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ससुर के लंड ने किया मदहोश - Sasur ke land ki pyasi bahu
ससुर के लंड ने किया मदहोश - Sasur ke land ki pyasi bahu , लौड़े की दीवानी , कामवासना में पागल , अन्तर्वासना में खोई लड़की , महिला की चुदाई , चोदो , चुदना चाहती हूँ , चुदवाने को तैयार हूँ.
मैं उस दिन रात को १२ बजे एकदम नंगी नंगी अपने चचिया ससुर के बेटे अंजुम हसन का लण्ड चाट रही थी। वह भी मेरी बुर चाट रहा था और हम दोनों 69 की पोजीशन में बने हुए थे। मुझे उसका लण्ड बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि वह मोटा भी था और सख्त भी। मेरे बगल में मेरी नन्द बुर चोदी अपने देवर का लण्ड पी रही थी। मैं बार बार उसका भी लण्ड देख रही थी। मुझे ग़ैर मर्दों के लण्ड से खास मोहब्बत है। मैं हर रोज़ किसी न किसी ग़ैर मरद से चुदवाती जरूर हूँ। मेरी दूसरी तरफ मेरी सासू जी अपने बहनोई के लण्ड से खेल रही थीं। कभी वह लण्ड अपनी चूँचियों पर रगड़ती, कभी अपने होंठों पर रगड़ती और कभी अपनी चूत और गांड पर। हम तीनो उस समय चुदाई के नशे में और ग़ैर मर्दों के लण्ड के नशे में चूर थीं।
इतने में मेरी नन्द बोली - भाभी जान, अभी तुम अंजुम भाई जान से चुदवा लो, किसी दिन तुझे मेरा शौहर भी चोदेगा, मेरा मामू जान भी अपना लण्ड पेलेगा तेरी चूत में ? मेरा खालू भी चोदेगा तुम्हे भाभी जान ?
मैंने भी मस्ती से और बड़ी मस्तानी अदा से कहा - देखती जाओ मेरी बुर चोदी नन्द रानी, किसी दिन तेरा बाप भी चोदेगा मुझे ? वह भी अपना लण्ड पेलेगा मेरी चूत में। वह बोली - अरे भाभी जान जब मेरा बाप अपना लण्ड तेरी बुर में पेलेगा तो तेरी बुर फट जाएगी बहन चोद। मेरे बाप का लण्ड जितना मोटा तगड़ा है उतना मोटा तगड़ा लण्ड मेरे कुनबे में किसी का नहीं है। मैंने कहा - देखती जाओ नन्द रानी, जिस दिन वह मेरी चूत देखेगा उसी दिन वह भोसड़ी का पागल हो जायेगा। बड़े बड़े लोग मेरी चूत देख कर पागल हो चुकें हैं नन्द रानी। तू भी सुन ले। तू मुझसे बच जा नहीं सकती। मैं किसी दिन तेरे बाप का लण्ड तेरी ही बुर में घुसा दूँगी। नन्द बोली - हाय अल्ला तो क्या तू मुझे कमजोर समझती है, माँ की लौड़ी। मैं मादर चोद बहुत हरामी चीज हूँ भाभी जान। मैंने तेरे बापू का लण्ड तेरी चूत में ठोंक दूँगी। जिस दिन मैं तेरे बाप के आगे नंगी हूँगी न उस दिन वह बहन चोद पागल हो जायेगा। मुझे नंगी देख कर बड़े बड़े लोगों के लण्ड अपने आप झड़ जातें हैं भाभी जान।
सास बोली - हाय अल्ला, तुम दोनों तो बड़ी मस्त मस्त बातें करती हो. तुम दोनों अपनी अपनी चूत की बातें कर रही हो। किसी को मेरे भोसड़ा का ख्याल ही नहीं है। मेरा भोसड़ा देख कर कई लोग होश गावं बैठते हैं। कई लोगों की जीभ लपलपाने लगती है, मेरा भोसड़ा चाटने के लिए मचलने लगते हैं। कई लोगों के लण्ड टन टनाने लगते हैं और जाने कितने लोग मुझे नंगी देख कर मुठ्ठ मारने लगते हैं।
इन बातों से चुदाई में जबरदस्त गर्मी आ गयी. चुदाई की रफ़्तार बढ़ गयी और फिर बजने लगी हम तीनों की एकसाथ बुर। मैं चुदवा रही थी अंजुम से पर पेल्हड़ सहला रही थी अपनी नन्द के देवर के। नन्द चुदवा रही थी अपने देवर से पर पेल्हड़ सहला रही थी अपनी अम्मी के बहनोई के। मेरी सास चुदवा रही थी अपने बहनोई से पर पेल्हड़ सहला रही थी मेरे चचिया ससुर के बेटे के ।
