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मुझे लग गया दिन रात चुदाई का रोग - Mujhe laga gayaa din raat chudai rog
मुझे लग गया दिन रात चुदाई का रोग - Mujhe laga gayaa din raat chudai rog , हर पल चोदते रहो कभी भी मत रुको, मुझे सोते जागते उठते बैठते बस लड़ की जरूरत है.
मैं अपनी अम्मी की चुदाई देख देख कर बहुत बड़ी चुड़क्कड़ बन गयी हूँ। मेरी अम्मी मेरेअब्बा जान से ही नहीं बल्कि और कई लोगों से चुदवाती हैं और मैं हर रात खिड़की से झाँक झाँक कर उनकी चुदाई देखती थी। अम्मी जान को इसका कभी पता ही नहीं चला। पर मुझे यह पता चल गया की मेरी अम्मी जान कितनी चुदक्कड़ हैं और पराये मर्दों के लण्ड की कितनी बड़ी शौक़ीन हैं। उसका लण्ड चाटने का और लण्ड चूसने का तरीका मुझे भा गया। उस समय मैं 17 साल की थी। खूबसूरत और मस्त जवान हो गयी थी भले ही मैं 18 साल की नहीं हुई थी।
एक दिन मैंने अम्मी के साथ साथ खाला जान की भी चुदाई देखी और फूफी जान की भी चुदाई देखी। ये दोनों भी अपने मियां से नहीं बल्कि ग़ैर मर्दों से चुदवा रहीं थीं। ग़ैर मर्दों से चुदवाने का यह सिलसिला मेरे घर में अक्सर होता था और मैं रात में उठ उठ कर बड़े चाव से सबकी चुदाई देखा करती थी। एक दिन तो हद ही गयी जब मैंने खाला की बेटी की चुदाई देखी। वह अपने अम्मी के आगे ही किसी और से चुदवा रही थी। उसकी अम्मी भी अपने बेटी के सामने किसी और से चुदवा रही थी। मज़ा तो तब आसमान चूमने लगा जब मैंने देखा की खाला जान अपनी चूत का लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेल रहीं हैं और बेटी अपनी चूत का लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में घुसा रही है। यह सीन देख कर तो मेरी चूत का पानी बहन चोद अपने आप निकला गया। मैं सोंचने लगी की अगर ऐसा है तो मैं भी एक दिन अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेलूँगी और अम्मी भी मेरी चूत में लण्ड घुसाया करेगी। मैंने एक दिन अम्मी फूफी और खाला जान की बातें भी सुन लीं। रात को तीन की तीनो बुर चोदी नंगी नंगी ग़ैर मर्दों के लण्ड चाट रहीं थीं। मुझे उस दिन तीन तीन लण्ड एक साथ देखने का मौक़ा मिला। उधर तीनो का भोसड़ा और उनकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ के भी दीदार हुए। मैं जान गयी की ये तीनो भोसड़ी वाली रंडियों की तरह चुदवाती हैं। खाला तो अपनी बेटी के हाथों से ही लण्ड घुसेड़वाती है और फूफी भी यही करती होगी ? तब तक फूफी बोल भी पड़ी. वह अम्मी से कहने लगी - भाभी जान तेरी बेटी भी जवान हो गयी है। उसे भी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाना सिखाओ न ? उसके तो कई बॉय फैंड्स होंगें जिनके लण्ड तेरी बेटी तेरे भोसड़ा में पेलेगी। और तुम भी जब उसकी बुर में लौड़ा घुसाओगी तो और मज़ा आएगा।
अम्मी ने कहा हां बात तो सही है यार पर उसे 18 साल की तो हो जाने दो। तब मैं खुद उसके हाथ में लण्ड रख दूँगी। खाला ने कहा अरे आपा मेरी बेटी को देखो उसने अपने ही शौहर का लण्ड कल मेरी चूत मे पेल दिया और कहा अम्मी जान ये लण्ड जब तेरी बिटिया की बुर में जाता है तो फिर तेरी बुर में क्यों नहीं जा सकता ? मैंने भी फिर खूब उससे मस्ती से चुदवाया। इन बातों से मैं बुरी तरह गरम हो गयी। मेरा एक एक दिन बड़ी मुश्किल से गुजरने लगा।
एक बात बताऊँ दोस्तों अम्मी को क्या मालूम की मैं हर रोज़ लण्ड पीती हूँ. लण्ड अपनी चूत में पेलती हूँ। मैं पिछले एक साल बराबर चुदवा रही हूँ। अब अम्मी को मालूम भी हो जाए तो अम्मी बुर चोदी मेरा क्या उखाड़ लेगी ? जो खुद इतनी छिनार हो वह दूसरों को क्या नसीहत देगी ? अब तो मेरा मन जल्दी से जल्दी अम्मी का भोसड़ा चोदने का हो रहा है। मेरा नाम फरीन है। मेरी अम्मी जान का नाम नसीम बानो है। मेरी खाला हैं नाज़नीन और फूफी हैं निगार।
