Home
» Sex Stories in Hindi हिंदी सेक्स कहानियां porn erotica story चुदाई की मशहूर दास्ताँ
» मेरे धोखे में मेरी ननद की चुदाई हो गई - Mere dhokhe mein meri nand chud gayi
मेरे धोखे में मेरी ननद की चुदाई हो गई - Mere dhokhe mein meri nand chud gayi
मेरे धोखे में मेरी ननद की चुदाई हो गई - Mere dhokhe mein meri nand chud gayi , मुझे और मेरी ननद दोनों को संतुष्ट किया , Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग , मेरी प्यारी ननद की चूत खुली , मेरी ननद की चूत बजायी.
मेरे पति आशीष ने फोन किया और कहा - रूपा तुम्हे मेरा दोस्त राकेश अभी अभी चोद कर आया है। तुम्हें मेरे दोस्त का लण्ड कैसा लगा ?
मैंने कहा - कौन राकेश ? कैसा लण्ड ? यहाँ न कोई राकेश आया और न कोई लण्ड ? तुम किसकी बात कर रहे हो।
वह बोला - नहीं यार मजाक न करो। मेरा दोस्त अभी अभी तुम्हें चोद कर वापस आया है। वह कमरे में घुसते ही बोला यार आशीष तुम अभी मेरी बीवी चोद ही रहे हो। मैं तो तेरी बीवी चोद कर आ गया ? क्या मस्त चुदवाती है तेरी बीवी ! यार मुझे तो बड़ा मज़ा आया। मैं जल्दी ही फिर जाऊंगा तेरी बीवी चोदने।
मैंने कहा - मजाक तुम कर रहे हो, मेरे पति देव ? पता नहीं कौन आया और किसे चोद कर चला गया ? किसी और के घर में तो नहीं घुस गया तेरा बहन चोद दोस्त ? किसी और की बीवी तो नहीं चोद कर गया वो भोसड़ी वाला तेरा दोस्त ? पता करो उससे असली बात क्या है ?
उसने कहा - हां पूंछा ही लेता हूँ। होल्ड करो। वह फिर बोला ऐसा नहीं हुआ वह तो घर का पता सही बता रहा है । कह रहा है की तेरी बीवी की चूत बहुत टाइट है यार ? और जब वह घर में घुसा तो तुम घर पर ही थीं। तुमने खुद उसके लण्ड की तारीफ की है रूपा ?
मैं कहा - नहीं यार मैं तो अभी अभी शॉपिंग से आ रही हूँ। मैंने जब उसका लण्ड देखा ही नहीं तो क्या ख़ाक तारीफ करूंगी ? और जहाँ तक चूत टाइट होने का सवाल है वह तो जवानी में सबकी चूत बुर चोदी टाइट ही होती है यार।
मैं समझ तो गयी की मेरा पति आशीष अपने दोस्त राकेश की बीवी चोद रहा है और राकेश भी वहीँ बैठे बैठे अपनी बीवी मेरे पति से चुदवा रहा है। फोन बंद नहीं हुआ। मैंने सुना राकेश कह रहा था की तुम पहले मेरी बीवी अच्छी तरह चोद लो, हर तरफ से चोद लो, खूब मज़ा ले ले के चोद लो फिर अपनी बीवी से सवाल जबाब करो ? मैं समझ गयी की राकेश अपनी बीवी मेरे पति से अच्छी तरह चुदवा रहा है। यह जान कर मेरी चूत की आग भड़क गयी और मुझे बुरी तरह लण्ड की तलब सताने लगी। मैं लण्ड के लिए तड़पने लगी। मेरे मन में बार बार यही चल रहा था की मेरा पति किसी की बीवी चोद रहा है और मैं यहाँ बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ रही हूँ। मुझे भगवान् करे की अभी कोई लण्ड मिल जाये तो मज़ा आ जाये ?
