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साफ झान्ठों वाली लड़की की चुदाई - Bina jhanth wali ladki ki chudai
साफ झान्ठों वाली लड़की की चुदाई - Bina jhanth wali ladki ki chudai , लड़की ने चुदने से पहले काटी अपनी झांठ , साफ चूत वाली लड़की को चोदा , बिना बालों वाली चूत की चुदाई.
देख रुपाली, तू एक बात अच्छी तरह नोट कर लो। मैं न ज़मीन पर बैठती हूँ और न कुर्शी पर। मैं तो पराये मरदों के लण्ड पर बैठती हूँ। जी हाँ सिर्फ पराये मरदों के लण्ड पर ? तुम्हारे पास अगर कोई पराये मरद का लण्ड हो तो दो मुझे, मैं उस पर बैठ जाऊंगी नहीं तो मैं खड़ी ही रहूंगी।
रुपाली ने कहा - अरे यार पूजा, अब मैं इतनी जल्दी पराये मरद का लण्ड कहाँ से लाऊँ ?
अच्छा, तू इतना भी नहीं कर सकती भोसड़ी वाली ? एक लण्ड का भी इंतज़ाम नहीं कर सकती है तू ? एक छोटा सा काम भी नहीं हो सकता तेरे से बुर चोदी रुपाली ? तू इतने दिनों से मुंबई में क्या गांड मरा रही है अपनी ?
नहीं यार गांड तो नहीं मरवा रही हूँ। मरवा तो बुर ही रही हूँ। पर इतनी रात गये मैं लण्ड का कैसे इंतज़ाम करूँ ?
अरे मेरी पगली रुपाली, ये मुंबई है और मुंबई में रात को लण्ड बहुत ज्यादा मिलते हैं और हर तरह के लण्ड मिलते हैं। अगर तू लण्ड नहीं जुटा पा रही है तो मुझे बता मैं अभी २/३ लण्ड इकठ्ठा कर दूँगी। फिर तू भी बैठ जाना लण्ड पे और मैं भी बैठ जाऊंगी लंड पे ।
अच्छा, अब तू इस तरह ललकार रही है तो मैं कुछ करती हूँ। थोड़ा अपनी चूत पर काबू रख, माँ की लौड़ी।
मेरा नाम मिसेज पूजा घोषाल है मैं एक बंगाली बीवी हूँ। मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी। मैं आजकल अपने हसबैंड के साथ मुंबई में रहती हूँ। मेरे दो बच्चे हैं। अभी उनकी छुट्टी है इसलिए वे दोनों अपने दादा दादी के घर गएँ हैं । यही हाल रुपाली का भी है। वह मेरी कॉलेज की फ्रेंड है। हम दोनों साथ साथ कोलकाता में पढ़ी लिखी हैं। इत्तिफाक से वह भी अपने पति के साथ यहाँ मुंबई में रहती है। उसके भी दो बच्चे हैं और वो दोनों अपने नाना नानी के घर गए हुए हैं। इस तरह आजकल मैं भी मुंबई में अकेली हूँ और रुपाली भी। मुझे जितनी मोहब्बत पराये मर्दों के लण्ड से है उतनी ही मोहब्बत उसे भी पराये मर्दों के लण्ड से हैं। मतलब यह की हम दोनों पराये मर्दों से धकाधक चुदवाने वाली बीवियां हैं। मैं एकदम गौरी चिट्टी बड़ी बड़ी सुडौल मस्त चूँचियों वाली हूँ और वह भी। उसकी भी कमर पतली और गांड मोटी है और मेरी भी। मैं भी बुर चोदी बहुत सेक्सी और हॉट हूँ और वही भी बुर चोदी बड़ी सेक्सी और हॉट है।
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पराये मर्दों के लंड पे बैठूंगी |
रुपाली ने कहा - अरे यार पूजा, अब मैं इतनी जल्दी पराये मरद का लण्ड कहाँ से लाऊँ ?
अच्छा, तू इतना भी नहीं कर सकती भोसड़ी वाली ? एक लण्ड का भी इंतज़ाम नहीं कर सकती है तू ? एक छोटा सा काम भी नहीं हो सकता तेरे से बुर चोदी रुपाली ? तू इतने दिनों से मुंबई में क्या गांड मरा रही है अपनी ?
नहीं यार गांड तो नहीं मरवा रही हूँ। मरवा तो बुर ही रही हूँ। पर इतनी रात गये मैं लण्ड का कैसे इंतज़ाम करूँ ?
