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रात को लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं - Raat me land jyada achchhe lagte hai
रात को लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं - Raat me land jyada achchhe lagte hai , रात में घर के सभी कमरों में होती है चुदाई , चुदवाने की आवाज गूंजने लगती है , चुदती है सब औरतें , लंड किसी का हो बस चूत में चला जाए.
रात को 11.30 बजे मैंने अचानक अपनी सास को फोन लगा दिया और पूंछा सासू जी क्या कर रही हो इतनी रात गए ? वह बड़े प्यार से बोली लण्ड चाट रही हूँ बहू रानी तेरे अब्बू का ? बड़ा मज़ा आ रहा है। लण्ड तो तेरे अब्बू का मस्त भी है और जबरदस्त भी। फिर वह मुझसे पूंछ बैठी की बहू रानी तुम क्या कर रही हो ? मैंने कहा मैं अपने ससुर का लण्ड चाट रही हूँ, सासू जी। वह बोली हाय अल्ला इसका मतलब तू भी मज़ा आ कर रही है। मैंने फिर पूंछा सासू जी तेरी बेटी यानी मेरी नन्द क्या कर रहीं हैं ? सास ने कहा वह भी बुर चोदी मेरे ही बगल में नंगी नंगी लेटी हुई अपने ससुर का लण्ड चाट रही है। मैंने कहा हाय दईया सासू जी ये भोसड़ी वाले ससुर अपनी बहू से लण्ड बहुत चटवाते हैं. मेरा ससुर मुझसे अपना लण्ड चटवा रहा है। मेरी नन्द का ससुर अपनी बहू से अपना लण्ड चटवा रहा है ? सास बोली अरे बहू रानी रात को ये लण्ड साले बहुत अच्छे लगने लगते हैं। मैं तो बिना लण्ड के रात को सो नहीं सकती और यही हाल तेरी भोसड़ी वाली नन्द का भी है। वह भी माँ की लौड़ी बिना लण्ड के नहीं सोती। आज किसी और का लण्ड नहीं मिला तो अपने ही ससुर का लण्ड चाटने लगी। ससुर को भी कोई और चूत नहीं दिखाई पड़ी तो अपनी बहू की ही बुर चोदने का प्लान बना लिया। अब मुझे देखो। अभी शाम को तेरा अब्बू आ गया तो मैंने उसे रात में रोक लिया और कहा भाई जान अब तुम मेरा भोसड़ा चोद कर सवेरे चले जाना। जानती हो उसने क्या कहा ? उसने कहा हां भाभी जान मैं तेरा भोसड़ा भी चोदूंगा और तेरी बिटिया की बुर भी। तो आज रात को तेरा अब्बू तेरी सास का भोसड़ा भी चोदेगा और तेरी नन्द की बुर भी।
मेरा नाम निदा खान है मैं इस घर की बहू हूँ। मेरी सास शबाना खातून हैं, मेरी नन्द नादिरा है और मेरी अम्मी जाज आयशा हैं। मेरे अब्बू जान का नाम है हाफ़िज़। मैं २३ साल की हूँ शादी शुदा हूँ और आजकल अपनी मायके में हूँ। मैं निहायत खूबसूरत हूँ, गदराई हुई बदन की मल्लिका हूँ और बड़ी बोल्ड हूँ। मैं कभी भी किसी के भी सामने कुछ भी कर सकती हूँ। शादी के बाद तो मैं और बोल्ड हो गई हूँ। चोदा चोदी के मामले में मुझसे बड़ी बुर चोदी कोई और नहीं है चाहे मेरा मायका हो चाहे मेरी ससुराल हो। मैं आज सवेरे अपने ससुर के साथ अपने माईके आ गयी थी। मैंने रात में अपने ससुर को रोक लिया और रात को 11.30 बजे मैं अपने ससुर के आगे बिलकुल नंगी हो आगयी और फिर उसे नंगा करके मैं उसका लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मैं लण्ड कभी चूम रही थी, कभी चाट रही थी और कभी मुंह में लेकर पी रही थी और तभी मैंने अपनी अम्मी जान को फोन लगा दिया और मस्त भरी बातें करने लगी।
बातें जो हुई वो सब आपने सुनी। मैं अपने ससुर का लण्ड चाट रही थी। मेरी नन्द उधर अपने ससुर का लण्ड चाट रही थी और मेरी सास मेरे अब्बू का लण्ड रही थीं। मैं इधर अपने ससुर से चुदवाने जा रही थी और उधर मेरी नन्द और सास दोनों एक ही कमरे में अगल बगल नंगी नंगी लेट कर चुदवाने जा रहीं थीं। मुझे लण्ड बहुत ही अच्छा लग रहा था। ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। मैंने अपने आपको बड़ा नसीब वाली मानती हूँ की मुझे अपनी ससुराल के एक से एक बेहतर लण्ड मिल रहें हैं आजकल। आज मैं अपने माईके में अपने ससुर का लण्ड अपनी मस्तानी चूत में पेलने जा रही हूँ। कुछ देर में मेरे ससुर अरसद ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और पूरा एक हो बार में पेल दिया। लण्ड बहन चोद अंदर तक घुस गया और मैं उई माँ कह कर रह गयी। वह मुझे चोदने लगा और मैं भी जी जान से चुदवाने लगी। इतने में सासू जी ने फिर फोन मार दिया और पूंछा अरी निदा तेरी बुर चुद रही है की नहीं अभी ?
