Home
» Sex Stories in Hindi हिंदी सेक्स कहानियां porn erotica story चुदाई की मशहूर दास्ताँ
» आपस में माँ बेटियां बदलकर चोदो - Maa beti ki badli karke chudai
आपस में माँ बेटियां बदलकर चोदो - Maa beti ki badli karke chudai
आपस में माँ बेटियां बदलकर चोदो - Maa beti ki badli karke chudai , माँ का चोदो भोसड़ा बेटी की चोदो बुर , मम्मी की चूत गांड फाड़ दो , बेटी को लंड चुसाओ , बेटी हुई जवान चूत की बनी दुकान.
मैं 45 साल की सकीना बेगम हूँ, बहुत पढ़ी लिखी हूँ, खूबसूरत हूँ और बोल्ड हूँ। मेरा शौक है सेक्स। मैं सेक्स करने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ, किसी भी हद तक जा सकती हूँ और किसी के भी साथ कर सकती हूँ। मैं अपने आपको बड़ी नसीब वाली मानती हूँ की मैं मुस्लिम समाज में पैदा हुई जहाँ सेक्स करने की पूरी आज़ादी होती है हां कुछ बंदिशों के साथ। लण्ड ही मेरी सबसे बड़ी कमजोरी भी है और लण्ड ही मेरी सबसे बड़ी ताकत भी है। कमजोरी इसलिए की मैं जब भी किसी हैंडसम लडके या आदमी को देखती हूँ तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती हूँ और फिर उसका लण्ड पकड़ने की ठान लेती हूँ। आज तक मैं कभी फेल नहीं हुई. जिसका लण्ड पकड़ने के लिए ठाना उसका लण्ड पकड़ जरूर लिया और उसे अपने मुंह और चूत में पेल भी लिया। ताकत इसलिए की मैं जिसका लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड के साथ खेलती हूँ और फिर उसे अपनी चूत में घुसा कर चुदवाती हूँ वह मुझे कभी भूल नहीं सकता। बल्कि बार बार मुझे चोदने के लिए आने लगता है। वही आदमी मेरे लिए कुछ करने को तैयार हो जाता है. मैंने ऐसे लोगों से बहुत काम करवायें हैं जिनसे मैं जी जान से खुल कर चुदवाती हूँ।
मैं 15 साल की उम्र से लण्ड का मज़ा लूट रही हूँ। 30 साल हो गये हैं मुझे लण्ड का मज़ा लेते लेते। लेकिन मैंने अपने शौक को कभी कम नहीं किया बल्कि इसे दिन पर दिन बढ़ती ही गई । अब तो मेरी बेटी भी जवान हो गई है। उसने भी लण्ड का मज़ा लेना शुरू कर दिया है। मेरे मन में आया की क्यों न हम दोनों मिलकर सेक्स का मज़ा ले। लण्ड का मज़ा लें और खुल्लम खुल्ला एक दूसरे के साथ लण्ड एन्जॉय करें। आखिर कार ज़िन्दगी में और रखा ही क्या है ?
मैं 45 साल की सकीना बेगम हूँ, बहुत पढ़ी लिखी हूँ, खूबसूरत हूँ और बोल्ड हूँ। मेरा शौक है सेक्स। मैं सेक्स करने के लिए कुछ भी कर सकती हूँ, किसी भी हद तक जा सकती हूँ और किसी के भी साथ कर सकती हूँ। मैं अपने आपको बड़ी नसीब वाली मानती हूँ की मैं मुस्लिम समाज में पैदा हुई जहाँ सेक्स करने की पूरी आज़ादी होती है हां कुछ बंदिशों के साथ। लण्ड ही मेरी सबसे बड़ी कमजोरी भी है और लण्ड ही मेरी सबसे बड़ी ताकत भी है। कमजोरी इसलिए की मैं जब भी किसी हैंडसम लडके या आदमी को देखती हूँ तो उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती हूँ और फिर उसका लण्ड पकड़ने की ठान लेती हूँ। आज तक मैं कभी फेल नहीं हुई. जिसका लण्ड पकड़ने के लिए ठाना उसका लण्ड पकड़ जरूर लिया और उसे अपने मुंह और चूत में पेल भी लिया। ताकत इसलिए की मैं जिसका लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड के साथ खेलती हूँ और फिर उसे अपनी चूत में घुसा कर चुदवाती हूँ वह मुझे कभी भूल नहीं सकता। बल्कि बार बार मुझे चोदने के लिए आने लगता है। वही आदमी मेरे लिए कुछ करने को तैयार हो जाता है. मैंने ऐसे लोगों से बहुत काम करवायें हैं जिनसे मैं जी जान से खुल कर चुदवाती हूँ।
मैं 15 साल की उम्र से लण्ड का मज़ा लूट रही हूँ। 30 साल हो गये हैं मुझे लण्ड का मज़ा लेते लेते। लेकिन मैंने अपने शौक को कभी कम नहीं किया बल्कि इसे दिन पर दिन बढ़ती ही गई । अब तो मेरी बेटी भी जवान हो गई है। उसने भी लण्ड का मज़ा लेना शुरू कर दिया है। मेरे मन में आया की क्यों न हम दोनों मिलकर सेक्स का मज़ा ले। लण्ड का मज़ा लें और खुल्लम खुल्ला एक दूसरे के साथ लण्ड एन्जॉय करें। आखिर कार ज़िन्दगी में और रखा ही क्या है ?
