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मेरी माँ की चिकने चबूतरे जैसी चिकनी चूत - Meri maa ki chikni chut pyari lagi
मेरी माँ की चिकने चबूतरे जैसी चिकनी चूत - Meri maa ki chikni chut pyari lagi , बाप का खम्बे जैसा मोटा और सख्त लंड , रिश्तों में चुदाई का माहोल , घर परिवार में चुदने की प्यास.
मैं जब जवान हुई तो धीरे धीरे अम्मी जान मुझसे खुल कर बोलने लगी और एक दिन मेरे सामने लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें भी करने लगीं। हुआ यह की मैं किचेन में बैठी थी और सब्जी काट रही थी। तभी मेरी पड़ोसन आ गयी। वह अम्मी जान से बातें करने लगी और कहने लगी की शबाना यार मेरी बेटी भोसड़ी वाली बड़ी बेशर्म और बेहाया हो गयी है। जबसे मैंने उसे लण्ड पकड़ना, लण्ड चूसना, लण्ड चाटनाऔर लण्ड पीना सिखा दिया। लण्ड चूत में पेलना और पेलवाना सिखा दिया तब से वह अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी है। आये दिन वह किसी न किसी लड़के का लण्ड मेरे सामने नंगा करके खड़ी हो जाती है और कहती है की हाय मेरी बुर चोदी अम्मी जान आज मैं तेरा भोसड़ा चोदूँगी।
मैं आंटी की बातें सुनकर पहले तो थोड़ा शर्मायी और फिर उठ कर जाने लगी तो अम्मी जान बोली तू जाती कहाँ है माँ की लौड़ी तराना ? अब तू बच्ची नहीं है। तू भी जवान हो गयी है अपनी माँ चुदाने वाली हो गयी है। जा और आंटी की बेटी से सीख कर आ की कैसे अपनी माँ चुदवाई जाती है। वह भी तेरी ही उम्र की है और जवानी का मज़ा पूरा पूरा लूट रही है। तू पता नहीं कब जवानी का मज़ा लेगी और कब अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेगी बुर चोदी तराना ? अब यही बैठ और हमारी बातें सुन। जाने की कोई जरुरत नहीं है।
आंटी बोली - हां बेटी तराना अब तू भी सब कुछ सीख ले और हो जा एकदम बेशर्म।
आंटी आगे बढ़ी और अम्मी जान का घाघरा उठा कर मुझे उसका भोसड़ा दिखा दिया और बोली - तराना बेटी, ये है तेरी माँ का भोसड़ा ? जब तू इसी भोसड़ा में लण्ड पेलेगी तब मुझे पता चलेगा की तू जवान हो गयी है। हमारे मुस्लिम समाज में लड़कियां जवान होते ही अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगतीं है और फिर अपने अब्बू जान का लण्ड पकड़ने लगतीं हैं। मेरी बेटी बुर चोदी मेरा भोसड़ा भी चोदती है और अपने अब्बू जान का लण्ड भी चोदती है। मैं मन ही मन सोंचने लगी की वाओ अब तो मुझे अम्मी का भोसड़ा चुदाने का मौक़ा मिलेगा और अब्बू जान का लण्ड चोदने का भी ? मैंने तन बदन में आग लग गयी। वैसे मुझे अम्मी जान का भोसड़ा बहुत पसंद आया। क्या मस्त भोसड़ा है अम्मी जान का ? एकदम चिकना चबूतरा जैसा। भोसड़ा के ऊपर उसकी छोटी छोटी झांटें उसकी खूबसूरती बढ़ा रहीं थीं। मैं अगर मर्द होती तो अभी अपना लण्ड पेल देती अम्मी के भोसड़ा में ? जब इतनी खुल्लम खुल्ला बातें हो गईं तो मैंने ठान लिया की अब मैं जल्दी ही अपनी माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
