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बाल कटाने पर ब्यूटी पार्लर में चुदाई - Beauty Parlour Mein Massage chudai
ब्यूटी पार्लर में सेक्स मसाज़ चुदाई , Beauty Parlour Mein Massage chudai , ब्यूटी पार्लर में सेक्स , आंटी की कमसिन चूत , बाल कटवाने के बहाने चुद गई , चुदने की इच्छा जगी तो चुदने लगी.
अरे यार मैं तुम्हे सच बता रही हूँ निखत खान। तुमको तो मालूम ही है की मैं तो हमेशा बाल कटाने ब्यूटी पार्लर जाती हूँ. कभी अकेले जाती हूँ और कभी अपनी दोस्तों के साथ जाती हूँ। बाल कटवाने के साथ साथ मैं अपनी झांटें भी बनवा कर आती हूँ। मुझे अपनी चूत के चबूतरे पर छोटी छोटी झांटों की डिजाइन बनवाने का बड़ा शौक है। आज शाम को मैं ब्यूटी पार्लर बाल कटवाने ही गयी थी पर वहां कुछ ऐसा हुआ की मैं बाल कटवाना भूल गयी और अपनी बुर चुदवाकर चली आई।
निखत बोली - अरे बुर चोदी नज़मा पहेलियाँ न बुझा ? पूरा किस्सा ज़रा सही सही विस्तार से बता मुझे की ये सब कैसे हुआ ? अगर तू चुदवाकर आ सकती है तो फिर मैं भी चुदवाकर आ सकती हूँ । मैं भी चुदवाने जाया करूंगी। मुझे नहीं मालूम था की ब्यूटी पार्लर में लण्ड भी मिलते हैं। चोदने वाले मरद भी मिलते हैं। अब तू मुझे सब कुछ खुल कर बता।
तो नज़मा अपनी कहानी सुनाने लगी :- इस बार मैं एक बड़े और बेहतर ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी। अंदर घुसते ही मैंने काउंटर पर एक लेडी को बैठे हुए देखा। मैंने उससे कहा मैं बाल कटवाने आयी हूँ।
वह बोली - कहाँ के बाल कटवाने आयी हो ?
मैंने कहा - मैं सर के बाल कटवाने और ऑय ब्रो बनवाने आईं हूँ।
वह बोली - क्या नीचे के बाल भी बनवाओगी ? मेरा मतलब क्या अपनी झांटें भी बनवाओगी ?
मैंने कहा - हां मुझे अपनी झांटों की डिज़ाइन भी बनवानी है।
वह बोली - ठीक है तो तुम अंदर मिस लूसी के पास जाओ। वह सारा इंतज़ाम कर देगी।
मैं लूसी के पास चली गई।
उसने मुझसे एक अज़ब तरह का सवाल पूंछा - क्या तुम लड़कों से बाल कटवाओगी या फिर लड़कियों से ?
मैंने कहा - लड़कों से।
उसने फिर पूंछा - क्या नंगे लड़कों से ये कपड़े पहने हुए लड़कों से ?
मैं सवाल सुनकर थोड़ा रोमांचित हो गयी और बोली - मैं नंगे लड़के से बाल कटवाऊंगी।
बस वह मुझे अंदर एक कमरे में ले गई और कुर्शी पर बैठा दिया। लूसी मेरे बाल सहलाने लगी और मेरी चूँचियों पर भी हाथ फिराने लगी। उसने फिर धीरे से मेरी ऊपर के कपड़े खोल डाला और मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी कर दीं। वह हाथ नीचे भी ले गयी और मेरी चूत को भी सहलाया।
इतने में सामने से दो लड़के एकदम नंगे नंगे आते हुए दिखे। मैं दोनों को देख कर बड़ी उत्तेजित हो गई। दोनों ही बहुत गोरे चिट्टे थे। एकदम नंगे थे, उनके लण्ड खड़े थे, और उनकी झांटें एकदम साफ़ थीं। उनके लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया मेरी चूत गीली हो गयी। लण्ड लगभग 9" के थे और मोटे भी 5"+ थे। लूसी ने बताया की ये दोनों लड़के कश्मीरी हैं। इनके नाम है ज़फर और सफी। दोनों मुस्लिम लण्ड सच में बड़े खूबसूरत थे । लण्ड के बड़े बड़े लाल लाल सुपाड़े चमक रहे थे। मेरा मन हुआ की मैं इन्हे अपनी चूत में भी पेलूं और अपनी माँ के भोसड़ा में भी। जैसे ही वे दोनों मेरे पास आये वैसे मैंने लपक कर अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड पकड़ लिया। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। तब मुझे अचानक ख्याल आया तो मैंने अपना मोबाईल देकर लूसी से कहा यार तुम मेरा वीडियो बना लो। मैं इसे अपनी अम्मी जान को, खाला जान को फूफी जान को और सबको दिखाऊंगी ताकि उन सबकी चूत में आग लग जाए। उधर वीडियो बनाने लगा और मैं इधर दोनों लण्ड मस्ती से चाटने लगी ज़फर से अपनी बुर भी चटवाने लगी। मेरी झांटें छोटी छोटी ही थीं। लूसी बोली तुम झांटें बनवाओगी न ?
