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बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari , घर में चुदाई का किस्सा , रिश्तों में चुदवाने की खवाहिश , बाप बेटे का लंड चूत गांड में लिया , माँ बेटा सेक्स कहानी , बाप बेटी पोर्न स्टोरी.
"बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से" जी हां आपने सही सुना - बेटी अपने बाप से चुदवाती है और माँ अपने बेटे से चुदवाती है। दोनों आमने सामने चुदवाती हैं। ऐसा हमारे मुस्लिम समाज में खूब होता है, हर घर में होता है और खुले आम होता है।इसे जायज़ भी माना जाता है. ऐसी चुदाई करने में कोई हर्ज़ नहीं है। ख़ास तौर से रात में ये सब ज्यादा होता है। हर घर में इस तरह की चुदाई खुल्लम खुल्ला सामूहिक तौर से होती है। लोग लण्ड एक चूत से निकाल कर दूसरी चूत में पेल देते हैं। औरतें भी एक लण्ड निकाल कर दूसरा लण्ड पेल लेतीं हैं अपनी चूत में। इस तरह की चुदाई में सबको खूब मज़ा आता है।
मेरा नाम यास्मीन है मैं 22 साल की हूँ। मेरे घर में मेरे अब्बू जान रहमत अली, मेरी अम्मी जान बसीमा बेगम हैं, मेरे भाई जान सफीक 23 साल के हैं और भाभी जान साइमा 21 साल की। मेरा एक छोटा भाई भी है वह 21 साल का है और उसका नाम है कासिम। हमारा मुंबई के एक बहुत बड़ा फ्लैट है। हम सब रात को एक ही बिस्तर पर ज़मीन पर सोते हैं।
यह तो आपको पता ही है की हमारे मुस्लिम समाज में चुदाई की पूरी आज़ादी होती है। हम लोग चुदाई को मस्ती और जवानी का मज़ा लेने के लिए इस्तेमाल करतें हैं इसमें किसी भी तरह की रिश्तों की भावनाएं नहीं जोड़ते। चूत को सिर्फ चूत समझते हैं वह चाहे किसी भी चूत हो उसका काम है चुदना। लण्ड को सिर्फ लण्ड समझते हैं वह चाहे किसी का भी हो उसक काम है चोदना। लण्ड चूत चोदता है वह चूत किसी की भी हो कोई फरक नहीं पड़ता ? चूत लण्ड से चुदवाती है वह लण्ड किसी का भी हो कोई फरक नहीं पड़ता। जैसे चूत के तीन नाम है चूत, बुर और भोसड़ा। वैसे ही लण्ड के भी तीन नाम है लण्ड, लौड़ा और लांड ?
मैं आपको बात बता रही हूँ की मुझे सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है। मैं बेहद खूबसूरत हूँ। जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही लण्ड की दीवानी हूँ। मैं लण्ड पकड़ने का, लण्ड चूसने का और लण्ड पेलवाने का कोई भी मौक़ा छोड़ती नहीं हूँ। यह बात मेरी अम्मी जान अच्छी तरह जानती हैं। अम्मी जान भी लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है. वह मेरे सामने अपनी चूत में लण्ड पेलवाती है और मैं उसके सामने अपनी चूत में लण्ड पेलवाती हूँ। न उसे मुझसे कोई शर्म और न मुझे उससे कोई शर्म। वह अक्सर मुझसे कहती है यास्मीन तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी उससे कहती हूँ तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान ? अब इस मस्ती में मेरी भाभी जान भी शामिल हो गयीं हैं। हम तीनो खूब मज़ा करतीं है और माहौल को हमेशा गरमागरम बनाये रखतीं हैं।
अम्मी कहतीं है - बहू तेरी नन्द की माँ की चूत ?
बहू कहती है - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ?
मैं कहती हूँ - अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ?
मैं भाभी जान से कहती हूँ - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की चूत ?