बस मैं अपनी अम्मी जान की जासूसी करने लगी। मुझे लगा की जब अम्मी इतनी खुली हुई हैं तो वो कई लोगों से चुदवाती जरूर होंगीं ? क्यों न मैं उसे रँगे हाथों पकड़ लूं और फिर वही लण्ड उसकी के भोसड़ा में ठोंक दूं। अम्मी को चुदवाते हुए पकड़ने में कितना मज़ा आएगा ? मैं २० साल की हो गयी थी। मैं मुस्लिम घराने में पैदा हुई जहाँ चुदाई बहन चोद खुल कर होती है। सब कोई सबकी बुर में लण्ड पेलता है और सब की सब भोसड़ी वाली सबसे चुदवाती हैं। यहाँ तो बेटी बाप का लण्ड पीती है और माँ अपने बेटे का लण्ड ? बाप बेटी की बुर लेता है तो बेटा अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देता है। यह मैंने अपनी आँखों से देखा है। एक दिन मैं अपनी सहेली यास्मीन के घर गयी थी और रात को वहीँ रुक गयी। सहेली ने ही मुझे ये सब बताया। रात को मैंने देखा की वह अपने अब्बू से चुदवा रही है और उसका भाई जान अपनी माँ चोद रहा है। यह समाज ही ऐसा है जहाँ चुदाई का मज़ा हर तरह से और हर एक से लिया जाता है। अब अम्मी को तो मालूम नहीं है की मेरा मामू जान मेरी बुर लेता है, खालू जान का लण्ड पेला है मैंने अपनी चूत में और अपने भाई जान से भी चुदवाया है मैंने ?
मैंने दूसरे ही दिन अपने कॉलेज से जल्दी आने का प्लान बनाया और मैं आ भी गयी। घर में आते ही मुझे मालूम हुआ की अम्मी जान के कमरे में कोई है. मैं झांकने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान तो एकदम नंगी बैठी हुई किसी का लण्ड हिला रही हैं फिर झुक झुक कर उसे चूम चाट रहीं हैं । वह अम्मी की चूँचियाँ और चूत मसल रहा है। लण्ड देख कर मैं भी ललचा गयी। मैंने सोंच लिया की यही लण्ड आज मैं अम्मी के भोसड़ा में पेलूँगी। इतने में उनमे कुछ बातें होने लगीं। मैं चुपचाप बातें सुनने लगी।
अम्मी ने कहा - यार इमरान मेरी बेटी आने वाली है। वह भी बुर चोदी अब खुल कर बातें करने लगी हैं। कल तो उसने मेरा भोसड़ा भी देख लिया। मैं चाहती भी यही थी की वह अच्छी तरह से बेशरम हो जाये। तभी वह जवानी का मज़ा लूट पायेगी। देखो यार हमारे समाज में कोई किसी से भी चुदवा लेती है अगर वह शर्माती रहेगी तो भोसड़ी वाली चुदवायेगी कैसे ?
इमरान बोला - अरे भाभी जान तो फिर आज तुम अपनी बेटी अपने सामने चुदवा लो न ? मेरा लण्ड पेल दो उसकी बुर में। बस समझो की हो गया काम। बाकी तो मैं चोद ही डालूँगा उसकी चूत और आगे के लिए भी रास्ता साफ़ कर दूंगा।
अम्मी ने कहा - हां बात तो तेरी सही है इमरान। लेकिन पहले मेरी बुर तो चोद लो यार।
यह सुनकर इमरान ने अपना लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और वह मस्ती से चोदने लगा। मैं बाहर खड़ी खड़ी अम्मी की चुदाई देखने लगी। मैंने सोंचा की अभी थोड़ी चुदाई हो जाने दो। बीच में रोकना ठीक नहीं है। दोनों की थोड़ी गर्मी निकल जाने दो। मैं इमरान के धक्के देखने लगी और अम्मी को धक्कों का जबाब देते हुए भी देखने लगी। मुझे लगा की मेरी अम्मी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मुझे यकीन हो गया की अम्मी जान हर रोज़ ग़ैर मर्दों से चुदवाती है और खूब मज़ा लूटती है। मेरे घर में रहते हुए उसे चुदाने में दिक्कत होगी इसलिए वह मुझे भी इस चुदाई में शामिल करना चाहती है। ताकि वह खुल्लम खुल्ला सबसे चुदवा सके। मैं शामिल भी होना चाहती हूँ। मेरे लिए भी अच्छा होगा क्योंकि मुझे अब किसी का लण्ड छुप छुप कर नहीं पीना पड़ेगा। अब तो मैं भी अम्मी के सामने सबके लण्ड पिया करूंगी और चुदवाया भी करूंगी।
फिर मैं बिना रुके सीधे अम्मी के कमरे में घुस गयी।
- मैंने मुंह बनाकर कहा - ये क्या हो रहा है अम्मी जान ?