मैंने कहा - अरे सासू जी इस भोसड़ी वाले ने अपना 9" का लौड़ा मेरी चूत में एक ही बार में पेल दिया। जान निकल गयी मेरी ? ऐसा नहीं की मैंने पहले 9" के लौड़े से चुदवाया नहीं पर इसका लौड़ा साला बहुत मोटा है। मैंने भी पूंछा तो सास ने बताया हां बहू रानी तेरा अब्बू तो मेरी बुर अपनी बीवी की बुर समझ कर ले रहा है। और तेरी भोसड़ी वाली नन्द की बुर उसका ससुर ऐसे चोद रहा है जैसे वह अपनी बेटी की बुर चोदता है। मैंने कहा हाय दईया ये मादर चोद ससुर भी अपनी बेटी की भी बुर नहीं छोड़ते ? उसे भी चोद डालते हैं। इनकी बहन की भोसड़ा ? मैंने फिर बड़े प्यार से पूंछ ही लिया - ससुर जी क्या तुम अपनी बेटी की बुर चोदते हो ? वह बोला हां चोदता हूँ। एक बार मैं अपनी साली की बुर ले रहा था। वह भी मस्ती होकर मुझसे चुदवा रही थी। रात का समय था। जाने कहाँ से मेरी बेटी झूमती हुई आई और मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लिया। अब अगर कोई जवान लड़की मेरा खड़ा लण्ड पकड़ ले तो फिर लण्ड साला काबू के बाहर हो ही जाता है। फिर तो वह चूत में घुस कर ही दम लेता है, चूत चाहे बेटी की हो क्यों न हो ? बस मैंने पेल दिया लण्ड उसकी चूत में। वह भी मजे से चुदवाने लगी। फिर तो रास्ता खुल गया। वह अक्सर मेरा लण्ड पकड़ने लगी और मैं उसे चोदने लगा।
मेरी गालियां सुनकर मेरे ससुर को और जोश आ गया और तब ज्यादा रफ़्तार से चोदने लगा मेरी बुर। मैं बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी तभी मेरी खाला जान आ गयी।
मुझे देख कर बोली - हाय अल्लाह, तू अपने ससुर से चुदवा रही है निदा ?
मैंने कहा - हां खाला जान इसका लौड़ा मुझे पसंद आ गया तो मैं चुदवाने लगी।
वह बोली - ठीक है यार अब लण्ड पर किसी के रिश्ते का नाम तो लिखा नहीं है। अब मुझे देखो मैं भी अभी अभी अपनी बेटी के मियां से चुदवा कर रही हूँ।
मैंने पूंछा - तो वह फिर किससे चुदवा रही थी ?
खाला ने बताया - वह अपने चचा जान से चुदवा रही थी।
तब तक इधर ससुर का लण्ड उगलने लगा वीर्य जिसे मैं पीने लगी और पीने में मेरी खाला जान भी मेरा साथ देने लगीं। उसके लण्ड का सुपाड़ा चाटते हुए कहा निदा बेटी तेरे ससुर का लण्ड तो बड़ा स्वादिस्ट है। दो दिन बाद मैं अपनी ससुराल वापस आ गयी। मैं जब अपनी सास और नन्द से मिली तो वे दोनों दिल खुल कर मिलीं और मेरी खूब तारीफ किया।
मैनें कहा - नन्द रानी तेरे अब्बू का लौड़ा तो साला बिलकुल घोड़े के लौड़े जैसा है। मुझे बड़ा मज़ा आया तेरे बाप से चुदवाने में ? अब तो मैं अक्सर चुदवाया करूंगी उससे।
नन्द बोली - अरे भाभी जान तेरे अब्बू का लौड़ा भी बड़ा जबरदस्त है। पहले उसने मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ा और मेरी चूत फाड़ी। और फिर रात भर फाड़ता रहा हम दोनों की बुर ? मैंने आँख मारते हुए पूंछा अच्छा ये बताओ की आज कौन फाड़ेगा तेरी बुर ?
वह बोली - अब तो यह रात को ही पता चलेगा की कौन मेरी बुर फाड़ेगा, कौन तेरी बुर फाड़ेगा, कौन तेरी सास का भोसड़ा फाड़ेगा और कौन तेरी जेठानी की चूत ? किसका लण्ड किसकी बुर में घुसेगा ? कौन किसकी बेटी बहू माँ चोदेगा ? कौन किस किस की बुर में किस किस के सामने अपना लण्ड पेलेगा ?