मेरा नाम बन्नो खातून है। मैं २४ साल की हूँ। मेरी सास का नाम है नसीबा बेगम ४६ साल की और मेरी नन्द है रजिया बेगम २५ साल की । नन्द का निकाह हो चुका है।
सास बोली - बन्नो बहू, तुझे मेरे देवर के बेटे से चुदवाने में मज़ा आ रहा है न ? मैंने जबाब दिया - हां सासू बहुत मज़ा रहा है। सास बोली - अरे मेरे बहनोई जी मुझे चोदने के बाद लण्ड मेरी बहू की नन्द की बुर में पेल देना ? सास अपनी बेटी की बुर चुदवाने के लिए बेताब हो रही थी। मेरी नन्द बोली - हाय अंजुम भाई जान तुम मेरी भाभी जान की बुर चोदने के बाद लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल देना . मेरी अम्मी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। इसकी बहू की चूत इसकी बिटिया की बुर ? मैं इन दोनों की बातें सुनकर मज़ा ले रही थी। उधर चुदाई बड़ी जोरों से चल रही थी। इतने में अंजुम हसन ने लण्ड मेरी नन्द की माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। वह अपनी अम्मी के बराबर अपनी बहन यानी मेरी नन्द की माँ चोदने लगा। तब तक नन्द के देवर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। तब नन्द ने अपनी अम्मी के बहनोई का लण्ड कपड़ कर अपनी चूत में पेल लिया। इस तरह मैं नन्द के देवर से चुदवाने लगी, नन्द अपनी माँ के बहनोई से चुदवाने लगी और मेरी सास अपने देवर के बेटे अंजुम से चुदवाने लगी। चुदाई का माहौल और गरम हो गया।
आखिर में जब लण्ड झड़ने लगे तो हम सबने झड़ते हुए लण्ड पिए और चाटे। पहली चुदाई का मज़ा सबने लिया। मेरे दिमाग में नन्द की वह बात घर कर गयी की मेरे बाप के बराबर का लण्ड कुनबे में किसी का नहीं है। मैं तभी से अपने ससुर का लण्ड देखने के लिए तड़पने लगी। मैंने मन में ठान लिया की जल्दी ही ससुर का लण्ड पकड़ लूंगी और बिना चुदवाये उसे जाने नहीं दूँगी। मैं ससुराल में ही थी और अपने ससुर को अपने बस में करना चाहती थी। एक बात तो मेरे मन में पक्की हो गयी की अगर उसका लौड़ा सबसे बड़ा और मोटा है तो वह भोसड़ी वाला सबको चोदने में भी आगे रहता होगा। बड़े और मोटे लण्ड वाला आदमी साला अपना लण्ड सबकी बुर में पेलना जरूर चाहता है और जिसको यह बात मालूम हो जाती है वह औरत अपनी बुर उससे जल्दी से जल्दी चुदवा जरूर लेती है। मैं समझती हूँ की मेरे ससुर ने यहाँ सबकी बुर चोदी होगी और आज भी चोदता होगा, तो फिर वह मेरी भी बुर चोदना चाहता होगा।
मैं उसको रिझाने के लिए अपनी बड़ी बड़ी चूँचियों की झलक उसे दिखाने लगी। मुस्कराते हुए तिरछीं नज़रों से बातें करने लगी और मौका पाकर अपनी नंगी जाँघे और गांड दिखाने लगी। मेरी नज़र तो उसकी दोनों टांगों के बीच से हटती ही नहीं थी। मैं उसका लण्ड देखने के लिए बेताब हो रही थी। एक दिन मुझे मौका मिल ही गया। उस दिन रात को मेरी सास नंगी नंगी अपनी नन्द के बेटे के साथ लेटी थी और उसका लण्ड हिला रहीं थीं। वह भी सास की चूँचियाँ मसल रहा था। उधर मेरी नन्द भी नंगी नंगी अपने खालू जान का लौड़ा पी रही थी। ये सब देख कर मेरी चूत में भयानक आग लग गयी और मैं भी कोई लण्ड ढूढ़ने लगी।
तभी मुझे ख्याल आया की मेरा ससुर तो अपने कमरे में लेटा है। मैंने ऊपर के कपड़े उतार दिया और एक चुन्नी ओढ़ ली। नीचे एक पेटीकोट पहन लिया और कोई चीज लेने के बहाने मैं उसके पास चली गयी। उसने मुझे देख लिया। तभी मैंने झुक कर अपनी चुन्नी नीचे गिरा दी। अब मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी हो गईं। उसने आँखें फाड़ फाड़ कर मेरी चूँचियाँ देखीं।