- अम्मी ने जबाब दिया - देख नहीं रही है बुर चोदी तराना ? तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है ? और क्या ?
- पर ये चोदने वाला है कौन ? मैंने पहले इसे कभी नहीं देखा ?
- अरी मेरी हरामजादी बच्ची अभी तूने देखा ही क्या है ? मुझे चोदने वाले बहुत हैं बेटी। तू धीरे धीरे सबको जान जाएगी। आज जो मुझे चोद रहा है वह मेरी दोस्त का शौहर है इमरान। ये मुझे पहले भी कई बार चोद चुका है बेटी तराना ?
- अगर चुदवाना ही था की दरवाजा बंद कर लिया होता ?
- अगर दरवाजा बंद कर लिया होता तो तू अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख कैसे पाती ? मैंने तो तुझे दिखाने के लिए ही दरवाजा खोल रखा था। मुझे मालूम था की तू आज जल्दी आ जाएगी। मैंने तेरी बातें सुन ली थी। अब आ जा इधर पकड़ कर देख ले इमरान अंकल का लण्ड ?
- मैं तो चाहती यही थी। मैं आगे बढ़ी और पकड़ लिया लण्ड । लण्ड मेरे हाथ में आते ही और बढ़ गया। और सख्त हो गया। मैंने कहा वाओ अम्मी जान लण्ड तो बड़ा मोटा है।
- अम्मी बोली मेरे भोसड़ा को मोटे लण्ड ही पसंद हैं, बेटी तराना। ,,,,,,,
अचानक कमरे में मेरी खाला जान का बेटा मुनीर आ गया। उसने हम दोनों को लण्ड चाटते हुए देख लिया। उसने हम दोनों माँ बेटी को नंगी नंगी लण्ड चाटते हुए देख लिया तो उसका भी लंड तन कर खड़ा हो गया। तब तक अम्मी ने उसके पजामा का नाडा खेंच डाला। पजामा नीचे गिरा और वह नंगा हो गया। उसका लौड़ा बहन चोद फनफना उठा।
अम्मी ने उसे पकड़ा थोड़ा हिलाया और पूंछा बेटा किसकी बुर चोद कर आ रहे हो मुनीर ?
उसने कहा - अभी तो अपनी फूफी जान की बेटी फरहा की बुर चोद कर आ रहा हूँ, खाला जान ।
अम्मी ने फिर पूंछा - फरहा की बुर उसकी अम्मी के सामने चोदा की अकेले में ?