एक घंटे के बाद अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैं उठी और दरवाजा खोलने चली गई। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो मेरे सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। मैंने उससे कुछ पूंछा नहीं और जल्दी से उसे अंदर कमरे में बैठा लिया। मैं समझी की यही मेरे पति का दोस्त है जो अपनी बीवी चुदवा रहा था। अब यह मुझे चोदने आया है। और फिर थोड़ा इधर की बातें करने के बाद मैंने उसका हाथ अपनी चूँचियों पर रख लिया। मैंने कहा यार अब तुम मेरी चूँची दबाओ मुझे चिपका लो मेरे राजा। मुझे चोद डालो मेरे यार। मैं बहुत चुदासी हूँ। पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर में। मैं बिना लण्ड के तड़प रही हूँ। मेरी चूत आग का गोला बन चुकी है। मुझे चोदो प्लीज ? फाड़ डालो मेरी चूत। मेरी बाते सुनकर उसमे भी गज़ब का जोश आ गया और उसका लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया।
मैं उसके कपड़े उतारने लगी और जैसे ही वह नंगा हुआ वैसे ही मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड साला बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते 9" का हो गया और तब मेरे मुंह से निकला हाय दईया ये तो घोड़े का लण्ड है यार ? देखो तो कितना लंबा है कितना मोटा है बहन चोद ? मुझे तो ऐसा ही लण्ड पसंद है। आज चूत क्या चूत की माँ भी चुद जाएगी। मैं सच में बहुत ख़ुशी थी। उसने मुझे भी नंगा कर दिया। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्त चिकनी चूत देख कर उसका लण्ड और सख्त हो गया। वह मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी गांड बड़े प्यार से सहलाने लगा। मैंने उसका लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी। बार बार मुंह से निकाल कर सुपाड़ा चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। मुझे उसका मेरी बुर चाटना बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने कहा हां मेरे राजा बस इसी तरह चाटते रहो मेरी बुर। मैं लण्ड चाटने की बहुत बड़ी खिलाड़ी हूँ। मैं कॉलेज के सभी लड़कों के लण्ड चाटा करती थी। मुझे सड़का मार कर लण्ड पीने का बहुत शौक है और मेरी खूबसूरती का यही राज़ है। मैं लण्ड का वीर्य पीती हूँ और अपने चेहरे पर भी लगाती हूँ जिससे मेरा निखार बढ़ता जाता है। मैं कॉलेज के दिनों में २/३ लण्ड हर रोज़ पीती थी। आज मुझे उसी तरह का लण्ड मिला है और मैं इसे पीने मे कोई कसर बाकी नहीं रखूंगी।
वह नीचे लेटा था और मैं उसके ऊपर चढ़ी हुई थी। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी थी और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया था। हम दोनों 69 बने हुए थे। न उसकी झांटें थीं और न मेरी। इसलिए हम दोनों को खूब मज़ा आ रहा था। मैं लण्ड का बीच बीच में मुठ्ठ भी मारने लगती थी। लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच डाल कर मथानी की तरह मथने लगती थी। मुझे लण्ड से खेलना और लण्ड से बातें करना बहुत अच्छा लगता था। मैं बार बार लण्ड से अपने गाल पर थप्पड भी मार रही थी और गाली भी दे रही थी की तेरी माँ की चूत लण्ड राजा, तेरी बहन का भोसड़ा, तू मादर चोद इतना ज्यादा हैंडसम क्यों है रे ? तेरे पेल्हड़ भी बहुत लाजबाब हैं यार ? तू तो मेरी जान ले लेगा यार। अब तू मेरी बुर भी ले ले मेरी जान ?
इतने में वह बोला - रूपा भाभी मैं निकलने वाला हूँ। मैं झाड़ जाऊंगा भाभी जी। प्लीज मुझे एक बार तो चोद लेने दो।
मैंने कहा - यार एक बार नहीं कई बार चोद लेना मुझे पर मैं पहली बार सड़का मार कर तेरा लण्ड पियूँगी। ऐसा कह कर मैंने अपना मुंह खोल दिया और सटासट लण्ड का सड़का मारने लगी। / बस थोड़ी ही देर में उसका लण्ड पिचकारी छोड़ने लगा जो सीधे मेरे मुंह के अंदर गिरी। मैं उसका सारा वीर्य पी गयी और झाड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी। मुझे ऐसे में उसका सुपाड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं मन ही मन कह रही थी की लौड़ा भी बढ़िया यही और लौड़े का स्वाद भी।