मैं अपने बॉय फ्रेंड्स से तो चुदवाती ही थी लेकिन सबसे ज्यादा मैं अपनी सहेलियों के भाईयों से चुदवाती थी और चुदवाती हूँ। कभी इस सहेली के भाई जान से चुदवा कर आती हूँ कभी उस सहेली के भाई जान से। मेरी तीन सहेलियां ऐसी हैं जिनके अब्बू से भी मैं चुदवाती हूँ। उनके अब्बू जान मुझे बहुत अच्छी तरह से चोदते हैं। मेरी एक सहेली है फरहा। एक दिन मैं उसके घर गई तो उसने मुझे सीधे अपने कमरे में बुला लिया। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की वह अपने अब्बू का लण्ड पजामा के अंदर ही अंदर हिला रही है। उसने मुझे सामने बैठा लिया। पजामा का नाड़ा खुला हुआ था। उसने एकदम से पजामा नीचे खिसकाया और लण्ड मुझे दिखाती हुई बोली लो फरीन मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर देखो और बताओ की तुम्हे ये पसंद है की नहीं ? लण्ड मेरे होश उड़ गए। मेरे मुंह से निकला हाय अल्लाह इतना बड़ा लण्ड ! मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर लण्ड साला और फनफना उठा। फरहा ने मेरा हाथ पकड़ कर लण्ड पे रख दिया और बोली आज यही लण्ड चूत की शैर करेगा बुर चोदी फरीन ? मुझे उसकी बात भी अच्छी लगी और उसकी गाली भी।
मैं यह बात तो समझ ही गई की फरहा अपने अब्बू का लण्ड मुंह में भी लेती है और बुर में भी। वैसे हमारे मुस्लिम समाज में कई लड़कियां अपने अब्बू का लण्ड पीती हैं और चुदवाती हैं। इसे बुरा नहीं माना जाता। इसे जायज़ माना जाता है। मैंने अभी तक अपने अब्बू का लण्ड नहीं पकड़ा है पर एक दिन पकड़ूँगी जरूर। मैं फरहा के अब्बू का लण्ड पकड़ कर प्यार से हिलाने लगी। उसने पहले अपने अब्बू को नंगा किया और फिर मुझे। मैं उसके अब्बू का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगी। बुर चाटते हुए फरहा बोली जानती हो फरीन मैंने अपने अब्बू से कहा था की मैं किसी दिन अपनी सहेली फरान की बुर दिलवाऊंगी तुम्हें, अब्बू जान ? वह बहुत खुश हुआ जानती हो क्यों ? क्योंकि मेरे अब्बू ने जिस दिन तुम्हे देखा था उसी दिन से यह तुम्हे चोदने के लिए बेताब है। इससे ज्यादा इसका लण्ड तेरी चूत में घुसने के लिए बेताब है, फरीन। तुम खुद ही देख रही हो न लण्ड बहन चोद तेरे सामने कैसे हिनहिना रहा है। मेरे कुनबे में सारी लड़कियां मेरे अब्बू का लण्ड पीती हैं और अपनी बुर में पेलती भी हैं।
लण्ड सच में बड़ा मोटा और लंबा था। इतना बड़ा लण्ड आज मैं पहली बार देख रही थी। मैंने मन में ठान लिया की मैं एक दिन यही लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलूँगी जैसे मेरी खाला की बेटी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलती है। मैंने फरहा के सामने ही पहले तो उसके अब्बू का लण्ड खूब मस्ती से चूसा औअर चाटा। फिर जब मेरी चूत अच्छी तरह गरम हो गई तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर पहले तो थोड़ा रगड़ा और जब रास्ता थोड़ा चूकना हुआ तो उसने घुसा दिया लण्ड। लण्ड घुसते ही मेरी चीख निकल पड़ी। मैं अपनी गांड उछाल कर बोली उई माँ फट गई मेरी चूत। हाय रे मर जाऊंगी मैं। हाय रे, ऊँ हां हां ओ हो हां आ आ रे मज़ा आ गया। चोदो मुझे अंकल। और जोर जोर से चोदो बड़ा अच्छा लग रहा है। तेरा भोसड़ा चोदने वाला लण्ड एक छोटी सी बुर चोद रहा है। फरहा अपने अब्बू के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से मेरी चूँचियाँ। मैं चुदवाने में जुट गयी और एक मोटे लण्ड का मज़ा लेने में खो गई.
