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चूड़ी वाले ने फ्री चूड़ी देकर चोद दिया - Chudi wale se chut gand chudai
चूड़ी वाले ने फ्री चूड़ी देकर चोद दिया - Chudi wale se chut gand chudai , चूड़ियाँ पहनाकर चूत से पैसा वसूल कियां , बड़ा लंड गांड में घुसाया , चुस्वाया , चूची चुसी , चोदकर बुरा हाल कर दिया , चूतड़ फाड़ दिए.
मैं उस दिन बड़े मूड में थी तो सीधे सीधे अम्मी जान को फोन लगा दिया। मैंने कहा - आज मैंने चूड़ी वाले से चुदवा लिया, अम्मी जान ? अम्मी जान भी शायद उसकी मूड में थीं। वह बोली हाय अल्ला, मैंने भी आज दूध वाले से चुदवा लिया, मेरी बुर चोदी साइमा ?
फिर हम दोनों हंसने लगीं।
मेरा निकाह मेरा चचा जान के बेटे से हो गया। बस एक ही दिन में कल जो मेरा चचा जान था आज वह मेरा ससुर हो गया, उसका बेटा जो मेरा भाई जान था आज वह मेरा शौहर हो गया। उसकी बहन जो मेरी भी बहन थी आज वह मेरी बुर चोदी नन्द हो गयी। उसके भाई जान जो मेरे भी भाई जान थे आज वो सब मेरे और देवर और जेठ हो गये। मेरी चची जान मेरी सास हो गयी और मेरी अम्मी जान भी भोसड़ी वाली मेरी सास हो गयीं।
मजे की बात यह की मैं अपने चचा जान का लण्ड पकड़ती थी, उसका लण्ड चूसती थी चाटती थी और अपनी चूत में पेलती थी। आज वही मेरी बुर चोदने वाला मेरा ससुर हो गया। अब तो वह अपनी बहू की बुर चोदेगा क्योंकि यह चुदाई बंद तो नहीं होगी। मैं अपने शौहर से भी चुदवाती थी पर अब वह अपनी बहन नहीं अपनी बीवी चोदेगा। मैं अम्मी जान के भोसड़ा में लण्ड पेलती थी मगर अब मैं अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड पेलूँगी। सबसे अच्छी बात यह है की जो मेरी बहनें थीं अब वो मेरी नन्द हो गयीं हैं। मैंने आज तक उनकी बुर में लण्ड कभी नहीं पेला मगर अब मैं हर रोज़ उन सबकी बुर में लण्ड पेलूँगी। हमारे मुस्लिम समाज में इसीलिए चोदा चोदी कुनबे में ही खूब होती है। नजदीकी रिश्तों में शादियां होने से चुदाई के रिश्ते और बन जातें हैं तो फिर क्यों न चोदे और क्यों न चुदवायें ? फिर शर्म काहे की। अब देखो ने मेरा चचा जान मुझे चोदता था तो वह आज भी मुझे चोदेगा। न वो चोदना बंद करेगा और न मैं चुदवाना।
मैं उस दिन बड़े मूड में थी तो सीधे सीधे अम्मी जान को फोन लगा दिया। मैंने कहा - आज मैंने चूड़ी वाले से चुदवा लिया, अम्मी जान ? अम्मी जान भी शायद उसकी मूड में थीं। वह बोली हाय अल्ला, मैंने भी आज दूध वाले से चुदवा लिया, मेरी बुर चोदी साइमा ?
फिर हम दोनों हंसने लगीं।
मेरा निकाह मेरा चचा जान के बेटे से हो गया। बस एक ही दिन में कल जो मेरा चचा जान था आज वह मेरा ससुर हो गया, उसका बेटा जो मेरा भाई जान था आज वह मेरा शौहर हो गया। उसकी बहन जो मेरी भी बहन थी आज वह मेरी बुर चोदी नन्द हो गयी। उसके भाई जान जो मेरे भी भाई जान थे आज वो सब मेरे और देवर और जेठ हो गये। मेरी चची जान मेरी सास हो गयी और मेरी अम्मी जान भी भोसड़ी वाली मेरी सास हो गयीं।
मजे की बात यह की मैं अपने चचा जान का लण्ड पकड़ती थी, उसका लण्ड चूसती थी चाटती थी और अपनी चूत में पेलती थी। आज वही मेरी बुर चोदने वाला मेरा ससुर हो गया। अब तो वह अपनी बहू की बुर चोदेगा क्योंकि यह चुदाई बंद तो नहीं होगी। मैं अपने शौहर से भी चुदवाती थी पर अब वह अपनी बहन नहीं अपनी बीवी चोदेगा। मैं अम्मी जान के भोसड़ा में लण्ड पेलती थी मगर अब मैं अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड पेलूँगी। सबसे अच्छी बात यह है की जो मेरी बहनें थीं अब वो मेरी नन्द हो गयीं हैं। मैंने आज तक उनकी बुर में लण्ड कभी नहीं पेला मगर अब मैं हर रोज़ उन सबकी बुर में लण्ड पेलूँगी। हमारे मुस्लिम समाज में इसीलिए चोदा चोदी कुनबे में ही खूब होती है। नजदीकी रिश्तों में शादियां होने से चुदाई के रिश्ते और बन जातें हैं तो फिर क्यों न चोदे और क्यों न चुदवायें ? फिर शर्म काहे की। अब देखो ने मेरा चचा जान मुझे चोदता था तो वह आज भी मुझे चोदेगा। न वो चोदना बंद करेगा और न मैं चुदवाना।
कहने का मतलब की मुझे शादी के बाद सब वही लण्ड मिलेंगें जिनसे मैं अभी तक चुदवाती रही हूँ। हां कुछ लण्ड जरूर नए मिलेगें। इसलिए मैं नए नए लण्ड पकड़ने की ज्यादा कोशिश करने लगी।
एक दिन मैंने अपनी ससुराल से अपनी अम्मी जान को फोन लगा दिया।
मैंने कहा - आज मैंने एक चूड़ी वाले से चुदवा लिया, अम्मी जान ?
