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बेटी रेहाना, मैं तो तेरी माँ चोदूँगी - Beti Rehana ab teri maa chodne ka waqt aa gayaa
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मेरे प्यारे दोस्तों, यह कहानी मैंने नहीं लिखी है। इस कहानी का शीर्षक है " बेटी रेहाना, मैं तेरी माँ चोदूँगी" यह कहानी मेरे एक चाहने वाली ने लिखी है। उसका कहना है की रेहाना तू बुर चोदी अपनी कहानियों में सबकी माँ बहन चोदा करती है। तेरी कहानियों में माँ, बहन, खाला, मौसी, सास, बहू, नन्द, जेठानी, देवरानी सबकी बुर चोदी जाती हैं। कौन किसको कब चोद कर चला जाता है इसका पता ही नहीं चलता ? अब्बू का लन्ड, ससुर का लन्ड, देवर का लन्ड, नंदोई का लन्ड, जीजू का लन्ड सब साले कहीं न कहीं किसी न किसी की बुर चोदा करतें हैं। तू भी किसी का लन्ड किसी और की चूत में घुसा देती है इसका भी कुछ अता पता नहीं रहता। इसलिए मैंने सोंचा की मैं क्यों न इस बार रेहाना की बुर चोदूँ। रेहाना की माँ का भोसड़ा चोदूं, रेहाना की नन्द, उसकी सास, उसकी जेठानी की भी बुर चोदूं ? ताकि रेहाना की असलियत का पता सबको चले ? इस कहानी में रेहाना के कुबने के लन्ड रेहाना के कुनबे की ही बुर चोदेंगें। मैं तो उसकी बुर चोदते हुए उसकी गांड भी मारूंगी।
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आप लोग इस कहानी को पढ़िए और इस मादर चोद रेहाना की असलियत जानिये :-
मेरे प्यारे प्यारे दोस्तों, मैं रेहाना हूँ। मैं एक बेहद खूबसूरत, बेहद बदचलन और बेहद बेशरम लड़की हूँ। यह तो आप जानते ही हैं की खूबसूरत लड़कियां अधिकतर बदचलन होती हैं क्योंकि उन्हें लन्ड पकड़ने का शौक बहुत जल्दी लग जाता है। मैं तो १५ साल में ही पूरी तरह जवान हो गयी थी। मेरा कद ५' ५" का हो गया था, मेरे चूतड़ उभर आये थे, मेरी गांड मस्त हो गयी थी। मेरी चूंचियां तो बड़ी बड़ी हो गयीं थीं और बड़ी सुडौल एवं हॉट थीं। मेरी कहर पतली पर कूल्हे जबरदस्त सेक्सी। मेरी झांटें उग आयीं थीं. मेरे जिस्म पर लड़कों की नज़रें पड़ने लगी और बड़े बड़े मर्दों की भी। मैं मोहल्ले में एक टीचर के घर पढ़ने जाया करती थी। उसका नाम था अज़हर। वह लगभग ४० साल का था। मेरी नज़र उसके पैजामे के अंदर हिलते हुए लन्ड पर पड़ती थी तो मेरे मन में हलचल होने लगती थी। बस मेरी नियत उसके लन्ड पर ख़राब होने लगी ।
एक दिन वह लुंगी पहने बैठा था तो मुझे उसका खड़ा लन्ड थोड़ा दिख गया। बस मैंने उसे छू कर कहा मुझे पूरा लौड़ा दिखाओ सर। मैं आज सिर्फ लौड़ा देखूँगी पढूंगी कुछ नहीं। मैंने बेशर्मी की और हाथ उसकी लुंगी में घुसेड़ दिया। वह कुछ नहीं बोला तो उसका लन्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं पहली बार एक खड़ा लन्ड पकड़ कर देख रही थीं। मैंने कहा सर तुम झांटें क्यों नहीं बनाते ? झांटें मेरी भी आ चुकी थीं। मैंने रेज़र उठाया और प्यार से लन्ड की झांटें बनायीं। फिर उस नहलाकर बिस्तर पर ले आयी। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और मैं लन्ड चाटने लगी। मैंने खुद अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया और एकदम नंगी हो गयी उसके आगे। उनके लन्ड में एकदम से उछाल आ गया। मैं समझ गयी की लन्ड साला नंगी लड़कियां देख कर और सख्त हो जाता है। मुझे लन्ड खड़ा करने के लिए नंगी हो जाना चाहिए। मैंने इससे पहले नेट पर नंगा लन्ड देखा था। आज हकीकत में लन्ड देख रही हूँ।
मेरा तन बदन जलने लगा। लेकिन मैंने बड़ी देर तक लन्ड मुंह में डाले हुए चूसती रही. मुझे लन्ड का टोपा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। वह भी मेरी चूंचियां दबाता रहा। मेरी चूत सहलाता रहा। मैंने कहा सर तेरा ये भोसड़ी का लन्ड बड़ा मस्त है। मुझे लगा की मेरी चूत अभी छोटी है। इसमें अभी लन्ड नहीं घुस सकता। इतना मोटा लन्ड मेरी चूत बर्दास्त नहीं कर पायेगी। मैं अगर लन्ड अपनी चूत में पेलूँ तो कहीं कोई प्रॉब्लम न हो जाये और मैं मुसीबत में फंस जाऊं। इसलिए मेरे मुंह से निकला सर, मेरी माँ की चूत में पेलोगे लन्ड ? अम्मी की चूत पकी हुई है उसमे घुस सकता है। इसलिए उससे यह बात कह दी। वह बोला हां हां रेहाना अगर तुम मेरा लन्ड अपनी माँ की चूत पर रख दोगी तो मैं घुसेड़ दूंगा लन्ड । मैंने कहा हां मैं अपनी माँ चुदाना चाहती हूँ। मेरे मन में था की अगर मेरी अम्मी एक बार चुदवा लें तो फिर मुझे भी चुदाने का मौक़ा मिल जायेगा।