मेरी बेटी जब 18 + की हुई थी तो मैंने उससे गालियों से बात करना शुरू कर दिया। मैं उसे सेक्स के लिए तैयार करना चाहती थी। इसके लिए पहले उसे बेशरम बनाना जरुरी था । तो मैंने उससे गालियों से बात करना शुरू कर दिया। अपनी बेशरमी दिखाना शुरू कर दिया। मैं अक्सर उससे भी बेशर्मी करने लगी और उसके सामने दूसरों लोगों से भी। मैं चाहती थी की वह खुले आम लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब बोलना शुरू कर दे, गालियां देना शुरू कर दे और बेधड़क अपना हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ना शुरू कर दे। अपनी जवानी का पूरा पूरा फायदा उठाये।
एक दिन वह कॉलेज से कुछ देर आई तो मैंने पूंछा - इतनी देर से कहाँ माँ चुदा रही थी तू अपनी सना ? वह बोली अरे अम्मी जान मुझे मेरी एक सहेली ने रोक लिया था। इसलिए देर हो गई।
मैंने फिर उससे हंस कर कहा - तो क्या उसकेअब्बू का लण्ड हिला रही थी तू की उसके भाई जान का लण्ड ?
उसने जबाब दिया - नहीं अम्मी जान ऐसा कुछ नहीं कर रही थी मैं। बस बातें ही कर रही थी।
मैंने कहा - अच्छा तो क्या तेरी चूत में आग नहीं है बहन चोद ? क्या तू अभी तक जवान नहीं हुई ? अभी तू बच्ची ही बनी हुई है माँ की लौड़ी ? कौन है तेरी सहेली उसका नाम बता मुझे ? मैं उससे भी पूंछूंगी की उसने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा की नहीं ? उसने अपने भाई जान का लण्ड मुंह में लिया की नहीं। अगर नहीं लिया तो क्या वह भी बुर चोदी जवान नहीं हुई अभी ? या फिर उसकी चूत अभी सोई पड़ी है जैसे तेरी चूत सो रही है। मैं अगर तेरी जगह होती तो एक एक करके दोनों के लण्ड मुंह में भी लेती और बुर में भी। तेरी माँ का भोसड़ा, बेटी सना ? तू कुछ कर भी पायेगी अपनी जवानी में की नहीं ?
मैंने इतनी गालियां सुनाई उसे इतनी अश्लील बातें की उससे पर उसके मुंह से एक भी अश्लील शब्द नहीं निकला। एक बार भी वह लण्ड, बुर, चूत नहीं बोली। मेरे मन में आया की कहीं इसमें कोई शारीरिक कमजोरी तो नहीं है ? क्योंकि इस उम्र की लड़कियां तो लण्ड पकड़ने के लिए उतावली घूमती रहती है। अपनी चूत अपने हाथ में लिए घूमती रहतीं हैं की कोई इसमें लौड़ा पेल दे ? कोई मेरी बुर चोद ले ? और मेरी बेटी में ये कुछ भी नहीं दिखता। तब मैंने सोंचा की अब मुझे एक बड़ा इंजेक्शन देना पड़ेगा उसे।
दूसरे दिन मैं कमरे में थी. उसी समय सना मेरी बेटी कॉलेज से आई। मेरे कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और खिड़की भी खुली थी। सना जब घर में आयी तो उसे महसूस हुआ की कमरे में कुछ हो रहा है। वह जल्दी ही कपड़े बदल कर कमरे में आ गई। वह मुझे देख कर बोली - हाय अल्लाह, ये क्या हो रहा है अम्मी जान ? मैंने कहा - हो क्या रहा है बेटी सना। देख रही हो न की तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। वह बोली - अरे अम्मी ये तो तारिक है मेरी खाला का बेटा। मैंने कहा अरे तारिक़ भाई जान तुम मेरी माँ चोद रहे हो ? वह बोला तो इसमें कौआ सी खास बात है। हमारे यहाँ तो कोई किसी को भी चोद लेता है और ये सब जायज़ माना जाता है इसलिए मैं चोद रहा हूँ। वह मुझसे बोली ये तुम्हे चोद रहा है, अम्मी जान । न इसे शर्म आ रही है और न तुम्हे ? मैंने कहा - शर्म तो तुझे भी नहीं आना चाहिए। ये तेरी माँ का भोसड़ा है बेटी अब तू भी भोसड़ी वाली खड़ी खड़ी अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख। मैंने उसे ललकारा ताकि उसकी चूत की आग भड़क उठे.
