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बेटे के दोस्तों से चूत चुदवाने लगी - Bete ke Doston ne maa ko choda
बेटे के दोस्तों से चूत चुदवाने लगी - Bete ke Doston ne maa ko choda , बेटे के दोस्त ने मुझे खूब चोदा , बेटे के दोस्त का डिक देख कर मेरी पुसी मचलने लगी , हॉट इंडियन आंटी की चूत में बेटे के दोस्त का लंड.
लड़की जब जवान हो जाती है तो उसे एक चीज की जरुरत सबसे ज्यादा महसूस होने लगती है और वह है लण्ड, लण्ड और लण्ड। वह लण्ड के बारे में सोंचने लगती है, लण्ड के सपने देखने लगती है। लण्ड इधर उधर देखने की कोशिश करने लगती है। अपनी सहलियों से लण्ड के बारे में बातें करने लगती है और लण्ड की कहानियां ज्यादा सुनने की कोशिश करने लगती है। यही हाल मेरा भी था। मैं १५ साल की उम्र में ही लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हो गयी थी।
मैंने एक दिन अपने मामू जान का खड़ा लण्ड देख लिया था। रात को वह लुंगी पहन कर लेट गया था । सवेरे सवेरे जब मैं उसके कमरे में गई तो देखा की उसकी लुंगी अलग पड़ी हुई है और लण्ड बहन चोद एकदन तन कर खड़ा हुआ है। मैं लण्ड देख कर दंग रह गई। मैंने मन में कहा वाओ क्या लण्ड इतना बड़ा होता है ? यही लण्ड चूत में घुसता है. जब इतना मोटा लण्ड चूत में घुसता होगा तो चूत का क्या हाल होता होगा खुदा जाने ? मैं उत्तेजित भी थी और हैरान भी। मेरा मन हुआ की मैं इसे पकड़ कर देखूं। इससे बातें करूं। इससे प्यार करूं और इसे अपनी चूँचियों के ऊपर फिराऊं। मेरे मन में बहुत सारे ख्याल आ रहे थे लेकिन मैं कुछ कर न सकी बस एकटक लण्ड देखती ही रही। जबकि मेरा मामू जान मुझसे सिर्फ ५ साल ही बड़ा था। मैं १५ साल की थी और वह २० साल का ? उसके लण्ड की काली काली झांटें भी मेरा मन मोह रहीं थी. झांटें तो मेरी भी थीं। मैं उन्हें साफ़ नहीं करती थी बल्कि कैंची के काट काट कर छोटी कर लेती थी। मुझे छोटी छोटी झांटें बहुत मस्त लगतीं हैं। उस दिन मैंने मन बना लिया की मैं जल्दी ही मामू जान का लण्ड पकड़ लूंगी।
घर में मेरी गिनती बच्चों में होती थी इसलिए मैं बच्चों के कमरे में सोती थी। बड़े लोग अलग सोते थे और शायद एक साथ ही सोते थे। मैं बड़ी हो रही थी। बड़ी तेजी से जवान हो रही थी। मेरी झांटें भी आ गयीं थी मेरी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हो गयीं थीं और जांघें भी मोटी मोटी हो गईं थीं। उस दिन से मैं रात में जग कर बड़े लोगों के कमरे में झाँक कर देखने लगी की आखिर कार रात में होता क्या है ? कुछ होता भी है की नहीं ? मुझे उम्मीद थी की शायद मुझे किसी का लण्ड देखने को मिल जाए ? रात के १२ बज चुके थे। मैं बिस्तर से उठी और खिड़की पर बैठ गयी। खिड़की थोड़ी खुली थी बस उसी से मैं सारा नज़ारा देखने लगी। मुझे इन उम्र में लण्ड बुर चूत भोसड़ा गांड झांट सबका इल्म हो चुका था. चुदाई क्या होती है वह भी मालूम हो चुका था।
मैंने देखा की मेरा अब्बू जान मेरी भाभी की बुर चोद रहा है। यह देख कर मैं हैरान हो गई। एक ससुर अपनी बहू की बुर चोद रहा है ? खालू से मेरी अम्मी भकाभक चुदवा रहीं हैं। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप अम्मी अब्बू के आगे किसी और से चुदवा रहीं हैं ? फिर देखा की फूफी जान की बेटी जो मुझसे ४ साल बड़ी थी वह अपने चचा जान से चुदवा रही है। उसी के सामने फूफी जान अपने नंदोई का लण्ड चूस रहीं हैं और मेरा मामू जान भोसड़ी का अपनी ही बेटी चोद रहा है। ये सब देख कर मेरा चेहरा लाल हो गाय और मैं सोंचने लगी की रात में सब हर दिन होता है। सब कितनी मस्ती से लण्ड का मज़ा लूट रही हैं और मैं बुर चोदी अभी बच्ची ही बनी हुई हूँ। मैं एक साथ अब्बू का लण्ड, खालू का लण्ड, फूफी के देवर का लण्ड, फूफी के नंदोई का लण्ड और मामू जान का लण्ड। मैं तो बहन चोद एक लण्ड देखने के लिए तरस रही थी और यहाँ 5 - 5 लण्ड एक साथ देख रही थी। मेरी लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ गयी।