मैंने आधे से अधिक लौड़ा मुंह में भर लिया और अंदर ही अंदर जबान लन्ड के सुपाड़े पर घुमाती रही। मुझे भी अच्छा लग रहा था और उसे भी। फिर घूम कर वह मेरी बुर चाटने लगा। मैं पहली बार किसी मर्द को अपनी बुर चटा रही थी। मेरी मस्ती का ठिकाना न था। मेरा मन हो रहा था की मैं लन्ड खा जाऊं ? पेल्हड़ भी गप्प कर लूँ। मैं बड़े हौले हौले से लन्ड चूस रही थी। डर था की कहीं लन्ड में दाँतों से चोट न लग जाये। यह बात मेरी सहेलियों ने बताई थी की लन्ड का मज़ा सिर्फ होठों से और जबान से लिया जाता है दाँतों से नहीं ? थोड़ी देर बाद मैं लन्ड बार बार मुंह से निकलती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। वह भी जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा। फिर उसने मेरा सर पकड़ा और अपने लन्ड पर तेजी से बाहर भीतर करने लगा। वह साला मेरे मुंह को ही बुर समझ कर चोदने लगा। मैं भी मुंह चुदवाने लगी। थोड़ी देर में उसके लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी। सारा वीर्य मेरे मुंह में भर गया। पहले तो मुझे बड़ा ख़राब लगा लेकिन फिर हिम्मत करके मैं सारा माल पी गयी। क्योंकि मैंने ऐसा पीते हुए लड़कियों को ब्लू फिल्म में देखा था। लन्ड ढीला पड़ गया और मैं भी बाथ रूम जाकर फ्रेश हो गयी। लन्ड को साबुन लगा कर नहला दिया।
मैं उससे बात करके तो चली आयी और अम्मी से बातें भी की लेकिन अम्मी से माँ चुदाने की बात कहने में मेरी गाड़ फट रही थी। मैं थोड़ा झिझक रही थी और थोड़ा शर्मा भी रही थी। उसके बाद मैंने कई और लन्ड पकड़े। दो कॉलेज के लड़कों के लन्ड। दो मोहल्ले वालों के लन्ड और दो अपने कुनबे के लन्ड ? मैं धेरे धीरे लन्ड पकड़ने में बेशरम होती गयी और बोल्ड होती गयी। ऐसा करते करते २/३ साल निकल गए , मैं १८+ की हो गयी। मेरी चूत चबूतरा जैसी हो गयी और मैं पूरी तरह जवान हो गयी। अब तो अम्मी मुझसे खुल कर बातें करने लगीं।
मेरे प्यारे प्यारे दोस्तों, मैं रेहाना हूँ। मैं एक बेहद खूबसूरत, बेहद बदचलन और बेहद बेशरम लड़की हूँ। यह तो आप जानते ही हैं की खूबसूरत लड़कियां अधिकतर बदचलन होती हैं क्योंकि उन्हें लन्ड पकड़ने का शौक बहुत जल्दी लग जाता है। मैं तो १५ साल में ही पूरी तरह जवान हो गयी थी। मेरा कद ५' ५" का हो गया था, मेरे चूतड़ उभर आये थे, मेरी गांड मस्त हो गयी थी। मेरी चूंचियां तो बड़ी बड़ी हो गयीं थीं और बड़ी सुडौल एवं हॉट थीं। मेरी कहर पतली पर कूल्हे जबरदस्त सेक्सी। मेरी झांटें उग आयीं थीं. मेरे जिस्म पर लड़कों की नज़रें पड़ने लगी और बड़े बड़े मर्दों की भी। मैं मोहल्ले में एक टीचर के घर पढ़ने जाया करती थी। उसका नाम था अज़हर। वह लगभग ४० साल का था। मेरी नज़र उसके पैजामे के अंदर हिलते हुए लन्ड पर पड़ती थी तो मेरे मन में हलचल होने लगती थी। बस मेरी नियत उसके लन्ड पर ख़राब होने लगी ।
एक दिन वह लुंगी पहने बैठा था तो मुझे उसका खड़ा लन्ड थोड़ा दिख गया। बस मैंने उसे छू कर कहा मुझे पूरा लौड़ा दिखाओ सर। मैं आज सिर्फ लौड़ा देखूँगी पढूंगी कुछ नहीं। मैंने बेशर्मी की और हाथ उसकी लुंगी में घुसेड़ दिया। वह कुछ नहीं बोला तो उसका लन्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं पहली बार एक खड़ा लन्ड पकड़ कर देख रही थीं। मैंने कहा सर तुम झांटें क्यों नहीं बनाते ? झांटें मेरी भी आ चुकी थीं। मैंने रेज़र उठाया और प्यार से लन्ड की झांटें बनायीं। फिर उस नहलाकर बिस्तर पर ले आयी। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और मैं लन्ड चाटने लगी। मैंने खुद अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया और एकदम नंगी हो गयी उसके आगे। उनके लन्ड में एकदम से उछाल आ गया। मैं समझ गयी की लन्ड साला नंगी लड़कियां देख कर और सख्त हो जाता है। मुझे लन्ड खड़ा करने के लिए नंगी हो जाना चाहिए। मैंने इससे पहले नेट पर नंगा लन्ड देखा था। आज हकीकत में लन्ड देख रही हूँ।