इससे पहले की लण्ड फिर से खड़ा हो जाए मैं आपको एक बात बताना चाहती हूँ। मेरा पति और राकेश दोनों बड़े पक्के दोस्त हैं। दोनों एक ही साथ पढ़े लिखे हैं और एक ही साथ एक ही ऑफिस में काम करतें हैं। इन दोनों ने एक दिन शराब पीते हुए एक वादा कर लिया। राकेश ने कहा यार आशीष हम लोग क्यों न wife swapping किया करें ? मेरे पति मान गया और कहा हां हम तैयार हैं। लेकिन हम दोनों अपनी अपनी बीवियों से भी पूंछ तो लें ? वह बोला नहीं यार ऐसा करो तुम मेरे घर जाओ और मेरी बीवी चोदो। मैं तेरे घर जाता हूँ और तेरी बीवी चोद कर आता हूँ। अब तुम अपनी बीवी से कहो की मेरा दोस्त तुम्हे चोदने आ रहा है तो तुम उससे बड़े प्यार से चुदवा लेना। यही बात मैं अपनी बीवी से कहता हूँ। अगर किसी की बीवी मना करे तो फिर बताना। उन दोनों ने अपनी अपनी बीवी को फोन करके बताया पर मजे की बात यह थी की दोनों की बीवियों ने हां कर दी। ये दोनों कभी न मिलीं और ने ही एक दूसरे को जानती थीं । इसी तरह न मैं राकेश को जानती थी और ने उसकी बीवी मेरे पति को जानती थी। लेकिन दोनों ने एक दूसरे की बीवी चोदने का प्लान बना लिया। बीवियां भी चुपचाप अपने हसबैंड के दोस्त से चुदवाने के लिए तैयार हो गईं।
इस कहतें हैं "blind wife swapping". इस खेल में मज़ा बहुत आता है बशर्ते की बीवियां भी उतने ही प्यार से खेंलें।
थोड़ी देर में उसका लौड़ा फिर से खड़ा हो गया और मैं नंगीं नंगी उससे लिपट गयी। इस बार उसने लण्ड सीधे मेरी चूत में घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। उसका लौड़ा पूरा का पूरा बार बार मेरी चूत में अंदर घुस जाता था और फिर बाहर निकल आता था। मैं समझ गयी की इसे चोदने का अनुभव है। ये साला कई लोगों की बुर चोद चुका है। मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं सिसियाने भी लगी थी और मस्ती से कुछ न कुछ बकने भी लगी थी। चोदो मुझे, बार बार चोदो, हर रोज़ चोदो, पूरा लण्ड पेल कर चोदो, दिन रात चोदो। मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। चीर डालो मेरी बुर। तेरा लौड़ा बड़ा हलब्बी है यार। मैं ऐसे ही लौंडों से चुदवाना पसंद करती हूँ। चोदो हां हां और चोदो ,,, हां हाय चोदे जाओ,,,
उसने मुझे हर तरफ से चोदा। आगे से पीछे से लण्ड पे बैठा के और मेरे ऊपर चढ़ कर चोदा। आखिर के जब वह झड़ने लगा तो मैंने एक बार फिर उसका झाड़ता हुआ लण्ड पिया। मैं लण्ड पी ही रही थी की अचानक कमरे मेमरी नन्द रोली आ गयी।
आते ही वह बोली - हाय रूपा भाभी, तुम मेरे हसबैंड के दोस्त ब्रजेश से चुदवा रही हो। ये तो मुझे चोदने आया था और चुद रही हो तुम भाभी ?
मैं भी हैरान हो गई और बोली - हाय दईया मैं तो समझी की यह मेरे हसबैंड का दोस्त है. मैं जोश में थी चुदासी थी। नाम वगैरह पूंछना ही भूल गयी। पर एक बात तू बता मुझे रोली की बच्ची। अभी कुछ देर पहले मेरे पति का दोस्त राकेश आया था वह किसको चोद कर गया ?
नन्द बोली - हाय दईया वो तो मुझे चोद कर गया भाभी जी। मैं समझी की ये मेरे पति का दोस्त है।
ब्रजेश भी ने कहा - अरे रोली भाभी मैं समझा की ये रोली भाभी हैं तो मैं इसे पूरे ताव से चोदने लगा।
फिर हम तीनो खूब जोर से ठहाका लगा लगा के हॅसने लगे।
रोली ने कहा - वाह भाभी जी वाह ? तूने मेरे पति के दोस्त से चुदवा लिया और मैंने तेरे पति के दोस्त से चुदवा लिया ? चलो हिसाब बराबर हो गया। ब्रजेश का लण्ड ठंढा पद गया तो वह कपड़े पहन कर वापस चला गया। उधर मेरा भी हसबैंड रात की फ्लाइट से बाहर चला गया। वह जैसे तैसे कटी मगर दूसरे ही दिन,
रोली ने कहा - भाभी यार बिना लण्ड के रात नहीं कटती ? मेरा भी मरद दो दिन बाद जाने वाला है। तब मैं क्या करूंगी ?
मैंने कहा - अच्छा तो अब मैं बताऊंगी तुझे की तू क्या करेगी ? अरे तू तो भोसड़ी वाली पराये मर्दों से खूब चुदवाती है न ? तो फिर क्या उसके जाने के बाद भी तू कई मर्दों से चुदवाती रहना। तू तो यार बिलकुल रंडी बन चुकी है। तेरी माँ की चूत, बहन चोद .
वह बोली - हाय रूपा भाभी जी, रंडी तो तुम भी हो। तुम भी तो मेरे भाई साहेब के दोस्तों से चुदवाती हो। अब तो तूने मेरे मियां से दोस्त से भी चुदवा लिया। अब क्या चाहे जिसका लण्ड पेलो अपनी चूत में तुझे कौन कर सकती है भोसड़ी वाली ? तेरी माँ की चूत भाभी तेरी बहन की बुर ?
