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सारे कुनबे ने मिलकर किया सेक्स का खेल - Kunbe ki sabhi bahuo ki chudai
सारे कुनबे ने मिलकर किया सेक्स का खेल - Kunbe ki sabhi bahuo ki chudai. परिवार के सभी लंड घुसते है मेरी चूत में , सामूहिक चुदाई का नजारा.
हाय मेरी अम्मी जान इस नए रिश्ते से तू बुर चोदी मेरी भाभी हुई और मैं तेरी नन्द ? अब मुझसे न तू बच पायेगी और न तेरा भोसड़ा ? अब मैं रोज़ ही चोदूँगी तेरा भोसड़ा अम्मी जान ?
अम्मी ने कहा - अच्छा ठीक है। तब तो तू बुर चोदी मेरी हुई नन्द ? और मैं तेरी भाभी। अब न तू बच पायेगी और न तेरी चूत। मैं भी हर रोज़ चोदूँगी तेरी बुर ? ऐसे हो जातें हैं कुनबे में शादी हो जाने के बाद चोदा चोदी के रिश्ते ?
मैं एक दिन बैठी हुई अपनी कुछ सहेलियों से बातें कर रही थी। उनमे से दो नॉन मुस्लिम फॅमिली से थीं। उनको यह जानने की बड़ी उत्सुकता था की मुस्लिम में चुदाई इतनी खुली खुली और सबके साथ कैसे हो जाती है ? चुदाई की इतनी आज़ादी कैसे होती है ? मैंने सुना है की बेटी अपने बाप से चुदवा लेती है, बहन अपने भाई जान से चुदवा लेती है. माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है, बहू अपने ससुर से चुदवाने में कोई शर्म नहीं करती ? ये सब कैसे होता है ? क्या कोई इसके विपरीत भावना किसी के दिल में नहीं जागती ? कैसे एक भाई अपनी बहन की बुर चोद लेता है ? कैसे एक बेटी अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लेती है कैसे एक बहू अपने ससुर के सामने नंगी हो जाती है ? हम लोग तो ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोंच सकती। हमारे अंदर कभी इस प्रकार की भावना ही नहीं जगती ?
मैंने कहा - एक बात तो मान लो यार की हमारे समाज में शादी किसी भावना से नहीं जुड़ी है। ये तो एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। एक तरह का चुदाई का कॉन्ट्रैक्ट। दूल्हा दुल्हन के बीच चुदाई का कॉन्ट्रैक्ट। ये कॉन्ट्रैक्ट किसी के भी साथ हो सकता है। यही कारण है की हमारे मुस्लिम समाज में शादियां बड़े नजदीकी रिश्तेदरों में हो जाती है। परिणाम स्वरुप आज भाई जान है तो कल वह शौहर बन जाता है। आज बहन है तो वह कल बीवी हो जाती है, कभी वह साली बन जाती है, कभी वह देवरानी और जेठानी बन जाती है। अम्मी जान कभी नन्द बन जाती है, कभी सास बन जाती है। अब्बा कभी जेठ बन जाता है कभी नंदोई बन जाता है, चचा जान ससुर बन जाता है। अब मुझे देखो कल मैं जिसका लण्ड अपनी चूत में पेलती थी आज वह मेरा ससुर हो गया है तो क्या मैं उससे चुदवाना बंद कर दूँगी ? कतई नहीं बल्कि अब तो और चुदवाूऊंगी। एक शादी हो जाने से चुदाई के कई रिश्ते बन जातें हैं। इसीलिए हमारे यहाँ चुदाई का रिस्ता सबके साथ कहीं न कहीं हमेशा बना रहता है। जिसकी चाहो उसकी बुर चोदो, बहन की बुर चोदो चाहे माँ का भोसड़ा ? और जिससे चाहो उससे चुदवाओ, चाहे अब्बू के लण्ड चुदाओ चाहे भाई जान के लण्ड से ?
वह बोली - अच्छा होता यार की मैं भी तेरे कुनबे में पैदा होती तो कम से कम सबसे चुदवाने का मौक़ा तो मिलता ? सबके लण्ड का मज़ा तो मिलता ?
मेरा नाम है सबीना बेगम। मेरी अम्मी जान है शमीमा बेगम और मेरा भाई जान का नाम है रफीक और भाभी जान का रेशमा। मेरी अम्मी जान 14 भाई बहन हैं। अम्मी सबसे बड़ी हैं और उसकी छोटी बहन मेरी उम्र की है और उसका छोटा भाई भी लगभग मेरी उम्र का है। मेरी शादी मेरी अम्मी के सबसे छोटे भाई जान से हुई है। अब समझ लो की मेरा अम्मी से और अब्बू से क्या रिस्ता हुआ ? मेरे भाई जान की शादी अम्मी जान की सबसे छोटी बहन से हुई है। अब समझ लो की भाई जान का रिस्ता अम्मी और अब्बा से कैसा हुआ ? मेरे साथ कैसा रिस्ता हुआ ? हम दोनों की शादी से कई रिश्ते बन गए और सब बहन चोद चुदाई के रिस्तें हैं। पूरे कुनबे में इसी तरह की शादियां होतीं हैं और चुदाई के दोहरे तिहरे रिश्ते बनते चले जातें हैं। इसलिए हमारे यहाँ खुल्लम खुल्ला चुदाई होती है और सबके साथ होती है। कहीं कोई परहेज नहीं होता ? हम सबके बीच मनोरंजन के लिए गाली गलौज भी खूब होती है। चुदाई के रिश्ते के साथ साथ गालियों के भी रिश्ते बन जातें हैं। चुदाई के समय गालियां तो जरूर दी जातीं हैं। अधिकतर गालियां बहू बेटियां भाभियाँ और अम्मियाँ देतीं हैं। मरद गालियां बहुत कम देतें है पर इन सबकी गालियां सुन सुन कर मज़ा खूब लेते हैं। गालियों से लण्ड में जोश बना रहता है और चूत भी लण्ड के धक्के बर्दास्त करने के लिए तैयार रहती है ?