मेरा तन बदन जलने लगा। लेकिन मैंने बड़ी देर तक लन्ड मुंह में डाले हुए चूसती रही. मुझे लन्ड का टोपा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। वह भी मेरी चूंचियां दबाता रहा। मेरी चूत सहलाता रहा। मैंने कहा सर तेरा ये भोसड़ी का लन्ड बड़ा मस्त है। मुझे लगा की मेरी चूत अभी छोटी है। इसमें अभी लन्ड नहीं घुस सकता। इतना मोटा लन्ड मेरी चूत बर्दास्त नहीं कर पायेगी। मैं अगर लन्ड अपनी चूत में पेलूँ तो कहीं कोई प्रॉब्लम न हो जाये और मैं मुसीबत में फंस जाऊं। इसलिए मेरे मुंह से निकला सर, मेरी माँ की चूत में पेलोगे लन्ड ? अम्मी की चूत पकी हुई है उसमे घुस सकता है। इसलिए उससे यह बात कह दी। वह बोला हां हां रेहाना अगर तुम मेरा लन्ड अपनी माँ की चूत पर रख दोगी तो मैं घुसेड़ दूंगा लन्ड । मैंने कहा हां मैं अपनी माँ चुदाना चाहती हूँ। मेरे मन में था की अगर मेरी अम्मी एक बार चुदवा लें तो फिर मुझे भी चुदाने का मौक़ा मिल जायेगा।
मैंने आधे से अधिक लौड़ा मुंह में भर लिया और अंदर ही अंदर जबान लन्ड के सुपाड़े पर घुमाती रही। मुझे भी अच्छा लग रहा था और उसे भी। फिर घूम कर वह मेरी बुर चाटने लगा। मैं पहली बार किसी मर्द को अपनी बुर चटा रही थी। मेरी मस्ती का ठिकाना न था। मेरा मन हो रहा था की मैं लन्ड खा जाऊं ? पेल्हड़ भी गप्प कर लूँ। मैं बड़े हौले हौले से लन्ड चूस रही थी। डर था की कहीं लन्ड में दाँतों से चोट न लग जाये। यह बात मेरी सहेलियों ने बताई थी की लन्ड का मज़ा सिर्फ होठों से और जबान से लिया जाता है दाँतों से नहीं ? थोड़ी देर बाद मैं लन्ड बार बार मुंह से निकलती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। वह भी जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा। फिर उसने मेरा सर पकड़ा और अपने लन्ड पर तेजी से बाहर भीतर करने लगा। वह साला मेरे मुंह को ही बुर समझ कर चोदने लगा। मैं भी मुंह चुदवाने लगी। थोड़ी देर में उसके लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी। सारा वीर्य मेरे मुंह में भर गया। पहले तो मुझे बड़ा ख़राब लगा लेकिन फिर हिम्मत करके मैं सारा माल पी गयी। क्योंकि मैंने ऐसा पीते हुए लड़कियों को ब्लू फिल्म में देखा था। लन्ड ढीला पड़ गया और मैं भी बाथ रूम जाकर फ्रेश हो गयी। लन्ड को साबुन लगा कर नहला दिया।
मैं उससे बात करके तो चली आयी और अम्मी से बातें भी की लेकिन अम्मी से माँ चुदाने की बात कहने में मेरी गाड़ फट रही थी। मैं थोड़ा झिझक रही थी और थोड़ा शर्मा भी रही थी। उसके बाद मैंने कई और लन्ड पकड़े। दो कॉलेज के लड़कों के लन्ड। दो मोहल्ले वालों के लन्ड और दो अपने कुनबे के लन्ड ? मैं धेरे धीरे लन्ड पकड़ने में बेशरम होती गयी और बोल्ड होती गयी। ऐसा करते करते २/३ साल निकल गए , मैं १८+ की हो गयी। मेरी चूत चबूतरा जैसी हो गयी और मैं पूरी तरह जवान हो गयी। अब तो अम्मी मुझसे खुल कर बातें करने लगीं।
- एक दिन मुझसे कहा रेहाना तेरे कॉलेज के लड़के कैसे हैं बेटी ?
- मैंने कहा बहुत अच्छे है अम्मी। मेरी कई लड़कों से दोस्ती भी है।
- वह बोली तब तो बहुतअच्छा है। पर ये तो बता की दोस्ती किस हद तक है ?
- मैंने कहा अरे अम्मी पड़ी पक्की दोस्ती है। मैं जो कहती हूँ वो लोग करतें हैं मेरा कहना मानते हैं।
- वह बोली अच्छा तो लन्ड पकड़ाते है तुम्हे अपना ? कितने लड़कों के लन्ड पकड़ती हो तुम ? मैं थोड़ा रुक गयी तो वह बोली हाय दईया क्या हुआ ? बिना चोदे तेरी माँ चुद गयी क्या, रेहाना ? इतना शर्माती क्यों है तू माँ की लौड़ी ? अब तो तू जवान हो गयी है। लन्ड खाने वाली हो गयी है। अब शर्मा के क्या अपनी जवानी बर्बाद करना चाहती हो । तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली खुल कर बात कर मुझसे ? मैंने इतने दिनों तक तुझसे खुल कर बातें करने का इंतज़ार किया है ।
- मैंने कहा हां बात तो तुम्हारी सही है अम्मी ?
- वह बोली अम्मी नहीं तेरी बुर चोदी अम्मी ? मुझे सच बता कितने लन्ड पकड़ चुकी है तू ?
- ३/४ ही पकड़े हैं अभी तक ?
- अच्छा, लेकिन तूने एक भी लन्ड मुझे दिखा कर नहीं पकड़ा ? चुपके चुपके पकड़ती रही तू लन्ड ? तेरी माँ की चूत ? फिर भी चल कोई बात नहीं। अब बता किसका लन्ड सबसे ज्यादा अच्छा लगा तुझे ?
- अज़हर सर का लन्ड ? वही मुझ सबसे मोटा लगा अम्मी ?
- तो फिर अभी तक वो लन्ड तूने अपनी माँ की चूत में क्यों नहीं पेला ?
- मैं थोड़ा डरती थी की कहीं कोई गलती न हो जाये ?