फिर मैं अकेले में एक एक करके सबके लण्ड पकड़ने लगी और सब लोग मुझे अच्छी तरह से लण्ड पकड़ाने भी लगे क्योंकि मैं बेहद खूबसूरत थी, बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी और लण्ड अच्छी तरह चाटने, चूसने और चुदवाने वाली थी। । मैं जब पूरी जवान हो गयी तो बड़े लोगों के साथ सोने लगी और सबके लण्ड चाटने चूसने लगी और सबसे धकापेल चुदवाने लगी। मेरी अम्मी जान और खाला जान ने मुझे बताया की बेटी हमारे मुस्लिम समाज में सबसे चुदवाने का रिवाज़ है। यहाँ बेटी अपने बाप से चुदवा लेती है, माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है और बहन अपने भाई जान से चुदवा लेती है। ससुर अपनी बहू की बुर चोदता है और दामाद अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड पेलता है। ये सब जायज़ सम्बन्ध है। इस तरह की चुदाई और इन लोगों के साथ चुदाई सब जायज़ है इसमें कोई गुनाह है। बल्कि यहाँ तक कहा गया है की चुदाई में औरत जितनी बेशर्मी दिखा सकती हों उतनी बेशर्मी दिखायें जिससे की मर्दों के लण्ड में जोश भर जाये । यहाँ तक की औरतों का चुदाई के समय प्यार से गालियां देना, गालियां बकना भी अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे जोश बढ़ता है। हां मरद कोई गाली नहीं दे सकता। वो सिर्फ एन्जॉय करता है। अम्मी जान की बातें मेरे दिमाग में बैठ गईं।
मैं अपनी शादी के पहले ही खूब अच्छी तरह चुदी हुई थी। यह बात सबको मालूम थी यहाँ तक की मेरे शौहर को भी। पर किसी को कोई ऐतराज़ नहीं था। मेरा शौहर भी शादी के पहले जाने कितनी बुर चोद चुका था। मेरी सबसे चुदवाने की आदत पड़ गई। शादी के एक महीने के बाद मैं ससुराल में भी सबसे चुदवाने लगी। अब तक जाने कितने लण्ड मेरी चूत की शैर कर चुके हैं। मुझे हर तरह के लण्ड पसंद हैं पर हां मोटा और लम्बा लण्ड मेरी सबसे अच्छी पसंद है। मुझे ऐसे लण्ड मिल भी जातें हैं। अब मैं 44 साल की हो गयी हूँ और मेरा बेटा 22 साल का हो गया है। वह भी जवान हो चुका है पर अभी तक वह मुझसे खुला नहीं है।
मेरा नाम फरीन है और मेरे बेटे का नाम है फ़राज़। फ़राज़ अब २२ साल का हो गया है। उधर मेरा ग़ैर मर्दों से चुदवाना कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ गया। एक दिन मैंने फ़राज़ को नंगा देख लिया। हुआ यह की वह बाथ रूम नहाने लगा और तौलिया बाहर ही भूल गया। नहाने के बाद वह अंदर से बोला अम्मी जाना मेरा तौलिया दे दो। मैं जब तौलिये लेकर उसके पास गयी तो बोली बेटा बाथ रूम का दरवाजा खोलो। वह बोला अम्मी जान दरवाजा खुला है। मैं पूरा दरवाजा खोल कर अंदर घुस गयी। मैंने उसे नंगा देख लिया उसका नंगा लण्ड देख लिया उसकी छोटी छोटी काली काली झांटें भी देखा और पेल्हड़ भी देख लिया। लण्ड का सुपाड़ा तो बड़ा मस्त था बहन चोद। सुपाड़े से टपकती हुई पानी की बूँदें बड़ी अच्छी लग रहीं थीं। मैंने मन में कहा - हाय अल्ला ये तो पूरा मरद हो गया है। इसका लण्ड तो मदन मौलाना के लण्ड के बराबर है।
मेरी नियत ख़राब हो गयी। मेरी चूत गरमा उठी। तब तक वह बोला अम्मी जान तुम जाओ मैं अभी आता हूँ। मैं चली आई लेकिन मेरे दिमाग में उसका लण्ड घूमने गया। उस दिन से मेरे बेटे जैसे लड़कों से चुदवाने की मेरी इच्छा बढ़ने लगी। मुझे नये ताज़े लण्ड से चुदवाने की इच्छा बढ़ने लगी। इसलिए मैं लड़कों से बेशर्म भी होने लगी और उनसे बड़ी बेशर्मी से बातें भी करने लगी। इसके अलावा मुझे जवान लड़कों को नंगा देखने की भी तमन्ना बढ़ने लगी। में जवान लड़कों को देखती हूँ तो मन करता है की इन्हें नंगा कर दूं और इनके लण्ड के साथ झमाझम खेलने लगूँ। इनके पेल्हड़ चाटने लगूं और इनके लण्ड का टोपा चूसने लगूं।
