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लंड चूसने वाली महिला रहती है स्वस्थ - Land chusne wali mahila rahti hai nirog
लंड चूसने वाली महिला रहती है स्वस्थ - Land chusne wali mahila rahti hai nirog , लंड का आशीर्वाद निरोगी काया , लिंग को चाटो चूमो चुसो मिटाओ सारे रोग , लंड की महिमा अपार है , लंड बाबा कमाल करते है.
बेटी सानिया, एक बात सुनो लण्ड सिर्फ बुर चोदने का औजार ही नहीं है, लण्ड तो एक ऐसी अचूक दवा है जो हर तरह का मर्ज़ ठीक कर देता है। मर्ज़ चाहे मानसिक हो या शारीरिक लण्ड से चुटकी बजाते ही ठीक हो जाता है। इसलिए जो औरतें लण्ड से प्यार करतीं हैं, लण्ड से मोहब्बत करतीं हैं, लण्ड को पुचकारतीं हैं, लण्ड चूमती हैं और चूसतीं हैं और नंगी होकर लण्ड अपने मुंह में और बुर में पेलतीं हैं वो सब हमेशा स्वस्थ रहतीं हैं। उन्हें कभी कोई बिमारी नहीं होती ? इसके साथ साथ वे लण्ड की खूब बातें करतीं हैं, लण्ड के साइज की बातें करतीं हैं। खूब गन्दी गन्दी गालियां मुंह से निकालती हैं और हमेशा बोल्ड बनी रहतीं हैं उन्हें कोई बिमारी नहीं होती ? जो बेटियां जवान होते ही अपनी माँ चुदाने लगती है अपनी माँ के आगे लोगों के लण्ड पकड़ने लगती है उन्हें कभी कोई बीमारी नहीं होती ? इसलिए मैं सबको मशविरा देती हूँ की तुम लोग सबके लण्ड पकड़ा करो रोज़ पकड़ा करो, सबके लण्ड के साथ खूब खेला करो, पेला करो लण्ड अपनी चूत में अपनी माँ के भोसड़ा में ? ताकि तुम भी स्वस्थ रहो और तुम्हारी माँ भी स्वस्थ रहे। मैंने अम्मी जान की बातें बड़े ध्यान से सुन लीं। उस समय मैं भी 18 + की हो गयी थी। मैं अम्मी के आगे गाली बकने लगी थी लेकिन अभी तक कोई लौड़ा मैंने कभी अपनी अम्मी के भोसड़ा में नहीं पेला नहीं पेला।अम्मी जान ने आज जो जो बातें कहीं उससे साफ़ ज़ाहिर हो रहा था वह चाहती हैं की मैं उसके भोसड़ा में लण्ड पेलूं। मैंने मन बना भी लिया था। बस मैं किसी अच्छे दिन के तलाश में थी। तभी अचानक मेरे पड़ोस की रहीमा आंटी आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी हिबा थी। हिबा लगभग 20 साल की थी। मैं भी अम्मी जान के साथ बैठी हुई थी। बातें होने लगीं।
- बातों ही बातों में आंटी ने कहा यार नफीसा मेरी बेटी के मुंह में हमेशा कोई न कोई छाला पड़ा रहता है। इससे इसे खाने में तकलीफ होती है बोलने में तकलीफ होती है। पेट भी साफ़ नहीं रहता। मैंने बहुत दवा बह की लेकिन कोई ख़ास फायदा नहीं हुआ।
- अम्मी जान ने कहा - अच्छा ये बात है तो मैं कुछ सवाल तेरी बेटी से करना चाहती हूँ।
- वह बोली - हां बिलकुल कर लो। ये तो तेरे सामने ही बैठी है।
- अम्मी ने पूंछा - हिबा तुम मेरे सवालों का सही सही जबाब देना और खुल कर देना तुम अपनी अम्मी से शर्माना नहीं। और न तेरी अम्मी बुर चोदी शरमायेगी। मेरा पहला सवाल यह है की तुम्हे जवान हुए 2 साल हो गएँ हैं। तुमने अभी तक कितने लण्ड पकड़े हैं ?
- वह कुछ ठिठक कर बोली अभी तक सिर्फ दो ही पकड़े हैं।
- क्या पकड़ें हैं ? ये भी तो बताओ।
- 'लण्ड' पकड़ें हैं।
- वो लण्ड कितने बड़े बड़े थे ? उनके साइज क्या थे ?