रात को हम सब मिलकर खूब झमाझम चोदा चोदी करतीं हैं। एक दिन मेरी फूफी जान सलमा भी आ गयी। उसके साथ उसका बेटा सफी भी था। सफी लगभग मेरी उम्र का था। वह रात में रुक गईं और हमारे साथ बिस्तर पर आ कर लेट गईं। रात जैसे जैसे गहराने लगी वैसे वैसे ही हम लोगों के कपड़े उतरने लगे। सबसे पहले फूफी जान ही नंगी हो गई। उसका भोसड़ा देख कर मैं तो हैरान हो गई। एक तो उस पर एक भी झांट नहीं थी और दूसरे वह एकदम चिपका हुआ लग रहा था। मुझे ऐसा लगा की इसमें अभी तक कोई लौड़ा घुसा ही नहीं। फूफी जान अपने बेटे का आगे एकदम नंगी हुई यह भी हैरान करने वाली बात थी। वैसे तो हमारे मुस्लिम समाज में यह आम बात है। माँ अपने जवान बेटे के आगे नंगी हो जाती है और बेटा अपनी माँ के आगे नंगा हो जाता है।यहाँ चुदाई में कोई किसी से शर्माता नहीं। ऐसा तो हमारे घर में भी होता है. रात को चुदाई के समय सबके लण्ड खुल जातें हैं और सबकी चूत भी खुल जाती है।
फिर मेरी भाभी जान भी नंगी हो गयी और उसने लपक कर मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। अब्बू ने बड़े प्यार से पहले उसकी चूँचियाँ चूमीं और फिर उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा। अम्मी जान ने हाथ बढाकर फूफी के बेटे सफी का लण्ड पकड़ा उसे हिलाया उसके सुपाड़े को चूमा। फिर मस्ती से अपनी चूँचियों पर उसका लण्ड रगड़ने लगीं, सफी अम्मी की चूत पर हाथ फिराने लगा और अपना मुंह घुसा कर उसकी बुर चाटने लगा। मैंने मजाक में कहा सफी तुम अपनी अम्मी की भी बुर इसी तरह चाटते हो क्या ? वह बोला हां बिलकुल चाटता हूँ। अम्मी जान क्या मैं किसी की भी बुर चाट सकता हूँ। अभी तेरी भी बुर चाटूँगा यास्मीन। तब तक मेरा बड़ा भाई फूफी के ऊपर चढ़ बैठा। उसने अपना लण्ड पूरा का पूरा घुसा दिया फूफी के भोसड़ा में। वह तो सबसे पहले चोदने लगा अपनी फूफी जान का भोसड़ा। इधर मेरे छोटे भाई जान ने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। वह बोला आपा अब मैं तेरी बुर चोद कर ही मानूंगा। चुदाई तो हमारा रोज़ का धंधा था। कोई न कोई हर रोज़ मेरी बुर चोदता ही था। आज छोटा भाई जान ही सही।
अब हम चारो की चूत का बाजा बजने लगा। चुदाई की आवाज घर में गूंजने लगी और हर कोई लण्ड और चूत का मज़ा लेने लगा। हर रात को इसी तरह का मज़ा लिया जाता है। बिना इस मज़ा के किसी को नींद नहीं आती। बिना चोदे कोई सोता नहीं है और बिना चुदाये कोई सोती नहीं है। मेरी अम्मी जान कहतीं हैं की रात को सब बेटी बहू बीवी बुर चोदी रंडी हो जातीं है और सब की सब रंडियों की तरह चुदवाती हैं. हर रात को मैं रंडी बन जाती हूँ, मेरी अम्मी जान, मेरी भाभी जान और खाला जान फूफी जान इन सबकी बहू बेटियां भी रंडी बन जातीं हैं और तब सबसे चुदवाने का मज़ा आता है।
कहतें है की चुदाई लण्ड और चूत से नहीं बल्कि दिमाग से होती है। सेक्स लण्ड चूत में नहीं होता दिमाग में होता है। अगर सोंचोगी की ये मारा बाप है तो चुदवा नहीं पाओगी। जब सोंचोगी की ये मेरा लण्ड है ये मेरी चूत में घुसेगा मुझे मज़ा देगा तब ही चुदवा पाओगी। हमारे समाज में यही सोंच होता है इसीलिए बेटियां बाप से चुदवा लेतीं हैं और माँ अपने बेटों से चुदवा लेतीं हैं।
फूफी जान को जब मज़ा आया तो वह बोली हाय मेरे सफीक राजा मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो।रात को चुदाई के समय हर औरत सबकी बीवी बन जाती है। और हर आदमी हर औरत का शौहर। तुम जैसे अपनी बीवी की बुर चोदते हो वैसे ही मेरी बुर चोदो। उधर मैं भी अपने छोटे भाई जान से बीवी की तरह चुदवा रही थी। मैने कहा यार पूरा लौड़ा पेल दे न ? चोद ले मेरी बुर अपनी बीवी की बुर की तरह। उसने भी गचागच चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।उधर मेरा अब्बू तो अपनी की बहू बुर अपनी बीवी की तरह चोदे चला जा रहा था। अम्मी जान तो फूफी के बेटे से ऐसे चुदवा रही थी जैसे यह अपने देवर से चुदवाती है। उसका गांड गांड उठा उठा के चुदवाना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। हम सबको लंड पूरा पेलवा पेलवा कर चुदवाने की आदत है। किसी को कोई शर्म नहीं। मैं तो यही सोंच रही थी की आज मैं अब्बू से जी भर के चुदवाऊंगी क्योंकि सबसे ज्यादा उसी का लौड़ा उछल उछल कर चोद रहा था।