मेरी शादी से मेरी अम्मी जान मेरी नन्द हो गयी और अब्बू जान मेरा नंदोई। मैं उनकी छोटी भाभी जान ? मेरे भाई जान की शादी अम्मी की सबसे छोटी बहन से हो गई तो अम्मी बन गयी उसकी बड़ी साली ? अब्बू बन गया मेरे भाई का साढ़ू। मेरी बुर चोदी खाला जान हो गयी मेरी भाभी। मैं अपने रिश्ते से सबकी बुर चोद सकती हूँ और सबके लण्ड पे बैठ सकती हूँ। भाई जान भी अपने रिश्ते से सबकी बुर चोद सकता है और सबको अपने लण्ड पे बैठा सकता है। अब तो उसे अपनी माँ का भोसड़ा चोदने का भी हक़ मिल गया और मुझे अपने अब्बू से चुदवाने का ? इसीलिए हमारे मुस्लिम समाज में चुदाई सबके साथ होती है और सबके साथ की भी जाती है क्योंकि आज नहीं तो कल चुदाई का कोई न कोई रिस्ता निकल ही आएगा ?
मेरी बड़ी बहन रफ़ा की शादी मेरे चचा जान के बेटे समी से हो गई। समी जो मेरा भाई जान था आज वह मेरा जीजू है। मेरा चचा जान मेरी आपा का ससुर है तो मेरे भी ससुर हुआ। अब मैं ससुर की बेटी की बुर नहीं चोदूँगी तो किसकी बुर चोदूँगी ? ससुर का लण्ड नहीं हिलाऊँगी तो किसका लण्ड हिलाऊँगी। चची जान जो अब सासू है उसका भोसड़ा नहीं चोदूँगी तो किसका भोसड़ा चोदूँगी। मेरा अब्बू भी चोदेगा उसका भोसड़ा ? मेरा चचा तो मेरी अम्मी का देवर है और अम्मी की बुर लेता ही है। अब तो वह अम्मी का समधी हो गया तो अब और ज्यादा लेगा अम्मी की बुर ? तो देखा आपने एक से एक बढ़कर चुदाई के रिश्ते कुनबे में ही बन रहें हैं।
एक रात को कुछ लोग इकठ्ठा हो गये. मैं और मेरा शौहर सफीक मियां (मेरी अम्मी का सबसे छोटा भाई यानी मेरा मामू जान ), अम्मी जान समीना बेगम और अब्बू ज़ाकिर अली, भाई जान रफीक और भाभी जान रेशमा ( मेरी सबसे छोटी खाला जान ) मेरी आपा रफ़ा और उसका मियां समी (चचा का लड़का) चचा की बेटी सुहाना और उसका मियां साहिल। सब लोग रात को ज़मीन पर लेट गए। हमे घर का रिवाज़ है की हम सब ज़मीन पर ही लेटतें हैं और सब साथ लेटते हैं मर्द हो चाहे औरत हां कोई भी 18 साल से कम का न हो। जितने लोग यहाँ है वो सब शादी शुदा हैं। सबकी बीवियां है और सबके मियां भी। सबकी बीवियां अच्छी तरह चुदी हुई हैं और सबके मियां कई कई बुर चूत भोसड़ा सब चोदे हुए हैं। न किसी के लिए लण्ड कोई नई चीज है और न किसी के लिए चूत कोई नई चीज ?
मैंने कहा - खाला जान अब तुम मेरी भाभी बन गयी हो तो तुम्हे कैसा लग रहा है ?