एक दिन मेरे बेटे का दोस्त ईशान आ गया। मैं उस समय एक गहरे गले का गाउन कर बैठ गयी। नीचे मैं मादर चोद बिलकुल नंगी थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेचैन हो रहीं थीं। ईशान की निगाहें मेरी चूँचियों पर टिकीं थीं। मैं उससे बातें करने लगी। फ़राज़ दो दिन के लिए बाहर गया था। मैंने अचानक पूंछ लिया ईशान तुम बियर पीते हो वह बोला हां आंटी पीता हूँ।
जाते समय उसने बताया की फ़राज़ के दो और पक्के दोस्त हैं आंटी जी एक फज़ल और दूसरा अनस ? दोनों की शादी भी हो चुकी है। मैंने उन दोनों का नंबर ले लिया और एक दिन संडे को फज़ल को बुला लिया। उसे देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। वह एकदम गोरा चिट्टा, हट्टा कट्टा चिकना लड़का था न दाढ़ी न मूंछ। उसे देखते ही मेरी चूत बुर चोदी कुलबुलाने लगी। मैंने उसे दारू पिलाई और बातें करने लगी। मैंने नीचे एक सलवार पहन ली और ऊपर एक चुन्नी डाल ली। चूँचियाँ नंगी ही छोड़ दीं। मैंने उसे दारू पिलाई और फिर बातें करने लगी। बातें कुछ खुल कर छपने लगी तो उसे भी मज़ा आने लगा। मैंने कहा तुम्हारी शादी हो गयी है। अब मुझे एक बात बताओ क्या तेरी बीवी तेरे किसी दोस्त ने कभी चोदी है ? वह बोला हां चोदी है। मेरे कई दोस्तों ने मेरी बीवी चोदी है और मैंने भी उनकी बीवियां चोदी हैं। ये तो हमारे दोस्तों में होता ही है। ये कोई खास बात नहीं है। मैंने कहा तो फिर अनस ने भी तेरी बीवी चोदी होगी ? वह बोला अनस ने तो मेरी बीवी क्या मेरी माँ भी चोदी है आंटी जी। और आज भी चोदता है। मेरे घर आता है तो बीवी मिली तो बीवी चोद ली और बीवी नहीं मिली तो मेरी माँ चोद ली। मैंने कहा तो फिर तुम ,,,,,,,,, ? मैं भी उसकी बीवी चोदता हूँ, उसकी माँ चोदता हूँ।
बस मुझे ताव आ गया। मैंने कहा बेटा अब तुम मुझे माँ चोदने वाला अपना लण्ड दिखाओ। मैं तेरा लण्ड देखना चाहती हूँ। तब तक मैंने अपनी सलवार उतार दी और चुन्नी भी फेंक दी। मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी और उसे भी नंगा कर डाला। मैं पेल्हड़ थामे हुए उसका लौड़ा हिला हिला कर चारों तरफ से बड़े प्यार से देखने लगी। फिर मैंने लण्ड अपनी चूँचियों के बीच घुसेड़ लिया। मैं चूँचियों से लण्ड ऊपर नीचे करने लगी। लण्ड का सड़का मारने लगी। लण्ड जब ऊपर आता तो मैं उसका सुपाड़ा चाट लेती। मैं लण्ड का पूरा मज़ा ले रही थी और वह मेरी चूँचियों का पूरा मज़ा ले रहा था। वह बोला आंटी जी तेरी चूँचियाँ बिलकुल अनस की अम्मी जान की तरह हैं और वह इसी तरह मेरे लण्ड का मज़ा लेती है। मैंने फिर लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। अंदर ही अंदर सुपाड़े के चारों ओर जबान घुमाने लगी। वह सिसकारियां लेने लगा और कहा हाय आंटी जी तुम तो बिलकुल मेरी खाला जान की तरह लण्ड चूस रही हो।
वह धीरे धीरे अपनी ही पोल खोल रहा था। वह बोला खाला जान की बेटी भी लण्ड खूब जबान निकाल चाटती है। मैंने कहा तो तुम दोनों माँ बेटी की बुर लेते हो ? वह बोला हां दोनों की बुर लेता हूँ क्योंकि वो दोनों मुझे बड़े प्यार से बुर देतीं हैं। मैं बोली तो फिर आज मेरी भी बुर ले लो मेरे राजा। पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में। फाड़ डालो मेरा भोसड़ा ? उसने भी बड़ी बेशर्मी से चोदना शुरू किया। मैं समझ गयी की इसे भोसड़ा चोदने का तज़ुर्बा है। मैं भी उचक उचक कर चुदवाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा। मैं मस्ती में बोलने लगी हाय अल्ला बड़ा अच्छा लग रहा है। मुझे खूब चोदो। अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे। अपने दोस्त की अम्मी की तरह चोदो मुझे। चीर डालो मेरी बुर। तेरा लण्ड बड़ा हरामजादा है। बुर भी चोदता है और भोसड़ा भी। उसने मुझे पीछे से भी चोदा और लण्ड पर बैठा के भी चोदा। सच में मैं झड़ गई, खलास हो गयी। जब उसका लण्ड झड़ने वाला था तो मैंने अपना मुंह खोल दिया और उसका वीर्य पी गयी। दूसरे दिन मैंने अनस को बुलाया। मैंने उसके पहले दारू पिलाई और फिर कहा बेटा आज मैं तुमसे कुछ जानकारी चाहती हूँ इसीलिए तुझे बुलाया है। उसने कहा हां हां पूँछिये आंटी जी मैं जो जानता हूँ वह सब बताऊंगा।