मैंने मुंह बनाकर कहा ज़रा हौले हौले चोदना ससुर जी कहीं मेरी चूत फट न जाए बुर चोदी ? मैंने बड़े प्यार से उसके लण्ड का सुपाड़ा चाटना शुरू किया। पेल्हड़ भी बीच बीच में चाटने लगी। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। वह भी मेरी बुर चाटने में बड़ा इंटरेस्ट ले रहा था। बोला बहू तेरी बुर बड़ी स्वादिस्ट है। इसकी महक मेरे को पागल कर रही है। मैंने कहा अरे ससुर जी तेरे लण्ड की महक भी मुझे मदहोश कर रही है। इतनी रसीली बुर मैं आज पहली बार देख रहा हूँ। - वह साथ ही साथ मेरी मोटी जाँघों पर हाथ फेर फेर कर मुझे मदहोश कर रहा था। मेरे चूतड़ों पर भी प्यार से अपना हाथ फेर रहा था। मेरे चूतड़ों पर जब किसी मर्द का हाथ पड़ता है तो मुझे बड़ा मज़ा आता है। मैं उसका लण्ड अपने होठों पर, अपने माथे पर, अपनी नाक पर, अपनी आँखों पर, अपने गालों पर, अपनी गर्दन पर घुमा रही थी।
लण्ड के मुंह से लार टपक रही थी जिसे मैं चाटने लगी। वह लार मुझे पागल कर रही थी। अब तक मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी और मेरी चूत बड़ी जोसर से धधकने लगी थी। तभी मैंने लण्ड अपनी चूत पे रख कर कहा ससुर जी अब पेलो अपना लण्ड और चोदो मेरी बुर। उसने गचाक से बड़ी दूर तक पेल दिया अपना लण्ड। मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गई मैं। फट गई मेरी बुर अम्मी जान। इस मादर चोद का लण्ड बड़ा मोटा है। जान ले लेगा इसका भोसड़ी का लण्ड ? इसकी बहन का भोसड़ा ? मैं गालियां बकती जा रही थी और नीचे से धक्का भी मारती जा रही थी। वह मेरी बुर चोद रहा था तो मैं भी उसका लण्ड चोद रही थी। कमरे में एकदम नंगा नाच हो रहा था। दरवाजा खुला था खिड़की भी पूरी खुली थी। जिसका मन हो वो देखे बहू और ससुर की चुदाई। मज़ा ले मेरी चुदाई देख कर की कैसे एक बहू अपने ससुर से गचागच चुदवाती है और कैसे एक ससुर अपनी बहू की बुर भकाभक चोदता है।
थोड़ी देर में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और खुद घोड़ा बन कर पीछे से चोदने लगा। मुझे पीछे से चुदवाने में खूब अच्छा लगता है। मेरा अब्बू जान भी मुझे पीछे से चोदता है। मैं तो बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन बनी हुई थी। इतने में मैंने अपनी नन्द को देख लिया। मैंने कहा अरी वो बुर चोदी रजिया मेरी नन्द रानी, देख इधर तेरा बाप
मुझे चोद रहा है। मैंने कहा था न की तेरा बाप भी एक दिन मुझे चोदेगा तो देख लो आँखें खोल कर कितनी मस्ती से तेरा बाप मुझे चोद रहा है। मेरी चूत का गुलाम हो गया है तेरा ये भोसड़ी का बाप ? नन्द सच में मेरे पास आयी मेरी चुदाई बड़े गौर से देखने लगी। वह भी मादर चोद एकदम नंगी थी और अपने खालू से चुदवाकर आई थी। उसका लण्ड पीकर आई थी। नन्द आगे बढ़ी और लण्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटा, दो तीन बार चाटा और बोली हाय अब्बू जान आज तो तेरा लण्ड बड़ा खूंखार लग रहा है। मोटा तो है तेरा लँड़पर आज जितना मोटा दिख रहा ै उतना मोटा पहले कभी नहीं हुआ। शायद इसलिए की आज तुझे अपनी नई नवेली बहू की बुर चोदने को मिली है। वह बोला हां बेटी रजिया बात यही है। मेरा