मुझे नन्द की बातें बड़ा मज़ा दे रहीं थीं।
तब मैंने कहा - देखो यार मैंने अभी तक तेरे मरद से नहीं चुदवाया पर अब चुदवाउंगी और मैंने राकेश से भी नहीं चुदवाया जिससे तू चुदवा चुकी है। अब मैं उससे चुदवाऊंगी।
वह बोली - हां भाभी ठीक है तुम मेरे पति से चुदवा लो, राकेश से चुदवा लो मैं इधर ब्रजेश से चुदवा लेती हूँ। एक बात और है भाभी साहिबा की मैंने आजतक तुझे चुदवाते हुए नहीं देखा। तूने मुझे भी कभी चुदवाते नहीं देखा तो फिर क्यों न हम आज एक दूसरे से सामने गैर मर्दों से मस्ती से चुदवायें ?
मैंने हां कर दी तो उसी रात को चुदाई का प्लान बन गया। मैंने अपने नंदोई सूरज को बुला लिया और राकेश को भी। उधर रोली ने ब्रजेश को बुला लिया। फिर क्या हम सब लोग बैठ कर दारू का मज़ा लेने लगे। दारू पीते पीते मैंने अपने कपड़े उतार फेंका और मैं सबके आगे नंगी हो गयी। फिर मैंने सूरज को नंगा किया और उसका लण्ड हिलाने लगी। फिर मैंने राकेश को नंगा किया और उसका भी लण्ड हिलाने लगी। दोनों लण्ड एकदम से खड़े हो गये। मैंने कहा - नन्द रानी तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है यार। और राकेश का लण्ड भी बड़ा सॉलिड है। तू तो राकेश से धुप्पल में चुदवा लिया था आज मैं सच में उससे चुदवा कर मज़ा लूटूँगी। उधर रोली भी नंगी होकर ब्रजेश को नंगा कर दिया। मैंने देखा की रोली की चूँचियाँ भी मेरी चूँचियों से कम न थी। उसकी गांड भी बड़ी मस्त थी और जांघें भी। मेरे चूतड़ बड़े सेक्सी थे।
मैं सूरज का लण्ड चाटने लगी और राकेश का लण्ड सहलाने लगी। रोली ब्रजेश का लौड़ा हिला हिला कर मस्ती करने लगी और अपने नंगे बदन पर फिराने लगी। हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर लण्ड का पूरा पूरा इस्ते माल करने लगी। आज मैं पहली बार दो दो लण्ड से चुदवाने जा रही थी और मैंने मन बना लिया की मैं एक पोर्न स्टार की तरह ही इन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। मैंने राकेश का लण्ड अपनी चूत में पेला और सूरज का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं राकेश चुदवाने का मज़ा लेने लगी। मुझे दोनों लण्ड बहुत ही पसंद आये। राकेश मेरी चूत मे लण्ड पेले हुए था और सूरज मेरे सर के पास खड़े होकर लण्ड मेरे मुंह में पेले हुए था। मैंने कहा राकेश तेरी बीवी भी औरों से चुदवाती है न ? वह बोला हां भाभी जी पहले तो वह चुदवाने के लिए तैयार नहीं थी। बार बार मना कर देती थी पर एक दिन जब उसने तेरे हसबैंड से चुदवा लिया तो अब उसे पराये मर्दों के लण्ड ही पसंद आने लगे हैं। अब तो वह मुझसे चुदवाती ही नहीं है। कहती है की मुझे तो पराये मर्दों से ही चुदवाना है तुमसे नहीं। मैंने भी कहा ठीक है तो फिर मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदने लगा। वह अपने में मस्त हो गयी तो मैं अपने में मस्त हो गया।
मैंने सूरज से पूंछा - यार सूरज तुझे अपनी बीवी चुदवाने में कोई शर्म तो नहीं आती ? गुस्सा तो नहीं आता ?
