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19 साल की उम्र से माँ चुदा रही हूँ - Group sex stories in hindi
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एक बार तीन लड़कियां बैठी हुई आपस में बातें कर रहीं थीं। बातें बड़ी मजे दार और मसालेदार हो रहीं थीं। ये तीनो थी सबा, हिबा और हिना। तीनो की उम्र 19 से 21 साल की थी। तीन की तीनों बेहद खूबसूरत और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थीं। तीन मस्त जवान लड़कियां एक जगह बैठीं हो और चुदाई की बातें न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। इसलिए ये तीनो भी खूब मस्ती से चुदाई की बातें और लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें धकाधक कर रहीं थीं साथ ही साथ मादर चोद बहन चोद भी चल रहा था। भोसड़ी वाली, बुर चोदी, तेरी माँ की चूत, तेरी बहन की बुर सब कुछ होने लगा था और ये सब आपस में एक दूसरे की प्यार से गालियां दे दे कर मज़ा कर रहीं थीं । एक दूसरे के गाल नोच रहीं थी और चूँचियाँ भी दबा रहीं थीं। ऊपर से चूत सहला रहीं थीं।
तभी अचानक मैंने पूंछ लिया - यार सबा, क्या तूने कभी अपनी माँ चुदवाई है ? और अगर चुदवाई है तो कब चुदवाई ?
वह हंस कर बोली - हां बिलकुल चुदवाई है अपनी माँ और आज भी चुदवाती हूँ ? चुदवाती ही नहीं बल्कि चोदती भी हूँ।
मैंने फिर पूंछा - तू कबसे अपनी माँ चुदवा रही है और कैसे अपनी माँ चुदाना शुरू किया ?
उसने बड़े प्रेम से बताया - यार उन दिनों मैं 17 साल की थी हालांकि मैं पूरी तरह जवान हो चुकी थी पर कानूनी तौर पर जवान घोषित नहीं हुई थी तो कुनबे के लोग मुझसे बच बच कर चुदाई करते थे और चुदाई की बातें करते थे। एक रात को करीब 11 बजे मेरी छोटी खाला जान मेरे पास आई और बोली सबा चल तुझे एक तमाशा दिखाती हूँ। मैं उसके साथ चल पड़ी। वह मुझे ऊपर ले गयी और वहां से नीचे कमरे का नाज़ारा देखने का एक बड़ा सा छेद था। इसकी जानकारी मुझे बिलकुल नहीं थी। खाला बोली अब तू इससे अंदर नज़ारा देख और मुझे बता की अंदर क्या हो रहा है ? और हां खुल कर बताना। शर्माना नहीं, नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैंने कहा हां खाला जान मैं खुल कर ही बताउंगी। मैंने अंदर झाँक कर देखा तो हैरान हो गयी। मुझे इस तरह का नज़ारा आज पहली बार देखने को मिल रहा था। मैंने देखा की मेरी चची जान मेरे अब्बू का लण्ड हिला रहीं हैं। चची जान बिलकुल नंगी थी उसकी चूत, चूँची, चूतड़ सब साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहा था और अब्बू भी बहन चोद एकदम नंगा था। उसका लौड़ा एकदम खड़ा होकर टन्ना रहा था।
मेरी तो लण्ड देख कर गांड फटने लगी। मैंने कहा खाला जान इतना बड़ा लण्ड ? लण्ड बाप रे इतना बड़ा होता है क्या ? वह बोली अरे बेटी लण्ड इससे भी बड़े बड़े होतें हैं पर तेरे अब्बू का लण्ड सच में बहुत बड़ा है और इसे सब पसंद करतीं हैं। मैंने पूंछा तो क्या सबने मेरे अब्बू का लण्ड देखा है ? वह बोली देखा ही नहीं अंदर डाल कर चुदवाया भी है ? तेरा अब्बू सबकी बुर चोदता है। तब तक मैंने देखा की मेरी अम्मी जान भी नंगी नंगी चचा जान का लौड़ा हिला रही हैं। मैं जान गयी की अम्मी चचा जान से चुदवायेगी और चची जान अब्बू जान से। मैं थोड़ी देर तक देखती रही और फिर वही हुआ जो मैं कह रही थी। अब्बू चची का भोसड़ा चोदने लगा और चचा अम्मी का भोसड़ा। मैं दोनों का भोसड़ा चुदता हुआ देखने लगी। मेरे पूरे बदन में आग लग चुकी थी। चूत का तो बड़ा बुरा हाल था। मेरा मन हुआ की मैं अम्मी के हाथ से लण्ड छीन कर अपनी चूत में घुसा लूँ। खाला की भी चूत एकदम आग की तरह जल रही थी।
