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अपने पति से माँ को चुदवाया - Saas ki chudai hindi sex story
अपने पति से माँ को चुदवाया - Saas ki chudai hindi sex story , रिश्तों में चुदाई , किसका लंड किसकी चूत , गांड का बाजा बजा दिया , भोसड़ा फाड़ चुदाई का खेल , सब है चुदने में मगन स्वस्थ रहो खाओ गगन.
मैंने मुस्कराते हुए कहा - एक बार मेरे मियां के लण्ड पे बैठ कर देखो न , अम्मी जान ? तब तुझे पता चलेगा की लण्ड कैसा होता है ? गांड भी फटेगी तेरी और भोसड़ा भी। अभी कल ही तेरी नन्द का भोसड़ा फाड़ा है मेरे मियां के लण्ड ने ?
अम्मी जान ने जबाब दिया - हां हां मैं जरूर बैठूंगी तेरे मियां के लण्ड पे, बेटी तब्बू। तू बस देखती जा ? न मेरी गांड फटेगी और न तेरी माँ का भोसड़ा ? आज तेरे सामने ही तेरी माँ की चूत तेरे मियां का लण्ड भून कर ही बाहर निकालेगी।
मैंने मुस्कराते हुए कहा - एक बार मेरे मियां के लण्ड पे बैठ कर देखो न , अम्मी जान ? तब तुझे पता चलेगा की लण्ड कैसा होता है ? गांड भी फटेगी तेरी और भोसड़ा भी। अभी कल ही तेरी नन्द का भोसड़ा फाड़ा है मेरे मियां के लण्ड ने ?
अम्मी जान ने जबाब दिया - हां हां मैं जरूर बैठूंगी तेरे मियां के लण्ड पे, बेटी तब्बू। तू बस देखती जा ? न मेरी गांड फटेगी और न तेरी माँ का भोसड़ा ? आज तेरे सामने ही तेरी माँ की चूत तेरे मियां का लण्ड भून कर ही बाहर निकालेगी।
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मेरा नाम तब्बू है। मैं 24 की हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। पढ़ी लिखी हूँ, इंग्लिश बोलती हूँ, गालियां देती हूँ और ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती हूँ। मुझे कोई ग़ैर मर्दों से चुदवाने से रोक नहीं सकता ? न मेरी अम्मी जान, न खाला जान और न फूफी जान। मेरी सास भी मुझे पराये मरदों से चुदवाने से मना नहीं कर सकती। क्योंकि ये सब भोसड़ी वालियां गैर मर्दों से खुद चुदवातीं हैं। कुनबे के सारे लण्ड अपनी चूत में पेलती हैं। आने जाने वालों के लण्ड भी अपनी चूत में घुसेड़ा करतीं हैं। मैं इन सबको गैरों से चुदवाते हुए कई बार देखा है। जब तक मैं 18 से कम रही तब तक छुप छुप कर देखती थी और जब 18 साल की हो गई तो अंदर घुस कर देखने लगी। मैं इन सबकी चुदाई देख देख कर इतनी बेशर्म हो गई थी की मुझे इनके सामने किसी का भी लण्ड पकड़ने में कोई शर्म नहीं थी।
एक दिन का मजेदार किस्सा सुना रही हूँ मैं >-
गर्मी के दिन थे और दोपहर का समय था। मैं कॉलेज से आयी थी। मुझे लगा की अम्मी के कमरे मे कुछ हलचल हो रही है। मैंने अपने कपड़े चेंज किया और कमरे में झांकने लगी। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान किसी अनजान आदमी से धकाधक चुदवा रही हैं। ये देख कर मेरे बदन में आग लग गयी। उसका लौड़ा पूरा का पूरा अम्मी की चूत में बार आ जा रहा है। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो पर उसे पूरा नहीं देख पा रहे थी। मैं इस इंतज़ार में थी की मुझे पूरे लण्ड का दीदार हो जाये। मैं थोड़ा रुकी और आखिर कार एक बार उसने लण्ड पूरा बाहर निकाल ही लिया। लण्ड देख कर मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ! इतना मोटा लण्ड ! ये तो सच में किसी की भी बुर फाड् डालेगा। कुछ देर में उसने फिर घुसा दिया लण्ड अम्मी की चूत में। मैं अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा बड़ी शिद्दत से देखने लगी। फिर मुझसे रहा न गया और मैं अंदर घुस गयी। मैं उसके भोसड़ा के सामने खड़ी हो गयी। मजे की बात यह थी की दोनों चुदाई में इतना मशगूल थे की न मुझे अम्मी ने देखा और न उस भोसड़ी वाले आदमी ने।
