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पहले अपनी बीवी चुदाओ फिर दूसरों की पत्नियाँ चोदो - Adla Badli mein chudai
पहले अपनी बीवी चुदाओ फिर दूसरों की पत्नियाँ चोदो - Adla Badli mein chudai , पड़ोसन को कैसे चोदें , सबकी बीवी रहती है चुदने को तैयार , बीवी देकर बीवी लो और मजे करो.
पहले अपनी बीवी चुदाओ फिर सबकी बीवियां चोदो। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अब आप ही बताईये की मैं पिछले 5 साल से एक ही लण्ड से चुदवाती चली रही हूँ तो अब तक बोर नहीं हो जाउंगी क्या ? बहन चोद रोज़ रोज़ वही लण्ड अपनी चूत में पेलवाते पेलवाते थक नहीं जाउंगी मैं क्या ? रोज़ रोज़ एक ही लण्ड चूसते चूसते चाटते चाटते ऊब नहीं जाउंगी मैं क्या ? अब तुम नोट कर लो की खाना चाहे जितना अच्छा हो, स्वादिस्ट हो पर उसे तुम उसे कितने दिनों तक खा सकती हो ? एक दिन तक, दो दिन तक, चार या पांच दिन तक लेकिन आगे कतई नहीं। फिर तो तुम्हारा मन करेगा की अब इस खाने को आगे नहीं खाउंगी। कुछ और खाऊँगी भले ही वह इससे कम अच्छा हो ? मैं भी इसी तरह 5 साल से एक ही लण्ड खा रही हूँ। भले ही ये बड़ा बी है मोटा भी है चोदता भी अच्छा है पर कब तक ? अब मैं चाहती हूँ की मुझे कोई और लण्ड मिले भले ही वह इससे कम मोटा हो, इससे कम लंबा हो पर हो बिलकुल अलग तरह का और अलग तरह से चोदता भी हो बुर ? खुदा ने सबके लण्ड अलग अलग तरह के बनाये हैं। मैं इसी बात का फायदा उठाना चाहती हूँ और अगर ऐसा चाहती हूँ तो इसमें बुरा क्या है ?
एक बात सुनो मुझे मेरा हसबैंड तो हर बार मुझे चोद कर झड़ जाता है मगर मैं कभी कभी नहीं झड़ती, मैं खलास नहीं होती और चुदासी रह जाती हूँ। ऐसे में तुम ही बताओ मैं किस भोसड़ी वाले के पास चुदवाने जाऊं ? किसका लण्ड अपनी चूत में घुसेडूं जिससे मेरी भी आग पूरी तरह ठंढी हो सके ? दिक्कत ये है की कोई माँ का लौड़ा मेरी बात सुनता ही नहीं ? मैं ये सब बातें अपनी सहेली मिसेज रूचि तिवारी के कह रही थी। मैं कानपूर में रहती हूँ और वही एक कॉलेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर हूँ।
मेरा नाम है मिसेज हिमानी घोष । मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी और मैं तबसे अपने हसबैंड के साथ कोलकाता में ही रहती हूँ। मैं बहुत खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मैं जब चलती हूँ तो मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ आगे से हिलतीं हैं और पीछे से मेरी गांड भी मटकती है। लोग मुझे देख कर अपना लण्ड खुजाने लगतें हैं। मैं जब बाहर निकलती हूँ तो मुझे पता चलता है की कुछ लोग मेरे घर से निकलने का इंतज़ार करतें हैं क्योंकि वो लोग करीब करीब हर रोज़ मुझे रास्ते में मिलते हैं. मैं समझ सकती हूँ की ये सब भोसड़ी वाले मेरे नाम का सड़का मार मार अपना लण्ड ढीला करते होंगें। रूचि तो चली गई पर मैं इन्हीं ख्यालों में घूमती जा रही थी। समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूं ? लण्ड किसी और का पकड़ नहीं सकती थी और पति से बेवफ़ाई कर नहीं सकती थी।
उसी रात को बिस्तर पर जब हम दोनों नंगे थे। वह मेरे बूब्स दबा रहा था और मैं उसका लण्ड सहला रही थी। लण्ड मुठ्ठी में लेकर उसे आग पीछे कर रही थी। तभी उसके मुंह से निकला आज रूचि भाभी आयीं थीं क्या ? मैंने कहा हां आईं तो थी कुछ देर बैठ कर बातें की और फिर चली गई। कोई ख़ास बात है क्या ? वह बोला नहीं कोई ख़ास बात नहीं है मैंने बस यूं ही पूंछा। मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं है कोई तो खास बात है। खुल कर बताओ न मुझे। मैं आपकी बीवी हूँ मुझसे क्या छुपाना ? वह बोला नहीं ऐसा कुछ नहीं है बस आज वह कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी ? मैंने मुस्कराकर कहा अच्छा तो क्या तुम उसे पाना चाहते हो ? वह बोला अरे नहीं यार वह मेरे दोस्त की बीवी है। मैं ऐसा कैसे सोंच सकता हूँ ? मैंने कहा सोंच क्यों नहीं सकते ? सोंचने में कोई हर्ज़ नहीं है और कोई बुराई भी नहीं। ये सब सोंच सोंच कर लड़के अपने अपने लण्ड का मुठ्ठ मारतें हैं। लड़कियां लड़कों के लण्ड के बारे में सोंच सोंच कर अपनी चूत में ऊँगली करतीं हैं. ये सब तो होता ही है। तो फिर सोंचने को कौन रोक सकता है ? तुम्हे रूचि अगर अच्छी लग रही हो तो बताओ मैं बात करूं उससे ? वो मेरी बात टालेगी नहीं। तेरा लण्ड पकड़ा दूँ उसे ? मेरे ऐसा कहते ही उसका लण्ड साला और सख्त हो गया। मैंने कहा तुम बताओ चाहे न बताओ मुझे जबाब तेरे लण्ड ने दे दिया है।
वह बोला चलो छोड़ो यार ये कुछ हो नहीं सकता। हां एक बात है की रोज़ रोज़ एक ही काम और एक ही तरह का काम करते करते आदमी बोर हो जाता है। मैं उसकी बात समझ गयी और कहा हां रोज़ रोज़ एक ही बुर चोदते चोदते एक ही बीवी चोदते चोदते तुम बोर हो गए हो। तुम्हे कुछ नया पन चाहिए। उसने मुझे चिपका लिया और बोला हां जाने मन तुमने सही कहा पर बुरा नहीं मांनना ? मैंने कहा नहीं यार मैं बुरा नहीं मानती। ये बात दोनों तरफ की है। तुम एक ही बुर चोदते चोदते बोर हो गए हो और मैं एक ही लण्ड से चुदवाते चुदवाते बोर हो गयी हूँ। नया पन तुम्हे चाहिए और मुझे भी। मैं एक बात पूंछू ? वह बोला हां हां पूंछो। मैंने पूंछा तुम अपने दोस्त की बीवी रूचि को चोदना चाहते हो न ? वह बोला हां चाहता तो हूँ ? मैंने फिर पूंछा और किस किस की बीवी चोदना चाहते हो। वह बोला जो जो मिल जाएँ ? मैंने कहा तो फिर एक काम करो वह बोला हां बोलो जो तुम कहोगी वो मैं करूंगा।
मैंने फिर खुल कर कहा - देखो इसका एक सबसे अच्छा तरीका है। पहले अपनी बीवी चुदाओ और फिर सबकी बीवियां चोदो। अपनी बीवी की बुर दो और दूसरों की बीवियों की बुर लो। एक चूत दो और सबकी चूत लो ? वह इस लालच में आ गया और बोला हां मैं एक चूत देने को तैयार हूँ। मैं अपनी बीवी चुदाने को तैयार हूँ बशर्ते की मुझे कई बीवियां चोदने को मिलें ? मैंने कहा ये मेरा वादा है। मैं तुम्हे कई बीवियां चोदने के लिए दूँगी। बल्कि मैं खुद ही तेरा लण्ड उनकी बुर में पेल दूँगी । मैंने कहा अच्छा एक बार सोंच कर बताओ की अगर कोई तेरी बीवी तेरे सामने चोदे तो तुमको बुरा तो नहीं लगेगा ? वह बोला नहीं लगेगा बशर्ते की मैं भी उसकी बीवी उसके सामने चोदूँ। वह मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुआ और मुझे चिपका कर खूब अच्छी तरह चोदा। उस दिन की चुदाई बाकी दिनों की चुदाई से कहीं ज्यादा अच्छी थी।
दूसरे दिन मैं रूचि के घर दोपहर को गयी। वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा यार मैं चाहती। हूँ मेरा हसबैंड तुम्हे बहुत चाहता है। उसका दिल तुम पर आ गया है। वह तुम्हे पाना चाहता है। वह बोली हाय दईया तूने तो मेरे अंदर आग लगा दी है। मैं भी तो मन ही मन उसे चाहती हूँ पर कह नहीं सकती। मैंने कहा यार एक बात सुनो मैं चाहती हूँ की तुम मेरे पति से चुदवा लो। वह बोली अरे यार मैं तो उस दिन यही आई थी की हिमानी तुम मेरे पति चुदवा लो। हुआ क्या मैं बताती हूँ। उस दिन जब मेरा पति रंजन मुझे चोद रहा था तो मैंने पूंछा यार तुम किसे चोद रह हो तो वह बोला मैं हेमंत की बीवी चोद रहा हूँ। उसने जब मुझसे पूंछा की तुम किससे चुदवा रही हो तो मैंने कहा मैं हेमंत से चुदवा रही हूँ। वह परायी बीवी का नाम ले ले कर मुझे चोदता है और मैं पराये मरद का नाम ले ले कर उससे चुदवाती हूँ। ऐसे में दोनों को खूब मज़ा आता है। अब मैं सोंचती हूँ की क्यों न इसे हकीकत बना दिया जाए। मेरा हसबैंड तुम्हे चोदे और तेरा हसबैंड मुझे चोदे। मैंने कहा अरे यार रूचि मैं यही तो कहने आई हूँ।