- देखो बेटी, जवानी में सबसे भले ही डरो पर लन्ड से कभी मत डरो। लन्ड ही ऐसी चीज है जो जवानी का पूरा मज़ा देती है। लड़की की जवानी लन्ड के बिना जीरो है, बेटी ?
- हां अम्मी अब मुझे मालूम हो रहा है की तुम सही कह रही हो।
- आज मैं तुझे तेरी माँ चोद कर दिखाऊंगी, रेहाना ? तेरी माँ की चूत में लन्ड घुसा कर दिखाऊंगी तुझे ? तूने कभी अपनी चूत में लन्ड पेला है ?
- नहीं कभी नहीं पेला ? लेकिन आज मैं भी तेरी बेटी की चूत में लन्ड पेल कर दिखाऊंगी।
मेरी बात सुनकर अम्मी बहुत खुश हो गयी और मेरे गाल थपथपाकर बोली बोली बेटी जवानी में तू जितनी बेशर्म होगी उतना ही मज़ा आएगा ? और जवानी में गाली देना वैसा ही स्वादिस्ट होता है जैसे खाने के साथ चटनी। इसलिए गालियां देना भी खूब सीख ले। इसका भी मज़ा लिया कर। मैंने मन में सोंचा की अब तो रास्ता खुल गया है अब मैं अज़हर सर से अपनी माँ चुदवा सकती हूँ। शाम का करीब ८ बजा होगा तब मैंने अम्मी को किसी से बात करते हुए सुना। वह बोल रही थीं यार थामस मेरी बेटी तैयार हो गयी है। बड़ी जवान हो गयी है और मुझसे खुल भी गयी है।अब तुम उसे अपना लन्ड पकड़ा सकते हो। तेरा लन्ड पाकर वह बहुत खुश होगी क्योंकि उसे मोटे लन्ड अच्छे लगतें हैं। तुम अभी आधे घंटे में आ जाओ। मैं जान गयी की आजअम्मी मुझे लन्ड पकड़ायेगी। तब मैंने भी अज़हर सर को बुला लिया।बस शाम को महफ़िल लग गयी। उधर थामस अंकल आ गया और इधर अज़हर सर। मैंने अज़हर सर को अम्मी से मिलवाया और उसने मुझसे थामस अंकल को। अम्मी ने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया। मैं भी जीन्स और टॉप में थी और अम्मी केवल एक नाईटी में जिससे उसकी चूंचियां आधे से अधिक दिखाई पड़ रहीं थीं। मैं बिना ब्रा के बैठी थी। टॉप का एक बटन खुला था। मेरी भी मस्त चूंचियां झाँक रही थीं। थामस मेरी चूंचियां देख रहा था और अज़हर मेरी माँ की चूंचियां ?
अम्मी उठी और अज़हर के लन्ड पर हाथ रख कर कहा यार तेरा लौड़ा तो बड़ा शानदार लगता है। तब तक मैं भी थामस का लौड़ा टटोलने लगी। उसकी पैंट खोलने लगी। मैंने कहा अब इसे छुपाने से आयी फायदा नहीं है। ये साला मादर चोद लन्ड है किसी के छुपाये नहीं छुपता। जब खड़ा होता है तो पैजामा फाड़ कर भी बाहर निकल आता है। तब तक मैं उसकी पैंट खोल चुकी थी। बस उसकी चड्ढी निकली और लौड़ा बहन चोद बाहर ? मैंने तो लन्ड देख कर सिहर उठी। सोंचा हाय दईया इतना मोटा लन्ड मेरी बुर चोदेगा ? तब तक अम्मी अज़हर को नंगा कर चुकी थी। वह बोली अरी रेहाना बुर चोदी तेरे सर का लन्ड तो तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला लन्ड है। आज मैं चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ? मुझे ऐसे ही लन्ड का इंतज़ार था ? मैंने भी बड़ी बेबाकी से जबाब दिया अगर तू चोदेगी मेरी माँ का भोसड़ा तो मैं भी चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर ? आज मैं घुसेडूंगी तेरी बेटी की बुर में मरदाना लन्ड ? मैं किसी भोसड़ी वाली से कम नही हूँ।
तब तक मैं भीं नंगी हो चुकी थी और अम्मी भी। वो दोनों भी एकदम मस्त होकर चोदने के लिए तैयार हो गये। मैं चुदाने के पहले लन्ड से खेलती बहुत हूँ। मैंने उसे चित लिटा दिया और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गयी। मैंने लन्ड मिठ्ठी में लिया और बड़ी रफ़्तार से ऊपर नीचे करने लगी। लन्ड का टोपा बार बार खुलता और बंद होता था। वही मुझे देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। ऐसा बहन चोद मुस्लिम लन्ड में नहीं होता। उसके लन्ड की खाल लन्ड के टोपा के ऊपर चढ़ती ही नहीं क्योंकि लन्ड कटा होता है। मैं उसकी बीच बीच में चुम्मी भी ले रही थी। लन्ड खूब टन टना रहा था। तब मैंने लन्ड पर कई थप्पड़ मारेऔर कहा लौड़े मियां भोसड़ी के तुम मेरी माँ चोदते हो ? मेरी माँ के भोसड़ा में घुसते हो ? आज मैं तेरी माँ चोदूँगी। तेरी बहन का लन्ड साले मस्ताने लन्ड ? तेरी तो मैं झांटे उखाड़ लूंगी लौड़े मियां ? मुझे लन्ड को गाली देने में मज़ा आता है और मैं वही कर रही थी। लन्ड हर बार वह अपना सिर हिलाता हुआ गुर्राने लगता था।
उसे देख कर मैं मज़ा ले रही थी। फिर मैंने लन्ड अपने दोनों हाथों के बीच में रखा और उसे मथानी की तरह मथने लगी। अम्मी ने मुझे लन्ड को गाली देते हुए और लन्ड को मथानी की तरह मथते हुए देखा तो वह हैरान हो गयी। वह बोली हाय रे रेहाना तू कहाँ सीख कर आयी हैं ये सब ? तू तो बहन चोद मुझसे ज्यादा लन्ड का मज़ा लेना जानती है। अम्मी भी उसी तरह लन्ड के साथ खेलने लगीं। इधर थामस अंकल को मज़ा आ रहा था उधर अज़हर सर को ? दोनों की आँखों में चमक थी। उन्हें इस तरह से चुदवाने कोई लड़की अभी तक मिली नहीं होगी ? दोनों के लन्ड भी खूब एन्जॉय कर रहे थे। फिर मैं लन्ड चूसने लगी और अम्मी भी ? मेरी चूत बड़ी बुरी तरह से चुदासी हो चुकी थी। उधर थामस अंकल भी लन्ड पेलने के मूड में आ गया। मैंने चूत उसके सामने फैला दी। उसने लन्ड पहले टिकाया और फिर एक ही धक्के में घुसेड़ दिया अंदर। लन्ड साला सांप के बिल की तरह अंदर सरसराता हुआ चला गया।