मैंने कहा नहीं यार पहले तो मैं सिर्फ चुदवाऊंगी। मैं बहुत चुदासी हो गयी हूँ। मैं जल्दी से जल्दी लण्ड दोनों अपनी चूत में घुसाना चाहती हूँ। आज बाल नहीं कटवाऊंगी। झांटें नहीं बनवाऊंगी। आज मैं लण्ड चाटूँगी, लण्ड चूसूंगी, लण्ड पियूँगी और लण्ड पेल पेल कर अपनी बुर चुदवाऊंगी।
मैंने उसकी चूत पर हाथ मार करा कहा - तेरी ये बुर चोदी बुर लण्ड पेलवाती है की नहीं ?
वह बोली - मैं तो हर रोज़ यहाँ से चुदवाकर ही जाती हूँ। मैं अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती हूँ और अपनी बहन की बुर भी। यहाँ मुझे एक से एक बेहतर लण्ड मिलते हैं।
इतने में ज़फर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। लण्ड घुसते ही मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैं भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी और साथ ही साथ सफी का लण्ड कभी चाटने, कभी चूसने और कभी ऊपर नीचे करते हुए सहलाने लगी। मैं बड़े मजे से दो दो लण्ड का आनंद लेने लगी। एक लण्ड मुंह में लेती तो दूसरा लण्ड बुर में। मैं तो ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह मस्ती से चुदवाने लगी. मेरा मन हुआ की मैं सबके सामने चुदवाऊँ और लोग मेरी चुदाई देखें ? मैंने मन ही ठान लिया की अब मैं हर काम के लिए यहाँ आया करूंगी और जितनी बार आऊंगी उतनी बार चुदवाकर ही जाऊंगी।
कुछ देर बाद सफी ने मुझे चोदना शुरू किया तो मैं ज़फर का लण्ड चूसने लगी। मैं बारी बारी से दोनों से चुदवाने लगी और लण्ड भी चूसने लगी। मैंने बोलने लगी हाय अल्लाह कितना मज़ा आ रहा है। कितने प्यारे लण्ड हैं तुम दोनों के ? चोद डालो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी चूत। मैं तुम्हारी बीवी हूँ यार। मुझे खूब जम कर चोदो। अंदर तक घुसेड़ दो लण्ड बहन चोद ? आज पहली बार मैं जबरदस्त मर्दों से चुदवा रही हूँ। क्या लौड़ा है यार ? बड़ा मस्त चोदते हो तुम लोग। मैं तुमसे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाऊंगी। यह सच है की दोनों ही लण्ड जबरदस्त थे और मेरी चूत का अच्छी तरह बाजा बजा रहे थे। मेरी चूत बुर चोदी चुद भी खूब रही थी और फट भी बहुत रही थी। मुझे लगा की कहीं मेरी चूत आज ही भोसड़ा न बन जाए ? आखिर में मैं बहन चोद झड़ गई। ढीली हो गयी मेरी बुर ? खलास हो गई मेरी चूत। तब मैंने देखा की वो दोनों भी एक एक करके झड़ने लगे हैं. तो मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड पिए और उनके सुपाड़े जबान निकाल निकाल कर चाटे। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैं अपना मोबाइल लेकर घर चली आयी।
निखत बोली - यार तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है। अब मैं घर जाकर किसी न किसी का लौड़ा अपनी बुर पेलूँगी तब ये आग बुझेगी। पर तू भोसड़ी वाली नज़मा ये तो बता की तूने घर आकर किया क्या ?
मैंने कहा - मैं जब घर आयी तो यहाँ का नज़ारा भी बड़ा मजेदार था। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान किसी मस्त जवान लड़के से चुदवा रहीं हैं। मैं बेधड़क अंदर घुस गयी और बोली वाओ, अम्मी जान ये क्या हो रहा है ? वह तो बड़ी बेशरमी से बोली - तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है, बेटी नज़मा ?
मैंने भी उसी मस्ती में पूंछा - कौन चोद रहा है मेरी माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ?