फरहा ने पूंछा - कैसा लग रहा है तुझे मेरे अब्बू का लण्ड, फरीन ? अच्छी तरह से चुद रही है न तेरी बुर ?
मैंने कहा - हाय अल्लाह बहुत बढ़िया है तेरे अब्बू का लण्ड, बुर चोदी फरहा। तुझे अपनी सहेली की बुर चुदवाने में मज़ा आ रहा है ? तेरी माँ की चूत आज मुझे मालूम हुआ की तू कितनी बड़ी हरामजादी है। अपने अब्बू का लण्ड तू अपनी बुर में भी पेलती है और अपनी सहेलियों की भी बुर में ? पर सच बात यह है की मैं अच्छी तरह चुद रही हूँ यार। मुझे पहले कभी किसी ने इस तरह नहीं चोदा। मैंने जब उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाया तो ज़न्नत का मज़ा आ गया। इस तरह मैंने दो और सहेलियों के अब्बू से चुदवाया एक बार नहीं बल्कि तीन तीन बार। इसके अलावा मैं उनके भाइयों से चुदवाती रही और आज भी चुदवाती हूँ।
मैं जिस दिन 18 साल की हुई उस दिन तो गज़ब ही हो गया। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की मेरी अम्मी जान, खाला जान और फूफी जान बैठी हुई हैं। मुझे देखते ही खाला जान बोली - आओ मेरी फरीन बेगम, अब तू बुर चोदी बड़ी मस्त जवान हो गयी है। तेरे चेहरे पर निखार आ गया है और चूँचियों पर गज़ब का उभार ? तब तक फूफी ने कहा - हां यार इसके चूतड़ों पर भी उभार आ गया है। लोग तो अब इसकी गांड भी मारेंगें। अम्मी - बेटी फरीन अब तू पूरी तरह जवान हो गयी है। आज से तेरा बच्चों के बीच सोना बंद. अब तू बड़े लोगों के बीच सोया करेगी। आज से तू हम लोगों से बीच सोया करेगी। खाला ने मुस्कराते हुए कहा - आज से तेरे हाथ में लण्ड ही लण्ड होंगें। आज से तुझे जवानी का असली मज़ा मिलने लगेगा। फूफी ने भी फिर कहा - आज से लण्ड तू अपनी माँ के भोसड़ा में पेलने लगेगी। खाला ने बताया आज से तू अपनी माँ चुदवायेगी ? जैसे मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती हैं। फूफी ने बताया की आज से तू अकेली नहीं है। हम सब तेरे साथ हैं. यहाँ रात में खुल्लम खुल्ला लण्ड और चूत के खेल होता है। कितने लण्ड तेरी बुर चोदेंगें पता नहीं ?