अम्मी जान भी बड़े मूड में थीं।
वह बोली - मैंने भी एक दिन दूध वाले से चुदवा लिया था, मेरी बुर चोदी, साइमा बेटी।
मैंने कहा - अच्छा तो बताओ न की कैसे चुदवा लिया, तूने दूध वाले से और कब ?
वह बोली - पहले तू बता भोसड़ी वाली की तूने चूड़ी वाले से कैसे चुदवा लिया ?
मैंने कहा - अच्छ तो लो सुनो :- उस दिन सुबह के 11 बजे हुए थे। बाहर किसी चूड़ी वाले में आवाज़ दी। वह चूड़ियां बेंच रहा था। मुझे लगा की क्यों न मैं आज चूडियाँ ही खरीद लूं ? तो मैंने उसे रोक लिया। वह लड़का देखने में बड़ा हैंडसम था। उसे देख कर मेरा दिल उस पर आ गया। लेकिन पता नहीं चल रहा था की वह किस कौम का है ? लुंगी पहन रखी थी उसने। सर पर टोपी नहीं थी और न ही उसकी दाढ़ी थी। मैंने फिर भी उसे अंदर कमरे में बैठा लिया और कहा तुम्हारा नाम क्या है मनिहार ? वह बोला मैं करीम हूँ मैडम ? मुझे राहत मिली। वह मुसलमान था। मैंने पूंछा क्या तुम पढ़े लिखे हो ? वह बोला हां पढ़ा लिखा हूँ। ये काम मेरे अब्बू करतें हैं। आजकल उसकी तबियत ख़राब है तो मैं कर रहा हूँ। मैं भी चूड़ियाँ अच्छी तरह पहना सकता हूँ। मैंने कहा ठीक है तो फिर मुझे पहनाओ चूड़ियां।
मैंने अपना हाथ आगे कर दिया और वह चूड़ियां पहनाने लगा। वह मेरे सामने बैठा था। मैं सलवार और एक छोटी सी कुर्ती पहनी थी जिससे मेरी चूँचियाँ बहुत ज्यादा खुली हुईं थीं। उसकी नज़र वहीँ पर टिक गयी। मेरी चूँचियों का उभार देख कर उसका लण्ड खड़ा होने लगा। मैं समझ गयी की वह लुंगी के नीचे कुछ भी नहीं पहना है। मेरी नज़र वहीँ पर टिकी रही। मुझे शरारत सूझी। मैंने अपनी उंगलियां घुमाना शुरू किया और हाथ आगे बढ़ाने लगी। मैं उसका लण्ड छूना चाहती थी। मुझसे रहा न गया और मैंने कहा करीम तेरा ये तो अंदर ही अंदर शरारत कर रहा है। वह बोला नहीं मैडम ,,,,,,,,? मैंने कहा मैडम की माँ का भोसड़ा ? मैडम की बहन की बुर ? मैं जो पूंछ रही हूँ उसका सीधा सीधा जबाब दो ? वह थोड़ा सहम गया। मैंने कहा यार अब इसे बाहर निकाल कर रख लो न ? बिचारा अंदर तड़प रहा है। यहाँ मेरे तुम्हारे अलावा कोई और तो है नहीं ? मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा। वह थोड़ा मुस्कराया। मैंने उसकी आँखों ने आखँ डाल कर मैं सच में कह रही हूँ यार। मैं तेरा लण्ड देखना चाहती हूँ। मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर उसका लण्ड और कड़क हो गया। फिर मैंने खुद उसकी लुंगी हटाई। फिर उसका फड़फड़ाता और टन टनाता हुआ लण्ड देख लिया।
मैंने कहा वाओ, तेरा तो लण्ड खड़ा है। इसका मतलब की तेरे मन में कुछ हो रहा है। वह बोला पर इससे क्या होता है मैडम ? मैं बहुत छोटा आदमी हूँ। गरीब हूँ। मैं क्या कर सकता हूँ। मैंने कहा यार करीम तू गरीब है पर तेरा लण्ड गरीब नहीं है। तेरा लण्ड बहुत अमीर है यार। मैं लण्ड देख कर बहुत मस्त हो गयी थी। ऐसा लण्ड बहुत कम देखने को मिलता है ? देखो न बहन चोद कितना बड़ा और मोटा है तेरा लण्ड । अब इसे मुझे अच्छी तरह दिखाओ नहीं तो मैं हल्ला मचा दूँगी। वह कुछ न बोला और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। फिर मैंने भी नंगी हो गयी। दरवाजा अंदर से बंद ही था। मैं नीचे फर्श पर चटाई बिछायी। उसने अपना टोकरा एक कोने में रख दिया और मैं उसे लेकर नंगी नंगी लेट गई। अपने अगल बगल २/ ३ तकिया लगा ली.