सबका जोश सातवें आसमान पर था। सभी लोग अच्छी तरह उत्तेजित थे। चुदाई में जो न हो जाये वह थोड़ा है। इसी बीच मैंने हाथ बढ़कर अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। मैंने उसे पहले तो मस्ती से चाटा। सुपाड़ी के चारों तरफ जबान घुमाई और उसे मुंह में भर लिया। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया था। मुझे लगा की मैं लौड़ा पूरा चबा जाऊं। कुछ देर में मैंने लौड़ा मुंह से निकाला और अपनी बुर में घुसा लिया। मैं बोली हाय अब्बू पेल दे अपना ये हक्कानी लण्ड। चोद ले बहन चोद अपनी बिटिया की बुर। फाड़ डालो मेरी चूत अब्बू जान। इतने में मैंने देखा की मेरा बड़ा भाई अम्मी के ऊपर चढ़ गया। उसने लण्ड पूरा का पूरा अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और बार बार अंदर बाहर करने लगा। अम्मी जान तो ऐसे चुदवाने लगी जैसे वह अपने जीजू से चुदवाती है। वह बोली बेटा खूब चोदो। लण्ड पेल पेल के चोदो। मुझे रंडी की तरह चोदो, मैं इस समय मादर चोद हरामजादी एक रंडी ही हूँ। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा लौड़ा बड़ा मजेदार है . इसने अभी अपनी बहू की बुर चोदा अब सास का भोसड़ा चोद रहा है। भाभी जान तो अपने शौहर के सामने ही सफी का लौड़ा घुसेड़े हुए सटासट चुदवा रही थी। वह बुर चोदी अपनी सास ससुर के आगे भी किसी गैर मरद से बड़ी बेशर्मी से चुदवाने में जुटी हुई थी । ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
फूफी जान का तो कहना ही क्या ? वह तो रसगुल्ला की तरह मेरे छोटे भाई जान का लौड़ा अपनी बुर में पेले हुए धकाधक चुदवा रही थी।
आज की यह चुदाई सबको ज्यादा मज़ा दे रही थी। क्योंकि माँ अपने बेटे से चुदवा रही थी और बेटी अपने बाप से चुदवा रही थी। दोनों आमने सामने चुदवा रहीं थीं। बड़ी बेशरमी और बड़ी बेरहमी से चुदवा रहीं थीं।
एक दिन मैं अपनी दोस्त फ़िरोज़ा के घर चली गयी। गर्मी के दिन थे. दोपहर के २ बजे थे। उस दिन छुट्टी भी थी।मैं उसके ये सी कमरे में घुस गयी। वह बोली यार यास्मीन आज तू बड़े अच्छे मौके से आई है। आज मैं तेरी बुर अपने भाई जान से चुदवाऊंगी। मैं बहुत दिनों से सोंच रही थी की कब वह दिन आएगा जब मैं अपने भाई जान का लण्ड अपने हाथ से यास्मीन की बुर में पेलूँगी ? आज मैं अपनी तमन्ना पूरी करुँगी। मजे की बात यह है की ये सब उसने अपनी अम्मी के सामने कहीं और उसकी अम्मी मुस्करा रही थी। मैंने कहा - वॉवो, तू तो बड़ी हरामजादी है आते ही मेरी चूत में लौड़ा पेल देगी। वह बोली - ये तो अच्छा हुआ की तू आ गई नहीं तो मैं तेरे घर आकर अपने भाई जान का लण्ड तेरी बुर में पेल देती। फिर हम दोनों हंसने लगीं। इतने में उसका भाई जान अजमल आ गया। मैं उसे जानती थी। वह भी मुझे अच्छी तरह जानता था। हमारा इस घर से खूब आना जाना था। इसलिए काफी नजदीकियां थीं।
फ़िरोज़ा मेरे कपडे उतारने लगी और उसने मेरी सबसे पहले चूँचियाँ खोल डाली। मेरी चूँचियाँ उसकी चूँचियों से बढ़ीं हैं और सुडौल हैं सेक्सी हैं। ऐसे में उसका भाईजान आ गया। उसने मेरी चूँचियाँ देखीं तो वह अपने होंठ चाटने लगा। फिर फ़िरोज़ा ने पजामा खोला और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया। मेरा अनुमान था की वह लगभग 9" का होगा। 3" का तो सुपाड़ा ही था। मैं उसे देख कर खुश हो गई। तब फ़िरोज़ा ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मेरी सलवार उतार कर फेंकी दी। मैं अब बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उसके सामने थी। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियाँ दबाने के साथ साथ मेरी चूत सहलाने लगा। फ़िरोज़ा उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और बोली भाई जान आज मेरी सहेली की बुर चोद चोद कर ढीली कर दो। मैं यह समझ तो गई की फ़िरोज़ा अपने भाई जान से चुदवाती है। वह भी बुर चोदी मेरे साथ नंगी थी।
इतने में उसकी अम्मी जान आ गई। वह बोली बेटा अजमल आज यास्मीन की बुर चोदी बुर खूब अच्छी तरह चोद डालो। अपना लौड़ा पूरा घुसेड़ दो। मुझे तेरे लण्ड पर फक्र है. यह मेरी इज़्ज़त का सवाल है। इसकी बुर के चीथड़े उड़ा दो। इसको लगे की यह किसी मर्द से चुदवा रही है। अब तो यह पक्का हो अजमल अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है और उसकी अम्मी जान अपने बेटे के लण्ड का पूरा मज़ा लेतीं हैं। मुझे लण्ड चाटने में और चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरे मुंह से लार टपक रही थी और उसका लण्ड भी लार निकाल रहा था। दोनों लार मिलकर एक नया स्वाद बना रही थी। मुझे लण्ड का टेस्ट बहुत अच्छा लगा। लण्ड की सुगंध तो मस्त करने वाली थी। मैं लण्ड चूसने के साथ साथ सूंघ भी रही थी। मुझे लण्ड का नशा धीरे धीरे चढ़ रहा था। उधर फ़िरोज़ा मेरी बुर चाट रही थी।