मुझे लगा की मैं एक लाइव ब्लू फिल्म देख रही हूँ।
मैं अंकल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। आदिल अंकल मेरी चूँचियाँ भी दबा रहे थे और मेरी चूत भी सहला रहे थे। उसने धीरे से दो ऊँगली मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोला अरे भाभी जान तेरी बेटी की चूत तो एकदम गरम है। बाप रे बाप इसकी चूत में बहुत आग है। वह बोली हां तभी ये भोसड़ी वाली लण्ड खाने के लिए इतनी उतावली हो रही थी। पूरी तरह जवान हो गई है न। अब तो इसकी चूत गरम होगी ही. तो फिर किस बात की देरी ? पेल दे न अपना लौड़ा इसकी चूत में। वह घूमा और लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। चूत भी गीली थी और लण्ड भी गीला था तो उसने गच्च से पेल लिया लण्ड। लण्ड साला चारों तरफ से चिपक कर घुस गया। मैं चिल्ला उठी उई माँ फट गई मेरी बुर बहन चोद। बड़ा मोटा है लण्ड इसका अम्मी जान ? मेरी छोटी सी बुर तो फाड़ के रख देगा ? बड़ा दर्द हो रहा है। वह बोली मैं कह रही थी न की तू अभी इतना मोटा लण्ड झेल नहीं पायेगी पर तूने तो लण्ड के लिए मेरी गांड में दम कर दी। अब तेरी माँ चुद रही है तो चुदे मैं क्या करूं ? अब तो मैं खुद फाड़ूंगी तेरी बुर और रोज़ फाड़ूंगी।
थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैंने चुपके से लौड़ा अपनी चूत से निकाला और उसे अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया। मैंने कहा अगर तू मेरी चूत फाड़ेगी तो मैं तेरा भोसड़ा फाड़ूंगी, अम्मी जान। मैं चोदा चोदी के खेल में तुमसे कम नहीं हूँ। वह बोली हाय अल्लाह तू तो पहले ही दिन से अपनी माँ चुदाने लगी, बेटी तब्बू ? मैंने कहा मैं तुमको यह बताना चाहती हूँ अम्मी जान की अब मैं पूरी तरह जवान हो गई हूँ माँ चुदाने वाली हो गयी हूँ और बड़े बड़े लण्ड पेलवाने वाली भी हो गयी हूँ। अम्मी ने कहा - हाय दईया तू तो बहुत बड़ी हरामजादी निकली। तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैंने कहा - हरामजादी भी है तू अम्मी जान छिनार भी है तू और बेशर्म भीहै तू। तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा अम्मी जान। फिर हम दोनों ने मिलकर अंकल के लण्ड का मज़ा खूब लिया। उस दिन से हम दोनों अक्सर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गई। सुहागरात में मैंने अपने शौहर से तीन बार चुदवाया जब की मैं चुदी हुई थी। उसी दिन सवेरे सवेरे मेरी नन्द आ गयी वह बोली भाभी जान देखो तेरा शौहर चला गया है अब तू मेरे देवर का लण्ड पकड़ ले। वह बिचारा बड़ी देर से तुम्हे लण्ड पकड़ाने का इंतज़ार कर रहा है। मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने उसे बुला लिया। मैंने जैसे ही नंगी नंगी उसका लौड़ा पकड़ा तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ा और बोला भाभी जान तुम बहुत खूबसूरत हो, मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तब तक वह इतने जोश में आ गया की मेरे हाथ में ही झड़ गया।