वह बोला - उसके सामने ही चोदा। दरअसल मैं तो फूफी का भोसड़ा चोद रहा था। तभी अचानक उसकी बेटी फरहा कमरे में आ गयी तो फूफी ने कहा बेटा मुनीर अब तुम मेरे सामने मेरी बेटी की बुर चोदो। मेरी बेटी को तुम्हारे जैसा लण्ड बहुत पसंद है। फिर मैंने फरहा की बुर उसकी अम्मी के सामने ही खूब जम कर चोदा। मुनीर का लण्ड अम्मी के हाथ में था। मैं कभी इमरान अंकल का लण्ड देखती और कभी मुनीर का लण्ड। मुझे दोनों लण्ड बड़े जबरदस्त बड़े हसीन और बड़े प्यार लगे। मन तो कर रहा था की मैं दोनों लण्ड अपनी बुर में घुसा लूं। पर मैंने सोंचा की आज तो मैं पहले अम्मी का भोसड़ा चोदूँगी।
मैंने हाथ बढाकर मुनीर का लौड़ा पकड़ लिया। दूसरे हाथ से अम्मी के भोसड़ा का ज़ायज़ा लिया। मैं देख लिया की भोसड़ा साला एकदम गरम है। मैंने मुनीर का लण्ड अम्मी के भोसड़ा पर टिका दिया और ऊपर से उसके चूतड़ कस क दबा दिया। लण्ड अम्मी जान के भोसड़ा में घुस गया। मैंने कहा मुनीर ले अब ठीक से चोद ले अपनी माँ की बहन का भोसड़ा। तूने अपनी माँ की नन्द का भोसड़ा चोदा है अब तू उसकी बहन का भोसड़ा चोद। मुनीर को सच में ताव आ गया। वह तो उछल उछाल कर अम्मी का भोसड़ा चोदने लगा और मैं यही चाहती थी। तब तक उधर से। इमरान मेरे ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा पेल दिया मेरी चूत में। वह मुझे धकाधक चोदने लगा। अम्मी बोली - इमरान अब तू अपनी तमन्ना पूरी कर ले। तू मेरी बेटी की बुर लेना चाहता था न। अब अच्छी तरह से ले ले मेरी बेटी की बुर। फाड़ डाल मेरी बेटी की बुर। चीर के रख दे मेरी बेटी की बुर। इमरान साला चोदने की रफ़्तार बढ़ाने लगा और मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैंने कहा - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ? अब मैं बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म हो गई हूँ। मैं एकदम छिनार हो गयी हूँ। रंडी हो गयी हूँ मैं। अब मैं आज से तेरा भोसड़ा रोज़ चोदूँगी। बड़े बड़े लण्ड ठोंका करूंगी तेरी चूत में। फाड़ डालूंगी मैं तेरी हरामजादी बुर ? तेरी गांड में भी पेला करूंगी लण्ड ? चोद डालूंगी तेरी ये पांच पांच किलो की चूँचियाँ बहन चोद।
अम्मी मेरी बातें सुनकर फूली नहीं समा रहीं थीं। उसे तो यही सब मेरे मुंह से सुनना था और मुझसे अपना भोसड़ा चुदवाना था तो आज मैं चोद रही हूँ उसका भोसड़ा ?
अम्मी भी पलट कर बोली - बेटी तराना, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं भी बहुत बड़ी बेशर्म हूँ और मैं भी हर दिन तेरी चूत का बाजा बजाती रहूंगी। तेरी चूत की गांड में दम करती रहूंगी मैं, बेटी तराना।
मुनीर बड़े मन से मेरी माँ चोद रहा था और मुझे अपनी माँ चुदाने में मज़ा आ रहा था। अचानक मैंने पूंछा यार मुनीर तूने कभी अपनी माँ चोदी है ? कभी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला है ? वह बोला हां यार पेला है। उस दिन मैं अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। मेरे बगल में मेरा खालू मेरी माँ की बुर चोद रहा था। मैं अपनी अम्मी की बुर चुदते हुए देख रहा था और अम्मी मुझे अपनी बहू की बुर चोदते हुए देख रहीं थीं। कुछ देर बाद भाभी जान ने खालू का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया तो अम्मी जान को भी जोश आ गया। वह आगे बढ़ीं और मेरा लण्ड पकड कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया। मैं तो ताव में था ही। मेरा लण्ड साला टन टनाया हुआ था। मैंने कुछ सोंचा नहीं और धकाधक चोदने लगा और आखिर तक चोदता ही रहा। बाद में अम्मी जान ने बताया की बेटा मुनीर हमारे मुस्लिम समाज में बेटा अपनी माँ चोदता है। इसमें कोई गुनाह नहीं है। ये सब जायज़ है जैसे एक बाप अपनी बेटी की बुर चोदता है वैसे ही बेटा अपनी माँ की बुर चोदता है।