उसने जबाब दिया - बेटी ये मेरी सहेली का बेटा है सल्लू । पूरा मरद हो गया है। इसका लौड़ा बुर चोदने वाला हो गया है तो मैंने कहा अच्छा आज तुम मेरा भोसड़ा चोद कर दिखाओ, बेटा तो ये बहन चोद मेरे ऊपर चढ़ कर चोदने लगा। मुझे एहसास हुआ की सच में ये मरद हो गया है और इसका लौड़ा भोसड़ा फाड़ने वाला हो गया है। मुझे क्या मुझे तो लौड़ा चाहिए अपनी बुर में घुसाने के लिए तो मैंने घुसा लिया और ये बड़े प्यार से चोदने लगा। मेरे पहुँचने पर भी न उसने चोदना बंद किया और न अम्मी जान ने चुदवाना।
मैंने पूंछा - सल्लू, क्या तुम अपनी माँ का भोसड़ा भी इसी तरह चोदते हो ?
वह बोला - हां चोदता हूँ। रोज़ नहीं कभी कभी चोदता हूँ।
मैंने पूंछा - तो फिर रोज़ किसका भोसड़ा चोदते हो ?
वह बोला - रोज़ किसी का नहीं पर हां किसी दिन खाला जान का भोसड़ा, किसी दिन फूफी का भोसड़ा, कभी चची जान का भोसड़ा, कभी इन सबकी बेटियों की बुर चोदता हूँ। पर चोदता मैं हर दिन हूँ। जिनको चोदता हूँ वो सब मुझसे बड़ी मस्ती से चुदवाती हैं। बल्कि वो तो खुद मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लेतीं हैं। इस तरह मैं हर दिन २/३ बुर में लण्ड पेलता हूँ। इतने में अचानक निखत का फोन आ गया और वह चली गयी। लेकिन मैं आपको बाकी की कहानी सुना रही हूँ दोस्तों।
वह साला अपनी गांड से जोर लगा लगा के अम्मी जान का भोसड़ा चोद रहा था। चुदाई देख कर मैं भी गरम हो गयी और बुरी तरह गरम हो गयी तो मैंने लण्ड अम्मी के भोसड़ा से निकाल लिया और उसे चूमने चाटने लगी। लौड़ा बहन चोद वाकई बड़ा मोटा और सॉलिड था। इसी बीच अम्मी ने कहा अरी भोसड़ी की नज़मा कपड़े खोल कर नंगी नंगी लण्ड चाटेगी तो ज्यादा मज़ा आएगा। फिर क्या मैं उठी और अपने सारे कपड़े खोल कर नंगी हो गयी। मैं लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और अम्मी की बुर में पेलने भी लगी।
मैंने कहा सच में क्या मस्त लौड़ा है अम्मी जान ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा मस्त लौड़ा तो ये भी है बेटी नज़मा ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला जान थीं। वह भी बुर चोदी नंगी थी और उसके हाथ में भी एक लण्ड था और लण्ड साला खड़ा खड़ा फुफकार मार रहा था। मैंने पूँछा खाला जान ये किसका लौड़ा है ? वह बोली ये मेरी बेटी के शौहर रज़ा का लौड़ा है। बस मेरा हाथ उस लौड़े पर भी चला गया। मैं प्यार से लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ भी चूमने लगी। बिना झांट का लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था। इतने में अम्मी जान ने सल्लू का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मैं चुदवाने लगी। उसी समय अम्मी ने रज़ा का लण्ड भोसड़ा में पेलवा लिया। वह भी मेरे सामने भकाभक चुदवाने लगी और मेरी खाला जान हम दोनों की चुदाई देखने के साथ साथ मेरे बूब्स मसलने लगीं और बीच बीच हम दोनों की बुर से लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगीं। लण्ड दो और हम तीन। तो मिल बांट कर मज़ा लेने का सिलसिला चल पड़ा।
हमारी चुदाई चल ही रही थी की अचानक मेरी खाला जान की बेटी हिना आ गयी। वह माँ की लौड़ी नंगी थी और उसका हाथ में भी टन टनाता हुआ लण्ड था। मैंने जब उसका मुंह देखा तो बोली हाय दईया हिना तू भोसड़ी की अपने ही अब्बू का लण्ड लिए घूम रही है।
वह तपाक से बोली अरे यार नज़मा जब मेरी अम्मी बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड लिए घूम रही है तो मैं उसके मियां का लण्ड लेकर घूम रही हूँ ? इसमें हर्ज़ ही क्या है ? जब मेरी अम्मी मेरे मियां का लण्ड पीती है तो मैं उसके मियां का लण्ड पीती हूँ। वो मेरे मियां से चुदवाती है तो मैं उसके मियां से चुदवाती हूँ। अब इसको तुम चाहे "wife swapping" कह लो और चाहे "husband swapping" ? दोनों का मतलब एक ही है। मैंने कहा - अच्छा तो तुम घर में बीवियों की अदला बदली कर लेती हो ? मियां की अदला बदली कर लेती हो। वह बोली - अरे यार हमारे समाज में बीवियों की क्या बेटियों की भी अदला बदली होती है। लोग एक दूसरे की बेटी चोदते हैं। एक दूसरे की बहन चोदते हैं, एक दूसरे की सास, बहू, नन्द, भौजाई सब चोदते हैं यहाँ तक अब तो लड़के एक दूसरे की माँ भी चोदने लगे हैं। मैं कई ऐसे लड़कों को जानती हूँ जो आमने सामने ही एक दूसरे की माँ चोदते हैं। मजे की बात तो यह है की उनकी माँ भी एक दूसरे के बेटे से ख़ुशी ख़ुशी चुदवाती हैं।