एक हफ्ते के बाद मैं अपने शौहर के साथ माईके आ गई। मुझसे मिलाने सब लड़कियां बीवियां भाभियाँ आ गयी और बातें करने लगीं। मेरी सुहागरात की बातें, चुदाई की बातें, लण्ड की बातें और लण्ड के साइज की बातें करने लगीं। मैंने सबके सवालों का जबाब दिया।
दूसरे ही दिन रात में मेरे घर में घनघोर चुदाई चल रही थी। घर के सब लोग मिलकर चुदाई कर रहे थे। घर की सारी बीवियां, बेटियां और बहुएं बड़े मजे से चुदवा रहीं थीं। इतने में अचानक मेरी अम्मी जान आ गईं। मैं भी बड़ी रोमांटिक मूड में थी। वासना हम सब पर सवार थी। मैंने उसे देखते ही कहा - अम्मी जान, आओ मेरे मियां के लण्ड पर बैठ जाओ। देखो न मेरी नन्द तेरे मियां के लण्ड पर बैठी है। मैं अपनी नन्द के मियां के लण्ड पे बैठी हूँ। तुम मेरे मियां के लण्ड पे बैठ जाओ। खाला अपने बेटे के लण्ड पे बैठी है और उसकी बेटी अपने देवर के लण्ड पे बैठी है। बड़ा मजेदार सीन है अम्मी जान। ग़ैर मरद के लण्ड पे बैठने का जो मज़ा है वो मज़ा कहीं और नहीं है। देखो न अभी चाचू फूफी की बेटी चोद कर गया है और चाचू की बेटी अपने ससुर से चुदवा कर गयी है। आज की चुदाई अम्मी जान बड़ी मस्त और मजेदार हो रही है। अभी पता नहीं की कौन कौन किस किस के लण्ड पे बैठ जाएगी।
अम्मी ने कहा - हाय अल्लाह तब्बू तू तो बुर चोदी ससुराल जाकर बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। मैंने कहा - नहीं अम्मी जान मैं तो पहले भी चुदक्कड़ थी और आज भी हूँ। मैं कई लोगों से इसलिए चुदवाती हूँ क्योंकि सबका चोदने का स्टाइल अलग अलग होता है जैसे लण्ड सबका अलग अलग होता है ? मुझे अधिक से अधिक लोगों से चुदवाने का शौक है। अभी तो मुझे ससुराल में एक ही हफ्ता हुआ है तो ज्यादा लोगों के लण्ड नहीं पकड़ पाई। लेकिन जब इस बार जाऊंगी तो अधिक से अधिक लोगों से चुदवाकर आऊंगी। तब तक अम्मी जान मेरे मियां ताहिर के लण्ड पर बैठ गई। लण्ड अम्मी की चूत में पूरा घुस गया। वह अपन गांड उस पर चक्कर गिन्नी की घुमाने लगीं। मुझे ये देख कर बड़ा अच्छा लगा। अम्मी बोली - तब्बू तेरे मियां का लौड़ा बहुत बड़ा है। देखो न मेरी चूतमे बहुत दूर तक घुस गया है। आज तो ये मेरा भोसड़ा फाड़ डालेगा। और तू भी नहीं बचा पायेगी। तू इतनी बड़ी बेशर्म निकलेगी मुझे नहीं मालूम था। सरे आम तू अपनी माँ का भोसड़ा अपने शौहर से चुदवा रही है। तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली ?
मुझे अम्मी की बातो ने और उत्तेजित कर दिया। अम्मी फिर थोड़ा झुकीं और बार बार अपने चूतड़ उठा उठा के पटकने लगीं। वह एक मरद की तरह मेरे मियां का लण्ड चोदने लगी। इधर मुझे नंदोई का लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था। पहली बार इसका लौड़ा मेरी बुर में घुसा था। और मैं यह देख देख कर मज़ा ले रही थी की मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड कितनी मस्ती से चोद रही है।
वह बोली - भाभी जान, तेरे अब्बू का लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से मोटा है और बड़ा सख्त है। मैंने कहा - यार तू मेरे अब्बू से चुदवा रही है पर मैंने तेरेअब्बू से नहीं चुदवाया। अबकी बार जब भी जाऊंगी तो तेरे अब्बू से चुदवाकर ही वापस आऊंगी। उधर मेरी खाला जान अपने ही बेटे के लण्ड पर बैठी हुई चुदवा रहीं थीं। उसने कहा देखो तब्बू मेरा बेटा अब जवान हो गया है। पूरा मर्द बन गया है और अब उससे चुदवाने में कोई हर्ज़ नहीं है। खाला तो उसके लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लूट रही थी। खाला जान की बेटी अपने देवर से भकाभक चुदवाने लगी। उसने अपना मुंह उसकी टांगों की तरफ किया था और अपने हाथों को नीचे जमीन पर टिका लिया था। बस वह अपनी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी।