अरे मेरी पगली रुपाली, ये मुंबई है और मुंबई में रात को लण्ड बहुत ज्यादा मिलते हैं और हर तरह के लण्ड मिलते हैं। अगर तू लण्ड नहीं जुटा पा रही है तो मुझे बता मैं अभी २/३ लण्ड इकठ्ठा कर दूँगी। फिर तू भी बैठ जाना लण्ड पे और मैं भी बैठ जाऊंगी लंड पे ।
अच्छा, अब तू इस तरह ललकार रही है तो मैं कुछ करती हूँ। थोड़ा अपनी चूत पर काबू रख, माँ की लौड़ी।
मेरा नाम मिसेज पूजा घोषाल है मैं एक बंगाली बीवी हूँ। मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी। मैं आजकल अपने हसबैंड के साथ मुंबई में रहती हूँ। मेरे दो बच्चे हैं। अभी उनकी छुट्टी है इसलिए वे दोनों अपने दादा दादी के घर गएँ हैं । यही हाल रुपाली का भी है। वह मेरी कॉलेज की फ्रेंड है। हम दोनों साथ साथ कोलकाता में पढ़ी लिखी हैं। इत्तिफाक से वह भी अपने पति के साथ यहाँ मुंबई में रहती है। उसके भी दो बच्चे हैं और वो दोनों अपने नाना नानी के घर गए हुए हैं। इस तरह आजकल मैं भी मुंबई में अकेली हूँ और रुपाली भी। मुझे जितनी मोहब्बत पराये मर्दों के लण्ड से है उतनी ही मोहब्बत उसे भी पराये मर्दों के लण्ड से हैं। मतलब यह की हम दोनों पराये मर्दों से धकाधक चुदवाने वाली बीवियां हैं। मैं एकदम गौरी चिट्टी बड़ी बड़ी सुडौल मस्त चूँचियों वाली हूँ और वह भी। उसकी भी कमर पतली और गांड मोटी है और मेरी भी। मैं भी बुर चोदी बहुत सेक्सी और हॉट हूँ और वही भी बुर चोदी बड़ी सेक्सी और हॉट है।
आप तो जानते ही हैं दोस्तों की खूबसूरत और हसीन बीवियां बड़ी बदचलन और छिनार होतीं हैं। पराये मर्दों से भकाभक चुदवाने वाली बीवियां होतीं हैं और बहाने बाज तो इतनी होतीं हैं की अपने मरद को इसकी कानो कान खबर भी नहीं होने देतीं। ऐसी बीवियां बहाने बना बना कर और हमेशा झूंठ बोल बोल कर अपने हसबैंड को धोखा देतीं हैं और उनके साथ बिश्वाश्घात करतीं हैं। बड़ी बेवफ़ा होतीं है ऐसी बीवियां। अपने पति के आगे बड़ी सती सावित्री बनी रहतीं हैं और उसे ऐसा एहसास दिलातीं हैं की वह अपने पति के अलावा किसी पराये पुरुष को आँख उठा कर भी नहीं देखती ? हम दोनों ऐसी ही हरामजादी बीवियां हैं। हम तो बिना पराये मरद के लण्ड के एक दिन भी नहीं गुज़ारती ? इसीलिए कहा गया है की स्त्री के चरित्र को मनुष्य क्या देवता भी नहीं जानते ?
मैं इस समय 30 साली हूँ और वह 31 साल की। रुपाली ने अपना फोन घुमाया, किसी से बात की और फिर मुस्काराती हुई बोली ले भोसड़ी की पूजा तेरा काम हो गया। मिल गया लण्ड तेरी बुर चोदी चूत के लिए। अब तू मेरे साथ थोड़ी दारू पी ले तब तक लौड़ा आ जायेगा। हम दोनों दारू पीने लगीं तो नशा चढ़ने लगा। दारू के नशे में मुझे बस लण्ड ही दिखाई पड़ता है और कुछ नहीं। हम दोनों फिर लण्ड की ही बातें करती रहीं और हमने जितने लण्ड अभी तक अपनी अपनी चूत में पेला है उनके बारे में उनके साइज के बारे में एक दूसरे को बताने लगीं। किसने किस तरह चोदा है कहाँ चोदा है ये सब एक दूसरे को बताने लगीं। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो रुपाली ने दरवाजा खोला। उसके सामने दो मस्त जवान मरद खड़े थे। उसने उन्हें अंदर बैठाया और दोनों को मुझसे मिलवाया।