तब खाला ने कहा अब चलो तुम्हे कुछ और दिखाती हूँ। वह मुझे दूसरी जगह ले गयी। वहां मैंने देखा की मेरा भाई जान फूफी की बुर में लौड़ा पेले हुए है। लौड़ा मुझे पूरा दिखाई नहीं पड़ रहा था। पर मैं कोशिश करती रही। फिर जब भाभी जान ने लण्ड पूरा बाहर निकाला और उसे फूफी के मुंह में घुसेड़ दिया तब मैंने पूरा लौड़ा देखा। मैंने कहा हाय अल्लाह इसका भी लौड़ा अब्बू के लौड़े की ही तरह है खाला जान ? वह बोली हां बेटी इस कुनबे में कोई ऐसी चूत नहीं है जिसे तेरा भाई जान चोदता न हो ? मैंने पूंछा तो क्या भाई जान मेरी अम्मी की भी चूत चोदता है ? वह बोली हां बिलकुल चोदता है। तेरी अम्मी ही कहती हैं की बेटा जब जवान हो जाता है तो वह मर्द बन जाता है। और मर्द तो किसी की भी बुर चोद सकता है फिर चाहे वह अपनी ही माँ की बुर क्यों न हो ? मैंने कहा - तो क्या वह मेरी भी बुर चोदेगा ? वह बोली हां हां बिलकुल चोदेगा। जब तुम जवान हो जाओगी तब वह तेरी भी बुर चोदेगा। यह सुन कर मेरी आग और भड़क गयी। मैंने पूंछा तो क्या जवान होने पर कोई किसी को भी चोद सकता है ? कोई किसी से भी चुदवा सकती है।
वह बोली - हां बेटी सबा हां यही तो मैं तुझे बताने आयी हूँ। यही तो हमारे समाज की खूबी है। फिर वह मुस्कराते हुए बोली देख भोसड़ी की सबा दो दिन बाद तेरा बर्थ डे आने वाला है और तब तू 18 साल की हो जाएगी। पूरी जवान हो जाएगी तू । मैं तुझे सबके सामने लण्ड पकड़ाऊंगी और तुझे बड़ी बेशर्मी और मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ना पड़ेगा। फिर तू हम सबके साथ रात में सोयेगी और तू भी वही करेगी जो सब करतीं हैं। अब तुझे लण्ड का पूरा मज़ा मिलेगा सबके लण्ड का मज़ा मिलेगा। तेरी बुर चुदेगी और चुदेगा तेरी माँ की बुर भी। और सुन - तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं तब तक बहुत गरम हो चुकी थी। मैंने भी कहा - तेरी बहन की बेटी की चूत, खाला जान ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहन के मियां का लण्ड ? खाला को यकीन हो गया की अब जो मैं कहूँगी वह सबा करेगी।
जब मेरा बर्थ डे आया तो उसे दिन में बड़े धूम धाम से मनाया गया। रात को मुझे सबके साथ रखा गया। वहां अम्मी थीं, खाला और उसकी बेटी रिया भी थी। खाला की चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। रिया अभी अपनी चूँचियाँ खोल कर बैठी थी। रिया का मियां भी था। इतने में मेरा चचा जान आ गया, फिर फूफी का बेटा रज़ा आ गया और मेरा फूफा भी आ गया। मर्द सारे नंगे बदन थे। कोई लुंगी पहने था कोई पजामा। चाचा बोला अच्छा हां आज तो सबा जवान हो गयी है। खाला ने हंस कर कहा हां अपनी माँ चुदाने वाली हो गई है। रिया बोली अब तो ये खूब जम कर लूटेगी जवानी का मज़ा। अचानक खाला ने अपना हाथ चचा जान के पजामा में घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर उसका लण्ड सहलाने लगी। उधर अम्मी ने अपना हाथ फूफी के बेटे रज़ा के पजामा में घुसेड़ दिया । वह भी रज़ा का लण्ड हिलाने लगी। रिया फूफा की लुंगी खोल डाली तो उसका लौड़ा सबके सामने आ गया। मैं लौड़ा देख कर मस्त हो गयी और उसे थोड़ी देर तक देखती रही। तब तक खाला ने चचा जान का लण्ड मेरे हाथ में रख दिया और बोली ले भोसड़ी की सबा अब ये लण्ड मैं तेरे हवाले करती हूँ। तू जो चाहे कर इसका ? मैंने भी लण्ड बड़ी बेशर्मी से पकड़ लिया और उसे चूमने लगी।
अम्मी रज़ा को नंगा करके उसका लौड़ा चाटने लगीं, खाला जान रिया के मियां समी का लण्ड पीने लगी, और खाला की बेटी फूफा का लण्ड पुचकारने लगी। खाला ने चचा से कहा देखो यार सबा आज से सबके लण्ड लेने की हक़दार हो गयी है। आज से इसकी नई ज़िन्दगी शुरू हो रही है। आज तो तुम्हे इसकी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। रिया बोली मज़ा तो सबको आएगा इसकी बुर चोदने में। इसकी तो अभी अभी नई ताज़ी बुर है । इतने सुनते ही चचा जान ने लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया। रिया ने मुझे नंगी कर दिया और तब चचा मेरी चूत और चूचियां सहलाने लगा। फिर मैंने देखा की सभी बिलकुल नंगी हो चुकी हैं और सब मरद भी नंगे हो गएँ हैं। मुझे पहली बार चार चार नंगे लण्ड देखने में बड़ा मज़ा आने लगा। अम्मी बड़े प्यार से नंगी नंगी रज़ा का लण्ड चूसने में जुटीं थीं। मैंने छुप छुप कर अम्मी को पराये मरद का लण्ड चूसते हुए देखा पर आज मैं पहली बार अपने सामने उसे लण्ड पीते हुए देख रही हूँ। इससे मैं और बहन चोद बेशर्म हो गयी।
मेरे मन में एक सवाल आया तो मैंने पूंछा - चचा जान , तुमने कभी मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदा है ?
