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मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो - Mujhe apni biwi ki tarah chodo
मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो - Mujhe apni biwi ki tarah chodo , घर के सब लोग चोद चुके आप भी चोद लो , चुदाई की पार्टी सुहागरात के दिन , कमरे में चूत और लंड का ढेर.
मेरा जब निकाह असद नाम के लड़के से हुआ तो मैं ससुराल चली गयी। मेरी सुहागरात हुई और उस रात को कुछ ऐसे हुआ जो बड़ा मजेदार और मसाले दार था। मैं उस रात को कभी भूल नहीं सकती। मेरी सुहागरात का इंतज़ाम मेरी नन्द ने किया था। रात तो चोदा चोदी में बीत गयी पर सवेरे लगभग 4 बजे मैंने एक लण्ड नन्द की बुर में भी पेल दिया। पेलते हुए मैंने कहा नन्द रानी ये है तेरा इनाम क्योंकि तूने मेरी सुहागरात बड़ी अच्छी तरह से मनवाई। लण्ड घुसते ही मेरी नन्द को मज़ा आ गया और वह रंडी की तरह चुदवाने लगी ठीक वैसे ही जैसे मैं कुछ देर पहले 3 - 3 लण्ड से चुदवा रही थी। मुझे किसी की चूत में लण्ड पेलने का और अपनी चूत में लण्ड पेलवाने का अच्छा खासा तज़ुर्बा है।
नन्द इस चुदाई से बहुत खुश हुई। उसे भी एक नया लण्ड मिला और चोदने वाले को एक नयी बुर। दोनों खुश और सबसे ज्यादा मैं खुश। नन्द बोली हाय भाभी मैं सच में बहुत चुदासी थी। मैं देख रही थी की पूरे घर में पूरे कुनबे में सबकी बुर चोदी जा रही है और एक मैं ही हूँ जो अपनी भाई जान की सुहागरात की जिम्मेदारी उठा रही हूँ। मेरे चूत में लण्ड पेलने वाला कोई भोसड़ी का नहीं है। यहाँ तक की मेरी अम्मी जान भी बुर चोदी अपने बहनोई से चुदवा रही है और अब्बा भोसड़ी का मेरी चची जान की बुर ले रहा है। तुमने मेरी दशा समझी तो बड़े मौके से चुदवा दी मेरी बुर। अब मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ तमन्ना भाभी जान। नन्द की बातें सुनकर मैं अंदर से बहुत खुश हो गयी। नन्द चली गयी तो इतने में मेरी सास आ गई।
वह बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा था उससे की जब तक दुल्हन की सुहागरात अच्छी तरह हो न जाये तब तक तुम यहाँ से जाना नहीं ? पर देखो वो चली गई ? पता नहीं किसका लण्ड हिलाने गई है माँ की लौड़ी ?
मैंने कहा - कोई बात नहीं सासू जी गई है तो अभी आ जाएगी।
वह तुनुक कर बोली - आ जाये तो उसकी माँ चोद देना, बहू रानी।
सास के मुंह से गालियां मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी।
सास गई तो थोड़ी देर में नन्द फिर आ गई .
आते ही बोली - क्या मेरी अम्मी आयीं थीं भाभी जान ?
मैंने कहा - हां आई थी।
वह बोली - अरे भाभी जान तेरी सास भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है। उसकी बहन का भोसड़ा ? मैंने उससे कहा था अम्मी जान अगर कोई बढ़िया लौड़ा हो तो मुझे भेज देना। उसने मुझे भेजने के वजाय लौड़ा अपनी बहन के पास भेज दिया। उसे अपनी बहन के भोसड़ा का ज्यादा ख्याल है मेरी चूत का नहीं ? इसकी बहन भोसड़ी वाली उस लौड़े से अपनी बुर भी चुदवायेगी और अपनी बिटिया की बुर भी चुदवायेगी। ऐसी है तेरी बहन चोद सास भाभी जान ? जब तक तुम इसकी गांड में लण्ड नहीं ठोंकोगी तब तक इसके होश ठिकाने नहीं आयेगें। लण्ड एक बार नहीं कई ठोंकना भाभी जान।
मैं नन्द की प्यार भरी गालियां एन्जॉय कर रही थी। एक बात तो पक्की हो गई की ये दोनों आपस में चोदा चोदी जरूर करतीं हैं। अगर ऐसा है तो मेरी लाटरी खुल गयी समझो। मेरा नाम आपको मालूम ही हो गया है। मैं हूँ तमन्ना बेगम। मेरी सास का नाम है नाज़िया और नन्द है सबा। मजेदार बात यह है यहाँ भी चुदाई का वही माहौल है जो मेरे माईके में है। मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ और यहाँ भी मेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है। मेरी अम्मी जान लण्ड मेरी चूत में पेल देती हैं और यहाँ भी सास अपनी बेटी की बुर में लौड़ा घुसा देती है। मुझे यकीन हो गया की अब आगे की ज़िन्दगी बड़ी रंगीन होगी। मैं सोंच रही थी की कल तो अच्छी चुदाई हो गयी पर आज क्या होगा ? कौन किसको चोदेगा ? कितने लण्ड मेरे बुर में घुसेंगें ? कौन मेरी नन्द की बुर चोदेगा और कौन चोदेगा मेरी सास का भोसड़ा ? मैं इन्हीं सवालों में उलझी हुई थी।