मेरी नज़र जब खालू के लण्ड पर पड़ी तो मैं गद गद हो गयी। मैंने पहले कभी खालू का लौड़ा देखा ही नहीं था।
मैंने उसे बड़ी देर तक देखती रही और फिर हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया। तब तक हिना ने अम्मी की चूत से सल्लू का लण्ड निकाल कर चाटने लगी। मैं खालू का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। खाला जान मेरी बुर चाटने लगी। हमारी चुदाई में नया मोड़ आ गया। मैं खालू से चुदवाने लगी, अम्मी जान रज़ा से चुदवाने लगीं और हिना सल्लू से चुदवाने लगी। खाला जान घूम घूम कर सबकी बुर चुदवा रही थी और सबके लण्ड बीच बीच में चाट भी रहीं थीं। तभी अचानक मेरा मामू जान भी मैदान में आ गया। उसने सबको नंगी नंगे देखा तो वह भी जोश में आ गया और अपना लण्ड खाला के होठों पर रख दिया। खाला जान अपने होंठों पर एक खड़ा देख कर चौंक भी गई और खुश भी हो गईं। उसने जबान निकली और लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
मैंने कहा - वाओ, मामू जान अपनी ही बहन को अपना लौड़ा चटवा रहे हो।
वह बोला - चुदाई में भाई बहन कुछ नहीं होता नज़मा। तू भी अपने भाई जान से भकाभक चुदवाती है। खाला मेरी गांड की तरफ अपना मुंह करके लेट गयीं और मैं खाला की गांड की तरफ मुंह किये हुए थी। मामू जान ने अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। मामू जान खाला जान की बुर चोदने लगा। मैं खालू से चुदवा रही थी। उधर अम्मी की गांड की तरफ मुंह करके हिना लेटी थी। हिना की गांड की तरफ अम्मी का मुंह था । हिना की बुर में सल्लू का लण्ड घुसा था और अम्मी जान की बुर में रज़ा का लण्ड। हम चारों की चूत का बाजा बजने लगा। वैसे हम मुसलमानो में चुदाई बिलकुल आज़ादी से होती है। चाहे जिसकी बुर चोदो और चाहे जिसका लौड़ा पेलवा लो अपनी बुर में, कोई बुरा नहीं मानता और कोई भी बुरा नहीं मानती। बेटी अपनी अब्बू का लण्ड पकड़ लेती है और अम्मी अपने बेटे का लण्ड ? सब कुछ जायज़ है हमारे समाज में।
मैं पहली बार खालू से चुदवा रही थी। मैंने कहा खालू जान तुमने मुझे पहले कभी क्यों नहीं चोदा ? तुमने अपनी बेटी की बुर में कई बार लौड़ा पेला लेकिन बुर में कभी नहीं ? उसने कहा - एक बात बताऊँ बेटी नज़मा। मैं जब यहाँ था तब तुम छोटी थी। फिर मैं दुबई चला गया और कई साल बाद आया। मैंने अपनी बेटी को जवानी में देखा। वह बहुत खूबसूरत निकल आयी थी और एक रात को जब मैं अपनी भाभी का भोसड़ा चोद रहा था तो मेरी बेटी मेरे सामने आ गई। वह लगभग नंगी थी। रात का समय और रात में लण्ड साला बड़ा खूंखार हो जाता है। मेरी बेटी अपने आपको रोक नहीं सकी और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया। बस फिर क्या मैंने घुसेड़ दिया लण्ड उसकी चूत में ? तब से मैं चोदने लगा उसे। ये इत्तिफाक है की मैं तुमसे पहले मिल नहीं पाया। तुम इतनी खूबसूरत हो नज़मा अगर पहले मिल जाती तो मैं उसी दिन लौड़ा तेरी बुर में घुसा देता। ऐसा बोल कर खालू ने मुझे चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। उस रात हम सबने खूब लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। मुझे उस दिन की चुदाई आज भी याद है। मुझे ही नहीं अम्मी, खाला और हिना को भी याद है।
दूसरे दिन निखत का फोन आया. उसने कहा यार नज़मा तू अभी इसी समय मेरे घर आ जा और मैं पहुँच भी गई। उसने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुला लिया फिर दरवाजा बंद कर दिया।
फिर मैंने रात भर उन दोनों लड़कों से यानी निखत के भाई जान और फूफी के बेटे से चुदवाया और कई बार चुदवाया।
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तो नज़मा अपनी कहानी सुनाने लगी :- इस बार मैं एक बड़े और बेहतर ब्यूटी पार्लर पहुँच गयी। अंदर घुसते ही मैंने काउंटर पर एक लेडी को बैठे हुए देखा। मैंने उससे कहा मैं बाल कटवाने आयी हूँ।
वह बोली - कहाँ के बाल कटवाने आयी हो ?