कर नंगा कर दिया। उसका लण्ड साला बड़ा हक्कानी निकला। मैं उसे पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड साला अज़गर सांप की तरह मोटा लंबा था। मैं उसे प्यार से चाटने चूसने लगी और फिर लण्ड अपयह भी पता चल गया की उसका लौड़ा बड़ा। नी चूत में पेला। अनस ने मुझे खूब अच्छी तरह चोदा और मैं मस्त हो गयी। मैं एक दिन ईशान के घर चली। गयी और ईशान की अम्मी से बातें करने लगी। बातों ही बातों में मैं पूंछ बैठी की यार क्या तुम अपने बेटे से चुदवाती हो ? वह बोली हां चुदवाती हूँ। अब वह मर्द हो गे है तो चुदाने में कोई हर्ज़ नहीं है। हमारे घर में मैं हूँ मेरी बेटी है मेरी बहन है बहू है। उधर मेरा मियां है बीटा है दामाद है बहनोई है। और भी आने जाने वाले हैं। ये सब एक साथ ही रात को सोते हैं और तब कोई भी किसी की बुर चोद लेता है। मैं भी सबसे चुदवाती हूँ और बेटी बहू भी सबसे चुदवाती है। मैंने पूंछा अ क्या कभी तुमने अपने बेटे के दोस्तों से चुदवाया है। वह बोली हां चुदवाया है. तेरा बेटा फ़राज़ मेरे बेटे का दोस्त है। फ़राज़ ने भी मुझे चोदा है कई बार चोदा है मेरी बेटी भी उससे बड़ी मस्ती से चुदवाती है और मेरी बहू भी। उसका लौड़ा मेरे बेटे के लौड़े से बड़ा भी है और मोटा भी। फ़राज़ तो अब पूरा मस्त जवान मर्द बन गया है, फरीन। ये सब सुनकर मेरी चूत की बुरी तरह भड़क गई। अब मुझे पक्की जानकारी मिल गयी की मेरा बेटा अपने दोस्तों की बीवियां भी चोदता है और अम्मियाँ भी चोदता है उनकी बहाने भी चोदता है । मेरे बेटे का लण्ड बड़ा दमदार है और अब मैं उससे चुदवाने के लिए मचल उठी। वापस आकर मैंने यह बात अपनी नन्द को बताई तो वह भी मेरे बेटे से चुदवाने के लिए बेताब होने लगी। फिर मैंने एक प्लान बनाया।
मैंने अपनी नन्द को उसके बेटे के साथ बुलाया। उसकी बेटी को अपने शौहर के साथ बुलाया और मैं इधर अपने बेटे के साथ घर में थी ही। शाम के 8 बज चुके थे और हमने दारू का सिलसिला चालू कर दिया। मैंने इशारा किया तो मेरी नन्द की बेटी रेशमा ने अपना हाथ मेरे बेटे के लण्ड पर रख दिया। उधर मेरीनन्द अपनी बेटी के मियां रज़ा का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी। तब मुझे भी ताव आ गया मैंने नंदोई के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और उसका लण्ड खींच कर बाहर निकाल लिया। अब तक तीनो लण्ड खड़े हो गए थे।
रेशमा बोली - हाय अल्ला फ़राज़ भाई जान तेरा लण्ड तो साला घोड़े के लण्ड जैसा है बहन चोद ? इतना बड़ा लण्ड तो मेरे ससुर का भी लण्ड नहीं है। आज मुझे तेरे लण्ड का पूरा मज़ा मिलेगा।
फिर वह एकदम नंगी हो गयी और लण्ड चूसने लगी। मैंने देखा की फ़राज़ का लण्ड वाकई बहुत बड़ा है और मोटा भी। मैं बुरी तरह ललचा गयी।
रेशमा बोली - फ़राज़ भाई जान, तूने कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है ?
वह बोला - क्या तूने चोदा है अपनी माँ का भोसड़ा ?
रेशमा ने जबाब दिया - मैं तो रोज़ ही चोदती हूँ अपनी माँ का भोसड़ा ? एक के बाद एक दनादन लण्ड पेलती हूँ अपनी माँ के भोसड़ा में ? आज मैं तेरा लण्ड पहले अपनी चूत में पेलूँगी और फिर अपनी माँ की चूत में ?
तब तक नन्द बोली - बेटा फ़राज़, आज मैं तेरा लण्ड तेरी माँ के भोसड़ा में घुसा दूँगी। मुझे मालूम हुआ है की तू अपने दोस्तों की माँ का भोसड़ा चोदता है। तुझे अपनी माँ चोदने तेरी गांड फटती है क्या ?
फिर उसने कहा- बेटी रेशमा, तुम सबसे पहले फ़राज़ का लण्ड उसकी माँ की चूत में पेल दे ?