वह बोली - अरे अम्मी जान तू मुझे क्या समझती है ? मैं लड़की नहीं हूँ। मैं क्या चूत वाली नहीं हूँ। क्या मेरी चूत में आग नहीं है ? एक बात तुम कान खोल कर सुन लो मेरी बुर चोदी अम्मी जान मेरी चूत तेरे भोसड़ा से १० गुना ज्यादा गरम है। शोला भड़कता है मेरी चूत में। मेरी चूत तेरा भोसड़ा चोदने वाले लण्ड को एक ही बार में खा जाएगी। तुझसे ज्यादा मैं लण्ड पेलवा सकती हूँ अपनी चूत में। एक बात और बता देती हूँ तुम्हे अम्मी जान मैं हर रोज़ तुमसे ज्यादा लण्ड पीती हूँ। तुमसे ज्यादा लण्ड पकड़ती हूँ और तुमसे ज्यादा लण्ड अपनी बुर में घुसाती हूँ।और ये भी सुन लो अम्मी जान की जो लड़का तुम्हे चोद रहा है उसका बाप मुझे चोदता है। मैं भी उसके लण्ड का मज़ा खूब लेती हूँ। तेरी नन्द के मियां का लौड़ा मैं कई बार अपनी बुर में घुसा चुकी हूँ। पड़ोस की रिया का अब्बू मेरी बुर बड़ी मस्ती से लेता है। तू समझती है की मुझे गालियां देना नहीं आता ? मैं सबकी माँ बहन एक ही साथ चोद देती हूँ। भोसड़ा फाड़ डालती हूँ मैं सबका ? तेरी बेटी की माँ की चूत, अम्मी जान। तुम मुझको कम मत समझो। मैं तेरा भोसड़ा भी चोद सकती हूँ और तेरी बिटिया की बुर भी।
ऐसा कह कर वह लण्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी। मैंने बड़ी बेशर्मी से सना के कपड़े उतार दिया और कहा सना देख अब तू मेरी बेटी नहीं है। तू मेरे साथ बुर चुदवाने वाली मेरी सहेली है। जो लण्ड अभी मेरी बुर में घुसा हुआ था अब वही लण्ड तेरी भी बुर में घुसेगा। वह भी अब तक मुझसे बिलकुल खुल चुकी थी। उसने अपनी बातें बताई तो मैंने कहा तूने पहले मुझे ये सब क्यों नहीं बताया मुझे ? वह बोली पहले बता देती तो तू मेरे बारे में क्या सोंचती है मुझे कभी मालूम ही नहीं हो पाता। इतने में सना ने लण्ड फिर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली अब मैं बड़ी बेरहमी से पहले अपनी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। इतने में पीछे से आवाज़ आयी तो फिर मैं किसे चोदूंगा सना ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरा चचा जान का बेटा रज्जाक था। सना बोली है रज्जाक भाई जान तुम अब तक कहाँ थे ? किसी की बुर ले रहे थे ? वह बोला मैं अभी अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। चोदने के बाद माइए कुछ देर तकज आराम क्या और फिर अचानक यहाँ चला आया। यहाँ तुम्हे और चची जान को नंगी देख कर मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
मैंने कहा खड़ा हो गया तो फर इधर आ जा न ? मैं देख तो लूँ पहले की तेरा लौड़ा कितना बड़ा हो गया है ? भोसड़ा चोद लेगा तेरा लौड़ा की नहीं ? मैंने हाथ बढाकर उसकी लुंगी खींच ली तो वह एकदम नंगा हो गया। उसका बिना झांट का लण्ड आधा खड़ा हुआ था। मैं बड़े प्यार से लण्ड सहलाने लगी और तब तक सना ने भी लण्ड पकड़ा और कहा है अल्लाह लण्ड तो बहन चोद बड़ा जबरदस्त है अम्मी जान। सच में ये तो भोसड़ा चोदेगा ही नहीं बल्कि फाड़ भी डालेगा। सना की बात सुनकर लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। मैं ये सब देख कर मन ही मन खुश हो रही थी। इतने में मैंने तारिक़ को इशारा किया तो उसने अपना लण्ड सना की चूत में पेल दिया। वह बोली अरे भाई जान ये क्या कर रहे हो ? मैंने कहा तू अगर अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगी तो माँ भी अपनी बिटिया की बुर चोदेगी। फिर हम दोनों की बुर भकाभक चुदने लगी। हम दोनों की बुर एक साथ बजने लगी और इस तरह मेरी तमन्ना पूरी हुई।
रज्जाक सना की बुर चोदते हुए बोला - चची जान मैं तो आपको यह बताने आया था की आज रात को मेरी अम्मी ने एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखा है। उसका कहना है की आज बेटे अपनी एक दूसरे की माँ चोदेंगें और उनके अब्बू जान एक दूसरे की बेटी चोदेंगें। ये सब एक ही कमरे में आमने सामने होगा। मैं तो आपको और आपकी बेटी सना को बुलाने आया था। आपका बेटा ज़फर मेरे घर में पहले से ही है।
मैंने कहा - अच्छ तो यह बताओ की तुम अभी किसको चोद कर आ रहे हो ?
वह बोला - अभी तो मैं बहन हया की सहेली चोद कर आ रहा हूँ।
सना ने पूंछ - तो तूने उसे हया के सामने चोदा की अकेले में ?