आप सोंच रहें होंगें दोस्तों, की मेरी सुहागरात में जिन ३ लोगों ने मुझे चोदा वो कौन थे और मैंने किसका लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेला था ? चलो मैं पहली इन्हीं सवालों का जबाब दे देती हूँ। मेरी जिस दिन सुहागरात थी उस दिन मेरा शौहर आया उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी खुबसुरतिकी तारीफ की, मुझे चूमा और फिर मुझे नंगी किया। मैंने भी उसे नंगा किया। उसने मेरी चूँचियाँ दबायीं, मेरी चूत सहलाई और फिर अपना लण्ड पूरा का पूरा पेल कर मुझे चोदा। चोदने के बाद वह बोला यार तमन्ना अब मैं तुमको एक बता बताना चाहता हूँ। मेरे दो दोस्त हैं जिनकी सुहागरात में मैंने उनकी बीवियां चोदी थी। आज मेरी सुहागरात है तो वो दोनों मेरी बीवी चोदेगें। तुमसे गुज़ारिश है की तुम उन दोनों चुदवा लो और अच्छी तरह चुदवा लो। देखो मैंने अपना लण्ड तेरी बुर में पेल कर सुहागरात मना ली है। अब तो तुम्हे कोई भी चोद सकता है।
मैंने सिर हिला कर हां कह दी। बस बगल में खड़े दोनों लोग अंदर कमरे में घुस आये। मैं दोनों को एक नज़र देख कर मन ही मन खुश हो गयी क्योंकि दोनों ही हैंडसम लड़के थे। तब तक मेरे मियां का फोन आ गया। वह बोला हां यार ताहिर बोलो।
उधर से अवाज़ा आयी यार असद मैं अपनी बीवी चोद चुका हूँ अब तुम आकर मेरी बीवी चोदो। मेरा मियां बोला यार क्या इत्तिफाक है। मैं भी अपनी बीवी चोद चुका हूँ अब तुम भी आकर मेरी बीवी चोदो।
उसने मुझसे कह यार तमन्ना मेरा एक और दोस्त अज़हर आ रहा है। वह भी पीछे के कमरे से चुपचाप आ जायेगा। आज तुम मेरे तीनो दोस्तों से चुदवाकर मज़ा लूटो।
ऐसा कह कर वह चला गया। मैंने इधर इन दोनों को नंगा करना शुरू किया। जब दोनों के लण्ड बाहर आये तो मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा। लण्ड वास्तव में मेरे मियां के लण्ड से बड़े थे और मोटे भी। मेरे पकड़ते ही दोनों लण्ड खड़े होकर दहाड़ने लगे। झांटें बिलकुल साफ थीं इसलिए लण्ड बड़े खूब सूरत लग रहे थे मैं दोनों लण्ड एक एक हाथ से पकड़ कर चूमने चाटने लगी। मैं भी एकदम नंगी थी। मुझे तो पराये मरद के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। इतने में एक ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। मैं दूसरा लण्ड चूसते हुए मजे से चुदवाने लगी। कुछ देर बाद चोदने वाला लण्ड मुंह में घुस गया और मुंह वाला लण्ड बुर में। मैं तो चुदाई में मसगूल हो गयी। तभी किसी ने कमरे में आने की कोशिश की।
वह बोला मैं अज़हर हूँ तमन्ना भाभी।
मैं समझ गयी। मैंने इशारा किया की तुम अपना लण्ड खोल कर सामने आ जाओ। उसका लण्ड जब मेरी आँखों के सामने आया तो मैं उसे देख कर दंग रह गयी। वह लौड़ा इन दोनों के लौंड़ों से भी बड़ा और तगड़ा था। मैं उसका लण्ड पकड़ कर बड़े प्यार से हिलाने लगी। मेरी नन्द बिचारी समझ रही थी की मैं अपने शौहर से चुदवा रही हूँ। मेरी चूत की आग तीसरा लण्ड देख कर और भड़क गयी। मैंने अज़हर से कहा यार अब तुम अपना लण्ड पेल दो मेरी चूत में और मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। चीर डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरा लौड़ा बहन चोद कुछ भी कर सकता है। उसे भी जोश आ गया और वह धकाधक चोदने लगा। मुझे अपार आनंद आने लगा। मैंने मन में कहा आज मेरी सुहागरात है तो खुदा करे की सबकी सुहागरात ऐसी ही हो ?