रेशमा ने वैसा ही किया। मेरे बेटे का लण्ड जब मेरी चूत में घुसा तो मुझे बहुत तसल्ली हुई। आज बहुत दिनों के बाद मेरी तमन्ना पूरी हुई। मेरा बेटा मेरी बुर वैसे ही चोदने लगा जैसे वह अपने दोस्तों की माँ कि बुर चोदता है। नन्द अपने दामाद से चुदवाने लगी और रेशमा ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लिया। वह अपने अब्बू से धकाधक चुदवाने लगी।
चुदाई के मामले में सब कुछ जायज़ है यह बात आज सबको और खास तौर से मेरे बेटे को मालूम हो गयी। उसके बाद तो मैं आये दिन अपने बेटे से चुदवाने लगी।
=०=०=०=०=०= समाप्त
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लड़की जब जवान हो जाती है तो उसे एक चीज की जरुरत सबसे ज्यादा महसूस होने लगती है और वह है लण्ड, लण्ड और लण्ड। वह लण्ड के बारे में सोंचने लगती है, लण्ड के सपने देखने लगती है। लण्ड इधर उधर देखने की कोशिश करने लगती है। अपनी सहलियों से लण्ड के बारे में बातें करने लगती है और लण्ड की कहानियां ज्यादा सुनने की कोशिश करने लगती है। यही हाल मेरा भी था। मैं १५ साल की उम्र में ही लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हो गयी थी।
मैंने एक दिन अपने मामू जान का खड़ा लण्ड देख लिया था। रात को वह लुंगी पहन कर लेट गया था । सवेरे सवेरे जब मैं उसके कमरे में गई तो देखा की उसकी लुंगी अलग पड़ी हुई है और लण्ड बहन चोद एकदन तन कर खड़ा हुआ है। मैं लण्ड देख कर दंग रह गई। मैंने मन में कहा वाओ क्या लण्ड इतना बड़ा होता है ? यही लण्ड चूत में घुसता है. जब इतना मोटा लण्ड चूत में घुसता होगा तो चूत का क्या हाल होता होगा खुदा जाने ? मैं उत्तेजित भी थी और हैरान भी। मेरा मन हुआ की मैं इसे पकड़ कर देखूं। इससे बातें करूं। इससे प्यार करूं और इसे अपनी चूँचियों के ऊपर फिराऊं। मेरे मन में बहुत सारे ख्याल आ रहे थे लेकिन मैं कुछ कर न सकी बस एकटक लण्ड देखती ही रही। जबकि मेरा मामू जान मुझसे सिर्फ ५ साल ही बड़ा था। मैं १५ साल की थी और वह २० साल का ? उसके लण्ड की काली काली झांटें भी मेरा मन मोह रहीं थी. झांटें तो मेरी भी थीं। मैं उन्हें साफ़ नहीं करती थी बल्कि कैंची के काट काट कर छोटी कर लेती थी। मुझे छोटी छोटी झांटें बहुत मस्त लगतीं हैं। उस दिन मैंने मन बना लिया की मैं जल्दी ही मामू जान का लण्ड पकड़ लूंगी।
घर में मेरी गिनती बच्चों में होती थी इसलिए मैं बच्चों के कमरे में सोती थी। बड़े लोग अलग सोते थे और शायद एक साथ ही सोते थे। मैं बड़ी हो रही थी। बड़ी तेजी से जवान हो रही थी। मेरी झांटें भी आ गयीं थी मेरी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हो गयीं थीं और जांघें भी मोटी मोटी हो गईं थीं। उस दिन से मैं रात में जग कर बड़े लोगों के कमरे में झाँक कर देखने लगी की आखिर कार रात में होता क्या है ? कुछ होता भी है की नहीं ? मुझे उम्मीद थी की शायद मुझे किसी का लण्ड देखने को मिल जाए ? रात के १२ बज चुके थे। मैं बिस्तर से उठी और खिड़की पर बैठ गयी। खिड़की थोड़ी खुली थी बस उसी से मैं सारा नज़ारा देखने लगी। मुझे इन उम्र में लण्ड बुर चूत भोसड़ा गांड झांट सबका इल्म हो चुका था. चुदाई क्या होती है वह भी मालूम हो चुका था।
मैंने देखा की मेरा अब्बू जान मेरी भाभी की बुर चोद रहा है। यह देख कर मैं हैरान हो गई। एक ससुर अपनी बहू की बुर चोद रहा है ? खालू से मेरी अम्मी भकाभक चुदवा रहीं हैं। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप अम्मी अब्बू के आगे किसी और से चुदवा रहीं हैं ? फिर देखा की फूफी जान की बेटी जो मुझसे ४ साल बड़ी थी वह अपने चचा जान से चुदवा रही है। उसी के सामने फूफी जान अपने नंदोई का लण्ड चूस रहीं हैं और मेरा मामू जान भोसड़ी का अपनी ही बेटी चोद रहा है। ये सब देख कर मेरा चेहरा लाल हो गाय और मैं सोंचने लगी की रात में सब हर दिन होता है। सब कितनी मस्ती से लण्ड का मज़ा लूट रही हैं और मैं बुर चोदी अभी बच्ची ही बनी हुई हूँ। मैं एक साथ अब्बू का लण्ड, खालू का लण्ड, फूफी के देवर का लण्ड, फूफी के नंदोई का लण्ड और मामू जान का लण्ड। मैं तो बहन चोद एक लण्ड देखने के लिए तरस रही थी और यहाँ 5 - 5 लण्ड एक साथ देख रही थी। मेरी लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ गयी।
