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माँ और बेटी की सेक्सी बातें - Maa aur beti ki sexy Baten
माँ और बेटी की सेक्सी बातें - Maa aur beti ki sexy Baten , मां-बाप के सामने बेटी करती है सेक्स , बेटी की असली सहेली होती है माँ , पुत्री बताती है अपनी मम्मी को सब चूत गांड चुचियों की तकलीफ , बेटी ने माँ से कह दी चुदाई की सारी बातें.
उस दिन मैं बहुत रोमांटिक मूड में थी और चुदासी भी थी हालांकि मैंने रात भर कई मर्दों से चुदवाया था। कई लोगों ने मुझे चोदा। मेरी अम्मी, मेरी भाभी जान और मेरी खाला जान को भी मेरे सामने कई लोगों ने चोदा। खाला जान की बेटी आ गयी तो उसे भी सब लोगों ने चोदा। मेरी चूत में लण्ड पेला मेरी चूँचियाँ चोदीं, मेरी गांड भी चोदी और मेरे मुंह में तो सबने अपना अपना लण्ड घुसेड़ा। मैंने सबके लण्ड का मज़ा लिया और रात भर लिया। पर जाने क्यों मेरी चूत बुर चोदी अभी अभी मचल उठी और लण्ड लण्ड चिल्लाने लगी। तब मैंने अपने बॉय फ्रेंड को बुलाया, उसे नंगा किया और लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैं तो नंगी बैठी ही थी। कुछ देर में लौड़ा मैंने अपनी बुर में पेलवा कर बिंदास चुदवाने लगी। मैं मस्ती से चुदवा ही रही थी की इतने में मेरी अम्मी जान आ गई और मुझे चुदवाते हुए देख लिया।
वह बोली - बेटी कितने लण्ड खाती है तेरी बुर चोदी बुर ? अभी रात भर लण्ड खाया है तेरी बुर ने और अभी भी भूंखी है बहन चोद ? मैं देख रही हूँ की पिछले एक हफ्ते में जाने कितने लण्ड खा गयी है बुर ? एक से एक मोटे लम्बे तगड़े लण्ड खाया है तेरी बुर ने ? इतने लण्ड तो मेरा भोसड़ा भी नहीं खा पाया बेटी ?
मैंने कहा - तुम ही बताओ मैं क्या करूं, अम्मी जान ? मेरी बुर ससुरी मेरे बस में नहीं है। मैं इसे जितने लण्ड खिलाती हूँ उतने ही लण्ड ये और मांगती है भोसड़ी वाली। मैं इसमें लण्ड पेलती जाती हूँ और ये गपागप खाती जाती है लण्ड । खाने के बाद फिर अपनी लार टपकाने लगती है। जैसे ही कोई मरद देखती है तो उसका लण्ड घुसेड़वाने के लिए फ़ौरन तैयार हो जाती है। कितने लंड खाती है मेरी बुर मैं क्या बताऊँ, अम्मी जान ? पर एक बात ध्यान से सुन लो। आजकल जो मैं करती हूँ वही मेरी बुर भी करती है। मैं दारू पीती हूँ तो मेरी बुर भी दारू पीती है। मैं सिगरेट पीती हूँ तो मेरी बुर भी सिगरेट पीती है। मैं लण्ड पीती हूँ तो मेरी बुर भी लण्ड पीती है। मैं लण्ड मुंह में लेती हूँ तो मेरी बुर भी लण्ड मुंह में लेती है। जितनी बड़ी बुर चोदी मैं हूँ अम्मी जान उतनी ही बड़ी बुर चोदी मेरी बुर भी है। मैं बुर को गाली देती हूँ तेरी माँ का भोसड़ा तो बुर भी मुझे गाली देती है तेरी माँ का भोसड़ा ?
ऐसे में तुम ही बताओ अम्मी जान की मैं अपनी बुर को कैसे काबू में रखूं ? हालत तो यह हो गयी है अम्मी जान की ये मेरी भोसड़ी वाली बुर जितने लण्ड खाती है मुझे उतने लण्ड इसे और खिलाने पड़ते हैं। अगर न खिलाऊँ तो ये माँ की लौड़ी बड़ा उत्पात मचाती है ? अब मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ अम्मी जान की मैं किसी दिन इसकी माँ का भोसड़ा चोद डालूं तब ये शायद मेरे काबू में आये ? अम्मी जान हंसती हुई बोली - तो फिर चोद डालो न अपनी चूत की माँ का भोसड़ा ? पेल दो एक ही साथ दो चार लण्ड और फाड़ डालो इस बुर चोदी बुर की माँ का भोसड़ा।
इतने मे मेरी फूफी जान आ गयी। वह बोली अरे भाभी जान, आजकल की बेटियों का हाल कुछ न पूंछो। मेरी भी बेटी की बुर हर रोज़ जाने कितने लण्ड खाती है ? रात भर लण्ड खाती है और सवेरे भी उठ कर खाती है लण्ड फिर भी मादर चोद हमेशा भूंखी ही बनी रहती है। इसकी माँ की चूत ? इतने लण्ड तो मेरा भोसड़ा भी नहीं खाता भाभी जान, जब की मैं अपने कुनबे में सबसे ज्यादा लण्ड खाने वाली चुदक्कड़ बीवी मानी जाती हूँ। मेरी बेटी ने तो मुझे पीछे छोड़ दिया। मैंने उससे कह दिया एक दिन - लण्ड, लण्ड, लण्ड, बाप रे कितने लण्ड खायेगी तू और तेरी चूत मेरी हरामजादी बेटी ?