वह बड़ी बोल्ड थी और बोली - यार पहले तेरा अब्बू मेरा जीजू था। मैं उसकी साली थी। इसलिए मैं उसका लौड़ा पकड़ती थी मुंह में लेती थी और चुदवाती भी थी। आज वह मेरा ससुर बन गया है तो क्या मैं उसका लौड़ा छोड़ दूँगी कतई नहीं अब तो मैं और शिद्दत से चुदवाऊंगी। अब तू बता की तू क्या करेगी मेरी नन्द रानी।
मैंने कहा - यार मेरी अम्मी जान तो अब मेरी नन्द बन गयी है और अब्बू मेरा नंदोई। तू मेरे घर दुल्हन बन कर आ गयी और मैं तेरे घर दुल्हन बन कर चली गयी। अब तो हम दोनों अपने माईके में भी सबसे चुदवाने वाली हो गयी हैं और ससुराल में भी सबसे चुदवाने वाली। अब तो हमारे कुनबे में कोई ऐसा मर्द नहीं है जिससे हम और तुम चुदवा नहीं सकती ? और जो हमें चोद नहीं सकता ? तेरे भाई जान की बीवी हूँ मैं। तू भी मेरी नन्द है। इसलिए आज मैं तेरी बुर में लौड़ा पेलूँगी यार और तेरी बहन का भोसड़ा भी चोदूँगी।
सुहाना बोली - हां यार शादियों से चुदाई का रास्ता सबके लिए खुल जाता है। मुझे क्या मालूम था की मेरा भाई जान मेरा शौहर बन जायेगा और मेरा चचा जान मेरा ससुर ? लेकिन बन गया। अब तो मुझे भाई जान से चुदवाने का हक़ है उसके भाईयों से चुदवाने का हक़ है। वो सब मेरे देवर हैं। मुझे चची का भोसड़ा चोदने में ज्यादा मज़ा आएगा क्योंकि वह मेट्री सास है। सास बहू नन्द की चुदाई तो जग ज़ाहिर है यार ? कहा भी जाता है की "सास बहू नन्द सबकी बुर में पेलो लण्ड" इन सब बातों से माहौल एकदम गरम हो गया और मेरा हाथ सुहाना के मियां साहिल के लण्ड पर चला गया। वह मेरा भी भाई जान है पर अभी तो वह भोसड़ी का मेरा जीजू है यार और जीजू की बहन की बुर ? जीजू की माँ का भोसड़ा ? अब तो इतनी गर्मी हो गयी की लोगों के कपड़े उतरने लगे। सबसे पहले मेरी अम्मी जान नंगी हो गयीं और फिर मेरी आपा भी। भाभी जान को तो सुहाना के मियां ने नंगी कर दिया और अब्बू जान को भाभी जान ने नंगा किया।
एक एक करके सबके लण्ड दिखने लगे और सबकी चूत और चूँचियाँ बाहर आने लगीं। मैंने साहिल का लण्ड लिया और उसे मुंह में डाल कर लॉली पॉप की तरह चूसने लगी। मेरे बगल में मेरी अम्मी जान समय का लौड़ा पकड़ कर चाटने लगीं। सनी मेरे चाचा का लड़का है और अब वह मेरी बहन का शौहर है। अम्मी को अपनी बेटी के मियां का लौड़ा बड़ा पसंद है। वह लण्ड को बड़े प्यार से चाट चूस रहीं थीं. मेरी आपा मेरे मियां का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगीं। वह बोली हाय सबीना तेरे मरद का लण्ड तो जबरदस्त है यार। आखिर कार ये मामू जान का लौड़ा है न ? सुहाना मेरी चची जान की बेटी मेरे भाई जान के लण्ड पर मर मिटी। उसे सबसे पहले मेरे भाई पसंद आ गाय। वह जबान निकाल उसका लण्ड बिल्ली की तरह चाटने लगी। मेरी भाभी जान तो मेरे अब्बू का लण्ड ऐसे चाट रही थी जैसे की वह उसकी बीवी हो। मैंने पूंछा तो वह बोली अरी मेरी बुर चोदी नन्द रानी तेरा अब्बू मेरा जीजू है ससुर तो अब बना है भोसड़ी वाला। मैं इसके लण्ड की दीवानी हूँ। आज मैं सबके सामने तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी और फिर चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा मेरी माँ तेरी बहन है भाभी जान अपनी बहन का भोसड़ा चोदोगी ? वह बोली अब तो वह मेरी सास है यार। सास का भोसड़ा चोदूँगी और चोदूँगी उसकी बिटिया की बुर ? तू बुर चोदी मेरी नन्द है और तेरी माँ बुर चोदी मेरी सास । मैं इसी बात पर हंस पड़ी। चुदाई के समय ऐसी बातें आग में घी का काम करतीं हैं। तब तक अब्बू ने पेल दिया लण्ड भाभी की बुर में। वह चोदने लगा भकाभक उसकी बुर और बोला हाय मेरी बहू रानी तू मेरी साली है पहले आज मैं तेरी बुर का बना दूंगा हलवा ? चोद डालूँगा फाड़ डालूँगा तेरी बुर। इतनी मस्तानी चूत मुझे बहुत दिनों के बाद मिली है चोदने को ? भाई जान ने अपना लौड़ा सुहाना की बुर में घुसा दिया। वह भी निडर होकर चोदने लगा। मेरे आपा मेरे ही शौहर से भकर भकर चुदवाने लगीं। अम्मी तो समी जीजू का लण्ड अपने भोसड़ा में पेले हुए धकाधक चुदवाने लगीं और मैं सुहाना के मियां से चुदवाने में मस्त होती जा रही थी। हम पांचों लोगों की बुर एक साथ बज रही थी। चुदाई की आवाज़ सबको बड़ी अच्छी लग रही थी और मस्तियाँ बढती ही जा रहीं थीं। मैंने मन में कहा खुदा करे ये दिन बार बार आये ?