फिर मैंने एक एक करके बारी बारी से उन तीनो से चुदवाया। सबके लण्ड का मज़ा लिया। सबके लण्ड का वीर्य पिया और झड़ते हुए तीनो लण्ड प्यार से चाटे। ऐसा करते करते सवेरे के ४ बज गए। फिर मुझे अपनी नन्द का ख्याल आया। मैंने उसे अंदर बुलाया और अज़हर का लण्ड उसे पकड़ा दिया। तब तक वो दोनों पहले वाले लड़के जा चुके थे। फिर मैंने बैठ कर नंगी नंगी अपनी नन्द की बुर चुदवाई और खूब अच्छी तरह चुदवाई। जब वह अच्छी तरह चुद गई तो फिर अज़हर वापस चला गया। मेरी नन्द बहुत खुश हुई क्योंकि उसे एक नया मजेदार लण्ड मिला जिसने उसकी चूत पहले ढीली कर दी।
इसके बाद जो हुआ वह आपने ऊपर पढ़ा। अब सोंच रही थी की आज रात को क्या होगा ? शाम का समय था और मैं नन्द के साथ बैठी हुई गप्पे कर रही थी। तभी मेरी सास आ गई।
वह बोली - बहू रानी तेरी सुहागरात हो गयी न ? अब तेरी चूत बिलकुल आज़ाद हो गयी है। मैंने मन में कहा अरे सासू जी मेरी चूत तो मेरी १५ साल की उम्र से ही आज़ाद है। इसमें कोई भी अपना लण्ड पेल सकता है। जाने कितने लण्ड मेरी चूत में घुस चुके हैं। वह बोली और हां अब तेरी बुर कोई भी चोद सकता है। लेकिन एक बात तू समझ ले की आज मैं लण्ड तेरी नन्द की बुर में पेलूँगी। तेरी नन्द बुर चोदी मुझसे ज्यादा चुदक्कड़ बनना चाहती है। मैं देखती हूँ की ये आज इसकी चूत कितने लण्ड खा सकती है। मेरी नन्द बैठी बैठी अपनी अम्मी जान की बातें सुन रही थी और मुस्करा रही थी। वह बोली अरे भाभी जान ये मेरी अम्मी जान हैं। ये बहुत ही मजाकिया और हंस मुख हैं। किसी को भी कुछ भी कह सकतीं हैं। सबको खूब गालियां देतीं हैं और कभी कभी तो अपने देवरों को अपना भोसड़ा भी धोती उठा कर दिखा देतीं हैं। अपनी चूचियां हिला हिला कर दिखा देतीं हैं। मेरी अम्मी जान को लोग छेड़ते भी बहुत हैं और हम सबको बड़ा मज़ा आता है।
रात को कुछ कुनबे के ही लोग इकठ्ठा होने लगे। यह मेरी सुहागरात का दूसरा ही दिन था। इसलिए कुछ मेहमान भी रुके हुए थे। करीब एक घंटा के बाद मेरी सासू जी मेरे कमरे में आईं जहाँ मैं अपनी नन्द के साथ खूब गन्दी गन्दी बातें कर रही थी। हमारे कपड़े भी उलझे हुए थे। हम दोनों लगभग आधी तो नंगी थीं ही। मैंने देखा की मेरी सास भोसड़ी वाली एकदम नंगी है। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्ताना भोसड़ा देख कर मैं मस्त हो गयी। मैंने मन में कहा वोवो मेरी सास तो अभी कितनी मस्त जवान हैं। उसके एक हाथ में एक आदमी का लण्ड था। वह आदमी भी बहन चोद नंगा था। नन्द बोली अरे अम्मी जाना तुम मेरे ससुर का लण्ड पकड़े हुए हो ? क्या तुम इससे चुदवाकर कर आयी हो ? मैंने भी कहा हां सासू जी लगता तो यही है। सास बोली नहीं बहू रानी मैं इसके ससुर का लण्ड इसकी चूत में पेलने आयी हूँ। मैंने कहा था न की मैं लण्ड तेरी नन्द की बुर में पेलूँगी। जब तक मैं इसकी चूत में लण्ड नहीं पेलूँगी तब तक ये बुर चोदी बक बक करती रहेगी।
इतने में एक और आदमी आ गया। वह भी नंगा था। उसका भी लौड़ा बड़ा जबरदस्त था। सास बोली ले बुर चोदी बहू रानी तू इसे अपनी बुर में घुसा ले। ये है मेरे भाई जान का लण्ड ? उसने लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं इतना बढ़िया लण्ड पाकर खुश हो गयी और उधर नन्द भी अपने ससुर के लण्ड से खेलने लगी। मैं सासू के भाई जान का लण्ड पीने लगी और मेरी नन्द अपने ही ससुर का लण्ड पीने लगी। नन्द के सौर का लण्ड लगभग 9" का था और उसके मामू का भी लण्ड इतना ही बड़ा था। मैं समझ गयी की सासू जी ने छांट के लण्ड दिया हम दोनों को चुदवाने के लिए। मेरी नज़र उसके ससुर के लण्ड पर थी और उसकी नज़र मुझ पर थी की मैं कैसे उसके मामू जान का लौड़ा पी रही हूँ. मैं तो बुर चुदक्कड़ भी हूँ और लण्ड पियक्कड़ भी हूँ। बुर चुदवाती भी खूब हूँ और लण्ड पीती भी खूब हूँ।