लण्ड साला नई जवान बुर देख कर खुशी से फूल कर कुप्पा हो जाता है। इतने में जाने कैसे और कहाँ से मेरी फुफिया सास की बेटी आ गयी। वह भी बाहन चोद नंगी थी। ज़ाहिर है की वह भी किसी स चुदवाकर ही आयी होगी। आते ही वह बोली हाय अल्ला, मामू जान ( मेरा ससुर उसका मामू जान है ) तेरा लण्ड तो मेरे अब्बू के लण्ड से मोटा है। साला बिलकुल नेवला लग रहा है, हरामजादा लण्ड । मैं भी इसे अपनी बुर में घुसाना चाहूंगी। मैंने कहा तू चिंता न कर नन्द रानी मैं खुद इसका लण्ड तेरी बुर में घुसा दूँगी। वह लण्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी और फिर मेरी बुर में घुसाने लगी। मुझे इस बात की ख़ुशी हुई की मेरी चुदाई आज यहाँ मेरी दोनों नन्द देख रही हैं, मज़ा ले रही हैं और मेरी चुदाई में सहयोग कर रही हैं वह भी नंगी नंगी।
मैं कुछ देर बाद ससुर के लण्ड पर बैठ गयी। मैंने अपनी पीठ ससुर के मुंह की तरफ की और अपनी दोनों टांगें मोड़ कर लण्ड पर बैठी तो लण्ड पूरा चूत में घुस गया। बस मैं अपने दोनों हाथ पीछे ज़मीन पर लगा कर अपनी गांड उछालने लगी , इस तरह लण्ड बार बार चूत में अंदर जाता और फिर बाहर निकल आता। इस तरह मैं बड़ी देर तक करती रही और मेरी दोनों नंदों ने तालियां बजा बजा कर मेरा हौसला बढ़ाया। थोड़ी देर में मैं खलास होने लगी। मेरी चूत ढीली होने लगी और उसका लौड़ा भी बोल गया था। मैंने उसे मुठ्ठी में लिया और अपना मुंह खोल कर सड़का मारने लगी। लण्ड साला मेरे मुंह में झड़ गया।
दूसरे दिन इत्तिफाक मेरा अब्बू आ गया। मेरी सास और नन्द दोनों उसे देख कर बड़ी खुश हुईं। और फिर नन्द का ससुर भी आ टपका। उधर शाम को मेरी सास बोली बहू रानी मैं पड़ोस में जा रही हूँ। वहां आज माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी है. मैं उसी में चुदवाने जा रही हूँ कल आऊंगी।
इधर रात को मैं, मेराअब्बू , मेरी नन्द और उसका ससुर चारों लोग बैठ कर बातें करने लगीं। बातों बातों में मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और जब वह खड़ा हो गया तो उसे अपनी नन्द को पकड़ा दिया।
मैंने कहा - नन्द रानी कल तेरे बाप ने मुझे चोदा था आज मेरा बाप तुझे चोदेगा।
वह खुश हो गयी और लण्ड पकड़ कर चाटने लगी। उधर मैंने उसके ससुर को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिला कर खड़ा कर दिया।
मैंने कहा - हाय मेरी नन्द की ससुर जी। लो अपनी बहू की भाभी का भोसड़ा चोदो।
इस तरह रात भर हम दोनों ने चुदाई का खूब मज़ा लिया।
०=०=०=०=०= समाप्त
इन बातों से चुदाई में जबरदस्त गर्मी आ गयी. चुदाई की रफ़्तार बढ़ गयी और फिर बजने लगी हम तीनों की एकसाथ बुर। मैं चुदवा रही थी अंजुम से पर पेल्हड़ सहला रही थी अपनी नन्द के देवर के। नन्द चुदवा रही थी अपने देवर से पर पेल्हड़ सहला रही थी अपनी अम्मी के बहनोई के। मेरी सास चुदवा रही थी अपने बहनोई से पर पेल्हड़ सहला रही थी मेरे चचिया ससुर के बेटे के ।
मेरा नाम बन्नो खातून है। मैं २४ साल की हूँ। मेरी सास का नाम है नसीबा बेगम ४६ साल की और मेरी नन्द है रजिया बेगम २५ साल की । नन्द का निकाह हो चुका है।