मैंने कहा - हाय मेरी बहन की बुर चोदने वाले साहिल मियां मेरी बुर अच्छी तरह चोदो। पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो। जैसे अपनी बीवी चोदते हो वैसे ही मुझे चोदो। चोद डालो मेरी बुर, नोंच लो मेरी चूँचियाँ, उठा लो मेरी गांड, उखाड़ लो मेरी झांटें, मेरे राजा ? तेरा लण्ड बड़ा दमदार है यार ? मैं इसी तरह बकती हुई मजे से चुदवा रही थी। सुहाना ने कहा अरे यार सबीना तेरे भाई जान ने तो मेरी चूत का बजा अच्छी तरह बजा दिया है। इसका लौड़ा साला मेरे ससुर के लौड़े की तरह है। वह भी मादर चोद अपने बेटियों और बहुओं की बुर चोदने में बड़ा माहिर है। अपनी बेटियां अपने दोस्तों से चुदवाता भी है यार। तब तक अम्मी जान बोली अरे बेटी सुहाना आजकल ये सब चलता है सब होता है। जवानी में लण्ड की जरुरत सबको पड़ती है चाहे वह माँ हो चाहे बेटी ? सास हो चाहे बहू ? नन्द हो चाहे भौजाई। हाथ भर का लण्ड सबको चाहिए ?
बड़ी घनघोर चुदाई हो रही थी। इसी बीच कुछ शरारत हो गयी। अब्बू ने लण्ड भाभी की बुर से निकाल कर मेरी
बुर में पेल दिया और बोला अब मैं अपने साले की बीवी चोदूंगा। ये रहा मेरा लण्ड और ये रही मेरे साले की बीवी की बुर ? वह तो मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे कहब झमाझम चोदने लगा और कहा की वाह क्या मस्त चूत है मेरे साली की बीवी की। आज इसकी बुर का भरता बना दूंगा मैं। मुझे भी ताव आ गया। मैंने भी कहा तेरे लण्ड की बिटिया की बुर अब्बू जान। तू भोसड़ी वाला मेरा नंदोई है और मैं नंदोई का लांड भी चोदती हूँ और गांड भी मारती हूँ। हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है नंदोई जी लौड़ा और अंदर तक पेल के चोदो। पूरा घुसेड़ दो लण्ड। पेल्हड़ भी घुसा दो बहन चोद। अब्बू साला मुझे तूफ़ान मेल की तरह चोदे चला जा रहा था। नहीं ले रहा था। को आ गयी पर उसने चोदना बंद नहीं किया। मैं जान गई की अब्बू का लण्ड बहन चोद बड़ा जबरदस्त है और कुनबे की लड़कियां इसे क्यों सबसे ज्यादा पसंद करतीं हैं ? उधर भाई जान तो अम्मी के ऊपर चढ़ बैठा और लौड़ा उसके भोसड़ा में पेल दिया। वह चोदने लगा अपनी माँ का भोसड़ा ? सुहाना ने मजाक किया और कहा भाई जान अपनी माँ चोद रहे हो ? तो उसने जबाब दिया नहीं सुहाना ये मेरी बीवी की बहन है। ये मेरी साली है इसकी बुर चोदना मेरा हक़ है। मैं इसका बहनोई हूँ और बहनोई का लौड़ा पेलवाना जायज़ है यार। तब तक अम्मी बोली हां मेरे बहनोई राजा पूरा लौड़ा पेल के चोदो मेरा भोसड़ा ? तुम तो मेरी बहन की बुर चोदते हो तो अब मेरी बुर चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। अम्मी की मस्ती देख कर हम सब दंग रह गई। भाभी जान मेरे मरद से चुदवाने लगी और बीच बीच में लण्ड बुर से निकाल कर चाटने लगीं। आपा मेरी सुहाना के मियां के लण्ड पर बैठ गयी और कूद कूद का लण्ड का मज़ा ले रही थीं। समी मेरे चचा जान का लड़का सुहाना यानी अपनी बहन की बुर चोदने लगा। पूरा घर चुदाई में मगन था।
वैसे दोस्तों एक बात बता दूँ की हमारे समाज में ऐसी चुदाई अक्सर हर घर में होती है।
एक दिन मैं अपनी खाला जान के घर चली गयी। रात में वहीँ रुक गयी। वहां भी रात का नज़ारा भी कुछ ऐसा ही था। मैंने देखा की खाला का बेटा फूफी की बुर चोद रहा है और फूफी का बेटा खाला की बुर चोद रहा है। वो भी दोनों आमने सामने चोद रहें हैं। किसी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। थोड़ी देर में एक सीन और दिखाई पड़ा जहाँ फूफा खाला जान की बेटी की बुर ले रहा था और खालू फूफी की बेटी चोद रहा था। मुझे देख कर खालू मेरी तरफ लपका और मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। फिर उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह बोला बेटी आई तो फिर सबसे चुदवाकर ही जाओ। फिर तो मुझे फूफा ने भी चोदा। बाद में फूफा के बेटे ने चोदा और खाला के बेटे ने भी चोदा। ये होती है कुनबे की चुदाई का नज़ारा ?