मैंने मन में कहा - अब तुम लोग क्या जानो की मैं कितने लण्ड ले चुकी हूँ अपनी चूत में ? मैं मादर चोद तुम लोगों से ज्यादा चुदक्कड़ हो चुकी हूँ। मैंने कुछ कहा नहीं और एक भोली भाली लड़की की तरह सब कुछ सुनती रही। खाला बोली अरी फरीन एक और सुन ले आज से तू गालियां देना भी सीख ले। चुदाई में जब तक गन्दी गन्दी बातें न हों और गन्दी गन्दी गालियां न हों तब तक चुदाई का असली मज़ा नहीं आता। एक बात और मर्दों को गालियां देना मना है। वो सब हमारी गालियां सुन सुन कर बड़े जोश से हमारी बुर चोदते हैं। मैं यह तो समझ गयी की आज रात को कोई न कोई मेरी बुर लेगा और खुले आम लेगा। मैं अंदर से पूरी तैयार थी पर ऊपर से सब नाटक कर रही थी। रात में एक बड़ा सा बिस्तर लग गया। उसमे कई औरतें और मरद लेट गए। मैं भी उन में से एक थी। मैं भी ढीले ढाले कपड़े पहन कर लेट गयी। कुछ देर तक तो बातें होतीं रहीं फिर एकदम से सन्नाटा हो गया हो गया।
थोड़ी देर में मैंने देखा की मेरी खाला चाचू के पाजामे का नाड़ा खोल रहीं हैं। मैं उसे एकटक देखने लगी। पैजामा खोलने के बाद वह चाचू का लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगीं। लण्ड साला बढ़ने लगा और बढ़कर लगभग 8" का हो गया। मेरी तो चूत साली गीली हो गयी। खाला चाचू का लण्ड चाटने लगीं। उधर खाला की बेटी ने फूफी के बेटे का लण्ड उसे नंगा करके निकाल लिया। खाला उसका लण्ड बड़े प्यार से चूसने और वह फूफी की नंगी चूँचियाँ मसलने लगा। खालू तो नंगा नंगा फूफी के ऊपर ही चढ़ बैठा। फूफी की चूँचियाँ खोलीं और उसका भोसड़ा खोला फिर लण्ड उसमे घुसा कर चोदने लगा। मेरी अम्मी जान भी बुर चोदी कम न थी। उसने खाला के दामाद का लौड़ा अपने कब्जे में किया और उसे बड़ी बड़ी चूँच्यों के बीच पेलवा कर मज़ा लेने लगीं। जब मेरी निगाह अपनी भाभी की तरफ गयी तो देखा की वह तो मेरे अब्बू का एकदम नंगा लण्ड मुंह में डाल कर पी रही हैं। मेरी निगाह जब अब्बू के पूरे लण्ड पर पड़ी तो मेरी गांड फट गयी। इतना बड़ा और मोटा लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा था। मैं सोंचने लगी की मैं सच में बहुत बड़ी चूतिया निकली। मुझे तो अब्बू का लण्ड बहुत पहले पकड़ना चाहिए था। जैसा की मेरी सहेलियां बता रही थीं की फरीन तू अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर एक दिन देख तो ले तुझे बड़ा मज़ा आ जायेगा।
इतने में किसी ने अपना लण्ड मेरे होंठों पर रख दिया। मैंने आँख उठा कर देखा तो वह मामू जान था। मैं जान
गयी की आज सबसे पहले मामू जान मेरी बुर चोदेगा। मेरे मुंह से निकला मामू जान तेरी बहन का भोसड़ा तू इतनी देर बाद आया। मैं जाने कब से लण्ड के लिए तरस रही थी। मामू की बहन का भोसड़ा माने मेरी अम्मी का भोसड़ा। मेरी गाली सुनकर सब लोग खूब खिलखिलाकर हंस पड़े। अब किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। सबके सब नंगे थे और सबकी सब नंगी थीं. मैं आज पहली बार 6 - 6 लण्ड एकसाथ टन टनाते हुए देख रही थी। मैंने मन में कहा अब तो जितना मज़ा मुझे बाहर चुदवाने में आता था उससे ज्यादा मज़ा मुझे अपने कुनबे के लोगों से ही चुदवाने में आएगा। यहाँ तो एक से एक बढ़कर लण्ड हैं। और फिर सबके साथ चुदवाने का मज़ा ही और है। न किसी का डर न कोई हिचक और न कोई शर्म। सबकी माँ की चूत सबकी बहन की बुर ? तब तक खाला की बेटी बोली फरीन तेरी माँ की बहन की चूत। तेरी माँ की नन्द की बुर ? फूफी ने अम्मी से कहा - देख लो भाभी जान आज तेरी बिटिया की बुर कितनी मस्ती से चुद रही है। मामू