वह बोली - ये है शेखर मेरा पुराना यार और ये है इसका दोस्त रोहित मेरा नया यार ? फिर रुपाली ने उन्हें बताया की ये है पराये मरद के लण्ड पे बैठने वाली मेरे कॉलेज की दोस्त मिसेज पूजा। वो दोनों भी दारू में शामिल हो गए। दोनों ही बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे। मैं उनके लण्ड के बारे में सोंचने लगी और चुदाई के ख्याल में खोने लगी। वे दोनों भी मुझे आँखें गड़ाए हुए देख रहा थे और मेरो चूँचियों के साइज का अंदाज़ा लगा रहे थे। शेखर तो रुपाली के बूब्स देख ही चुका था वह मेरे बूब्स की तरफ घर रहा था। मैं भी उन्हें अपना नंगा जिस्म दिखने के बेताब हो रही थी। हमारा तीसरा पैग शुरू हो गया था और अब नशा भी अपना काम करने लगा था तभी रुपाली ने अपनी बाहें रोहित के गले में डाल दीं। उसने रोहित के गाल चूमें होंठ चूमें और कहा हाय मेरे राजा रोहित तुम मुझे बड़े सेक्सी मर्द लग रहे हो ? मैंने भी शेखर को अपनी तरफ खींचा और उसकी छाती से अपने चूँचियाँ चिपका दीं। मैं चूँचियाँ उसकी छाती पर रगड़ने लगी और वह मेरी पीठ और गांड सहलाने लगा। बोला पूजा तुम मुझे बहुत सेक्सी लग रही हो ? उसने मेरी चुम्मी ली, मेरी बाहें पकड़ीं और मेरी गर्दन भी चूमी। मुझे तो पराये मरद का स्पर्श ही बहुत अच्छा लगता है। मैं भी उसके पूरे बदन पर हाथ फिराने लगी। यहाँ तक की लण्ड पर भी। लण्ड तो अंदर से उछाल मार रहा था।
तब तक रुपाली ने तो रोहित का लण्ड ऊपर से दबाया और कहा यार तेरा तो लौड़ा भोसड़ी का एकदम तैयार है। मैं समझ गयी की रुपाली भी मेरी तरह पराये मर्दों से खुल कर गन्दी गन्दी बातें करती है और गालियां भी देती है। अब तो सच में बड़ा मज़ा आएगा। उधर रुपाली की साड़ी उतर चुकी थी और इधर मेरी भी। फिर मेरा ब्लाउज़ उतरा और उसका भी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब थीं और उसकी भी। शेखर ने पहले मेरी ब्रा उतारी और फिर रोहित ने रुपाली की ब्रा। मेरी भी चूँचियाँ खुल गयीं और उसकी भी। मेरी चूँचियाँ थोड़ा बड़ी थीं। शेखर उन्हें पकड़ कर मसलने लगा और निपल्स चूमने लगा। बोला तुम सच में बहुत खूबसूरत हो पूजा भाभी और तेरी तेरे ये बूब्स तो वाकई गज़ब के हैं। मैं फिर उसकी पैंट खोलने लगी और उसे नेकर में खड़ा कर दिया। नेकर के ऊपर का उभार बता रहा था की लौड़ा कितना बड़ा है। मैं केवल पेटीकोट में थी। मैंने झट्ट से उसकी नेकर उतारी तो लण्ड महराज के दर्शन हो गए। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगी। मैंने देखा की उधर रुपाली भी रोहित का लौड़ा हिला रही है। दोनों ही लण्ड बहन चोद शेर की तरह दहाड़ने लगे। दोनों की झांटें एकदम साफ़ थीं और पेल्हड़ चिकने। मुझे वाकई मज़ा आ गया दोनों नंगे टन टनाते हुए लण्ड देख कर।
फिर शेखर मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी। वह मेरी छोटी छोटी झांटों वाली बुर देख कर मचल गया। उधर मेरे सामने रुपाली भी नंगी हो चुकी थी। उसकी चूत वाकई बड़ी मस्त और खूबसूरत थी। उसने झांटें बिलकुल साफ कर रखी थीं। चिकनी चूत देख कर मर्दों के लण्ड में भूचाल आ ही जाता है। मैं नंगी नंगी शेखर का लण्ड चाटने लगी और वह नंगी नंगी रोहित का लण्ड। फिर मैं शेखर को नीचे लिटा कर उसके मुंह पर अपनी चूत रख दी और झुक कर उसका लौड़ा चाटने लगी। वह मेरी बुर चाटने लगा। रुपाली रोहित का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। उसके लिए रोहित का लण्ड नया था और मेरे लिए शेखर का लण्ड। लण्ड दोनों ही मोटे तगड़े थे। मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। मैं अपने मन का लण्ड पाकर बहुत खुश थी। मेरी चूत बुर चोदी मुझसे ज्यादा खुश थी। फिर मैं थोड़ी में घूम कर शेखर के लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया।
