Home
» Top-Hindi-Sex-kahani-XXX-Porn-Stories-in-Hindi
» अपने ससुर के लंड से अपनी चूत को चुदवाया - Sasur ka land aur bahu ki chut chudai
अपने ससुर के लंड से अपनी चूत को चुदवाया - Sasur ka land aur bahu ki chut chudai
अपने ससुर के लंड से अपनी चूत को चुदवाया - Sasur ka land aur bahu ki chut chudai , ससुर ने चोदा , ससुर ने करी बहु की चुदाई , ससुर और बहु का सेक्स पोर्न किस्सा , ससुर के लंड की दीवानी , बहु की चूत का आशिक ससुर.
मेरे प्यारे दोस्तों, मैं यही बात अपनी नन्द से कह रही थी की तू बुर चोदी मेरी नन्द भी है और मेरी बेटी भी। यह सुनकर आपको भी बड़ा अजीब लग रहा होगा पर है यह बिलकुल सच्ची बात ? अब मैं आपको अपनी पूरी कहानी सुनाती हूँ :-
मेरा नाम है ताहिरा बेगम। मैं इस समय २६ साल की हूँ। देखने में खूबसूरत, बोलने में मीठी और बात करने में बहुत ही बोल्ड हूँ मैं ? मैं पढ़ी लिखी हूँ, इंग्लिश फर्राटे दार बोलती हूँ और एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती भी हूँ। मेरा स्वभाव बहुत मीठा और मधुर है पर मैं हूँ बहुत बड़ी बुर चोदी हरामजादी और मादर चोद हूँ ? जानते हो क्यों ? क्योंकि मैं चोदने चुदाने की बहुत बड़ी खिलाड़ी हूँ। मुझे मर्दों को नंगा करना अच्छा लगता है और उनके आगे नंगी होना और अच्छा लगता है। मैं लण्ड की बहुत बड़ी दीवानी हूँ। मुझे लण्ड मिलता है तो मैं समझ लेती हूँ की मुझे सारी दुनिया मिल गया। मैं हर मर्द का लण्ड पकड़ना चाहती हूँ उसे मुंह में और अपनी चूत में लेना चाहती हूँ। मुझे चुदवाने का और झड़ता हुआ लण्ड पीने का बहुत शौक है। इसलिए मैं बेशरम भी हूँ और निडर भी। मैं शादी के पहले भी कई लोगों से चुदवाती थी और शादी के बाद भी कई लोगों से चुदवाती हूँ। बल्कि ज्यादा चुदवाती हूँ। मेरा शौहर जब मुझे एक बार चोदता हैं तो मैं ग़ैर मर्दों से 10 बार चुदवाती हूँ। अब आप इसे अच्छा कहें या बुरा लेकिन जो सच है वो मैंने आपको बता दिया।
मेरी नन्द है रजिया। वह शादी शुदा है। मेरे शौहर का नाम है हनीफ। वह 28 साल का है स्मार्ट और हैंडसम है। मैं उसे बहुत चाहती हूँ और अपनी सुहागरात से उससे खूब मजे से और मन लगाकर चुदवाती भी हूँ। लेकिन आपको तो मालूम है की मैं कभी भी एक लण्ड के सहारे नहीं रह सकती ? एक दिन मैं जब घर आयी तो देखा की मेरा शौहर किसी और की बीवी चोद रहा है। मैं उसे पहचानती नहीं थी। जब उसने मुझे देखा तो बोला अरे यार ताहिरा ये मेरे दोस्त की बीवी है। इसका दिल मुझ पर आ गया तो मैंने इसे निराश नहीं किया। ये मुझसे लिपट गयी और मैं इससे। बस इसने मेरा लण्ड पकड़ लिया तो मैंने इसकी चूँचियाँ। बस फिर सब कुछ अपने आप ही होने लगा।
मैंने कहा तुम करो न जो कुछ करना चाहते हो मैं मना नहीं कर रही हूँ बल्कि खुश हूँ की तुम किसी को खुश कर रहे हो। मैं तो बैठ कर एन्जॉय करूंगी। मैंने सच उसकी चुदाई का भर पूर एन्जॉय किया।
एक दिन जब वह घर आया तो मैं किसी और मरद से चुदवा रही थी। उसका लण्ड मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैं उसी का मज़ा ले रही थी। मेरा शौहर मेरे सामने बैठ गया। उसने मेरी पूरी चुदाई देखी पर फिर जाने क्या हुआ उसके मन में चुदाई के बाद उसने मुझे तलाक दे दिया। बोला तलाक तलाक तलाक ? अब मैं सड़क पर आ गयी। मैं फ़ौरन घर के बाहर कर दी गयी। मैं बड़ी आहत थी दुखी थी और सोंचने लगी की मरद भी बहन चोद कैसे कैसे होतें हैं। जब वह किसी और की बीवी चोद रहा था तो मैंने कुछ नहीं कहा और जब मैं किसी और से चुदवा रही थी तो उसने मुझे तलाक दे दिया। ये तो जायज़ फैसला नहीं है। इसमें मेरी कोई गलती भी नहीं है । ख़ैर मैं अपने माईके चली गयी।