लण्ड साला घोड़े की तरह हिनहिना रहा था। फ़िरोज़ा ने मौक़ा देखा तो तो लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। फिर उसने अपने भाई जान के चूतड़ दबाया तो लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मुझे दर्द तो हुआ पर मैं ऊँ कह कर रह गयी और फिर चुदाई का मज़ा उठाने लगी। चूत गीली थी इसलिए लण्ड का रास्ता बिलकुल साफ़ हो गया। अजमल बार लण्ड अंदर घुसेड़ता और बाहर निकालता। फ़िरोज़ा बैठी हुई उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मेरी उछलती हुई चूँचियाँ भी सहलाने लगी और मैं चुदाई में बिलकुल तल्लीन हो गयी। कुछ देर बाद उसने मुझे पीछे से चोदना शुरू किया। मैं भी घोड़ी की तरह चुदवाने लगी। इतने में उसकी अम्मी फिर कमरे में आ गयी। वह बोली यास्मीन मज़ा आ रहा न तुझे ? मैंने कहा हां आंटी जी खूब मज़ा आ रहा है। वह बोली ये बुर चोदी फ़िरोज़ा तेरी सहेली है न इसकी माँ का भोसड़ा ? इसकी माँ की बिटिया की बुर ? ये भोसड़ी वाली इसी तरह अपने भाई जान का लण्ड अपनी सहेलियों की बुर में पेलती रहती है। देखना किसी दिन ये तेरी माँ के भोसड़ा में भी पेल देगी अपने भाई जान का लण्ड।
अजमल ने मुझे हर तरफ से चोदा और अब मेरी चूत ढीली होने लगी थी। मुझे लगा की मैं खलास हो रही हूँ।
तभी वह बोला यास्मीन अब मैं निकलने वाला हूँ। मैं जान गयी की अब इसका लण्ड बोल गया है। मैं घूम गयी और अपना मुंह खोल कर लण्ड का सड़का मारने लगी। लण्ड बस दो चार बार ऊपर नीचे करने से ही झड़ने लगा। मैं उसका सारा वीर्य पी गयी और सुपाड़ा बड़े प्यार से चाटने लगी। मैं जब चुदवाकर कर जाने लगी तो फ़िरोज़ा ने मुझे रात में अपने घर में ही रोक लिया।
रात को वैसा ही बिस्तर लगा जैसा मेरे घर में लगता है। सब लोग एक साथ लेट गए। मैं भी फ़िरोज़ा के बगल में लेट गयी. मुझे एहसास हुआ की अब थोड़ी देर में चुदाई शायद शुरू हो जाए ? तब तक एक और स्मार्ट आदमी आ गया। फ़िरोज़ा बोली यास्मीन ये मेरा चचा जान है याकूब।वह सबके साथ लेट गया। मुश्किल से आधा घंटा गुज़ारा होगा की लोगों के कपड़े उतरने लगे। लोग अपने आप नंगे होने लगे। फ़िरोज़ा बुर चोदी पहले नंगी हो गयी। उसकी अम्मी जान और भाभी जान भी नंगी हो गयी। फिर उसका अब्बू नंगा हुआ और उसका भाई जान भी। उसके अब्बू का लण्ड देख कर मैं फिर हैरान हो गयी। मैं सोंचने लगी की इस खानदान में सबके लण्ड बड़े बड़े हैं बहन चोद। तब तक उसका शौहर भी नंगा हो गया। उसका लौड़ा तो मेरे अब्बू के लौड़े की तरह ही था। मेरी चूत बहन चोद आग का गोला बन गई। मेरी नज़र जब उसके चचा जान के लण्ड पर पड़ी तो मैं ाख्ने फाड़ फाड़ कर लण्ड ही देखती यही। वह तो मादर चोद सबसे मोटा था।
इतने में उधर अजमल भाई जान ने लण्ड अपन अम्मी की चूत में पेल दिया। उसकी अम्मी भी मस्ती से छुड़वाने लगी। अब मैं अच्छी तरह समझ गयी की मुस्लिम समाज में लोग अपनी माँ चोदते हैं और माँ अपने बेटों से चुदवाती हैं। तब तक फ़िरोज़ा ने अपने अब्बू का लण्ड अपने मुंह में ले लिया। अब यह भी साबित हो गया की बेटियां अपने बाप का लण्ड खूब मस्ती से पीती हैं और उनसे चुदवाती भी हैं। तब तक फ़िरोज़ा के मियां ने लण्ड उसकी भाभी की चूत में घुसा दिया। वह अपने साले की बीवी चोदने लगा। इधर मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और फ़िरोज़ा के चचा का लण्ड लपक कर पकड़ लिया। उसने मुझे चिपका लिया और मेरे गाल मेरे होंठ और मेरी चूँचियाँ चूमने लगा। मैं लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी। मैं भी उन सबके साथ लण्ड का मज़ा लेने में जुट गयी। फ़िरोज़ा बोली यास्मीन आज मैं इन सबके लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी। रात भर मैं चोदूँगी तेरी बुर। अम्मी बोली हां बेटी यास्मीन ये फ़िरोज़ा रात भर चुदवायेगी अपनी माँ का भोसड़ा अपनी भाभी की चूत और तेरी बुर चोदी बुर ?