बस हमने अगले दिन ही अपने घर में "wife swapping" का प्लान बना लिया। मैंने रूचि को उसके पति के साथ डिनर पर बुला लिया। वह शाम को सही वख्त पर आ गयी। मैं उसके पति रंजन से मिली। मैंने मन में कहा यही वो आदमी है जो चोदता अपनी बीवी को है और नाम मेरा लेता है। रंजन मुझे भा गया। मैंने उसके लण्ड के बारे में रूचि से नहीं पूंछा तो अच्छा ही किया। अब तो मैं उसे खुद खोल कर देख लूंगी। ितं एमए वह बोली यार एक बात कहना चाहती हूँ रूचि। मैंने कहा हां हां बिलकुल कहो। वह बोली यार मेरे साथ एक और कपल इस खेल में शामिल होना चाहता है। अगर तुम कहो तो उसे बुला लूं। मैंने कहा अरे वाह तब तो मज़ा ही आ जायेगा। उसे फ़ौरन बुला लो। मैं अपने पति को इशारा कर दूँगी। उसने फोन किया और बस 5 मिनट में ही वह कपल मेरे सामने आ खड़ा हुआ। रूचि ने कहा ये है अजय बोस और ये है इसकी बीवी मिसेज अरुणा बोस. मैं दोनों से मिलकर बहुत खुश। हुई. फिर मैंने सबको अपने पति हेमंत मिलवाया।
हम तीनो बंगाली बीवियां हैं। आप जानते हैं की बंगाली लड़कियां बहुत खूबसूरत, बड़ी बड़ी आँखों वाली और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली होतीं हैं। गोरी गोरी गोल गोल चेहरे वाली और पराठा जैसी चूत वाली होतीं हैं। ये लड़कियां चुदवाने में बहुत ही अच्छी होतीं हैं, बड़ी बेशरम होतीं हैं। चूत तो ये सब बड़े प्यार से चुदवाती हैं और सबसे बड़ी बात यह है बंगाली लड़कियां लण्ड पीने में और लण्ड चूसने में सबसे ज्यादा अच्छी होतीं हैं। आज ये सब जब एक दूसरे के पति का लण्ड चूसेंगीं तो देखना कितना मज़ा आएगा ? सबसे परिचय होने के बाद मैंने ड्रिंक्स चालू कर दी । मुझे जब मालूम हुआ की उन दोनों की बीवियां भी मर्दों के साथ दारू पीती हैं तो मैं बहुत खुश हो गई। वैसे हमारे बगालिनों में अधिक तर लड़कियां, बीवियां दारू पीती हैं और सिगरेट भी पीती हैं और इसे बुरा नहीं बल्कि अच्छा माना जाता है।
मैंने नीचे पेटीकोट पहना था और ऊपर एक चुन्नी डाल ली थी उसी में मेरी चूँचियाँ छिपीं भुई थी। रूचि एक छोटी सी ब्रा पहने थी और साड़ी। उसकी ब्रा से बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए तड़प रहीं थीं। अरुणा बिना ब्रा का डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन कर आयी थी। हम तीनो की चूँचियाँ बड़ी बड़ी और खूबसूरत थीं यह कहना मुश्किल था किसकी बड़ी है और किसकी छोटी। मेरा पति रूचि और अरुणा की चूँचियाँ देखने में लगा हुआ था । रंजन मेरी और अरुणा की चूँचियाँ घूरने में जुटा था। अजय मेरी और रूचि की चूँचियाँ एकटक देख रहा था। इसी तरह का हाल कुछ हम बीवियों का भी था। हम भी एक दूसरे के लण्ड का दर्शन करने के लिए बेकरार थीं। मन में कई तरह के लण्ड के साइज घूम रहे थे की इतना बड़ा होगा, इतना मोटा होगा, इससे बड़ा होगा उससे बड़ा होगा इससे मोटा होगा की उससे मोटा।
तब तक दो दो पैग शराब हम सबने पी डाली और तीसरा पैग चालू होने वाला था। तभी मैंने अपना हाथ रंजन की जांघ कर रख दिया। मैं उसकी जांघ सहलाते हुए हाथ धीरे से उसके लण्ड की तरफ बढ़ा दिया। रूचि ने अजय के लण्ड पर सीधे हाथ रख दिया और हलके से दबा भी दिया। उधर अरुणा ने अपना हाथ मेरे पति के लण्ड पर रखा और कहा यार अब तो इसे दिखा दो। मैं बड़ी देर से इसके दर्शन करके ले लिए तड़प रही हूँ। वह बस मेरे पति की पैंट खोलने लगी। बस 5 मिनट हुआ होगा की मेरे पति का लण्ड टन्न से बाहर निकल आया। अरुणा उसे पकड़ कर बोली बाप रे बाप कितना मस्त लौड़ा है हिमानी तेरे पति का ? तब तक रूचि भी अजय का लौड़ा बाहर निकाल चुकी टी। वह बोली वॉवो अरुणा यार तेरे पति का लण्ड तो घोड़े के लण्ड जैसा है. ये तो मेरी चूत का आज ही भोसड़ा बना देगा। उसकी बात से माहौल में गर्मी सवार हो गयी। मैं भी रंजन का लण्ड निकाल कर उसे बड़े प्यार से चूमा और बोली हाय मेरे लौड़े मिया आज तुझे हिमानी की असली बुर खाने को मिलेगी। तू बहन चोद इतना मोटा है की तू तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा।