फिर मैं अकेले में एक एक करके सबके लण्ड पकड़ने लगी और सब लोग मुझे अच्छी तरह से लण्ड पकड़ाने भी लगे क्योंकि मैं बेहद खूबसूरत थी, बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी और लण्ड अच्छी तरह चाटने, चूसने और चुदवाने वाली थी। । मैं जब पूरी जवान हो गयी तो बड़े लोगों के साथ सोने लगी और सबके लण्ड चाटने चूसने लगी और सबसे धकापेल चुदवाने लगी। मेरी अम्मी जान और खाला जान ने मुझे बताया की बेटी हमारे मुस्लिम समाज में सबसे चुदवाने का रिवाज़ है। यहाँ बेटी अपने बाप से चुदवा लेती है, माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है और बहन अपने भाई जान से चुदवा लेती है। ससुर अपनी बहू की बुर चोदता है और दामाद अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड पेलता है। ये सब जायज़ सम्बन्ध है। इस तरह की चुदाई और इन लोगों के साथ चुदाई सब जायज़ है इसमें कोई गुनाह है। बल्कि यहाँ तक कहा गया है की चुदाई में औरत जितनी बेशर्मी दिखा सकती हों उतनी बेशर्मी दिखायें जिससे की मर्दों के लण्ड में जोश भर जाये । यहाँ तक की औरतों का चुदाई के समय प्यार से गालियां देना, गालियां बकना भी अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे जोश बढ़ता है। हां मरद कोई गाली नहीं दे सकता। वो सिर्फ एन्जॉय करता है। अम्मी जान की बातें मेरे दिमाग में बैठ गईं।
मैं अपनी शादी के पहले ही खूब अच्छी तरह चुदी हुई थी। यह बात सबको मालूम थी यहाँ तक की मेरे शौहर को भी। पर किसी को कोई ऐतराज़ नहीं था। मेरा शौहर भी शादी के पहले जाने कितनी बुर चोद चुका था। मेरी सबसे चुदवाने की आदत पड़ गई। शादी के एक महीने के बाद मैं ससुराल में भी सबसे चुदवाने लगी। अब तक जाने कितने लण्ड मेरी चूत की शैर कर चुके हैं। मुझे हर तरह के लण्ड पसंद हैं पर हां मोटा और लम्बा लण्ड मेरी सबसे अच्छी पसंद है। मुझे ऐसे लण्ड मिल भी जातें हैं। अब मैं 44 साल की हो गयी हूँ और मेरा बेटा 22 साल का हो गया है। वह भी जवान हो चुका है पर अभी तक वह मुझसे खुला नहीं है।
मेरा नाम फरीन है और मेरे बेटे का नाम है फ़राज़। फ़राज़ अब २२ साल का हो गया है। उधर मेरा ग़ैर मर्दों से चुदवाना कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ गया। एक दिन मैंने फ़राज़ को नंगा देख लिया। हुआ यह की वह बाथ रूम नहाने लगा और तौलिया बाहर ही भूल गया। नहाने के बाद वह अंदर से बोला अम्मी जाना मेरा तौलिया दे दो। मैं जब तौलिये लेकर उसके पास गयी तो बोली बेटा बाथ रूम का दरवाजा खोलो। वह बोला अम्मी जान दरवाजा खुला है। मैं पूरा दरवाजा खोल कर अंदर घुस गयी। मैंने उसे नंगा देख लिया उसका नंगा लण्ड देख लिया उसकी छोटी छोटी काली काली झांटें भी देखा और पेल्हड़ भी देख लिया। लण्ड का सुपाड़ा तो बड़ा मस्त था बहन चोद। सुपाड़े से टपकती हुई पानी की बूँदें बड़ी अच्छी लग रहीं थीं। मैंने मन में कहा - हाय अल्ला ये तो पूरा मरद हो गया है। इसका लण्ड तो मदन मौलाना के लण्ड के बराबर है।
मेरी नियत ख़राब हो गयी। मेरी चूत गरमा उठी। तब तक वह बोला अम्मी जान तुम जाओ मैं अभी आता हूँ। मैं चली आई लेकिन मेरे दिमाग में उसका लण्ड घूमने गया। उस दिन से मेरे बेटे जैसे लड़कों से चुदवाने की मेरी इच्छा बढ़ने लगी। मुझे नये ताज़े लण्ड से चुदवाने की इच्छा बढ़ने लगी। इसलिए मैं लड़कों से बेशर्म भी होने लगी और उनसे बड़ी बेशर्मी से बातें भी करने लगी। इसके अलावा मुझे जवान लड़कों को नंगा देखने की भी तमन्ना बढ़ने लगी। में जवान लड़कों को देखती हूँ तो मन करता है की इन्हें नंगा कर दूं और इनके लण्ड के साथ झमाझम खेलने लगूँ। इनके पेल्हड़ चाटने लगूं और इनके लण्ड का टोपा चूसने लगूं।
एक दिन मेरे बेटे का दोस्त ईशान आ गया। मैं उस समय एक गहरे गले का गाउन कर बैठ गयी। नीचे मैं मादर चोद बिलकुल नंगी थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेचैन हो रहीं थीं। ईशान की निगाहें मेरी चूँचियों पर टिकीं थीं। मैं उससे बातें करने लगी। फ़राज़ दो दिन के लिए बाहर गया था। मैंने अचानक पूंछ लिया ईशान तुम बियर पीते हो वह बोला हां आंटी पीता हूँ।
- मैंने कहा हाय अल्ला ईशान आज तुम बहुत हैंडसम लग रहे हो। बड़े खूबसूरत लग रहे हो।
- खूबसूरत तो आप लग रहीं हैं आंटी जी। आप तो उसकी बहन जैसी लग रहीं हैं। लगता ही नहीं की आप मेरे दोस्त की अम्मी जान हैं।
- खुदा कसम तेरी टोपी भी बड़ी खूबसूरत है।
- शुक्रिया आंटी जी।
- अगर तेरी टोपी इतनी खूबसूरत है तो तेरा टोपा भी बड़ा खूबसूरत होगा बेटा ईशान ?
- टोपा क्या मतलब मैं समझा नहीं आंटी जी ?