तब तक अज़हर ने भी लौड़ा मेरी माँ की चूत में घुसा दिया। हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए चुदवाने लगीं। अम्मी को मस्ती सूझी। वह बोली देख बुर चोदी रेहाना मैं कैसे तेरी माँ का भोसड़ा चोद रही हूँ। मैं अब इसी तरह चोदूँगी तेरी माँ ? मैंने भी उसी मस्ती में जबाब दिया। मैं बोली हां मेरी भोसड़ी की समीना बेगम देख मैंने कितना बड़ा लन्ड तेरी बिटिया की बुर में पेल दिया है। तेरी बिटिया की बुर बड़ी टाइट है पर मैं इसका बाजा बजा दूँगी। समीना आज मुझे मालूम हुआ की तू कितनी बड़ी बेटी चोद है। अपनी बेटी चुदाने में तुझे कोई शर्म नहीं आती ? वह बोली तू तो मादर चोद रेहाना बड़ी कामिनी छिनार है। यहाँ भकाभक अपनी माँ की चूत चुदवा रही है तू और मुझे शर्म की बात कर रही है ? तेरी माँ का लन्ड। तेरी फूफी की गांड। इसी तरह से मस्ती से गाली गलौज का मज़ा लेते हुए हम दोनों चुदाई का मज़ा लूटने लगीं। दूसरी पारी मैंने अज़हर से चुदवाया और अम्मी ने थामस से। लन्ड अदल बदल कर चुदवाने का सिलसिला वहीँ से शुरू हो गया।
इसके बाद दोस्तों, कोई ऐसा दिन नहीं गया जिस दिन मैंने एक दूसरे की बुर में लन्ड पेला न हो। मैं बहुत बड़ी बन गयी मादर चोद और अम्मी बन गयीं बहुत बड़ी बेटी चोद। फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। अम्मी ने मुझसे कहा देख रेहाना सबसे पहले अपनी नन्द की बुर चोदना फिर सास का भोसड़ा ? उसके बाद तो वो दोनों मिलकर तेरी बुर में लन्ड पेलती रहेगीं। ससुराल के सभी लन्ड पर तेरा हक़ है रेहाना ? मैं अल्ला से दुआ करती हूँ की तुझे वहां एक से एक बेहतर लन्ड मिलें।
मेरी ससुराल का कुनबा बहुत बड़ा है। ३ देवर हैं मेरे और २ जेठ। ३ नन्द है मेरी। यानी मेरी सास ने ९ बच्चे पैदा किया। इसका मतलब वह बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत होगी। मेरी सुहागरात में मेरी नन्द में बड़ा साथ दिया। मेरा शौहर तो एक बार मुझे चोद कर चल गया। अब मैं फिर चुदासी हो गयी तो मेरी नन्द मेरे कमरे मे आयी और बोली भाभी अब तुम्हे मेरे शौहर चोदेगा। मैंने कहा यार आज मेरा पहला दिन है। आज मैं किसी गैर मरद से कैसे चुदवाऊँगी ? वह बोली भाभी यहाँ ये सब कुछ नही होता। मैंने अपनी सुहागरात में ३ मर्दों से चुदवाया था। ये मरद तो चोद कर चले जातें है। इनको यह नहीं मालूम होता की मेरे चोदने के बाद मेरी बीवी कितने लोग चोदते हैं। मैं सच बताऊँ भाभी तेरा मरद अब अपनी बड़ी भाभी की बुर ले रहा है। मुझे यकीन नहीं हुआ तो वह मुझे अंदर ले गयी। तब मैंने देखा की वाकई मेरा मियां मेरी जेठानी की बुर चोद रहा है। बस मैं फिर खुल गयी और अपनी नन्द के मियां से चुदवाया। मैंने जब पूंछा नन्द रानी तुम क्या करोगी तो वह बोली मैं अपने देवर से चुदवाने जा रही हूँ। मैं तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ी। मैं समझ गयी की मुझे यहाँ लन्ड की कमी महसूस नहीं होगी।
सवेरे सवेरे वह फिर आयी और अपने देवर का लन्ड मुझे पकड़ा दिया। लन्ड देख कर मैं जोश में आ गयी। लन्ड वाकई बड़ा मोटा था। मैं उसे चाटने लगी तो नन्द मेरी चूत सहलाने लगी। बोली भाभी तुझे मेरे मियां का लाउड कैसा लगा। मैंने कहा बहुत अच्छा लगा पर आगे भी देती रहना आमुझे ऐसे ही लन्ड ? तब तक उसने मेरी चूत में घुसेड़ दिया लन्ड । वह बोली रेहाना भाभी मेरा देवर तेरी बुर चोदने के लिए तड़प रहा था। मैंने कहा चलो मैं तुझे नयी नवेली दुल्हन की बुर दिलवाती हूँ। फिर मैंने नन्द के सामने ही नन्द के देवर से चुदवाया। इस तरह पहली रात को मुझे तीन तीन लन्ड से चुदवाने का मौक़ा मिल गया।
दो दिन बाद किसी काम से मैं अपने जेठ के कमरे में चली गयी। सवेरे का समय था। मैंने देखा की वह नंगा लेटा है। उसकी लुंगी खुली हुई है। उसका लन्ड आधा खड़ा हुआ है। मैं बड़ी देर तक उसका लन्ड देखती रही। फिर आस पास देखा कोई नहीं है तो दरवाजे की सिटकिनी बंद की और आगे बढ़ कर लन्ड छू लिया। मेरे छूते ही लन्ड में करंट लग गया और इधर मेरी चूत में भी। मेरी हिम्मत बढ़ी मैंने लन्ड का सुपाड़ा अपनी जबान से उठाया तो वह पूरा उठ गया। मैं और उत्तेजित हो गयी। मैंने सुपाड़ा पूरा मुंह में भर लिया और अंदर ही अंदर उस पर जबान फिराने लगी। तब तक वह जग गया और मुझे अपनी तरफ घसीट कर बोला रेहाना पूरा ले लो अपने मुंह के अंदर। मैंने फिर लन्ड आधे सेअधिक घुसेड़ लिया। वह मेरी चूंचियां दबाने लगा। फिर तो खूब दनादन हुई चोदा चोदी। उसका भी लन्ड बहन चोद बड़ा मस्त निकला ?