एक बार फिर सासू जी आ गई। आते ही उसने नन्द के ससुर का लण्ड नन्द के हाथ से छीन लिया और उसे उसकी चूत में घुसेड़ दिया। फिर उसने ससुर की गांड पर हाथ रख कर दबाया तो लण्ड सीधे नन्द की बुर में घुस गया। वह बोली ले देख बुर चोदी सबा (नन्द का नाम) अब चुद रही है न तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं सासू जी का यह कारनामा देख कर बहुत उत्तेजित हो गयी। इतने में वह मेरी तरफ भी बढ़ी और अपने भाई जान का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में घुसा दिया। वह बोली अरे भाई जान अब तू बड़ी मस्ती से चोद ले मेरी बहू रानी की बुर। आज बड़ा अच्छा मौक़ा है। इसकी बुर अभी एकदम नई ताज़ी है। फाड़ डालो मेरी बहू की बुर। ये भी भोसड़ी वाली खूब मजे से चुदवाती है। खूब मज़ा देगी तुम्हें। इसे तो तुम अपनी बीवी समझ कर चोदो। पूरा लौड़ा घुसा दो इसकी चूत में। मैं पहली बार किसी सास को अपनी बेटी और बहू की बुर में लण्ड पेलते हुए और चुदवाते हुए देख रही थी।
चुदाई में हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी मजे से नन्द बोल रही थी - हाय मेरे ससुर जी चोदे जाओ मेरी बुर। बड़ा मज़ा आ रहा यही तुमसे चुदवाने में। आज मैंने पहली बार तेरा लण्ड पे,ा है अपनी चूत में। क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ रहीं हैं बहन चोद। नन्द तो इसी तरह की प्यारी प्यारी बातें अपने मुंह से निकाल रही थी। मैंने भी बोल रही थी वॉवो मेरे ममिया ससुर तू भी बड़ा मस्त चोदने वाला मर्द है। तेरा लौड़ा भी मर्दाना अहइ यार। आज मेरी चूत का बाजा बही अच्छी तरह से बज रहा है। ऐसा बबाजा बहुत कम लोग बजा पाते हैं। अंदर तक घुएड़ दो अपना लण्ड। दूर तक चोद डाली मेरी चूत। चाहो तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालो ससुर जी। तेरा लण्ड साला बड़ा हरामजादा है। तू मेरी सा का भोसड़ा भी चोदता है और उसकी बिटिया की बुर बुर भी। आज तू उसकी बहू की बुर ले रहा है। तुझे न कोई शर्म आती है और न कोई रहम। तू बहन चोद अपनी बेटी की बुर भी सीसी तरह चोदता होगा ?
फिर थोड़ी देर में नन्द के ससुर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और नन्द का मामू नन्द की ही बुर लेने लगा। नन्द का ससुर भी बहुत अच्छी तरह चोद रहा था मेरी बुर। मुझे लगा की मैं इससे चुदवाती ही रहूं। लण्ड भी मोटा था और उसकी चोदने की स्टाइल भी। मुझे तो ज़न्नत का मज़ा आने लगा। उधर मेरी नन्द भी रंडी की तरह चुदवाने में लगी थी। लग रहा कोई ब्लू फिल्म चल रही है। फिर दोनों लण्ड एक एक करके झड़ने लगे और हम दोनों ने दोनों झड़ते हुए लण्ड पिये और चाटे। कुछ देर तक रेस्ट करने के बाद मेरा मन हुआ की मैं बाहर देखूं की क्या हो रहा है। मैं अपनी चूँचियाँ खोले हुए बाहर निकल पड़ी तो सामने पहले मेरी मुलाकात मेरे अब्बू जान से हो
गयी।
कमरे में चुदाई का एक नई ऊर्जा, एक नई ताकत, एक नया उत्साह और एक नई उमंग पैदा हो गयी। मैं अपने खाला सास के बेटे से चुदवाने लगी, मेरी नन्द मेरी जेठानी के भाई जान से चुदवाने लगी और मेरी सास मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। रात भर चुदाई का माहौल गर्माता रहा और हम सबने लण्ड अदल बदल कर तीनो से चुदवाया और खूब एन्जॉय किया।
०=०=०=०=०= समाप्त
Tags :मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो - Mujhe apni biwi ki tarah chodo , घर के सब लोग चोद चुके आप भी चोद लो , चुदाई की पार्टी सुहागरात के दिन , कमरे में चूत और लंड का ढेर.