मैंने कहा - मैं सर के बाल कटवाने और ऑय ब्रो बनवाने आईं हूँ।
वह बोली - क्या नीचे के बाल भी बनवाओगी ? मेरा मतलब क्या अपनी झांटें भी बनवाओगी ?
मैंने कहा - हां मुझे अपनी झांटों की डिज़ाइन भी बनवानी है।
वह बोली - ठीक है तो तुम अंदर मिस लूसी के पास जाओ। वह सारा इंतज़ाम कर देगी।
मैं लूसी के पास चली गई।
उसने मुझसे एक अज़ब तरह का सवाल पूंछा - क्या तुम लड़कों से बाल कटवाओगी या फिर लड़कियों से ?
मैंने कहा - लड़कों से।
उसने फिर पूंछा - क्या नंगे लड़कों से ये कपड़े पहने हुए लड़कों से ?
मैं सवाल सुनकर थोड़ा रोमांचित हो गयी और बोली - मैं नंगे लड़के से बाल कटवाऊंगी।
बस वह मुझे अंदर एक कमरे में ले गई और कुर्शी पर बैठा दिया। लूसी मेरे बाल सहलाने लगी और मेरी चूँचियों पर भी हाथ फिराने लगी। उसने फिर धीरे से मेरी ऊपर के कपड़े खोल डाला और मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी कर दीं। वह हाथ नीचे भी ले गयी और मेरी चूत को भी सहलाया।
इतने में सामने से दो लड़के एकदम नंगे नंगे आते हुए दिखे। मैं दोनों को देख कर बड़ी उत्तेजित हो गई। दोनों ही बहुत गोरे चिट्टे थे। एकदम नंगे थे, उनके लण्ड खड़े थे, और उनकी झांटें एकदम साफ़ थीं। उनके लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया मेरी चूत गीली हो गयी। लण्ड लगभग 9" के थे और मोटे भी 5"+ थे। लूसी ने बताया की ये दोनों लड़के कश्मीरी हैं। इनके नाम है ज़फर और सफी। दोनों मुस्लिम लण्ड सच में बड़े खूबसूरत थे । लण्ड के बड़े बड़े लाल लाल सुपाड़े चमक रहे थे। मेरा मन हुआ की मैं इन्हे अपनी चूत में भी पेलूं और अपनी माँ के भोसड़ा में भी। जैसे ही वे दोनों मेरे पास आये वैसे मैंने लपक कर अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड पकड़ लिया। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। तब मुझे अचानक ख्याल आया तो मैंने अपना मोबाईल देकर लूसी से कहा यार तुम मेरा वीडियो बना लो। मैं इसे अपनी अम्मी जान को, खाला जान को फूफी जान को और सबको दिखाऊंगी ताकि उन सबकी चूत में आग लग जाए। उधर वीडियो बनाने लगा और मैं इधर दोनों लण्ड मस्ती से चाटने लगी ज़फर से अपनी बुर भी चटवाने लगी। मेरी झांटें छोटी छोटी ही थीं। लूसी बोली तुम झांटें बनवाओगी न ?
मैंने कहा नहीं यार पहले तो मैं सिर्फ चुदवाऊंगी। मैं बहुत चुदासी हो गयी हूँ। मैं जल्दी से जल्दी लण्ड दोनों अपनी चूत में घुसाना चाहती हूँ। आज बाल नहीं कटवाऊंगी। झांटें नहीं बनवाऊंगी। आज मैं लण्ड चाटूँगी, लण्ड चूसूंगी, लण्ड पियूँगी और लण्ड पेल पेल कर अपनी बुर चुदवाऊंगी।
मैंने उसकी चूत पर हाथ मार करा कहा - तेरी ये बुर चोदी बुर लण्ड पेलवाती है की नहीं ?