अम्मी ने कहा हां हां मुनीर ऐसा होता है। तेरी अम्मी ने ठीक बताया है। अब देखो न मेरी बेटी अपनी माँ चुदवा रही है और मैं अपनी बेटी चुदवा रही है।
आखिर में हम दोनों ने दोनों झड़ते हुए लण्ड खूब मस्ती से चाटे। इसके बाद तो मैं हर दिन अम्मी का भोसड़ा फाड़ती रही और अम्मी मेरी बुर में लण्ड पेलती रहीं। यह मेरी ज़िन्दगी का बहुत बड़ा मोड़ था। मैं सच में जवानी का पूरा मज़ा लूटने लगी। अब तक मैं बहुत बड़ी बेशरम लड़की बन चुकी थी। मुझे किसी के भी आगे नंगी होने में कोई शर्म नहीं आती थी। मैं मौक़ा पाकर कहीं भी किसी का भी लण्ड पकड़ लेती थी।
एक दिन मैं अपने टीचर के घर चली गयी। उसका नाम था ताहिर। वह लगभग ४५ साल का था लेकिन था बड़ा हट्टा कट्टा हैंडसम । वह क्लीन सेव था न दाढी रखता था और न मूंछ। वह अकेले ही रहता था। मुझे नहीं मालूम की उसकी बीवी कौन है और बेटी बेटा कौन हैं। वह तो बहन चोद अकेला ही था। मैं अंदर घुसी तो अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। संडे का दिन था। वह घर में एक पजामा पहने बैठा था। मैं भी उसके आगे बैठ गयी। मैं जींस और टॉप में थी। वह बोला तराना मैं इस बात से खुश हूँ की तुम भी मॉडर्न हो और मैं भी मॉडर्न ? मैंने कहा तुम मॉडर्न नहीं हो सर। अगर होते तो पाजामा के वजाय नेकर पहन कर बैठते। मॉडर्न लोग घर में नंगे रहतें हैं और शराब पीते हैं।
वह बोला - अच्छा क्या तुम घर में नंगी रहती हो ? शराब पीती हो। मैंने अपना टॉप उतार कर फेंक दिया और अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ दिखा कर कहा हां मैं घर में नंगी रहती हूँ, सर । शराब पीती हूँ और मैं शराब के साथ लण्ड पीती हूँ सर। आज कल मॉडर्न लड़कियां लण्ड पीती हैं। मेरी नंगी चूँचियाँ देख कर और मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर उसका लण्ड साला अपने आप खड़ा हो गया। मैं आगे बढ़ी और पजामा का नाड़ा खोल डाला। वह नंगी हुआ तो मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगा। वह बोला तेरे हाथ में जादू है तराना। मैंने कहा हां सर इसीलिए मैं आज तुमसे चुदवाकर ही जाऊंगी। बिना चुदे मैं झांट नहीं जाऊंगी तेरे घर से समझे भोसड़ी वाले ? आज तो तुझे मेरी बुर चोदना ही पड़ेगा और फिर तुम्हें चोदना पड़ेगा मेरी अम्मी का भोसड़ा ?
लण्ड साला बढ़कर 9 " का हो गया। मैंने मन में कहा अब इसे मैं अम्मी के भोसड़ा में जरूर पेलूँगी। मैं लण्ड चूसने लगी और बीच बीच में पेल्हड़ भी चाटने लगी। उधर अपनी सलवार उतार कर फेंक दी और हो गई पूरी नंगी। कुछ देर बाद उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा मुझे। मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं चुदवाने लगी। थोड़ा दर्द तो हुआ पर बाद में अच्छा लगने लगा। मैंने पूंछा सर तूने कभी अपनी बेटी चोदी है ? वह बोला हां तराना चोदी है लेकिन एक या दो बार बस ? मैंने कहा तो उसके बाद क्या हुआ। वह बोला उसके बाद मेरे दोस्त मेरे बेटी चोदने लगे और मैं दोस्तों की बेटियां चोदने लगा। वास्तव में हम लोग बीवियां की अदला बदली पहले करते थे पर आजकल बेटियों की अदला बदली करतें हैं। लोग एक दूसरे की बेटियां चोद चोद कर ज्यादा मज़ा लेते हैं। फिर मैंने उससे खूब अच्छी तरह बड़ी देर तक चुदवाया।