मेरा जब निकाह असद नाम के लड़के से हुआ तो मैं ससुराल चली गयी। मेरी सुहागरात हुई और उस रात को कुछ ऐसे हुआ जो बड़ा मजेदार और मसाले दार था। मैं उस रात को कभी भूल नहीं सकती। मेरी सुहागरात का इंतज़ाम मेरी नन्द ने किया था। रात तो चोदा चोदी में बीत गयी पर सवेरे लगभग 4 बजे मैंने एक लण्ड नन्द की बुर में भी पेल दिया। पेलते हुए मैंने कहा नन्द रानी ये है तेरा इनाम क्योंकि तूने मेरी सुहागरात बड़ी अच्छी तरह से मनवाई। लण्ड घुसते ही मेरी नन्द को मज़ा आ गया और वह रंडी की तरह चुदवाने लगी ठीक वैसे ही जैसे मैं कुछ देर पहले 3 - 3 लण्ड से चुदवा रही थी। मुझे किसी की चूत में लण्ड पेलने का और अपनी चूत में लण्ड पेलवाने का अच्छा खासा तज़ुर्बा है।
नन्द इस चुदाई से बहुत खुश हुई। उसे भी एक नया लण्ड मिला और चोदने वाले को एक नयी बुर। दोनों खुश और सबसे ज्यादा मैं खुश। नन्द बोली हाय भाभी मैं सच में बहुत चुदासी थी। मैं देख रही थी की पूरे घर में पूरे कुनबे में सबकी बुर चोदी जा रही है और एक मैं ही हूँ जो अपनी भाई जान की सुहागरात की जिम्मेदारी उठा रही हूँ। मेरे चूत में लण्ड पेलने वाला कोई भोसड़ी का नहीं है। यहाँ तक की मेरी अम्मी जान भी बुर चोदी अपने बहनोई से चुदवा रही है और अब्बा भोसड़ी का मेरी चची जान की बुर ले रहा है। तुमने मेरी दशा समझी तो बड़े मौके से चुदवा दी मेरी बुर। अब मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ तमन्ना भाभी जान। नन्द की बातें सुनकर मैं अंदर से बहुत खुश हो गयी। नन्द चली गयी तो इतने में मेरी सास आ गई।
वह बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा था उससे की जब तक दुल्हन की सुहागरात अच्छी तरह हो न जाये तब तक तुम यहाँ से जाना नहीं ? पर देखो वो चली गई ? पता नहीं किसका लण्ड हिलाने गई है माँ की लौड़ी ?
मैंने कहा - कोई बात नहीं सासू जी गई है तो अभी आ जाएगी।
वह तुनुक कर बोली - आ जाये तो उसकी माँ चोद देना, बहू रानी।
सास के मुंह से गालियां मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी।
सास गई तो थोड़ी देर में नन्द फिर आ गई .
आते ही बोली - क्या मेरी अम्मी आयीं थीं भाभी जान ?
मैंने कहा - हां आई थी।
वह बोली - अरे भाभी जान तेरी सास भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है। उसकी बहन का भोसड़ा ? मैंने उससे कहा था अम्मी जान अगर कोई बढ़िया लौड़ा हो तो मुझे भेज देना। उसने मुझे भेजने के वजाय लौड़ा अपनी बहन के पास भेज दिया। उसे अपनी बहन के भोसड़ा का ज्यादा ख्याल है मेरी चूत का नहीं ? इसकी बहन भोसड़ी वाली उस लौड़े से अपनी बुर भी चुदवायेगी और अपनी बिटिया की बुर भी चुदवायेगी। ऐसी है तेरी बहन चोद सास भाभी जान ? जब तक तुम इसकी गांड में लण्ड नहीं ठोंकोगी तब तक इसके होश ठिकाने नहीं आयेगें। लण्ड एक बार नहीं कई ठोंकना भाभी जान।
मैं नन्द की प्यार भरी गालियां एन्जॉय कर रही थी। एक बात तो पक्की हो गई की ये दोनों आपस में चोदा चोदी जरूर करतीं हैं। अगर ऐसा है तो मेरी लाटरी खुल गयी समझो। मेरा नाम आपको मालूम ही हो गया है। मैं हूँ तमन्ना बेगम। मेरी सास का नाम है नाज़िया और नन्द है सबा। मजेदार बात यह है यहाँ भी चुदाई का वही माहौल है जो मेरे माईके में है। मैं भी अपनी माँ चुदवाती हूँ और यहाँ भी मेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है। मेरी अम्मी जान लण्ड मेरी चूत में पेल देती हैं और यहाँ भी सास अपनी बेटी की बुर में लौड़ा घुसा देती है। मुझे यकीन हो गया की अब आगे की ज़िन्दगी बड़ी रंगीन होगी। मैं सोंच रही थी की कल तो अच्छी चुदाई हो गयी पर आज क्या होगा ? कौन किसको चोदेगा ? कितने लण्ड मेरे बुर में घुसेंगें ? कौन मेरी नन्द की बुर चोदेगा और कौन चोदेगा मेरी सास का भोसड़ा ? मैं इन्हीं सवालों में उलझी हुई थी।