०=०=०=०=०= समाप्त...
Tags: बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari , घर में चुदाई का किस्सा , रिश्तों में चुदवाने की खवाहिश , बाप बेटे का लंड चूत गांड में लिया , माँ बेटा सेक्स कहानी , बाप बेटी पोर्न स्टोरी.
"बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से" जी हां आपने सही सुना - बेटी अपने बाप से चुदवाती है और माँ अपने बेटे से चुदवाती है। दोनों आमने सामने चुदवाती हैं। ऐसा हमारे मुस्लिम समाज में खूब होता है, हर घर में होता है और खुले आम होता है।इसे जायज़ भी माना जाता है. ऐसी चुदाई करने में कोई हर्ज़ नहीं है। ख़ास तौर से रात में ये सब ज्यादा होता है। हर घर में इस तरह की चुदाई खुल्लम खुल्ला सामूहिक तौर से होती है। लोग लण्ड एक चूत से निकाल कर दूसरी चूत में पेल देते हैं। औरतें भी एक लण्ड निकाल कर दूसरा लण्ड पेल लेतीं हैं अपनी चूत में। इस तरह की चुदाई में सबको खूब मज़ा आता है।
मेरा नाम यास्मीन है मैं 22 साल की हूँ। मेरे घर में मेरे अब्बू जान रहमत अली, मेरी अम्मी जान बसीमा बेगम हैं, मेरे भाई जान सफीक 23 साल के हैं और भाभी जान साइमा 21 साल की। मेरा एक छोटा भाई भी है वह 21 साल का है और उसका नाम है कासिम। हमारा मुंबई के एक बहुत बड़ा फ्लैट है। हम सब रात को एक ही बिस्तर पर ज़मीन पर सोते हैं।
यह तो आपको पता ही है की हमारे मुस्लिम समाज में चुदाई की पूरी आज़ादी होती है। हम लोग चुदाई को मस्ती और जवानी का मज़ा लेने के लिए इस्तेमाल करतें हैं इसमें किसी भी तरह की रिश्तों की भावनाएं नहीं जोड़ते। चूत को सिर्फ चूत समझते हैं वह चाहे किसी भी चूत हो उसका काम है चुदना। लण्ड को सिर्फ लण्ड समझते हैं वह चाहे किसी का भी हो उसक काम है चोदना। लण्ड चूत चोदता है वह चूत किसी की भी हो कोई फरक नहीं पड़ता ? चूत लण्ड से चुदवाती है वह लण्ड किसी का भी हो कोई फरक नहीं पड़ता। जैसे चूत के तीन नाम है चूत, बुर और भोसड़ा। वैसे ही लण्ड के भी तीन नाम है लण्ड, लौड़ा और लांड ?
मैं आपको बात बता रही हूँ की मुझे सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है। मैं बेहद खूबसूरत हूँ। जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही लण्ड की दीवानी हूँ। मैं लण्ड पकड़ने का, लण्ड चूसने का और लण्ड पेलवाने का कोई भी मौक़ा छोड़ती नहीं हूँ। यह बात मेरी अम्मी जान अच्छी तरह जानती हैं। अम्मी जान भी लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है. वह मेरे सामने अपनी चूत में लण्ड पेलवाती है और मैं उसके सामने अपनी चूत में लण्ड पेलवाती हूँ। न उसे मुझसे कोई शर्म और न मुझे उससे कोई शर्म। वह अक्सर मुझसे कहती है यास्मीन तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं भी उससे कहती हूँ तेरी बिटिया की बुर अम्मी जान ? अब इस मस्ती में मेरी भाभी जान भी शामिल हो गयीं हैं। हम तीनो खूब मज़ा करतीं है और माहौल को हमेशा गरमागरम बनाये रखतीं हैं।
अम्मी कहतीं है - बहू तेरी नन्द की माँ की चूत ?
बहू कहती है - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ?
मैं कहती हूँ - अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ?
मैं भाभी जान से कहती हूँ - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की चूत ?