- मैंने उन्हें अँधेरे में पकड़ा हैं इसलिए उनके साइज नहीं बता सकती।
- तो तूने कभी उजाले में कोई भी लण्ड नहीं पकड़ा ?
- जी नहीं कभी नहीं पकड़ा ?
- कभी किसी ने तेरी बुर चाटी है ?
- नहीं अभी तक किसी ने भी नहीं चाटी मेरी बुर ?
- तुझे गाली देना आता है ?
- हां थोड़ा थोड़ा ही आता है।
- तो फिर सुनाओ मुझे गालियां।
- मादर चोद, बहन चोद, चूतिया, भोसड़ी वाला बस ?
- कभी माँ चुदाने की कोशिश की ?
- कभी नहीं की हांलाकि मेरी सभी दोस्त अपनी अपनी माँ चुदाने के किस्से सुनाती हैं और मैं बस सुन लेती हूँ। कुछ बोलती नहीं।
- अम्मी ने कहा रहीमा यार यही कारन है की तेरी बेटी को बीमारियां हैं। सारी बिमारियों की दवाई है लण्ड और लण्ड ? इसे लण्ड खूब पकड़ाओ और पिलाओ। एक लण्ड सवेरे पिलाओ, एक लण्ड दोपहर में और एक लण्ड शाम को पिलाओ। इसी से लण्ड मुठ्ठ मरवाओ और फिर इसे लण्ड का वीर्य पिलाओ और सुपाड़ा चटवाओ। तीन दिन बाद फिर मेरे पास आना। मैं बताऊंगी की आगे क्या करनाहै ।
- वह बोली - यार नफीसा, क्या यहाँ कोई लण्ड का इंतज़ाम हो सकता है ?
- ठीक है यहीं बैठो मैं कुछ करती हूँ।
वह बोली तो ऐसा करो नफीसा बेगम तुम आज ही इसकी चुदाई का इंतज़ाम कर दो। अम्मी ने कहा ठीक है मैं कुछ करती हूँ। अम्मी ने फोन करके अपने देवर यानी मेरे चचा जान को बुला लिया। जा वह आ गया तो अम्मी ने कहा देवर जी ये करीना की बहू है। एक महीने से चुदी नहीं है। तुम इसे यहीं मेरे सामने चोदो। मैं इसे चुदवा चुदवा कर इसकी बिमारी ठीक कर दूँगी। चचा तो चाहता ही यही था। उसने करीना की बहू को अपनी तरफ खींच लिया और उसकी खूब चुम्मियाँ लीं, उसकी चूँचियाँ दबायीं और उसकी सलवार के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। फिर उसे उसकी अम्मी के आगे नंगी कर दिया। तब तक अम्मी जान ने खुद चचा का लण्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगी. लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। मैं लण्ड देख कर हैरान भी ही और खुश भी। लण्ड साला 8" से भी बड़ा था। अम्मी जान ने लण्ड करीना को पकड़ा दिया और कहा ले भोसड़ी वाली करीना इसे अपनी बहू की बुर में घुसा दे। आज तू मेरे सामने चोद ले अपनी बहू की बुर। तब एक अचानक मेरी खाला का बेटा आलम आ गया। अम्मी उसे और मुझे लेकर रहीमा आंटी के पास चली गई।
वहां मैंने देखा की मेरा भाई जान अपना लण्ड हिबा के मुंह में पेला हुआ है। मैं पहली बार भाई जान का लण्ड देख रही थी। लण्ड देख कर मैं गरमा गयी। मेरी चूत में आग लग गयी। मैं सोंचने लगी की काश ! यह मुंह मेरा होता जिसमे भाई जान का लण्ड घुसा है ? लण्ड मोटा भी था और लंबा भी। पर एक बात मेने मन में आयी की जब अम्मी जान और भाई जान दोनों एक दूसरे को नंगी देख रहें यहीं तो अम्मी भाई जान का लण्ड जरूर पकड़ती होंगी। और जब अम्मी भाई जान का लण्ड पकड़ सकतीं हैं तो मैं क्यों नहीं। मेरे अम्न में यही सब आ रहा था तब तक अम्मी ने मुझे खाला के बेटे आलम का लौड़ा पकड़ा दिया और बोली ले बुर चोदी सानिया तू भी ले ले लण्ड का मज़ा। मैं तो ये चाहती ही थी। मैं आलम का लौड़ा हिलाने लगी और तब उसने मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। मैं नंगी नंगी और मस्ती से आलम का लण्ड पीने लगी। मैंने यह भी एहसास किया अब हिबा धीरे धीरे बेशर्म होती जा रही है। क्योंकि उसकी अम्मी रहीमा आंटी नंगी नंगी भाई जान के पेल्हड़ सहला रही थी और बीच बीच में अपने बेटी के साथ लण्ड चाट भी रही थी।
रहीमा आंटी बोली - बुर चोदी हिबा देख रही है न तू अपनी माँ का भोसड़ा ?