शाम से ही सबकी उत्तेजना बढ़ने लगी। वहां का यह रिवाज़ था की रात को सब लोग नीचे ज़मीन में ही बिस्तर बिछा कर सब लोग सोते हैं। बच्चे अलग कमरे में सोते हैं और बड़े लोग नीचे इसी बिस्तर पर। मजे की बात यह की यहाँ आदमी और औरत बहुत कम कपड़े पहन कर सोते हैं। कुछ तो बिलकुल नंगे नंगे ही लेट जातें हैं। कुछ लुंगी पहन कर और कुछ पजामा पहन कर।
उस रात को मैं, मेरी नन्द, मेरी सास और मेरी जेठानी लेटी होनी थी। हमारे बदन पर भी बहुत थोड़े थोड़े कपड़े थे बिलकुल ना के बराबर। रात को हम जवान औरतों को जाने क्यों लण्ड बहुत अच्छे लगने लगते हैं। लण्ड जब तक नहीं मिलता बहन चोद तब तक किसी काम में मन ही नहीं लगता और लण्ड जब मिल जाता है तो फिर उसे देख देख कर गांड फट जाती है। क्योंकि बुर तो लण्ड ही फाड़ डालेगा। यार रात में ये बुर भोसड़ी की बहुत चुदासी हो जाती है और जब तक कोई लण्ड नहीं पेलता तब तक नींद भी नहीं आती।
इतने में सबसे पहले मेरा नंदोई आ गया। यानी मेरी नन्द नदिया का मियां वाहिद। उसे देख कर सास की आँखों में चमक आ गयी और वह हाथ बढाकर उसका लण्ड लुंगी के ऊपर से ही पकड़ लिया और बोली आज तू अपनी बीवी नहीं अपनी बीवी की माँ चोदेगा। सासू ने पजामा का नाडा खोला और उसे नंगा करके हम सबके सामने ही उसका लण्ड सहलाने लगी। उसके पीछे से मेरा चचिया ससुर आ गया। वह बोला भाभी जान मैं तेरी बिटिया की बुर कई बार चोद चुका हूँ पर आज मैं तेरे सामने तेरी बहू की बुर चोदूंगा। वह मेरे ऊपर आकर लेट गया। फिर करवट लेकर उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। मैंने देखा की उसका लौड़ा बहन चोद खड़ा हुआ है। लण्ड देख कर मैं मस्त हो गयी और अपनी चूत से कहा ले आज तेरी तो ईद है। आज तुझे एक नया लण्ड मिलने जा रहा है। तब तक उधर मेरी नन्द भोसड़ी वाली अपने मामू जान का लौड़ा हिलाने लगी। उसका लौड़ा भी बड़ा मोटा और कड़क था।
आखिर में मेरी जेठानी बची. वह भी किसी के आने का इंतज़ार करने लगी और तब तक इत्तिफाक से मेरा देवर आ गया। जेठानी ने उसे अपनी तरफ खींचा और बोली आ तू मेरी बुर चोद ले मेरे देवर राजा ? ज़रा खोल के दिखाओ अपना लण्ड ? मैं तो बड़ी बेशर्मी से पीने लगी और चचिया ससुर का लण्ड। मेरी नन्द अपने मामू जान का लण्ड पीने में लग गयी। मेरी सास अपनी बेटी के मियां का लौड़ा चपर चपर पीने लगी और मेरी जेठानी अपने देवर का लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगीं। तब तक हम सभी मादर चोद एकदम नंगी हो चुकीं थीं। मरद भी चारों एकदम नंगे थे। मुझे लण्ड पीने में जितना मज़ा आ रहा था उतना ही मज़ा दूसरों को लण्ड पीते हुए देखने में। यानी लण्ड भी देखो और लण्ड पीने वाली को भी देखो। अब तुम ही बताओ दोस्तों, इतनी बहन चोद मस्ती कहाँ देखने को मिलेगी ?
तब तक मेरे नंदोई ने पेल दिया लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में। उसकी सास मेरी भी सास थी। मैंने काह नंदोई राजा फाड़ डालो अपनी सास का भोसड़ा। ये भोसड़ी वाली बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत है। हर दिन किसी न किसी ग़ैर मरद से चुदवाती है। तब तक नन्द ने भी अपने मामू जान का लौड़ा पेलवा लिया अपनी बुर में। वह भी अपनी बीवी समझ कर अपनी बहन की बेटी की बुर चोदने लगा। हमारे समाज में हर आदमी साला अपनी बहन की बिटिया जरूर चोदता है। इतने में नन्द बोली अरे भाभी जान यहाँ तो ये भोसड़ी वाले मरद अपने बहन की बुर भी चोदते हैं और बहन की बेटी की बुर भी चोदते हैं। उधर मेरा देवर जेठानी की बुर इतनी मस्ती से ले रहा था जैसे जेठानी की बुर उसकी जागीर है। इस तरह हम चारों भकाभक चुदवाने में जुट गयीं। चारों की चूत का बाजा बजने लगा। हम सब एक दूसरे की चुदती हुई बुर देखने लगीं और एक दूसरे को प्यार से गालियां भी देने लगीं। सबसे पहले सास बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी नन्द बुर चोदी बहुत हरामजादी है।
नन्द बोली - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर ? तेरी सास तो बहुत बड़ी छिनार है
भाभी जान ?