रात को हम सब मिलकर खूब झमाझम चोदा चोदी करतीं हैं। एक दिन मेरी फूफी जान सलमा भी आ गयी। उसके साथ उसका बेटा सफी भी था। सफी लगभग मेरी उम्र का था। वह रात में रुक गईं और हमारे साथ बिस्तर पर आ कर लेट गईं। रात जैसे जैसे गहराने लगी वैसे वैसे ही हम लोगों के कपड़े उतरने लगे। सबसे पहले फूफी जान ही नंगी हो गई। उसका भोसड़ा देख कर मैं तो हैरान हो गई। एक तो उस पर एक भी झांट नहीं थी और दूसरे वह एकदम चिपका हुआ लग रहा था। मुझे ऐसा लगा की इसमें अभी तक कोई लौड़ा घुसा ही नहीं। फूफी जान अपने बेटे का आगे एकदम नंगी हुई यह भी हैरान करने वाली बात थी। वैसे तो हमारे मुस्लिम समाज में यह आम बात है। माँ अपने जवान बेटे के आगे नंगी हो जाती है और बेटा अपनी माँ के आगे नंगा हो जाता है।यहाँ चुदाई में कोई किसी से शर्माता नहीं। ऐसा तो हमारे घर में भी होता है. रात को चुदाई के समय सबके लण्ड खुल जातें हैं और सबकी चूत भी खुल जाती है।
फिर मेरी भाभी जान भी नंगी हो गयी और उसने लपक कर मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। अब्बू ने बड़े प्यार से पहले उसकी चूँचियाँ चूमीं और फिर उन्हें धीरे धीरे मसलने लगा। अम्मी जान ने हाथ बढाकर फूफी के बेटे सफी का लण्ड पकड़ा उसे हिलाया उसके सुपाड़े को चूमा। फिर मस्ती से अपनी चूँचियों पर उसका लण्ड रगड़ने लगीं, सफी अम्मी की चूत पर हाथ फिराने लगा और अपना मुंह घुसा कर उसकी बुर चाटने लगा। मैंने मजाक में कहा सफी तुम अपनी अम्मी की भी बुर इसी तरह चाटते हो क्या ? वह बोला हां बिलकुल चाटता हूँ। अम्मी जान क्या मैं किसी की भी बुर चाट सकता हूँ। अभी तेरी भी बुर चाटूँगा यास्मीन। तब तक मेरा बड़ा भाई फूफी के ऊपर चढ़ बैठा। उसने अपना लण्ड पूरा का पूरा घुसा दिया फूफी के भोसड़ा में। वह तो सबसे पहले चोदने लगा अपनी फूफी जान का भोसड़ा। इधर मेरे छोटे भाई जान ने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। वह बोला आपा अब मैं तेरी बुर चोद कर ही मानूंगा। चुदाई तो हमारा रोज़ का धंधा था। कोई न कोई हर रोज़ मेरी बुर चोदता ही था। आज छोटा भाई जान ही सही।
अब हम चारो की चूत का बाजा बजने लगा। चुदाई की आवाज घर में गूंजने लगी और हर कोई लण्ड और चूत का मज़ा लेने लगा। हर रात को इसी तरह का मज़ा लिया जाता है। बिना इस मज़ा के किसी को नींद नहीं आती। बिना चोदे कोई सोता नहीं है और बिना चुदाये कोई सोती नहीं है। मेरी अम्मी जान कहतीं हैं की रात को सब बेटी बहू बीवी बुर चोदी रंडी हो जातीं है और सब की सब रंडियों की तरह चुदवाती हैं. हर रात को मैं रंडी बन जाती हूँ, मेरी अम्मी जान, मेरी भाभी जान और खाला जान फूफी जान इन सबकी बहू बेटियां भी रंडी बन जातीं हैं और तब सबसे चुदवाने का मज़ा आता है।
कहतें है की चुदाई लण्ड और चूत से नहीं बल्कि दिमाग से होती है। सेक्स लण्ड चूत में नहीं होता दिमाग में होता है। अगर सोंचोगी की ये मारा बाप है तो चुदवा नहीं पाओगी। जब सोंचोगी की ये मेरा लण्ड है ये मेरी चूत में घुसेगा मुझे मज़ा देगा तब ही चुदवा पाओगी। हमारे समाज में यही सोंच होता है इसीलिए बेटियां बाप से चुदवा लेतीं हैं और माँ अपने बेटों से चुदवा लेतीं हैं।
फूफी जान को जब मज़ा आया तो वह बोली हाय मेरे सफीक राजा मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो।रात को चुदाई के समय हर औरत सबकी बीवी बन जाती है। और हर आदमी हर औरत का शौहर। तुम जैसे अपनी बीवी की बुर चोदते हो वैसे ही मेरी बुर चोदो। उधर मैं भी अपने छोटे भाई जान से बीवी की तरह चुदवा रही थी। मैने कहा यार पूरा लौड़ा पेल दे न ? चोद ले मेरी बुर अपनी बीवी की बुर की तरह। उसने भी गचागच चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।उधर मेरा अब्बू तो अपनी की बहू बुर अपनी बीवी की तरह चोदे चला जा रहा था। अम्मी जान तो फूफी के बेटे से ऐसे चुदवा रही थी जैसे यह अपने देवर से चुदवाती है। उसका गांड गांड उठा उठा के चुदवाना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। हम सबको लंड पूरा पेलवा पेलवा कर चुदवाने की आदत है। किसी को कोई शर्म नहीं। मैं तो यही सोंच रही थी की आज मैं अब्बू से जी भर के चुदवाऊंगी क्योंकि सबसे ज्यादा उसी का लौड़ा उछल उछल कर चोद रहा था।