मुझे देख कर रुपाली बोली - तू भोसड़ी की पूजा आखिर कार पराये मरद के लण्ड पे बैठ ही गयी।
मैंने कहा - हां यार, यही तो मेरा शौक है। पराये मर्द के लण्ड पे बैठना और उसका लण्ड चोदना ही मेरा शौक है और मैं ये शौक हर हाल में पूरा करती हूँ। हर रोज़ बैठती हूँ पराये मरद के लण्ड पर ? दुनियां चाहे इधर की उधर हो जाए पर मैं पराये मरद के लण्ड पे बैठना कभी नहीं छोड़ती ? लण्ड मेरे लिए अमूल्य है। लण्ड मेरी ज़िन्दगी है और लण्ड ही मेरी जागीर है। मैं लण्ड की बहुत बड़ी भक्त हूँ। मैं अपने मरद के लण्ड को छोड़ कर हर पराये मरद के लण्ड से जबरदस्त प्यार करती हूँ, मोहब्बत करती हूँ और उसे दिलोजान से चाहती हूँ।
मैं थोड़ा आगे झुक कर चोदने लगी शेखर का लण्ड ? मुझे देख कर रुपाली भी रोहित का लण्ड चोदने में जुट गयी। हम दोनों को सच में स्वर्ग का आनंद आ रहा था। मेरा मुंह शेखर के मुंह की तरफ था और मैं अपने चूतड़ उठा उठा के उसके लण्ड पर पटक रही थी। चूतड़ नीचे आते तो लौड़ा पूरा अंदर घुस जाता और जब चूतड़ ऊपर उठते तो लौड़ा बाहर तक आ जाता। मैं बार इसी तरह लण्ड चोदने लगी। वह सिसकारी भरने लगा और मैं मर्दों की तरह उसका लौड़ा चोदने लगी। मैंने बोली भोसड़ी के शेखर आज मैं तेरा लौड़ा चोद चोद कर तेरी गांड में दम कर दूँगी। कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैं घूम गयी और मुंह उसके पैरों की तरफ कर लिया। अपने दोनों हाथ ज़मीन पर टिका लिया और अपने गांड उठा उठा के चोदने लगी लण्ड। रुपाली बोली यार तू बुर चोदी कहीं से सीख कर आयी है क्या लण्ड चोदना ? मैंने कहा जिनको पराये मरद का लौड़ा चोदना होता है वो सब अपने आप ही सीख जातीं हैं।
कुछ देर में मैं भी खलास हो गयी थी और वह भी। लण्ड जब झड़ने लगा तो मैं उसका वीर्य सारा पी गयी और सुपाड़ा चाटने लगी। उधर रुपाली भी रोहित का झड़ता हुआ लंड्पी रही थी। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और ढेर सारी बातें कीं। दूसरी पारी मैं रोहित से चुदवाने लगी और रुपाली शेखर से।
अगले दिन मेरे एक यार सनी का फोन आया। वह मेरा यार एक बैंक मैनेजर है। उसने कहा पूजा भाभी आज मैं नहीं आ पा रहा हूँ क्योंकि मुझे एक मीटिंग में जाना है। मैं अपने एक दोस्त को भेज रहा हूँ। उसक नाम है विशाल। वह मेरी ही उम्र का है। एक राज़ की बात बता रहा हूँ भाभी तुम उसे मत बताना। मैं उसकी बीवी चोदता हूँ। उसकी बीवी मेरा लण्ड बहुत पसदं करती है जबकि उसके पति का लण्ड यानी विशाल का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा है। मगर उसे पराये मर्दों के ही लण्ड पसंद आतें हैं। मैंने कहा अच्छा तुम उसे भेज दो। मैं उससे उसकी बीवी के बारे में कुछ नहीं बताऊंगी।
बस विशाल एक घंटे में आ गया। वह बड़ा स्मार्ट था। गोरा था और हैंडसम भी था। मुझे तो वह सनी से ज्यादा अच्छा लगा। मैंने उसे व्हिस्की ऑफर की और फिर हम दोनों शराब पीने लगे।
देख रही थी और उसका लण्ड मेरी चूत देख रहा था। मैंने अपने बालों को ऊपर का जूड़ा बना लिया और लण्ड मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी।