वह बोली - मैं तो हर रोज़ यहाँ से चुदवाकर ही जाती हूँ। मैं अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती हूँ और अपनी बहन की बुर भी। यहाँ मुझे एक से एक बेहतर लण्ड मिलते हैं।
इतने में ज़फर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। लण्ड घुसते ही मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैं भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी और साथ ही साथ सफी का लण्ड कभी चाटने, कभी चूसने और कभी ऊपर नीचे करते हुए सहलाने लगी। मैं बड़े मजे से दो दो लण्ड का आनंद लेने लगी। एक लण्ड मुंह में लेती तो दूसरा लण्ड बुर में। मैं तो ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह मस्ती से चुदवाने लगी. मेरा मन हुआ की मैं सबके सामने चुदवाऊँ और लोग मेरी चुदाई देखें ? मैंने मन ही ठान लिया की अब मैं हर काम के लिए यहाँ आया करूंगी और जितनी बार आऊंगी उतनी बार चुदवाकर ही जाऊंगी।
कुछ देर बाद सफी ने मुझे चोदना शुरू किया तो मैं ज़फर का लण्ड चूसने लगी। मैं बारी बारी से दोनों से चुदवाने लगी और लण्ड भी चूसने लगी। मैंने बोलने लगी हाय अल्लाह कितना मज़ा आ रहा है। कितने प्यारे लण्ड हैं तुम दोनों के ? चोद डालो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी चूत। मैं तुम्हारी बीवी हूँ यार। मुझे खूब जम कर चोदो। अंदर तक घुसेड़ दो लण्ड बहन चोद ? आज पहली बार मैं जबरदस्त मर्दों से चुदवा रही हूँ। क्या लौड़ा है यार ? बड़ा मस्त चोदते हो तुम लोग। मैं तुमसे अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाऊंगी। यह सच है की दोनों ही लण्ड जबरदस्त थे और मेरी चूत का अच्छी तरह बाजा बजा रहे थे। मेरी चूत बुर चोदी चुद भी खूब रही थी और फट भी बहुत रही थी। मुझे लगा की कहीं मेरी चूत आज ही भोसड़ा न बन जाए ? आखिर में मैं बहन चोद झड़ गई। ढीली हो गयी मेरी बुर ? खलास हो गई मेरी चूत। तब मैंने देखा की वो दोनों भी एक एक करके झड़ने लगे हैं. तो मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड पिए और उनके सुपाड़े जबान निकाल निकाल कर चाटे। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैं अपना मोबाइल लेकर घर चली आयी।
निखत बोली - यार तूने तो मेरी चूत में आग लगा दी है। अब मैं घर जाकर किसी न किसी का लौड़ा अपनी बुर पेलूँगी तब ये आग बुझेगी। पर तू भोसड़ी वाली नज़मा ये तो बता की तूने घर आकर किया क्या ?
मैंने कहा - मैं जब घर आयी तो यहाँ का नज़ारा भी बड़ा मजेदार था। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान किसी मस्त जवान लड़के से चुदवा रहीं हैं। मैं बेधड़क अंदर घुस गयी और बोली वाओ, अम्मी जान ये क्या हो रहा है ? वह तो बड़ी बेशरमी से बोली - तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है, बेटी नज़मा ?
मैंने भी उसी मस्ती में पूंछा - कौन चोद रहा है मेरी माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ?
उसने जबाब दिया - बेटी ये मेरी सहेली का बेटा है सल्लू । पूरा मरद हो गया है। इसका लौड़ा बुर चोदने वाला हो गया है तो मैंने कहा अच्छा आज तुम मेरा भोसड़ा चोद कर दिखाओ, बेटा तो ये बहन चोद मेरे ऊपर चढ़ कर चोदने लगा। मुझे एहसास हुआ की सच में ये मरद हो गया है और इसका लौड़ा भोसड़ा फाड़ने वाला हो गया है। मुझे क्या मुझे तो लौड़ा चाहिए अपनी बुर में घुसाने के लिए तो मैंने घुसा लिया और ये बड़े प्यार से चोदने लगा। मेरे पहुँचने पर भी न उसने चोदना बंद किया और न अम्मी जान ने चुदवाना।
मैंने पूंछा - सल्लू, क्या तुम अपनी माँ का भोसड़ा भी इसी तरह चोदते हो ?