एक दिन मैं अपनी सास के साथ बैठी थी। इतने में मेरी खाला सास भी आ गयीं। वह भी बातें करने लगीं।
अब मेरे मन में यह बात बैठ गयी की मैं अपने ससुर का लन्ड जल्दी से जल्दी पकड़ूँ ? तब तक नन्द ने मेरे कान में कहा भाभी तुम किसी दिन अपने ससुर का लन्ड पकड़ कर देखो।
दो दिन बाद कुछ ऐसा इत्तिफाक हुआ की मैं अपने ससुर के साथ अपने माईके चली आयी। फिर हम तीनो बैठ कर बातें करने लगीं। बातों बातों में रिश्तों की परतें खुलने लगीं। आखिर में पता यह चला की मेरा ससुर मेरी अम्मी का नंदोई निकल आया। बस अम्मी को जोश आ गया और उसने ससुर के लन्ड पर हाथ मार कर कहा अरे भोसड़ी के नंदोई अब तो दिखा मुझे अपना के मादर चोद लन्ड ? अम्मी ने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला और हाथ नादर घुसेड़ कर लन्ड हिलाने लगीं। वह कुछ नहीं बोला बस अपना लन्ड हिलवाता रहा। २ मिनट में अम्मी ने लन्ड बाहर निकाल कर मुझे दिखाते हुए कहा ले बुर चोदी रेहाना देख ले अपने ससुर का लन्ड ? बेटी, अब मैं इसी लन्ड से चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी जोश में कहा अम्मी मैं भी इसी लन्ड से चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर और इसकी बहू की चूत ?
उसके बाद तो रात भर हम दोनों ने खूब जम कर चुदवाया
Tags: बेटी रेहाना, मैं तो तेरी माँ चोदूँगी - Beti Rehana ab teri maa chodne ka waqt aa gayaa , सपने में चूत चुदाई का मजा , हॉट पोर्न फिल्में मुह में सेक्सी वीडियो डाउनलोड करके देखा और चुद गई , लड़कियों की लण्ड की बातें - Best Hindi sex stories , बेटियों की तो माँ चोदूँगी मैं , तेरी माँ का भोसड़ा.
अम्मी उठी और अज़हर के लन्ड पर हाथ रख कर कहा यार तेरा लौड़ा तो बड़ा शानदार लगता है। तब तक मैं भी थामस का लौड़ा टटोलने लगी। उसकी पैंट खोलने लगी। मैंने कहा अब इसे छुपाने से आयी फायदा नहीं है। ये साला मादर चोद लन्ड है किसी के छुपाये नहीं छुपता। जब खड़ा होता है तो पैजामा फाड़ कर भी बाहर निकल आता है। तब तक मैं उसकी पैंट खोल चुकी थी। बस उसकी चड्ढी निकली और लौड़ा बहन चोद बाहर ? मैंने तो लन्ड देख कर सिहर उठी। सोंचा हाय दईया इतना मोटा लन्ड मेरी बुर चोदेगा ? तब तक अम्मी अज़हर को नंगा कर चुकी थी। वह बोली अरी रेहाना बुर चोदी तेरे सर का लन्ड तो तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला लन्ड है। आज मैं चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ? मुझे ऐसे ही लन्ड का इंतज़ार था ? मैंने भी बड़ी बेबाकी से जबाब दिया अगर तू चोदेगी मेरी माँ का भोसड़ा तो मैं भी चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर ? आज मैं घुसेडूंगी तेरी बेटी की बुर में मरदाना लन्ड ? मैं किसी भोसड़ी वाली से कम नही हूँ।
तब तक मैं भीं नंगी हो चुकी थी और अम्मी भी। वो दोनों भी एकदम मस्त होकर चोदने के लिए तैयार हो गये। मैं चुदाने के पहले लन्ड से खेलती बहुत हूँ। मैंने उसे चित लिटा दिया और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गयी। मैंने लन्ड मिठ्ठी में लिया और बड़ी रफ़्तार से ऊपर नीचे करने लगी। लन्ड का टोपा बार बार खुलता और बंद होता था। वही मुझे देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। ऐसा बहन चोद मुस्लिम लन्ड में नहीं होता। उसके लन्ड की खाल लन्ड के टोपा के ऊपर चढ़ती ही नहीं क्योंकि लन्ड कटा होता है। मैं उसकी बीच बीच में चुम्मी भी ले रही थी। लन्ड खूब टन टना रहा था। तब मैंने लन्ड पर कई थप्पड़ मारेऔर कहा लौड़े मियां भोसड़ी के तुम मेरी माँ चोदते हो ? मेरी माँ के भोसड़ा में घुसते हो ? आज मैं तेरी माँ चोदूँगी। तेरी बहन का लन्ड साले मस्ताने लन्ड ? तेरी तो मैं झांटे उखाड़ लूंगी लौड़े मियां ? मुझे लन्ड को गाली देने में मज़ा आता है और मैं वही कर रही थी। लन्ड हर बार वह अपना सिर हिलाता हुआ गुर्राने लगता था।