सास बोली - बन्नो बहू, तुझे मेरे देवर के बेटे से चुदवाने में मज़ा आ रहा है न ? मैंने जबाब दिया - हां सासू बहुत मज़ा रहा है। सास बोली - अरे मेरे बहनोई जी मुझे चोदने के बाद लण्ड मेरी बहू की नन्द की बुर में पेल देना ? सास अपनी बेटी की बुर चुदवाने के लिए बेताब हो रही थी। मेरी नन्द बोली - हाय अंजुम भाई जान तुम मेरी भाभी जान की बुर चोदने के बाद लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल देना . मेरी अम्मी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। इसकी बहू की चूत इसकी बिटिया की बुर ? मैं इन दोनों की बातें सुनकर मज़ा ले रही थी। उधर चुदाई बड़ी जोरों से चल रही थी। इतने में अंजुम हसन ने लण्ड मेरी नन्द की माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। वह अपनी अम्मी के बराबर अपनी बहन यानी मेरी नन्द की माँ चोदने लगा। तब तक नन्द के देवर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। तब नन्द ने अपनी अम्मी के बहनोई का लण्ड कपड़ कर अपनी चूत में पेल लिया। इस तरह मैं नन्द के देवर से चुदवाने लगी, नन्द अपनी माँ के बहनोई से चुदवाने लगी और मेरी सास अपने देवर के बेटे अंजुम से चुदवाने लगी। चुदाई का माहौल और गरम हो गया।
आखिर में जब लण्ड झड़ने लगे तो हम सबने झड़ते हुए लण्ड पिए और चाटे। पहली चुदाई का मज़ा सबने लिया। मेरे दिमाग में नन्द की वह बात घर कर गयी की मेरे बाप के बराबर का लण्ड कुनबे में किसी का नहीं है। मैं तभी से अपने ससुर का लण्ड देखने के लिए तड़पने लगी। मैंने मन में ठान लिया की जल्दी ही ससुर का लण्ड पकड़ लूंगी और बिना चुदवाये उसे जाने नहीं दूँगी। मैं ससुराल में ही थी और अपने ससुर को अपने बस में करना चाहती थी। एक बात तो मेरे मन में पक्की हो गयी की अगर उसका लौड़ा सबसे बड़ा और मोटा है तो वह भोसड़ी वाला सबको चोदने में भी आगे रहता होगा। बड़े और मोटे लण्ड वाला आदमी साला अपना लण्ड सबकी बुर में पेलना जरूर चाहता है और जिसको यह बात मालूम हो जाती है वह औरत अपनी बुर उससे जल्दी से जल्दी चुदवा जरूर लेती है। मैं समझती हूँ की मेरे ससुर ने यहाँ सबकी बुर चोदी होगी और आज भी चोदता होगा, तो फिर वह मेरी भी बुर चोदना चाहता होगा।
मैं उसको रिझाने के लिए अपनी बड़ी बड़ी चूँचियों की झलक उसे दिखाने लगी। मुस्कराते हुए तिरछीं नज़रों से बातें करने लगी और मौका पाकर अपनी नंगी जाँघे और गांड दिखाने लगी। मेरी नज़र तो उसकी दोनों टांगों के बीच से हटती ही नहीं थी। मैं उसका लण्ड देखने के लिए बेताब हो रही थी। एक दिन मुझे मौका मिल ही गया। उस दिन रात को मेरी सास नंगी नंगी अपनी नन्द के बेटे के साथ लेटी थी और उसका लण्ड हिला रहीं थीं। वह भी सास की चूँचियाँ मसल रहा था। उधर मेरी नन्द भी नंगी नंगी अपने खालू जान का लौड़ा पी रही थी। ये सब देख कर मेरी चूत में भयानक आग लग गयी और मैं भी कोई लण्ड ढूढ़ने लगी।
तभी मुझे ख्याल आया की मेरा ससुर तो अपने कमरे में लेटा है। मैंने ऊपर के कपड़े उतार दिया और एक चुन्नी ओढ़ ली। नीचे एक पेटीकोट पहन लिया और कोई चीज लेने के बहाने मैं उसके पास चली गयी। उसने मुझे देख लिया। तभी मैंने झुक कर अपनी चुन्नी नीचे गिरा दी। अब मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी हो गईं। उसने आँखें फाड़ फाड़ कर मेरी चूँचियाँ देखीं।
- मैंने चुन्नी उठाते हुए कहा - हाय अल्ला ये बुर चोदी बार बार गिर जाती है। मैंने जानबूझ कर गाली दी।
- तब ससुर बोला - अरे बहू रानी, गिर जाने दो न इसे। यहाँ कोई बाहर का मरद तो है नहीं ?