हिबा बोली - हां देख रही हूँ अम्मी जान। और तू भी देख रही है न अपनी बिटिया की बुर।
हिबा सच में लण्ड पाकर बहुत खुश थी।
आंटी फिर बोली - बेटी हिबा, तेरी माँ की बेटी की चूत ?
हिबा बोली - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
फिर मैंने देखा की हिबा बड़ी मस्ती से भाई जान के लण्ड का मुठ्ठ मार रही है।
इधर मैं भी नंगी नंगी आलम के लण्ड का मुठ्ठ मार रही थी। भाई जान का लण्ड वाकई फूल कर बहुत मोटा हो गया ॉरीधर आलम का लौड़ा भी फूलता जा रहा था। मैं दोनों लण्ड देख कर मज़ा ले रही थी। मेरी अम्मी जान भी बहुत खुश थी और रहीमा आंटी भी। इतने में लण्ड ने उगल दिया वीर्य हिबा के मुंह में। हिबा उसे गटक गई फिर जबान निकल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। रहीमा आंटी बोली हां बेटी ले खूब अच्छी तरह चाट ले लण्ड। आज एक लण्ड दिया है तुझे कल तीन तीन लण्ड दूँगी। एक बात मैंने देखा की हिबा के चेहरे पर चमक आ गई। इधर आलम का लौड़ा भी झड़ने वाला था। मैं भी बड़ी मस्ती से लण्ड का सड़का मार रही थी। अम्मी जान शायद पहली बार मुझे लण्ड का सड़का मारते हुए देख रहीं थीं। उसके चेहरे पर मुस्कान थी। और तभी आलम के लण्ड ने गिरा दिया वीर्य मेरे मुंह में। मैं भी हिबा की तरह सारा वीर्य पी गयी। मुझे भी लण्ड पीना अच्छा लगता है। मैंने तो पेल्हड़ भी उसी तरह से चाटे जैसे लण्ड का सुपाड़ा।
रहीमा जब जाने लगी तो अम्मी ने कहा नहीं अभी मत जाओ। रुको और थोड़ा आराम करो। हम सब नंगे नंगे ही बैठ गये। बातें करने लगे और तब तक अम्मी ने सबका नास्ता का इंतज़ाम भी कर दिया। नंगी नंगी नास्ता करना और खाना खाना बड़ा अच्छा लगता है। दूसरी पारी में अम्मी ने आलम का लौड़ा हिबा को पकड़ा दिया और मुझे अपने भाई जान का ही लौड़ा पकड़ा दिया। मैं सच में चाहती भी यही थी। इतने में चचा जान भी आ गया। उसका लौड़ा एकदम तना हुआ था। वह अम्मी से बोला - भाभी जान, मैंने करीना की बहू को चोद चोद कर उसके घर भेज दिया। मैंने उस दो बार चोदा। फाड़ दी उसकी बुर। उसकी सास जाते जाते बोली मैं अपनी बहू की रात भर फाड़ूंगी तब इसके होश ठिकाने आयेंगें। 3/4 लण्ड तो पेल ही दूँगी इसकी चूत में। उसके जाने के बाद मैं यहाँ चला आया। अब मेरा मन तेरा भोसड़ा चोदने का हो रहा है भाभी जान। बहुत दिन हो गए तेरा भोसड़ा नहीं चोदा। अम्मी ने कहा अच्छा तो ले चोद ले मेरा भोसड़ा ?