वह बोला - अकेले नहीं हया के सामने ही चोदा। बल्कि हया ने ही मेरा लण्ड पकड़ कर उसकी चूत में घुसा दिया।
अब आगे की कहानी मेरी बेटी सना से सुनिए :- मेरे प्यारे दोस्तों, अब तक आपको मालूम ही हो गया है की मैं अम्मी खुल कर मस्ती करती हूँ। वह मेरी सहेली है और मैं उसकी सहेली हूँ। वह मेरी चूत में लण्ड पेलती है और मैं उसकी बुर में. अब मेरी चची जान से आज एक चुदाई की पार्टी राखी है। इसलिए हम सब यहाँ आ चुकी हैं। मैं आपको उन सबका परिचय दे देती हूँ। इसमें तीन फॅमिली के लोग हैं।
पहला - मैं सना, मेरी अम्मी जान सकीना, मेरे अब्बू सफीक और मेरा भाई जान ज़फर।
दूसरा - चची जान फरीदा, चचा जान रेहमान, चचा जान की बेटी हया और उसका भाई जान रज्जाक।
तीसरा - मेरी फूफी जान मुमताज़, फूफा जान नदीम, उसकी बेटी रिया और उसका भाई जान मुनीर।
इस तरह इस सामूहिक चुदाई में १२ लोग शामिल हुए। चची जान ने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था और कहा था की आज रात को जम कर अय्यासी की जाएगी। दारू हो और समन मस्त जवान लड़की हो फिर कहना ही क्या ? दारू हो और सामने मस्त जवान लड़के हों तो फिर कहना ही क्या ? एक एक पैग पीने के बाद फिर किसी से ज्यादा इंतज़ार न किया गया और लोग अपने अपने पार्टनर ढूढ़ने लगे। फिर मैंने दो ग्रुप बना दिया। एक ग्रुप माँ चोदने वाला जिसमे लड़के एक दूसरे की माँ चोदेंगें और दूसरा ग्रुप बेटियां चोदने वाला जिसमे लोग एक दूसरे की बेटी चोदेंगें। एक तरफ लड़के एक दूसरे की माँ चोदने के लिए लपकने लगे और दूसरी तरफ लोग एक दूसरे की बेटी चोदने के लिए हाथ बढ़ाने लगे। बेटियों के सामने माँ चोदी जायेंगीं और माँ के सामने बेटियां चोदी जायेंगीं। जिससे सबको बड़ा मज़ा आएगा।
ज़फर मेरा भाई हया की माँ की तरफ बढ़ा और उसे अपने बाँहों में भर लिया। रज्जाक हया के भाई ने रिया की माँ चोदने का मन बना लिया। वह उसकी माँ मुम्ताब बेगम से लिपट गाय और उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। उधर रिया का भाई मुनीर मेरी माँ के ऊपर चढ़ने के लिए उसके ऊपर लेट गया। मेरी अम्मी जान ने भी उसका लौड़ा टटोलने लगीं। थोड़ी देर में अम्मी जान ने मुनीर का लौड़ा खोल कर सबको दिखाते हुए उसे सहलाने लगीं। इधर रज्जाक और ज़फर का भी लौड़ा खुल चुका था। इतने में मेरी अम्मी के कपड़े उतर गए और हमारे सामने मेरी चची जान फरीदा भी नंगी हो गईं और फ मुमताज़ फूफी भी नंगी हो गईं। मुझे एक एक करके सबको नंगी और नंगे दखने में मज़ा आने लगा। मेरी अम्मी तो मजे से मुनीर लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगीं फरीदा आंटी मेरा भाई का लौड़ा अपनी जबान से चाटने लगी और मुमताज़ फूफी रज्जा का लण्ड और पेल्हड़ दोनों बारी बारी से चूमने और चाटने लगीं।
अब इधर बेटियों का मज़ा देखिये। बेटियों का ग्रुप उनकी अम्मियों के ग्रुप के बिलकुल सामने ही था। मेरा अब्बू ररहमान चचा की बेटी की बुर चोदने के लिए उसे अपनी तरफ खींच कर अपने गोद में ले लिया। रहमान चचा जान ने फ़ौरन अपना हाथ बढाकर फूफा की बेटी रिया की चुम्मियाँ लेने लगा। उसकी चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा। इतने में रिया का अब्बू नदीम मेरी तरफ बढ़ा और मुझे अपनी छाती से चिपका कर बोला बेटी सना आज मैं सबके सामने तेरी बुर चोदूंगा। देखते ही देखते हम सब नंगे हो गए। इस तरह मैं रिया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी, रिया हया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी और हया मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी। यही हाल अम्मियों का भी था। मेरी अम्मी फूफी के बेटे का लण्ड पीने लगीं, फूफी जान आंटी के बेटे का लण्ड पीने लगी और आंटी मेरी अम्मी के बेटे का लण्ड पीने लगीं।
कुछ देर बाद चुदाई शुरू हो गयी। फूफी जान के बेटे ने लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया, मेरी माँ
के बेटे ने लण्ड चची जान की चूत में पेल दिया और चची जान के बेटे में फूफी जान के भोसड़ा में लौड़ा घुसा दिया। ये तीनो लड़के चोदने लगे एक दूसरे की माँ की चूत। एक दूसरे को देख देख एक दूसरे की माँ का भोसड़ा फाड़ने लगे।
मुनीर बोला - सना यार मुझे तेरी माँ चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। क्या मस्त चूत है इसकी एकदम टाइट। मेरा लौड़ा साला चिपक कर अंदर घुस रहा है।
उधर से रज्जाक बोला - यार मुनीर मुझे तेरी माँ की चूत बड़ा मज़ा दे रही है। यार चूत हो तो ऐसी जैसी तेरी माँ की चूत।
इतने में ज़फर बोल पड़ा - यार रज्जाक मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा हूँ। जो मज़ा भोसड़ा चोदने में है वह मज़ा बुर चोदने में कहाँ ?