वह मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। मेरी जांघें मेरी चूत मेरी गांड सब कुछ सहलाने लगा। मैंने पूंछा तेरी शादी हो गयी है करीम। वह बोला नहीं अभी नहीं हुई है। मैंने कहा तो फिर तूने चूत तो कभी चोदी नहीं होगी ? वह बोला नहीं ऐसा नहीं है। चूत तो मैंने खूब चोदी है। अपनी खाला की बेटी की चूत चोदता हूँ. अपनी फूफी का भोसड़ा चोदने के साथ साथ उसकी बिटिया की बुर भी चोदता हूँ। भाभी जान मुझसे अक्सर चुदवाती हैं। भाभी की बहन भी मुझसे खूब चुदवाकर जाती है। मैंने मजाक किया और कहा कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है तूने ? वह बोला हां वह भी चोदा है मैंने। एक दिन खाला का भोसड़ा समझ कर मैंने अपनी अम्मी का भोसड़ा चोद डाला। चोदने के बाद मुझे कुछ अजीब सा लगा तो अम्मी ने कहा नहीं बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदना कोई बुरी बात नहीं है। बेटा जब मर्द हो जाता है तो किसी की भी बुर चोद सकता है फिर बुर चाहे अम्मी की ही क्यों न हो ?
मैं उसका लण्ड पीते हुए उसकी ये सब गन्दी गन्दी बातें सुन रही थी। कुछ देर बाद मैंने कहा यार करीम अब पेलो अपना लण्ड मेरी चूत में और चोदो। वैसे ही चोदो जैसे तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो। मैं तेरी भाभी ही हूँ। तेरी रखैल हूँ। तेरी रंडी हूँ मैं। मुझे खूब धकाधक चोदो। वह भी जोश में आ गया. उसने एक तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दी तो मेरी चूत थोड़ी ऊपर हो गयी। उसने लण्ड भक्क से उसी में पेल दिया और भकाभक चोदने लगा। मुझसे एहसास हुआ की वह सच बोल रहा था। उसे बुर चोदना अच्छी तरह आता है। मेरी बुर फटी जा रही थी अम्मी जान लेकिन उसने चोदने की रफ़्तार कम नहीं की ? अम्मी जान सच्ची उसका आलूदा इतना गज़ब का था की मेरी तो जान ही निकली जा रही थी चुदवाने में ? लेकिन मज़ा इतना आ रहा था की मैं रुक न सकीय और चुदवाती चली गई। फिर उसने मुझे पीछे से चोदा। मैं भी बुर चोदी घोड़ी बन कर और अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी।
आखिर में जब उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठाया तो मज़ा ही गया। दस बीस धक्के जब लगे तो मेरी चूत बोल गयी। ढीली हो गयी बहन चोद बुर। वह जान भी गया और बोला अरे मैडम आपको बुर बोल गयी है। मैंने कहा हां यार तेरा लौड़ा ही साला ऐसा है। उसने कहा लो अब मैं भी निकलने वाला हूँ। बस मैंने मुंह खोल दिया और उसके लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में और मैं पी गयी। झड़ता हुआ लण्ड चाटने में मुझे बहुत मज़ा आता है अम्मी जान यह तो तुम जानती हो। मुझे बताने की जरुरत नहीं है।
अब तुम बताओ की तूने कैसे और चुदवाया उस मादर चोद दूध वाले से, अम्मी जान ?