वह बोला - हां चोदता हूँ। रोज़ नहीं कभी कभी चोदता हूँ।
मैंने पूंछा - तो फिर रोज़ किसका भोसड़ा चोदते हो ?
वह बोला - रोज़ किसी का नहीं पर हां किसी दिन खाला जान का भोसड़ा, किसी दिन फूफी का भोसड़ा, कभी चची जान का भोसड़ा, कभी इन सबकी बेटियों की बुर चोदता हूँ। पर चोदता मैं हर दिन हूँ। जिनको चोदता हूँ वो सब मुझसे बड़ी मस्ती से चुदवाती हैं। बल्कि वो तो खुद मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लेतीं हैं। इस तरह मैं हर दिन २/३ बुर में लण्ड पेलता हूँ। इतने में अचानक निखत का फोन आ गया और वह चली गयी। लेकिन मैं आपको बाकी की कहानी सुना रही हूँ दोस्तों।
वह साला अपनी गांड से जोर लगा लगा के अम्मी जान का भोसड़ा चोद रहा था। चुदाई देख कर मैं भी गरम हो गयी और बुरी तरह गरम हो गयी तो मैंने लण्ड अम्मी के भोसड़ा से निकाल लिया और उसे चूमने चाटने लगी। लौड़ा बहन चोद वाकई बड़ा मोटा और सॉलिड था। इसी बीच अम्मी ने कहा अरी भोसड़ी की नज़मा कपड़े खोल कर नंगी नंगी लण्ड चाटेगी तो ज्यादा मज़ा आएगा। फिर क्या मैं उठी और अपने सारे कपड़े खोल कर नंगी हो गयी। मैं लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और अम्मी की बुर में पेलने भी लगी।
मैंने कहा सच में क्या मस्त लौड़ा है अम्मी जान ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा मस्त लौड़ा तो ये भी है बेटी नज़मा ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला जान थीं। वह भी बुर चोदी नंगी थी और उसके हाथ में भी एक लण्ड था और लण्ड साला खड़ा खड़ा फुफकार मार रहा था। मैंने पूँछा खाला जान ये किसका लौड़ा है ? वह बोली ये मेरी बेटी के शौहर रज़ा का लौड़ा है। बस मेरा हाथ उस लौड़े पर भी चला गया। मैं प्यार से लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ भी चूमने लगी। बिना झांट का लण्ड बड़ा खूबसूरत लग रहा था। इतने में अम्मी जान ने सल्लू का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मैं चुदवाने लगी। उसी समय अम्मी ने रज़ा का लण्ड भोसड़ा में पेलवा लिया। वह भी मेरे सामने भकाभक चुदवाने लगी और मेरी खाला जान हम दोनों की चुदाई देखने के साथ साथ मेरे बूब्स मसलने लगीं और बीच बीच हम दोनों की बुर से लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगीं। लण्ड दो और हम तीन। तो मिल बांट कर मज़ा लेने का सिलसिला चल पड़ा।
हमारी चुदाई चल ही रही थी की अचानक मेरी खाला जान की बेटी हिना आ गयी। वह माँ की लौड़ी नंगी थी और उसका हाथ में भी टन टनाता हुआ लण्ड था। मैंने जब उसका मुंह देखा तो बोली हाय दईया हिना तू भोसड़ी की अपने ही अब्बू का लण्ड लिए घूम रही है।
वह तपाक से बोली अरे यार नज़मा जब मेरी अम्मी बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड लिए घूम रही है तो मैं उसके मियां का लण्ड लेकर घूम रही हूँ ? इसमें हर्ज़ ही क्या है ? जब मेरी अम्मी मेरे मियां का लण्ड पीती है तो मैं उसके मियां का लण्ड पीती हूँ। वो मेरे मियां से चुदवाती है तो मैं उसके मियां से चुदवाती हूँ। अब इसको तुम चाहे "wife swapping" कह लो और चाहे "husband swapping" ? दोनों का मतलब एक ही है। मैंने कहा - अच्छा तो तुम घर में बीवियों की अदला बदली कर लेती हो ? मियां की अदला बदली कर लेती हो। वह बोली - अरे यार हमारे समाज में बीवियों की क्या बेटियों की भी अदला बदली होती है। लोग एक दूसरे की बेटी चोदते हैं। एक दूसरे की बहन चोदते हैं, एक दूसरे की सास, बहू, नन्द, भौजाई सब चोदते हैं यहाँ तक अब तो लड़के एक दूसरे की माँ भी चोदने लगे हैं। मैं कई ऐसे लड़कों को जानती हूँ जो आमने सामने ही एक दूसरे की माँ चोदते हैं। मजे की बात तो यह है की उनकी माँ भी एक दूसरे के बेटे से ख़ुशी ख़ुशी चुदवाती हैं।