इसी तरह दूसरे दिन मेरी अम्मी की जेठानी भी आ गयी। वह भी बेहद खूबसूरत हैं और अम्मी जान की ही तरह चुदाने और चोदने में अव्वल हैं। उसने अपने घर की सभी बेटियां बहुओं को खुल्लम खुल्ला चुदाई करने और करवाने का पाठ पढ़ा दिया है। उसकी दो बेटियां है और दो बहुएं हैं। ये चारों मिलकर खूब लण्ड खातीं हैं। बातों ही बातों में वह बोली - अरे हमसे न पूंछो की हमारे घर का क्या हाल है ? मेरी बेटियां बुर चोदी मेरे भोसड़ा से लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लेतीं हैं। मेरी ही चूत से नहीं कई लोगों की चूत से लण्ड निकाल कर पेल लेतीं हैं। मुंह से निकाल लेती है लण्ड। चूँचियों के बीच से छीन लेती हैं लण्ड। ये भोसड़ी वाली मुझे ठीक से चुदवाने ही नहीं देतीं। जब से इनकी शादियां हो गईं है तब से ये दोनों और ज्यादा बेशरम हो गईं हैं। जो भी मरद घर में आता है, ये दोनों हाथ बढ़ाकर उसका लौड़ा पकड़ लेतीं हैं और फिर बिना चुदवाये उसे जाने नहीं देतीं। मेरी बहुएं तो पहले से ही बेशरम हैं। हमारे घर में 24 घंटे चुदाई होती रहती है बहन चोद।
अम्मी ने कहा - मैं सोंच रही हूँ की आज रात को इन्हें खुला छोड़ दिया जाए और फिर देखा जाए की कौन भोसड़ी वाली कितने लण्ड खाती है रात भर में ? हां मुझे थोड़ा लण्ड का इंतज़ाम करना पड़ेगा।
जेठानी बोली - 4 लण्ड का इंतज़ाम मैं कर दूँगी। मैंने कहा ठीक है 4 लण्ड मैं अपनी नन्द के घर से मंगवा लूंगी और 4 लण्ड अपनी बहन के घर से। मेरी एक सहेली के 4 बेटे हैं और चारों मरद बन चुके हैं मैं उनसे भी चुदवा लूंगी अपनी बेटियों की बुर।
जेठानी बोली - तो फिर मैं रात को तेरे घर आ जाउंगी।
आज सभी बेटियों को लण्ड खाने की दावत दी जाएगी और देखा जायेगा की रात भर में किसकी बुर कितने लण्ड खाती है ?
यह खबर आग की तरह चारों तरफ फ़ैल गयी। मेरा नाम है खुशबू , खाला जान की बेटी है ज़ारा, फूफी जान की बेटी हिना, चची जान की बेटियां सबा और सलमा। ये पांच बेटियां आज घर पर थीं तो इन्हें ही रात भर लण्ड खाने की दावत दे दी गई। यह भी कहा गया की रात भर में कौन कितने लण्ड खा सकती है ? इसकी गिनती की जाएगी। जो सबसे ज्यादा लण्ड खायेगी उसकी पसंद के विदेशी लण्ड उसे गिफ्ट में दिए जायेंगें जिनसे वह किसी और दिन सबके सामने चुदवायेगी। लण्ड खाने की दावत से सभी बेटियां ख़ुशी से झूमने लगीं और लण्ड खाने की तैयारी करने लगीं। इनमे से मैं थी खुशबू मेरी खाला जान की बेटी ज़ारा, मेरी फूफी की बेटी हिना और मेरी चची जान की दो बेटियां सबा और सलमा। ये सब मस्त जवान बेटियां थीं और सबकी सब शदी शुदा थीं। सब अपनी अपनी ससुराल से खूब चुदवाकर आयीं थीं और यहाँ भी सबसे चुदवाने के लिए हमेशा उतावली रहतीं हैं। ये तो बस लण्ड, लण्ड और लण्ड का माला दिन रात जपा करतीं हैं।
रात को महफ़िल जमने लगी। बेटियों की अलग टोली बन गयी और अम्मियों की अलग टोली। लड़कों की अलग टोली बन गयी और बड़े लोगों की अलग टोली। लड़कों में मेरे दो भाई जान थे रफ़ी और सफी। दोनों ही मुझसे बड़े थे और शादी शुदा थे। खाला जान के बेटे असद और अनस थे, फूफी जान के तीन बेटे थे नियाज़ फ़राज़ और नईम। बड़े मस्त और हैंडसम बेटे थे उनके। मेरी चची जान के बेटे भी तीन थे अली, कासिम और साहिल। सभी बेटों की शादियां हो चुकी थीं। अम्मी जान ने ऐलान किया की आज सभी बेटियों को लण्ड की दावत दी गई है। आज बेटियों के आगे लण्ड परोसे जायेगें और हम सब देखेंगी की कौन कितने लण्ड खाती है ? किसकी बुर कितने लण्ड खाती है और कितनी बेशर्मी से लण्ड खाती है ? लण्ड खाने का मतलब है की इन बुर चोदी बेटियों को सबके लण्ड अपनी अपनी बुर में घुसेड़ कर खलास करने होंगें। लण्ड का वीर्य निकालना होगा और लण्ड को एकदम निचोड़ कर पीना होगा ताकि लण्ड बहन चोद एकदम ढीला हो जाए ?