अम्मी जान ने कहा - अरे साइमा बेटी मैं खुद आ रही हूँ तेरे पास तेरी ससुराल में। मैं वहीँ आकर तुझे पूरा किस्सा सुनाऊँगी। तब मुझे भी अच्छा लगेगा और तुझे भी।
शाम को अम्मी जान आ भी गई। मैंने उसका खैरमकदम किया और बड़े प्यार से बैठाया, नास्ता कराया और फिर बातें करने लगी। मेरी अम्मी जान का नाम है सबरीना। वह 45 साल की हैं. मस्त जवान हैं, खूबसूरत है और हॉट हैं। हॉट इसलिए कह रही हूँ की उसे देख कर बड़े बड़े मर्दों के लण्ड क्या लड़कों के भी लण्ड खड़े हो जातें हैं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ, मोटी मोटी जांघें, पतली कमर, बड़े बड़े चूतड़ और उसकी मटकती हुई गांड सबको बड़ी अच्छी लगती है। मैं भी अगर लड़का होती तो मैं इसे धर दबोचती और चोद डालती इसकी बुर चोदी बुर ? ख़ैर, मेरी अम्मी जान बहुत हंस मुख है और खूब मजाक करती हैं, गालियां भी बड़े प्यार से देतीं हैं और सबसे प्यार मोहब्बत करतीं हैं। हां उसे चुदाने का बड़ा जबरदस्त शौक है। नए नए लण्ड पर वह जान देती है। उसे जहाँ लण्ड मिलने की गुन्जाईस होती है वह वहां पहुँच जाती है। लण्ड उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है और शायद मुझमे में भी यही कमजोरी है।
मैंने जब दूध वाले से चुदवाने वाली बात पूँछी तो अम्मी जान अपनी कहानी सुनाने लगी:-
उस दिन जो दूध देता था वह नहीं आया तो मुझे किसी और दूकान से दूध फोन करके मंगाना पड़ा। जो लड़का दूध दने आया था वह बहुत ही स्मार्ट, मस्त जवान और गोरा चिट्टा था। उसे देखते ही मेरे भोसड़ा में हलचल होने लगी। मैंने उससे कहा तेरा नाम क्या है। वह बोला नाम तो मेरा ताहिर अली है पर सब लोग मुझे तुक्कू तुक्कू कह कर बुलाते हैं। मैंने पूंछा अच्छा ये बताओ की तुम जल्दी में तो नहीं हो ? वह बोला बिलकुल नहीं ? मेरा काम कोई दूध बांटना तो है नहीं। ये तो अब्बू ने मुझे भेज दिया तो मैं चला आया। वैसे मैं तो अपने कॉलेज जा रहा था। मैंने कहा अगर आज कॉलेज न जाओ तो कोई हर्ज़ है ? वह बोला कोई हर्ज़ नहीं है। नहीं जाऊंगा कोई काम है आपका क्या ? मैंने कहा हां काम है ज़रा अंदर आओ। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और बातें करने लगी। उसकी उम्र कोई २२ साल की होगी। उसने पजामा पहन रखा था और उपस्कर एक हल्का सा कुर्ता था। सर पर टोपी नहीं थी और न ही उसकी दाढ़ी थी। मैं समझ गयी की लड़का मुस्लिम है जवान है तो अपनी भाभी, माँ, बहन, खाला, फूफी, सबकी बुर चोदता होगा। अपने कुनबे की लड़कियां चोदता होगा।
मैंने भी ऊपर केवल एक छोटी सी ब्रा पहनी थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने को बेताब थीं। नीचे मैंने लो कट की सलवार पहनी थी। अगर मेरी सलवार एक इंच नीचे हो जाए तो मेरी झांटें दिखने लगेंगीं। वह मेरी चूँचियाँ देखने लगा। मैंने जब उसे बताया की तेरी ही उम्र की मेरी एक बेटी है तो हैरान हो गया। वह बोला मेम अभी तो आप खुद ही बहुत जवान लग रहीं हैं। मुझे तो लग रहा था की आपका निकाह अभी अभी कुछ दिन पहले ही हुआ होगा। मैं तो आपको भाभी कहने वाला था क्योंकि आप मेरी भाभी जान जैसी ही लगतीं हैं। मैंने कहा अच्छा तुम मुझे भाभी जान ही कहो। मैं तेरी सबरीना भाभी हूँ और तुम मेरे देवर ? अच्छा ये बताओ की तुम अपनी भाभी के साथ क्या क्या करते हो ? साफ़ साफ़ बताना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैंने बड़े प्यार से गाली दी तो वह मुस्कराने लगा। वह थोड़ा बताने में झिझक रहा था तो मैंने उससे खुल कर कहा देखो तुक्कू शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम जवान हो गए हो।
मैंने पूंछा - क्या तुम अपनी भाभी जान की बुर लेते हो ?
वह बोला - हां लेता हूँ।
मैंने फिर पूंछा - और किस किस की बुर लेते हो ?
वह बोला - अब रात में पता नहीं कौन कौन आ जाती है। पर हां खाला जान की बुर ली है, फूफी जान की भी और अपनी भाभी जान की बहन की बुर ली है।
मैंने कहा - कभी खाला जान की बेटी की बुर और फूफी की बेटी की बुर चोदी है तूने ?
वह बोला - हां चोदी है ?
