नीचे करके मेरे लंड पर सवार हो गई, तो अब मैं उनके बूब्स मुँह लेकर चूस भी रहा था. अब वो ऊपर से और मैं नीचे से धक्के लगा रहा था और फिर मेरा पानी उनकी चूत में ही निकल गया और वो भी मेरे साथ में ही झड़ गई और झट से मेरा लंड मुँह में लेकर चाटने लगी. अब वो मेरा पानी ऐसे चाट रही थी, जैसे उनको शहद का मज़ा मिल रहा हो और चाट-चाटकर मेरा पूरा लंड चिकना कर दिया. फिर मुझे किस करके बोली कि तूने तो आज बहुत मज़ा दे दिया त्रिकोट. फिर मैं बोला कि मज़ा तो आपने मुझे दिया थैंक यू. उसके बाद हम अपनी-अपनी जगह पर जा कर सो गये.
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