उधर दूसरे ग्रुप में भी चुदाई बड़ी जोर से चल रही थी। मेरा अब्बू चची जान की बेटी चोद रहा था, चचा जान फूफी की बेटी की बुर चोदने में लगा था और उसका अब्बू मेरी बुर ले रहा था। बार बार लौड़ा अंदर पेल रहा था और फिर निकाल रहा था। यहाँ बेटियों की बुर चुद रही थी और उधर बेटियों की माँ का भोसड़ा चुद रहा था। यही मकसद था आज की चुदाई का ? एक दूसरे की माँ चोदने का मज़ा और एक दूसरे की बेटी चोदने का मज़ा सबको मिल रहा था और सब लोग इसका मज़ा लूट रहे थे। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था। आज मैं पहली बार अपने कुनबे के लोगों से चुदवा रही थी और खुलेआम चुदवा रही थी। मेरा मन शरारत करने का हुआ तो मैं बोली - यार रिया तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। तेरे अब्बू का लण्ड इतना जबरदस्त है यह बात तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताई ? मुझसे छुपाने की क्या जरुरत थी ? बता देती तो मैं अब तक कई बार चुदवा चुकी होती इससे ? वैसे यार रिया तेरे अब्बू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। इसका लण्ड भोसड़ी का मेरी बुर फाड़ रहा है।
रिया बोली - हां यार मेरी भी बुर हया का अब्बू फाड़ रहा है। ये मादर चोद अब्बू लोग एक दूसरे की बेटी चोदने में सबसे आगे रहतें हैं। कल मैं अपनी सहेली के घर गयी थी। थोड़ी देर बाद उसका खालू आया और मेरे ही सामने उसने अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया, बोला लो बेटी थोड़ा लण्ड पी लो मेरा और फिर इसे अपनी बुर में ले लो। वह बोली अरे खालू जान यहाँ मेरी सहेली है। वो क्या सोंचेगीं ? तब उसने कहा अरे वह भी मेरा लण्ड पियेगी। आजकल की लड़कियां एक दूसरे के अब्बू का लण्ड खूब पीती हैं। मेरी भी बेटी अपनी सहेलियों के अब्बू के लण्ड पीती है। उसने मुझे यह बात खुल कर बताई। फिर उसने मेरी सहेली की बुर मेरे सामने ही चोदा और मुझे भी चोदा।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: आपस में माँ बेटियां बदलकर चोदो - Maa beti ki badli karke chudai , माँ का चोदो भोसड़ा बेटी की चोदो बुर , मम्मी की चूत गांड फाड़ दो , बेटी को लंड चुसाओ , बेटी हुई जवान चूत की बनी दुकान.
एक दिन वह कॉलेज से कुछ देर आई तो मैंने पूंछा - इतनी देर से कहाँ माँ चुदा रही थी तू अपनी सना ? वह बोली अरे अम्मी जान मुझे मेरी एक सहेली ने रोक लिया था। इसलिए देर हो गई।
मैंने फिर उससे हंस कर कहा - तो क्या उसकेअब्बू का लण्ड हिला रही थी तू की उसके भाई जान का लण्ड ?
उसने जबाब दिया - नहीं अम्मी जान ऐसा कुछ नहीं कर रही थी मैं। बस बातें ही कर रही थी।
मैंने कहा - अच्छा तो क्या तेरी चूत में आग नहीं है बहन चोद ? क्या तू अभी तक जवान नहीं हुई ? अभी तू बच्ची ही बनी हुई है माँ की लौड़ी ? कौन है तेरी सहेली उसका नाम बता मुझे ? मैं उससे भी पूंछूंगी की उसने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा की नहीं ? उसने अपने भाई जान का लण्ड मुंह में लिया की नहीं। अगर नहीं लिया तो क्या वह भी बुर चोदी जवान नहीं हुई अभी ? या फिर उसकी चूत अभी सोई पड़ी है जैसे तेरी चूत सो रही है। मैं अगर तेरी जगह होती तो एक एक करके दोनों के लण्ड मुंह में भी लेती और बुर में भी। तेरी माँ का भोसड़ा, बेटी सना ? तू कुछ कर भी पायेगी अपनी जवानी में की नहीं ?