मैंने कहा - तो फिर तुक्कू आज तुम मुझे चोदो। मेरा भोसड़ा चोदो। कल मेरी बेटी की बुर चोदना। वह कल आ जाएगी।
ऐसा कह कर मैंने उसके पजामा का नाडा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके खड़े लण्ड से
टकरा गया। मैंने कहा यार तुक्कू तेरा तो लण्ड साला बहुत बड़ा हो गया है। तू तो सच में मर्द हो गया है। मैंने उसे नंगा कर दिया और मैं भी उसके आगे एकदम नंगी हो गयी। मैं बड़े प्यार से पेल्हड़ थाम कर लण्ड हिलाने लगी और बीच बीच में लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। झांटें तो बिलकुल थीं नहीं इसलिए लण्ड बड़ा भी लग रहा था और खूबसूरत भी। मैं तो लण्ड से बहुत प्यार करती हूँ और अगर पराये मर्द का लण्ड हो तो फिर कहना ही क्या ? वह भी बड़ी बेफिक्री से मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मेरे निपल्स चूमने लगा। मेरी कमर में हाथ डालने लगा, मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मेरे चूतड़ों को दबा दबा कर मज़ा करने लगा , मुझे लगा की कहीं वह गांड तो नहीं मारता ? मैंने पूंछ ही लिया तो उसने बताया की हां अगर कोई लड़की गांड मरवाना चाहती है तो मार भी लेता हूँ। मैं मन ही मन सोंचने लगी की है तो लड़का बड़ा मजेदार ? अब ये चोदता कैसा है ये आगे देखूँगी।
कुछ देर तक मैं लण्ड चाटती रही और फिर अचानक गप्पा से मुंह में भर लिया। मैं चूसने लगी लण्ड। अंदर ही अंदर सुपाड़े के चारों ओर जबान फिराने लगी। वह भी सिसियाने लगा और मैं मस्त होने लगी। तब तक मैं बुरी तरह गरम हो चुकी थी और वह भी। फिर क्या उसने लण्ड मेरी चूत में रखना चाहा तो मैंने चूत फैला दी। लण्ड उसने रखा और जोर लगा कर पूरा लण्ड एक ही बार में घुसा दिया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड अन्दर तक घुस चुका है। उसने फिर लण्ड पूरा बाहर निकाला और फिर घुसा दिया। इस तरह उसने 6/7 बार किया तो मुझे यकीन हो गया की इसे बुर चोदने का तज़ुर्बा है। फिर उसने स्पीड बढ़ानी शुरू की तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। फिर मैं भी साथ देने लगी और अपनी गांड से जोर लगाने लगी। वह चोदने लगा और मैं चुदाने लगी। एक बात तो है बेटी साइमा की नए ताज़े लड़कों से चुदवाने में तो मज़ा खूब आता है। उनके लण्ड बड़े सख़्त होतें हैं और वे मन लगाकर चोदते भी है। ऐसे लण्ड ही चूत का भोसड़ा बना देतें हैं।
मैं चुदवा ही रही थी की इतने में मेरी बहन का बेटा आ गया। मैंने कहा अब्दुल की बात कर रही हो अम्मी जान ? वह बोली हां हां उसी की बात कर रही हूँ साइमा। मैंने कहा अरे अम्मी जान क्या मस्त लौड़ा है उसका ? एक दिन वह यहाँ भी आ गया था। मैं भी उससे चुदवा रही थी तो मेरी नन्द ने मुझे देख लिया। वह बोली भाभी जान मेरी भी चूत में पेल दो इसका लण्ड। फिर मैंने भी मस्ती में पेल दिया लण्ड नन्द की बुर में ? मैंने बड़े मजे से उसकी भी बुर चुदवाई।
अम्मी ने कहा - हां बेटी, वह भोसड़ी का इतनी छोटी उम्र में भी इतनी अच्छी तरह चोद लेता है बुर । फिर मैंने रात भर उन दोनों लड़कों से जी भर के चुदवाया और झड़ते हुए दोनों लण्ड पिए।
=०=०=०=०=००=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
एक दिन मैंने अपनी ससुराल से अपनी अम्मी जान को फोन लगा दिया।
मैंने कहा - आज मैंने एक चूड़ी वाले से चुदवा लिया, अम्मी जान ?
अम्मी जान भी बड़े मूड में थीं।
वह बोली - मैंने भी एक दिन दूध वाले से चुदवा लिया था, मेरी बुर चोदी, साइमा बेटी।
मैंने कहा - अच्छा तो बताओ न की कैसे चुदवा लिया, तूने दूध वाले से और कब ?
वह बोली - पहले तू बता भोसड़ी वाली की तूने चूड़ी वाले से कैसे चुदवा लिया ?