मेरी नज़र जब खालू के लण्ड पर पड़ी तो मैं गद गद हो गयी। मैंने पहले कभी खालू का लौड़ा देखा ही नहीं था।
मैंने कहा - वाओ, मामू जान अपनी ही बहन को अपना लौड़ा चटवा रहे हो।
वह बोला - चुदाई में भाई बहन कुछ नहीं होता नज़मा। तू भी अपने भाई जान से भकाभक चुदवाती है। खाला मेरी गांड की तरफ अपना मुंह करके लेट गयीं और मैं खाला की गांड की तरफ मुंह किये हुए थी। मामू जान ने अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। मामू जान खाला जान की बुर चोदने लगा। मैं खालू से चुदवा रही थी। उधर अम्मी की गांड की तरफ मुंह करके हिना लेटी थी। हिना की गांड की तरफ अम्मी का मुंह था । हिना की बुर में सल्लू का लण्ड घुसा था और अम्मी जान की बुर में रज़ा का लण्ड। हम चारों की चूत का बाजा बजने लगा। वैसे हम मुसलमानो में चुदाई बिलकुल आज़ादी से होती है। चाहे जिसकी बुर चोदो और चाहे जिसका लौड़ा पेलवा लो अपनी बुर में, कोई बुरा नहीं मानता और कोई भी बुरा नहीं मानती। बेटी अपनी अब्बू का लण्ड पकड़ लेती है और अम्मी अपने बेटे का लण्ड ? सब कुछ जायज़ है हमारे समाज में।
मैं पहली बार खालू से चुदवा रही थी। मैंने कहा खालू जान तुमने मुझे पहले कभी क्यों नहीं चोदा ? तुमने अपनी बेटी की बुर में कई बार लौड़ा पेला लेकिन बुर में कभी नहीं ? उसने कहा - एक बात बताऊँ बेटी नज़मा। मैं जब यहाँ था तब तुम छोटी थी। फिर मैं दुबई चला गया और कई साल बाद आया। मैंने अपनी बेटी को जवानी में देखा। वह बहुत खूबसूरत निकल आयी थी और एक रात को जब मैं अपनी भाभी का भोसड़ा चोद रहा था तो मेरी बेटी मेरे सामने आ गई। वह लगभग नंगी थी। रात का समय और रात में लण्ड साला बड़ा खूंखार हो जाता है। मेरी बेटी अपने आपको रोक नहीं सकी और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया। बस फिर क्या मैंने घुसेड़ दिया लण्ड उसकी चूत में ? तब से मैं चोदने लगा उसे। ये इत्तिफाक है की मैं तुमसे पहले मिल नहीं पाया। तुम इतनी खूबसूरत हो नज़मा अगर पहले मिल जाती तो मैं उसी दिन लौड़ा तेरी बुर में घुसा देता। ऐसा बोल कर खालू ने मुझे चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी। उस रात हम सबने खूब लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। मुझे उस दिन की चुदाई आज भी याद है। मुझे ही नहीं अम्मी, खाला और हिना को भी याद है।
दूसरे दिन निखत का फोन आया. उसने कहा यार नज़मा तू अभी इसी समय मेरे घर आ जा और मैं पहुँच भी गई। उसने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुला लिया फिर दरवाजा बंद कर दिया।
- मैंने पूंछा - क्या कर रही हो निखत ?
- वह बोली - अपनी माँ चुदा रही हूँ यार ?
- वाओ क्यों झूंठ बोल रही मुझसे ? चूतिया बना रही हो मुझे ?
- नहीं यार मुझे क्या मिलेगा तुम्हे चूतिया बनाकर ?
- तो फिर सच बताओ की क्या कर रही हो तुम।
- बताया न तुझे की मैं अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल रही हूँ। बड़ा मज़ा आ रहा है यार ?
- सच तुम सच कह रही हो न ?
- उसने अपनी चादर उतार दी। अंदर से वह भोसड़ी वाली एकदम नंगी थी. उसने कहा देखो न मैं सच में माँ चुदा रही हूँ, तुम अंदर चलो और खुद ही देख लो।
- मैं उसके साथ चली गई। मैंने देखा की सच में उसकी अम्मी जान किसी लड़के से चुदवा रहीं हैं लेकिन उसके बगल में एक और औरत एक लड़के से चुदवा रही है।
फिर मैंने रात भर उन दोनों लड़कों से यानी निखत के भाई जान और फूफी के बेटे से चुदवाया और कई बार चुदवाया।
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