इतने में मेरा सामने खाला का बेटा असद भाई जान आ गया और उसके साथ मेरी चची जान का बेटा अली भी। मैं समझ गयी की आज मैं सबसे पहले इन दोनों के लण्ड चोदूँगी। ज़ारा के आगे फूफी के दोनों बेटे नियाज़ और फ़राज़ आ गए। वह भी जान गई की आज उसे दोनों भाई मिलकर उसकी बुर लेगें। हिना के सामने खाला का बेटा अनस और उसके साथ फूफी का तीसरा बेटा नईम आ गया। हिना ने मन बना लिया की आज मैं इन दोनों के लण्ड खुले आम चोद डालूंगी। चची जान की बेटी सबा के सामने मेरा भाई जान रफ़ी और उसका भाई कासिम आ गया। चची की दूसरी बेटी सलमा के सामने उसका तीसरा भाई साहिल आया और मेरा भाई सफी भी आया। बेटियों ने मन बनाया की आज मैं अपने भाईयों से चुदवाकर चुदवाकर इनके लण्ड ढीले कर दूँगी। इसमें कोई शक नहीं की हम सब पाँचों बेटियां अच्छी तरह पहले से ही चुदी हुई थीं। माईके में भी खूब चुदीं और ससुराल में भी खूब चोदी गयी थीं।
अब हम सब बेटियों के आगे दो दो लण्ड आकर खड़े हो गए। असद और अली दोनों ने मिलकर मेरे सारे कपड़े उतार फेंका और मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। तब मैंने भी दोनों के कपड़े उतार कर उन्हें नंगा कर दिया और एक एक हाथ से दोनों लण्ड पकड़ कर मुस्कराती हुई हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगे और मेरी चूँचियाँ भी तन कर खड़ी होने लगीं। मैं पहली बार इन दोनों के लण्ड पकड़ कर देख रही थी। फिर मैंने दोनों लण्ड खूब अच्छी तरह से चूमें और पेल्हड़ की भी चुम्मियाँ लीं. मैंने देखा की हमारे सामने सोफा कर मेरी अम्मी जान, खाला जान, फूफी जान और मामी जान सबकी सब अपना अपना भोसड़ा खोले हुए हमारी चुदाई देखने के लिए बैठी हुई हैं। उधर दूसरी तरफ, मेरा अब्बू, मेरा खालू, मेरा फूफा और मामू जान अपना अपना लण्ड खोले हुए बैठे थे। फिर मैं दोनों लण्ड के सुपाड़े आपस में भिड़ाकर रगड़ने लगी। लण्ड से लण्ड लड़ाने लगी। यानी असद का लण्ड अली के लण्ड से लड़ाने लगी। जैसे दो सांड आपस में लड़ते है वैसे ही दो लांड आपस में लड़ने लगे। इसे देख कर सबको बड़ा मज़ा आया और सबने खूब तालियां बजाई। लण्ड तो सच में बड़े मोटे मोटे थे। मज़ा आ गया इन्हें पकड़ कर ?
तब मैने देखा की खाला की बेटी ज़ारा फूफी के दोनों बेटों नियाज़ और फ़राज़ के लण्ड बड़ी मस्ती से हिला रही है और चाट भी रही है। ज़ारा बोली देख रही हो खुशबू ये दोनों मादर चोद लण्ड कितने बेशरम है। सबके सामने कैसे तन कार खड़े हैं ? इनकी माँ का भोसड़ा ? इनकी बहन की बुर ? आज मैं दोनों लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में घुसाकर। फूफी की बेटी हिना खाला के बेटे अनस का लण्ड चाट रही थी और अपने ही भाई जान नईम का लण्ड दूसरे हाथ से सहला रही थी। आज उसे खुले आम अपने ही भाई जान से चुदवाने का मौक़ा मिला है। वह भी बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म लड़की है। अपने ससुर से चुदवाकर आयी है और ससुर के दोस्तों के लण्ड भी पी कर आयी है। लेकिन कुछ भी हो सबसे पहले मैं खलास करूंगी लण्ड। चचा जान की पहली बेटी सबा भोसड़ी वाली मेरे भाई जान रफ़ी का लौड़ा चाट रही है और अपने ही भाई कासिम का लौड़ा चूम रही है। सबा तो इतनी बेशर्म है की वह अपनी माँ के भोसड़ा में दनादन लण्ड पेलती है। अपनी माँ चुदाने वाली सबा आज हमारे कम्पटीशन में है. उसकी सगी बहन सलमा भी नंगी नंगी अपने भाई साहिल के लण्ड के साथ खेल रही है और साथ में है मेरे भाई सफी का भी लण्ड। सलमा हरामजादी अपने अब्बू का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ती है और दूसरों की बुर में भी घुसेड़ देती है।
सलमा बोली खुशबू तू मुझसे जीत नहीं पायेगी क्योंकि मुझसे ज्यादा बेशर्म यहाँ कोई नहीं है। मैं चोद डालूंगी तेरे अब्बा का लण्ड और फाड़ डालूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? अब देख ले तू तेरे भाई जान का लण्ड मेरे हाथ में है मैं अभी इसका तेल निकाल कर तुझे दिखाती हूँ। उसने गप्प से सफी का लौड़ा अपनी बुर में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। उसकी बहन सबा तो मेरे भाई रफ़ी के लण्ड पर ही बैठ गयी। लण्ड पर बैठी बैठी अपने ही भाई कासिम का लण्ड चूसने लगी। हमारे समाज में बहन बड़े मजे से अपने भाई का लण्ड चूसती है, अपने बाप का लण्ड चूसती है। मैंने तो असद का लण्ड अपनी बुर में पेला और गचागच चुदवाने लगी। अपनी गांड उठा के चुदवाने लगी। दूसरे हाथ से अली का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैंने कहा असद यार जल्दी जल्दी चोदो, मेरी बुर फाड़ डालो, चोद डालो मेरी बुर, बड़ा मज़ा आ रहा है। किसी दिन मेरा माँ का भोसड़ा भी चोद लेना। तेरा लण्ड बड़ा मस्त है शानदार है और तू बहुत बढ़िया चोद रहा है और चोदो कस कस के चोदो। असद ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी तो मुझे लगा की मैं अभी इसका लण्ड खलास कर दूँगी। वह पहली बार मुझे चोद रहा था तो उसका जोश बढ़ता जा रहा था और इसी जोश में उसके लण्ड ने छोड़ दिया वीर्य जिसे मैं चाटने लगी और अली का लौड़ा चूत में घुसेड़ने लगी।