- अरे टोपा तुम नहीं जानते बेटा ? लण्ड का टोपा बेटा ईशान ? वह थोड़ा झेंप गया। मैंने कहा बेटा ईशान अब तुम जवान हो गए हो। तुम्हे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। तुम पूरे मर्द बन चुके हो।
- हां आंटी बन तो चुका हूँ मर्द ?
- तो फिर दिखाओ न मुझे अपना लण्ड और लण्ड का टोपा ? मैं तेरा लण्ड देख कर ही बताऊंगी की तुम पूरे मर्द बन चुके हो की नहीं । अब हो जाओ तुम मेरे सामने नंगे। नहीं तो मैं तुझे नंगा कर दूँगी। ,,,,,,,,,
जाते समय उसने बताया की फ़राज़ के दो और पक्के दोस्त हैं आंटी जी एक फज़ल और दूसरा अनस ? दोनों की शादी भी हो चुकी है। मैंने उन दोनों का नंबर ले लिया और एक दिन संडे को फज़ल को बुला लिया। उसे देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। वह एकदम गोरा चिट्टा, हट्टा कट्टा चिकना लड़का था न दाढ़ी न मूंछ। उसे देखते ही मेरी चूत बुर चोदी कुलबुलाने लगी। मैंने उसे दारू पिलाई और बातें करने लगी। मैंने नीचे एक सलवार पहन ली और ऊपर एक चुन्नी डाल ली। चूँचियाँ नंगी ही छोड़ दीं। मैंने उसे दारू पिलाई और फिर बातें करने लगी। बातें कुछ खुल कर छपने लगी तो उसे भी मज़ा आने लगा। मैंने कहा तुम्हारी शादी हो गयी है। अब मुझे एक बात बताओ क्या तेरी बीवी तेरे किसी दोस्त ने कभी चोदी है ? वह बोला हां चोदी है। मेरे कई दोस्तों ने मेरी बीवी चोदी है और मैंने भी उनकी बीवियां चोदी हैं। ये तो हमारे दोस्तों में होता ही है। ये कोई खास बात नहीं है। मैंने कहा तो फिर अनस ने भी तेरी बीवी चोदी होगी ? वह बोला अनस ने तो मेरी बीवी क्या मेरी माँ भी चोदी है आंटी जी। और आज भी चोदता है। मेरे घर आता है तो बीवी मिली तो बीवी चोद ली और बीवी नहीं मिली तो मेरी माँ चोद ली। मैंने कहा तो फिर तुम ,,,,,,,,, ? मैं भी उसकी बीवी चोदता हूँ, उसकी माँ चोदता हूँ।
बस मुझे ताव आ गया। मैंने कहा बेटा अब तुम मुझे माँ चोदने वाला अपना लण्ड दिखाओ। मैं तेरा लण्ड देखना चाहती हूँ। तब तक मैंने अपनी सलवार उतार दी और चुन्नी भी फेंक दी। मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी और उसे भी नंगा कर डाला। मैं पेल्हड़ थामे हुए उसका लौड़ा हिला हिला कर चारों तरफ से बड़े प्यार से देखने लगी। फिर मैंने लण्ड अपनी चूँचियों के बीच घुसेड़ लिया। मैं चूँचियों से लण्ड ऊपर नीचे करने लगी। लण्ड का सड़का मारने लगी। लण्ड जब ऊपर आता तो मैं उसका सुपाड़ा चाट लेती। मैं लण्ड का पूरा मज़ा ले रही थी और वह मेरी चूँचियों का पूरा मज़ा ले रहा था। वह बोला आंटी जी तेरी चूँचियाँ बिलकुल अनस की अम्मी जान की तरह हैं और वह इसी तरह मेरे लण्ड का मज़ा लेती है। मैंने फिर लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। अंदर ही अंदर सुपाड़े के चारों ओर जबान घुमाने लगी। वह सिसकारियां लेने लगा और कहा हाय आंटी जी तुम तो बिलकुल मेरी खाला जान की तरह लण्ड चूस रही हो।
वह धीरे धीरे अपनी ही पोल खोल रहा था। वह बोला खाला जान की बेटी भी लण्ड खूब जबान निकाल चाटती है। मैंने कहा तो तुम दोनों माँ बेटी की बुर लेते हो ? वह बोला हां दोनों की बुर लेता हूँ क्योंकि वो दोनों मुझे बड़े प्यार से बुर देतीं हैं। मैं बोली तो फिर आज मेरी भी बुर ले लो मेरे राजा। पेल दो अपना लण्ड मेरी चूत में। फाड़ डालो मेरा भोसड़ा ? उसने भी बड़ी बेशर्मी से चोदना शुरू किया। मैं समझ गयी की इसे भोसड़ा चोदने का तज़ुर्बा है। मैं भी उचक उचक कर चुदवाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा। मैं मस्ती में बोलने लगी हाय अल्ला बड़ा अच्छा लग रहा है। मुझे खूब चोदो। अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे। अपने दोस्त की अम्मी की तरह चोदो मुझे। चीर डालो मेरी बुर। तेरा लण्ड बड़ा हरामजादा है। बुर भी चोदता है और भोसड़ा भी। उसने मुझे पीछे से भी चोदा और लण्ड पर बैठा के भी चोदा। सच में मैं झड़ गई, खलास हो गयी। जब उसका लण्ड झड़ने वाला था तो मैंने अपना मुंह खोल दिया और उसका वीर्य पी गयी। दूसरे दिन मैंने अनस को बुलाया। मैंने उसके पहले दारू पिलाई और फिर कहा बेटा आज मैं तुमसे कुछ जानकारी चाहती हूँ इसीलिए तुझे बुलाया है। उसने कहा हां हां पूँछिये आंटी जी मैं जो जानता हूँ वह सब बताऊंगा।
- मैंने पूंछा - क्या तेरे दोस्त तेरी बीवी चोदते हैं ? क्या तुम भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदते हो ?