मैंने कहा - अच्छ तो लो सुनो :- उस दिन सुबह के 11 बजे हुए थे। बाहर किसी चूड़ी वाले में आवाज़ दी। वह चूड़ियां बेंच रहा था। मुझे लगा की क्यों न मैं आज चूडियाँ ही खरीद लूं ? तो मैंने उसे रोक लिया। वह लड़का देखने में बड़ा हैंडसम था। उसे देख कर मेरा दिल उस पर आ गया। लेकिन पता नहीं चल रहा था की वह किस कौम का है ? लुंगी पहन रखी थी उसने। सर पर टोपी नहीं थी और न ही उसकी दाढ़ी थी। मैंने फिर भी उसे अंदर कमरे में बैठा लिया और कहा तुम्हारा नाम क्या है मनिहार ? वह बोला मैं करीम हूँ मैडम ? मुझे राहत मिली। वह मुसलमान था। मैंने पूंछा क्या तुम पढ़े लिखे हो ? वह बोला हां पढ़ा लिखा हूँ। ये काम मेरे अब्बू करतें हैं। आजकल उसकी तबियत ख़राब है तो मैं कर रहा हूँ। मैं भी चूड़ियाँ अच्छी तरह पहना सकता हूँ। मैंने कहा ठीक है तो फिर मुझे पहनाओ चूड़ियां।
मैंने अपना हाथ आगे कर दिया और वह चूड़ियां पहनाने लगा। वह मेरे सामने बैठा था। मैं सलवार और एक छोटी सी कुर्ती पहनी थी जिससे मेरी चूँचियाँ बहुत ज्यादा खुली हुईं थीं। उसकी नज़र वहीँ पर टिक गयी। मेरी चूँचियों का उभार देख कर उसका लण्ड खड़ा होने लगा। मैं समझ गयी की वह लुंगी के नीचे कुछ भी नहीं पहना है। मेरी नज़र वहीँ पर टिकी रही। मुझे शरारत सूझी। मैंने अपनी उंगलियां घुमाना शुरू किया और हाथ आगे बढ़ाने लगी। मैं उसका लण्ड छूना चाहती थी। मुझसे रहा न गया और मैंने कहा करीम तेरा ये तो अंदर ही अंदर शरारत कर रहा है। वह बोला नहीं मैडम ,,,,,,,,? मैंने कहा मैडम की माँ का भोसड़ा ? मैडम की बहन की बुर ? मैं जो पूंछ रही हूँ उसका सीधा सीधा जबाब दो ? वह थोड़ा सहम गया। मैंने कहा यार अब इसे बाहर निकाल कर रख लो न ? बिचारा अंदर तड़प रहा है। यहाँ मेरे तुम्हारे अलावा कोई और तो है नहीं ? मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा। वह थोड़ा मुस्कराया। मैंने उसकी आँखों ने आखँ डाल कर मैं सच में कह रही हूँ यार। मैं तेरा लण्ड देखना चाहती हूँ। मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर उसका लण्ड और कड़क हो गया। फिर मैंने खुद उसकी लुंगी हटाई। फिर उसका फड़फड़ाता और टन टनाता हुआ लण्ड देख लिया।
मैंने कहा वाओ, तेरा तो लण्ड खड़ा है। इसका मतलब की तेरे मन में कुछ हो रहा है। वह बोला पर इससे क्या होता है मैडम ? मैं बहुत छोटा आदमी हूँ। गरीब हूँ। मैं क्या कर सकता हूँ। मैंने कहा यार करीम तू गरीब है पर तेरा लण्ड गरीब नहीं है। तेरा लण्ड बहुत अमीर है यार। मैं लण्ड देख कर बहुत मस्त हो गयी थी। ऐसा लण्ड बहुत कम देखने को मिलता है ? देखो न बहन चोद कितना बड़ा और मोटा है तेरा लण्ड । अब इसे मुझे अच्छी तरह दिखाओ नहीं तो मैं हल्ला मचा दूँगी। वह कुछ न बोला और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। फिर मैंने भी नंगी हो गयी। दरवाजा अंदर से बंद ही था। मैं नीचे फर्श पर चटाई बिछायी। उसने अपना टोकरा एक कोने में रख दिया और मैं उसे लेकर नंगी नंगी लेट गई। अपने अगल बगल २/ ३ तकिया लगा ली.
वह मेरे ऊपर आ गया और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। मेरी जांघें मेरी चूत मेरी गांड सब कुछ सहलाने लगा। मैंने पूंछा तेरी शादी हो गयी है करीम। वह बोला नहीं अभी नहीं हुई है। मैंने कहा तो फिर तूने चूत तो कभी चोदी नहीं होगी ? वह बोला नहीं ऐसा नहीं है। चूत तो मैंने खूब चोदी है। अपनी खाला की बेटी की चूत चोदता हूँ. अपनी फूफी का भोसड़ा चोदने के साथ साथ उसकी बिटिया की बुर भी चोदता हूँ। भाभी जान मुझसे अक्सर चुदवाती हैं। भाभी की बहन भी मुझसे खूब चुदवाकर जाती है। मैंने मजाक किया और कहा कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है तूने ? वह बोला हां वह भी चोदा है मैंने। एक दिन खाला का भोसड़ा समझ कर मैंने अपनी अम्मी का भोसड़ा चोद डाला। चोदने के बाद मुझे कुछ अजीब सा लगा तो अम्मी ने कहा नहीं बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदना कोई बुरी बात नहीं है। बेटा जब मर्द हो जाता है तो किसी की भी बुर चोद सकता है फिर बुर चाहे अम्मी की ही क्यों न हो ?