आप सोंच रहें होंगें दोस्तों, की मेरी सुहागरात में जिन ३ लोगों ने मुझे चोदा वो कौन थे और मैंने किसका लण्ड अपनी नन्द की बुर में पेला था ? चलो मैं पहली इन्हीं सवालों का जबाब दे देती हूँ। मेरी जिस दिन सुहागरात थी उस दिन मेरा शौहर आया उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी खुबसुरतिकी तारीफ की, मुझे चूमा और फिर मुझे नंगी किया। मैंने भी उसे नंगा किया। उसने मेरी चूँचियाँ दबायीं, मेरी चूत सहलाई और फिर अपना लण्ड पूरा का पूरा पेल कर मुझे चोदा। चोदने के बाद वह बोला यार तमन्ना अब मैं तुमको एक बता बताना चाहता हूँ। मेरे दो दोस्त हैं जिनकी सुहागरात में मैंने उनकी बीवियां चोदी थी। आज मेरी सुहागरात है तो वो दोनों मेरी बीवी चोदेगें। तुमसे गुज़ारिश है की तुम उन दोनों चुदवा लो और अच्छी तरह चुदवा लो। देखो मैंने अपना लण्ड तेरी बुर में पेल कर सुहागरात मना ली है। अब तो तुम्हे कोई भी चोद सकता है।
मैंने सिर हिला कर हां कह दी। बस बगल में खड़े दोनों लोग अंदर कमरे में घुस आये। मैं दोनों को एक नज़र देख कर मन ही मन खुश हो गयी क्योंकि दोनों ही हैंडसम लड़के थे। तब तक मेरे मियां का फोन आ गया। वह बोला हां यार ताहिर बोलो।
उधर से अवाज़ा आयी यार असद मैं अपनी बीवी चोद चुका हूँ अब तुम आकर मेरी बीवी चोदो। मेरा मियां बोला यार क्या इत्तिफाक है। मैं भी अपनी बीवी चोद चुका हूँ अब तुम भी आकर मेरी बीवी चोदो।
उसने मुझसे कह यार तमन्ना मेरा एक और दोस्त अज़हर आ रहा है। वह भी पीछे के कमरे से चुपचाप आ जायेगा। आज तुम मेरे तीनो दोस्तों से चुदवाकर मज़ा लूटो।
ऐसा कह कर वह चला गया। मैंने इधर इन दोनों को नंगा करना शुरू किया। जब दोनों के लण्ड बाहर आये तो मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा। लण्ड वास्तव में मेरे मियां के लण्ड से बड़े थे और मोटे भी। मेरे पकड़ते ही दोनों लण्ड खड़े होकर दहाड़ने लगे। झांटें बिलकुल साफ थीं इसलिए लण्ड बड़े खूब सूरत लग रहे थे मैं दोनों लण्ड एक एक हाथ से पकड़ कर चूमने चाटने लगी। मैं भी एकदम नंगी थी। मुझे तो पराये मरद के आगे नंगी होने में बड़ा मज़ा आता है। इतने में एक ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। मैं दूसरा लण्ड चूसते हुए मजे से चुदवाने लगी। कुछ देर बाद चोदने वाला लण्ड मुंह में घुस गया और मुंह वाला लण्ड बुर में। मैं तो चुदाई में मसगूल हो गयी। तभी किसी ने कमरे में आने की कोशिश की।
वह बोला मैं अज़हर हूँ तमन्ना भाभी।
मैं समझ गयी। मैंने इशारा किया की तुम अपना लण्ड खोल कर सामने आ जाओ। उसका लण्ड जब मेरी आँखों के सामने आया तो मैं उसे देख कर दंग रह गयी। वह लौड़ा इन दोनों के लौंड़ों से भी बड़ा और तगड़ा था। मैं उसका लण्ड पकड़ कर बड़े प्यार से हिलाने लगी। मेरी नन्द बिचारी समझ रही थी की मैं अपने शौहर से चुदवा रही हूँ। मेरी चूत की आग तीसरा लण्ड देख कर और भड़क गयी। मैंने अज़हर से कहा यार अब तुम अपना लण्ड पेल दो मेरी चूत में और मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। चीर डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरा लौड़ा बहन चोद कुछ भी कर सकता है। उसे भी जोश आ गया और वह धकाधक चोदने लगा। मुझे अपार आनंद आने लगा। मैंने मन में कहा आज मेरी सुहागरात है तो खुदा करे की सबकी सुहागरात ऐसी ही हो ?