मेरी सास हैं नादिरा और ससुर अब्बास मियां।
मेरा ससुर कमरे में आया। वह बहुत ही खुश नज़र आ रहा था। उसने मेरा घूँघट उठाया और मेरी खूबसूरती की तारीफ की। धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैं भी नंगी होती गयी। कुछ ही देर में मैं पूरी नंगी हो गई। मेरी चूँचियाँ मेरी गांड मेरी चूत सब कुछ नंगा हो गया। वह मुझे नंगी देख कर पागल सा हो गया और तब मैंने भी उसके कपड़े कर उसे नंगा कर दिया। उसका लौड़ा जब मेरे हाथ में आया तो मैंने खुदा का शुक्रिया अदा किया। बिना झांट का लौड़ा साला वास्तव में बड़ा हक्कानी था। लंबा भी था और मोटा भी। बिलकुल मेरे मन के मुताबिक था उसका लण्ड। मैं लण्ड से नंगी नंगी खेलने लगी और वह भी मेरे नंगे बदन का मज़ा लेने लगा। मेरी चूत भी मजे से चाटी उसने। मुझे भी अच्छा लगा। मैं उसे पूरा साथ दे रही थी ताकि वह मुझे कल तलाक दे दे और मैंअपने शौहर के पास लौट जाऊं।
थोड़ी देर में उसने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में और मैं उई माँ कह कर रह गई। मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसने चोद चोद कर मेरी बुर ढीली कर दी। मैं जान गयी की इसका लौड़ा बड़ा ताकतवर है। मैंने झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो सच में ज़न्नत का मज़ा आया। मैंने ठान लिया की मैं अपने शौहर के पास वापस जाने के बाद भी इससे चुदवाती रहूंगी। इस तरह उनसे मुझे रात में तीन बार चोदा। दूसरे दिन उसने तलाक देने पर कोई बात नहीं की। मैं उम्मीद कर रही थी की वह दे देगा और मैं फिर से शौहर से निकाह कर लूंगी। पर वह चुप रहा। दूसरे दिन भी रात में उसने मुझे चोदा और अच्छी तरह चोदा। इस तरह ३/४ दिन हो गए तो एक दिन पूंछने पर वह बोला बेटा हनीफ (मेरे शौहर का नाम ) अब तुम किसी और से शादी कर लो मैं इसे तलाक नहीं दूंगा बल्कि इसे अपनी बेगम ही बनाकर रखूंगा। ये मेरी दूसरी शादी समझ लो।
मैं तो यह सुनकर हैरान हो गई। उसके इस फैसले से मैं अपनी सास की सौतन बन गई। अपने शौहर कीअम्मी जान हो गयी। मेरी नन्द मेरी बेटी हो गई। मैं २/३ दिन तक बड़ी पशोपेश में रही और जब मेरे शौहर ने दूसरी शादी कर ली तो मुझे थोड़ा तसल्ली हुई। मैंने यह भी ठान लिया शादी कोई किसी से भी करे लेकिन मेरा जिससे मन होगा उससे चुदवा जरूर लूंगी। अपने ससुर को तो मैं एक अच्छा सबक सिखाऊंगी । अपनी उंगलियों पर इसे नचाऊँगी और इस भोसड़ा वाले के सामने ही ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। जहाँ तक मेरे पहले शौहर का सवाल है मैं उसके लिए बीवी अभी भी बनी रहूंगी। रिश्ते में भले ही हम माँ बेटा हो गए हैं पर चुदाई में हम मियाँ बीवी ही बने रहेगें। दो दिन बाद मेरी नन्द अपनी ससुराल से आ गयी। उस यहाँ की पूरी कहानी मालूम हो गयी। उसे पता चला की मेरे अब्बू ने मेरी भाभी को ही अपनी बेगम बना लिया है।