मैं उसका लण्ड पीते हुए उसकी ये सब गन्दी गन्दी बातें सुन रही थी। कुछ देर बाद मैंने कहा यार करीम अब पेलो अपना लण्ड मेरी चूत में और चोदो। वैसे ही चोदो जैसे तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो। मैं तेरी भाभी ही हूँ। तेरी रखैल हूँ। तेरी रंडी हूँ मैं। मुझे खूब धकाधक चोदो। वह भी जोश में आ गया. उसने एक तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दी तो मेरी चूत थोड़ी ऊपर हो गयी। उसने लण्ड भक्क से उसी में पेल दिया और भकाभक चोदने लगा। मुझसे एहसास हुआ की वह सच बोल रहा था। उसे बुर चोदना अच्छी तरह आता है। मेरी बुर फटी जा रही थी अम्मी जान लेकिन उसने चोदने की रफ़्तार कम नहीं की ? अम्मी जान सच्ची उसका आलूदा इतना गज़ब का था की मेरी तो जान ही निकली जा रही थी चुदवाने में ? लेकिन मज़ा इतना आ रहा था की मैं रुक न सकीय और चुदवाती चली गई। फिर उसने मुझे पीछे से चोदा। मैं भी बुर चोदी घोड़ी बन कर और अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी।
आखिर में जब उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठाया तो मज़ा ही गया। दस बीस धक्के जब लगे तो मेरी चूत बोल गयी। ढीली हो गयी बहन चोद बुर। वह जान भी गया और बोला अरे मैडम आपको बुर बोल गयी है। मैंने कहा हां यार तेरा लौड़ा ही साला ऐसा है। उसने कहा लो अब मैं भी निकलने वाला हूँ। बस मैंने मुंह खोल दिया और उसके लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में और मैं पी गयी। झड़ता हुआ लण्ड चाटने में मुझे बहुत मज़ा आता है अम्मी जान यह तो तुम जानती हो। मुझे बताने की जरुरत नहीं है।
अब तुम बताओ की तूने कैसे और चुदवाया उस मादर चोद दूध वाले से, अम्मी जान ?
अम्मी जान ने कहा - अरे साइमा बेटी मैं खुद आ रही हूँ तेरे पास तेरी ससुराल में। मैं वहीँ आकर तुझे पूरा किस्सा सुनाऊँगी। तब मुझे भी अच्छा लगेगा और तुझे भी।
शाम को अम्मी जान आ भी गई। मैंने उसका खैरमकदम किया और बड़े प्यार से बैठाया, नास्ता कराया और फिर बातें करने लगी। मेरी अम्मी जान का नाम है सबरीना। वह 45 साल की हैं. मस्त जवान हैं, खूबसूरत है और हॉट हैं। हॉट इसलिए कह रही हूँ की उसे देख कर बड़े बड़े मर्दों के लण्ड क्या लड़कों के भी लण्ड खड़े हो जातें हैं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ, मोटी मोटी जांघें, पतली कमर, बड़े बड़े चूतड़ और उसकी मटकती हुई गांड सबको बड़ी अच्छी लगती है। मैं भी अगर लड़का होती तो मैं इसे धर दबोचती और चोद डालती इसकी बुर चोदी बुर ? ख़ैर, मेरी अम्मी जान बहुत हंस मुख है और खूब मजाक करती हैं, गालियां भी बड़े प्यार से देतीं हैं और सबसे प्यार मोहब्बत करतीं हैं। हां उसे चुदाने का बड़ा जबरदस्त शौक है। नए नए लण्ड पर वह जान देती है। उसे जहाँ लण्ड मिलने की गुन्जाईस होती है वह वहां पहुँच जाती है। लण्ड उसकी सबसे बड़ी कमजोरी है और शायद मुझमे में भी यही कमजोरी है।
मैंने जब दूध वाले से चुदवाने वाली बात पूँछी तो अम्मी जान अपनी कहानी सुनाने लगी:-
उस दिन जो दूध देता था वह नहीं आया तो मुझे किसी और दूकान से दूध फोन करके मंगाना पड़ा। जो लड़का दूध दने आया था वह बहुत ही स्मार्ट, मस्त जवान और गोरा चिट्टा था। उसे देखते ही मेरे भोसड़ा में हलचल होने लगी। मैंने उससे कहा तेरा नाम क्या है। वह बोला नाम तो मेरा ताहिर अली है पर सब लोग मुझे तुक्कू तुक्कू कह कर बुलाते हैं। मैंने पूंछा अच्छा ये बताओ की तुम जल्दी में तो नहीं हो ? वह बोला बिलकुल नहीं ? मेरा काम कोई दूध बांटना तो है नहीं। ये तो अब्बू ने मुझे भेज दिया तो मैं चला आया। वैसे मैं तो अपने कॉलेज जा रहा था। मैंने कहा अगर आज कॉलेज न जाओ तो कोई हर्ज़ है ? वह बोला कोई हर्ज़ नहीं है। नहीं जाऊंगा कोई काम है आपका क्या ? मैंने कहा हां काम है ज़रा अंदर आओ। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और बातें करने लगी। उसकी उम्र कोई २२ साल की होगी। उसने पजामा पहन रखा था और उपस्कर एक हल्का सा कुर्ता था। सर पर टोपी नहीं थी और न ही उसकी दाढ़ी थी। मैं समझ गयी की लड़का मुस्लिम है जवान है तो अपनी भाभी, माँ, बहन, खाला, फूफी, सबकी बुर चोदता होगा। अपने कुनबे की लड़कियां चोदता होगा।
मैंने भी ऊपर केवल एक छोटी सी ब्रा पहनी थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने को बेताब थीं। नीचे मैंने लो कट की सलवार पहनी थी। अगर मेरी सलवार एक इंच नीचे हो जाए तो मेरी झांटें दिखने लगेंगीं। वह मेरी चूँचियाँ देखने लगा। मैंने जब उसे बताया की तेरी ही उम्र की मेरी एक बेटी है तो हैरान हो गया। वह बोला मेम अभी तो आप खुद ही बहुत जवान लग रहीं हैं। मुझे तो लग रहा था की आपका निकाह अभी अभी कुछ दिन पहले ही हुआ होगा। मैं तो आपको भाभी कहने वाला था क्योंकि आप मेरी भाभी जान जैसी ही लगतीं हैं। मैंने कहा अच्छा तुम मुझे भाभी जान ही कहो। मैं तेरी सबरीना भाभी हूँ और तुम मेरे देवर ? अच्छा ये बताओ की तुम अपनी भाभी के साथ क्या क्या करते हो ? साफ़ साफ़ बताना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैंने बड़े प्यार से गाली दी तो वह मुस्कराने लगा। वह थोड़ा बताने में झिझक रहा था तो मैंने उससे खुल कर कहा देखो तुक्कू शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। अब तुम जवान हो गए हो।
मैंने पूंछा - क्या तुम अपनी भाभी जान की बुर लेते हो ?