उसने कहा - हां चोदा है और कई बार चोदा है। आज मैं तेरे सामने तेरी अम्मी का भोसड़ा चोदूंगा।
मैं मस्ती में थी। मैंने कहा - आज मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी चचा जान ?
मेरी बात पर सबने खूब तालियां बजाईं।
खाला बोली - हां बेटी सबा आज तू सच में जवान हो गयी है बस थोड़ा काम बाकी है वह भी कर ले ?
तब तक अम्मी ने रज़ा का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलवा लिया था। अब अगर कोई औरत अपने बेटे की उम्र के लड़के से चुदवाये तो उसे मज़ा तो आएगा ही। अम्मी जान वही मज़ा लूटने लगीं। खाला जान तो अपनी बेटी के मियां से ही चुदवाने लगीं थीं। थोड़ी देर तक सबकी चुदाई इसी तरह होती रही। अचानक खाला ने समी का लण्ड मुझे पकड़ाते हुए कहा - ले बुर चोदी सबा अब तू ये लण्ड पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? उधर खाला ने अम्मी की चूत से रज़ा का निकाल लिया और उसे हिलाने लगीं। मैंने भी फटाफट लण्ड अम्मी के भोसड़ा पर टिकाया और दूसरे हाथ से समी के चूतड़ों को बड़ा दिया तो लण्ड अंदर तक घुस गया। सबने तालियां बजाईं और कहा सबा बेटी तेरा माँ चुदाना मुबारक हो ? अब तू सच में एक मस्त बिंदास जवान औरत बन गयी है. तेरी माँ की चूत और माँ की बिटिया की बुर ? उसी रात को मैंने एक एक करके तीन लण्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में और बन गयी माँ चुदाने वाली हरामजादी लड़की।
एक बात है यार की मज़ा खूब आया माँ चुदाने और बेशरम होकर सबके सामने सारे मर्दों से चुदवाने में। मैं सच में आजकल जवानी का मज़ा खूब लूट रही हूँ।
हिना ने भी अपनी माँ चुदाने की कहानी सुनाई।
वह बोली :- मैं जब 17 साल की हुई तो देखा की अम्मी जान अब मुझसे खूब हंसी मजाक करने लगी है। खाला जान फूफी जान भी मुझसे लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें करने लगीं हैं। एक दिन तो फूफी ने कहा बेटी हिना ज़रा कैंची लेकर आना। मैं जब उसके पास कैंची लेकर गयी तो उसने अपनी सलवार खोल कर मुझसे कहा बेटी ज़रा मेरी झांटें ट्रिम कर दे। मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली अरी शरमाती क्यों हैं। अभी कुछ दिन बाद तू बड़े बड़े लण्ड पेलेगी अपनी चूत में सबके सामने। उधर से खाला बोली अपनी ही चूत में क्यों ये तो अपनी माँ की चूत मे भी पेलेगी लण्ड। तभी तो आएगा इसे जवानी का असली मज़ा। ख़ैर मैं झिझकती हुई उसकी झांटें काटने लगी। एक दिन मैंने अम्मी को किसी से फोन पर बातें करते हुए सुना।
वह कह रही थी ----- अरी भोसड़ी की रहीमा कितने लण्ड खाता है तेरा मादर चोद भोसड़ा ,,,,,,,,,,,,,,,? हां हां मैं जानती हूँ। अगर माँ चुदवाती है तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,, अच्छा, तो उसका बेटा अब जवान हो गया है ,,,,,,,,,,,,,,क्या उसका लौड़ा 9" का है ,,,,,,,,,,,,, ? हाय दईया किसी दिन मेरे भोसड़ा में भी घुसा दे उसका लण्ड ,,,,,,,,,,, तेरे बेटे का लण्ड भी मोटा है यार ,,,,,,,,,,,,,,,,, क्या कहा कल से उसकी बेटी ने अपनी माँ चुदाना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां यार मेरी बेटी को अभी दो महीना बाकी है माँ चुदाने में ,,,,,,,,,,,हाय अल्लाह तो फड़वाने दो न उसे अपनी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,,,,,,, उसकी तो झांटें मैं उखाडूँगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां हां ठीक है तेरा बेटा भी मेरी बेटी चोद लेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, थोड़ा सब्र करो।
मजे की बात यह थी की मैं अम्मी के सामने ही खड़ी थी और अम्मी बड़ी बेशर्मी से उससे बातें कर रहीं थीं। मैं हटी नहीं और सब सुनती रही। अम्मी मेरे गाल थपथपाये और बोली तुझे भी कुछ दिन बाद अपनी माँ चुदानी है बेटी हिना ?