वह बोली - अरे भाभी जान मेरा अब्बा भोसड़ी का बड़ा हरामी चीज है। इसे तो बस चूत चाहिए चूत। ये तो साला लड़कियां खूब चोदता है। इसने मेरी सभी सहेलियों की बुर ली है भाभी जान। कुछ सहेलियों की तो माँ भी चोदी है इसने। अब तो ये लोगों की बीवियां चोदता है। पहले मियां बीवी का झगड़ा करवाता है फिर सुलह करवाकर उनका हलाला करता है। इसे तलाकशुदा बीवियां चोदना बड़ा अच्छा लगता है। मैंने पूंछा भी इसका नन्द रानी। वह बोली - हां पकड़ा है और चुदवाया भी है। यही तो एक अच्छी बात है की इसे खुदा ने बहुत बढ़िया लौड़ा दिया है। इसी लौड़े के बल पर ये लड़कियों को फंसाता है, अपने दोस्तों की बेटियां फंसाता है और उन्हें चोदता है। लड़कियां भी इसके लण्ड पर मर मिटती हैं। जो एक बार चुदवाती है वह बार बार चुदवाने आती है। मैं भी इसी तरह फंस गयी थी।
फिर मैं अपनी नन्द से कुछ और बात करने लगी। इतने में मेरी सास भी आ गयी जिसकी मैं सौतन बन चुकी हूँ । उसे सब मालूम था। वह बोली ताहिरा तुम बिलकुल दुखी मत होना। ये भोसड़ी का अब्बास हमारा कुछ नहीं उखाड़ पायेगा। इसकी बहन का भोसड़ा ? अब हम दोनों मिलकर इसके लण्ड की माँ चोदेंगीं। इसे अपने लण्ड पर बड़ा अहम् है। मैं इसका अहम् चकना चूर कर दूँगी। इसी के सामने ग़ैरों से चुदवाऊंगी और इसके लण्ड को घास भी नहीं डालूंगी।
मैंने मजाक में कहा - तू बुर चोदी मेरी नन्द भी है और मेरी बेटी भी। अब मैं नन्द की बुर भी चोदूँगी और बेटी की चूत भी।
वह बोली - मैं भी भाभी की बुर चोदूँगी और माँ का भोसड़ा भी। तू बुर चोदी मेरी भाभी भी है और मेरी अम्मी भी। उधर मेरा शौहर हनीफ अपनी दूसरी बीवी ले आया। उसका नाम था हसीना बेगम। वह भी बड़ी खूबसूरत थी और अच्छे नाक नक्श वाली थी। वह थी तो मेरी उम्र की पर रिश्ते में वह मेरी बहू हुई और मैं उसकी सास। मैंने उससे दोस्ती बना ली और फिर उसने अपने सारे राज़ मेरे सामने उगल दिया। वह भी मेरी ही तरह चुदाई की बड़ी शौक़ीन निकले। उसे भी लण्ड से बेहद मोहब्बत है। वह पराये मर्दों से चुदवाने में तेज है। बोल्ड है और गालियां बकने में किसी से कम नहीं है। कहीं भी किसी की भी माँ बहन खुले आम चोद देती है।
रात में हम सब एक बिस्तर पर लेट गईं। मैं ताहिरा, मेरी सास नादिरा जो मेरे शौहर की पहली बीवी है, मेरी नन्द जो अब मेरी बेटी है रजिया, और हसीना मेरे पहले शौहर की दूसरी बीवी। हम सब खूब मस्ती से बातें करने लगीं और खुल कर करने लगीं। हम सब मर्दों के साथ ही सोतीं हैं। अभी मर्द आते ही होंगें। हम उनके आने का इंतज़ार करने लगीं। कुछ देर में मेरा चाचियां ससुर यासीर आ गया. मेरा खाला ससुर वाली आ गया। हालांकि अब ये दोनों मेरे जेठ और देवर बन गएँ हैं । मेरी नन्द का ससुर अमजद भी आ गया जो मेरा समधी बन गया है। हसीना का भाई जान वाहिद भी आ गया जो रिश्ते में मेरी बहू का भाई है। ये सब लोग हमारे साथ ही सोयेंगें। औरत और मरद जब साथ साथ सोते हैं तो चुदाई होनी ही होनी है। उसे कोई रोक नहीं सकता। उधर लण्ड साला अपंने आप खड़ा हो जाता है और इधर चूत बुर चोदी कुलबुलाने लगती है।
मेरी नज़र नन्द के ससुर पर थी। मैं उसका लौड़ा सबसे पहले देखना चाहती थी। मेरी सास हसीना के भाई जान का लण्ड पकड़ने के लिए कसमसा रहीं थी। मेरी नन्द रजिया ने तो अपना हाथ बढ़ा दिया अपने चचा जान के लण्ड की तरफ और हसीना अपने खालू ससुर का लण्ड पकड़ कर मुंह में लेना चाहती थी।