उधर ज़ारा ने भी नियाज़ का लण्ड खलास कर दिया और फ़राज़ के लण्ड पर बैठ कर उसे चोदने लगी। सबने
खूब तालियां बजाईं। हिना का कोई भी लण्ड खलास नहीं हुआ तो वह अपनी गांड से ज्यादा जोर लगाने लगी और बोली भोसड़ी के अनस तेरा लण्ड बहन चोद बड़ा हरामी है। मैंने तेरे लण्ड की माँ चोद दूँगी। निकाल लूंगी तेरे लण्ड का तेल। उसके कहते ही अनस का लण्ड झड़ने लगा। वह बड़ी खुश हुई और नईम का लौड़ा अपनी बुर में घुसा लिया। सबा बोली हाय मेरे कासिम भाई जान मुझे फ़टाफ़ट चोदो। जैसे अपनी माँ का भोसड़ा चोदते हो वैसे ही अपनी बहन की बुर चोदो। घुसा दो पूरा लण्ड। चीर डालो मेरी बुर चोदी बुर ? उसने जोर लगाया तो वह भी झड़ गया बहन चोद। सबा फिर मेरे भाई रफ़ी से चुदवाने लगी। सलमा बुर चोदी बड़ी चालक निकली पता नहीं उसने क्या किया की उसके दोनों लण्ड बहन चोद एक साथ झड़ गए। साहिल और सफी दोनों के लण्ड उगलने लगे वीर्य। सबने खूब तालियां बजाई।
मजे की बात यह हुई की सलमा खलास नहीं हुई। तब मेरा अब्बू उठा और अपना लण्ड सलमा को पकड़ा दिया। तब सलमा ने मेरे अब्बू से चुदवाने का मन बना लिया। उधर मैंने अली का झड़ता हुआ लण्ड चाताऔर ज़ारा ने फ़राज़ का झड़ता हुआ लण्ड। मजे की बात यह रही की न मैं झड़ी और न ज़ारा। तब फूफा जान ने ज़ारा को अपना लौड़ा पकड़ा दिया और चचा मेरी तरफ बढ़ा। उसका लौड़ा टन टना रहा था तो मैंने खुद ही हाथ बढ़ाकर उसका पकड़ लिया लण्ड और कहा हाय मेरे बेटी चोद चचा जान तू भी चोद ले मेरी बुर ? मैंने तुझे कई लड़कियों की बुर चोदते हुए देखा है। आज मेरी बुर चोद कर दिखाओ। तूने मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदा है। तेरी बेटी भी तेरा लण्ड पीती है चचा जान। आज मैं तेरा लण्ड पियूँगी। उधर बाकी लड़कों के लण्ड भी झड़ गए। मेरे सामने ही मेरा खालू हिना की बुर चोदने लगा। उधर मेरे मामू जान अपना लण्ड सबा की चूत में पेल दिया। इस तरह हम सबकी बुर में तीसरा लण्ड घुसा था। और हम तीनो में से कोई बुर चोदी अभी तक खलास नहीं हुई थी।
इस बार हम तीनो की बुर बड़ी जोर दारी से बजाई जा रही थी। बुर भी बहन चोद थोड़ी थोड़ी फटने लगी थी। फटने की आवाज़ से चुदाई की आवाज़ भी बदल गयी थी। उधर हम लोगों की अम्मियाँ कब तक बिना चुदे बैठीं रहतीं ? भोसड़ा तो उनका भी कुलबुला रहा था। लण्ड तो उन्हें भी चाहिए थे। मैंने सबका इंतज़ाम कर लिया था। मैंने जैसे ही इशारा तो मेरे मियां अजमल एकदम नंगा नंगा मेरी अम्मी जान के सामने खड़ा हो गया। अम्मी उसका लण्ड देख कर भौचक्की रह गयी और बोली अरे अजमल तू और यहाँ नंगा नंगा और ये तेरा लण्ड ? हाय अल्लाह कितना प्यारा लग रहा है तेरा लंड, दामाद जी ? मैंने कहा अम्मी जान तेरा खुला भोसड़ा देखकर मेरे मियां का लण्ड खड़ा हो गया है। अब ये तेरा भोसड़ा चोदेगा, अम्मी।
उधर ज़ारा ने भी अपने मियां को इशारा किया की तुम भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। उसका मियां अहमद उठा और रारा की अम्मी के सामने लौड़ा खड़ा करके मुस्कराने लगा। उसकी अम्मी तो चाहती ही थी। वह तो बड़ी देर से चुदासी बैठ थी। उसने लण्ड पकड़ा और उसे चूमा फिर अपने भोसड़ा में घुसा लिया। वह भी बड़ी बेशर्मी चुदवाने लगी अपनी बुर। तब तक हिना बड़ी जोर से बोली अरे मेरे आरिफ मियां देख क्या रहे हो। तुम भी पेल दो अपना लण्ड मेरी माँ की चूत में। आज सबके सामने अपनी सास का भोसड़ा चोद कर मज़ा ले लो। किसी दिन मैं भी अपनी सास का भोसड़ा चोदूँगी। चची जान के दो दो दामाद थे। सबा का मियां असलम एक तरफ एकदम नंगा खड़ा हो गाय और दूसरी तरफ दूसरा दामाद अंसारी भी नंगा खड़ा हो गया। चची जान अपने दोनों तरफ टन टनाते हुए लण्ड देख कर उत्तेजित हो गयी। उसका भोसड़ा खुला ही था। उसने अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड पकड़ कर चूमने चाटने लगी और बोली हाय दईया कितने मस्ताने लण्ड हैं तुम दोनों के ? मैं चाहती थी पर तुम मुझे पहल;इ कभी नहीं चोदा। आज सबके सामने मुझे चोद चोद कर मेरा भोसड़ा फाड़ डालो। अपनी अपनी बीवी के सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोदो। बेटियों के शौहर से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही होता है और यही मज़ा ये सब भोसड़ी वाली ले रहीं थीं।