वह बोला - नहीं भाभी पहले कुछ जरूर अजीब लगता था पर जब मेरी बीवी पराये मर्दों से चुदवाना नहीं छोड़ा तो फिर मैं भी परायी बीवियां चोदने लगा और अब तो मुझे अपनी बीवी चुदवाने में भी मज़ा आने लगा । देखो न ब्रजेश कितनी मस्ती से मेरी बीवी चोद रहा है और मैं एन्जॉय कर रहा हूँ। मैं भी जब इतनी ही मस्ती से इसकी बीवी चोदता हूँ तो ये भी एन्जॉय करता है। तब तक सूरज ने लण्ड मेरी चूत मे पेल दिया और मैं राकेश का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। उधर ब्रजेश मेरी नन्द की बुर चोदे चला जा रहा था।
दूसरे दिन शाम को राकेश की बीवी मिसेज आरती आ गई. मैंने उसका वेलकम किया और उसे अपने पास बैठा
कर बातें करने लगी। वह थोड़ी देर बाद बोली यार अब मैं बिना ड्रिंक्स लिए बात नहीं करूंगी। बस फिर क्या मैंने ड्रिंक्स बनाई और फिर शराब पीते पीते बातें होने लगीं।
एक घंटे के बाद अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैं उठी और दरवाजा खोलने चली गई। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो मेरे सामने एक मस्त जवान लड़का खड़ा था। मैंने उससे कुछ पूंछा नहीं और जल्दी से उसे अंदर कमरे में बैठा लिया। मैं समझी की यही मेरे पति का दोस्त है जो अपनी बीवी चुदवा रहा था। अब यह मुझे चोदने आया है। और फिर थोड़ा इधर की बातें करने के बाद मैंने उसका हाथ अपनी चूँचियों पर रख लिया। मैंने कहा यार अब तुम मेरी चूँची दबाओ मुझे चिपका लो मेरे राजा। मुझे चोद डालो मेरे यार। मैं बहुत चुदासी हूँ। पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर में। मैं बिना लण्ड के तड़प रही हूँ। मेरी चूत आग का गोला बन चुकी है। मुझे चोदो प्लीज ? फाड़ डालो मेरी चूत। मेरी बाते सुनकर उसमे भी गज़ब का जोश आ गया और उसका लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया।
मैं उसके कपड़े उतारने लगी और जैसे ही वह नंगा हुआ वैसे ही मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड साला बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते 9" का हो गया और तब मेरे मुंह से निकला हाय दईया ये तो घोड़े का लण्ड है यार ? देखो तो कितना लंबा है कितना मोटा है बहन चोद ? मुझे तो ऐसा ही लण्ड पसंद है। आज चूत क्या चूत की माँ भी चुद जाएगी। मैं सच में बहुत ख़ुशी थी। उसने मुझे भी नंगा कर दिया। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्त चिकनी चूत देख कर उसका लण्ड और सख्त हो गया। वह मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरी गांड बड़े प्यार से सहलाने लगा। मैंने उसका लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी। बार बार मुंह से निकाल कर सुपाड़ा चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। मुझे उसका मेरी बुर चाटना बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने कहा हां मेरे राजा बस इसी तरह चाटते रहो मेरी बुर। मैं लण्ड चाटने की बहुत बड़ी खिलाड़ी हूँ। मैं कॉलेज के सभी लड़कों के लण्ड चाटा करती थी। मुझे सड़का मार कर लण्ड पीने का बहुत शौक है और मेरी खूबसूरती का यही राज़ है। मैं लण्ड का वीर्य पीती हूँ और अपने चेहरे पर भी लगाती हूँ जिससे मेरा निखार बढ़ता जाता है। मैं कॉलेज के दिनों में २/३ लण्ड हर रोज़ पीती थी। आज मुझे उसी तरह का लण्ड मिला है और मैं इसे पीने मे कोई कसर बाकी नहीं रखूंगी।
वह नीचे लेटा था और मैं उसके ऊपर चढ़ी हुई थी। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी थी और उसका लण्ड अपने मुंह में भर लिया था। हम दोनों 69 बने हुए थे। न उसकी झांटें थीं और न मेरी। इसलिए हम दोनों को खूब मज़ा आ रहा था। मैं लण्ड का बीच बीच में मुठ्ठ भी मारने लगती थी। लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच डाल कर मथानी की तरह मथने लगती थी। मुझे लण्ड से खेलना और लण्ड से बातें करना बहुत अच्छा लगता था। मैं बार बार लण्ड से अपने गाल पर थप्पड भी मार रही थी और गाली भी दे रही थी की तेरी माँ की चूत लण्ड राजा, तेरी बहन का भोसड़ा, तू मादर चोद इतना ज्यादा हैंडसम क्यों है रे ? तेरे पेल्हड़ भी बहुत लाजबाब हैं यार ? तू तो मेरी जान ले लेगा यार। अब तू मेरी बुर भी ले ले मेरी जान ?