ऐसे ही एक दिन मैं अपनी दोस्त सायरा के यहाँ पहुँच गयी। मैंने पूंछा की यार सायरा क्या कर रही हो तुम ? वह बोली यार अभी तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। मैंने पूंछा की किससे चुदा रही हो तो वह बोली अपने मियां के लण्ड से ? मैं खुद पेलती हूँ अपने मियां का लण्ड सबकी चूत में। हमारे घर का यह रिवाज़ है की रात में हम सब अपने अपने शौहर का लण्ड सबकी बुर में घुसेड़ती हैं। सब अपने अपने शौहर का लण्ड मेरी चूत में पेलती हैं। अम्मी जान अब्बू का लण्ड मेरी बुर में घुसा देतीं हैं। भाभी भाई जान का लण्ड पेल देतीं हैं मेरी चूत में और मैं अपने मियां का लण्ड भाभी जान की बुर में घुसा देती हूँ।
रात भर इस तरह सबकी बुर चुद जाती है और कई बार चुद जाती है।
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Tags: सारे कुनबे ने मिलकर किया सेक्स का खेल - Kunbe ki sabhi bahuo ki chudai. परिवार के सभी लंड घुसते है मेरी चूत में , सामूहिक चुदाई का नजारा.
हाय मेरी अम्मी जान इस नए रिश्ते से तू बुर चोदी मेरी भाभी हुई और मैं तेरी नन्द ? अब मुझसे न तू बच पायेगी और न तेरा भोसड़ा ? अब मैं रोज़ ही चोदूँगी तेरा भोसड़ा अम्मी जान ?
अम्मी ने कहा - अच्छा ठीक है। तब तो तू बुर चोदी मेरी हुई नन्द ? और मैं तेरी भाभी। अब न तू बच पायेगी और न तेरी चूत। मैं भी हर रोज़ चोदूँगी तेरी बुर ? ऐसे हो जातें हैं कुनबे में शादी हो जाने के बाद चोदा चोदी के रिश्ते ?
मैं एक दिन बैठी हुई अपनी कुछ सहेलियों से बातें कर रही थी। उनमे से दो नॉन मुस्लिम फॅमिली से थीं। उनको यह जानने की बड़ी उत्सुकता था की मुस्लिम में चुदाई इतनी खुली खुली और सबके साथ कैसे हो जाती है ? चुदाई की इतनी आज़ादी कैसे होती है ? मैंने सुना है की बेटी अपने बाप से चुदवा लेती है, बहन अपने भाई जान से चुदवा लेती है. माँ अपने बेटे से चुदवा लेती है, बहू अपने ससुर से चुदवाने में कोई शर्म नहीं करती ? ये सब कैसे होता है ? क्या कोई इसके विपरीत भावना किसी के दिल में नहीं जागती ? कैसे एक भाई अपनी बहन की बुर चोद लेता है ? कैसे एक बेटी अपने अब्बू का लण्ड पकड़ लेती है कैसे एक बहू अपने ससुर के सामने नंगी हो जाती है ? हम लोग तो ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोंच सकती। हमारे अंदर कभी इस प्रकार की भावना ही नहीं जगती ?
मैंने कहा - एक बात तो मान लो यार की हमारे समाज में शादी किसी भावना से नहीं जुड़ी है। ये तो एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। एक तरह का चुदाई का कॉन्ट्रैक्ट। दूल्हा दुल्हन के बीच चुदाई का कॉन्ट्रैक्ट। ये कॉन्ट्रैक्ट किसी के भी साथ हो सकता है। यही कारण है की हमारे मुस्लिम समाज में शादियां बड़े नजदीकी रिश्तेदरों में हो जाती है। परिणाम स्वरुप आज भाई जान है तो कल वह शौहर बन जाता है। आज बहन है तो वह कल बीवी हो जाती है, कभी वह साली बन जाती है, कभी वह देवरानी और जेठानी बन जाती है। अम्मी जान कभी नन्द बन जाती है, कभी सास बन जाती है। अब्बा कभी जेठ बन जाता है कभी नंदोई बन जाता है, चचा जान ससुर बन जाता है। अब मुझे देखो कल मैं जिसका लण्ड अपनी चूत में पेलती थी आज वह मेरा ससुर हो गया है तो क्या मैं उससे चुदवाना बंद कर दूँगी ? कतई नहीं बल्कि अब तो और चुदवाूऊंगी। एक शादी हो जाने से चुदाई के कई रिश्ते बन जातें हैं। इसीलिए हमारे यहाँ चुदाई का रिस्ता सबके साथ कहीं न कहीं हमेशा बना रहता है। जिसकी चाहो उसकी बुर चोदो, बहन की बुर चोदो चाहे माँ का भोसड़ा ? और जिससे चाहो उससे चुदवाओ, चाहे अब्बू के लण्ड चुदाओ चाहे भाई जान के लण्ड से ?
वह बोली - अच्छा होता यार की मैं भी तेरे कुनबे में पैदा होती तो कम से कम सबसे चुदवाने का मौक़ा तो मिलता ? सबके लण्ड का मज़ा तो मिलता ?