तब तक जेठानी बोल पड़ी - निदा, तेरी जेठानी की माँ का भोसड़ा ? तेरी जेठानी की नन्द की बुर, सास की गांड। सास फिर बोली - हाय मेरी बेटी नादिरा, तेरे सामने तेरे मियां का लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ रहा है। और तू बड़ी बेशर्मी देख रही है। नन्द बोली - अच्छा इधर देख मेरी बुर चोदी अम्मी जान, तेरा भाई जान तेरी बेटी की बुर तेरे सामने खुले आम ले रहा है और तू कुछ बोलती नहीं। चुप चाप चुदवा रही है अपनी बेटी की बुर ? फिर मुझे बी न रहा गया। मैंने भी कहा - अरे नन्द रानी तेरी माँ भोसड़ी वाली अपनी बिटिया की बुर ही नहीं अपनी बहू की बुर भी चुदवा रही है। अपने देवर का लण्ड पेल रखा है इसने अपनी बहू की बुर में ? देखो न कितनी बेरहमी से चोद रहा है तेरा चचा जान मेरी चूत। मैंने कहा इससे की देखो ससुर जी ये न तेरी बेटी की चूत है और न तेरी बहन की चूत ? जो तू हमेशा चोदा करता है। ये है मेरे मियां की बीवी की चूत। तू इसे जिस तरह से चोद रहा है उसी तरह मेरा मियां तेरी बीवी चोदेगा, तेरी बहन का भोसड़ा चोदेगा और तेरी बिटिया की बुर भी। इन सब बातों से इन मर्दों में चोदने का जूनून सवार हो गया और वे सब दूनी रफ़्तार से चोदने लगे।
चोदते चोदते अचानक नन्द के मामू जान ने लण्ड लण्ड मेरी सास की भोसड़ा में पेल दिया। यानि वह अपनी ही बहन की बुर चोदने लगा। उसे देख कर मेरा देवर मेरो नन्द की बुर लेने लगा। वह अपनी बहन की बुर में लण्ड पेल पेल कर मज़ा लेने लगा। अब हमारे मुस्लिम समाज में बहन की बुर चोदना ज़ायज़ माना गया है। इसमें कोई गुनाह नहीं है। तब तक चचिया ससुर ने लण्ड मेरी बुर से निकाल कर जेठानी की बुर में ठोंक दिया और नंदोई ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह मुझे चोदने लगा। लण्ड बदला तो और मज़ा आ गया फिर तो हम सब और मस्ती से चुदवाने लगीं।
एक दिन मैं अपनी खाला सास के घर चली गयी। शाम को कुछ देर हो गई तो खाला सास ने मुझे वहीं रोक लिया और बोली बहू अब तुम आज नहीं कल जाना। मैं रात को रुक गयी। रात में सोने का वही इंतज़ाम था जैसा जी मेरी ससुराल में था। हम सब लेट गयीं और लेटे लेटे बातें करने लगीं। बातें फिर चुदाई की होने लगीं कर होने लगीं। खाला जान थीं उसकी बेटी हिना थी और मैं ? इतने में खाला का बेटा असद भी आ गया। असद के साथ हिना का शौहर साहिर भी था।
हम तीनो खूब गरमागरम बातें कर रहीं थी तो उसी मस्ती में खाला जान बोली - बेटा असद आज तुम हमारे सामने चोदो अपनी नई भाभी जान की बुर ?
मैं यह बात सुनकर हैरान हो गयी। मुझे मालूम हो गया की ये दोनों माँ बेटा चोदा चोदी में एकदम एक दूसरे से खुले हुए हैं। खाला फिर बोली बेटा साहिर तुम मेरी बेटी के मियां हो। बेटा तुमने अपनी बीवी कई बार चोदी होगी आज तुम अपनी बीवी की माँ चोदो और खूब अच्छी तरह चोदो। ऐसा कह कर खाला जान साहिर का पजामा खोलने लगी। पजामा खुलते ही उसका लण्ड खुल गया और खाला ने उसे पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर असद मेरे सामने एकदम नंगा खड़ा हो गया तो मैंने भी उसका लौड़ा पकड़ लिया। मैं लण्ड पकड़ कर चारों तरफ से देखने लगी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने लगी। अचानक किसी ने अपना लण्ड खाला की बेटी हिना को पकड़ा दिया। उसका लौड़ा इन दोनों लौंड़ों से बेहतर था। बाद में पता चला की वह लण्ड हिना के चचा जान का था। उसका लण्ड देख कर मैं सच में ललचा गई।
कुछ देर में असद मुझे अपनी माँ और बहन के सामने हचक हचक कर चोदने लगा। उधर साहिर ने लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। वह भी खाला की बुर अपनी बीवी की तरह चोदने लगा। मजे की बात यह थी की खाला जान अपने बेटे के सामने और अपनी ही बेटी के सामने उसी के मियां से चुदवाने लगीं थीं। हिना की बुर में जब उसके चचा जान का लौड़ा घुसा तो वह चिल्ला उठी। उई माँ फाड़ डाला मेरी बुर इस भोसड़ी वाले ने ,अम्मी जान। इसकी बहन का लण्ड ? इसकी बिटिया की बुर ? साला बड़ा बेरहम है ये और इसका लण्ड। मैंने उसकी गालियां खूब एन्जॉय किया। कुछ देर तक हम तीनो इन लोगों से भकाभक चुदवाती रहीं। इतने में जो हुआ उसकी मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी। मेरे बिलकुल सामने असद ने लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। यानी एक बेटा अपनी माँ का भोसड़ा धकाधक चोदने लगा ?
मैंने जब सवाल पूंछने का इशारा किया तो खाला ने कहा - अरी मेरी बहू रानी, बेटा जब मरद हो जाता है तो उससे चुदवाने में कोई हर्ज़ नहीं है। जब बेटे का लण्ड और मर्दों के लण्ड के बराबर हो जाता है तो उसे अपनी बुर में घुसाने ने कोई गुनाह नहीं है। ऐसा हमारे समाज में होता ही रहता है। मेरे कुनबे के सारे लड़के मेरे मोहल्ले के सारे लड़के अपनी अम्मी का भोसड़ा बड़े प्यार से चोदते हैं। और ये अम्मियाँ भी बड़ी मस्ती से अपने बेटों से चुदवाती हैं।
फिर तो चुदाई का जोश दूना हो गया।
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Tags: रात को लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं - Raat me land jyada achchhe lagte hai , रात में घर के सभी कमरों में होती है चुदाई , चुदवाने की आवाज गूंजने लगती है , चुदती है सब औरतें , लंड किसी का हो बस चूत में चला जाए.