वह बोला - हां लेता हूँ।
मैंने फिर पूंछा - और किस किस की बुर लेते हो ?
वह बोला - अब रात में पता नहीं कौन कौन आ जाती है। पर हां खाला जान की बुर ली है, फूफी जान की भी और अपनी भाभी जान की बहन की बुर ली है।
मैंने कहा - कभी खाला जान की बेटी की बुर और फूफी की बेटी की बुर चोदी है तूने ?
वह बोला - हां चोदी है ?
मैंने कहा - तो फिर तुक्कू आज तुम मुझे चोदो। मेरा भोसड़ा चोदो। कल मेरी बेटी की बुर चोदना। वह कल आ जाएगी।
ऐसा कह कर मैंने उसके पजामा का नाडा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके खड़े लण्ड से
कुछ देर तक मैं लण्ड चाटती रही और फिर अचानक गप्पा से मुंह में भर लिया। मैं चूसने लगी लण्ड। अंदर ही अंदर सुपाड़े के चारों ओर जबान फिराने लगी। वह भी सिसियाने लगा और मैं मस्त होने लगी। तब तक मैं बुरी तरह गरम हो चुकी थी और वह भी। फिर क्या उसने लण्ड मेरी चूत में रखना चाहा तो मैंने चूत फैला दी। लण्ड उसने रखा और जोर लगा कर पूरा लण्ड एक ही बार में घुसा दिया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड अन्दर तक घुस चुका है। उसने फिर लण्ड पूरा बाहर निकाला और फिर घुसा दिया। इस तरह उसने 6/7 बार किया तो मुझे यकीन हो गया की इसे बुर चोदने का तज़ुर्बा है। फिर उसने स्पीड बढ़ानी शुरू की तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा। फिर मैं भी साथ देने लगी और अपनी गांड से जोर लगाने लगी। वह चोदने लगा और मैं चुदाने लगी। एक बात तो है बेटी साइमा की नए ताज़े लड़कों से चुदवाने में तो मज़ा खूब आता है। उनके लण्ड बड़े सख़्त होतें हैं और वे मन लगाकर चोदते भी है। ऐसे लण्ड ही चूत का भोसड़ा बना देतें हैं।
मैं चुदवा ही रही थी की इतने में मेरी बहन का बेटा आ गया। मैंने कहा अब्दुल की बात कर रही हो अम्मी जान ? वह बोली हां हां उसी की बात कर रही हूँ साइमा। मैंने कहा अरे अम्मी जान क्या मस्त लौड़ा है उसका ? एक दिन वह यहाँ भी आ गया था। मैं भी उससे चुदवा रही थी तो मेरी नन्द ने मुझे देख लिया। वह बोली भाभी जान मेरी भी चूत में पेल दो इसका लण्ड। फिर मैंने भी मस्ती में पेल दिया लण्ड नन्द की बुर में ? मैंने बड़े मजे से उसकी भी बुर चुदवाई।
अम्मी ने कहा - हां बेटी, वह भोसड़ी का इतनी छोटी उम्र में भी इतनी अच्छी तरह चोद लेता है बुर । फिर मैंने रात भर उन दोनों लड़कों से जी भर के चुदवाया और झड़ते हुए दोनों लण्ड पिए।
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Tags: चूड़ी वाले ने फ्री चूड़ी देकर चोद दिया - Chudi wale se chut gand chudai , चूड़ियाँ पहनाकर चूत से पैसा वसूल कियां , बड़ा लंड गांड में घुसाया , चुस्वाया , चूची चुसी , चोदकर बुरा हाल कर दिया , चूतड़ फाड़ दिए.
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