मैं लण्ड का सुपाड़ा देख देख कर मज़ा लेने लगी। सुपाड़ा साला बिलकुल तोप का गोला लग रहा है। मैं झुक कर बार बार लण्ड चाटने लगी। पेल्हड़ भी चूमने लगी। फिर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी। मुंह के अंदर ही जबान सुपाड़े पर फिराने लगी। वह सिसियाने लगा। उसे मज़ा आ रहा था और मैं उसे सिसकते हुए देखना चाहती थी। मैं बार बार ऐसा ही करने लगी तो वह बोला अरे पूजा भाभी मैं झड़ जाऊंगा। मैंने कहा कोई बात नहीं देवर जी मैं फिर से खड़ा कर दूँगी तेरा लण्ड। उधर मेरी चूत मेरी गांड में दम किये हुई थी। कह रही थी जल्दी से पेलो मेरा अंदर लण्ड। मैं बिना लण्ड के लिए तड़प रही हूँ। मैं फिर रुक नहीं सकी और उछल कर बैठ लण्ड पर। मेरे बैठते ही लण्ड मादर चोद घुस गया मेरी चूत में ? मैंने उसके ऊपर बैठ कर अपने चूतड़ अपनी गांड रगड़ने लगी। लण्ड साला मूसर जैसा मेरी चूत के अंदर घूमने लगा। मुझे एहसास हो रहा था की लण्ड बहुत दूर तक पहुँच गया है और वह चारों तरफ चिपका भी हुई है। ऐसा इसलिए था की लण्ड बहुत मोटा था। मोटा लण्ड ही चूत से चिपक कर अंदर घुसता है। मैं फिर कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी। विशाल मेरा साथ देने लगा। वह भी अपनी गांड उठा उठा के अपना लण्ड चुदवाने लगा। वह बोला भाभी जी इसी तरह की चुदाई तो आज मैं पहली बार ही कर रहा हूँ। हर बीवी की चुदाई अलग अलग होती है। मुझे इसमें बड़ा मज़ा आ रहा है । रमन की बीवी बाला ने ऐसी कोशिश की थी पर उसमे उतना मज़ा नहीं आया जितना मज़ा आज आ रहा है। मुझे तो तेरी चूँचियाँ उछलती हुई देखने में बड़ा अच्छा लग रहा है भाभी जी। मैंने कहा अबे माँ के लौड़े, भोसड़ी वाले तू रोज़ आया कर मैं तुझे हर रोज़ उछलती हुई चूँचियाँ दिखाऊंगी।
मैं भी बड़े मूड में थी और वह भी। फिर वह मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदने लगा। वह पलंग के नीचे खड़ा था। उसने मुझे पलंग के किनारे खींचा, मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी, मेरी दोनों टाँगें अपने कंधे पर रख लीं और लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह साला चुदाई का बड़ा खिलाड़ी था। बोला भाभी जी आज मैं तेरी चूत का अच्छी तरह बाजा बजा दूंगा। तेरी चूत के चीथड़े उड़ा दूंगा। तेरी चूत को आज ही भोसड़ा बना दूंगा। वह बोले भी जा रहा था और चोदे भी जा रहा है। मैंने पूंछा तूने कभी सनी की बीवी चोदी है। वह बोला हां चोदी है और कई बार चोदी है। मेरे और भी दोस्त हैं जिनकी बीवियां मैं चोदता हूँ। मैंने पूंछा अच्छा अगर तेरी बीवी कोई चोदे तो ,,,,,,,,,,,,,,,? वह बोला चोदे तो चोदे ? इससे मुझे कोई फरक नहीं पड़ता। उसकी भी बुर है। वह चुदासी होती है। वह भी जवान है अगर किसी से चुदवा ले तो क्या हर्ज़ है ? पर मुझे किसी की बीवी चोदने से न रोके ? मैंने पूंछा तो क्या उसे मालूम है की तुम अपने दोस्तों की बीवियां चोदते हो ? वह बोला मुझे पता ही नहीं की वह जानती है की नहीं ? पर न मैं उसके रास्ते में आता हूँ और न वह मेरे रास्ते में।
उसके बाद विशाल मुझे बड़ी देर तक चोदता रहा।
तो दोस्तों, मुझे पराये मर्दों के लण्ड पर बैठने से कोई भोसड़ी वाला नहीं रोक सकता। अगर कोई रोकेगा तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: साफ झान्ठों वाली लड़की की चुदाई - Bina jhanth wali ladki ki chudai , लड़की ने चुदने से पहले काटी अपनी झांठ , साफ चूत वाली लड़की को चोदा , बिना बालों वाली चूत की चुदाई.