मेरा नाम है सबीना बेगम। मेरी अम्मी जान है शमीमा बेगम और मेरा भाई जान का नाम है रफीक और भाभी जान का रेशमा। मेरी अम्मी जान 14 भाई बहन हैं। अम्मी सबसे बड़ी हैं और उसकी छोटी बहन मेरी उम्र की है और उसका छोटा भाई भी लगभग मेरी उम्र का है। मेरी शादी मेरी अम्मी के सबसे छोटे भाई जान से हुई है। अब समझ लो की मेरा अम्मी से और अब्बू से क्या रिस्ता हुआ ? मेरे भाई जान की शादी अम्मी जान की सबसे छोटी बहन से हुई है। अब समझ लो की भाई जान का रिस्ता अम्मी और अब्बा से कैसा हुआ ? मेरे साथ कैसा रिस्ता हुआ ? हम दोनों की शादी से कई रिश्ते बन गए और सब बहन चोद चुदाई के रिस्तें हैं। पूरे कुनबे में इसी तरह की शादियां होतीं हैं और चुदाई के दोहरे तिहरे रिश्ते बनते चले जातें हैं। इसलिए हमारे यहाँ खुल्लम खुल्ला चुदाई होती है और सबके साथ होती है। कहीं कोई परहेज नहीं होता ? हम सबके बीच मनोरंजन के लिए गाली गलौज भी खूब होती है। चुदाई के रिश्ते के साथ साथ गालियों के भी रिश्ते बन जातें हैं। चुदाई के समय गालियां तो जरूर दी जातीं हैं। अधिकतर गालियां बहू बेटियां भाभियाँ और अम्मियाँ देतीं हैं। मरद गालियां बहुत कम देतें है पर इन सबकी गालियां सुन सुन कर मज़ा खूब लेते हैं। गालियों से लण्ड में जोश बना रहता है और चूत भी लण्ड के धक्के बर्दास्त करने के लिए तैयार रहती है ?
मेरी शादी से मेरी अम्मी जान मेरी नन्द हो गयी और अब्बू जान मेरा नंदोई। मैं उनकी छोटी भाभी जान ? मेरे भाई जान की शादी अम्मी की सबसे छोटी बहन से हो गई तो अम्मी बन गयी उसकी बड़ी साली ? अब्बू बन गया मेरे भाई का साढ़ू। मेरी बुर चोदी खाला जान हो गयी मेरी भाभी। मैं अपने रिश्ते से सबकी बुर चोद सकती हूँ और सबके लण्ड पे बैठ सकती हूँ। भाई जान भी अपने रिश्ते से सबकी बुर चोद सकता है और सबको अपने लण्ड पे बैठा सकता है। अब तो उसे अपनी माँ का भोसड़ा चोदने का भी हक़ मिल गया और मुझे अपने अब्बू से चुदवाने का ? इसीलिए हमारे मुस्लिम समाज में चुदाई सबके साथ होती है और सबके साथ की भी जाती है क्योंकि आज नहीं तो कल चुदाई का कोई न कोई रिस्ता निकल ही आएगा ?
मेरी बड़ी बहन रफ़ा की शादी मेरे चचा जान के बेटे समी से हो गई। समी जो मेरा भाई जान था आज वह मेरा जीजू है। मेरा चचा जान मेरी आपा का ससुर है तो मेरे भी ससुर हुआ। अब मैं ससुर की बेटी की बुर नहीं चोदूँगी तो किसकी बुर चोदूँगी ? ससुर का लण्ड नहीं हिलाऊँगी तो किसका लण्ड हिलाऊँगी। चची जान जो अब सासू है उसका भोसड़ा नहीं चोदूँगी तो किसका भोसड़ा चोदूँगी। मेरा अब्बू भी चोदेगा उसका भोसड़ा ? मेरा चचा तो मेरी अम्मी का देवर है और अम्मी की बुर लेता ही है। अब तो वह अम्मी का समधी हो गया तो अब और ज्यादा लेगा अम्मी की बुर ? तो देखा आपने एक से एक बढ़कर चुदाई के रिश्ते कुनबे में ही बन रहें हैं।
एक रात को कुछ लोग इकठ्ठा हो गये. मैं और मेरा शौहर सफीक मियां (मेरी अम्मी का सबसे छोटा भाई यानी मेरा मामू जान ), अम्मी जान समीना बेगम और अब्बू ज़ाकिर अली, भाई जान रफीक और भाभी जान रेशमा ( मेरी सबसे छोटी खाला जान ) मेरी आपा रफ़ा और उसका मियां समी (चचा का लड़का) चचा की बेटी सुहाना और उसका मियां साहिल। सब लोग रात को ज़मीन पर लेट गए। हमे घर का रिवाज़ है की हम सब ज़मीन पर ही लेटतें हैं और सब साथ लेटते हैं मर्द हो चाहे औरत हां कोई भी 18 साल से कम का न हो। जितने लोग यहाँ है वो सब शादी शुदा हैं। सबकी बीवियां है और सबके मियां भी। सबकी बीवियां अच्छी तरह चुदी हुई हैं और सबके मियां कई कई बुर चूत भोसड़ा सब चोदे हुए हैं। न किसी के लिए लण्ड कोई नई चीज है और न किसी के लिए चूत कोई नई चीज ?