- वह बोला हां - हां मेरे दोस्त मेरी बीवी चोदते है और मैं भी उनकी बीवियां चोदता हूँ।
- तुम अपने दोस्तों की अम्मी का भोसड़ा चोदते हो।
- हां चोदता हूं, आंटी जी। जब मेरे दोस्त मेरी माँ चोदते हैं तो मैं भी उनकी माँ चोदता हूँ। ये सब अम्मियों की मर्जी से होता है। कहीं कोई जबरदस्ती नहीं होती। मेरी अम्मी ने कहा था एक दूसरे की माँ चोदने में कोई हर्ज़ नहीं है बेटा। अगर किसी की अम्मी तुमसे चुदवाना चाहे तो तुम उसे चोद लेना। अच्छा अब सही सही बताओ क्या मेरा बेटा फ़राज़ तेरी माँ चोदता है ?
- हां आंटी जी चोदता है। मेरे सामने चोदता है। मेरी बीवी भी चोदता है।
- हाय अल्ला तो फिर तुम फ़राज़ की माँ का भोसड़ा क्यों नहीं चोदते ? अपना लण्ड उसकी माँ की चूत में क्यों नहीं पेलते ? लो अब चोदो अपने दोस्त फ़राज़ की माँ का भोसड़ा।
मैंने अपनी नन्द को उसके बेटे के साथ बुलाया। उसकी बेटी को अपने शौहर के साथ बुलाया और मैं इधर अपने बेटे के साथ घर में थी ही। शाम के 8 बज चुके थे और हमने दारू का सिलसिला चालू कर दिया। मैंने इशारा किया तो मेरी नन्द की बेटी रेशमा ने अपना हाथ मेरे बेटे के लण्ड पर रख दिया। उधर मेरीनन्द अपनी बेटी के मियां रज़ा का लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी। तब मुझे भी ताव आ गया मैंने नंदोई के पजामा में हाथ घुसेड़ दिया और उसका लण्ड खींच कर बाहर निकाल लिया। अब तक तीनो लण्ड खड़े हो गए थे।
रेशमा बोली - हाय अल्ला फ़राज़ भाई जान तेरा लण्ड तो साला घोड़े के लण्ड जैसा है बहन चोद ? इतना बड़ा लण्ड तो मेरे ससुर का भी लण्ड नहीं है। आज मुझे तेरे लण्ड का पूरा मज़ा मिलेगा।
फिर वह एकदम नंगी हो गयी और लण्ड चूसने लगी। मैंने देखा की फ़राज़ का लण्ड वाकई बहुत बड़ा है और मोटा भी। मैं बुरी तरह ललचा गयी।
रेशमा बोली - फ़राज़ भाई जान, तूने कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है ?
वह बोला - क्या तूने चोदा है अपनी माँ का भोसड़ा ?
रेशमा ने जबाब दिया - मैं तो रोज़ ही चोदती हूँ अपनी माँ का भोसड़ा ? एक के बाद एक दनादन लण्ड पेलती हूँ अपनी माँ के भोसड़ा में ? आज मैं तेरा लण्ड पहले अपनी चूत में पेलूँगी और फिर अपनी माँ की चूत में ?
तब तक नन्द बोली - बेटा फ़राज़, आज मैं तेरा लण्ड तेरी माँ के भोसड़ा में घुसा दूँगी। मुझे मालूम हुआ है की तू अपने दोस्तों की माँ का भोसड़ा चोदता है। तुझे अपनी माँ चोदने तेरी गांड फटती है क्या ?
फिर उसने कहा- बेटी रेशमा, तुम सबसे पहले फ़राज़ का लण्ड उसकी माँ की चूत में पेल दे ?
रेशमा ने वैसा ही किया। मेरे बेटे का लण्ड जब मेरी चूत में घुसा तो मुझे बहुत तसल्ली हुई। आज बहुत दिनों के बाद मेरी तमन्ना पूरी हुई। मेरा बेटा मेरी बुर वैसे ही चोदने लगा जैसे वह अपने दोस्तों की माँ कि बुर चोदता है। नन्द अपने दामाद से चुदवाने लगी और रेशमा ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लिया। वह अपने अब्बू से धकाधक चुदवाने लगी।
चुदाई के मामले में सब कुछ जायज़ है यह बात आज सबको और खास तौर से मेरे बेटे को मालूम हो गयी। उसके बाद तो मैं आये दिन अपने बेटे से चुदवाने लगी।
=०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: बेटे के दोस्तों से चूत चुदवाने लगी - Bete ke Doston ne maa ko choda , बेटे के दोस्त ने मुझे खूब चोदा , बेटे के दोस्त का डिक देख कर मेरी पुसी मचलने लगी , हॉट इंडियन आंटी की चूत में बेटे के दोस्त का लंड.
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