अम्मी चचा जान से चुदवाने लगीं। मैं भाई जन से चुदवाने लगी और तभी अम्मी ने इशारा तो हिबा ने आलम का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। रहीमा बोली हाय मेरी बेटी हिबा अब तो तू बुर चोदी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने लगी। अब तू हो गयी है भोसड़ी वाली पूरी बेशरम ? हिबा बोली हां मैं बेशर्म हो गयी हूँ। जिसकी माँ बुर चोदी इतनी बेशरम होगी तो बेटी तो हो ही जाएगी बेशर्म। अम्मी जान ने कहा बेटी हिबा तुन इ बहुत अच्छा लिया। एक बात तू समझ ले की जो लड़की अपनी माँ चुदवा लेती है, अपनी माँ का भोसड़ा चोद लेती है वह बहन चोद सारी दुनिया की माँ बहन चोद सकती है। वह इतनी बोल्ड हो जाती है की उससे सबकी गांड फटती है और वह कहीं भी जाकर अपना काम मिनटों में करा लेती है। आज तूने अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है कल अपने अब्बू का लण्ड चोदना। उसका झड़ता हुआ लण्ड पीना। फिर कुनबे के 2/3 लण्ड और पीना। बस दो दिन में ही तेरी सारी बिमारी ठीक हो जाएगी।
कुछ देर बाद अम्मी ने फिर इशारा किया तो रहीमा ने लण्ड हिबा की बुर में घुसा दिया और बोली तू भोसड़ी वाली
अपनी माँ चुदा सकती है तो मैं भी अपनी बेटी चुदा सकती हूँ। इस तरह मैं भी चुदने लगी, अम्मी जान भी चुदने लगी हिबा भी चुदने लगी। उधर रहीमा आंटी बीच बीच में लण्ड अपनी बेटी की बुर से निकाल निकाल कर चाटने लगीं। पूरा कमरा चुदाई से भर गया। मैं पहली बार अपने भाई जान से चुदवा रही थी और बड़े मजे से चुदवा रही थी। थोड़ी देर में भाई जान ने लौड़ा अम्मी जान की चूत में पेल दिया। अम्मी भी धच्च धच्च चुदवाने लगी। आलम ने लण्ड रहीमा आंटी की बुर में घुसा दिया। आंटी भी मस्ती से चुदवाने में जुट गयी और फिर चचा जान ने लण्ड मेरी चूत में पेला तो मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी। सबके साथ मिलकर चुदाई करने में वाकई बड़ा मज़ा आता है। अम्मी ने जो बात कही थी की लण्ड सारी बिमारी की दवा है वह वाकई सही है। मेरे कुनबे में कोई बीमार नहीं है। सब मस्त हैं और स्वस्थ हैं। लण्ड का यह करिश्मा आज मुझे मालूम हुआ। चचा जान जब झड़ने वाला था तो मैंने, लण्ड हिबा के मुंह में घुसा दिया। तो उसने चचा जान का लण्ड पिया। फिर भाई जान ने भी अपना झड़ता हुआ लण्ड हिबा के मुंह में डाला तो वह उसका भी वीर्य पी गयी और बाद में आलम ने भी अपना झाड़ता हुआ लौड़ा हिबा को पिला दिया। हिबा बुर चोदी तीन तीन लण्ड पीकर मस्त हो गयी।
दो दिन बाद हिबा फिर अपनी अम्मी रहीमा आंटी के साथ आयी।
आंटी बोली - अरे नफीसा तेरी दवाई ने तो बड़ा काम कर दिया , मैंने दो दिन तक हिबा को खूब लण्ड पिलाया। कुनबे के कई लण्ड हिबा पी गई. एक से एक बेहतरीन और नये नये लण्ड थे। अब तो हिबा के मुंह का छाला गायब हो गया। उसक पेट भी साफ हो गया और उसके चेहरे पर भी चमक आ गई। कमजोरी भी दूर हो गई। सबसे बड़ी बात यह की इसकी चूँचियाँ बाहन चोद दो दिन में ही बढ़ गईं। तब एक करीना भी अपनी बहू के साथ आ गयी . वह बोली हाय नफीसा अब तो मेरी बहू बहुत मस्त हो गयी यार। उसकी सारी कमजोरी दूर हो गयी। सिर दर्द गायब हो गया। एकदम बेशरम हो गयी बुर चोदी। मुझसे कहती है - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा । और अपनी नन्द से कहती है - तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैंने भी कहा - तेरी सास की बहू की चूत। तेरी बुर चोदी नन्द की बुर। अब तो सच में हम सबको आ रहा है जवानी का असली मज़ा।