अगले दिन मैं फूफी जान के घर अचानक पहुँच गयी। फूफी ने मुझे रात में रोक लिया। उसकी बेटी भी थी। वह अपनी ससुराल से आयी थी। मैंने उसे खूब बातें की। वह अपनी सुहागरात की बाते बताने लगी और तब उसने बताया की मेरे मियां का लौड़ा बड़ा मोटा है. उसने गोवा में मेरी बुर अपने दोस्तों से चुदवाई और खुद मेरे आगे अपनी दोस्तों की बीवियां चोदीं। मुझे यह सुनकर बड़ा अच्छा लगा की आजकल लड़के शादी होते ही बीवियों की अदला बदली करके चोदने लगें हैं। रात में जब मैंने उनके घर की चुदाई देखी तो हैरान हो गयी। सबने यही समझा की मैं जवान हो गयी हूँ और तब सब मुझे अपना अपना लण्ड पकड़ाने लगे , मैंने भी कुछ बताया नहीं और सबके लण्ड पकड़ कर चूमने चटाने लगी। मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
जब मैं 18 की ही तो मेरे घर में इस बात का जश्न मनाया गया. रात में मुझे खाला जान ने अपने पास ही लिटा लिया और जब सब लोग इकठ्ठा हो गए तो एक एक करके सबके कपड़े उतरने लगे. मैं कभी किसी की बुर देखती तो कभी किसी का लण्ड। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैं सोंचने लगी की मैं इतनी देर से क्यों जवान हुई। मुझे तो पहले ही जवान हो जाना चाहिए था तो अब तक कई लण्ड का मज़ा ले चुकी होती। ख़ैर फिर मैं भी नंगी हो गयी। तब तक किसी ने लण्ड मेरे कंधे पर रख दिया। मैंने घूम कर देखा तो वह मेरी खाला का बेटा ही थी। वह 21 साल का था और उसका लौड़ा भी बड़ा प्यारा था। मैं उसके लण्ड से खेलने लगी। तब तक अम्मी जान भी नंगी हो चुकी थी और उसके हाथ में खालू का लौड़ा उछाल मार रहा था। खाला जान मेरे मामू जान का लौड़ा हिला रहीं थीं। अचानक खाला ने मुझे इशारा तो मैंने लण्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया। यानी खाला के बेटे का लण्ड मैंने अपनी माँ की चूत में पेल दिया। फिर क्या चुदने लगा मेरी माँ का भोसड़ा।
उसके बाद तो मेरी चूत में लण्ड अम्मी ने भी पेला, खाला ने भी पेला और उसकी बेटी ने भी घुसेड़ा लण्ड मेरी चूत में। तो ये थी मेरी माँ चुदाने की कहानी और अपनी बुर चुदवाने की भी कहानी।
मैं हिबा हूँ। सबने कहा की अब तुम सुनाओ अपनी माँ चुदाने की कहानी। मैंने कहा की मेरी भी कहानी कुछ कम रोचक नहीं है। मैं जब 17 साल की थी तो बहुत ही शरारती और शोख लड़की थी। बहुत ही चंचल और कूद फांद वाली लड़की थी। मैं बेशरम थी और खूब गन्दी गन्दी बातें करने की शौक़ीन थी। मैं कॉलेज के लड़कों को खूब चिढ़ाती थी और चिढ़ाते चिढ़ाते मैं कुछ लड़कों के लण्ड भी पकड़ने लगी थी । मेरे साथ मेरी एक सहेली सलमा। वह मुझे एक साल बड़ी थी और बड़ी हरामजादी थी। मुझे रोज़ ही चुदाई की कहानी सुनाया करती थी। अपने अब्बू जान के लण्ड की कहानी, अपने भाई जान के लण्ड की कहानी, खालू के लण्ड की, फूफा के लण्ड की और मामू जान के लण्ड की भी कहानी सुनाती थी । वह अपनी माँ की चूत, बहन की बुर, खाला का भोसड़ा की भी बातें करती थी। फूफी की बुर और उसकी बेटी की चूत की बातें भी बताती थी।
एक दिन एक लड़का मेरे घर आया। उस समय न अम्मी थी और न अब्बू। मैं घर में अकेली ही थी। लड़का बड़ा
हैंडसम था।
जब मैं 18 + की हुई तो मन ही मन बड़ी बेशर्म हो गयी थी । एक दिन रात को मैं उठी और अम्मी जान के कमरे में घुस गयी। अम्मी तो नहीं थी नहीं पर खाला थीं और फूफी भी। दोनों भोसड़ी वाली नंगी नंगी थीं। मजे की बात यह थीं की खाला फूफी के बेटे के लण्ड चाट रहीं थी और फूफी खाला के बेटे का लण्ड। दोनों एक दूसरे के बेटे से चुदवाने का प्लान बनाकर आयीं थीं शायद। जवानी में चुदाई की भूंख जाने क्या क्या करवा लेती है। चूत में जब आग लगी होती है तो फिर लण्ड किसी का हो अंदर पेलवा ही लेतीं हैं। मुझे देख कर खाला बोली - अरे हिबा तू बुर चोदी कहाँ बिना लण्ड के घूम रही है। अब तू जवान हो गई है। तेरे हाथ में तो लण्ड होना चाहिए। लण्ड नही होगा तो तू अपनी माँ के भोसड़ा में क्या पेलेगी मूसर ? रात में हर औरत के हाथ में लण्ड होता है बेटी। ले आ और पकड़ ले अपनी फूफी के बेटे का लण्ड। खाला ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं लण्ड पाकर मस्त हो गयी औअर तब तक खाला ने मुझे एकदम नंगी कर दिया।