मैंने इतनी गालियां सुनाई उसे इतनी अश्लील बातें की उससे पर उसके मुंह से एक भी अश्लील शब्द नहीं निकला। एक बार भी वह लण्ड, बुर, चूत नहीं बोली। मेरे मन में आया की कहीं इसमें कोई शारीरिक कमजोरी तो नहीं है ? क्योंकि इस उम्र की लड़कियां तो लण्ड पकड़ने के लिए उतावली घूमती रहती है। अपनी चूत अपने हाथ में लिए घूमती रहतीं हैं की कोई इसमें लौड़ा पेल दे ? कोई मेरी बुर चोद ले ? और मेरी बेटी में ये कुछ भी नहीं दिखता। तब मैंने सोंचा की अब मुझे एक बड़ा इंजेक्शन देना पड़ेगा उसे।
दूसरे दिन मैं कमरे में थी. उसी समय सना मेरी बेटी कॉलेज से आई। मेरे कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और खिड़की भी खुली थी। सना जब घर में आयी तो उसे महसूस हुआ की कमरे में कुछ हो रहा है। वह जल्दी ही कपड़े बदल कर कमरे में आ गई। वह मुझे देख कर बोली - हाय अल्लाह, ये क्या हो रहा है अम्मी जान ? मैंने कहा - हो क्या रहा है बेटी सना। देख रही हो न की तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। वह बोली - अरे अम्मी ये तो तारिक है मेरी खाला का बेटा। मैंने कहा अरे तारिक़ भाई जान तुम मेरी माँ चोद रहे हो ? वह बोला तो इसमें कौआ सी खास बात है। हमारे यहाँ तो कोई किसी को भी चोद लेता है और ये सब जायज़ माना जाता है इसलिए मैं चोद रहा हूँ। वह मुझसे बोली ये तुम्हे चोद रहा है, अम्मी जान । न इसे शर्म आ रही है और न तुम्हे ? मैंने कहा - शर्म तो तुझे भी नहीं आना चाहिए। ये तेरी माँ का भोसड़ा है बेटी अब तू भी भोसड़ी वाली खड़ी खड़ी अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख। मैंने उसे ललकारा ताकि उसकी चूत की आग भड़क उठे.
वह बोली - अरे अम्मी जान तू मुझे क्या समझती है ? मैं लड़की नहीं हूँ। मैं क्या चूत वाली नहीं हूँ। क्या मेरी चूत में आग नहीं है ? एक बात तुम कान खोल कर सुन लो मेरी बुर चोदी अम्मी जान मेरी चूत तेरे भोसड़ा से १० गुना ज्यादा गरम है। शोला भड़कता है मेरी चूत में। मेरी चूत तेरा भोसड़ा चोदने वाले लण्ड को एक ही बार में खा जाएगी। तुझसे ज्यादा मैं लण्ड पेलवा सकती हूँ अपनी चूत में। एक बात और बता देती हूँ तुम्हे अम्मी जान मैं हर रोज़ तुमसे ज्यादा लण्ड पीती हूँ। तुमसे ज्यादा लण्ड पकड़ती हूँ और तुमसे ज्यादा लण्ड अपनी बुर में घुसाती हूँ।और ये भी सुन लो अम्मी जान की जो लड़का तुम्हे चोद रहा है उसका बाप मुझे चोदता है। मैं भी उसके लण्ड का मज़ा खूब लेती हूँ। तेरी नन्द के मियां का लौड़ा मैं कई बार अपनी बुर में घुसा चुकी हूँ। पड़ोस की रिया का अब्बू मेरी बुर बड़ी मस्ती से लेता है। तू समझती है की मुझे गालियां देना नहीं आता ? मैं सबकी माँ बहन एक ही साथ चोद देती हूँ। भोसड़ा फाड़ डालती हूँ मैं सबका ? तेरी बेटी की माँ की चूत, अम्मी जान। तुम मुझको कम मत समझो। मैं तेरा भोसड़ा भी चोद सकती हूँ और तेरी बिटिया की बुर भी।
ऐसा कह कर वह लण्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी। मैंने बड़ी बेशर्मी से सना के कपड़े उतार दिया और कहा सना देख अब तू मेरी बेटी नहीं है। तू मेरे साथ बुर चुदवाने वाली मेरी सहेली है। जो लण्ड अभी मेरी बुर में घुसा हुआ था अब वही लण्ड तेरी भी बुर में घुसेगा। वह भी अब तक मुझसे बिलकुल खुल चुकी थी। उसने अपनी बातें बताई तो मैंने कहा तूने पहले मुझे ये सब क्यों नहीं बताया मुझे ? वह बोली पहले बता देती तो तू मेरे बारे में क्या सोंचती है मुझे कभी मालूम ही नहीं हो पाता। इतने में सना ने लण्ड फिर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली अब मैं बड़ी बेरहमी से पहले अपनी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। इतने में पीछे से आवाज़ आयी तो फिर मैं किसे चोदूंगा सना ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरा चचा जान का बेटा रज्जाक था। सना बोली है रज्जाक भाई जान तुम अब तक कहाँ थे ? किसी की बुर ले रहे थे ? वह बोला मैं अभी अपनी भाभी की बुर चोद रहा था। चोदने के बाद माइए कुछ देर तकज आराम क्या और फिर अचानक यहाँ चला आया। यहाँ तुम्हे और चची जान को नंगी देख कर मेरा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया।