यहाँ किसी का भी मियां नहीं था। सबके लिए पराये मरद ही थे जो की एक अच्छी बात थी हम सबके लिए क्योंकि हम सब भोसड़ी वाली ग़ैर मरद से चुदवाने वाली बीवियां हैं।
सबसे पहले मेरी नन्द ने अपने चचा जान का लौड़ा निकाल कर सबको दिखाया। मैं भी लण्ड देख कर मस्त हो गई।
वह मुझसे बोली - मेरी बुर चोदी ताहिरा अम्मी देख लो मेरे कुनबे में इतने ही बड़े बड़े लण्ड हैं। जिसकी बुर में घुसते हैं उसकी माँ चुद जाती है।
मैंने भी मजाक में कहा - अच्छा तो ये लण्ड घुसेगा तेरी बुर में और चुदेगी मेरी बुर ? यह सब मेरे दूसरे रिश्ते की वजह से हो रहा था।
इसी बात पर सब लोग हंस पड़े।
सास ने तब तक वाहिद का लौड़ा निकाल लिया और उसे चूमने लगी।
वह बोली - हाय अल्लाह बड़ा मस्त लौड़ा है बहू तेरे भाई जान का ? इसने तो तेरी बुर चोदी होगी बहू रानी।
वह बोली - हां सासू जी चोदी है मेरी बुर। लेकिन आज ये मेरी सास का भोसड़ा चोदेगा।
हसीना ने अपने खालू ससुर का लौड़ा पकड़ कर हिलाया तो वह तन कर खड़ा हो गया। हसीना उसे चूमने चाटने
लगी. मैंने भी नन्द के ससुर का लौड़ा निकाल कर उसे नंगा कर दिया और लण्ड की कई बार चुम्मियाँ लीं। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगी हो गयी। मुझे देख कर मेरी सास नन्द और हसीना भी नंगी हो गई। हम चारों लण्ड चाटने में जुट गई। हमारी चूँचियाँ, चूत, गांड सब खुलीं हुई थीं जिसका मज़ा चारों मरद ले रहे थे। मेरी बुर नन्द का चचा चाटने लगा, सास का भोसड़ा खालू चाटने लगा, नन्द की बुर हसीना का भाई चाटने लगा और हसीना की बुर नन्द का ससुर चाटने लगा। कितना बढ़िया माहौल बन गया था की मैं किसी और का लण्ड चाट रही थी और मेरी बुर कोई चाट रहा था। इतने में नन्द के ससुर को ताव आ गया। उसने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और धकाधक चोदने लगा। मैं तो चाहती ही थी चुदवाना। मैं भी धक्के पे धक्का लगाने लगी। हर धक्के के जबाब देने लगी। मुझे देख कर नन्द का चचा नन्द की बुर चोदना शुर कर दिया। जब उसकी बुर चुद रही थी तो वह बोली - हाय मेरे चचा जान तुम इसी तरह अपनी बेटी की बुर भी चोदते हो क्या।
वह बोला - हां बिलकुल रात को जब कोई मेरा लण्ड पकड़ लेता है तो मैं उसे चोदता जरूर हूँ। मेरी बेटी कभी कभी मेरा लण्ड पकड़ लेती है तो फिर मैं उसे चोद लेता हूँ। उधर मेरी सास अपना भोसड़ा अपनी बहू के भाई से चुदवाने लगीं और हसीना अपने खालू ससुर का लौड़ा पेले के लिए एक रंडी की तरह चुदवाने लगी। हम चारों की बुर एक साथ चुदने लगी। इतने में अचानक मेरा ससुर जो मेरा अब शौहर हो गया है वो आ गया और हम सबकी बुर चुदती हुई देख कर नंगा हो गया। वह अपना लण्ड हिलाने लगा पर किसी ने उसका लौड़ा नहीं पकड़ा। वह बस हमारे सामने बैठा हुआ अपना लौड़ा सहलाता ही रहा। मजे की बात देखिए की उसके सामने उसकी बीवी चुद रही थी, उसकी बेटी चुद रही थी, उसकी बहू चुद रही थी पर उसका लण्ड पकड़ने वाला कोई नहीं था। इसकी वजह थी की सब लोग उससे नाराज़ थे। उसने मुझे धोखा दिया अपने बेटे को धोखा दिया। अपने बेटे की बीवी को अपनी बीवी बना लिया। किसलिए ? बस उसकी बुर चोदने के लिए। मैंने मन में कहा अरे भोसड़ी वाले तू मुझे अगर बीवी नहीं बनाता तो भी मैं तुझसे चुदवाती रहती ? मुझे तेरा लण्ड पसंद है पर तूने मुझे अपनी बीवी बनाकर अच्छा नहीं किया ?