उसे देख कर मैं मज़ा ले रही थी। फिर मैंने लन्ड अपने दोनों हाथों के बीच में रखा और उसे मथानी की तरह मथने लगी। अम्मी ने मुझे लन्ड को गाली देते हुए और लन्ड को मथानी की तरह मथते हुए देखा तो वह हैरान हो गयी। वह बोली हाय रे रेहाना तू कहाँ सीख कर आयी हैं ये सब ? तू तो बहन चोद मुझसे ज्यादा लन्ड का मज़ा लेना जानती है। अम्मी भी उसी तरह लन्ड के साथ खेलने लगीं। इधर थामस अंकल को मज़ा आ रहा था उधर अज़हर सर को ? दोनों की आँखों में चमक थी। उन्हें इस तरह से चुदवाने कोई लड़की अभी तक मिली नहीं होगी ? दोनों के लन्ड भी खूब एन्जॉय कर रहे थे। फिर मैं लन्ड चूसने लगी और अम्मी भी ? मेरी चूत बड़ी बुरी तरह से चुदासी हो चुकी थी। उधर थामस अंकल भी लन्ड पेलने के मूड में आ गया। मैंने चूत उसके सामने फैला दी। उसने लन्ड पहले टिकाया और फिर एक ही धक्के में घुसेड़ दिया अंदर। लन्ड साला सांप के बिल की तरह अंदर सरसराता हुआ चला गया।
तब तक अज़हर ने भी लौड़ा मेरी माँ की चूत में घुसा दिया। हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए चुदवाने लगीं। अम्मी को मस्ती सूझी। वह बोली देख बुर चोदी रेहाना मैं कैसे तेरी माँ का भोसड़ा चोद रही हूँ। मैं अब इसी तरह चोदूँगी तेरी माँ ? मैंने भी उसी मस्ती में जबाब दिया। मैं बोली हां मेरी भोसड़ी की समीना बेगम देख मैंने कितना बड़ा लन्ड तेरी बिटिया की बुर में पेल दिया है। तेरी बिटिया की बुर बड़ी टाइट है पर मैं इसका बाजा बजा दूँगी। समीना आज मुझे मालूम हुआ की तू कितनी बड़ी बेटी चोद है। अपनी बेटी चुदाने में तुझे कोई शर्म नहीं आती ? वह बोली तू तो मादर चोद रेहाना बड़ी कामिनी छिनार है। यहाँ भकाभक अपनी माँ की चूत चुदवा रही है तू और मुझे शर्म की बात कर रही है ? तेरी माँ का लन्ड। तेरी फूफी की गांड। इसी तरह से मस्ती से गाली गलौज का मज़ा लेते हुए हम दोनों चुदाई का मज़ा लूटने लगीं। दूसरी पारी मैंने अज़हर से चुदवाया और अम्मी ने थामस से। लन्ड अदल बदल कर चुदवाने का सिलसिला वहीँ से शुरू हो गया।
इसके बाद दोस्तों, कोई ऐसा दिन नहीं गया जिस दिन मैंने एक दूसरे की बुर में लन्ड पेला न हो। मैं बहुत बड़ी बन गयी मादर चोद और अम्मी बन गयीं बहुत बड़ी बेटी चोद। फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। अम्मी ने मुझसे कहा देख रेहाना सबसे पहले अपनी नन्द की बुर चोदना फिर सास का भोसड़ा ? उसके बाद तो वो दोनों मिलकर तेरी बुर में लन्ड पेलती रहेगीं। ससुराल के सभी लन्ड पर तेरा हक़ है रेहाना ? मैं अल्ला से दुआ करती हूँ की तुझे वहां एक से एक बेहतर लन्ड मिलें।
मेरी ससुराल का कुनबा बहुत बड़ा है। ३ देवर हैं मेरे और २ जेठ। ३ नन्द है मेरी। यानी मेरी सास ने ९ बच्चे पैदा किया। इसका मतलब वह बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत होगी। मेरी सुहागरात में मेरी नन्द में बड़ा साथ दिया। मेरा शौहर तो एक बार मुझे चोद कर चल गया। अब मैं फिर चुदासी हो गयी तो मेरी नन्द मेरे कमरे मे आयी और बोली भाभी अब तुम्हे मेरे शौहर चोदेगा। मैंने कहा यार आज मेरा पहला दिन है। आज मैं किसी गैर मरद से कैसे चुदवाऊँगी ? वह बोली भाभी यहाँ ये सब कुछ नही होता। मैंने अपनी सुहागरात में ३ मर्दों से चुदवाया था। ये मरद तो चोद कर चले जातें है। इनको यह नहीं मालूम होता की मेरे चोदने के बाद मेरी बीवी कितने लोग चोदते हैं। मैं सच बताऊँ भाभी तेरा मरद अब अपनी बड़ी भाभी की बुर ले रहा है। मुझे यकीन नहीं हुआ तो वह मुझे अंदर ले गयी। तब मैंने देखा की वाकई मेरा मियां मेरी जेठानी की बुर चोद रहा है। बस मैं फिर खुल गयी और अपनी नन्द के मियां से चुदवाया। मैंने जब पूंछा नन्द रानी तुम क्या करोगी तो वह बोली मैं अपने देवर से चुदवाने जा रही हूँ। मैं तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ी। मैं समझ गयी की मुझे यहाँ लन्ड की कमी महसूस नहीं होगी।
