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माँ ने लगाई अपनी बेटी की चूत में आग - Maa ne beti ko chudwaya
माँ ने लगाई अपनी बेटी की चूत में आग - Maa ne beti ko chudwaya , माँ बेटी दोनों चुद गईं , घर का माल - Read hot sex story in Hindi , बेटी की चूत बुर गांड में लगी आग माँ ने बुझवाई , बुर की प्यास ने लेस्बियन बना दिया , माँ बेटी की चूत चुदाई एक साथ.
उन दिनों मैं 17 + की हो गयी थी। अम्मी जान से थोड़ा खुल कर बातें करने लगी थी। अम्मी भी थोड़ा थोड़ा खुल रहीं थीं मुझसे । गालियां तो वह मेरे आगे सबको देती ही थीं पर अब तो वह मुझे भी गालियां देकर बुलाने लगीं थी। माँ की लौड़ी, बहन की लौड़ी, मादर चोद, बहन चोद, भोसड़ी वाली और बुर चोदी तक कह कर मुझे बुलाने लगीं थीं । हालांकि वो ये सब बड़े प्यार से और मुस्कराते हुए बोलतीं थीं। मुझे लगा की अम्मी जान मुझे जवान होने इंतज़ार नहीं कर पा रहीं थीं। वह चाहती थी की मैं जल्दी ही जवान हो जाऊं और उसक साथ चोदा चोदी करना शुरू कर दूँ। यह बात मुझे अपने पड़ोस की रहीमा आंटी ने बताई। वह एक दिन बोली अरी साजिया तू जल्दी से जवान क्यों नहीं होती ? तेरी अम्मी अपना भोसड़ा तुम्हारे हाथों से चुदवाना चाहती है। वह चाहती है की तू जल्दी से जल्दी किसी का लौड़ा उसके भोसड़ा में घुसेड़ दे। यह सुन कर मेरे अंदर की आग भड़क उठी और मैं भी अम्मी के साथ चुदाई का मज़ा लेने का मन बनाने लगी। मैं भी अम्मी जान के नजदीक जाने लगी और उससे थोड़ा खुल कर बातें करने लगी। एक दिन किसी बात पर मेरे भी मुंह से निकला अम्मी जान तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? मेरे मुंह से गाली सुनकर अम्मी जान बहुत खुश हुई और बोली हां सानिया अब मुझे मालूम हो रहा है की तू जवान हो रही है।तेरी माँ की बिटिया की बुर साजिया अब तू जवानी का पूरा मज़ा जरूर लूट पायेगी ?
मैं बड़ी तेरी से जवान हो रही थी। मेरी चूँचियाँ दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रहीं थीं। मेरी जांघें भी मोटी हो रहीं थीं और मेरी चूत मस्त होती जा रही थी। चेहरे पर निखार और जबान पर हंसी मजाक और मस्त मस्त गालियां भी निकलने लगीं। एक दिन मैं घर में थोड़ा जल्दी आ गयी। मैंने देखा की अम्मी जान के कमरे में कुछ हल चल हो रही है। मैं झाँक कर देखने लगी। , मैंने देखा की अम्मी जाज एकदम नंगी बैठीं हैं। उसकी बड़े बड़े बूब्स बड़े सेक्सी और हॉट लग रहे थे। उसका भोसड़ा भी मुझे दिखाई पड़ रहा था। इतने में बाथ रूम से एक आदमी एकदम नंगा नंगा निकला। मैंने उसका खड़ा लण्ड देखा तो पहचान गयी। मेरे मुंह से निकला हाय अल्ला ये तो मेरी चाचू का लौड़ा है। जी हाँ नावेद चाचू का लौड़ा ? तो इसका मतलब मेरी अम्मी चचा जान से चुदवाती है। जैसे ही अंकल उसके पास आया वैसे ही अम्मी जान ने उसका लण्ड पकड़ कर मुंह में ले लिया और उसे प्यार से चूसने लगीं। मैं उसे आँखें फाड् फाड़ कर देखने लगी। मेरे मन मैं भी अंदर घुस जाऊं और चचा जान का लौड़ा उसके सामने पीने लगूं। लेकिन मैं थोड़ा रुक गयी और अम्मी की चुदाई देखने लगी।
अम्मी जान ने पहले तो लौड़ा पूरा घुसेड़वा लिया अपने भोसड़ा में और फिर धीरे धीरे अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं। उसे देख कर मुझे मालूम हो गया की अम्मी जानएक रंडी हैं और वह सबसे इसी तरह चुदवाती होगी। इतने मे वह बोली हाय नावेद तेरे दोस्त का लौड़ा तो खूब लेता है मेरी बुर ? तेरे साला भी मुझे उस दिन चोद कर गया और कल जब तेरे भाई ने मुझे चोदा तो तुम क्या कर रहे थे ? वह बोला तब मैं उसकी बीवी चोद रहा था भाभी जान। वह भी मेरी बीवी चोदता है। चुदाई के समय सब एक दूसरे की पोल खोलते हैं। अम्मी बोली हां वो तेरी बीवी ही नहीं मुझे भी चोदता है। फिर मैं बड़ी बेशर्मी से अंदर कमरे में घुस गयी। अम्मी बोल रही थी - अरे नावेद खुछ करों न यार मेरी बेटी को शायद अभी तक लण्ड पकड़ना नहीं आता, लण्ड चाटना चूसना नहीं आता। लण्ड पीना नहीं आता तो वह जवानी का मज़ा कैसे लूट पायेगी ? मुझे बड़ी चिंता है यार. चाचा जान तब मुझे देख चुका था। , वह कुछ बोला नहीं ? अम्मी ने फिर कहा मेरी बेटी साजिया बुर चोदी पता नहीं कब लण्ड पीना सीखेगी ? कब अपनी बुर चुदाना और कब अपनी माँ चुदाना सीखेगी ?