शाम को मैं ताहिर को लेकर अपने घर आ गई। मैंने अम्मी के साथ उसे शराब पिलाई और अम्मी जान से कहा की ये मेरे टीचर हैं और आजकल अपने दोस्तों के साथ बेटियां अदल बदल कर चोदतें हैं। फिर मैंने अम्मी जान का हाथ ताहिर के लण्ड पर रख दिया और ताहिर का हाथ अम्मी की चूँचियों पर। मैंने ताहिर को नंगा किया और अम्मी को भी। अम्मी जान लण्ड पकड़ कर बोली वाह बेटी वाह बहुत बढ़िया लण्ड ढूंढ कर लाई हो। मैंने कहा मुझे भी लौड़ा बहुत पसंद आ गया था। हम दोनो मिलकर उसका लण्ड चाट्ने लगी और मैं साथ ही साथ अम्मी जान का भोसड़ा भी सहलाने लगी। भोसड़ा बहुत गरम हो चुका था तो मैंने लण्ड तुरंत भोसड़ा में घुसा दिया। फिर चुदने लगा अम्मी जान का भोसड़ा। कुछ देर बाद अम्मी ने भी वही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। न मैं कम थी और न अम्मी जान।
हम दोनों इसी तरह ज़िन्दगी का मज़ा लूटती रहीं।
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Tags: मेरी माँ की चिकने चबूतरे जैसी चिकनी चूत - Meri maa ki chikni chut pyari lagi , बाप का खम्बे जैसा मोटा और सख्त लंड , रिश्तों में चुदाई का माहोल , घर परिवार में चुदने की प्यास.
अम्मी ने उसे पकड़ा थोड़ा हिलाया और पूंछा बेटा किसकी बुर चोद कर आ रहे हो मुनीर ?
उसने कहा - अभी तो अपनी फूफी जान की बेटी फरहा की बुर चोद कर आ रहा हूँ, खाला जान ।
अम्मी ने फिर पूंछा - फरहा की बुर उसकी अम्मी के सामने चोदा की अकेले में ?
वह बोला - उसके सामने ही चोदा। दरअसल मैं तो फूफी का भोसड़ा चोद रहा था। तभी अचानक उसकी बेटी फरहा कमरे में आ गयी तो फूफी ने कहा बेटा मुनीर अब तुम मेरे सामने मेरी बेटी की बुर चोदो। मेरी बेटी को तुम्हारे जैसा लण्ड बहुत पसंद है। फिर मैंने फरहा की बुर उसकी अम्मी के सामने ही खूब जम कर चोदा। मुनीर का लण्ड अम्मी के हाथ में था। मैं कभी इमरान अंकल का लण्ड देखती और कभी मुनीर का लण्ड। मुझे दोनों लण्ड बड़े जबरदस्त बड़े हसीन और बड़े प्यार लगे। मन तो कर रहा था की मैं दोनों लण्ड अपनी बुर में घुसा लूं। पर मैंने सोंचा की आज तो मैं पहले अम्मी का भोसड़ा चोदूँगी।
मैंने हाथ बढाकर मुनीर का लौड़ा पकड़ लिया। दूसरे हाथ से अम्मी के भोसड़ा का ज़ायज़ा लिया। मैं देख लिया की भोसड़ा साला एकदम गरम है। मैंने मुनीर का लण्ड अम्मी के भोसड़ा पर टिका दिया और ऊपर से उसके चूतड़ कस क दबा दिया। लण्ड अम्मी जान के भोसड़ा में घुस गया। मैंने कहा मुनीर ले अब ठीक से चोद ले अपनी माँ की बहन का भोसड़ा। तूने अपनी माँ की नन्द का भोसड़ा चोदा है अब तू उसकी बहन का भोसड़ा चोद। मुनीर को सच में ताव आ गया। वह तो उछल उछाल कर अम्मी का भोसड़ा चोदने लगा और मैं यही चाहती थी। तब तक उधर से। इमरान मेरे ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा पेल दिया मेरी चूत में। वह मुझे धकाधक चोदने लगा। अम्मी बोली - इमरान अब तू अपनी तमन्ना पूरी कर ले। तू मेरी बेटी की बुर लेना चाहता था न। अब अच्छी तरह से ले ले मेरी बेटी की बुर। फाड़ डाल मेरी बेटी की बुर। चीर के रख दे मेरी बेटी की बुर। इमरान साला चोदने की रफ़्तार बढ़ाने लगा और मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैंने कहा - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ? अब मैं बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म हो गई हूँ। मैं एकदम छिनार हो गयी हूँ। रंडी हो गयी हूँ मैं। अब मैं आज से तेरा भोसड़ा रोज़ चोदूँगी। बड़े बड़े लण्ड ठोंका करूंगी तेरी चूत में। फाड़ डालूंगी मैं तेरी हरामजादी बुर ? तेरी गांड में भी पेला करूंगी लण्ड ? चोद डालूंगी तेरी ये पांच पांच किलो की चूँचियाँ बहन चोद।
अम्मी मेरी बातें सुनकर फूली नहीं समा रहीं थीं। उसे तो यही सब मेरे मुंह से सुनना था और मुझसे अपना भोसड़ा चुदवाना था तो आज मैं चोद रही हूँ उसका भोसड़ा ?