वह बोली - ये है शेखर मेरा पुराना यार और ये है इसका दोस्त रोहित मेरा नया यार ? फिर रुपाली ने उन्हें बताया की ये है पराये मरद के लण्ड पे बैठने वाली मेरे कॉलेज की दोस्त मिसेज पूजा। वो दोनों भी दारू में शामिल हो गए। दोनों ही बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे। मैं उनके लण्ड के बारे में सोंचने लगी और चुदाई के ख्याल में खोने लगी। वे दोनों भी मुझे आँखें गड़ाए हुए देख रहा थे और मेरो चूँचियों के साइज का अंदाज़ा लगा रहे थे। शेखर तो रुपाली के बूब्स देख ही चुका था वह मेरे बूब्स की तरफ घर रहा था। मैं भी उन्हें अपना नंगा जिस्म दिखने के बेताब हो रही थी। हमारा तीसरा पैग शुरू हो गया था और अब नशा भी अपना काम करने लगा था तभी रुपाली ने अपनी बाहें रोहित के गले में डाल दीं। उसने रोहित के गाल चूमें होंठ चूमें और कहा हाय मेरे राजा रोहित तुम मुझे बड़े सेक्सी मर्द लग रहे हो ? मैंने भी शेखर को अपनी तरफ खींचा और उसकी छाती से अपने चूँचियाँ चिपका दीं। मैं चूँचियाँ उसकी छाती पर रगड़ने लगी और वह मेरी पीठ और गांड सहलाने लगा। बोला पूजा तुम मुझे बहुत सेक्सी लग रही हो ? उसने मेरी चुम्मी ली, मेरी बाहें पकड़ीं और मेरी गर्दन भी चूमी। मुझे तो पराये मरद का स्पर्श ही बहुत अच्छा लगता है। मैं भी उसके पूरे बदन पर हाथ फिराने लगी। यहाँ तक की लण्ड पर भी। लण्ड तो अंदर से उछाल मार रहा था।
तब तक रुपाली ने तो रोहित का लण्ड ऊपर से दबाया और कहा यार तेरा तो लौड़ा भोसड़ी का एकदम तैयार है। मैं समझ गयी की रुपाली भी मेरी तरह पराये मर्दों से खुल कर गन्दी गन्दी बातें करती है और गालियां भी देती है। अब तो सच में बड़ा मज़ा आएगा। उधर रुपाली की साड़ी उतर चुकी थी और इधर मेरी भी। फिर मेरा ब्लाउज़ उतरा और उसका भी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ ब्रा से बाहर निकलने के लिए बेताब थीं और उसकी भी। शेखर ने पहले मेरी ब्रा उतारी और फिर रोहित ने रुपाली की ब्रा। मेरी भी चूँचियाँ खुल गयीं और उसकी भी। मेरी चूँचियाँ थोड़ा बड़ी थीं। शेखर उन्हें पकड़ कर मसलने लगा और निपल्स चूमने लगा। बोला तुम सच में बहुत खूबसूरत हो पूजा भाभी और तेरी तेरे ये बूब्स तो वाकई गज़ब के हैं। मैं फिर उसकी पैंट खोलने लगी और उसे नेकर में खड़ा कर दिया। नेकर के ऊपर का उभार बता रहा था की लौड़ा कितना बड़ा है। मैं केवल पेटीकोट में थी। मैंने झट्ट से उसकी नेकर उतारी तो लण्ड महराज के दर्शन हो गए। मैंने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ा और उसे प्यार से हिलाने लगी। मैंने देखा की उधर रुपाली भी रोहित का लौड़ा हिला रही है। दोनों ही लण्ड बहन चोद शेर की तरह दहाड़ने लगे। दोनों की झांटें एकदम साफ़ थीं और पेल्हड़ चिकने। मुझे वाकई मज़ा आ गया दोनों नंगे टन टनाते हुए लण्ड देख कर।
फिर शेखर मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी। वह मेरी छोटी छोटी झांटों वाली बुर देख कर मचल गया। उधर मेरे सामने रुपाली भी नंगी हो चुकी थी। उसकी चूत वाकई बड़ी मस्त और खूबसूरत थी। उसने झांटें बिलकुल साफ कर रखी थीं। चिकनी चूत देख कर मर्दों के लण्ड में भूचाल आ ही जाता है। मैं नंगी नंगी शेखर का लण्ड चाटने लगी और वह नंगी नंगी रोहित का लण्ड। फिर मैं शेखर को नीचे लिटा कर उसके मुंह पर अपनी चूत रख दी और झुक कर उसका लौड़ा चाटने लगी। वह मेरी बुर चाटने लगा। रुपाली रोहित का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। उसके लिए रोहित का लण्ड नया था और मेरे लिए शेखर का लण्ड। लण्ड दोनों ही मोटे तगड़े थे। मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। मैं अपने मन का लण्ड पाकर बहुत खुश थी। मेरी चूत बुर चोदी मुझसे ज्यादा खुश थी। फिर मैं थोड़ी में घूम कर शेखर के लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया।