उधर चुद रही थी बेटियों की बुर और इधर चुदने लगा उनकी माँ का भोसड़ा ? क्या गज़ब का सीन था देखने लायक ? धीरे धीरे एक एक करके सब बेटियों की बुर ढीली होने लगी और सबकी सब खलास होने लगीं। सबने अपनी अपनी बुर से निकाल कर झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं और फिर अपनी अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख देख कर एन्जॉय करने लगीं। फिर खाना वगैरह नंगे नंगे ही हुआ। और करीब एक घंटे के बाद फिर चुदाई का माहौल बनने लगा। तब तक आवाज़ आयी -
" इस बार तुम लोग अपनी अपनी बिटिया की बुर चोदो"
पता नहीं की ये बात किसने कही लेकिन यह सुनते ही सब लोग अपनी अपनी बेटी की तरफ बढे और अपना अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया। मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा ज़ारा ने अपने अब्बू का लण्ड ? हिना ने अपने अब्बू का लण्ड संभाला तो सबा ने अपने अब्बू का लण्ड। सलमा ने भी उसका साथ दिया। मामू जान तब तक जा चुका था। इन मर्दों ने फिर जम कर अपनी अपनी बेटी की बुर एक दूसरे के सामने खूब मस्ती से चोदा। इसी बीच एक और आवाज़ आयी। यह आवाज़ बेटियों के मियों के लिए थी। -
"अब तुम लोग एक दूसरे की बीवी चोदो"
हम पाँचों बीविया तो थीं हीं. मेरा मियां उठा और अहमद की बीवी ज़ारा की बुर चोदने लगा। अहमद भी उठा और वह आरिफ की बीवी हिना की बुर में लण्ड पेल दिया। आरिफ ने अपना लौड़ा संभाला और उसे असलम की बीवी सबा की चूत में घुसा दिया। असलम ने फिर अंसारी की बीवी सलमा की बुर चोदने लगा और आखिर में अंसारी मेरी बुर चोदने में जुट गया। ये लोग एक दूसरे की बीवी चोदने का लुत्फ़ उठाने लगे। जितना मज़ा उन्हें दूसरे की बीवी चोदने में आ रहा था उतना ही मज़ा हमें दूसरे के मियां से चुदवाने में आ रहा था।
चुदाई करने और करवाने के सैकड़ों तरीके हैं दोस्तों. मेरा तो यही कहना है की सब लोग चुदाई का मज़ा मिलकर लूटें और अपनी ज़िन्दगी खुश हाल बनायें।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
वह बोली - बेटी कितने लण्ड खाती है तेरी बुर चोदी बुर ? अभी रात भर लण्ड खाया है तेरी बुर ने और अभी भी भूंखी है बहन चोद ? मैं देख रही हूँ की पिछले एक हफ्ते में जाने कितने लण्ड खा गयी है बुर ? एक से एक मोटे लम्बे तगड़े लण्ड खाया है तेरी बुर ने ? इतने लण्ड तो मेरा भोसड़ा भी नहीं खा पाया बेटी ?
मैंने कहा - तुम ही बताओ मैं क्या करूं, अम्मी जान ? मेरी बुर ससुरी मेरे बस में नहीं है। मैं इसे जितने लण्ड खिलाती हूँ उतने ही लण्ड ये और मांगती है भोसड़ी वाली। मैं इसमें लण्ड पेलती जाती हूँ और ये गपागप खाती जाती है लण्ड । खाने के बाद फिर अपनी लार टपकाने लगती है। जैसे ही कोई मरद देखती है तो उसका लण्ड घुसेड़वाने के लिए फ़ौरन तैयार हो जाती है। कितने लंड खाती है मेरी बुर मैं क्या बताऊँ, अम्मी जान ? पर एक बात ध्यान से सुन लो। आजकल जो मैं करती हूँ वही मेरी बुर भी करती है। मैं दारू पीती हूँ तो मेरी बुर भी दारू पीती है। मैं सिगरेट पीती हूँ तो मेरी बुर भी सिगरेट पीती है। मैं लण्ड पीती हूँ तो मेरी बुर भी लण्ड पीती है। मैं लण्ड मुंह में लेती हूँ तो मेरी बुर भी लण्ड मुंह में लेती है। जितनी बड़ी बुर चोदी मैं हूँ अम्मी जान उतनी ही बड़ी बुर चोदी मेरी बुर भी है। मैं बुर को गाली देती हूँ तेरी माँ का भोसड़ा तो बुर भी मुझे गाली देती है तेरी माँ का भोसड़ा ?
ऐसे में तुम ही बताओ अम्मी जान की मैं अपनी बुर को कैसे काबू में रखूं ? हालत तो यह हो गयी है अम्मी जान की ये मेरी भोसड़ी वाली बुर जितने लण्ड खाती है मुझे उतने लण्ड इसे और खिलाने पड़ते हैं। अगर न खिलाऊँ तो ये माँ की लौड़ी बड़ा उत्पात मचाती है ? अब मैं इस नतीजे पर पहुंची हूँ अम्मी जान की मैं किसी दिन इसकी माँ का भोसड़ा चोद डालूं तब ये शायद मेरे काबू में आये ? अम्मी जान हंसती हुई बोली - तो फिर चोद डालो न अपनी चूत की माँ का भोसड़ा ? पेल दो एक ही साथ दो चार लण्ड और फाड़ डालो इस बुर चोदी बुर की माँ का भोसड़ा।
इतने मे मेरी फूफी जान आ गयी। वह बोली अरे भाभी जान, आजकल की बेटियों का हाल कुछ न पूंछो। मेरी भी बेटी की बुर हर रोज़ जाने कितने लण्ड खाती है ? रात भर लण्ड खाती है और सवेरे भी उठ कर खाती है लण्ड फिर भी मादर चोद हमेशा भूंखी ही बनी रहती है। इसकी माँ की चूत ? इतने लण्ड तो मेरा भोसड़ा भी नहीं खाता भाभी जान, जब की मैं अपने कुनबे में सबसे ज्यादा लण्ड खाने वाली चुदक्कड़ बीवी मानी जाती हूँ। मेरी बेटी ने तो मुझे पीछे छोड़ दिया। मैंने उससे कह दिया एक दिन - लण्ड, लण्ड, लण्ड, बाप रे कितने लण्ड खायेगी तू और तेरी चूत मेरी हरामजादी बेटी ?