कुछ देर बाद नंदोई मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड मेरी चूत में घुसा के चोदने लगा। मेरा अब्बू
मेरी नन्द की बुर पीछे से लेने लगा। खाला का बेटा अपनी माँ का भोसड़ा उसके ऊपर चढ़ कर चोदने लगा और उसकी बेटी का देवर भी उसकी बुर पीछे से चोदने लगा। पूरे घर में चुदाई की आवाज़ आ रही थी। सबकी बुर एक साथ बज रही थी। अम्मी ने पूंछा बेटी तब्बू क्या तेरी ससुराल में भी इसी तरह सब मिलकर चोदा चोदी करतीं हैं ? मेरे बोलने के पहले ही मेरी नन्द बोली हां आंटी जी हमारे घर में भी सब लोग इसी तरह की चुदाई करतें हैं। हमारा मानना है की हमारे घर के मर्द दिन भर बड़ी मेहनत करतें हैं अपना पसीना बहाते है तो रात में उनका भर पूर मनोरंजन होना चाहिए। उनके लिए सबकी चूत खुली होनी चाहिए। वह चूत चाहे बीवी की हो, बेटी की हो, बहू की हो, माँ की हो, बहन की हो या फिर किसी और की जैसे खाला की बुर फूफी की बुर मामी की बुर इत्यादि ? वह किसी को भी चोद सकता है बुर और किसी को भी पकड़ा सकता है अपना लण्ड । एक और ख़ुशी की बात है की हमारे कुनबे में सबके लण्ड बड़े बड़े भी हैं और मोटे मोटे भी। अम्मी की निगाह मेरे नन्दोई के लण्ड पर थी जो मेरे हाथ में उछाल मार रहा था। अम्मी ने बड़ी बेशर्मी से लण्ड मुझसे छीन लिया। वह नंदोई का लण्ड चूसने लगी। मेरी नन्द ने इसी बीच खाला के बेटे का लण्ड पकड़ लिया। वह एक नया ताज़ा लण्ड पाकर मस्त हो गयी। उसने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और फिर चूसने लगी। खाला ने हाथ बढ़ाकर मेरे मियां का लौड़ा अपने कब्जे में कर लिया। वह बोली हाय तब्बू तेरे मियां का लौड़ा वाकई बड़ा जबरदस्त है। आज मैं इससे अपना भोसड़ा फड़वाऊंगी और अपनी बिटिया की बुर भी। खाला की बेटी ने लपक कर मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया। लण्ड उसकी मुठ्ठी में नहीं आ रहा था तो उसने दूसरा हाथ लगाया और उसका सुपाड़ा चाटने लगी। वह बोली वॉवो कितना प्यारा लौड़ा है तेरा बहन चोद ? लगता है की मैं इसे कच्चा चबा जाऊं।
वह बड़ी मस्ती से बोली - तब्बू तेरी माँ का भोसड़ा तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया की तेरे अब्बू का लौड़ा इतना हैंडसम और मोटा तगड़ा है ?
उसने लण्ड सीधे अपनी चूत में घुसा लिया। मैंने उसके देवर का लण्ड पकड़ा और उसे बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला फुफकारने लगा।
मैंने कहा - यार शमा (खाला की बेटी का नाम) तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। तेरी माँ की बेटी की बुर, बहू की गांड ?
वह बोली - इतनी गालियां क्यों दे रही है तू मुझे ? मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है ?
मैंने कहा - तेरे देवर का लण्ड साला इतना बड़ा और सख्त है, इतना खूबसूरत और मोटा है तूने इसे मुझे पहले क्यों नहीं पकड़ाया। मेरी चूत में पहले क्यों नहीं पेला ? मेरी माँ के भोसड़ा में इसे क्यों नहीं ठोका ?