यह सुनकर मैं मन ही मन मुस्कराने लगी। अम्मी जान ने मुझे देखा नहीं और न चचा जान ने। मैं उसकी चुदाई उसके सामने खड़ी हुई देख रही थी। अम्मी जान तो आँख बंद करके चुदवा रहीं थीं और अंकल भी आँख बंद करके चोद रहा था। अम्मी जान ने जब आँख खोली तो मुझे देखा। वह थोड़ा हैरान हुई पर फिर वह बड़ी बेशर्मी से बोली हाय रे साजिया तू ? तू यहाँ क्या कर रही है ? अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है ? इतनी बेशर्मी से अपनी माँ का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही है तू माँ की लौड़ी ? इतनी बड़ी हो गयी है तू आजतक तूने कभी किसी का लण्ड पिया हैं ? तेरी चूत में आग है की नहीं ? तू बहन चोद लड़की है की नहीं ? अम्मी जान की ललकार मुझे बहुत देर तक हज़म नहीं हुई। मैं बोली पड़ी - मैं लण्ड पीती हूँ अम्मी जान लण्ड ? मैं सबके लण्ड पीती हूँ। मैं सबके लण्ड पहचानती भी हूँ। और ये जो तेरी भोसड़ा में लण्ड घुसा हुआ है न मैं इसे कई बार पी चुकी हूँ। ये भोसड़ी का नावेद कई बार अपना लौड़ा मेरे मुंह में घुसा चुका है। तेरी बहन का भोसड़ा अम्मी जान, तेरी बिटिया की बुर। मुझे नहीं मालूम था की तू सबसे अपना भोसड़ा चुदवाती है ? आज मुझे सब मालूम हो गया है और तेरी भी पोल पट्टी खुल गयी है अम्मी जान। आज मुझे मालूम हुआ की तू भी रंडी है और चूत भी। अम्मी बोली अच्छा ऐसी बात है तो मुझे ये लण्ड अभी पीकर दिखा। मैंने हाथ बढ़ाया और लण्ड उसकी चूत से निकाल कर अपने मुंह में घुसा लिया। मैं चपर चपर लण्ड पीने लगी और नंगी भी होने लगी। अम्मी मुझे बड़े हैरानगी से देखने लगी।
उसे शायद यकीन नहीं हो रहा था की मैं इतनी अच्छी तरह से लण्ड पीती हूँ। मुझे देख कर उसकी ख़ुशी का ठिकाना नं था। वह बोली हाय दईया तू जब इतनी अच्छी तरह से लण्ड पी लेती है तो फिर चुदवाती भी होगी। तूने आज तक मुझसे ये सब छिपाकर रखा। ऐसा कह कर अम्मी ने चचा जान का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और कहा अब तू मेरे सामने अपनी बुर भी चुदवाकर दिखा। मैं सच में चुदवाने भी लगी। मैंने कहा अम्मी जान लो लड़की किसी मरद का लण्ड पियेगी तो वह उससे चुदवायेगी जरूर ? ये भोसड़ी का नवेद मुझे पहले भी चोद चुका है। उस दिन से मैं अम्मी जान के सामने चुदवाने लगी और अम्मी मेरे सामने। उसके बाद हम दोनों ने कई लण्ड एक दूसरे की चूत में पेला।
एक दिन मैं बिंदास नावेद के बेटे शैफ अली का लण्ड चाट रही थी। मैं भी नंगी थीऔर वह भी नंगा था। मुझे उसका सुपाड़ा बड़ा मस्त लग रहा था। मैं तो बस उसी में खोई हुई थी। इतने में एमी जान आ गयी। वह बोली हाय रब्बा तू नावेद के बेटे का लण्ड चाट रही है ? यानी बाप का भी लण्ड पीती है और बेटे का भी लण्ड ? ,मैंने कहा अरे अम्मी जान अब ये बेटा नहीं रह गया भोसड़ी वाला। देखो न बाप के लण्ड से बेटे का लण्ड ज्यादा मोटा है। कल ये अपनी फूफी का भोसड़ा चोद रहा था। मैंने कहा यार शैफ अली तू फूफी का भोसड़ा चोदता है ? कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है तूने। वह बोला हां चोदा है यार अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है। उस दिन रात को मेरी भाभी मेरा लण्ड चाट रही थी। तभी अम्मी जान ने भी मेरा लण्ड पकड़ लिया। रात का समय था तभी मेरे चाचा ने मेरी भाभी की बुर में लण्ड पेल दिया तो अम्मी जान ने मेरा लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। उधर चचा मेरी भाभी की बुर चोदने लगा और मैं अपनी माँ माँ की चूत ?