मैंने कहा - खाला जान अब तुम मेरी भाभी बन गयी हो तो तुम्हे कैसा लग रहा है ?
वह बड़ी बोल्ड थी और बोली - यार पहले तेरा अब्बू मेरा जीजू था। मैं उसकी साली थी। इसलिए मैं उसका लौड़ा पकड़ती थी मुंह में लेती थी और चुदवाती भी थी। आज वह मेरा ससुर बन गया है तो क्या मैं उसका लौड़ा छोड़ दूँगी कतई नहीं अब तो मैं और शिद्दत से चुदवाऊंगी। अब तू बता की तू क्या करेगी मेरी नन्द रानी।
मैंने कहा - यार मेरी अम्मी जान तो अब मेरी नन्द बन गयी है और अब्बू मेरा नंदोई। तू मेरे घर दुल्हन बन कर आ गयी और मैं तेरे घर दुल्हन बन कर चली गयी। अब तो हम दोनों अपने माईके में भी सबसे चुदवाने वाली हो गयी हैं और ससुराल में भी सबसे चुदवाने वाली। अब तो हमारे कुनबे में कोई ऐसा मर्द नहीं है जिससे हम और तुम चुदवा नहीं सकती ? और जो हमें चोद नहीं सकता ? तेरे भाई जान की बीवी हूँ मैं। तू भी मेरी नन्द है। इसलिए आज मैं तेरी बुर में लौड़ा पेलूँगी यार और तेरी बहन का भोसड़ा भी चोदूँगी।
सुहाना बोली - हां यार शादियों से चुदाई का रास्ता सबके लिए खुल जाता है। मुझे क्या मालूम था की मेरा भाई जान मेरा शौहर बन जायेगा और मेरा चचा जान मेरा ससुर ? लेकिन बन गया। अब तो मुझे भाई जान से चुदवाने का हक़ है उसके भाईयों से चुदवाने का हक़ है। वो सब मेरे देवर हैं। मुझे चची का भोसड़ा चोदने में ज्यादा मज़ा आएगा क्योंकि वह मेट्री सास है। सास बहू नन्द की चुदाई तो जग ज़ाहिर है यार ? कहा भी जाता है की "सास बहू नन्द सबकी बुर में पेलो लण्ड" इन सब बातों से माहौल एकदम गरम हो गया और मेरा हाथ सुहाना के मियां साहिल के लण्ड पर चला गया। वह मेरा भी भाई जान है पर अभी तो वह भोसड़ी का मेरा जीजू है यार और जीजू की बहन की बुर ? जीजू की माँ का भोसड़ा ? अब तो इतनी गर्मी हो गयी की लोगों के कपड़े उतरने लगे। सबसे पहले मेरी अम्मी जान नंगी हो गयीं और फिर मेरी आपा भी। भाभी जान को तो सुहाना के मियां ने नंगी कर दिया और अब्बू जान को भाभी जान ने नंगा किया।
एक एक करके सबके लण्ड दिखने लगे और सबकी चूत और चूँचियाँ बाहर आने लगीं। मैंने साहिल का लण्ड लिया और उसे मुंह में डाल कर लॉली पॉप की तरह चूसने लगी। मेरे बगल में मेरी अम्मी जान समय का लौड़ा पकड़ कर चाटने लगीं। सनी मेरे चाचा का लड़का है और अब वह मेरी बहन का शौहर है। अम्मी को अपनी बेटी के मियां का लौड़ा बड़ा पसंद है। वह लण्ड को बड़े प्यार से चाट चूस रहीं थीं. मेरी आपा मेरे मियां का लण्ड मुंह में लेकर पीने लगीं। वह बोली हाय सबीना तेरे मरद का लण्ड तो जबरदस्त है यार। आखिर कार ये मामू जान का लौड़ा है न ? सुहाना मेरी चची जान की बेटी मेरे भाई जान के लण्ड पर मर मिटी। उसे सबसे पहले मेरे भाई पसंद आ गाय। वह जबान निकाल उसका लण्ड बिल्ली की तरह चाटने लगी। मेरी भाभी जान तो मेरे अब्बू का लण्ड ऐसे चाट रही थी जैसे की वह उसकी बीवी हो। मैंने पूंछा तो वह बोली अरी मेरी बुर चोदी नन्द रानी तेरा अब्बू मेरा जीजू है ससुर तो अब बना है भोसड़ी वाला। मैं इसके लण्ड की दीवानी हूँ। आज मैं सबके सामने तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी और फिर चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा मेरी माँ तेरी बहन है भाभी जान अपनी बहन का भोसड़ा चोदोगी ? वह बोली अब तो वह मेरी सास है यार। सास का भोसड़ा चोदूँगी और चोदूँगी उसकी बिटिया की बुर ? तू बुर चोदी मेरी नन्द है और तेरी माँ बुर चोदी मेरी सास । मैं इसी बात पर हंस पड़ी। चुदाई के समय ऐसी बातें आग में घी का काम करतीं हैं। तब तक अब्बू ने पेल दिया लण्ड भाभी की बुर में। वह चोदने लगा भकाभक उसकी बुर और बोला हाय मेरी बहू रानी तू मेरी साली है पहले आज मैं तेरी बुर का बना दूंगा हलवा ? चोद डालूँगा फाड़ डालूँगा तेरी बुर। इतनी मस्तानी चूत मुझे बहुत दिनों के बाद मिली है चोदने को ? भाई जान ने अपना लौड़ा सुहाना की बुर में घुसा दिया। वह भी निडर होकर चोदने लगा। मेरे आपा मेरे ही शौहर से भकर भकर चुदवाने लगीं। अम्मी तो समी जीजू का लण्ड अपने भोसड़ा में पेले हुए धकाधक चुदवाने लगीं और मैं सुहाना के मियां से चुदवाने में मस्त होती जा रही थी। हम पांचों लोगों की बुर एक साथ बज रही थी। चुदाई की आवाज़ सबको बड़ी अच्छी लग रही थी और मस्तियाँ बढती ही जा रहीं थीं। मैंने मन में कहा खुदा करे ये दिन बार बार आये ?