एक दिन मैं अपनी अम्मी के साथ बैठी थी तभी एक आदमी आया और बोला नफीसा मैडम मुझे मालूम हुआ है की आप मानशिक रोगियों को भी ठीक कर देतीं हैं। मेरी बीवी है सरिता जिसकी मानसिक स्थित ठीक नहीं है। वह हर बात पर झुंझलाती है बरबराती है काम कुछ नहीं करती ऊट पटांग बोलती है। मैं उससे बहुत परेशान हूँ। आप इसे ज़रा देख ले प्लीज। अम्मी जान ने उसे देखा और अच्छी तरह देखा और कहा अच्छा तुम इसे बाहर बैठाकर मेरे पास आओ। जब वह आया तो अम्मी ने कहा देखो सुमन मैं जो कह रही हूँ उसका बुरा मत मानना। तुम अपनी बीवी की बुर में लण्ड पेलो। लण्ड ही इसकी असली दवाई है। लेकिन अपना लण्ड नहीं ? अपने दोस्तों के लण्ड इसकी बुर में पेलो और इसको यह ज़ाहिर न होने देना की दोस्त तुम्हारे कहने पर तुम्हारी बीवी चोदते हैं। अपनी बीवी अपने दोस्तों से खूब चुदवाओ और चोरी छिपे चुदवाओ। जब इसकी चूत में 2 /3 लण्ड रोज़ घुसेंगें तो ये अपने आप ठीक हो जाएगी, सुमन बोला लेकिन मैं अपनी किसी से चुदवाऊँ ये कैसे हो सकता है ? अम्मी ने कहा तुम हिन्दू हो और तुम्हारे यहाँ चुदाई में बड़ा कण्ट्रोल होता है। अगर तुम मुस्लिम होते तो मैं तेरी बीवी की बुर मेंअभी यहीं पर २/३ लण्ड पेल देती। मैं तुमको तरीका बता रही हूँ . देखो तुम भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदना चाहते होंगे। बस उस आदमी को पकड़ो जिसकी बीवी तुम चोदना चाहते हो। उसके पति से अपनी बीवी चुदवाओ। फिर उसकी बीवी से अपनी नजदीकियां बढ़ाओ वह भी तुमसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाएगी। इससे तुम्हे भी मज़ा मिलेगा और तेरी बीवी अच्छी तरह ठीक हो जाएगी। वह चला गया.
एक महीने के बाद वह आया और बोला मैडम बड़ी ख़ुशी की बात है की मेरी बीवी पूरी तरह ठीक हो गयी है। अब तो खुले आम मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ और दोस्त मेरी बीवी चोदते हैं। अम्मी जान ने कहा बड़ी अच्छी बात है। अब तुम मेरी बेटी को मेरे सामने चोदो फिर जाओ। मैंने जब सुमन अंकल का लण्ड नंगा किया तो उसे देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गयीं। लण्ड साला 9" का था और मोटा 5" से ज्यादा। मैंने फिर खूब मजे से भकाभक चुदवाया।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
वहां मैंने देखा की मेरा भाई जान अपना लण्ड हिबा के मुंह में पेला हुआ है। मैं पहली बार भाई जान का लण्ड देख रही थी। लण्ड देख कर मैं गरमा गयी। मेरी चूत में आग लग गयी। मैं सोंचने लगी की काश ! यह मुंह मेरा होता जिसमे भाई जान का लण्ड घुसा है ? लण्ड मोटा भी था और लंबा भी। पर एक बात मेने मन में आयी की जब अम्मी जान और भाई जान दोनों एक दूसरे को नंगी देख रहें यहीं तो अम्मी भाई जान का लण्ड जरूर पकड़ती होंगी। और जब अम्मी भाई जान का लण्ड पकड़ सकतीं हैं तो मैं क्यों नहीं। मेरे अम्न में यही सब आ रहा था तब तक अम्मी ने मुझे खाला के बेटे आलम का लौड़ा पकड़ा दिया और बोली ले बुर चोदी सानिया तू भी ले ले लण्ड का मज़ा। मैं तो ये चाहती ही थी। मैं आलम का लौड़ा हिलाने लगी और तब उसने मुझे बिलकुल नंगी कर दिया। मैं नंगी नंगी और मस्ती से आलम का लण्ड पीने लगी। मैंने यह भी एहसास किया अब हिबा धीरे धीरे बेशर्म होती जा रही है। क्योंकि उसकी अम्मी रहीमा आंटी नंगी नंगी भाई जान के पेल्हड़ सहला रही थी और बीच बीच में अपने बेटी के साथ लण्ड चाट भी रही थी।
हिबा बोली - हां देख रही हूँ अम्मी जान। और तू भी देख रही है न अपनी बिटिया की बुर।
हिबा सच में लण्ड पाकर बहुत खुश थी।
आंटी फिर बोली - बेटी हिबा, तेरी माँ की बेटी की चूत ?