ने लण्ड मेरी चूत में पेल रखा था और वह धकाधक चोदने लगा था। मैंने देखा की चूत सबकी बज रही है। घनघोर चुदाई हो रही है। चुदाई की आवाज़ बड़ी मनमोहक लग रही है। खुदा करे की ऐसी चुदाई हर रोज़ हो। मैं तो अपन गाड़ गांड उठा उठा के बिंदास चुदवाने में जुटी हुई थी। कोई ऊपर चढ़ कर चोद रहा था। कोई नीचे से चोद रहा था कोई पीछे से चोद रहा था और कोई बगल से लौड़ा पेले हुए चोद रहा था। मैं सबकी चुदाई बड़े गौर से देख रही थी। थोड़ी देर तक इसी तरह चुदाई होती रही। मैं भी खूब मस्त हो चुकी थी। मैं तो लौड़ा पूरा पूरा पेलवा कर चुदवा रही थी। तभी एक बहुत बड़ा परिवर्तन हो गया। मामू जान ने धीरे से अपना लण्ड निकाल कर मेरी अम्मी के भोसड़ा में। वह अपनी ही बहन का भोसड़ा चोदने लगा। मैंने सोंचा वाह अब आएगा और मज़ा। उधर फूफी के बेटे ने लण्ड खाला की बेटी की बुर से लण्ड निकाल कर फूफी की चूत में पेल दिया। वह भोसड़ी का अपनी माँ की बुर चोदने लगा। मैंने जब अम्मी की तरफ देखा तो वह बोली अरे फरीन बेटी चुदाई में सब जायज़ है। बेटा जवान हो गया है तो उससे चुदवाने में कोई हर्ज़ नहीं है। फूफी तो बड़े जोर शोर से अपने ही बेटे से चुदवाने लगीं। उधर खाला ने हाथ बढ़ा कर अपनी बेटी के मियां का लण्ड खुद ही अपनी बुर में घुसा लिया और चुदवाने लगी। वह बोली तू तो अपनी बीवी की बुर लेता है आज उसकी माँ की भी बुर ले ले।
इतने में खाला की बेटी ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे चाटने लगी। वह बोली हाय अब्बू जान आज तेरा ये भोसड़ी का लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। वह अपने ही अब्बू से चुदवाने लगी। यह सब देख कर मेरे मन में आया की मैं भी क्यों न आज अपनी तमन्ना पूरी कर लूं। मैं अभी अपने अब्बू के लण्ड का मज़ा ले लूं। बस मैं हाथ बढ़ाकर अब्बू का लण्ड भाभी जान की चूत से निकाल कर चाटने लगी। भाभी जान चाचू का लण्ड चाटने लगीं। मुझे वाकई अब्बू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा था। मैंने जब उसे अपनी बुर में पेलवाया तो मेरी चीख निकला पड़ी लेकिन वह चीख फिर धीरे से एक अलौकिक आनंद में बदल गयी।
इस तरह रात भर मर्दों से चूत अदल बदल कर चोदा और औरतों ने लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। तब मुझे मालूम हुआ की मैं ही केवल चुदक्कड़ नहीं हूँ। मेरे घर की सभी बीवियां, बहू, बेटियां और सारी औरतें भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। हालांकि उस दिन से मैं और ज्यादा चुदक्कड़ हो गयीं।
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अम्मी ने कहा हां बात तो सही है यार पर उसे 18 साल की तो हो जाने दो। तब मैं खुद उसके हाथ में लण्ड रख दूँगी। खाला ने कहा अरे आपा मेरी बेटी को देखो उसने अपने ही शौहर का लण्ड कल मेरी चूत मे पेल दिया और कहा अम्मी जान ये लण्ड जब तेरी बिटिया की बुर में जाता है तो फिर तेरी बुर में क्यों नहीं जा सकता ? मैंने भी फिर खूब उससे मस्ती से चुदवाया। इन बातों से मैं बुरी तरह गरम हो गयी। मेरा एक एक दिन बड़ी मुश्किल से गुजरने लगा।
एक बात बताऊँ दोस्तों अम्मी को क्या मालूम की मैं हर रोज़ लण्ड पीती हूँ. लण्ड अपनी चूत में पेलती हूँ। मैं पिछले एक साल बराबर चुदवा रही हूँ। अब अम्मी को मालूम भी हो जाए तो अम्मी बुर चोदी मेरा क्या उखाड़ लेगी ? जो खुद इतनी छिनार हो वह दूसरों को क्या नसीहत देगी ? अब तो मेरा मन जल्दी से जल्दी अम्मी का भोसड़ा चोदने का हो रहा है। मेरा नाम फरीन है। मेरी अम्मी जान का नाम नसीम बानो है। मेरी खाला हैं नाज़नीन और फूफी हैं निगार।