एक दिन बोली - बेटी साजिया, तू कहाँ कहाँ अपनी माँ चुदवाने गयी थी भोसड़ी वाली ? मैंने भी बड़ी बेबाकी से जबाब दिया - अरे अम्मी जान आजकल अपना काम कराने के लिए माँ चुदवानी पड़ती है। लोग बिना माँ चोदे कोई काम नहीं करते ? माँ नहीं चुदानी है तो पहले उनके पेल्हड़ थामो, उनके लण्ड चाटो तब कहीं जाकर लोग काम करते हैं। मैं अभी एक मौला के घर पर बैठी थी। इतने में एक महिला आ गयी वह बोली मौला जी हलाला में क्या करना पड़ता है ? वह बोला - पहले मेरा लण्ड चाटो बीवी जान तब मैं बताऊंगा की हलाला क्या होता है और कैसे किया जाता है ? वह मेरे सामने ही ये सब उससे कह रहा था। मैं मौलाना से थोड़ा खुली हुई थी तो मैं कुछ बोली नहीं बल्कि उसकी हरकतें बैठी बैठी देखते रहीं। उसने अपनी लुंगी खोल कर अपना लण्ड दिखाते हुए कहा लो पहले मेरा लण्ड चाटो फिर मैं बताता हूँ। लण्ड पहले तो ढ़ीला ढाला था लेकिन उसके पकड़ते ही बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते साला 9" का हो गया। मैं उसे देख कर हैरान हो गयी। वह बोला बीवी जान तुम्हे कैसा लग रहा है मेरा लण्ड पकड़ कर / वह बोली अच्छा तो लग रहा है और एक बात यह भी है की तेरा लण्ड मेरे मियां के लण्ड से बहुत बड़ा है। वह बोला बीवी जान हलाला इसी से किया जाता है। लण्ड ही करता है हलाला आदमी नहीं। उसने कहा ज़रा खुल कर बताओ मौलाना जी। वह बोला अब तुम पहले अपने कपडे उतारो और एकदम नंगी नंगी मेरे सामने खड़ी जाओ. वह सच में नंगी हो गयी और नंगी नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी।वह बोला हलाला में मैं तलाकशुदा बीवी से निकाह करता हूँ और निकाह करके उसे रात भर चोदता हूँ। दूसरे दिन उसे तलाक देता हूँ ताकि वह अपने शौहर से शादी कर सके। लेकिन एक बात है। मैं इस बीवी को तब तक अपनी बीवी बना कर रखूंगा और खूब चोदूंगा जब तक की कोई और बीवी मुझसे हलाल करवाने न आये ? यह मेरा धंधा है। तलाक शुदा बीवियां चोदना और उनसे पैसे लेना ? मैंने कहा तुम भोसड़ी के बहुत बड़े मादर चोद हो । औरत की बुर भी लेते हो और पैसे भी लेते हो। वह बोला जब ये लोग आसानी से पैसे भी देतीं हैं और बुर भी देतीं हैं तो मैं क्यों न लूं ? फिर उसने उस औरत को मेरे आमने ही चोदा। तो ऐसी है आजकल की दुनिया अम्मी जान ?
पर क्या तूने उसका लण्ड नहीं पकड़ा ? तेरा मन उससे चुदवाने का नहीं हुआ ?
हुआ तो था चुदवाने का मन ? पर चुदवाया नहीं। उसका लण्ड देख कर मेरी तो गांड ही फट गयी थी अम्मी जान ? अगर भोसड़ा चोदने वाला लण्ड मेरी चूत चोद लेता तो मेरी चूत फट जाती अम्मी जान ?
तो फिर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा लेती बुर चोदी साजिया।
हां अपनी माँ जरूर चुदवा लूंगी अम्मी जान ?
दो दिन बाद मैं फिर मौलाना के घर चली गयी। रात का समय था। वह उस दिन भी किसी का हलाला कर रहा था। वह बोला साजिया तुम बैठ कर देखो मैं इसका हलाला कर लूं फिर तुमसे बात करता हूँ। वह मेरे सामने उस तलाक शुदा औरत की बुर चोदने लगा। मेरी नज़र मौलाना के लण्ड पर जमी थी। लण्ड वास्तव में बड़ा जोरदार था। मेरी चूत की आग धधक रही थी। लेकिन मैंने सोंच लिया की मैं पहले ये लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी फिर अपनी चूत में. इतने में मैंने देखा की लण्ड चूत से फिश फिशल कर बाहर आ जाता है तो मैं उठी और लण्ड अंदर घुसेड़ने लगी। मैंने जब लौड़ा पकड़ा तो मेरा बदन गन गना उठा। लण्ड साला बड़ा कड़क था एकदम लोहे की तरह। मैंने सोंचा की मेरी अम्मी को बड़ा मज़ा आ जायेगा। अब तो मैं अम्मी का भोसड़ा जरूर चोदूँगी।
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