मैंने कहा - अब्बास मियां अब तुम बैठे बैठे अपने झांटें उखाड़ो। मैं तेरी बीवी बन गयी हूँ न ? मैं तेरे सामने ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। हर रोज़ चुदवाऊंगी। तेरी झांटें सुलगतीं हैं तो सुलगें। मेरे लौड़े से ? मैं न तेरी परवाह करती हूँ और न तेरे लण्ड की। तेरे लण्ड की बहन का भोसड़ा ? तेरे लण्ड की बिटिया की बुर ?
मैंने उसे खूब खरी खोटी सुनाई और उसके सामने सबके झड़ते हुए लण्ड पिया और सबके लण्ड खूब मस्ती से चाटे। उसे दूसरे दिन उसे एहसास हुआ की उसने गलती की। उसने फिर सबके सामने मुझे तलाक दिया और तब मैंने अपने शौहर हनीफ से दुबारा निकाह किया। मैं उसकी बीवी फिर बन गयी , उसकी नई बीवी हसीना मेरी बहन बनकर मेरे साथ रहने लगी। हां एक बात बता दूँ दोस्तों की मैंने अपने ससुर से यानी अब्बास से चुदवाना नहीं छोड़ा। मुझे उसका लौड़ा पसंद है और मैं आज भी उससे चुदवाती हूँ।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: अपने ससुर के लंड से अपनी चूत को चुदवाया - Sasur ka land aur bahu ki chut chudai , ससुर ने चोदा , ससुर ने करी बहु की चुदाई , ससुर और बहु का सेक्स पोर्न किस्सा , ससुर के लंड की दीवानी , बहु की चूत का आशिक ससुर.
मैंने कहा तुम करो न जो कुछ करना चाहते हो मैं मना नहीं कर रही हूँ बल्कि खुश हूँ की तुम किसी को खुश कर रहे हो। मैं तो बैठ कर एन्जॉय करूंगी। मैंने सच उसकी चुदाई का भर पूर एन्जॉय किया।
एक दिन जब वह घर आया तो मैं किसी और मरद से चुदवा रही थी। उसका लण्ड मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैं उसी का मज़ा ले रही थी। मेरा शौहर मेरे सामने बैठ गया। उसने मेरी पूरी चुदाई देखी पर फिर जाने क्या हुआ उसके मन में चुदाई के बाद उसने मुझे तलाक दे दिया। बोला तलाक तलाक तलाक ? अब मैं सड़क पर आ गयी। मैं फ़ौरन घर के बाहर कर दी गयी। मैं बड़ी आहत थी दुखी थी और सोंचने लगी की मरद भी बहन चोद कैसे कैसे होतें हैं। जब वह किसी और की बीवी चोद रहा था तो मैंने कुछ नहीं कहा और जब मैं किसी और से चुदवा रही थी तो उसने मुझे तलाक दे दिया। ये तो जायज़ फैसला नहीं है। इसमें मेरी कोई गलती भी नहीं है । ख़ैर मैं अपने माईके चली गयी।
- दो दिन बाद उसने मुझे बुलाया और कहा बेगम मैं उस दिन अच्छे मूड में नहीं था। मुझे तलाक नहीं देना चाहिए था। मुझसे गलती हो गयी। तुम घर लौट आओ। मैं तुम्हे फिर से बीवी बनाकर रख लूंगा।
- मैंने कहा - पर ये तो हो नहीं सकता ? मज़हब इसकी इज़ाज़त नहीं देता। मुझे तो किसी से हलाला करवाना पड़ेगा। और वो जब मुझे तलाक देगा तो मैं तुम्हारे पास आ सकती हूँ।
- तो फिर करवा लो किसी से हलाला और लौट आओ।
- मैं सोंच रही हूँ किससे करवाऊँ ?
- किसी मौलाना से करवा लो ?