- मैंने कहा - बाहर का नहीं पर घर का मरद तो है ससुर जी।
- वह बोला - अरे बहू रानी, मैं कोई बाहर वाला नहीं हूँ। घर वाला हूँ।
- मैंने कहा - घर वाले हो पर मेरे लिए तो ग़ैर मरद ही हो न ससुर जी।
- वह बोला - अरी पगली घर वाला या कुनबे वाला कोई मरद ग़ैर मरद नहीं होता ? सब अपने ही मरद होतें हैं, बहू रानी । रात में हर एक बीवी सबकी बीवी हो जाती है। रात में तो बेटी भी बीवी बन जाती है। माँ, बेटी, बहन सब बीवी बन जाती है। सास, बहू, नन्द सब की सब सबकी बीवी बन जातीं हैं बहू रानी।
- मैं खुश हुई यह जानकार की ससुर जी वही बोल रहें है जो मैं चाहती हूँ। फिर भी मैंने शर्माने का नाटक किया। तो वह मेरा हाथ पकड़ कर बोला - अरे बहू रानी, अब न मुझे निराश करके जाओ और न इसे ( वह अपने लण्ड की तरफ इशारा करके बोला ) .
- मैंने बड़ी अदा से कहा - हाय अल्ला ये तो बहुत बड़ा है और बहुत मोटा है, बहन चोद, ससुर जी ? मुझे बड़ा दर्द होगा।
- वह बोला - नहीं बहू रानी, दर्द नहीं होगा। इसे तो तेरी नन्द भी लेती है उसे दर्द नहीं होता। तेरी जेठानी भी बड़े प्यार से इसे लेती है, उसे भी दर्द नहीं होता। तेरी खाला सास की बेटी, तेरी फुफिया सास की बेटी सब इसे लेतीं हैं किसी को दर्द नहो होता ? तुम्हे भी दर्द नहीं होगा। लो पकड़ लो और पकड़ कर देखो न मेरा लण्ड बहू रानी । अब और न तड़पाओ मुझे।
मैंने मुंह बनाकर कहा ज़रा हौले हौले चोदना ससुर जी कहीं मेरी चूत फट न जाए बुर चोदी ? मैंने बड़े प्यार से उसके लण्ड का सुपाड़ा चाटना शुरू किया। पेल्हड़ भी बीच बीच में चाटने लगी। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। वह भी मेरी बुर चाटने में बड़ा इंटरेस्ट ले रहा था। बोला बहू तेरी बुर बड़ी स्वादिस्ट है। इसकी महक मेरे को पागल कर रही है। मैंने कहा अरे ससुर जी तेरे लण्ड की महक भी मुझे मदहोश कर रही है। इतनी रसीली बुर मैं आज पहली बार देख रहा हूँ। - वह साथ ही साथ मेरी मोटी जाँघों पर हाथ फेर फेर कर मुझे मदहोश कर रहा था। मेरे चूतड़ों पर भी प्यार से अपना हाथ फेर रहा था। मेरे चूतड़ों पर जब किसी मर्द का हाथ पड़ता है तो मुझे बड़ा मज़ा आता है। मैं उसका लण्ड अपने होठों पर, अपने माथे पर, अपनी नाक पर, अपनी आँखों पर, अपने गालों पर, अपनी गर्दन पर घुमा रही थी।
लण्ड के मुंह से लार टपक रही थी जिसे मैं चाटने लगी। वह लार मुझे पागल कर रही थी। अब तक मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी और मेरी चूत बड़ी जोसर से धधकने लगी थी। तभी मैंने लण्ड अपनी चूत पे रख कर कहा ससुर जी अब पेलो अपना लण्ड और चोदो मेरी बुर। उसने गचाक से बड़ी दूर तक पेल दिया अपना लण्ड। मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गई