सबका जोश सातवें आसमान पर था। सभी लोग अच्छी तरह उत्तेजित थे। चुदाई में जो न हो जाये वह थोड़ा है। इसी बीच मैंने हाथ बढ़कर अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। मैंने उसे पहले तो मस्ती से चाटा। सुपाड़ी के चारों तरफ जबान घुमाई और उसे मुंह में भर लिया। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया था। मुझे लगा की मैं लौड़ा पूरा चबा जाऊं। कुछ देर में मैंने लौड़ा मुंह से निकाला और अपनी बुर में घुसा लिया। मैं बोली हाय अब्बू पेल दे अपना ये हक्कानी लण्ड। चोद ले बहन चोद अपनी बिटिया की बुर। फाड़ डालो मेरी चूत अब्बू जान। इतने में मैंने देखा की मेरा बड़ा भाई अम्मी के ऊपर चढ़ गया। उसने लण्ड पूरा का पूरा अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और बार बार अंदर बाहर करने लगा। अम्मी जान तो ऐसे चुदवाने लगी जैसे वह अपने जीजू से चुदवाती है। वह बोली बेटा खूब चोदो। लण्ड पेल पेल के चोदो। मुझे रंडी की तरह चोदो, मैं इस समय मादर चोद हरामजादी एक रंडी ही हूँ। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा लौड़ा बड़ा मजेदार है . इसने अभी अपनी बहू की बुर चोदा अब सास का भोसड़ा चोद रहा है। भाभी जान तो अपने शौहर के सामने ही सफी का लौड़ा घुसेड़े हुए सटासट चुदवा रही थी। वह बुर चोदी अपनी सास ससुर के आगे भी किसी गैर मरद से बड़ी बेशर्मी से चुदवाने में जुटी हुई थी । ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
फूफी जान का तो कहना ही क्या ? वह तो रसगुल्ला की तरह मेरे छोटे भाई जान का लौड़ा अपनी बुर में पेले हुए धकाधक चुदवा रही थी।
आज की यह चुदाई सबको ज्यादा मज़ा दे रही थी। क्योंकि माँ अपने बेटे से चुदवा रही थी और बेटी अपने बाप से चुदवा रही थी। दोनों आमने सामने चुदवा रहीं थीं। बड़ी बेशरमी और बड़ी बेरहमी से चुदवा रहीं थीं।
एक दिन मैं अपनी दोस्त फ़िरोज़ा के घर चली गयी। गर्मी के दिन थे. दोपहर के २ बजे थे। उस दिन छुट्टी भी थी।मैं उसके ये सी कमरे में घुस गयी। वह बोली यार यास्मीन आज तू बड़े अच्छे मौके से आई है। आज मैं तेरी बुर अपने भाई जान से चुदवाऊंगी। मैं बहुत दिनों से सोंच रही थी की कब वह दिन आएगा जब मैं अपने भाई जान का लण्ड अपने हाथ से यास्मीन की बुर में पेलूँगी ? आज मैं अपनी तमन्ना पूरी करुँगी। मजे की बात यह है की ये सब उसने अपनी अम्मी के सामने कहीं और उसकी अम्मी मुस्करा रही थी। मैंने कहा - वॉवो, तू तो बड़ी हरामजादी है आते ही मेरी चूत में लौड़ा पेल देगी। वह बोली - ये तो अच्छा हुआ की तू आ गई नहीं तो मैं तेरे घर आकर अपने भाई जान का लण्ड तेरी बुर में पेल देती। फिर हम दोनों हंसने लगीं। इतने में उसका भाई जान अजमल आ गया। मैं उसे जानती थी। वह भी मुझे अच्छी तरह जानता था। हमारा इस घर से खूब आना जाना था। इसलिए काफी नजदीकियां थीं।
फ़िरोज़ा मेरे कपडे उतारने लगी और उसने मेरी सबसे पहले चूँचियाँ खोल डाली। मेरी चूँचियाँ उसकी चूँचियों से बढ़ीं हैं और सुडौल हैं सेक्सी हैं। ऐसे में उसका भाईजान आ गया। उसने मेरी चूँचियाँ देखीं तो वह अपने होंठ चाटने लगा। फिर फ़िरोज़ा ने पजामा खोला और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड साला तन कर खड़ा हो गया। मेरा अनुमान था की वह लगभग 9" का होगा। 3" का तो सुपाड़ा ही था। मैं उसे देख कर खुश हो गई। तब फ़िरोज़ा ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मेरी सलवार उतार कर फेंकी दी। मैं अब बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उसके सामने थी। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियाँ दबाने के साथ साथ मेरी चूत सहलाने लगा। फ़िरोज़ा उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और बोली भाई जान आज मेरी सहेली की बुर चोद चोद कर ढीली कर दो। मैं यह समझ तो गई की फ़िरोज़ा अपने भाई जान से चुदवाती है। वह भी बुर चोदी मेरे साथ नंगी थी।