- ये तो रिस्की होगा ? पता नहीं वह कब मुझे तलाक देगा ? न देगा तो मैं फंस जाऊंगी।
- तो फिर तुम मेरे अब्बू जान से हलाला करवा लो। घर की बात घर में ही रहेगी।
- अच्छा सोंचती हूँ कल बताऊंगी।
मेरी सास हैं नादिरा और ससुर अब्बास मियां।
मेरा ससुर कमरे में आया। वह बहुत ही खुश नज़र आ रहा था। उसने मेरा घूँघट उठाया और मेरी खूबसूरती की तारीफ की। धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारना शुरू किया और मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैं भी नंगी होती गयी। कुछ ही देर में मैं पूरी नंगी हो गई। मेरी चूँचियाँ मेरी गांड मेरी चूत सब कुछ नंगा हो गया। वह मुझे नंगी देख कर पागल सा हो गया और तब मैंने भी उसके कपड़े कर उसे नंगा कर दिया। उसका लौड़ा जब मेरे हाथ में आया तो मैंने खुदा का शुक्रिया अदा किया। बिना झांट का लौड़ा साला वास्तव में बड़ा हक्कानी था। लंबा भी था और मोटा भी। बिलकुल मेरे मन के मुताबिक था उसका लण्ड। मैं लण्ड से नंगी नंगी खेलने लगी और वह भी मेरे नंगे बदन का मज़ा लेने लगा। मेरी चूत भी मजे से चाटी उसने। मुझे भी अच्छा लगा। मैं उसे पूरा साथ दे रही थी ताकि वह मुझे कल तलाक दे दे और मैंअपने शौहर के पास लौट जाऊं।
थोड़ी देर में उसने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में और मैं उई माँ कह कर रह गई। मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसने चोद चोद कर मेरी बुर ढीली कर दी। मैं जान गयी की इसका लौड़ा बड़ा ताकतवर है। मैंने झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो सच में ज़न्नत का मज़ा आया। मैंने ठान लिया की मैं अपने शौहर के पास वापस जाने के बाद भी इससे चुदवाती रहूंगी। इस तरह उनसे मुझे रात में तीन बार चोदा। दूसरे दिन उसने तलाक देने पर कोई बात नहीं की। मैं उम्मीद कर रही थी की वह दे देगा और मैं फिर से शौहर से निकाह कर लूंगी। पर वह चुप रहा। दूसरे दिन भी रात में उसने मुझे चोदा और अच्छी तरह चोदा। इस तरह ३/४ दिन हो गए तो एक दिन पूंछने पर वह बोला बेटा हनीफ (मेरे शौहर का नाम ) अब तुम किसी और से शादी कर लो मैं इसे तलाक नहीं दूंगा बल्कि इसे अपनी बेगम ही बनाकर रखूंगा। ये मेरी दूसरी शादी समझ लो।
मैं तो यह सुनकर हैरान हो गई। उसके इस फैसले से मैं अपनी सास की सौतन बन गई। अपने शौहर कीअम्मी जान हो गयी। मेरी नन्द मेरी बेटी हो गई। मैं २/३ दिन तक बड़ी पशोपेश में रही और जब मेरे शौहर ने दूसरी शादी कर ली तो मुझे थोड़ा तसल्ली हुई। मैंने यह भी ठान लिया शादी कोई किसी से भी करे लेकिन मेरा जिससे मन होगा उससे चुदवा जरूर लूंगी। अपने ससुर को तो मैं एक अच्छा सबक सिखाऊंगी । अपनी उंगलियों पर इसे नचाऊँगी और इस भोसड़ा वाले के सामने ही ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। जहाँ तक मेरे पहले शौहर का सवाल है मैं उसके लिए बीवी अभी भी बनी रहूंगी। रिश्ते में भले ही हम माँ बेटा हो गए हैं पर चुदाई में हम मियाँ बीवी ही बने रहेगें। दो दिन बाद मेरी नन्द अपनी ससुराल से आ गयी। उस यहाँ की पूरी कहानी मालूम हो गयी। उसे पता चला की मेरे अब्बू ने मेरी भाभी को ही अपनी बेगम बना लिया है।
वह बोली - अरे भाभी जान मेरा अब्बा भोसड़ी का बड़ा हरामी चीज है। इसे तो बस चूत चाहिए चूत। ये तो साला लड़कियां खूब चोदता है। इसने मेरी सभी सहेलियों की बुर ली है भाभी जान। कुछ सहेलियों की तो माँ भी चोदी है इसने। अब तो ये लोगों की बीवियां चोदता है। पहले मियां बीवी का झगड़ा करवाता है फिर सुलह करवाकर उनका हलाला करता है। इसे तलाकशुदा बीवियां चोदना बड़ा अच्छा लगता है। मैंने पूंछा भी इसका नन्द रानी। वह बोली - हां पकड़ा है और चुदवाया भी है। यही तो एक अच्छी बात है की इसे खुदा ने बहुत बढ़िया लौड़ा दिया है। इसी लौड़े के बल पर ये लड़कियों को फंसाता है, अपने दोस्तों की बेटियां फंसाता है और उन्हें चोदता है। लड़कियां भी इसके लण्ड पर मर मिटती हैं। जो एक बार चुदवाती है वह बार बार चुदवाने आती है। मैं भी इसी तरह फंस गयी थी।