इतने में वह बोला - रूपा भाभी मैं निकलने वाला हूँ। मैं झाड़ जाऊंगा भाभी जी। प्लीज मुझे एक बार तो चोद लेने दो।
मैंने कहा - यार एक बार नहीं कई बार चोद लेना मुझे पर मैं पहली बार सड़का मार कर तेरा लण्ड पियूँगी। ऐसा कह कर मैंने अपना मुंह खोल दिया और सटासट लण्ड का सड़का मारने लगी। / बस थोड़ी ही देर में उसका लण्ड पिचकारी छोड़ने लगा जो सीधे मेरे मुंह के अंदर गिरी। मैं उसका सारा वीर्य पी गयी और झाड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगी। मुझे ऐसे में उसका सुपाड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं मन ही मन कह रही थी की लौड़ा भी बढ़िया यही और लौड़े का स्वाद भी।
इससे पहले की लण्ड फिर से खड़ा हो जाए मैं आपको एक बात बताना चाहती हूँ। मेरा पति और राकेश दोनों बड़े पक्के दोस्त हैं। दोनों एक ही साथ पढ़े लिखे हैं और एक ही साथ एक ही ऑफिस में काम करतें हैं। इन दोनों ने एक दिन शराब पीते हुए एक वादा कर लिया। राकेश ने कहा यार आशीष हम लोग क्यों न wife swapping किया करें ? मेरे पति मान गया और कहा हां हम तैयार हैं। लेकिन हम दोनों अपनी अपनी बीवियों से भी पूंछ तो लें ? वह बोला नहीं यार ऐसा करो तुम मेरे घर जाओ और मेरी बीवी चोदो। मैं तेरे घर जाता हूँ और तेरी बीवी चोद कर आता हूँ। अब तुम अपनी बीवी से कहो की मेरा दोस्त तुम्हे चोदने आ रहा है तो तुम उससे बड़े प्यार से चुदवा लेना। यही बात मैं अपनी बीवी से कहता हूँ। अगर किसी की बीवी मना करे तो फिर बताना। उन दोनों ने अपनी अपनी बीवी को फोन करके बताया पर मजे की बात यह थी की दोनों की बीवियों ने हां कर दी। ये दोनों कभी न मिलीं और ने ही एक दूसरे को जानती थीं । इसी तरह न मैं राकेश को जानती थी और ने उसकी बीवी मेरे पति को जानती थी। लेकिन दोनों ने एक दूसरे की बीवी चोदने का प्लान बना लिया। बीवियां भी चुपचाप अपने हसबैंड के दोस्त से चुदवाने के लिए तैयार हो गईं।
इस कहतें हैं "blind wife swapping". इस खेल में मज़ा बहुत आता है बशर्ते की बीवियां भी उतने ही प्यार से खेंलें।
थोड़ी देर में उसका लौड़ा फिर से खड़ा हो गया और मैं नंगीं नंगी उससे लिपट गयी। इस बार उसने लण्ड सीधे मेरी चूत में घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी और अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। उसका लौड़ा पूरा का पूरा बार बार मेरी चूत में अंदर घुस जाता था और फिर बाहर निकल आता था। मैं समझ गयी की इसे चोदने का अनुभव है। ये साला कई लोगों की बुर चोद चुका है। मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं सिसियाने भी लगी थी और मस्ती से कुछ न कुछ बकने भी लगी थी। चोदो मुझे, बार बार चोदो, हर रोज़ चोदो, पूरा लण्ड पेल कर चोदो, दिन रात चोदो। मुझे अपनी बीवी समझ कर चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। चीर डालो मेरी बुर। तेरा लौड़ा बड़ा हलब्बी है यार। मैं ऐसे ही लौंडों से चुदवाना पसंद करती हूँ। चोदो हां हां और चोदो ,,, हां हाय चोदे जाओ,,,
उसने मुझे हर तरफ से चोदा। आगे से पीछे से लण्ड पे बैठा के और मेरे ऊपर चढ़ कर चोदा। आखिर के जब वह झड़ने लगा तो मैंने एक बार फिर उसका झाड़ता हुआ लण्ड पिया। मैं लण्ड पी ही रही थी की अचानक कमरे मेमरी नन्द रोली आ गयी।
आते ही वह बोली - हाय रूपा भाभी, तुम मेरे हसबैंड के दोस्त ब्रजेश से चुदवा रही हो। ये तो मुझे चोदने आया था और चुद रही हो तुम भाभी ?
मैं भी हैरान हो गई और बोली - हाय दईया मैं तो समझी की यह मेरे हसबैंड का दोस्त है. मैं जोश में थी चुदासी थी। नाम वगैरह पूंछना ही भूल गयी। पर एक बात तू बता मुझे रोली की बच्ची। अभी कुछ देर पहले मेरे पति का दोस्त राकेश आया था वह किसको चोद कर गया ?
नन्द बोली - हाय दईया वो तो मुझे चोद कर गया भाभी जी। मैं समझी की ये मेरे पति का दोस्त है।
ब्रजेश भी ने कहा - अरे रोली भाभी मैं समझा की ये रोली भाभी हैं तो मैं इसे पूरे ताव से चोदने लगा।
फिर हम तीनो खूब जोर से ठहाका लगा लगा के हॅसने लगे।
रोली ने कहा - वाह भाभी जी वाह ? तूने मेरे पति के दोस्त से चुदवा लिया और मैंने तेरे पति के दोस्त से चुदवा लिया ? चलो हिसाब बराबर हो गया। ब्रजेश का लण्ड ठंढा पद गया तो वह कपड़े पहन कर वापस चला गया। उधर मेरा भी हसबैंड रात की फ्लाइट से बाहर चला गया। वह जैसे तैसे कटी मगर दूसरे ही दिन,
रोली ने कहा - भाभी यार बिना लण्ड के रात नहीं कटती ? मेरा भी मरद दो दिन बाद जाने वाला है। तब मैं क्या करूंगी ?