रात को 11.30 बजे मैंने अचानक अपनी सास को फोन लगा दिया और पूंछा सासू जी क्या कर रही हो इतनी रात गए ? वह बड़े प्यार से बोली लण्ड चाट रही हूँ बहू रानी तेरे अब्बू का ? बड़ा मज़ा आ रहा है। लण्ड तो तेरे अब्बू का मस्त भी है और जबरदस्त भी। फिर वह मुझसे पूंछ बैठी की बहू रानी तुम क्या कर रही हो ? मैंने कहा मैं अपने ससुर का लण्ड चाट रही हूँ, सासू जी। वह बोली हाय अल्ला इसका मतलब तू भी मज़ा आ कर रही है। मैंने फिर पूंछा सासू जी तेरी बेटी यानी मेरी नन्द क्या कर रहीं हैं ? सास ने कहा वह भी बुर चोदी मेरे ही बगल में नंगी नंगी लेटी हुई अपने ससुर का लण्ड चाट रही है। मैंने कहा हाय दईया सासू जी ये भोसड़ी वाले ससुर अपनी बहू से लण्ड बहुत चटवाते हैं. मेरा ससुर मुझसे अपना लण्ड चटवा रहा है। मेरी नन्द का ससुर अपनी बहू से अपना लण्ड चटवा रहा है ? सास बोली अरे बहू रानी रात को ये लण्ड साले बहुत अच्छे लगने लगते हैं। मैं तो बिना लण्ड के रात को सो नहीं सकती और यही हाल तेरी भोसड़ी वाली नन्द का भी है। वह भी माँ की लौड़ी बिना लण्ड के नहीं सोती। आज किसी और का लण्ड नहीं मिला तो अपने ही ससुर का लण्ड चाटने लगी। ससुर को भी कोई और चूत नहीं दिखाई पड़ी तो अपनी बहू की ही बुर चोदने का प्लान बना लिया। अब मुझे देखो। अभी शाम को तेरा अब्बू आ गया तो मैंने उसे रात में रोक लिया और कहा भाई जान अब तुम मेरा भोसड़ा चोद कर सवेरे चले जाना। जानती हो उसने क्या कहा ? उसने कहा हां भाभी जान मैं तेरा भोसड़ा भी चोदूंगा और तेरी बिटिया की बुर भी। तो आज रात को तेरा अब्बू तेरी सास का भोसड़ा भी चोदेगा और तेरी नन्द की बुर भी।
मेरा नाम निदा खान है मैं इस घर की बहू हूँ। मेरी सास शबाना खातून हैं, मेरी नन्द नादिरा है और मेरी अम्मी जाज आयशा हैं। मेरे अब्बू जान का नाम है हाफ़िज़। मैं २३ साल की हूँ शादी शुदा हूँ और आजकल अपनी मायके में हूँ। मैं निहायत खूबसूरत हूँ, गदराई हुई बदन की मल्लिका हूँ और बड़ी बोल्ड हूँ। मैं कभी भी किसी के भी सामने कुछ भी कर सकती हूँ। शादी के बाद तो मैं और बोल्ड हो गई हूँ। चोदा चोदी के मामले में मुझसे बड़ी बुर चोदी कोई और नहीं है चाहे मेरा मायका हो चाहे मेरी ससुराल हो। मैं आज सवेरे अपने ससुर के साथ अपने माईके आ गयी थी। मैंने रात में अपने ससुर को रोक लिया और रात को 11.30 बजे मैं अपने ससुर के आगे बिलकुल नंगी हो आगयी और फिर उसे नंगा करके मैं उसका लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। मैं लण्ड कभी चूम रही थी, कभी चाट रही थी और कभी मुंह में लेकर पी रही थी और तभी मैंने अपनी अम्मी जान को फोन लगा दिया और मस्त भरी बातें करने लगी।
बातें जो हुई वो सब आपने सुनी। मैं अपने ससुर का लण्ड चाट रही थी। मेरी नन्द उधर अपने ससुर का लण्ड चाट रही थी और मेरी सास मेरे अब्बू का लण्ड रही थीं। मैं इधर अपने ससुर से चुदवाने जा रही थी और उधर मेरी नन्द और सास दोनों एक ही कमरे में अगल बगल नंगी नंगी लेट कर चुदवाने जा रहीं थीं। मुझे लण्ड बहुत ही अच्छा लग रहा था। ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है। मैंने अपने आपको बड़ा नसीब वाली मानती हूँ की मुझे अपनी ससुराल के एक से एक बेहतर लण्ड मिल रहें हैं आजकल। आज मैं अपने माईके में अपने ससुर का लण्ड अपनी मस्तानी चूत में पेलने जा रही हूँ। कुछ देर में मेरे ससुर अरसद ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और पूरा एक हो बार में पेल दिया। लण्ड बहन चोद अंदर तक घुस गया और मैं उई माँ कह कर रह गयी। वह मुझे चोदने लगा और मैं भी जी जान से चुदवाने लगी। इतने में सासू जी ने फिर फोन मार दिया और पूंछा अरी निदा तेरी बुर चुद रही है की नहीं अभी ?