इसी तरह दूसरे दिन मेरी अम्मी की जेठानी भी आ गयी। वह भी बेहद खूबसूरत हैं और अम्मी जान की ही तरह चुदाने और चोदने में अव्वल हैं। उसने अपने घर की सभी बेटियां बहुओं को खुल्लम खुल्ला चुदाई करने और करवाने का पाठ पढ़ा दिया है। उसकी दो बेटियां है और दो बहुएं हैं। ये चारों मिलकर खूब लण्ड खातीं हैं। बातों ही बातों में वह बोली - अरे हमसे न पूंछो की हमारे घर का क्या हाल है ? मेरी बेटियां बुर चोदी मेरे भोसड़ा से लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लेतीं हैं। मेरी ही चूत से नहीं कई लोगों की चूत से लण्ड निकाल कर पेल लेतीं हैं। मुंह से निकाल लेती है लण्ड। चूँचियों के बीच से छीन लेती हैं लण्ड। ये भोसड़ी वाली मुझे ठीक से चुदवाने ही नहीं देतीं। जब से इनकी शादियां हो गईं है तब से ये दोनों और ज्यादा बेशरम हो गईं हैं। जो भी मरद घर में आता है, ये दोनों हाथ बढ़ाकर उसका लौड़ा पकड़ लेतीं हैं और फिर बिना चुदवाये उसे जाने नहीं देतीं। मेरी बहुएं तो पहले से ही बेशरम हैं। हमारे घर में 24 घंटे चुदाई होती रहती है बहन चोद।
अम्मी ने कहा - मैं सोंच रही हूँ की आज रात को इन्हें खुला छोड़ दिया जाए और फिर देखा जाए की कौन भोसड़ी वाली कितने लण्ड खाती है रात भर में ? हां मुझे थोड़ा लण्ड का इंतज़ाम करना पड़ेगा।
जेठानी बोली - 4 लण्ड का इंतज़ाम मैं कर दूँगी। मैंने कहा ठीक है 4 लण्ड मैं अपनी नन्द के घर से मंगवा लूंगी और 4 लण्ड अपनी बहन के घर से। मेरी एक सहेली के 4 बेटे हैं और चारों मरद बन चुके हैं मैं उनसे भी चुदवा लूंगी अपनी बेटियों की बुर।
जेठानी बोली - तो फिर मैं रात को तेरे घर आ जाउंगी।
आज सभी बेटियों को लण्ड खाने की दावत दी जाएगी और देखा जायेगा की रात भर में किसकी बुर कितने लण्ड खाती है ?
यह खबर आग की तरह चारों तरफ फ़ैल गयी। मेरा नाम है खुशबू , खाला जान की बेटी है ज़ारा, फूफी जान की बेटी हिना, चची जान की बेटियां सबा और सलमा। ये पांच बेटियां आज घर पर थीं तो इन्हें ही रात भर लण्ड खाने की दावत दे दी गई। यह भी कहा गया की रात भर में कौन कितने लण्ड खा सकती है ? इसकी गिनती की जाएगी। जो सबसे ज्यादा लण्ड खायेगी उसकी पसंद के विदेशी लण्ड उसे गिफ्ट में दिए जायेंगें जिनसे वह किसी और दिन सबके सामने चुदवायेगी। लण्ड खाने की दावत से सभी बेटियां ख़ुशी से झूमने लगीं और लण्ड खाने की तैयारी करने लगीं। इनमे से मैं थी खुशबू मेरी खाला जान की बेटी ज़ारा, मेरी फूफी की बेटी हिना और मेरी चची जान की दो बेटियां सबा और सलमा। ये सब मस्त जवान बेटियां थीं और सबकी सब शदी शुदा थीं। सब अपनी अपनी ससुराल से खूब चुदवाकर आयीं थीं और यहाँ भी सबसे चुदवाने के लिए हमेशा उतावली रहतीं हैं। ये तो बस लण्ड, लण्ड और लण्ड का माला दिन रात जपा करतीं हैं।
रात को महफ़िल जमने लगी। बेटियों की अलग टोली बन गयी और अम्मियों की अलग टोली। लड़कों की अलग टोली बन गयी और बड़े लोगों की अलग टोली। लड़कों में मेरे दो भाई जान थे रफ़ी और सफी। दोनों ही मुझसे बड़े थे और शादी शुदा थे। खाला जान के बेटे असद और अनस थे, फूफी जान के तीन बेटे थे नियाज़ फ़राज़ और नईम। बड़े मस्त और हैंडसम बेटे थे उनके। मेरी चची जान के बेटे भी तीन थे अली, कासिम और साहिल। सभी बेटों की शादियां हो चुकी थीं। अम्मी जान ने ऐलान किया की आज सभी बेटियों को लण्ड की दावत दी गई है। आज बेटियों के आगे लण्ड परोसे जायेगें और हम सब देखेंगी की कौन कितने लण्ड खाती है ? किसकी बुर कितने लण्ड खाती है और कितनी बेशर्मी से लण्ड खाती है ? लण्ड खाने का मतलब है की इन बुर चोदी बेटियों को सबके लण्ड अपनी अपनी बुर में घुसेड़ कर खलास करने होंगें। लण्ड का वीर्य निकालना होगा और लण्ड को एकदम निचोड़ कर पीना होगा ताकि लण्ड बहन चोद एकदम ढीला हो जाए ?
इतने में मेरा सामने खाला का बेटा असद भाई जान आ गया और उसके साथ मेरी चची जान का बेटा अली भी। मैं समझ गयी की आज मैं सबसे पहले इन दोनों के लण्ड चोदूँगी। ज़ारा के आगे फूफी के दोनों बेटे नियाज़ और फ़राज़ आ गए। वह भी जान गई की आज उसे दोनों भाई मिलकर उसकी बुर लेगें। हिना के सामने खाला का बेटा अनस और उसके साथ फूफी का तीसरा बेटा नईम आ गया। हिना ने मन बना लिया की आज मैं इन दोनों के लण्ड खुले आम चोद डालूंगी। चची जान की बेटी सबा के सामने मेरा भाई जान रफ़ी और उसका भाई कासिम आ गया। चची की दूसरी बेटी सलमा के सामने उसका तीसरा भाई साहिल आया और मेरा भाई सफी भी आया। बेटियों ने मन बनाया की आज मैं अपने भाईयों से चुदवाकर चुदवाकर इनके लण्ड ढीले कर दूँगी। इसमें कोई शक नहीं की हम सब पाँचों बेटियां अच्छी तरह पहले से ही चुदी हुई थीं। माईके में भी खूब चुदीं और ससुराल में भी खूब चोदी गयी थीं।
अब हम सब बेटियों के आगे दो दो लण्ड आकर खड़े हो गए। असद और अली दोनों ने मिलकर मेरे सारे कपड़े उतार फेंका और मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। तब मैंने भी दोनों के कपड़े उतार कर उन्हें नंगा कर दिया और एक एक हाथ से दोनों लण्ड पकड़ कर मुस्कराती हुई हिलाने लगी। लण्ड बढ़ने लगे और मेरी चूँचियाँ भी तन कर खड़ी होने लगीं। मैं पहली बार इन दोनों के लण्ड पकड़ कर देख रही थी। फिर मैंने दोनों लण्ड खूब अच्छी तरह से चूमें और पेल्हड़ की भी चुम्मियाँ लीं. मैंने देखा की हमारे सामने सोफा कर मेरी अम्मी जान, खाला जान, फूफी जान और मामी जान सबकी सब अपना अपना भोसड़ा खोले हुए हमारी चुदाई देखने के लिए बैठी हुई हैं। उधर दूसरी तरफ, मेरा अब्बू, मेरा खालू, मेरा फूफा और मामू जान अपना अपना लण्ड खोले हुए बैठे थे। फिर मैं दोनों लण्ड के सुपाड़े आपस में भिड़ाकर रगड़ने लगी। लण्ड से लण्ड लड़ाने लगी। यानी असद का लण्ड अली के लण्ड से लड़ाने लगी। जैसे दो सांड आपस में लड़ते है वैसे ही दो लांड आपस में लड़ने लगे। इसे देख कर सबको बड़ा मज़ा आया और सबने खूब तालियां बजाई। लण्ड तो सच में बड़े मोटे मोटे थे। मज़ा आ गया इन्हें पकड़ कर ?