अब सबको बड़ी जल्दी थी। मर्दों ने भी बड़ी बेशर्मी से एक दूसरे की बीवी नंगी कर दी और उनकी चूँचियाँ मसलना शुरू कर दिया, गांड पर हाथ फिराना और चूत सहलाना शुरू कर दिया। इधर मैं बड़े प्यार से रंजन लण्ड मुंह में डाल कर चूसने चाटने लगी। रूचि अरुणा के पति का लण्ड पीने लगी और अरुणा मेरे पति का लण्ड। हम तीनो को एक दूसरे के पति का लण्ड चाटने चूसने और पीने में बड़ा मज़ा आने लगा। यह पहला मौक़ा था जब की मैं अपने पति के आगे किसी और मरद का लण्ड नंगी नंगी चूस रही थी और मेरे पति का भी पहला मौक़ा था जब की वह मेरे सामने किसी और की बीवी को अपना लण्ड चटवा रहा था चुसवा रहा था। इस मस्ती का वर्णन नहीं किया जा सकता। मैं सोंचने लगी की मुझे शादी के बाद ही ये सब शुरू कर देना चाहिए थे। रंजन मेरी बुर चाट रहा था। अजय रंजन की बीवी रूचि की बुर और मेरा पति अजय की बीवी अरुणा की बुर चाट रहा था।
अब न मुझसे रहा गया और न किसी और से। मैंने फ़ौरन अपनी चूत फैला दी। रंजन समझ गया की अब मैं चुदाना चाहती हूँ। उसने लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और फिर धीरे दे घुसा दिया अंदर। लण्ड घुसते ही मुझे आनंद आने लगा। लण्ड जब पूरा घुसा तो मेरे मुंह से आह निकली लेकिन मैं फिर धकाधक चुदवाने लगी। वह भी जोर जोर से धक्के मारने लगा। तब मैंने देखा की रूचि भी रंडी की तरह अजय से चुदवा रही है और अरुणा भी मेरे पति का लण्ड सहन करती हुई भकाभक चुदवाये चली जा रही है। लग रहा था की मैं नहीं वह बुर चोदी मेरे पति की बीवी है। आज मुझे यह एहसास हो रहा था की सच में पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने रूचि से पूंछा - यार रूचि तुम्हे पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है न ?
वह बोली - हां यार इतना मज़ा तो मुझे पहले कभी नहीं आया। अब तो मन करता है की मैं पराये मर्दों से हर रोज़ चुदवाती रहूं।
अरुणा ने कहा - हां यार, पराये मरद के लण्ड में जादू होता है वह भी भोसड़ी का परायी बीवी की बुर ज्यादा अच्छी तरह से चोदता है।
हमारी बातों से मर्दों ने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी। सारा घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा। आज पहली बार
ये बीवियों की अदला बदली की चुदाई हो रही है इसमें मियां हो चाहे बीवी सभी लोग एन्जॉय कर रहें हैं। रंजन मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोद रहा था। मेरा पति अजय की बीवी पीछे से चोद रहा था और अजय रंजन की बीवी को अपने लण्ड पर बैठा कर चोद रहा था। तीनो बीवियां बड़े मन से चुदवा रहीं थीं। मजे ले ले के चुदवा रहीं थीं। निडर और बेशरम होकर चुदवा रहीं थीं। रूचि ने कहा - आज मुझे मालूम हुआ की अकेले में चुदवाने में कोई मज़ा नहीं है। अगर २/३ लोग साथ चुदवायें तो मज़ा ही मज़ा है। तब तक रंजन बोला - हेमंत यार मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है । मैं अभी इसे ख्यालों में चोदता था आज हकीकत में चोद रहा हूँ। मैं सच में बड़ा लकी हूँ। मेरा पति बोला - यार मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। आज मैं अजय की बीवी चोद कर जो मज़ा ले रहा हूँ वो मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया। मैं तो पहले थोड़ा घबरा रहा था। मेरी बीवी सही कह रही थी की पहले अपनी बीवी चुदवाओ फिर दूसरे की बीवियां चोदो। मैं तो कहता हूँ की अब आज से जिसका मन हो वो चोद ले मेरी बीवी। मैं अपनी बीवी चुदवाने के लिए हूँ।