अम्मी भी पलट कर बोली - बेटी तराना, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं भी बहुत बड़ी बेशर्म हूँ और मैं भी हर दिन तेरी चूत का बाजा बजाती रहूंगी। तेरी चूत की गांड में दम करती रहूंगी मैं, बेटी तराना।
मुनीर बड़े मन से मेरी माँ चोद रहा था और मुझे अपनी माँ चुदाने में मज़ा आ रहा था। अचानक मैंने पूंछा यार मुनीर तूने कभी अपनी माँ चोदी है ? कभी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला है ? वह बोला हां यार पेला है। उस दिन मैं अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। मेरे बगल में मेरा खालू मेरी माँ की बुर चोद रहा था। मैं अपनी अम्मी की बुर चुदते हुए देख रहा था और अम्मी मुझे अपनी बहू की बुर चोदते हुए देख रहीं थीं। कुछ देर बाद भाभी जान ने खालू का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया तो अम्मी जान को भी जोश आ गया। वह आगे बढ़ीं और मेरा लण्ड पकड कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया। मैं तो ताव में था ही। मेरा लण्ड साला टन टनाया हुआ था। मैंने कुछ सोंचा नहीं और धकाधक चोदने लगा और आखिर तक चोदता ही रहा। बाद में अम्मी जान ने बताया की बेटा मुनीर हमारे मुस्लिम समाज में बेटा अपनी माँ चोदता है। इसमें कोई गुनाह नहीं है। ये सब जायज़ है जैसे एक बाप अपनी बेटी की बुर चोदता है वैसे ही बेटा अपनी माँ की बुर चोदता है।
आखिर में हम दोनों ने दोनों झड़ते हुए लण्ड खूब मस्ती से चाटे। इसके बाद तो मैं हर दिन अम्मी का भोसड़ा फाड़ती रही और अम्मी मेरी बुर में लण्ड पेलती रहीं। यह मेरी ज़िन्दगी का बहुत बड़ा मोड़ था। मैं सच में जवानी का पूरा मज़ा लूटने लगी। अब तक मैं बहुत बड़ी बेशरम लड़की बन चुकी थी। मुझे किसी के भी आगे नंगी होने में कोई शर्म नहीं आती थी। मैं मौक़ा पाकर कहीं भी किसी का भी लण्ड पकड़ लेती थी।
एक दिन मैं अपने टीचर के घर चली गयी। उसका नाम था ताहिर। वह लगभग ४५ साल का था लेकिन था बड़ा हट्टा कट्टा हैंडसम । वह क्लीन सेव था न दाढी रखता था और न मूंछ। वह अकेले ही रहता था। मुझे नहीं मालूम की उसकी बीवी कौन है और बेटी बेटा कौन हैं। वह तो बहन चोद अकेला ही था। मैं अंदर घुसी तो अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। संडे का दिन था। वह घर में एक पजामा पहने बैठा था। मैं भी उसके आगे बैठ गयी। मैं जींस और टॉप में थी। वह बोला तराना मैं इस बात से खुश हूँ की तुम भी मॉडर्न हो और मैं भी मॉडर्न ? मैंने कहा तुम मॉडर्न नहीं हो सर। अगर होते तो पाजामा के वजाय नेकर पहन कर बैठते। मॉडर्न लोग घर में नंगे रहतें हैं और शराब पीते हैं।