मैं अपने बॉय फ्रेंड्स से तो चुदवाती ही थी लेकिन सबसे ज्यादा मैं अपनी सहेलियों के भाईयों से चुदवाती थी और चुदवाती हूँ। कभी इस सहेली के भाई जान से चुदवा कर आती हूँ कभी उस सहेली के भाई जान से। मेरी तीन सहेलियां ऐसी हैं जिनके अब्बू से भी मैं चुदवाती हूँ। उनके अब्बू जान मुझे बहुत अच्छी तरह से चोदते हैं। मेरी एक सहेली है फरहा। एक दिन मैं उसके घर गई तो उसने मुझे सीधे अपने कमरे में बुला लिया। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की वह अपने अब्बू का लण्ड पजामा के अंदर ही अंदर हिला रही है। उसने मुझे सामने बैठा लिया। पजामा का नाड़ा खुला हुआ था। उसने एकदम से पजामा नीचे खिसकाया और लण्ड मुझे दिखाती हुई बोली लो फरीन मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर देखो और बताओ की तुम्हे ये पसंद है की नहीं ? लण्ड मेरे होश उड़ गए। मेरे मुंह से निकला हाय अल्लाह इतना बड़ा लण्ड ! मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर लण्ड साला और फनफना उठा। फरहा ने मेरा हाथ पकड़ कर लण्ड पे रख दिया और बोली आज यही लण्ड चूत की शैर करेगा बुर चोदी फरीन ? मुझे उसकी बात भी अच्छी लगी और उसकी गाली भी।
मैं यह बात तो समझ ही गई की फरहा अपने अब्बू का लण्ड मुंह में भी लेती है और बुर में भी। वैसे हमारे मुस्लिम समाज में कई लड़कियां अपने अब्बू का लण्ड पीती हैं और चुदवाती हैं। इसे बुरा नहीं माना जाता। इसे जायज़ माना जाता है। मैंने अभी तक अपने अब्बू का लण्ड नहीं पकड़ा है पर एक दिन पकड़ूँगी जरूर। मैं फरहा के अब्बू का लण्ड पकड़ कर प्यार से हिलाने लगी। उसने पहले अपने अब्बू को नंगा किया और फिर मुझे। मैं उसके अब्बू का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगी। बुर चाटते हुए फरहा बोली जानती हो फरीन मैंने अपने अब्बू से कहा था की मैं किसी दिन अपनी सहेली फरान की बुर दिलवाऊंगी तुम्हें, अब्बू जान ? वह बहुत खुश हुआ जानती हो क्यों ? क्योंकि मेरे अब्बू ने जिस दिन तुम्हे देखा था उसी दिन से यह तुम्हे चोदने के लिए बेताब है। इससे ज्यादा इसका लण्ड तेरी चूत में घुसने के लिए बेताब है, फरीन। तुम खुद ही देख रही हो न लण्ड बहन चोद तेरे सामने कैसे हिनहिना रहा है। मेरे कुनबे में सारी लड़कियां मेरे अब्बू का लण्ड पीती हैं और अपनी बुर में पेलती भी हैं।
लण्ड सच में बड़ा मोटा और लंबा था। इतना बड़ा लण्ड आज मैं पहली बार देख रही थी। मैंने मन में ठान लिया की मैं एक दिन यही लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पेलूँगी जैसे मेरी खाला की बेटी अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलती है। मैंने फरहा के सामने ही पहले तो उसके अब्बू का लण्ड खूब मस्ती से चूसा औअर चाटा। फिर जब मेरी चूत अच्छी तरह गरम हो गई तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर पहले तो थोड़ा रगड़ा और जब रास्ता थोड़ा चूकना हुआ तो उसने घुसा दिया लण्ड। लण्ड घुसते ही मेरी चीख निकल पड़ी। मैं अपनी गांड उछाल कर बोली उई माँ फट गई मेरी चूत। हाय रे मर जाऊंगी मैं। हाय रे, ऊँ हां हां ओ हो हां आ आ रे मज़ा आ गया। चोदो मुझे अंकल। और जोर जोर से चोदो बड़ा अच्छा लग रहा है। तेरा भोसड़ा चोदने वाला लण्ड एक छोटी सी बुर चोद रहा है। फरहा अपने अब्बू के पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से मेरी चूँचियाँ। मैं चुदवाने में जुट गयी और एक मोटे लण्ड का मज़ा लेने में खो गई.