हिबा बोली - अम्मी जान, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ?
फिर मैंने देखा की हिबा बड़ी मस्ती से भाई जान के लण्ड का मुठ्ठ मार रही है।
इधर मैं भी नंगी नंगी आलम के लण्ड का मुठ्ठ मार रही थी। भाई जान का लण्ड वाकई फूल कर बहुत मोटा हो गया ॉरीधर आलम का लौड़ा भी फूलता जा रहा था। मैं दोनों लण्ड देख कर मज़ा ले रही थी। मेरी अम्मी जान भी बहुत खुश थी और रहीमा आंटी भी। इतने में लण्ड ने उगल दिया वीर्य हिबा के मुंह में। हिबा उसे गटक गई फिर जबान निकल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। रहीमा आंटी बोली हां बेटी ले खूब अच्छी तरह चाट ले लण्ड। आज एक लण्ड दिया है तुझे कल तीन तीन लण्ड दूँगी। एक बात मैंने देखा की हिबा के चेहरे पर चमक आ गई। इधर आलम का लौड़ा भी झड़ने वाला था। मैं भी बड़ी मस्ती से लण्ड का सड़का मार रही थी। अम्मी जान शायद पहली बार मुझे लण्ड का सड़का मारते हुए देख रहीं थीं। उसके चेहरे पर मुस्कान थी। और तभी आलम के लण्ड ने गिरा दिया वीर्य मेरे मुंह में। मैं भी हिबा की तरह सारा वीर्य पी गयी। मुझे भी लण्ड पीना अच्छा लगता है। मैंने तो पेल्हड़ भी उसी तरह से चाटे जैसे लण्ड का सुपाड़ा।
रहीमा जब जाने लगी तो अम्मी ने कहा नहीं अभी मत जाओ। रुको और थोड़ा आराम करो। हम सब नंगे नंगे ही बैठ गये। बातें करने लगे और तब तक अम्मी ने सबका नास्ता का इंतज़ाम भी कर दिया। नंगी नंगी नास्ता करना और खाना खाना बड़ा अच्छा लगता है। दूसरी पारी में अम्मी ने आलम का लौड़ा हिबा को पकड़ा दिया और मुझे अपने भाई जान का ही लौड़ा पकड़ा दिया। मैं सच में चाहती भी यही थी। इतने में चचा जान भी आ गया। उसका लौड़ा एकदम तना हुआ था। वह अम्मी से बोला - भाभी जान, मैंने करीना की बहू को चोद चोद कर उसके घर भेज दिया। मैंने उस दो बार चोदा। फाड़ दी उसकी बुर। उसकी सास जाते जाते बोली मैं अपनी बहू की रात भर फाड़ूंगी तब इसके होश ठिकाने आयेंगें। 3/4 लण्ड तो पेल ही दूँगी इसकी चूत में। उसके जाने के बाद मैं यहाँ चला आया। अब मेरा मन तेरा भोसड़ा चोदने का हो रहा है भाभी जान। बहुत दिन हो गए तेरा भोसड़ा नहीं चोदा। अम्मी ने कहा अच्छा तो ले चोद ले मेरा भोसड़ा ?