अजय ने कहा - यार एक बात है। अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है । तब तक रूचि बोली - हां यार पर यह भी बात है की अपने हसबैंड के आगे किसी और के हसबैंड से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
इस तरह बातें भी हो रहीं थी और ठुकाई भी खूब हो रही थी । सबकी बुर चुद भी रही थी और चोदी भी जा रही थी। जैसे तवा पर रोटी अलट पलट कर सेकीं जाती है वैसे ही लोग एक दूसरे की बीवी बुर भी अलट पलट कर चोद रहे थे। कभी इस तरफ से तो कभी उस तरफ से। कभी नीचे से तो कभी ऊपर से। लौड़ा पेलने में न कोई देरी कर रहा था और न कोई लौड़ा पेलवाने में। यही खूबसूरती है सामूहिक चुदाई में। खास तौर पर बीवियों को अदल बदल कर चोदने में। पहली चुदाई जब ख़तम हुई तो सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब एन्जॉय किया।
कुछ देर बाद फिर महफ़िल जम गई। इस बार मैंने अजय का लौड़ा पकड़ लिया और उसे चूमने चाटने लगी, रूचि ने लण्ड पर कब्जा जमा लिया। वह भी लण्ड बड़े प्यार से चूसने लगी, अरुणा ने हाथ बढ़ाया और सीधे रंजन का लण्ड पकड़ लिया। वह भी लण्ड मुझ में लेकर चूसने लगी। इस तरह दूसरी पारी में भी सबने सबकी बीवी चोद कर मज़ा लूटा।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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मेरा नाम है मिसेज हिमानी घोष । मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी और मैं तबसे अपने हसबैंड के साथ कोलकाता में ही रहती हूँ। मैं बहुत खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मैं जब चलती हूँ तो मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ आगे से हिलतीं हैं और पीछे से मेरी गांड भी मटकती है। लोग मुझे देख कर अपना लण्ड खुजाने लगतें हैं। मैं जब बाहर निकलती हूँ तो मुझे पता चलता है की कुछ लोग मेरे घर से निकलने का इंतज़ार करतें हैं क्योंकि वो लोग करीब करीब हर रोज़ मुझे रास्ते में मिलते हैं. मैं समझ सकती हूँ की ये सब भोसड़ी वाले मेरे नाम का सड़का मार मार अपना लण्ड ढीला करते होंगें। रूचि तो चली गई पर मैं इन्हीं ख्यालों में घूमती जा रही थी। समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूं ? लण्ड किसी और का पकड़ नहीं सकती थी और पति से बेवफ़ाई कर नहीं सकती थी।
उसी रात को बिस्तर पर जब हम दोनों नंगे थे। वह मेरे बूब्स दबा रहा था और मैं उसका लण्ड सहला रही थी। लण्ड मुठ्ठी में लेकर उसे आग पीछे कर रही थी। तभी उसके मुंह से निकला आज रूचि भाभी आयीं थीं क्या ? मैंने कहा हां आईं तो थी कुछ देर बैठ कर बातें की और फिर चली गई। कोई ख़ास बात है क्या ? वह बोला नहीं कोई ख़ास बात नहीं है मैंने बस यूं ही पूंछा। मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं है कोई तो खास बात है। खुल कर बताओ न मुझे। मैं आपकी बीवी हूँ मुझसे क्या छुपाना ? वह बोला नहीं ऐसा कुछ नहीं है बस आज वह कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी ? मैंने मुस्कराकर कहा अच्छा तो क्या तुम उसे पाना चाहते हो ? वह बोला अरे नहीं यार वह मेरे दोस्त की बीवी है। मैं ऐसा कैसे सोंच सकता हूँ ? मैंने कहा सोंच क्यों नहीं सकते ? सोंचने में कोई हर्ज़ नहीं है और कोई बुराई भी नहीं। ये सब सोंच सोंच कर लड़के अपने अपने लण्ड का मुठ्ठ मारतें हैं। लड़कियां लड़कों के लण्ड के बारे में सोंच सोंच कर अपनी चूत में ऊँगली करतीं हैं. ये सब तो होता ही है। तो फिर सोंचने को कौन रोक सकता है ? तुम्हे रूचि अगर अच्छी लग रही हो तो बताओ मैं बात करूं उससे ? वो मेरी बात टालेगी नहीं। तेरा लण्ड पकड़ा दूँ उसे ? मेरे ऐसा कहते ही उसका लण्ड साला और सख्त हो गया। मैंने कहा तुम बताओ चाहे न बताओ मुझे जबाब तेरे लण्ड ने दे दिया है।