वह बोली - अब ठोकूंगी उसका लण्ड तेरी भी चूत में और तेरी माँ की भी चूत में ? इसके बाद कल जब मेरा शौहर आएगा तो उसका भी लौड़ा मैं तुम दोनों की चूत में घुसा दूँगी। मैं मादर चोद बहुत बड़ी हरामी चीज हूँ। जो मेरी बुर में एक लण्ड पेलता है तो मैं उसकी बुर में दो लण्ड पेल देती हूँ।
तब तक मैंने देखा की मेरी चाचा जान की बेटी किसी का लण्ड पकड़े पकड़े आयी और बोली तब्बू कहाँ है तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं अपने ससुर का लण्ड पेल कर आज उसका भोसड़ा चोदूँगी। वह मेरी अम्मी की तरफ बढ़ी और अम्मी के भोसड़ा में अपने ससुर का लण्ड दिया और उसकी बुर से नंदोई का लण्ड निकाल कर अपनी बुर में घुसा लिया। उसकी इस मस्तानी हरकत से माहौल में और गर्मी आ गयी। कुछ देर बाद मेरी फूफी जान भी नंगी नंगी अपने बेटे का लण्ड पकड़े हुए आ गयी और बोली तब्बू कहाँ है तेरी बहन चोद बुर ? उसने अपने बेटे का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और शमा के देवर का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। वह भी मस्ती से हमारी चुदाई में शामिल हो गयी।
इस तरह हम सब रात भर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदवाती रही। =
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मेरा नाम तब्बू है। मैं 24 की हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। पढ़ी लिखी हूँ, इंग्लिश बोलती हूँ, गालियां देती हूँ और ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती हूँ। मुझे कोई ग़ैर मर्दों से चुदवाने से रोक नहीं सकता ? न मेरी अम्मी जान, न खाला जान और न फूफी जान। मेरी सास भी मुझे पराये मरदों से चुदवाने से मना नहीं कर सकती। क्योंकि ये सब भोसड़ी वालियां गैर मर्दों से खुद चुदवातीं हैं। कुनबे के सारे लण्ड अपनी चूत में पेलती हैं। आने जाने वालों के लण्ड भी अपनी चूत में घुसेड़ा करतीं हैं। मैं इन सबको गैरों से चुदवाते हुए कई बार देखा है। जब तक मैं 18 से कम रही तब तक छुप छुप कर देखती थी और जब 18 साल की हो गई तो अंदर घुस कर देखने लगी। मैं इन सबकी चुदाई देख देख कर इतनी बेशर्म हो गई थी की मुझे इनके सामने किसी का भी लण्ड पकड़ने में कोई शर्म नहीं थी।
एक दिन का मजेदार किस्सा सुना रही हूँ मैं >-
गर्मी के दिन थे और दोपहर का समय था। मैं कॉलेज से आयी थी। मुझे लगा की अम्मी के कमरे मे कुछ हलचल हो रही है। मैंने अपने कपड़े चेंज किया और कमरे में झांकने लगी। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान किसी अनजान आदमी से धकाधक चुदवा रही हैं। ये देख कर मेरे बदन में आग लग गयी। उसका लौड़ा पूरा का पूरा अम्मी की चूत में बार आ जा रहा है। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो पर उसे पूरा नहीं देख पा रहे थी। मैं इस इंतज़ार में थी की मुझे पूरे लण्ड का दीदार हो जाये। मैं थोड़ा रुकी और आखिर कार एक बार उसने लण्ड पूरा बाहर निकाल ही लिया। लण्ड देख कर मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ! इतना मोटा लण्ड ! ये तो सच में किसी की भी बुर फाड् डालेगा। कुछ देर में उसने फिर घुसा दिया लण्ड अम्मी की चूत में। मैं अपनी माँ का चुदता हुआ भोसड़ा बड़ी शिद्दत से देखने लगी। फिर मुझसे रहा न गया और मैं अंदर घुस गयी। मैं उसके भोसड़ा के सामने खड़ी हो गयी। मजे की बात यह थी की दोनों चुदाई में इतना मशगूल थे की न मुझे अम्मी ने देखा और न उस भोसड़ी वाले आदमी ने।
मुझे लगा की मैं एक लाइव ब्लू फिल्म देख रही हूँ।
- बस कुछ देर में अम्मी की आँख खुली तो वह बोली - हाय दईया तू भोसड़ी की तब्बू यहाँ क्या कर रही है ?
- मैंने कहा - कुछ नहीं अम्मी जान, बस तेरा चुदता हुआ भोसड़ा देख रही हूँ।
- तू अभी बच्ची है तुझ ये सब नहीं देखना चाहिए। तू जा यहाँ से अपना काम कर ?
- मैं नहीं जाऊंगी और अगर जाऊंगी तो तेरा चुदा हुआ भोसड़ा देख कर ही जाऊंगी। और सुन अब मैं बच्ची नहीं हूँ। बालिग हो गयी हूँ। 18 + की हूँ मैं और सब जानती हूँ।
- तू माँ की लौड़ी कुछ नहीं जानती ? इतनी छोटी सी उम्र में तू अभी क्या जानेगी ये सब ? तू बस चली जा यहाँ से और मुझे जो करना है वो करने दे ?