मैंने कहा खड़ा हो गया तो फर इधर आ जा न ? मैं देख तो लूँ पहले की तेरा लौड़ा कितना बड़ा हो गया है ? भोसड़ा चोद लेगा तेरा लौड़ा की नहीं ? मैंने हाथ बढाकर उसकी लुंगी खींच ली तो वह एकदम नंगा हो गया। उसका बिना झांट का लण्ड आधा खड़ा हुआ था। मैं बड़े प्यार से लण्ड सहलाने लगी और तब तक सना ने भी लण्ड पकड़ा और कहा है अल्लाह लण्ड तो बहन चोद बड़ा जबरदस्त है अम्मी जान। सच में ये तो भोसड़ा चोदेगा ही नहीं बल्कि फाड़ भी डालेगा। सना की बात सुनकर लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। मैं ये सब देख कर मन ही मन खुश हो रही थी। इतने में मैंने तारिक़ को इशारा किया तो उसने अपना लण्ड सना की चूत में पेल दिया। वह बोली अरे भाई जान ये क्या कर रहे हो ? मैंने कहा तू अगर अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगी तो माँ भी अपनी बिटिया की बुर चोदेगी। फिर हम दोनों की बुर भकाभक चुदने लगी। हम दोनों की बुर एक साथ बजने लगी और इस तरह मेरी तमन्ना पूरी हुई।
रज्जाक सना की बुर चोदते हुए बोला - चची जान मैं तो आपको यह बताने आया था की आज रात को मेरी अम्मी ने एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखा है। उसका कहना है की आज बेटे अपनी एक दूसरे की माँ चोदेंगें और उनके अब्बू जान एक दूसरे की बेटी चोदेंगें। ये सब एक ही कमरे में आमने सामने होगा। मैं तो आपको और आपकी बेटी सना को बुलाने आया था। आपका बेटा ज़फर मेरे घर में पहले से ही है।
मैंने कहा - अच्छ तो यह बताओ की तुम अभी किसको चोद कर आ रहे हो ?
वह बोला - अभी तो मैं बहन हया की सहेली चोद कर आ रहा हूँ।
सना ने पूंछ - तो तूने उसे हया के सामने चोदा की अकेले में ?
वह बोला - अकेले नहीं हया के सामने ही चोदा। बल्कि हया ने ही मेरा लण्ड पकड़ कर उसकी चूत में घुसा दिया।
अब आगे की कहानी मेरी बेटी सना से सुनिए :- मेरे प्यारे दोस्तों, अब तक आपको मालूम ही हो गया है की मैं अम्मी खुल कर मस्ती करती हूँ। वह मेरी सहेली है और मैं उसकी सहेली हूँ। वह मेरी चूत में लण्ड पेलती है और मैं उसकी बुर में. अब मेरी चची जान से आज एक चुदाई की पार्टी राखी है। इसलिए हम सब यहाँ आ चुकी हैं। मैं आपको उन सबका परिचय दे देती हूँ। इसमें तीन फॅमिली के लोग हैं।
पहला - मैं सना, मेरी अम्मी जान सकीना, मेरे अब्बू सफीक और मेरा भाई जान ज़फर।
दूसरा - चची जान फरीदा, चचा जान रेहमान, चचा जान की बेटी हया और उसका भाई जान रज्जाक।
तीसरा - मेरी फूफी जान मुमताज़, फूफा जान नदीम, उसकी बेटी रिया और उसका भाई जान मुनीर।
इस तरह इस सामूहिक चुदाई में १२ लोग शामिल हुए। चची जान ने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था और कहा था की आज रात को जम कर अय्यासी की जाएगी। दारू हो और समन मस्त जवान लड़की हो फिर कहना ही क्या ? दारू हो और सामने मस्त जवान लड़के हों तो फिर कहना ही क्या ? एक एक पैग पीने के बाद फिर किसी से ज्यादा इंतज़ार न किया गया और लोग अपने अपने पार्टनर ढूढ़ने लगे। फिर मैंने दो ग्रुप बना दिया। एक ग्रुप माँ चोदने वाला जिसमे लड़के एक दूसरे की माँ चोदेंगें और दूसरा ग्रुप बेटियां चोदने वाला जिसमे लोग एक दूसरे की बेटी चोदेंगें। एक तरफ लड़के एक दूसरे की माँ चोदने के लिए लपकने लगे और दूसरी तरफ लोग एक दूसरे की बेटी चोदने के लिए हाथ बढ़ाने लगे। बेटियों के सामने माँ चोदी जायेंगीं और माँ के सामने बेटियां चोदी जायेंगीं। जिससे सबको बड़ा मज़ा आएगा।
ज़फर मेरा भाई हया की माँ की तरफ बढ़ा और उसे अपने बाँहों में भर लिया। रज्जाक हया के भाई ने रिया की माँ चोदने का मन बना लिया। वह उसकी माँ मुम्ताब बेगम से लिपट गाय और उसकी चूँचियाँ दबाने लगा। उधर रिया का भाई मुनीर मेरी माँ के ऊपर चढ़ने के लिए उसके ऊपर लेट गया। मेरी अम्मी जान ने भी उसका लौड़ा टटोलने लगीं। थोड़ी देर में अम्मी जान ने मुनीर का लौड़ा खोल कर सबको दिखाते हुए उसे सहलाने लगीं। इधर रज्जाक और ज़फर का भी लौड़ा खुल चुका था। इतने में मेरी अम्मी के कपड़े उतर गए और हमारे सामने मेरी चची जान फरीदा भी नंगी हो गईं और फ मुमताज़ फूफी भी नंगी हो गईं। मुझे एक एक करके सबको नंगी और नंगे दखने में मज़ा आने लगा। मेरी अम्मी तो मजे से मुनीर लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगीं फरीदा आंटी मेरा भाई का लौड़ा अपनी जबान से चाटने लगी और मुमताज़ फूफी रज्जा का लण्ड और पेल्हड़ दोनों बारी बारी से चूमने और चाटने लगीं।