वह बोला चलो छोड़ो यार ये कुछ हो नहीं सकता। हां एक बात है की रोज़ रोज़ एक ही काम और एक ही तरह का काम करते करते आदमी बोर हो जाता है। मैं उसकी बात समझ गयी और कहा हां रोज़ रोज़ एक ही बुर चोदते चोदते एक ही बीवी चोदते चोदते तुम बोर हो गए हो। तुम्हे कुछ नया पन चाहिए। उसने मुझे चिपका लिया और बोला हां जाने मन तुमने सही कहा पर बुरा नहीं मांनना ? मैंने कहा नहीं यार मैं बुरा नहीं मानती। ये बात दोनों तरफ की है। तुम एक ही बुर चोदते चोदते बोर हो गए हो और मैं एक ही लण्ड से चुदवाते चुदवाते बोर हो गयी हूँ। नया पन तुम्हे चाहिए और मुझे भी। मैं एक बात पूंछू ? वह बोला हां हां पूंछो। मैंने पूंछा तुम अपने दोस्त की बीवी रूचि को चोदना चाहते हो न ? वह बोला हां चाहता तो हूँ ? मैंने फिर पूंछा और किस किस की बीवी चोदना चाहते हो। वह बोला जो जो मिल जाएँ ? मैंने कहा तो फिर एक काम करो वह बोला हां बोलो जो तुम कहोगी वो मैं करूंगा।
मैंने फिर खुल कर कहा - देखो इसका एक सबसे अच्छा तरीका है। पहले अपनी बीवी चुदाओ और फिर सबकी बीवियां चोदो। अपनी बीवी की बुर दो और दूसरों की बीवियों की बुर लो। एक चूत दो और सबकी चूत लो ? वह इस लालच में आ गया और बोला हां मैं एक चूत देने को तैयार हूँ। मैं अपनी बीवी चुदाने को तैयार हूँ बशर्ते की मुझे कई बीवियां चोदने को मिलें ? मैंने कहा ये मेरा वादा है। मैं तुम्हे कई बीवियां चोदने के लिए दूँगी। बल्कि मैं खुद ही तेरा लण्ड उनकी बुर में पेल दूँगी । मैंने कहा अच्छा एक बार सोंच कर बताओ की अगर कोई तेरी बीवी तेरे सामने चोदे तो तुमको बुरा तो नहीं लगेगा ? वह बोला नहीं लगेगा बशर्ते की मैं भी उसकी बीवी उसके सामने चोदूँ। वह मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुआ और मुझे चिपका कर खूब अच्छी तरह चोदा। उस दिन की चुदाई बाकी दिनों की चुदाई से कहीं ज्यादा अच्छी थी।
दूसरे दिन मैं रूचि के घर दोपहर को गयी। वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा यार मैं चाहती। हूँ मेरा हसबैंड तुम्हे बहुत चाहता है। उसका दिल तुम पर आ गया है। वह तुम्हे पाना चाहता है। वह बोली हाय दईया तूने तो मेरे अंदर आग लगा दी है। मैं भी तो मन ही मन उसे चाहती हूँ पर कह नहीं सकती। मैंने कहा यार एक बात सुनो मैं चाहती हूँ की तुम मेरे पति से चुदवा लो। वह बोली अरे यार मैं तो उस दिन यही आई थी की हिमानी तुम मेरे पति चुदवा लो। हुआ क्या मैं बताती हूँ। उस दिन जब मेरा पति रंजन मुझे चोद रहा था तो मैंने पूंछा यार तुम किसे चोद रह हो तो वह बोला मैं हेमंत की बीवी चोद रहा हूँ। उसने जब मुझसे पूंछा की तुम किससे चुदवा रही हो तो मैंने कहा मैं हेमंत से चुदवा रही हूँ। वह परायी बीवी का नाम ले ले कर मुझे चोदता है और मैं पराये मरद का नाम ले ले कर उससे चुदवाती हूँ। ऐसे में दोनों को खूब मज़ा आता है। अब मैं सोंचती हूँ की क्यों न इसे हकीकत बना दिया जाए। मेरा हसबैंड तुम्हे चोदे और तेरा हसबैंड मुझे चोदे। मैंने कहा अरे यार रूचि मैं यही तो कहने आई हूँ।