मैं। फट गई मेरी बुर अम्मी जान। इस मादर चोद का लण्ड बड़ा मोटा है। जान ले लेगा इसका भोसड़ी का लण्ड ? इसकी बहन का भोसड़ा ? मैं गालियां बकती जा रही थी और नीचे से धक्का भी मारती जा रही थी। वह मेरी बुर चोद रहा था तो मैं भी उसका लण्ड चोद रही थी। कमरे में एकदम नंगा नाच हो रहा था। दरवाजा खुला था खिड़की भी पूरी खुली थी। जिसका मन हो वो देखे बहू और ससुर की चुदाई। मज़ा ले मेरी चुदाई देख कर की कैसे एक बहू अपने ससुर से गचागच चुदवाती है और कैसे एक ससुर अपनी बहू की बुर भकाभक चोदता है।
थोड़ी देर में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और खुद घोड़ा बन कर पीछे से चोदने लगा। मुझे पीछे से चुदवाने में खूब अच्छा लगता है। मेरा अब्बू जान भी मुझे पीछे से चोदता है। मैं तो बिलकुल ब्लू फिल्म की हीरोइन बनी हुई थी। इतने में मैंने अपनी नन्द को देख लिया। मैंने कहा अरी वो बुर चोदी रजिया मेरी नन्द रानी, देख इधर तेरा बाप
मैं कुछ देर बाद ससुर के लण्ड पर बैठ गयी। मैंने अपनी पीठ ससुर के मुंह की तरफ की और अपनी दोनों टांगें मोड़ कर लण्ड पर बैठी तो लण्ड पूरा चूत में घुस गया। बस मैं अपने दोनों हाथ पीछे ज़मीन पर लगा कर अपनी गांड उछालने लगी , इस तरह लण्ड बार बार चूत में अंदर जाता और फिर बाहर निकल आता। इस तरह मैं बड़ी देर तक करती रही और मेरी दोनों नंदों ने तालियां बजा बजा कर मेरा हौसला बढ़ाया। थोड़ी देर में मैं खलास होने लगी। मेरी चूत ढीली होने लगी और उसका लौड़ा भी बोल गया था। मैंने उसे मुठ्ठी में लिया और अपना मुंह खोल कर सड़का मारने लगी। लण्ड साला मेरे मुंह में झड़ गया।
दूसरे दिन इत्तिफाक मेरा अब्बू आ गया। मेरी सास और नन्द दोनों उसे देख कर बड़ी खुश हुईं। और फिर नन्द का ससुर भी आ टपका। उधर शाम को मेरी सास बोली बहू रानी मैं पड़ोस में जा रही हूँ। वहां आज माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी है. मैं उसी में चुदवाने जा रही हूँ कल आऊंगी।
इधर रात को मैं, मेराअब्बू , मेरी नन्द और उसका ससुर चारों लोग बैठ कर बातें करने लगीं। बातों बातों में मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और जब वह खड़ा हो गया तो उसे अपनी नन्द को पकड़ा दिया।
मैंने कहा - नन्द रानी कल तेरे बाप ने मुझे चोदा था आज मेरा बाप तुझे चोदेगा।
वह खुश हो गयी और लण्ड पकड़ कर चाटने लगी। उधर मैंने उसके ससुर को नंगा किया और उसका लौड़ा हिला हिला कर खड़ा कर दिया।
मैंने कहा - हाय मेरी नन्द की ससुर जी। लो अपनी बहू की भाभी का भोसड़ा चोदो।
इस तरह रात भर हम दोनों ने चुदाई का खूब मज़ा लिया।
०=०=०=०=०= समाप्त
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