इतने में उसकी अम्मी जान आ गई। वह बोली बेटा अजमल आज यास्मीन की बुर चोदी बुर खूब अच्छी तरह चोद डालो। अपना लौड़ा पूरा घुसेड़ दो। मुझे तेरे लण्ड पर फक्र है. यह मेरी इज़्ज़त का सवाल है। इसकी बुर के चीथड़े उड़ा दो। इसको लगे की यह किसी मर्द से चुदवा रही है। अब तो यह पक्का हो अजमल अपनी माँ का भोसड़ा चोदता है और उसकी अम्मी जान अपने बेटे के लण्ड का पूरा मज़ा लेतीं हैं। मुझे लण्ड चाटने में और चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरे मुंह से लार टपक रही थी और उसका लण्ड भी लार निकाल रहा था। दोनों लार मिलकर एक नया स्वाद बना रही थी। मुझे लण्ड का टेस्ट बहुत अच्छा लगा। लण्ड की सुगंध तो मस्त करने वाली थी। मैं लण्ड चूसने के साथ साथ सूंघ भी रही थी। मुझे लण्ड का नशा धीरे धीरे चढ़ रहा था। उधर फ़िरोज़ा मेरी बुर चाट रही थी।
लण्ड साला घोड़े की तरह हिनहिना रहा था। फ़िरोज़ा ने मौक़ा देखा तो तो लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया। फिर उसने अपने भाई जान के चूतड़ दबाया तो लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मुझे दर्द तो हुआ पर मैं ऊँ कह कर रह गयी और फिर चुदाई का मज़ा उठाने लगी। चूत गीली थी इसलिए लण्ड का रास्ता बिलकुल साफ़ हो गया। अजमल बार लण्ड अंदर घुसेड़ता और बाहर निकालता। फ़िरोज़ा बैठी हुई उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मेरी उछलती हुई चूँचियाँ भी सहलाने लगी और मैं चुदाई में बिलकुल तल्लीन हो गयी। कुछ देर बाद उसने मुझे पीछे से चोदना शुरू किया। मैं भी घोड़ी की तरह चुदवाने लगी। इतने में उसकी अम्मी फिर कमरे में आ गयी। वह बोली यास्मीन मज़ा आ रहा न तुझे ? मैंने कहा हां आंटी जी खूब मज़ा आ रहा है। वह बोली ये बुर चोदी फ़िरोज़ा तेरी सहेली है न इसकी माँ का भोसड़ा ? इसकी माँ की बिटिया की बुर ? ये भोसड़ी वाली इसी तरह अपने भाई जान का लण्ड अपनी सहेलियों की बुर में पेलती रहती है। देखना किसी दिन ये तेरी माँ के भोसड़ा में भी पेल देगी अपने भाई जान का लण्ड।
अजमल ने मुझे हर तरफ से चोदा और अब मेरी चूत ढीली होने लगी थी। मुझे लगा की मैं खलास हो रही हूँ।
रात को वैसा ही बिस्तर लगा जैसा मेरे घर में लगता है। सब लोग एक साथ लेट गए। मैं भी फ़िरोज़ा के बगल में लेट गयी. मुझे एहसास हुआ की अब थोड़ी देर में चुदाई शायद शुरू हो जाए ? तब तक एक और स्मार्ट आदमी आ गया। फ़िरोज़ा बोली यास्मीन ये मेरा चचा जान है याकूब।वह सबके साथ लेट गया। मुश्किल से आधा घंटा गुज़ारा होगा की लोगों के कपड़े उतरने लगे। लोग अपने आप नंगे होने लगे। फ़िरोज़ा बुर चोदी पहले नंगी हो गयी। उसकी अम्मी जान और भाभी जान भी नंगी हो गयी। फिर उसका अब्बू नंगा हुआ और उसका भाई जान भी। उसके अब्बू का लण्ड देख कर मैं फिर हैरान हो गयी। मैं सोंचने लगी की इस खानदान में सबके लण्ड बड़े बड़े हैं बहन चोद। तब तक उसका शौहर भी नंगा हो गया। उसका लौड़ा तो मेरे अब्बू के लौड़े की तरह ही था। मेरी चूत बहन चोद आग का गोला बन गई। मेरी नज़र जब उसके चचा जान के लण्ड पर पड़ी तो मैं ाख्ने फाड़ फाड़ कर लण्ड ही देखती यही। वह तो मादर चोद सबसे मोटा था।
इतने में उधर अजमल भाई जान ने लण्ड अपन अम्मी की चूत में पेल दिया। उसकी अम्मी भी मस्ती से छुड़वाने लगी। अब मैं अच्छी तरह समझ गयी की मुस्लिम समाज में लोग अपनी माँ चोदते हैं और माँ अपने बेटों से चुदवाती हैं। तब तक फ़िरोज़ा ने अपने अब्बू का लण्ड अपने मुंह में ले लिया। अब यह भी साबित हो गया की बेटियां अपने बाप का लण्ड खूब मस्ती से पीती हैं और उनसे चुदवाती भी हैं। तब तक फ़िरोज़ा के मियां ने लण्ड उसकी भाभी की चूत में घुसा दिया। वह अपने साले की बीवी चोदने लगा। इधर मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और फ़िरोज़ा के चचा का लण्ड लपक कर पकड़ लिया। उसने मुझे चिपका लिया और मेरे गाल मेरे होंठ और मेरी चूँचियाँ चूमने लगा। मैं लण्ड मुंह में लेकर पीने लगी। मैं भी उन सबके साथ लण्ड का मज़ा लेने में जुट गयी। फ़िरोज़ा बोली यास्मीन आज मैं इन सबके लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी। रात भर मैं चोदूँगी तेरी बुर। अम्मी बोली हां बेटी यास्मीन ये फ़िरोज़ा रात भर चुदवायेगी अपनी माँ का भोसड़ा अपनी भाभी की चूत और तेरी बुर चोदी बुर ?
०=०=०=०=०= समाप्त...
Tags: बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari , घर में चुदाई का किस्सा , रिश्तों में चुदवाने की खवाहिश , बाप बेटे का लंड चूत गांड में लिया , माँ बेटा सेक्स कहानी , बाप बेटी पोर्न स्टोरी.
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