सवेरे सवेरे वह फिर आयी और अपने देवर का लन्ड मुझे पकड़ा दिया। लन्ड देख कर मैं जोश में आ गयी। लन्ड वाकई बड़ा मोटा था। मैं उसे चाटने लगी तो नन्द मेरी चूत सहलाने लगी। बोली भाभी तुझे मेरे मियां का लाउड कैसा लगा। मैंने कहा बहुत अच्छा लगा पर आगे भी देती रहना आमुझे ऐसे ही लन्ड ? तब तक उसने मेरी चूत में घुसेड़ दिया लन्ड । वह बोली रेहाना भाभी मेरा देवर तेरी बुर चोदने के लिए तड़प रहा था। मैंने कहा चलो मैं तुझे नयी नवेली दुल्हन की बुर दिलवाती हूँ। फिर मैंने नन्द के सामने ही नन्द के देवर से चुदवाया। इस तरह पहली रात को मुझे तीन तीन लन्ड से चुदवाने का मौक़ा मिल गया।
दो दिन बाद किसी काम से मैं अपने जेठ के कमरे में चली गयी। सवेरे का समय था। मैंने देखा की वह नंगा लेटा है। उसकी लुंगी खुली हुई है। उसका लन्ड आधा खड़ा हुआ है। मैं बड़ी देर तक उसका लन्ड देखती रही। फिर आस पास देखा कोई नहीं है तो दरवाजे की सिटकिनी बंद की और आगे बढ़ कर लन्ड छू लिया। मेरे छूते ही लन्ड में करंट लग गया और इधर मेरी चूत में भी। मेरी हिम्मत बढ़ी मैंने लन्ड का सुपाड़ा अपनी जबान से उठाया तो वह पूरा उठ गया। मैं और उत्तेजित हो गयी। मैंने सुपाड़ा पूरा मुंह में भर लिया और अंदर ही अंदर उस पर जबान फिराने लगी। तब तक वह जग गया और मुझे अपनी तरफ घसीट कर बोला रेहाना पूरा ले लो अपने मुंह के अंदर। मैंने फिर लन्ड आधे सेअधिक घुसेड़ लिया। वह मेरी चूंचियां दबाने लगा। फिर तो खूब दनादन हुई चोदा चोदी। उसका भी लन्ड बहन चोद बड़ा मस्त निकला ?
- मेरी खाला बोली दीदी तेरी बहू तो बहुत खूबसूरत है। बड़ी अच्छी है, मिलनसार है।
- सास बोली हां सुन तो ऐसा ही रही हूँ। बस ऐसी ही बनी रहे।
- क्यों नहीं बनी रहेगी ? अब यह तो तुम पर भी निर्भर करता है दीदी की तुम कैसा व्यव्हार करती हो ?
- तू तो जानती है मैं बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। ऐसी ही मेरी बहू तो अच्छा है ?
- बिलकुल होगी दीदी। थोड़ा सब्र करो। वैसे तो बुर चोदी मैं भी हूँ दीदी। मुझे भी लन्ड बहुत अच्छे लगतें हैं। सबसे अच्छा लन्ड तो मेरे जीजू का है दीदी ?
- चल हट सबसे अच्छा लन्ड मेरे बहनोई का है यानी तेरे शौहर का ? क्या लौड़ा है यार ? चूसती हूँ तो बहुत अच्छा लगता है और चुदवाती हूँ तो और अच्छा लगता है। (मैं जान गयी की ये दोनों एक दूसरे के मरद से चुदवाती है )
- अरे दीदी मेरे जीजू का लन्ड तेरे बहनोई के लन्ड से बड़ा है ?
- अरे तूने कभी ठीक से देखा नहीं होगा। तेरे मियां का लन्ड बड़ा है।
- नहीं दीदी तेरे मियां का लन्ड बड़ा है ?
अब मेरे मन में यह बात बैठ गयी की मैं अपने ससुर का लन्ड जल्दी से जल्दी पकड़ूँ ? तब तक नन्द ने मेरे कान में कहा भाभी तुम किसी दिन अपने ससुर का लन्ड पकड़ कर देखो।
दो दिन बाद कुछ ऐसा इत्तिफाक हुआ की मैं अपने ससुर के साथ अपने माईके चली आयी। फिर हम तीनो बैठ कर बातें करने लगीं। बातों बातों में रिश्तों की परतें खुलने लगीं। आखिर में पता यह चला की मेरा ससुर मेरी अम्मी का नंदोई निकल आया। बस अम्मी को जोश आ गया और उसने ससुर के लन्ड पर हाथ मार कर कहा अरे भोसड़ी के नंदोई अब तो दिखा मुझे अपना के मादर चोद लन्ड ? अम्मी ने उसके पैजामे का नाड़ा खोल डाला और हाथ नादर घुसेड़ कर लन्ड हिलाने लगीं। वह कुछ नहीं बोला बस अपना लन्ड हिलवाता रहा। २ मिनट में अम्मी ने लन्ड बाहर निकाल कर मुझे दिखाते हुए कहा ले बुर चोदी रेहाना देख ले अपने ससुर का लन्ड ? बेटी, अब मैं इसी लन्ड से चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी जोश में कहा अम्मी मैं भी इसी लन्ड से चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर और इसकी बहू की चूत ?
उसके बाद तो रात भर हम दोनों ने खूब जम कर चुदवाया
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