फरहा ने पूंछा - कैसा लग रहा है तुझे मेरे अब्बू का लण्ड, फरीन ? अच्छी तरह से चुद रही है न तेरी बुर ?
मैंने कहा - हाय अल्लाह बहुत बढ़िया है तेरे अब्बू का लण्ड, बुर चोदी फरहा। तुझे अपनी सहेली की बुर चुदवाने में मज़ा आ रहा है ? तेरी माँ की चूत आज मुझे मालूम हुआ की तू कितनी बड़ी हरामजादी है। अपने अब्बू का लण्ड तू अपनी बुर में भी पेलती है और अपनी सहेलियों की भी बुर में ? पर सच बात यह है की मैं अच्छी तरह चुद रही हूँ यार। मुझे पहले कभी किसी ने इस तरह नहीं चोदा। मैंने जब उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाया तो ज़न्नत का मज़ा आ गया। इस तरह मैंने दो और सहेलियों के अब्बू से चुदवाया एक बार नहीं बल्कि तीन तीन बार। इसके अलावा मैं उनके भाइयों से चुदवाती रही और आज भी चुदवाती हूँ।
मैं जिस दिन 18 साल की हुई उस दिन तो गज़ब ही हो गया। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की मेरी अम्मी जान, खाला जान और फूफी जान बैठी हुई हैं। मुझे देखते ही खाला जान बोली - आओ मेरी फरीन बेगम, अब तू बुर चोदी बड़ी मस्त जवान हो गयी है। तेरे चेहरे पर निखार आ गया है और चूँचियों पर गज़ब का उभार ? तब तक फूफी ने कहा - हां यार इसके चूतड़ों पर भी उभार आ गया है। लोग तो अब इसकी गांड भी मारेंगें। अम्मी - बेटी फरीन अब तू पूरी तरह जवान हो गयी है। आज से तेरा बच्चों के बीच सोना बंद. अब तू बड़े लोगों के बीच सोया करेगी। आज से तू हम लोगों से बीच सोया करेगी। खाला ने मुस्कराते हुए कहा - आज से तेरे हाथ में लण्ड ही लण्ड होंगें। आज से तुझे जवानी का असली मज़ा मिलने लगेगा। फूफी ने भी फिर कहा - आज से लण्ड तू अपनी माँ के भोसड़ा में पेलने लगेगी। खाला ने बताया आज से तू अपनी माँ चुदवायेगी ? जैसे मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती हैं। फूफी ने बताया की आज से तू अकेली नहीं है। हम सब तेरे साथ हैं. यहाँ रात में खुल्लम खुल्ला लण्ड और चूत के खेल होता है। कितने लण्ड तेरी बुर चोदेंगें पता नहीं ?