अब इधर बेटियों का मज़ा देखिये। बेटियों का ग्रुप उनकी अम्मियों के ग्रुप के बिलकुल सामने ही था। मेरा अब्बू ररहमान चचा की बेटी की बुर चोदने के लिए उसे अपनी तरफ खींच कर अपने गोद में ले लिया। रहमान चचा जान ने फ़ौरन अपना हाथ बढाकर फूफा की बेटी रिया की चुम्मियाँ लेने लगा। उसकी चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा। इतने में रिया का अब्बू नदीम मेरी तरफ बढ़ा और मुझे अपनी छाती से चिपका कर बोला बेटी सना आज मैं सबके सामने तेरी बुर चोदूंगा। देखते ही देखते हम सब नंगे हो गए। इस तरह मैं रिया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी, रिया हया के अब्बू का लण्ड चाटने लगी और हया मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी। यही हाल अम्मियों का भी था। मेरी अम्मी फूफी के बेटे का लण्ड पीने लगीं, फूफी जान आंटी के बेटे का लण्ड पीने लगी और आंटी मेरी अम्मी के बेटे का लण्ड पीने लगीं।
कुछ देर बाद चुदाई शुरू हो गयी। फूफी जान के बेटे ने लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया, मेरी माँ
मुनीर बोला - सना यार मुझे तेरी माँ चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। क्या मस्त चूत है इसकी एकदम टाइट। मेरा लौड़ा साला चिपक कर अंदर घुस रहा है।
उधर से रज्जाक बोला - यार मुनीर मुझे तेरी माँ की चूत बड़ा मज़ा दे रही है। यार चूत हो तो ऐसी जैसी तेरी माँ की चूत।
इतने में ज़फर बोल पड़ा - यार रज्जाक मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा हूँ। जो मज़ा भोसड़ा चोदने में है वह मज़ा बुर चोदने में कहाँ ?
उधर दूसरे ग्रुप में भी चुदाई बड़ी जोर से चल रही थी। मेरा अब्बू चची जान की बेटी चोद रहा था, चचा जान फूफी की बेटी की बुर चोदने में लगा था और उसका अब्बू मेरी बुर ले रहा था। बार बार लौड़ा अंदर पेल रहा था और फिर निकाल रहा था। यहाँ बेटियों की बुर चुद रही थी और उधर बेटियों की माँ का भोसड़ा चुद रहा था। यही मकसद था आज की चुदाई का ? एक दूसरे की माँ चोदने का मज़ा और एक दूसरे की बेटी चोदने का मज़ा सबको मिल रहा था और सब लोग इसका मज़ा लूट रहे थे। मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था। आज मैं पहली बार अपने कुनबे के लोगों से चुदवा रही थी और खुलेआम चुदवा रही थी। मेरा मन शरारत करने का हुआ तो मैं बोली - यार रिया तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। तेरे अब्बू का लण्ड इतना जबरदस्त है यह बात तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताई ? मुझसे छुपाने की क्या जरुरत थी ? बता देती तो मैं अब तक कई बार चुदवा चुकी होती इससे ? वैसे यार रिया तेरे अब्बू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। इसका लण्ड भोसड़ी का मेरी बुर फाड़ रहा है।
रिया बोली - हां यार मेरी भी बुर हया का अब्बू फाड़ रहा है। ये मादर चोद अब्बू लोग एक दूसरे की बेटी चोदने में सबसे आगे रहतें हैं। कल मैं अपनी सहेली के घर गयी थी। थोड़ी देर बाद उसका खालू आया और मेरे ही सामने उसने अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया, बोला लो बेटी थोड़ा लण्ड पी लो मेरा और फिर इसे अपनी बुर में ले लो। वह बोली अरे खालू जान यहाँ मेरी सहेली है। वो क्या सोंचेगीं ? तब उसने कहा अरे वह भी मेरा लण्ड पियेगी। आजकल की लड़कियां एक दूसरे के अब्बू का लण्ड खूब पीती हैं। मेरी भी बेटी अपनी सहेलियों के अब्बू के लण्ड पीती है। उसने मुझे यह बात खुल कर बताई। फिर उसने मेरी सहेली की बुर मेरे सामने ही चोदा और मुझे भी चोदा।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: आपस में माँ बेटियां बदलकर चोदो - Maa beti ki badli karke chudai , माँ का चोदो भोसड़ा बेटी की चोदो बुर , मम्मी की चूत गांड फाड़ दो , बेटी को लंड चुसाओ , बेटी हुई जवान चूत की बनी दुकान.
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- माँ की चूत बुआ की गांड एक साथ चोदी - Maa ka bhosda aur buaa ki gand ka shubh muhurat