इतने में मेरी अम्मी भी कमरे में नंगी नंगी अपने भाई जान का लण्ड पकडे पकड़े कमरे में आ गई। मुझे देख कर बोली हाय अल्लाह हिबा हां यार अब तो तू जवान हो गयी है तेरी माँ की चूत। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? मुझे आज याद नहीं रहा। चल आ जा और ले ले सबके लण्ड का मज़ा। तब तक फूफी जान उसका भोसड़ा सहलाने लगी। फूफी का लड़का खाला की बुर चाटने लगा। मामू जान मेरी चूत चाटने लगा। तब तक खाला ने इशारा किया तो मैंने खाला के बेटे का लण्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में और चुदाने लगी अपनी माँ की बुर। उधर फूफी ने अपने बेटे का लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया तो मैं भी चुदवाने लगी।
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मेरी तो लण्ड देख कर गांड फटने लगी। मैंने कहा खाला जान इतना बड़ा लण्ड ? लण्ड बाप रे इतना बड़ा होता है क्या ? वह बोली अरे बेटी लण्ड इससे भी बड़े बड़े होतें हैं पर तेरे अब्बू का लण्ड सच में बहुत बड़ा है और इसे सब पसंद करतीं हैं। मैंने पूंछा तो क्या सबने मेरे अब्बू का लण्ड देखा है ? वह बोली देखा ही नहीं अंदर डाल कर चुदवाया भी है ? तेरा अब्बू सबकी बुर चोदता है। तब तक मैंने देखा की मेरी अम्मी जान भी नंगी नंगी चचा जान का लौड़ा हिला रही हैं। मैं जान गयी की अम्मी चचा जान से चुदवायेगी और चची जान अब्बू जान से। मैं थोड़ी देर तक देखती रही और फिर वही हुआ जो मैं कह रही थी। अब्बू चची का भोसड़ा चोदने लगा और चचा अम्मी का भोसड़ा। मैं दोनों का भोसड़ा चुदता हुआ देखने लगी। मेरे पूरे बदन में आग लग चुकी थी। चूत का तो बड़ा बुरा हाल था। मेरा मन हुआ की मैं अम्मी के हाथ से लण्ड छीन कर अपनी चूत में घुसा लूँ। खाला की भी चूत एकदम आग की तरह जल रही थी।
तब खाला ने कहा अब चलो तुम्हे कुछ और दिखाती हूँ। वह मुझे दूसरी जगह ले गयी। वहां मैंने देखा की मेरा भाई जान फूफी की बुर में लौड़ा पेले हुए है। लौड़ा मुझे पूरा दिखाई नहीं पड़ रहा था। पर मैं कोशिश करती रही। फिर जब भाभी जान ने लण्ड पूरा बाहर निकाला और उसे फूफी के मुंह में घुसेड़ दिया तब मैंने पूरा लौड़ा देखा। मैंने कहा हाय अल्लाह इसका भी लौड़ा अब्बू के लौड़े की ही तरह है खाला जान ? वह बोली हां बेटी इस कुनबे में कोई ऐसी चूत नहीं है जिसे तेरा भाई जान चोदता न हो ? मैंने पूंछा तो क्या भाई जान मेरी अम्मी की भी चूत चोदता है ? वह बोली हां बिलकुल चोदता है। तेरी अम्मी ही कहती हैं की बेटा जब जवान हो जाता है तो वह मर्द बन जाता है। और मर्द तो किसी की भी बुर चोद सकता है फिर चाहे वह अपनी ही माँ की बुर क्यों न हो ? मैंने कहा - तो क्या वह मेरी भी बुर चोदेगा ? वह बोली हां हां बिलकुल चोदेगा। जब तुम जवान हो जाओगी तब वह तेरी भी बुर चोदेगा। यह सुन कर मेरी आग और भड़क गयी। मैंने पूंछा तो क्या जवान होने पर कोई किसी को भी चोद सकता है ? कोई किसी से भी चुदवा सकती है।
वह बोली - हां बेटी सबा हां यही तो मैं तुझे बताने आयी हूँ। यही तो हमारे समाज की खूबी है। फिर वह मुस्कराते हुए बोली देख भोसड़ी की सबा दो दिन बाद तेरा बर्थ डे आने वाला है और तब तू 18 साल की हो जाएगी। पूरी जवान हो जाएगी तू । मैं तुझे सबके सामने लण्ड पकड़ाऊंगी और तुझे बड़ी बेशर्मी और मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ना पड़ेगा। फिर तू हम सबके साथ रात में सोयेगी और तू भी वही करेगी जो सब करतीं हैं। अब तुझे लण्ड का पूरा मज़ा मिलेगा सबके लण्ड का मज़ा मिलेगा। तेरी बुर चुदेगी और चुदेगा तेरी माँ की बुर भी। और सुन - तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं तब तक बहुत गरम हो चुकी थी। मैंने भी कहा - तेरी बहन की बेटी की चूत, खाला जान ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बहन के मियां का लण्ड ? खाला को यकीन हो गया की अब जो मैं कहूँगी वह सबा करेगी।
जब मेरा बर्थ डे आया तो उसे दिन में बड़े धूम धाम से मनाया गया। रात को मुझे सबके साथ रखा गया। वहां अम्मी थीं, खाला और उसकी बेटी रिया भी थी। खाला की चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। रिया अभी अपनी चूँचियाँ खोल कर बैठी थी। रिया का मियां भी था। इतने में मेरा चचा जान आ गया, फिर फूफी का बेटा रज़ा आ गया और मेरा फूफा भी आ गया। मर्द सारे नंगे बदन थे। कोई लुंगी पहने था कोई पजामा। चाचा बोला अच्छा हां आज तो सबा जवान हो गयी है। खाला ने हंस कर कहा हां अपनी माँ चुदाने वाली हो गई है। रिया बोली अब तो ये खूब जम कर लूटेगी जवानी का मज़ा। अचानक खाला ने अपना हाथ चचा जान के पजामा में घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर उसका लण्ड सहलाने लगी। उधर अम्मी ने अपना हाथ फूफी के बेटे रज़ा के पजामा में घुसेड़ दिया । वह भी रज़ा का लण्ड हिलाने लगी। रिया फूफा की लुंगी खोल डाली तो उसका लौड़ा सबके सामने आ गया। मैं लौड़ा देख कर मस्त हो गयी और उसे थोड़ी देर तक देखती रही। तब तक खाला ने चचा जान का लण्ड मेरे हाथ में रख दिया और बोली ले भोसड़ी की सबा अब ये लण्ड मैं तेरे हवाले करती हूँ। तू जो चाहे कर इसका ? मैंने भी लण्ड बड़ी बेशर्मी से पकड़ लिया और उसे चूमने लगी।