मैंने मन में कहा - अब तुम लोग क्या जानो की मैं कितने लण्ड ले चुकी हूँ अपनी चूत में ? मैं मादर चोद तुम लोगों से ज्यादा चुदक्कड़ हो चुकी हूँ। मैंने कुछ कहा नहीं और एक भोली भाली लड़की की तरह सब कुछ सुनती रही। खाला बोली अरी फरीन एक और सुन ले आज से तू गालियां देना भी सीख ले। चुदाई में जब तक गन्दी गन्दी बातें न हों और गन्दी गन्दी गालियां न हों तब तक चुदाई का असली मज़ा नहीं आता। एक बात और मर्दों को गालियां देना मना है। वो सब हमारी गालियां सुन सुन कर बड़े जोश से हमारी बुर चोदते हैं। मैं यह तो समझ गयी की आज रात को कोई न कोई मेरी बुर लेगा और खुले आम लेगा। मैं अंदर से पूरी तैयार थी पर ऊपर से सब नाटक कर रही थी। रात में एक बड़ा सा बिस्तर लग गया। उसमे कई औरतें और मरद लेट गए। मैं भी उन में से एक थी। मैं भी ढीले ढाले कपड़े पहन कर लेट गयी। कुछ देर तक तो बातें होतीं रहीं फिर एकदम से सन्नाटा हो गया हो गया।
थोड़ी देर में मैंने देखा की मेरी खाला चाचू के पाजामे का नाड़ा खोल रहीं हैं। मैं उसे एकटक देखने लगी। पैजामा खोलने के बाद वह चाचू का लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगीं। लण्ड साला बढ़ने लगा और बढ़कर लगभग 8" का हो गया। मेरी तो चूत साली गीली हो गयी। खाला चाचू का लण्ड चाटने लगीं। उधर खाला की बेटी ने फूफी के बेटे का लण्ड उसे नंगा करके निकाल लिया। खाला उसका लण्ड बड़े प्यार से चूसने और वह फूफी की नंगी चूँचियाँ मसलने लगा। खालू तो नंगा नंगा फूफी के ऊपर ही चढ़ बैठा। फूफी की चूँचियाँ खोलीं और उसका भोसड़ा खोला फिर लण्ड उसमे घुसा कर चोदने लगा। मेरी अम्मी जान भी बुर चोदी कम न थी। उसने खाला के दामाद का लौड़ा अपने कब्जे में किया और उसे बड़ी बड़ी चूँच्यों के बीच पेलवा कर मज़ा लेने लगीं। जब मेरी निगाह अपनी भाभी की तरफ गयी तो देखा की वह तो मेरे अब्बू का एकदम नंगा लण्ड मुंह में डाल कर पी रही हैं। मेरी निगाह जब अब्बू के पूरे लण्ड पर पड़ी तो मेरी गांड फट गयी। इतना बड़ा और मोटा लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा था। मैं सोंचने लगी की मैं सच में बहुत बड़ी चूतिया निकली। मुझे तो अब्बू का लण्ड बहुत पहले पकड़ना चाहिए था। जैसा की मेरी सहेलियां बता रही थीं की फरीन तू अपने अब्बू का लण्ड पकड़ कर एक दिन देख तो ले तुझे बड़ा मज़ा आ जायेगा।
इतने में किसी ने अपना लण्ड मेरे होंठों पर रख दिया। मैंने आँख उठा कर देखा तो वह मामू जान था। मैं जान
इतने में खाला की बेटी ने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे चाटने लगी। वह बोली हाय अब्बू जान आज तेरा ये भोसड़ी का लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। वह अपने ही अब्बू से चुदवाने लगी। यह सब देख कर मेरे मन में आया की मैं भी क्यों न आज अपनी तमन्ना पूरी कर लूं। मैं अभी अपने अब्बू के लण्ड का मज़ा ले लूं। बस मैं हाथ बढ़ाकर अब्बू का लण्ड भाभी जान की चूत से निकाल कर चाटने लगी। भाभी जान चाचू का लण्ड चाटने लगीं। मुझे वाकई अब्बू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा था। मैंने जब उसे अपनी बुर में पेलवाया तो मेरी चीख निकला पड़ी लेकिन वह चीख फिर धीरे से एक अलौकिक आनंद में बदल गयी।
इस तरह रात भर मर्दों से चूत अदल बदल कर चोदा और औरतों ने लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। तब मुझे मालूम हुआ की मैं ही केवल चुदक्कड़ नहीं हूँ। मेरे घर की सभी बीवियां, बहू, बेटियां और सारी औरतें भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। हालांकि उस दिन से मैं और ज्यादा चुदक्कड़ हो गयीं।
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Tags: मुझे लग गया दिन रात चुदाई का रोग - Mujhe laga gayaa din raat chudai rog , हर पल चोदते रहो कभी भी मत रुको, मुझे सोते जागते उठते बैठते बस लड़ की जरूरत है.
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