- मैं क्यों चली जाऊं ? मैं तो नहीं जाऊंगी। मैं सब जानती हूँ की क्या होता है और कैसे होता है ? आज तो मैं तेरे आमने तेरी चुदाई देख रही हूँ। मैं अभी तक तेरी चुदाई छुप छुप कर देखती थी। तेरी जैसी हरामजादी छिनार और बदचलन औरत कोई और नहीं होगी, अम्मी जान ?
- अच्छा तो तू भी बहुत बड़ी बुर चोदी है, तब्बू । तू छुप छुप कर मेरी चुदाई देखती थी तुझे शर्म नहीं आती थी।
- जब चुदवाने वाली को शर्म नहीं आती थी तो फिर देखने वाली क्यों आये ? मैंने अभी तक अब्बू का लण्ड तेरी चूत में कभी नहीं देखा। तू तो भोसड़ी वाली ग़ैर मर्दों के ही लण्ड अपनी चूत में पेलवाती है।
- तुमको ये सब किसने बताया ?
- बताया किसी ने नहीं, अम्मी जाना। ये सब मैंने अपनी आँखों से देखा है। अब्बू जब काम पर चला जाता है तब तू दिन में ग़ैरों से चुदवाती है और अब्बू जब काम से बाहर टूर पर चला जाता है तब तू रात में भी पराये मर्दों से धकाधक चुदवाती है। और इस खेल में तू अकेली नहीं है। तेरे साथ खाला भी यही करती है। वह भी ग़ैर मर्दों से चुदवाने में माहिर है और तेरी बुर चोदी नन्द भी यही करती है। तुम लोगों की हरकतें देख कर मेरी चूत का कबाड़ा हो रहा है। मुझे लण्ड न पकड़ने को मिलता है और न अपनी चूत में पेलने को ? तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी नन्द की चूत, अम्मी जान ? अब मैं और बर्दास्त नहीं कर सकती ?
- अरे यार आदिल, आज तू इस बुर चोदी को अपना लण्ड पकड़ा ही दे। ये तो बिना लण्ड पकड़े यहाँ से जाएगी नहीं। तू चोद डाल मेरे सामने मेरी बिटिया की बुर ? अभी इसने लण्ड पेलवाने का दर्द नहीं झेला है। अब इसे झेलने दे।
मैं अंकल का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। आदिल अंकल मेरी चूँचियाँ भी दबा रहे थे और मेरी चूत भी सहला रहे थे। उसने धीरे से दो ऊँगली मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोला अरे भाभी जान तेरी बेटी की चूत तो एकदम गरम है। बाप रे बाप इसकी चूत में बहुत आग है। वह बोली हां तभी ये भोसड़ी वाली लण्ड खाने के लिए इतनी उतावली हो रही थी। पूरी तरह जवान हो गई है न। अब तो इसकी चूत गरम होगी ही. तो फिर किस बात की देरी ? पेल दे न अपना लौड़ा इसकी चूत में। वह घूमा और लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। चूत भी गीली थी और लण्ड भी गीला था तो उसने गच्च से पेल लिया लण्ड। लण्ड साला चारों तरफ से चिपक कर घुस गया। मैं चिल्ला उठी उई माँ फट गई मेरी बुर बहन चोद। बड़ा मोटा है लण्ड इसका अम्मी जान ? मेरी छोटी सी बुर तो फाड़ के रख देगा ? बड़ा दर्द हो रहा है। वह बोली मैं कह रही थी न की तू अभी इतना मोटा लण्ड झेल नहीं पायेगी पर तूने तो लण्ड के लिए मेरी गांड में दम कर दी। अब तेरी माँ चुद रही है तो चुदे मैं क्या करूं ? अब तो मैं खुद फाड़ूंगी तेरी बुर और रोज़ फाड़ूंगी।
थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैंने चुपके से लौड़ा अपनी चूत से निकाला और उसे अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया। मैंने कहा अगर तू मेरी चूत फाड़ेगी तो मैं तेरा भोसड़ा फाड़ूंगी, अम्मी जान। मैं चोदा चोदी के खेल में तुमसे कम नहीं हूँ। वह बोली हाय अल्लाह तू तो पहले ही दिन से अपनी माँ चुदाने लगी, बेटी तब्बू ? मैंने कहा मैं तुमको यह बताना चाहती हूँ अम्मी जान की अब मैं पूरी तरह जवान हो गई हूँ माँ चुदाने वाली हो गयी हूँ और बड़े बड़े लण्ड पेलवाने वाली भी हो गयी हूँ। अम्मी ने कहा - हाय दईया तू तो बहुत बड़ी हरामजादी निकली। तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैंने कहा - हरामजादी भी है तू अम्मी जान छिनार भी है तू और बेशर्म भीहै तू। तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा अम्मी जान। फिर हम दोनों ने मिलकर अंकल के लण्ड का मज़ा खूब लिया। उस दिन से हम दोनों अक्सर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं।