अम्मी रज़ा को नंगा करके उसका लौड़ा चाटने लगीं, खाला जान रिया के मियां समी का लण्ड पीने लगी, और खाला की बेटी फूफा का लण्ड पुचकारने लगी। खाला ने चचा से कहा देखो यार सबा आज से सबके लण्ड लेने की हक़दार हो गयी है। आज से इसकी नई ज़िन्दगी शुरू हो रही है। आज तो तुम्हे इसकी बुर चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। रिया बोली मज़ा तो सबको आएगा इसकी बुर चोदने में। इसकी तो अभी अभी नई ताज़ी बुर है । इतने सुनते ही चचा जान ने लण्ड मेरे मुंह में पेल दिया। रिया ने मुझे नंगी कर दिया और तब चचा मेरी चूत और चूचियां सहलाने लगा। फिर मैंने देखा की सभी बिलकुल नंगी हो चुकी हैं और सब मरद भी नंगे हो गएँ हैं। मुझे पहली बार चार चार नंगे लण्ड देखने में बड़ा मज़ा आने लगा। अम्मी बड़े प्यार से नंगी नंगी रज़ा का लण्ड चूसने में जुटीं थीं। मैंने छुप छुप कर अम्मी को पराये मरद का लण्ड चूसते हुए देखा पर आज मैं पहली बार अपने सामने उसे लण्ड पीते हुए देख रही हूँ। इससे मैं और बहन चोद बेशर्म हो गयी।
मेरे मन में एक सवाल आया तो मैंने पूंछा - चचा जान , तुमने कभी मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदा है ?
उसने कहा - हां चोदा है और कई बार चोदा है। आज मैं तेरे सामने तेरी अम्मी का भोसड़ा चोदूंगा।
मैं मस्ती में थी। मैंने कहा - आज मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी चचा जान ?
मेरी बात पर सबने खूब तालियां बजाईं।
तब तक अम्मी ने रज़ा का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलवा लिया था। अब अगर कोई औरत अपने बेटे की उम्र के लड़के से चुदवाये तो उसे मज़ा तो आएगा ही। अम्मी जान वही मज़ा लूटने लगीं। खाला जान तो अपनी बेटी के मियां से ही चुदवाने लगीं थीं। थोड़ी देर तक सबकी चुदाई इसी तरह होती रही। अचानक खाला ने समी का लण्ड मुझे पकड़ाते हुए कहा - ले बुर चोदी सबा अब तू ये लण्ड पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? उधर खाला ने अम्मी की चूत से रज़ा का निकाल लिया और उसे हिलाने लगीं। मैंने भी फटाफट लण्ड अम्मी के भोसड़ा पर टिकाया और दूसरे हाथ से समी के चूतड़ों को बड़ा दिया तो लण्ड अंदर तक घुस गया। सबने तालियां बजाईं और कहा सबा बेटी तेरा माँ चुदाना मुबारक हो ? अब तू सच में एक मस्त बिंदास जवान औरत बन गयी है. तेरी माँ की चूत और माँ की बिटिया की बुर ? उसी रात को मैंने एक एक करके तीन लण्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में और बन गयी माँ चुदाने वाली हरामजादी लड़की।
एक बात है यार की मज़ा खूब आया माँ चुदाने और बेशरम होकर सबके सामने सारे मर्दों से चुदवाने में। मैं सच में आजकल जवानी का मज़ा खूब लूट रही हूँ।
हिना ने भी अपनी माँ चुदाने की कहानी सुनाई।
वह बोली :- मैं जब 17 साल की हुई तो देखा की अम्मी जान अब मुझसे खूब हंसी मजाक करने लगी है। खाला जान फूफी जान भी मुझसे लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें करने लगीं हैं। एक दिन तो फूफी ने कहा बेटी हिना ज़रा कैंची लेकर आना। मैं जब उसके पास कैंची लेकर गयी तो उसने अपनी सलवार खोल कर मुझसे कहा बेटी ज़रा मेरी झांटें ट्रिम कर दे। मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली अरी शरमाती क्यों हैं। अभी कुछ दिन बाद तू बड़े बड़े लण्ड पेलेगी अपनी चूत में सबके सामने। उधर से खाला बोली अपनी ही चूत में क्यों ये तो अपनी माँ की चूत मे भी पेलेगी लण्ड। तभी तो आएगा इसे जवानी का असली मज़ा। ख़ैर मैं झिझकती हुई उसकी झांटें काटने लगी। एक दिन मैंने अम्मी को किसी से फोन पर बातें करते हुए सुना।