वह बोला - अच्छा क्या तुम घर में नंगी रहती हो ? शराब पीती हो। मैंने अपना टॉप उतार कर फेंक दिया और अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ दिखा कर कहा हां मैं घर में नंगी रहती हूँ, सर । शराब पीती हूँ और मैं शराब के साथ लण्ड पीती हूँ सर। आज कल मॉडर्न लड़कियां लण्ड पीती हैं। मेरी नंगी चूँचियाँ देख कर और मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर उसका लण्ड साला अपने आप खड़ा हो गया। मैं आगे बढ़ी और पजामा का नाड़ा खोल डाला। वह नंगी हुआ तो मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगा। वह बोला तेरे हाथ में जादू है तराना। मैंने कहा हां सर इसीलिए मैं आज तुमसे चुदवाकर ही जाऊंगी। बिना चुदे मैं झांट नहीं जाऊंगी तेरे घर से समझे भोसड़ी वाले ? आज तो तुझे मेरी बुर चोदना ही पड़ेगा और फिर तुम्हें चोदना पड़ेगा मेरी अम्मी का भोसड़ा ?
लण्ड साला बढ़कर 9 " का हो गया। मैंने मन में कहा अब इसे मैं अम्मी के भोसड़ा में जरूर पेलूँगी। मैं लण्ड चूसने लगी और बीच बीच में पेल्हड़ भी चाटने लगी। उधर अपनी सलवार उतार कर फेंक दी और हो गई पूरी नंगी। कुछ देर बाद उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा मुझे। मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं चुदवाने लगी। थोड़ा दर्द तो हुआ पर बाद में अच्छा लगने लगा। मैंने पूंछा सर तूने कभी अपनी बेटी चोदी है ? वह बोला हां तराना चोदी है लेकिन एक या दो बार बस ? मैंने कहा तो उसके बाद क्या हुआ। वह बोला उसके बाद मेरे दोस्त मेरे बेटी चोदने लगे और मैं दोस्तों की बेटियां चोदने लगा। वास्तव में हम लोग बीवियां की अदला बदली पहले करते थे पर आजकल बेटियों की अदला बदली करतें हैं। लोग एक दूसरे की बेटियां चोद चोद कर ज्यादा मज़ा लेते हैं। फिर मैंने उससे खूब अच्छी तरह बड़ी देर तक चुदवाया।
शाम को मैं ताहिर को लेकर अपने घर आ गई। मैंने अम्मी के साथ उसे शराब पिलाई और अम्मी जान से कहा की ये मेरे टीचर हैं और आजकल अपने दोस्तों के साथ बेटियां अदल बदल कर चोदतें हैं। फिर मैंने अम्मी जान का हाथ ताहिर के लण्ड पर रख दिया और ताहिर का हाथ अम्मी की चूँचियों पर। मैंने ताहिर को नंगा किया और अम्मी को भी। अम्मी जान लण्ड पकड़ कर बोली वाह बेटी वाह बहुत बढ़िया लण्ड ढूंढ कर लाई हो। मैंने कहा मुझे भी लौड़ा बहुत पसंद आ गया था। हम दोनो मिलकर उसका लण्ड चाट्ने लगी और मैं साथ ही साथ अम्मी जान का भोसड़ा भी सहलाने लगी। भोसड़ा बहुत गरम हो चुका था तो मैंने लण्ड तुरंत भोसड़ा में घुसा दिया। फिर चुदने लगा अम्मी जान का भोसड़ा। कुछ देर बाद अम्मी ने भी वही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। न मैं कम थी और न अम्मी जान।
हम दोनों इसी तरह ज़िन्दगी का मज़ा लूटती रहीं।
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Tags: मेरी माँ की चिकने चबूतरे जैसी चिकनी चूत - Meri maa ki chikni chut pyari lagi , बाप का खम्बे जैसा मोटा और सख्त लंड , रिश्तों में चुदाई का माहोल , घर परिवार में चुदने की प्यास.
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