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गई। सुहागरात में मैंने अपने शौहर से तीन बार चुदवाया जब की मैं चुदी हुई थी। उसी दिन सवेरे सवेरे मेरी नन्द आ गयी वह बोली भाभी जान देखो तेरा शौहर चला गया है अब तू मेरे देवर का लण्ड पकड़ ले। वह बिचारा बड़ी देर से तुम्हे लण्ड पकड़ाने का इंतज़ार कर रहा है। मुझे उस पर तरस आ गया और मैंने उसे बुला लिया। मैंने जैसे ही नंगी नंगी उसका लौड़ा पकड़ा तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ा और बोला भाभी जान तुम बहुत खूबसूरत हो, मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तब तक वह इतने जोश में आ गया की मेरे हाथ में ही झड़ गया।
एक हफ्ते के बाद मैं अपने शौहर के साथ माईके आ गई। मुझसे मिलाने सब लड़कियां बीवियां भाभियाँ आ गयी और बातें करने लगीं। मेरी सुहागरात की बातें, चुदाई की बातें, लण्ड की बातें और लण्ड के साइज की बातें करने लगीं। मैंने सबके सवालों का जबाब दिया।
दूसरे ही दिन रात में मेरे घर में घनघोर चुदाई चल रही थी। घर के सब लोग मिलकर चुदाई कर रहे थे। घर की सारी बीवियां, बेटियां और बहुएं बड़े मजे से चुदवा रहीं थीं। इतने में अचानक मेरी अम्मी जान आ गईं। मैं भी बड़ी रोमांटिक मूड में थी। वासना हम सब पर सवार थी। मैंने उसे देखते ही कहा - अम्मी जान, आओ मेरे मियां के लण्ड पर बैठ जाओ। देखो न मेरी नन्द तेरे मियां के लण्ड पर बैठी है। मैं अपनी नन्द के मियां के लण्ड पे बैठी हूँ। तुम मेरे मियां के लण्ड पे बैठ जाओ। खाला अपने बेटे के लण्ड पे बैठी है और उसकी बेटी अपने देवर के लण्ड पे बैठी है। बड़ा मजेदार सीन है अम्मी जान। ग़ैर मरद के लण्ड पे बैठने का जो मज़ा है वो मज़ा कहीं और नहीं है। देखो न अभी चाचू फूफी की बेटी चोद कर गया है और चाचू की बेटी अपने ससुर से चुदवा कर गयी है। आज की चुदाई अम्मी जान बड़ी मस्त और मजेदार हो रही है। अभी पता नहीं की कौन कौन किस किस के लण्ड पे बैठ जाएगी।
अम्मी ने कहा - हाय अल्लाह तब्बू तू तो बुर चोदी ससुराल जाकर बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो गयी है। मैंने कहा - नहीं अम्मी जान मैं तो पहले भी चुदक्कड़ थी और आज भी हूँ। मैं कई लोगों से इसलिए चुदवाती हूँ क्योंकि सबका चोदने का स्टाइल अलग अलग होता है जैसे लण्ड सबका अलग अलग होता है ? मुझे अधिक से अधिक लोगों से चुदवाने का शौक है। अभी तो मुझे ससुराल में एक ही हफ्ता हुआ है तो ज्यादा लोगों के लण्ड नहीं पकड़ पाई। लेकिन जब इस बार जाऊंगी तो अधिक से अधिक लोगों से चुदवाकर आऊंगी। तब तक अम्मी जान मेरे मियां ताहिर के लण्ड पर बैठ गई। लण्ड अम्मी की चूत में पूरा घुस गया। वह अपन गांड उस पर चक्कर गिन्नी की घुमाने लगीं। मुझे ये देख कर बड़ा अच्छा लगा। अम्मी बोली - तब्बू तेरे मियां का लौड़ा बहुत बड़ा है। देखो न मेरी चूतमे बहुत दूर तक घुस गया है। आज तो ये मेरा भोसड़ा फाड़ डालेगा। और तू भी नहीं बचा पायेगी। तू इतनी बड़ी बेशर्म निकलेगी मुझे नहीं मालूम था। सरे आम तू अपनी माँ का भोसड़ा अपने शौहर से चुदवा रही है। तेरी माँ की चूत भोसड़ी वाली ?