मैंने कहा - अरे सासू जी इस भोसड़ी वाले ने अपना 9" का लौड़ा मेरी चूत में एक ही बार में पेल दिया। जान निकल गयी मेरी ? ऐसा नहीं की मैंने पहले 9" के लौड़े से चुदवाया नहीं पर इसका लौड़ा साला बहुत मोटा है। मैंने भी पूंछा तो सास ने बताया हां बहू रानी तेरा अब्बू तो मेरी बुर अपनी बीवी की बुर समझ कर ले रहा है। और तेरी भोसड़ी वाली नन्द की बुर उसका ससुर ऐसे चोद रहा है जैसे वह अपनी बेटी की बुर चोदता है। मैंने कहा हाय दईया ये मादर चोद ससुर भी अपनी बेटी की भी बुर नहीं छोड़ते ? उसे भी चोद डालते हैं। इनकी बहन की भोसड़ा ? मैंने फिर बड़े प्यार से पूंछ ही लिया - ससुर जी क्या तुम अपनी बेटी की बुर चोदते हो ? वह बोला हां चोदता हूँ। एक बार मैं अपनी साली की बुर ले रहा था। वह भी मस्ती होकर मुझसे चुदवा रही थी। रात का समय था। जाने कहाँ से मेरी बेटी झूमती हुई आई और मेरा खड़ा लण्ड पकड़ लिया। अब अगर कोई जवान लड़की मेरा खड़ा लण्ड पकड़ ले तो फिर लण्ड साला काबू के बाहर हो ही जाता है। फिर तो वह चूत में घुस कर ही दम लेता है, चूत चाहे बेटी की हो क्यों न हो ? बस मैंने पेल दिया लण्ड उसकी चूत में। वह भी मजे से चुदवाने लगी। फिर तो रास्ता खुल गया। वह अक्सर मेरा लण्ड पकड़ने लगी और मैं उसे चोदने लगा।
मेरी गालियां सुनकर मेरे ससुर को और जोश आ गया और तब ज्यादा रफ़्तार से चोदने लगा मेरी बुर। मैं बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी तभी मेरी खाला जान आ गयी।
मुझे देख कर बोली - हाय अल्लाह, तू अपने ससुर से चुदवा रही है निदा ?
मैंने कहा - हां खाला जान इसका लौड़ा मुझे पसंद आ गया तो मैं चुदवाने लगी।
वह बोली - ठीक है यार अब लण्ड पर किसी के रिश्ते का नाम तो लिखा नहीं है। अब मुझे देखो मैं भी अभी अभी अपनी बेटी के मियां से चुदवा कर रही हूँ।
मैंने पूंछा - तो वह फिर किससे चुदवा रही थी ?
खाला ने बताया - वह अपने चचा जान से चुदवा रही थी।
तब तक इधर ससुर का लण्ड उगलने लगा वीर्य जिसे मैं पीने लगी और पीने में मेरी खाला जान भी मेरा साथ देने लगीं। उसके लण्ड का सुपाड़ा चाटते हुए कहा निदा बेटी तेरे ससुर का लण्ड तो बड़ा स्वादिस्ट है। दो दिन बाद मैं अपनी ससुराल वापस आ गयी। मैं जब अपनी सास और नन्द से मिली तो वे दोनों दिल खुल कर मिलीं और मेरी खूब तारीफ किया।
मैनें कहा - नन्द रानी तेरे अब्बू का लौड़ा तो साला बिलकुल घोड़े के लौड़े जैसा है। मुझे बड़ा मज़ा आया तेरे बाप से चुदवाने में ? अब तो मैं अक्सर चुदवाया करूंगी उससे।
नन्द बोली - अरे भाभी जान तेरे अब्बू का लौड़ा भी बड़ा जबरदस्त है। पहले उसने मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ा और मेरी चूत फाड़ी। और फिर रात भर फाड़ता रहा हम दोनों की बुर ? मैंने आँख मारते हुए पूंछा अच्छा ये बताओ की आज कौन फाड़ेगा तेरी बुर ?
वह बोली - अब तो यह रात को ही पता चलेगा की कौन मेरी बुर फाड़ेगा, कौन तेरी बुर फाड़ेगा, कौन तेरी सास का भोसड़ा फाड़ेगा और कौन तेरी जेठानी की चूत ? किसका लण्ड किसकी बुर में घुसेगा ? कौन किसकी बेटी बहू माँ चोदेगा ? कौन किस किस की बुर में किस किस के सामने अपना लण्ड पेलेगा ?