मैंने कहा - हाय मेरी बहन की बुर चोदने वाले साहिल मियां मेरी बुर अच्छी तरह चोदो। पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो। जैसे अपनी बीवी चोदते हो वैसे ही मुझे चोदो। चोद डालो मेरी बुर, नोंच लो मेरी चूँचियाँ, उठा लो मेरी गांड, उखाड़ लो मेरी झांटें, मेरे राजा ? तेरा लण्ड बड़ा दमदार है यार ? मैं इसी तरह बकती हुई मजे से चुदवा रही थी। सुहाना ने कहा अरे यार सबीना तेरे भाई जान ने तो मेरी चूत का बजा अच्छी तरह बजा दिया है। इसका लौड़ा साला मेरे ससुर के लौड़े की तरह है। वह भी मादर चोद अपने बेटियों और बहुओं की बुर चोदने में बड़ा माहिर है। अपनी बेटियां अपने दोस्तों से चुदवाता भी है यार। तब तक अम्मी जान बोली अरे बेटी सुहाना आजकल ये सब चलता है सब होता है। जवानी में लण्ड की जरुरत सबको पड़ती है चाहे वह माँ हो चाहे बेटी ? सास हो चाहे बहू ? नन्द हो चाहे भौजाई। हाथ भर का लण्ड सबको चाहिए ?
बड़ी घनघोर चुदाई हो रही थी। इसी बीच कुछ शरारत हो गयी। अब्बू ने लण्ड भाभी की बुर से निकाल कर मेरी
वैसे दोस्तों एक बात बता दूँ की हमारे समाज में ऐसी चुदाई अक्सर हर घर में होती है।
एक दिन मैं अपनी खाला जान के घर चली गयी। रात में वहीँ रुक गयी। वहां भी रात का नज़ारा भी कुछ ऐसा ही था। मैंने देखा की खाला का बेटा फूफी की बुर चोद रहा है और फूफी का बेटा खाला की बुर चोद रहा है। वो भी दोनों आमने सामने चोद रहें हैं। किसी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। थोड़ी देर में एक सीन और दिखाई पड़ा जहाँ फूफा खाला जान की बेटी की बुर ले रहा था और खालू फूफी की बेटी चोद रहा था। मुझे देख कर खालू मेरी तरफ लपका और मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। फिर उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह बोला बेटी आई तो फिर सबसे चुदवाकर ही जाओ। फिर तो मुझे फूफा ने भी चोदा। बाद में फूफा के बेटे ने चोदा और खाला के बेटे ने भी चोदा। ये होती है कुनबे की चुदाई का नज़ारा ?
ऐसे ही एक दिन मैं अपनी दोस्त सायरा के यहाँ पहुँच गयी। मैंने पूंछा की यार सायरा क्या कर रही हो तुम ? वह बोली यार अभी तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। मैंने पूंछा की किससे चुदा रही हो तो वह बोली अपने मियां के लण्ड से ? मैं खुद पेलती हूँ अपने मियां का लण्ड सबकी चूत में। हमारे घर का यह रिवाज़ है की रात में हम सब अपने अपने शौहर का लण्ड सबकी बुर में घुसेड़ती हैं। सब अपने अपने शौहर का लण्ड मेरी चूत में पेलती हैं। अम्मी जान अब्बू का लण्ड मेरी बुर में घुसा देतीं हैं। भाभी भाई जान का लण्ड पेल देतीं हैं मेरी चूत में और मैं अपने मियां का लण्ड भाभी जान की बुर में घुसा देती हूँ।
रात भर इस तरह सबकी बुर चुद जाती है और कई बार चुद जाती है।
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Tags: सारे कुनबे ने मिलकर किया सेक्स का खेल - Kunbe ki sabhi bahuo ki chudai. परिवार के सभी लंड घुसते है मेरी चूत में , सामूहिक चुदाई का नजारा.
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