मुझे अम्मी की बातो ने और उत्तेजित कर दिया। अम्मी फिर थोड़ा झुकीं और बार बार अपने चूतड़ उठा उठा के पटकने लगीं। वह एक मरद की तरह मेरे मियां का लण्ड चोदने लगी। इधर मुझे नंदोई का लण्ड चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था। पहली बार इसका लौड़ा मेरी बुर में घुसा था। और मैं यह देख देख कर मज़ा ले रही थी की मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड कितनी मस्ती से चोद रही है।
वह बोली - भाभी जान, तेरे अब्बू का लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से मोटा है और बड़ा सख्त है। मैंने कहा - यार तू मेरे अब्बू से चुदवा रही है पर मैंने तेरेअब्बू से नहीं चुदवाया। अबकी बार जब भी जाऊंगी तो तेरे अब्बू से चुदवाकर ही वापस आऊंगी। उधर मेरी खाला जान अपने ही बेटे के लण्ड पर बैठी हुई चुदवा रहीं थीं। उसने कहा देखो तब्बू मेरा बेटा अब जवान हो गया है। पूरा मर्द बन गया है और अब उससे चुदवाने में कोई हर्ज़ नहीं है। खाला तो उसके लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लूट रही थी। खाला जान की बेटी अपने देवर से भकाभक चुदवाने लगी। उसने अपना मुंह उसकी टांगों की तरफ किया था और अपने हाथों को नीचे जमीन पर टिका लिया था। बस वह अपनी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी।
कुछ देर बाद नंदोई मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठा। लण्ड मेरी चूत में घुसा के चोदने लगा। मेरा अब्बू
वह बड़ी मस्ती से बोली - तब्बू तेरी माँ का भोसड़ा तूने मुझे पहले क्यों नहीं बताया की तेरे अब्बू का लौड़ा इतना हैंडसम और मोटा तगड़ा है ?
उसने लण्ड सीधे अपनी चूत में घुसा लिया। मैंने उसके देवर का लण्ड पकड़ा और उसे बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला फुफकारने लगा।
मैंने कहा - यार शमा (खाला की बेटी का नाम) तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। तेरी माँ की बेटी की बुर, बहू की गांड ?
वह बोली - इतनी गालियां क्यों दे रही है तू मुझे ? मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है ?
मैंने कहा - तेरे देवर का लण्ड साला इतना बड़ा और सख्त है, इतना खूबसूरत और मोटा है तूने इसे मुझे पहले क्यों नहीं पकड़ाया। मेरी चूत में पहले क्यों नहीं पेला ? मेरी माँ के भोसड़ा में इसे क्यों नहीं ठोका ?
वह बोली - अब ठोकूंगी उसका लण्ड तेरी भी चूत में और तेरी माँ की भी चूत में ? इसके बाद कल जब मेरा शौहर आएगा तो उसका भी लौड़ा मैं तुम दोनों की चूत में घुसा दूँगी। मैं मादर चोद बहुत बड़ी हरामी चीज हूँ। जो मेरी बुर में एक लण्ड पेलता है तो मैं उसकी बुर में दो लण्ड पेल देती हूँ।
तब तक मैंने देखा की मेरी चाचा जान की बेटी किसी का लण्ड पकड़े पकड़े आयी और बोली तब्बू कहाँ है तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं अपने ससुर का लण्ड पेल कर आज उसका भोसड़ा चोदूँगी। वह मेरी अम्मी की तरफ बढ़ी और अम्मी के भोसड़ा में अपने ससुर का लण्ड दिया और उसकी बुर से नंदोई का लण्ड निकाल कर अपनी बुर में घुसा लिया। उसकी इस मस्तानी हरकत से माहौल में और गर्मी आ गयी। कुछ देर बाद मेरी फूफी जान भी नंगी नंगी अपने बेटे का लण्ड पकड़े हुए आ गयी और बोली तब्बू कहाँ है तेरी बहन चोद बुर ? उसने अपने बेटे का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और शमा के देवर का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। वह भी मस्ती से हमारी चुदाई में शामिल हो गयी।
इस तरह हम सब रात भर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदवाती रही। =
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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