बस हमने अगले दिन ही अपने घर में "wife swapping" का प्लान बना लिया। मैंने रूचि को उसके पति के साथ डिनर पर बुला लिया। वह शाम को सही वख्त पर आ गयी। मैं उसके पति रंजन से मिली। मैंने मन में कहा यही वो आदमी है जो चोदता अपनी बीवी को है और नाम मेरा लेता है। रंजन मुझे भा गया। मैंने उसके लण्ड के बारे में रूचि से नहीं पूंछा तो अच्छा ही किया। अब तो मैं उसे खुद खोल कर देख लूंगी। ितं एमए वह बोली यार एक बात कहना चाहती हूँ रूचि। मैंने कहा हां हां बिलकुल कहो। वह बोली यार मेरे साथ एक और कपल इस खेल में शामिल होना चाहता है। अगर तुम कहो तो उसे बुला लूं। मैंने कहा अरे वाह तब तो मज़ा ही आ जायेगा। उसे फ़ौरन बुला लो। मैं अपने पति को इशारा कर दूँगी। उसने फोन किया और बस 5 मिनट में ही वह कपल मेरे सामने आ खड़ा हुआ। रूचि ने कहा ये है अजय बोस और ये है इसकी बीवी मिसेज अरुणा बोस. मैं दोनों से मिलकर बहुत खुश। हुई. फिर मैंने सबको अपने पति हेमंत मिलवाया।
हम तीनो बंगाली बीवियां हैं। आप जानते हैं की बंगाली लड़कियां बहुत खूबसूरत, बड़ी बड़ी आँखों वाली और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली होतीं हैं। गोरी गोरी गोल गोल चेहरे वाली और पराठा जैसी चूत वाली होतीं हैं। ये लड़कियां चुदवाने में बहुत ही अच्छी होतीं हैं, बड़ी बेशरम होतीं हैं। चूत तो ये सब बड़े प्यार से चुदवाती हैं और सबसे बड़ी बात यह है बंगाली लड़कियां लण्ड पीने में और लण्ड चूसने में सबसे ज्यादा अच्छी होतीं हैं। आज ये सब जब एक दूसरे के पति का लण्ड चूसेंगीं तो देखना कितना मज़ा आएगा ? सबसे परिचय होने के बाद मैंने ड्रिंक्स चालू कर दी । मुझे जब मालूम हुआ की उन दोनों की बीवियां भी मर्दों के साथ दारू पीती हैं तो मैं बहुत खुश हो गई। वैसे हमारे बगालिनों में अधिक तर लड़कियां, बीवियां दारू पीती हैं और सिगरेट भी पीती हैं और इसे बुरा नहीं बल्कि अच्छा माना जाता है।
मैंने नीचे पेटीकोट पहना था और ऊपर एक चुन्नी डाल ली थी उसी में मेरी चूँचियाँ छिपीं भुई थी। रूचि एक छोटी सी ब्रा पहने थी और साड़ी। उसकी ब्रा से बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए तड़प रहीं थीं। अरुणा बिना ब्रा का डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन कर आयी थी। हम तीनो की चूँचियाँ बड़ी बड़ी और खूबसूरत थीं यह कहना मुश्किल था किसकी बड़ी है और किसकी छोटी। मेरा पति रूचि और अरुणा की चूँचियाँ देखने में लगा हुआ था । रंजन मेरी और अरुणा की चूँचियाँ घूरने में जुटा था। अजय मेरी और रूचि की चूँचियाँ एकटक देख रहा था। इसी तरह का हाल कुछ हम बीवियों का भी था। हम भी एक दूसरे के लण्ड का दर्शन करने के लिए बेकरार थीं। मन में कई तरह के लण्ड के साइज घूम रहे थे की इतना बड़ा होगा, इतना मोटा होगा, इससे बड़ा होगा उससे बड़ा होगा इससे मोटा होगा की उससे मोटा।
तब तक दो दो पैग शराब हम सबने पी डाली और तीसरा पैग चालू होने वाला था। तभी मैंने अपना हाथ रंजन की जांघ कर रख दिया। मैं उसकी जांघ सहलाते हुए हाथ धीरे से उसके लण्ड की तरफ बढ़ा दिया। रूचि ने अजय के लण्ड पर सीधे हाथ रख दिया और हलके से दबा भी दिया। उधर अरुणा ने अपना हाथ मेरे पति के लण्ड पर रखा और कहा यार अब तो इसे दिखा दो। मैं बड़ी देर से इसके दर्शन करके ले लिए तड़प रही हूँ। वह बस मेरे पति की पैंट खोलने लगी। बस 5 मिनट हुआ होगा की मेरे पति का लण्ड टन्न से बाहर निकल आया। अरुणा उसे पकड़ कर बोली बाप रे बाप कितना मस्त लौड़ा है हिमानी तेरे पति का ? तब तक रूचि भी अजय का लौड़ा बाहर निकाल चुकी टी। वह बोली वॉवो अरुणा यार तेरे पति का लण्ड तो घोड़े के लण्ड जैसा है. ये तो मेरी चूत का आज ही भोसड़ा बना देगा। उसकी बात से माहौल में गर्मी सवार हो गयी। मैं भी रंजन का लण्ड निकाल कर उसे बड़े प्यार से चूमा और बोली हाय मेरे लौड़े मिया आज तुझे हिमानी की असली बुर खाने को मिलेगी। तू बहन चोद इतना मोटा है की तू तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा।