फिर मैं अपनी नन्द से कुछ और बात करने लगी। इतने में मेरी सास भी आ गयी जिसकी मैं सौतन बन चुकी हूँ । उसे सब मालूम था। वह बोली ताहिरा तुम बिलकुल दुखी मत होना। ये भोसड़ी का अब्बास हमारा कुछ नहीं उखाड़ पायेगा। इसकी बहन का भोसड़ा ? अब हम दोनों मिलकर इसके लण्ड की माँ चोदेंगीं। इसे अपने लण्ड पर बड़ा अहम् है। मैं इसका अहम् चकना चूर कर दूँगी। इसी के सामने ग़ैरों से चुदवाऊंगी और इसके लण्ड को घास भी नहीं डालूंगी।
मैंने मजाक में कहा - तू बुर चोदी मेरी नन्द भी है और मेरी बेटी भी। अब मैं नन्द की बुर भी चोदूँगी और बेटी की चूत भी।
वह बोली - मैं भी भाभी की बुर चोदूँगी और माँ का भोसड़ा भी। तू बुर चोदी मेरी भाभी भी है और मेरी अम्मी भी। उधर मेरा शौहर हनीफ अपनी दूसरी बीवी ले आया। उसका नाम था हसीना बेगम। वह भी बड़ी खूबसूरत थी और अच्छे नाक नक्श वाली थी। वह थी तो मेरी उम्र की पर रिश्ते में वह मेरी बहू हुई और मैं उसकी सास। मैंने उससे दोस्ती बना ली और फिर उसने अपने सारे राज़ मेरे सामने उगल दिया। वह भी मेरी ही तरह चुदाई की बड़ी शौक़ीन निकले। उसे भी लण्ड से बेहद मोहब्बत है। वह पराये मर्दों से चुदवाने में तेज है। बोल्ड है और गालियां बकने में किसी से कम नहीं है। कहीं भी किसी की भी माँ बहन खुले आम चोद देती है।
रात में हम सब एक बिस्तर पर लेट गईं। मैं ताहिरा, मेरी सास नादिरा जो मेरे शौहर की पहली बीवी है, मेरी नन्द जो अब मेरी बेटी है रजिया, और हसीना मेरे पहले शौहर की दूसरी बीवी। हम सब खूब मस्ती से बातें करने लगीं और खुल कर करने लगीं। हम सब मर्दों के साथ ही सोतीं हैं। अभी मर्द आते ही होंगें। हम उनके आने का इंतज़ार करने लगीं। कुछ देर में मेरा चाचियां ससुर यासीर आ गया. मेरा खाला ससुर वाली आ गया। हालांकि अब ये दोनों मेरे जेठ और देवर बन गएँ हैं । मेरी नन्द का ससुर अमजद भी आ गया जो मेरा समधी बन गया है। हसीना का भाई जान वाहिद भी आ गया जो रिश्ते में मेरी बहू का भाई है। ये सब लोग हमारे साथ ही सोयेंगें। औरत और मरद जब साथ साथ सोते हैं तो चुदाई होनी ही होनी है। उसे कोई रोक नहीं सकता। उधर लण्ड साला अपंने आप खड़ा हो जाता है और इधर चूत बुर चोदी कुलबुलाने लगती है।
मेरी नज़र नन्द के ससुर पर थी। मैं उसका लौड़ा सबसे पहले देखना चाहती थी। मेरी सास हसीना के भाई जान का लण्ड पकड़ने के लिए कसमसा रहीं थी। मेरी नन्द रजिया ने तो अपना हाथ बढ़ा दिया अपने चचा जान के लण्ड की तरफ और हसीना अपने खालू ससुर का लण्ड पकड़ कर मुंह में लेना चाहती थी।
यहाँ किसी का भी मियां नहीं था। सबके लिए पराये मरद ही थे जो की एक अच्छी बात थी हम सबके लिए क्योंकि हम सब भोसड़ी वाली ग़ैर मरद से चुदवाने वाली बीवियां हैं।
सबसे पहले मेरी नन्द ने अपने चचा जान का लौड़ा निकाल कर सबको दिखाया। मैं भी लण्ड देख कर मस्त हो गई।
वह मुझसे बोली - मेरी बुर चोदी ताहिरा अम्मी देख लो मेरे कुनबे में इतने ही बड़े बड़े लण्ड हैं। जिसकी बुर में घुसते हैं उसकी माँ चुद जाती है।
मैंने भी मजाक में कहा - अच्छा तो ये लण्ड घुसेगा तेरी बुर में और चुदेगी मेरी बुर ? यह सब मेरे दूसरे रिश्ते की वजह से हो रहा था।
इसी बात पर सब लोग हंस पड़े।
सास ने तब तक वाहिद का लौड़ा निकाल लिया और उसे चूमने लगी।
वह बोली - हाय अल्लाह बड़ा मस्त लौड़ा है बहू तेरे भाई जान का ? इसने तो तेरी बुर चोदी होगी बहू रानी।