तब मैने देखा की खाला की बेटी ज़ारा फूफी के दोनों बेटों नियाज़ और फ़राज़ के लण्ड बड़ी मस्ती से हिला रही है और चाट भी रही है। ज़ारा बोली देख रही हो खुशबू ये दोनों मादर चोद लण्ड कितने बेशरम है। सबके सामने कैसे तन कार खड़े हैं ? इनकी माँ का भोसड़ा ? इनकी बहन की बुर ? आज मैं दोनों लण्ड भून डालूंगी अपनी चूत में घुसाकर। फूफी की बेटी हिना खाला के बेटे अनस का लण्ड चाट रही थी और अपने ही भाई जान नईम का लण्ड दूसरे हाथ से सहला रही थी। आज उसे खुले आम अपने ही भाई जान से चुदवाने का मौक़ा मिला है। वह भी बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म लड़की है। अपने ससुर से चुदवाकर आयी है और ससुर के दोस्तों के लण्ड भी पी कर आयी है। लेकिन कुछ भी हो सबसे पहले मैं खलास करूंगी लण्ड। चचा जान की पहली बेटी सबा भोसड़ी वाली मेरे भाई जान रफ़ी का लौड़ा चाट रही है और अपने ही भाई कासिम का लौड़ा चूम रही है। सबा तो इतनी बेशर्म है की वह अपनी माँ के भोसड़ा में दनादन लण्ड पेलती है। अपनी माँ चुदाने वाली सबा आज हमारे कम्पटीशन में है. उसकी सगी बहन सलमा भी नंगी नंगी अपने भाई साहिल के लण्ड के साथ खेल रही है और साथ में है मेरे भाई सफी का भी लण्ड। सलमा हरामजादी अपने अब्बू का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ती है और दूसरों की बुर में भी घुसेड़ देती है।
सलमा बोली खुशबू तू मुझसे जीत नहीं पायेगी क्योंकि मुझसे ज्यादा बेशर्म यहाँ कोई नहीं है। मैं चोद डालूंगी तेरे अब्बा का लण्ड और फाड़ डालूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? अब देख ले तू तेरे भाई जान का लण्ड मेरे हाथ में है मैं अभी इसका तेल निकाल कर तुझे दिखाती हूँ। उसने गप्प से सफी का लौड़ा अपनी बुर में घुसेड़ा और चुदवाने लगी। उसकी बहन सबा तो मेरे भाई रफ़ी के लण्ड पर ही बैठ गयी। लण्ड पर बैठी बैठी अपने ही भाई कासिम का लण्ड चूसने लगी। हमारे समाज में बहन बड़े मजे से अपने भाई का लण्ड चूसती है, अपने बाप का लण्ड चूसती है। मैंने तो असद का लण्ड अपनी बुर में पेला और गचागच चुदवाने लगी। अपनी गांड उठा के चुदवाने लगी। दूसरे हाथ से अली का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैंने कहा असद यार जल्दी जल्दी चोदो, मेरी बुर फाड़ डालो, चोद डालो मेरी बुर, बड़ा मज़ा आ रहा है। किसी दिन मेरा माँ का भोसड़ा भी चोद लेना। तेरा लण्ड बड़ा मस्त है शानदार है और तू बहुत बढ़िया चोद रहा है और चोदो कस कस के चोदो। असद ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी तो मुझे लगा की मैं अभी इसका लण्ड खलास कर दूँगी। वह पहली बार मुझे चोद रहा था तो उसका जोश बढ़ता जा रहा था और इसी जोश में उसके लण्ड ने छोड़ दिया वीर्य जिसे मैं चाटने लगी और अली का लौड़ा चूत में घुसेड़ने लगी।
उधर ज़ारा ने भी नियाज़ का लण्ड खलास कर दिया और फ़राज़ के लण्ड पर बैठ कर उसे चोदने लगी। सबने
मजे की बात यह हुई की सलमा खलास नहीं हुई। तब मेरा अब्बू उठा और अपना लण्ड सलमा को पकड़ा दिया। तब सलमा ने मेरे अब्बू से चुदवाने का मन बना लिया। उधर मैंने अली का झड़ता हुआ लण्ड चाताऔर ज़ारा ने फ़राज़ का झड़ता हुआ लण्ड। मजे की बात यह रही की न मैं झड़ी और न ज़ारा। तब फूफा जान ने ज़ारा को अपना लौड़ा पकड़ा दिया और चचा मेरी तरफ बढ़ा। उसका लौड़ा टन टना रहा था तो मैंने खुद ही हाथ बढ़ाकर उसका पकड़ लिया लण्ड और कहा हाय मेरे बेटी चोद चचा जान तू भी चोद ले मेरी बुर ? मैंने तुझे कई लड़कियों की बुर चोदते हुए देखा है। आज मेरी बुर चोद कर दिखाओ। तूने मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदा है। तेरी बेटी भी तेरा लण्ड पीती है चचा जान। आज मैं तेरा लण्ड पियूँगी। उधर बाकी लड़कों के लण्ड भी झड़ गए। मेरे सामने ही मेरा खालू हिना की बुर चोदने लगा। उधर मेरे मामू जान अपना लण्ड सबा की चूत में पेल दिया। इस तरह हम सबकी बुर में तीसरा लण्ड घुसा था। और हम तीनो में से कोई बुर चोदी अभी तक खलास नहीं हुई थी।