शाम से ही सबकी उत्तेजना बढ़ने लगी। वहां का यह रिवाज़ था की रात को सब लोग नीचे ज़मीन में ही बिस्तर बिछा कर सब लोग सोते हैं। बच्चे अलग कमरे में सोते हैं और बड़े लोग नीचे इसी बिस्तर पर। मजे की बात यह की यहाँ आदमी और औरत बहुत कम कपड़े पहन कर सोते हैं। कुछ तो बिलकुल नंगे नंगे ही लेट जातें हैं। कुछ लुंगी पहन कर और कुछ पजामा पहन कर।
उस रात को मैं, मेरी नन्द, मेरी सास और मेरी जेठानी लेटी होनी थी। हमारे बदन पर भी बहुत थोड़े थोड़े कपड़े थे बिलकुल ना के बराबर। रात को हम जवान औरतों को जाने क्यों लण्ड बहुत अच्छे लगने लगते हैं। लण्ड जब तक नहीं मिलता बहन चोद तब तक किसी काम में मन ही नहीं लगता और लण्ड जब मिल जाता है तो फिर उसे देख देख कर गांड फट जाती है। क्योंकि बुर तो लण्ड ही फाड़ डालेगा। यार रात में ये बुर भोसड़ी की बहुत चुदासी हो जाती है और जब तक कोई लण्ड नहीं पेलता तब तक नींद भी नहीं आती।
इतने में सबसे पहले मेरा नंदोई आ गया। यानी मेरी नन्द नदिया का मियां वाहिद। उसे देख कर सास की आँखों में चमक आ गयी और वह हाथ बढाकर उसका लण्ड लुंगी के ऊपर से ही पकड़ लिया और बोली आज तू अपनी बीवी नहीं अपनी बीवी की माँ चोदेगा। सासू ने पजामा का नाडा खोला और उसे नंगा करके हम सबके सामने ही उसका लण्ड सहलाने लगी। उसके पीछे से मेरा चचिया ससुर आ गया। वह बोला भाभी जान मैं तेरी बिटिया की बुर कई बार चोद चुका हूँ पर आज मैं तेरे सामने तेरी बहू की बुर चोदूंगा। वह मेरे ऊपर आकर लेट गया। फिर करवट लेकर उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया। मैंने देखा की उसका लौड़ा बहन चोद खड़ा हुआ है। लण्ड देख कर मैं मस्त हो गयी और अपनी चूत से कहा ले आज तेरी तो ईद है। आज तुझे एक नया लण्ड मिलने जा रहा है। तब तक उधर मेरी नन्द भोसड़ी वाली अपने मामू जान का लौड़ा हिलाने लगी। उसका लौड़ा भी बड़ा मोटा और कड़क था।
आखिर में मेरी जेठानी बची. वह भी किसी के आने का इंतज़ार करने लगी और तब तक इत्तिफाक से मेरा देवर आ गया। जेठानी ने उसे अपनी तरफ खींचा और बोली आ तू मेरी बुर चोद ले मेरे देवर राजा ? ज़रा खोल के दिखाओ अपना लण्ड ? मैं तो बड़ी बेशर्मी से पीने लगी और चचिया ससुर का लण्ड। मेरी नन्द अपने मामू जान का लण्ड पीने में लग गयी। मेरी सास अपनी बेटी के मियां का लौड़ा चपर चपर पीने लगी और मेरी जेठानी अपने देवर का लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगीं। तब तक हम सभी मादर चोद एकदम नंगी हो चुकीं थीं। मरद भी चारों एकदम नंगे थे। मुझे लण्ड पीने में जितना मज़ा आ रहा था उतना ही मज़ा दूसरों को लण्ड पीते हुए देखने में। यानी लण्ड भी देखो और लण्ड पीने वाली को भी देखो। अब तुम ही बताओ दोस्तों, इतनी बहन चोद मस्ती कहाँ देखने को मिलेगी ?
तब तक मेरे नंदोई ने पेल दिया लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में। उसकी सास मेरी भी सास थी। मैंने काह नंदोई राजा फाड़ डालो अपनी सास का भोसड़ा। ये भोसड़ी वाली बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत है। हर दिन किसी न किसी ग़ैर मरद से चुदवाती है। तब तक नन्द ने भी अपने मामू जान का लौड़ा पेलवा लिया अपनी बुर में। वह भी अपनी बीवी समझ कर अपनी बहन की बेटी की बुर चोदने लगा। हमारे समाज में हर आदमी साला अपनी बहन की बिटिया जरूर चोदता है। इतने में नन्द बोली अरे भाभी जान यहाँ तो ये भोसड़ी वाले मरद अपने बहन की बुर भी चोदते हैं और बहन की बेटी की बुर भी चोदते हैं। उधर मेरा देवर जेठानी की बुर इतनी मस्ती से ले रहा था जैसे जेठानी की बुर उसकी जागीर है। इस तरह हम चारों भकाभक चुदवाने में जुट गयीं। चारों की चूत का बाजा बजने लगा। हम सब एक दूसरे की चुदती हुई बुर देखने लगीं और एक दूसरे को प्यार से गालियां भी देने लगीं। सबसे पहले सास बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी नन्द बुर चोदी बहुत हरामजादी है।
तब तक जेठानी बोल पड़ी - निदा, तेरी जेठानी की माँ का भोसड़ा ? तेरी जेठानी की नन्द की बुर, सास की गांड। सास फिर बोली - हाय मेरी बेटी नादिरा, तेरे सामने तेरे मियां का लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ रहा है। और तू बड़ी बेशर्मी देख रही है। नन्द बोली - अच्छा इधर देख मेरी बुर चोदी अम्मी जान, तेरा भाई जान तेरी बेटी की बुर तेरे सामने खुले आम ले रहा है और तू कुछ बोलती नहीं। चुप चाप चुदवा रही है अपनी बेटी की बुर ? फिर मुझे बी न रहा गया। मैंने भी कहा - अरे नन्द रानी तेरी माँ भोसड़ी वाली अपनी बिटिया की बुर ही नहीं अपनी बहू की बुर भी चुदवा रही है। अपने देवर का लण्ड पेल रखा है इसने अपनी बहू की बुर में ? देखो न कितनी बेरहमी से चोद रहा है तेरा चचा जान मेरी चूत। मैंने कहा इससे की देखो ससुर जी ये न तेरी बेटी की चूत है और न तेरी बहन की चूत ? जो तू हमेशा चोदा करता है। ये है मेरे मियां की बीवी की चूत। तू इसे जिस तरह से चोद रहा है उसी तरह मेरा मियां तेरी बीवी चोदेगा, तेरी बहन का भोसड़ा चोदेगा और तेरी बिटिया की बुर भी। इन सब बातों से इन मर्दों में चोदने का जूनून सवार हो गया और वे सब दूनी रफ़्तार से चोदने लगे।