वह कह रही थी ----- अरी भोसड़ी की रहीमा कितने लण्ड खाता है तेरा मादर चोद भोसड़ा ,,,,,,,,,,,,,,,? हां हां मैं जानती हूँ। अगर माँ चुदवाती है तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,, अच्छा, तो उसका बेटा अब जवान हो गया है ,,,,,,,,,,,,,,क्या उसका लौड़ा 9" का है ,,,,,,,,,,,,, ? हाय दईया किसी दिन मेरे भोसड़ा में भी घुसा दे उसका लण्ड ,,,,,,,,,,, तेरे बेटे का लण्ड भी मोटा है यार ,,,,,,,,,,,,,,,,, क्या कहा कल से उसकी बेटी ने अपनी माँ चुदाना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां यार मेरी बेटी को अभी दो महीना बाकी है माँ चुदाने में ,,,,,,,,,,,हाय अल्लाह तो फड़वाने दो न उसे अपनी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,,,,,,, उसकी तो झांटें मैं उखाडूँगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां हां ठीक है तेरा बेटा भी मेरी बेटी चोद लेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, थोड़ा सब्र करो।
मजे की बात यह थी की मैं अम्मी के सामने ही खड़ी थी और अम्मी बड़ी बेशर्मी से उससे बातें कर रहीं थीं। मैं हटी नहीं और सब सुनती रही। अम्मी मेरे गाल थपथपाये और बोली तुझे भी कुछ दिन बाद अपनी माँ चुदानी है बेटी हिना ?
अगले दिन मैं फूफी जान के घर अचानक पहुँच गयी। फूफी ने मुझे रात में रोक लिया। उसकी बेटी भी थी। वह अपनी ससुराल से आयी थी। मैंने उसे खूब बातें की। वह अपनी सुहागरात की बाते बताने लगी और तब उसने बताया की मेरे मियां का लौड़ा बड़ा मोटा है. उसने गोवा में मेरी बुर अपने दोस्तों से चुदवाई और खुद मेरे आगे अपनी दोस्तों की बीवियां चोदीं। मुझे यह सुनकर बड़ा अच्छा लगा की आजकल लड़के शादी होते ही बीवियों की अदला बदली करके चोदने लगें हैं। रात में जब मैंने उनके घर की चुदाई देखी तो हैरान हो गयी। सबने यही समझा की मैं जवान हो गयी हूँ और तब सब मुझे अपना अपना लण्ड पकड़ाने लगे , मैंने भी कुछ बताया नहीं और सबके लण्ड पकड़ कर चूमने चटाने लगी। मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
जब मैं 18 की ही तो मेरे घर में इस बात का जश्न मनाया गया. रात में मुझे खाला जान ने अपने पास ही लिटा लिया और जब सब लोग इकठ्ठा हो गए तो एक एक करके सबके कपड़े उतरने लगे. मैं कभी किसी की बुर देखती तो कभी किसी का लण्ड। मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। मैं सोंचने लगी की मैं इतनी देर से क्यों जवान हुई। मुझे तो पहले ही जवान हो जाना चाहिए था तो अब तक कई लण्ड का मज़ा ले चुकी होती। ख़ैर फिर मैं भी नंगी हो गयी। तब तक किसी ने लण्ड मेरे कंधे पर रख दिया। मैंने घूम कर देखा तो वह मेरी खाला का बेटा ही थी। वह 21 साल का था और उसका लौड़ा भी बड़ा प्यारा था। मैं उसके लण्ड से खेलने लगी। तब तक अम्मी जान भी नंगी हो चुकी थी और उसके हाथ में खालू का लौड़ा उछाल मार रहा था। खाला जान मेरे मामू जान का लौड़ा हिला रहीं थीं। अचानक खाला ने मुझे इशारा तो मैंने लण्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया। यानी खाला के बेटे का लण्ड मैंने अपनी माँ की चूत में पेल दिया। फिर क्या चुदने लगा मेरी माँ का भोसड़ा।
उसके बाद तो मेरी चूत में लण्ड अम्मी ने भी पेला, खाला ने भी पेला और उसकी बेटी ने भी घुसेड़ा लण्ड मेरी चूत में। तो ये थी मेरी माँ चुदाने की कहानी और अपनी बुर चुदवाने की भी कहानी।
मैं हिबा हूँ। सबने कहा की अब तुम सुनाओ अपनी माँ चुदाने की कहानी। मैंने कहा की मेरी भी कहानी कुछ कम रोचक नहीं है। मैं जब 17 साल की थी तो बहुत ही शरारती और शोख लड़की थी। बहुत ही चंचल और कूद फांद वाली लड़की थी। मैं बेशरम थी और खूब गन्दी गन्दी बातें करने की शौक़ीन थी। मैं कॉलेज के लड़कों को खूब चिढ़ाती थी और चिढ़ाते चिढ़ाते मैं कुछ लड़कों के लण्ड भी पकड़ने लगी थी । मेरे साथ मेरी एक सहेली सलमा। वह मुझे एक साल बड़ी थी और बड़ी हरामजादी थी। मुझे रोज़ ही चुदाई की कहानी सुनाया करती थी। अपने अब्बू जान के लण्ड की कहानी, अपने भाई जान के लण्ड की कहानी, खालू के लण्ड की, फूफा के लण्ड की और मामू जान के लण्ड की भी कहानी सुनाती थी । वह अपनी माँ की चूत, बहन की बुर, खाला का भोसड़ा की भी बातें करती थी। फूफी की बुर और उसकी बेटी की चूत की बातें भी बताती थी।
एक दिन एक लड़का मेरे घर आया। उस समय न अम्मी थी और न अब्बू। मैं घर में अकेली ही थी। लड़का बड़ा
- वह बोला - हिबा मुझे अपनी किताब दे दो प्लीज।
- मैंने कहा - हां दे दूँगी ज़रा बैठो न ?