फिर मैंने एक एक करके बारी बारी से उन तीनो से चुदवाया। सबके लण्ड का मज़ा लिया। सबके लण्ड का वीर्य पिया और झड़ते हुए तीनो लण्ड प्यार से चाटे। ऐसा करते करते सवेरे के ४ बज गए। फिर मुझे अपनी नन्द का ख्याल आया। मैंने उसे अंदर बुलाया और अज़हर का लण्ड उसे पकड़ा दिया। तब तक वो दोनों पहले वाले लड़के जा चुके थे। फिर मैंने बैठ कर नंगी नंगी अपनी नन्द की बुर चुदवाई और खूब अच्छी तरह चुदवाई। जब वह अच्छी तरह चुद गई तो फिर अज़हर वापस चला गया। मेरी नन्द बहुत खुश हुई क्योंकि उसे एक नया मजेदार लण्ड मिला जिसने उसकी चूत पहले ढीली कर दी।
इसके बाद जो हुआ वह आपने ऊपर पढ़ा। अब सोंच रही थी की आज रात को क्या होगा ? शाम का समय था और मैं नन्द के साथ बैठी हुई गप्पे कर रही थी। तभी मेरी सास आ गई।
वह बोली - बहू रानी तेरी सुहागरात हो गयी न ? अब तेरी चूत बिलकुल आज़ाद हो गयी है। मैंने मन में कहा अरे सासू जी मेरी चूत तो मेरी १५ साल की उम्र से ही आज़ाद है। इसमें कोई भी अपना लण्ड पेल सकता है। जाने कितने लण्ड मेरी चूत में घुस चुके हैं। वह बोली और हां अब तेरी बुर कोई भी चोद सकता है। लेकिन एक बात तू समझ ले की आज मैं लण्ड तेरी नन्द की बुर में पेलूँगी। तेरी नन्द बुर चोदी मुझसे ज्यादा चुदक्कड़ बनना चाहती है। मैं देखती हूँ की ये आज इसकी चूत कितने लण्ड खा सकती है। मेरी नन्द बैठी बैठी अपनी अम्मी जान की बातें सुन रही थी और मुस्करा रही थी। वह बोली अरे भाभी जान ये मेरी अम्मी जान हैं। ये बहुत ही मजाकिया और हंस मुख हैं। किसी को भी कुछ भी कह सकतीं हैं। सबको खूब गालियां देतीं हैं और कभी कभी तो अपने देवरों को अपना भोसड़ा भी धोती उठा कर दिखा देतीं हैं। अपनी चूचियां हिला हिला कर दिखा देतीं हैं। मेरी अम्मी जान को लोग छेड़ते भी बहुत हैं और हम सबको बड़ा मज़ा आता है।
रात को कुछ कुनबे के ही लोग इकठ्ठा होने लगे। यह मेरी सुहागरात का दूसरा ही दिन था। इसलिए कुछ मेहमान भी रुके हुए थे। करीब एक घंटा के बाद मेरी सासू जी मेरे कमरे में आईं जहाँ मैं अपनी नन्द के साथ खूब गन्दी गन्दी बातें कर रही थी। हमारे कपड़े भी उलझे हुए थे। हम दोनों लगभग आधी तो नंगी थीं ही। मैंने देखा की मेरी सास भोसड़ी वाली एकदम नंगी है। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और मस्ताना भोसड़ा देख कर मैं मस्त हो गयी। मैंने मन में कहा वोवो मेरी सास तो अभी कितनी मस्त जवान हैं। उसके एक हाथ में एक आदमी का लण्ड था। वह आदमी भी बहन चोद नंगा था। नन्द बोली अरे अम्मी जाना तुम मेरे ससुर का लण्ड पकड़े हुए हो ? क्या तुम इससे चुदवाकर कर आयी हो ? मैंने भी कहा हां सासू जी लगता तो यही है। सास बोली नहीं बहू रानी मैं इसके ससुर का लण्ड इसकी चूत में पेलने आयी हूँ। मैंने कहा था न की मैं लण्ड तेरी नन्द की बुर में पेलूँगी। जब तक मैं इसकी चूत में लण्ड नहीं पेलूँगी तब तक ये बुर चोदी बक बक करती रहेगी।
इतने में एक और आदमी आ गया। वह भी नंगा था। उसका भी लौड़ा बड़ा जबरदस्त था। सास बोली ले बुर चोदी बहू रानी तू इसे अपनी बुर में घुसा ले। ये है मेरे भाई जान का लण्ड ? उसने लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं इतना बढ़िया लण्ड पाकर खुश हो गयी और उधर नन्द भी अपने ससुर के लण्ड से खेलने लगी। मैं सासू के भाई जान का लण्ड पीने लगी और मेरी नन्द अपने ही ससुर का लण्ड पीने लगी। नन्द के सौर का लण्ड लगभग 9" का था और उसके मामू का भी लण्ड इतना ही बड़ा था। मैं समझ गयी की सासू जी ने छांट के लण्ड दिया हम दोनों को चुदवाने के लिए। मेरी नज़र उसके ससुर के लण्ड पर थी और उसकी नज़र मुझ पर थी की मैं कैसे उसके मामू जान का लौड़ा पी रही हूँ. मैं तो बुर चुदक्कड़ भी हूँ और लण्ड पियक्कड़ भी हूँ। बुर चुदवाती भी खूब हूँ और लण्ड पीती भी खूब हूँ।
एक बार फिर सासू जी आ गई। आते ही उसने नन्द के ससुर का लण्ड नन्द के हाथ से छीन लिया और उसे उसकी चूत में घुसेड़ दिया। फिर उसने ससुर की गांड पर हाथ रख कर दबाया तो लण्ड सीधे नन्द की बुर में घुस गया। वह बोली ले देख बुर चोदी सबा (नन्द का नाम) अब चुद रही है न तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं सासू जी का यह कारनामा देख कर बहुत उत्तेजित हो गयी। इतने में वह मेरी तरफ भी बढ़ी और अपने भाई जान का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में घुसा दिया। वह बोली अरे भाई जान अब तू बड़ी मस्ती से चोद ले मेरी बहू रानी की बुर। आज बड़ा अच्छा मौक़ा है। इसकी बुर अभी एकदम नई ताज़ी है। फाड़ डालो मेरी बहू की बुर। ये भी भोसड़ी वाली खूब मजे से चुदवाती है। खूब मज़ा देगी तुम्हें। इसे तो तुम अपनी बीवी समझ कर चोदो। पूरा लौड़ा घुसा दो इसकी चूत में। मैं पहली बार किसी सास को अपनी बेटी और बहू की बुर में लण्ड पेलते हुए और चुदवाते हुए देख रही थी।
चुदाई में हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी मजे से नन्द बोल रही थी - हाय मेरे ससुर जी चोदे जाओ मेरी बुर। बड़ा मज़ा आ रहा यही तुमसे चुदवाने में। आज मैंने पहली बार तेरा लण्ड पे,ा है अपनी चूत में। क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ रहीं हैं बहन चोद। नन्द तो इसी तरह की प्यारी प्यारी बातें अपने मुंह से निकाल रही थी। मैंने भी बोल रही थी वॉवो मेरे ममिया ससुर तू भी बड़ा मस्त चोदने वाला मर्द है। तेरा लौड़ा भी मर्दाना अहइ यार। आज मेरी चूत का बाजा बही अच्छी तरह से बज रहा है। ऐसा बबाजा बहुत कम लोग बजा पाते हैं। अंदर तक घुएड़ दो अपना लण्ड। दूर तक चोद डाली मेरी चूत। चाहो तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालो ससुर जी। तेरा लण्ड साला बड़ा हरामजादा है। तू मेरी सा का भोसड़ा भी चोदता है और उसकी बिटिया की बुर बुर भी। आज तू उसकी बहू की बुर ले रहा है। तुझे न कोई शर्म आती है और न कोई रहम। तू बहन चोद अपनी बेटी की बुर भी सीसी तरह चोदता होगा ?