चोदते चोदते अचानक नन्द के मामू जान ने लण्ड लण्ड मेरी सास की भोसड़ा में पेल दिया। यानि वह अपनी ही बहन की बुर चोदने लगा। उसे देख कर मेरा देवर मेरो नन्द की बुर लेने लगा। वह अपनी बहन की बुर में लण्ड पेल पेल कर मज़ा लेने लगा। अब हमारे मुस्लिम समाज में बहन की बुर चोदना ज़ायज़ माना गया है। इसमें कोई गुनाह नहीं है। तब तक चचिया ससुर ने लण्ड मेरी बुर से निकाल कर जेठानी की बुर में ठोंक दिया और नंदोई ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह मुझे चोदने लगा। लण्ड बदला तो और मज़ा आ गया फिर तो हम सब और मस्ती से चुदवाने लगीं।
एक दिन मैं अपनी खाला सास के घर चली गयी। शाम को कुछ देर हो गई तो खाला सास ने मुझे वहीं रोक लिया और बोली बहू अब तुम आज नहीं कल जाना। मैं रात को रुक गयी। रात में सोने का वही इंतज़ाम था जैसा जी मेरी ससुराल में था। हम सब लेट गयीं और लेटे लेटे बातें करने लगीं। बातें फिर चुदाई की होने लगीं कर होने लगीं। खाला जान थीं उसकी बेटी हिना थी और मैं ? इतने में खाला का बेटा असद भी आ गया। असद के साथ हिना का शौहर साहिर भी था।
हम तीनो खूब गरमागरम बातें कर रहीं थी तो उसी मस्ती में खाला जान बोली - बेटा असद आज तुम हमारे सामने चोदो अपनी नई भाभी जान की बुर ?
मैं यह बात सुनकर हैरान हो गयी। मुझे मालूम हो गया की ये दोनों माँ बेटा चोदा चोदी में एकदम एक दूसरे से खुले हुए हैं। खाला फिर बोली बेटा साहिर तुम मेरी बेटी के मियां हो। बेटा तुमने अपनी बीवी कई बार चोदी होगी आज तुम अपनी बीवी की माँ चोदो और खूब अच्छी तरह चोदो। ऐसा कह कर खाला जान साहिर का पजामा खोलने लगी। पजामा खुलते ही उसका लण्ड खुल गया और खाला ने उसे पकड़ कर हिलाने लगीं। उधर असद मेरे सामने एकदम नंगा खड़ा हो गया तो मैंने भी उसका लौड़ा पकड़ लिया। मैं लण्ड पकड़ कर चारों तरफ से देखने लगी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने लगी। अचानक किसी ने अपना लण्ड खाला की बेटी हिना को पकड़ा दिया। उसका लौड़ा इन दोनों लौंड़ों से बेहतर था। बाद में पता चला की वह लण्ड हिना के चचा जान का था। उसका लण्ड देख कर मैं सच में ललचा गई।
कुछ देर में असद मुझे अपनी माँ और बहन के सामने हचक हचक कर चोदने लगा। उधर साहिर ने लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। वह भी खाला की बुर अपनी बीवी की तरह चोदने लगा। मजे की बात यह थी की खाला जान अपने बेटे के सामने और अपनी ही बेटी के सामने उसी के मियां से चुदवाने लगीं थीं। हिना की बुर में जब उसके चचा जान का लौड़ा घुसा तो वह चिल्ला उठी। उई माँ फाड़ डाला मेरी बुर इस भोसड़ी वाले ने ,अम्मी जान। इसकी बहन का लण्ड ? इसकी बिटिया की बुर ? साला बड़ा बेरहम है ये और इसका लण्ड। मैंने उसकी गालियां खूब एन्जॉय किया। कुछ देर तक हम तीनो इन लोगों से भकाभक चुदवाती रहीं। इतने में जो हुआ उसकी मुझे बिलकुल उम्मीद नहीं थी। मेरे बिलकुल सामने असद ने लण्ड खाला के भोसड़ा में पेल दिया। यानी एक बेटा अपनी माँ का भोसड़ा धकाधक चोदने लगा ?
मैंने जब सवाल पूंछने का इशारा किया तो खाला ने कहा - अरी मेरी बहू रानी, बेटा जब मरद हो जाता है तो उससे चुदवाने में कोई हर्ज़ नहीं है। जब बेटे का लण्ड और मर्दों के लण्ड के बराबर हो जाता है तो उसे अपनी बुर में घुसाने ने कोई गुनाह नहीं है। ऐसा हमारे समाज में होता ही रहता है। मेरे कुनबे के सारे लड़के मेरे मोहल्ले के सारे लड़के अपनी अम्मी का भोसड़ा बड़े प्यार से चोदते हैं। और ये अम्मियाँ भी बड़ी मस्ती से अपने बेटों से चुदवाती हैं।
फिर तो चुदाई का जोश दूना हो गया।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: रात को लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं - Raat me land jyada achchhe lagte hai , रात में घर के सभी कमरों में होती है चुदाई , चुदवाने की आवाज गूंजने लगती है , चुदती है सब औरतें , लंड किसी का हो बस चूत में चला जाए.
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