- नहीं यार मुझे अभी जाना है। मेरी अम्मी मेरा इंतज़ार कर रही होगी।
- अच्छा, तो क्या तुझे अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदना है ?
- नहीं यार आज नहीं चोदना है ?
- अच्छा तो क्या कभी चोदते हो अपनी अम्मी का भोसड़ा ?
- मैं नहीं चोदता पर हां किसी और को अम्मी का भोसड़ा चोदते हुए देखा है।
- कौन था वो जो तेरी माँ चोद रहा था ?
- वो मेरा चचा जान था।
- हाय दईया तब तो तूने अपने चचा जान का लौड़ा भी देखा होगा।
- हां देखा है ?
- कितना बड़ा है उसका लौड़ा मुझे भी बताओ न यार।
- यही कोई 8" के लगभग का होगा ?
- अच्छा तेरा लौड़ा कितना बड़ा है ?
- मैंने कभी नापा नहीं यार ?
- तो क्या हुआ मैं अभी नाप कर देख लेती हूँ।
- अरे यार मुझे जल्दी है प्लीज जल्दी से किताब दो मैं जाना चाहता हूँ।
- नहीं पहले मुझे अपना लण्ड दिखाओ। मैं पहले तेरा लण्ड पकड़ कर देखूंगी तब किताब दूँगी।
- मजाक न करो यार। मुझे देर हो रही है।
- देखो यार तुम मुझे लण्ड दो मैं तुझे किताब दूँगी। नहीं दोगे तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। अभी हल्ला मचा दूँगी तो तेरी गांड भी फट जाएगी और तेरी माँ भी चुद जाएगी।
- अच्छा ठीक है तू ही पकड़ कर देख ले जो देखना चाहती है मैं खड़ा हूँ।
जब मैं 18 + की हुई तो मन ही मन बड़ी बेशर्म हो गयी थी । एक दिन रात को मैं उठी और अम्मी जान के कमरे में घुस गयी। अम्मी तो नहीं थी नहीं पर खाला थीं और फूफी भी। दोनों भोसड़ी वाली नंगी नंगी थीं। मजे की बात यह थीं की खाला फूफी के बेटे के लण्ड चाट रहीं थी और फूफी खाला के बेटे का लण्ड। दोनों एक दूसरे के बेटे से चुदवाने का प्लान बनाकर आयीं थीं शायद। जवानी में चुदाई की भूंख जाने क्या क्या करवा लेती है। चूत में जब आग लगी होती है तो फिर लण्ड किसी का हो अंदर पेलवा ही लेतीं हैं। मुझे देख कर खाला बोली - अरे हिबा तू बुर चोदी कहाँ बिना लण्ड के घूम रही है। अब तू जवान हो गई है। तेरे हाथ में तो लण्ड होना चाहिए। लण्ड नही होगा तो तू अपनी माँ के भोसड़ा में क्या पेलेगी मूसर ? रात में हर औरत के हाथ में लण्ड होता है बेटी। ले आ और पकड़ ले अपनी फूफी के बेटे का लण्ड। खाला ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं लण्ड पाकर मस्त हो गयी औअर तब तक खाला ने मुझे एकदम नंगी कर दिया।
इतने में मेरी अम्मी भी कमरे में नंगी नंगी अपने भाई जान का लण्ड पकडे पकड़े कमरे में आ गई। मुझे देख कर बोली हाय अल्लाह हिबा हां यार अब तो तू जवान हो गयी है तेरी माँ की चूत। तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? मुझे आज याद नहीं रहा। चल आ जा और ले ले सबके लण्ड का मज़ा। तब तक फूफी जान उसका भोसड़ा सहलाने लगी। फूफी का लड़का खाला की बुर चाटने लगा। मामू जान मेरी चूत चाटने लगा। तब तक खाला ने इशारा किया तो मैंने खाला के बेटे का लण्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में और चुदाने लगी अपनी माँ की बुर। उधर फूफी ने अपने बेटे का लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया तो मैं भी चुदवाने लगी।
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