मुझे देख कर रुपाली बोली - तू भोसड़ी की पूजा आखिर कार पराये मरद के लण्ड पे बैठ ही गयी।
मैंने कहा - हां यार, यही तो मेरा शौक है। पराये मर्द के लण्ड पे बैठना और उसका लण्ड चोदना ही मेरा शौक है और मैं ये शौक हर हाल में पूरा करती हूँ। हर रोज़ बैठती हूँ पराये मरद के लण्ड पर ? दुनियां चाहे इधर की उधर हो जाए पर मैं पराये मरद के लण्ड पे बैठना कभी नहीं छोड़ती ? लण्ड मेरे लिए अमूल्य है। लण्ड मेरी ज़िन्दगी है और लण्ड ही मेरी जागीर है। मैं लण्ड की बहुत बड़ी भक्त हूँ। मैं अपने मरद के लण्ड को छोड़ कर हर पराये मरद के लण्ड से जबरदस्त प्यार करती हूँ, मोहब्बत करती हूँ और उसे दिलोजान से चाहती हूँ।
मैं थोड़ा आगे झुक कर चोदने लगी शेखर का लण्ड ? मुझे देख कर रुपाली भी रोहित का लण्ड चोदने में जुट गयी। हम दोनों को सच में स्वर्ग का आनंद आ रहा था। मेरा मुंह शेखर के मुंह की तरफ था और मैं अपने चूतड़ उठा उठा के उसके लण्ड पर पटक रही थी। चूतड़ नीचे आते तो लौड़ा पूरा अंदर घुस जाता और जब चूतड़ ऊपर उठते तो लौड़ा बाहर तक आ जाता। मैं बार इसी तरह लण्ड चोदने लगी। वह सिसकारी भरने लगा और मैं मर्दों की तरह उसका लौड़ा चोदने लगी। मैंने बोली भोसड़ी के शेखर आज मैं तेरा लौड़ा चोद चोद कर तेरी गांड में दम कर दूँगी। कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैं घूम गयी और मुंह उसके पैरों की तरफ कर लिया। अपने दोनों हाथ ज़मीन पर टिका लिया और अपने गांड उठा उठा के चोदने लगी लण्ड। रुपाली बोली यार तू बुर चोदी कहीं से सीख कर आयी है क्या लण्ड चोदना ? मैंने कहा जिनको पराये मरद का लौड़ा चोदना होता है वो सब अपने आप ही सीख जातीं हैं।
कुछ देर में मैं भी खलास हो गयी थी और वह भी। लण्ड जब झड़ने लगा तो मैं उसका वीर्य सारा पी गयी और सुपाड़ा चाटने लगी। उधर रुपाली भी रोहित का झड़ता हुआ लंड्पी रही थी। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और ढेर सारी बातें कीं। दूसरी पारी मैं रोहित से चुदवाने लगी और रुपाली शेखर से।
अगले दिन मेरे एक यार सनी का फोन आया। वह मेरा यार एक बैंक मैनेजर है। उसने कहा पूजा भाभी आज मैं नहीं आ पा रहा हूँ क्योंकि मुझे एक मीटिंग में जाना है। मैं अपने एक दोस्त को भेज रहा हूँ। उसक नाम है विशाल। वह मेरी ही उम्र का है। एक राज़ की बात बता रहा हूँ भाभी तुम उसे मत बताना। मैं उसकी बीवी चोदता हूँ। उसकी बीवी मेरा लण्ड बहुत पसदं करती है जबकि उसके पति का लण्ड यानी विशाल का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा है। मगर उसे पराये मर्दों के ही लण्ड पसंद आतें हैं। मैंने कहा अच्छा तुम उसे भेज दो। मैं उससे उसकी बीवी के बारे में कुछ नहीं बताऊंगी।
बस विशाल एक घंटे में आ गया। वह बड़ा स्मार्ट था। गोरा था और हैंडसम भी था। मुझे तो वह सनी से ज्यादा अच्छा लगा। मैंने उसे व्हिस्की ऑफर की और फिर हम दोनों शराब पीने लगे।
- मैंने पूंछा - तुम्हारी दोस्ती सनी से कब से है ?
- वह बोला - यही कोई 5 साल से।
- तुम लोग लड़कियां चोदते हो की बीवियां ?
- बीवियां चोदता हूँ क्योंकि उन्हें चोदने मे कोई रिस्क नहीं है। रिस्क तो वो खुद ही सब बर्दास्त कर लेतीं हैं। उन्हें जब मौक़ा मिलता है तभी वो हमें बुलातीं हैं।
- अच्छा तो अब तक कितनी बीवियां चोद चुके हो तुम ?
- गिना तो नहीं पर हां महीने में 5 /6 बीवियां चोद ही लेता हूँ।
- अच्छा तो तेरी बीवी को इसकी खबर नहीं हो पाती ?