वह बोली - हां सासू जी चोदी है मेरी बुर। लेकिन आज ये मेरी सास का भोसड़ा चोदेगा।
हसीना ने अपने खालू ससुर का लौड़ा पकड़ कर हिलाया तो वह तन कर खड़ा हो गया। हसीना उसे चूमने चाटने
वह बोला - हां बिलकुल रात को जब कोई मेरा लण्ड पकड़ लेता है तो मैं उसे चोदता जरूर हूँ। मेरी बेटी कभी कभी मेरा लण्ड पकड़ लेती है तो फिर मैं उसे चोद लेता हूँ। उधर मेरी सास अपना भोसड़ा अपनी बहू के भाई से चुदवाने लगीं और हसीना अपने खालू ससुर का लौड़ा पेले के लिए एक रंडी की तरह चुदवाने लगी। हम चारों की बुर एक साथ चुदने लगी। इतने में अचानक मेरा ससुर जो मेरा अब शौहर हो गया है वो आ गया और हम सबकी बुर चुदती हुई देख कर नंगा हो गया। वह अपना लण्ड हिलाने लगा पर किसी ने उसका लौड़ा नहीं पकड़ा। वह बस हमारे सामने बैठा हुआ अपना लौड़ा सहलाता ही रहा। मजे की बात देखिए की उसके सामने उसकी बीवी चुद रही थी, उसकी बेटी चुद रही थी, उसकी बहू चुद रही थी पर उसका लण्ड पकड़ने वाला कोई नहीं था। इसकी वजह थी की सब लोग उससे नाराज़ थे। उसने मुझे धोखा दिया अपने बेटे को धोखा दिया। अपने बेटे की बीवी को अपनी बीवी बना लिया। किसलिए ? बस उसकी बुर चोदने के लिए। मैंने मन में कहा अरे भोसड़ी वाले तू मुझे अगर बीवी नहीं बनाता तो भी मैं तुझसे चुदवाती रहती ? मुझे तेरा लण्ड पसंद है पर तूने मुझे अपनी बीवी बनाकर अच्छा नहीं किया ?
मैंने कहा - अब्बास मियां अब तुम बैठे बैठे अपने झांटें उखाड़ो। मैं तेरी बीवी बन गयी हूँ न ? मैं तेरे सामने ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। हर रोज़ चुदवाऊंगी। तेरी झांटें सुलगतीं हैं तो सुलगें। मेरे लौड़े से ? मैं न तेरी परवाह करती हूँ और न तेरे लण्ड की। तेरे लण्ड की बहन का भोसड़ा ? तेरे लण्ड की बिटिया की बुर ?
मैंने उसे खूब खरी खोटी सुनाई और उसके सामने सबके झड़ते हुए लण्ड पिया और सबके लण्ड खूब मस्ती से चाटे। उसे दूसरे दिन उसे एहसास हुआ की उसने गलती की। उसने फिर सबके सामने मुझे तलाक दिया और तब मैंने अपने शौहर हनीफ से दुबारा निकाह किया। मैं उसकी बीवी फिर बन गयी , उसकी नई बीवी हसीना मेरी बहन बनकर मेरे साथ रहने लगी। हां एक बात बता दूँ दोस्तों की मैंने अपने ससुर से यानी अब्बास से चुदवाना नहीं छोड़ा। मुझे उसका लौड़ा पसंद है और मैं आज भी उससे चुदवाती हूँ।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: अपने ससुर के लंड से अपनी चूत को चुदवाया - Sasur ka land aur bahu ki chut chudai , ससुर ने चोदा , ससुर ने करी बहु की चुदाई , ससुर और बहु का सेक्स पोर्न किस्सा , ससुर के लंड की दीवानी , बहु की चूत का आशिक ससुर.
Click on Search Button to search more posts.
आपको ये भी पसंद आएंगें
- muslim sex story hindi - मुस्लिम समाज में चुदाई का मज़ा Muslim samaaj me chudai ka majaa nirala
- 16 साल की बहन की चुदाई की कहानी - भाई ने दीदी को चोदा - Bahan ki chudai bhai ne didi ko choda
- माँ बेटे की चुदाई की कहानी - मम्मी को चोदा - Maa bete ki chudai ki hindi kahani
- गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
- गाली दे दे के चाटो लण्ड - Gali dekar lund chatne ka majaa
- छोटी उम्र की नादान लड़की की चुदाई - 14 saal ki kunwari ladki ki chudai - Chhoti umar ka sex
- बेटी बाप से चुदवाती है माँ बेटे से - Beti ko Baap ne choda aur Maa ki gand bete ne Mari
- बेटा माँ बहन बीवी बेटी सब चोदो - Hindi Sex story
- घर की बीवियां घर के लण्ड - Parivarik chudai ki kahaniyan
- माँ की चूत बुआ की गांड एक साथ चोदी - Maa ka bhosda aur buaa ki gand ka shubh muhurat