मैंने कहा - अच्छा तो अब मैं बताऊंगी तुझे की तू क्या करेगी ? अरे तू तो भोसड़ी वाली पराये मर्दों से खूब चुदवाती है न ? तो फिर क्या उसके जाने के बाद भी तू कई मर्दों से चुदवाती रहना। तू तो यार बिलकुल रंडी बन चुकी है। तेरी माँ की चूत, बहन चोद .
वह बोली - हाय रूपा भाभी जी, रंडी तो तुम भी हो। तुम भी तो मेरे भाई साहेब के दोस्तों से चुदवाती हो। अब तो तूने मेरे मियां से दोस्त से भी चुदवा लिया। अब क्या चाहे जिसका लण्ड पेलो अपनी चूत में तुझे कौन कर सकती है भोसड़ी वाली ? तेरी माँ की चूत भाभी तेरी बहन की बुर ?
मुझे नन्द की बातें बड़ा मज़ा दे रहीं थीं।
तब मैंने कहा - देखो यार मैंने अभी तक तेरे मरद से नहीं चुदवाया पर अब चुदवाउंगी और मैंने राकेश से भी नहीं चुदवाया जिससे तू चुदवा चुकी है। अब मैं उससे चुदवाऊंगी।
वह बोली - हां भाभी ठीक है तुम मेरे पति से चुदवा लो, राकेश से चुदवा लो मैं इधर ब्रजेश से चुदवा लेती हूँ। एक बात और है भाभी साहिबा की मैंने आजतक तुझे चुदवाते हुए नहीं देखा। तूने मुझे भी कभी चुदवाते नहीं देखा तो फिर क्यों न हम आज एक दूसरे से सामने गैर मर्दों से मस्ती से चुदवायें ?
मैंने हां कर दी तो उसी रात को चुदाई का प्लान बन गया। मैंने अपने नंदोई सूरज को बुला लिया और राकेश को भी। उधर रोली ने ब्रजेश को बुला लिया। फिर क्या हम सब लोग बैठ कर दारू का मज़ा लेने लगे। दारू पीते पीते मैंने अपने कपड़े उतार फेंका और मैं सबके आगे नंगी हो गयी। फिर मैंने सूरज को नंगा किया और उसका लण्ड हिलाने लगी। फिर मैंने राकेश को नंगा किया और उसका भी लण्ड हिलाने लगी। दोनों लण्ड एकदम से खड़े हो गये। मैंने कहा - नन्द रानी तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है यार। और राकेश का लण्ड भी बड़ा सॉलिड है। तू तो राकेश से धुप्पल में चुदवा लिया था आज मैं सच में उससे चुदवा कर मज़ा लूटूँगी। उधर रोली भी नंगी होकर ब्रजेश को नंगा कर दिया। मैंने देखा की रोली की चूँचियाँ भी मेरी चूँचियों से कम न थी। उसकी गांड भी बड़ी मस्त थी और जांघें भी। मेरे चूतड़ बड़े सेक्सी थे।
मैं सूरज का लण्ड चाटने लगी और राकेश का लण्ड सहलाने लगी। रोली ब्रजेश का लौड़ा हिला हिला कर मस्ती करने लगी और अपने नंगे बदन पर फिराने लगी। हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर लण्ड का पूरा पूरा इस्ते माल करने लगी। आज मैं पहली बार दो दो लण्ड से चुदवाने जा रही थी और मैंने मन बना लिया की मैं एक पोर्न स्टार की तरह ही इन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। मैंने राकेश का लण्ड अपनी चूत में पेला और सूरज का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं राकेश चुदवाने का मज़ा लेने लगी। मुझे दोनों लण्ड बहुत ही पसंद आये। राकेश मेरी चूत मे लण्ड पेले हुए था और सूरज मेरे सर के पास खड़े होकर लण्ड मेरे मुंह में पेले हुए था। मैंने कहा राकेश तेरी बीवी भी औरों से चुदवाती है न ? वह बोला हां भाभी जी पहले तो वह चुदवाने के लिए तैयार नहीं थी। बार बार मना कर देती थी पर एक दिन जब उसने तेरे हसबैंड से चुदवा लिया तो अब उसे पराये मर्दों के लण्ड ही पसंद आने लगे हैं। अब तो वह मुझसे चुदवाती ही नहीं है। कहती है की मुझे तो पराये मर्दों से ही चुदवाना है तुमसे नहीं। मैंने भी कहा ठीक है तो फिर मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदने लगा। वह अपने में मस्त हो गयी तो मैं अपने में मस्त हो गया।
मैंने सूरज से पूंछा - यार सूरज तुझे अपनी बीवी चुदवाने में कोई शर्म तो नहीं आती ? गुस्सा तो नहीं आता ?