इस बार हम तीनो की बुर बड़ी जोर दारी से बजाई जा रही थी। बुर भी बहन चोद थोड़ी थोड़ी फटने लगी थी। फटने की आवाज़ से चुदाई की आवाज़ भी बदल गयी थी। उधर हम लोगों की अम्मियाँ कब तक बिना चुदे बैठीं रहतीं ? भोसड़ा तो उनका भी कुलबुला रहा था। लण्ड तो उन्हें भी चाहिए थे। मैंने सबका इंतज़ाम कर लिया था। मैंने जैसे ही इशारा तो मेरे मियां अजमल एकदम नंगा नंगा मेरी अम्मी जान के सामने खड़ा हो गया। अम्मी उसका लण्ड देख कर भौचक्की रह गयी और बोली अरे अजमल तू और यहाँ नंगा नंगा और ये तेरा लण्ड ? हाय अल्लाह कितना प्यारा लग रहा है तेरा लंड, दामाद जी ? मैंने कहा अम्मी जान तेरा खुला भोसड़ा देखकर मेरे मियां का लण्ड खड़ा हो गया है। अब ये तेरा भोसड़ा चोदेगा, अम्मी।
उधर ज़ारा ने भी अपने मियां को इशारा किया की तुम भी मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। उसका मियां अहमद उठा और रारा की अम्मी के सामने लौड़ा खड़ा करके मुस्कराने लगा। उसकी अम्मी तो चाहती ही थी। वह तो बड़ी देर से चुदासी बैठ थी। उसने लण्ड पकड़ा और उसे चूमा फिर अपने भोसड़ा में घुसा लिया। वह भी बड़ी बेशर्मी चुदवाने लगी अपनी बुर। तब तक हिना बड़ी जोर से बोली अरे मेरे आरिफ मियां देख क्या रहे हो। तुम भी पेल दो अपना लण्ड मेरी माँ की चूत में। आज सबके सामने अपनी सास का भोसड़ा चोद कर मज़ा ले लो। किसी दिन मैं भी अपनी सास का भोसड़ा चोदूँगी। चची जान के दो दो दामाद थे। सबा का मियां असलम एक तरफ एकदम नंगा खड़ा हो गाय और दूसरी तरफ दूसरा दामाद अंसारी भी नंगा खड़ा हो गया। चची जान अपने दोनों तरफ टन टनाते हुए लण्ड देख कर उत्तेजित हो गयी। उसका भोसड़ा खुला ही था। उसने अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड पकड़ कर चूमने चाटने लगी और बोली हाय दईया कितने मस्ताने लण्ड हैं तुम दोनों के ? मैं चाहती थी पर तुम मुझे पहल;इ कभी नहीं चोदा। आज सबके सामने मुझे चोद चोद कर मेरा भोसड़ा फाड़ डालो। अपनी अपनी बीवी के सामने उसकी माँ का भोसड़ा चोदो। बेटियों के शौहर से चुदवाने का मज़ा कुछ और ही होता है और यही मज़ा ये सब भोसड़ी वाली ले रहीं थीं।
उधर चुद रही थी बेटियों की बुर और इधर चुदने लगा उनकी माँ का भोसड़ा ? क्या गज़ब का सीन था देखने लायक ? धीरे धीरे एक एक करके सब बेटियों की बुर ढीली होने लगी और सबकी सब खलास होने लगीं। सबने अपनी अपनी बुर से निकाल कर झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं और फिर अपनी अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा देख देख कर एन्जॉय करने लगीं। फिर खाना वगैरह नंगे नंगे ही हुआ। और करीब एक घंटे के बाद फिर चुदाई का माहौल बनने लगा। तब तक आवाज़ आयी -
" इस बार तुम लोग अपनी अपनी बिटिया की बुर चोदो"
पता नहीं की ये बात किसने कही लेकिन यह सुनते ही सब लोग अपनी अपनी बेटी की तरफ बढे और अपना अपना लण्ड उसे पकड़ा दिया। मैंने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ा ज़ारा ने अपने अब्बू का लण्ड ? हिना ने अपने अब्बू का लण्ड संभाला तो सबा ने अपने अब्बू का लण्ड। सलमा ने भी उसका साथ दिया। मामू जान तब तक जा चुका था। इन मर्दों ने फिर जम कर अपनी अपनी बेटी की बुर एक दूसरे के सामने खूब मस्ती से चोदा। इसी बीच एक और आवाज़ आयी। यह आवाज़ बेटियों के मियों के लिए थी। -
"अब तुम लोग एक दूसरे की बीवी चोदो"
हम पाँचों बीविया तो थीं हीं. मेरा मियां उठा और अहमद की बीवी ज़ारा की बुर चोदने लगा। अहमद भी उठा और वह आरिफ की बीवी हिना की बुर में लण्ड पेल दिया। आरिफ ने अपना लौड़ा संभाला और उसे असलम की बीवी सबा की चूत में घुसा दिया। असलम ने फिर अंसारी की बीवी सलमा की बुर चोदने लगा और आखिर में अंसारी मेरी बुर चोदने में जुट गया। ये लोग एक दूसरे की बीवी चोदने का लुत्फ़ उठाने लगे। जितना मज़ा उन्हें दूसरे की बीवी चोदने में आ रहा था उतना ही मज़ा हमें दूसरे के मियां से चुदवाने में आ रहा था।
चुदाई करने और करवाने के सैकड़ों तरीके हैं दोस्तों. मेरा तो यही कहना है की सब लोग चुदाई का मज़ा मिलकर लूटें और अपनी ज़िन्दगी खुश हाल बनायें।
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