अब सबको बड़ी जल्दी थी। मर्दों ने भी बड़ी बेशर्मी से एक दूसरे की बीवी नंगी कर दी और उनकी चूँचियाँ मसलना शुरू कर दिया, गांड पर हाथ फिराना और चूत सहलाना शुरू कर दिया। इधर मैं बड़े प्यार से रंजन लण्ड मुंह में डाल कर चूसने चाटने लगी। रूचि अरुणा के पति का लण्ड पीने लगी और अरुणा मेरे पति का लण्ड। हम तीनो को एक दूसरे के पति का लण्ड चाटने चूसने और पीने में बड़ा मज़ा आने लगा। यह पहला मौक़ा था जब की मैं अपने पति के आगे किसी और मरद का लण्ड नंगी नंगी चूस रही थी और मेरे पति का भी पहला मौक़ा था जब की वह मेरे सामने किसी और की बीवी को अपना लण्ड चटवा रहा था चुसवा रहा था। इस मस्ती का वर्णन नहीं किया जा सकता। मैं सोंचने लगी की मुझे शादी के बाद ही ये सब शुरू कर देना चाहिए थे। रंजन मेरी बुर चाट रहा था। अजय रंजन की बीवी रूचि की बुर और मेरा पति अजय की बीवी अरुणा की बुर चाट रहा था।
अब न मुझसे रहा गया और न किसी और से। मैंने फ़ौरन अपनी चूत फैला दी। रंजन समझ गया की अब मैं चुदाना चाहती हूँ। उसने लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और फिर धीरे दे घुसा दिया अंदर। लण्ड घुसते ही मुझे आनंद आने लगा। लण्ड जब पूरा घुसा तो मेरे मुंह से आह निकली लेकिन मैं फिर धकाधक चुदवाने लगी। वह भी जोर जोर से धक्के मारने लगा। तब मैंने देखा की रूचि भी रंडी की तरह अजय से चुदवा रही है और अरुणा भी मेरे पति का लण्ड सहन करती हुई भकाभक चुदवाये चली जा रही है। लग रहा था की मैं नहीं वह बुर चोदी मेरे पति की बीवी है। आज मुझे यह एहसास हो रहा था की सच में पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
मैंने रूचि से पूंछा - यार रूचि तुम्हे पराये मरद से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है न ?
वह बोली - हां यार इतना मज़ा तो मुझे पहले कभी नहीं आया। अब तो मन करता है की मैं पराये मर्दों से हर रोज़ चुदवाती रहूं।
अरुणा ने कहा - हां यार, पराये मरद के लण्ड में जादू होता है वह भी भोसड़ी का परायी बीवी की बुर ज्यादा अच्छी तरह से चोदता है।
हमारी बातों से मर्दों ने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी। सारा घर चुदाई की आवाज़ से गूंजने लगा। आज पहली बार
अजय ने कहा - यार एक बात है। अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है । तब तक रूचि बोली - हां यार पर यह भी बात है की अपने हसबैंड के आगे किसी और के हसबैंड से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
इस तरह बातें भी हो रहीं थी और ठुकाई भी खूब हो रही थी । सबकी बुर चुद भी रही थी और चोदी भी जा रही थी। जैसे तवा पर रोटी अलट पलट कर सेकीं जाती है वैसे ही लोग एक दूसरे की बीवी बुर भी अलट पलट कर चोद रहे थे। कभी इस तरफ से तो कभी उस तरफ से। कभी नीचे से तो कभी ऊपर से। लौड़ा पेलने में न कोई देरी कर रहा था और न कोई लौड़ा पेलवाने में। यही खूबसूरती है सामूहिक चुदाई में। खास तौर पर बीवियों को अदल बदल कर चोदने में। पहली चुदाई जब ख़तम हुई तो सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब एन्जॉय किया।
कुछ देर बाद फिर महफ़िल जम गई। इस बार मैंने अजय का लौड़ा पकड़ लिया और उसे चूमने चाटने लगी, रूचि ने लण्ड पर कब्जा जमा लिया। वह भी लण्ड बड़े प्यार से चूसने लगी, अरुणा ने हाथ बढ़ाया और सीधे रंजन का लण्ड पकड़ लिया। वह भी लण्ड मुझ में लेकर चूसने लगी। इस तरह दूसरी पारी में भी सबने सबकी बीवी चोद कर मज़ा लूटा।
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Tags: पहले अपनी बीवी चुदाओ फिर दूसरों की पत्नियाँ चोदो - Adla Badli mein chudai , पड़ोसन को कैसे चोदें , सबकी बीवी रहती है चुदने को तैयार , बीवी देकर बीवी लो और मजे करो.
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