वह बोला - नहीं भाभी पहले कुछ जरूर अजीब लगता था पर जब मेरी बीवी पराये मर्दों से चुदवाना नहीं छोड़ा तो फिर मैं भी परायी बीवियां चोदने लगा और अब तो मुझे अपनी बीवी चुदवाने में भी मज़ा आने लगा । देखो न ब्रजेश कितनी मस्ती से मेरी बीवी चोद रहा है और मैं एन्जॉय कर रहा हूँ। मैं भी जब इतनी ही मस्ती से इसकी बीवी चोदता हूँ तो ये भी एन्जॉय करता है। तब तक सूरज ने लण्ड मेरी चूत मे पेल दिया और मैं राकेश का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। उधर ब्रजेश मेरी नन्द की बुर चोदे चला जा रहा था।
दूसरे दिन शाम को राकेश की बीवी मिसेज आरती आ गई. मैंने उसका वेलकम किया और उसे अपने पास बैठा
- वह बोली यार तेरे हसबैंड का लण्ड तो गज़ब का है रूपा ? क्या लौड़ा है उसका ? बड़ा मोटा और लंबा है यार। मेरी तो पहली बार बुर ही फट गई थी।
- मैंने कहा अरे यार तेरे मरद का भी लौड़ा बड़ा शानदार है। एकदम घोड़े के लण्ड जैसा है उसका लण्ड। जब वह चूत में घुसता है तो लगता ही की कोई तोप अंदर घुस रही है। मुझे तो बड़ा मज़ा आया उससे चुदवाने में।
- अरे यार इन मर्दों को दूसरों की बीवियां बड़ी अच्छी लगतीं हैं। परायी बीवी की बुर चोदने में इन्हें बड़ा मज़ा आता है।
- हां लेकिन हम बीवियों को भी पराये मरद का लौड़ा बड़ा अच्छा लगता है।
- मैंने जिस दिन तेरे पति से चुदवाया था तब से आज तक मैं पराये मर्दों से चुदवा रही हूँ और आगे भी चुदवाती रहूंगी।
- मेरे पति के अलावा तुमने किस किस से चुदवाया ?
- चुदवाया तो मैंने कई लोगों से पर मुझे सबसे ज्यादा मज़ा अपने मौसा से चुदवाने में आया।
- वह कैसे ?
- बात यह है की मेरी मौसी मुझसे दो साल ही बड़ी हैं। हम दोनों सहेली की तरह रहती थीं। हम उम्र होने के कारण हम लोग लेस्बियन भी करने लगी थी। एक दूसरे के सामने नंगी होने लगी और एक दूसरे की बुर चाटने लगी थी। धीरे धीरे लण्ड भी साथ साथ पकड़ने लगी थी और फिर चुदवाने भी लगी साथ साथ। किसी को कानो कान खबर नहीं हुई की हम लोग क्या कर रहीं हैं ? जब मौसी की शादी हुई तो मैंने कहा मौसी जी मैं तेरे पति से चुदवाऊंगी। पहलेतो उसने आना कानि की और कहा ऐसे कैसे हो सकता है ? मैंने जब जोर दिया तो वह बोली अरी भोसड़ी वाली आरती मैं खुद अपने पति का लण्ड तेरी चूत मे घुसेड़ दूँगी। तू चिंता न कर पर एक शरत है मकई जब तेरी शादी होगी तो मैं भी तेरे पति का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी। मैंने कहा हां मंजूर है पेल लेना। तेरी बहन की बिटिया की बुर, मौसी जी। वह बोली तेरी माँ की बहन का भोसड़ा, आरती। हम दोनों फिर गालियों से ही बातें करने लगीं। उसी रात को मौसी ने मौसा का लण्ड मुझे पकड़ा ढोया और मेरी चूंकियाँ उसे पकड़ा दीं। उस रात मैंने मौसी के सामने मौसा से खूब झमाझम चुदवाया। आज मौसी का फोन आया। वह बोल रही थी की मैं तेरे घर आ रही हूँ तेरे पति के लण्ड पर बैठने। तेरे पति से चुदवाने। तेरे पति का लण्ड पीने। मैंने उसे यहाँ का पता दे दिया है रूपा। मैं चाहती हूँ की तुम भी मेरे मौसा से चुदवाओ।
- मैंने कहा थैंक यू मौसी जी।
०=०=०=०= समाप्त
Tags: मेरे धोखे में मेरी ननद की चुदाई हो गई - Mere dhokhe mein meri nand chud gayi , मुझे और मेरी ननद दोनों को संतुष्ट किया , Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग , मेरी प्यारी ननद की चूत खुली , मेरी ननद की चूत बजायी.
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- लड़की की गांड कैसे मारें - Ladki ki gand kaise choden