- हम लोग ऑफिस टाइम पर ही बीवियां चोदने जातें हैं। बीवियां भी हमें ऑफिस टाइम पर ही बुलातीं है जब उनके मियां अपने ऑफिस में होतें हैं। शाम को हम अपने घर टाइम पर पहुँच जातें है इसलिए हमारी बीवियों को हम पर कोई शक नहीं होता।
- ओ आई सी, तो ऐसा होता है। अब मुझे समझ में आया।
- फिर मैंने अपना हाथ उसके लण्ड पर रख दिया और कहा की सुना है की तेरा लण्ड बीवियां बहुत पसंद करतीं हैं।
- हां इस मामले में मैं वाकई बड़ा भाग्यशाली हूँ।
मैं लण्ड का सुपाड़ा देख देख कर मज़ा लेने लगी। सुपाड़ा साला बिलकुल तोप का गोला लग रहा है। मैं झुक कर बार बार लण्ड चाटने लगी। पेल्हड़ भी चूमने लगी। फिर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी। मुंह के अंदर ही जबान सुपाड़े पर फिराने लगी। वह सिसियाने लगा। उसे मज़ा आ रहा था और मैं उसे सिसकते हुए देखना चाहती थी। मैं बार बार ऐसा ही करने लगी तो वह बोला अरे पूजा भाभी मैं झड़ जाऊंगा। मैंने कहा कोई बात नहीं देवर जी मैं फिर से खड़ा कर दूँगी तेरा लण्ड। उधर मेरी चूत मेरी गांड में दम किये हुई थी। कह रही थी जल्दी से पेलो मेरा अंदर लण्ड। मैं बिना लण्ड के लिए तड़प रही हूँ। मैं फिर रुक नहीं सकी और उछल कर बैठ लण्ड पर। मेरे बैठते ही लण्ड मादर चोद घुस गया मेरी चूत में ? मैंने उसके ऊपर बैठ कर अपने चूतड़ अपनी गांड रगड़ने लगी। लण्ड साला मूसर जैसा मेरी चूत के अंदर घूमने लगा। मुझे एहसास हो रहा था की लण्ड बहुत दूर तक पहुँच गया है और वह चारों तरफ चिपका भी हुई है। ऐसा इसलिए था की लण्ड बहुत मोटा था। मोटा लण्ड ही चूत से चिपक कर अंदर घुसता है। मैं फिर कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी। विशाल मेरा साथ देने लगा। वह भी अपनी गांड उठा उठा के अपना लण्ड चुदवाने लगा। वह बोला भाभी जी इसी तरह की चुदाई तो आज मैं पहली बार ही कर रहा हूँ। हर बीवी की चुदाई अलग अलग होती है। मुझे इसमें बड़ा मज़ा आ रहा है । रमन की बीवी बाला ने ऐसी कोशिश की थी पर उसमे उतना मज़ा नहीं आया जितना मज़ा आज आ रहा है। मुझे तो तेरी चूँचियाँ उछलती हुई देखने में बड़ा अच्छा लग रहा है भाभी जी। मैंने कहा अबे माँ के लौड़े, भोसड़ी वाले तू रोज़ आया कर मैं तुझे हर रोज़ उछलती हुई चूँचियाँ दिखाऊंगी।
मैं भी बड़े मूड में थी और वह भी। फिर वह मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदने लगा। वह पलंग के नीचे खड़ा था। उसने मुझे पलंग के किनारे खींचा, मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी, मेरी दोनों टाँगें अपने कंधे पर रख लीं और लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह साला चुदाई का बड़ा खिलाड़ी था। बोला भाभी जी आज मैं तेरी चूत का अच्छी तरह बाजा बजा दूंगा। तेरी चूत के चीथड़े उड़ा दूंगा। तेरी चूत को आज ही भोसड़ा बना दूंगा। वह बोले भी जा रहा था और चोदे भी जा रहा है। मैंने पूंछा तूने कभी सनी की बीवी चोदी है। वह बोला हां चोदी है और कई बार चोदी है। मेरे और भी दोस्त हैं जिनकी बीवियां मैं चोदता हूँ। मैंने पूंछा अच्छा अगर तेरी बीवी कोई चोदे तो ,,,,,,,,,,,,,,,? वह बोला चोदे तो चोदे ? इससे मुझे कोई फरक नहीं पड़ता। उसकी भी बुर है। वह चुदासी होती है। वह भी जवान है अगर किसी से चुदवा ले तो क्या हर्ज़ है ? पर मुझे किसी की बीवी चोदने से न रोके ? मैंने पूंछा तो क्या उसे मालूम है की तुम अपने दोस्तों की बीवियां चोदते हो ? वह बोला मुझे पता ही नहीं की वह जानती है की नहीं ? पर न मैं उसके रास्ते में आता हूँ और न वह मेरे रास्ते में।
उसके बाद विशाल मुझे बड़ी देर तक चोदता रहा।
तो दोस्तों, मुझे पराये मर्दों के लण्ड पर बैठने से कोई भोसड़ी वाला नहीं रोक सकता। अगर कोई रोकेगा तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: साफ झान्ठों वाली लड़की की चुदाई - Bina jhanth wali ladki ki chudai , लड़की ने चुदने से पहले काटी अपनी झांठ , साफ चूत वाली लड़की को चोदा , बिना बालों वाली चूत की चुदाई.
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