फिर थोड़ी देर में नन्द के ससुर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और नन्द का मामू नन्द की ही बुर लेने लगा। नन्द का ससुर भी बहुत अच्छी तरह चोद रहा था मेरी बुर। मुझे लगा की मैं इससे चुदवाती ही रहूं। लण्ड भी मोटा था और उसकी चोदने की स्टाइल भी। मुझे तो ज़न्नत का मज़ा आने लगा। उधर मेरी नन्द भी रंडी की तरह चुदवाने में लगी थी। लग रहा कोई ब्लू फिल्म चल रही है। फिर दोनों लण्ड एक एक करके झड़ने लगे और हम दोनों ने दोनों झड़ते हुए लण्ड पिये और चाटे। कुछ देर तक रेस्ट करने के बाद मेरा मन हुआ की मैं बाहर देखूं की क्या हो रहा है। मैं अपनी चूँचियाँ खोले हुए बाहर निकल पड़ी तो सामने पहले मेरी मुलाकात मेरे अब्बू जान से हो
- वह बोला - अरे तमन्ना बेटी जवानी का मज़ा आ रहा है न ?
- मैंने कहा - हां अब्बू जान खूब आ रहा है। पर तुम बताओ की इतनी रात में कहाँ घूम रहे हो ?
- सब लोग घूम रहें हैं तो मैं भी घूम रहा हूँ बेटी तमन्ना ।
- नहीं नहीं मेरा मतलब है की तुम किसे चोद कर आ रहे हो क्योंकि तुम रात में बिना २/३ बुर चोदे सोते नहीं हो ?
- अभी तो तेरी जेठानी की बुर चोद कर आ रहा हूँ। इसके पहले तेरी फुफिया सास का भोसड़ा चोदा था।
- अच्छा ! तो तम्हे भी मेरी ससुराल में खूब मज़ा आ रहा है।
- हां बेटी मुझे तो वहीं मज़ा आता है जहाँ मुझे अच्छी अच्छी चूत / भोसड़ा / बुर मिलती है।
- तो फिर यहीं मेरे कमरे में बैठो मैं तेरे लिए एक भोसड़ा का इंतज़ाम करती हूँ।
- तब तक मेरी मौसिया सास का बेटा अरब आ गया।
- वह मुझे देख कर बोला - वॉवो भाभी जान तेरी तो चूँचियाँ बहुत बड़ी भी हैं और मस्त भी। मैंने तो इन्हे चोदूंगा।
- अच्छा तो खाली चूँचियाँ ही चोदेगा तू की कुछ और भी ?
- अरे भाभी जान तेरा मुंह चोदूंगा, तेरी बुर चोदूंगा, तेरी गांड भी चोदूंगा और जो तुम कहोगी वो सब चोदूंगा मुझे तुमसे ज्यादा खूबसूरत कोई और नज़र नहीं आ रही है। अब चलो जल्दी से मुझसे चुदवा लो।
- ठीक है चुदवा लूंगी। थोड़ा सबर करो मैं तुमसे क्या तुम्हारे बाप से भी चुदवा लूंगी।
कमरे में चुदाई का एक नई ऊर्जा, एक नई ताकत, एक नया उत्साह और एक नई उमंग पैदा हो गयी। मैं अपने खाला सास के बेटे से चुदवाने लगी, मेरी नन्द मेरी जेठानी के भाई जान से चुदवाने लगी और मेरी सास मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। रात भर चुदाई का माहौल गर्माता रहा और हम सबने लण्ड अदल बदल कर तीनो से चुदवाया और खूब एन्जॉय किया।
०=०=०=०=०= समाप्त
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