अम्मी चचा जान से चुदवाने लगीं। मैं भाई जन से चुदवाने लगी और तभी अम्मी ने इशारा तो हिबा ने आलम का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दिया। रहीमा बोली हाय मेरी बेटी हिबा अब तो तू बुर चोदी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने लगी। अब तू हो गयी है भोसड़ी वाली पूरी बेशरम ? हिबा बोली हां मैं बेशर्म हो गयी हूँ। जिसकी माँ बुर चोदी इतनी बेशरम होगी तो बेटी तो हो ही जाएगी बेशर्म। अम्मी जान ने कहा बेटी हिबा तुन इ बहुत अच्छा लिया। एक बात तू समझ ले की जो लड़की अपनी माँ चुदवा लेती है, अपनी माँ का भोसड़ा चोद लेती है वह बहन चोद सारी दुनिया की माँ बहन चोद सकती है। वह इतनी बोल्ड हो जाती है की उससे सबकी गांड फटती है और वह कहीं भी जाकर अपना काम मिनटों में करा लेती है। आज तूने अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है कल अपने अब्बू का लण्ड चोदना। उसका झड़ता हुआ लण्ड पीना। फिर कुनबे के 2/3 लण्ड और पीना। बस दो दिन में ही तेरी सारी बिमारी ठीक हो जाएगी।
कुछ देर बाद अम्मी ने फिर इशारा किया तो रहीमा ने लण्ड हिबा की बुर में घुसा दिया और बोली तू भोसड़ी वाली
दो दिन बाद हिबा फिर अपनी अम्मी रहीमा आंटी के साथ आयी।
आंटी बोली - अरे नफीसा तेरी दवाई ने तो बड़ा काम कर दिया , मैंने दो दिन तक हिबा को खूब लण्ड पिलाया। कुनबे के कई लण्ड हिबा पी गई. एक से एक बेहतरीन और नये नये लण्ड थे। अब तो हिबा के मुंह का छाला गायब हो गया। उसक पेट भी साफ हो गया और उसके चेहरे पर भी चमक आ गई। कमजोरी भी दूर हो गई। सबसे बड़ी बात यह की इसकी चूँचियाँ बाहन चोद दो दिन में ही बढ़ गईं। तब एक करीना भी अपनी बहू के साथ आ गयी . वह बोली हाय नफीसा अब तो मेरी बहू बहुत मस्त हो गयी यार। उसकी सारी कमजोरी दूर हो गयी। सिर दर्द गायब हो गया। एकदम बेशरम हो गयी बुर चोदी। मुझसे कहती है - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा । और अपनी नन्द से कहती है - तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैंने भी कहा - तेरी सास की बहू की चूत। तेरी बुर चोदी नन्द की बुर। अब तो सच में हम सबको आ रहा है जवानी का असली मज़ा।
एक दिन मैं अपनी अम्मी के साथ बैठी थी तभी एक आदमी आया और बोला नफीसा मैडम मुझे मालूम हुआ है की आप मानशिक रोगियों को भी ठीक कर देतीं हैं। मेरी बीवी है सरिता जिसकी मानसिक स्थित ठीक नहीं है। वह हर बात पर झुंझलाती है बरबराती है काम कुछ नहीं करती ऊट पटांग बोलती है। मैं उससे बहुत परेशान हूँ। आप इसे ज़रा देख ले प्लीज। अम्मी जान ने उसे देखा और अच्छी तरह देखा और कहा अच्छा तुम इसे बाहर बैठाकर मेरे पास आओ। जब वह आया तो अम्मी ने कहा देखो सुमन मैं जो कह रही हूँ उसका बुरा मत मानना। तुम अपनी बीवी की बुर में लण्ड पेलो। लण्ड ही इसकी असली दवाई है। लेकिन अपना लण्ड नहीं ? अपने दोस्तों के लण्ड इसकी बुर में पेलो और इसको यह ज़ाहिर न होने देना की दोस्त तुम्हारे कहने पर तुम्हारी बीवी चोदते हैं। अपनी बीवी अपने दोस्तों से खूब चुदवाओ और चोरी छिपे चुदवाओ। जब इसकी चूत में 2 /3 लण्ड रोज़ घुसेंगें तो ये अपने आप ठीक हो जाएगी, सुमन बोला लेकिन मैं अपनी किसी से चुदवाऊँ ये कैसे हो सकता है ? अम्मी ने कहा तुम हिन्दू हो और तुम्हारे यहाँ चुदाई में बड़ा कण्ट्रोल होता है। अगर तुम मुस्लिम होते तो मैं तेरी बीवी की बुर मेंअभी यहीं पर २/३ लण्ड पेल देती। मैं तुमको तरीका बता रही हूँ . देखो तुम भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदना चाहते होंगे। बस उस आदमी को पकड़ो जिसकी बीवी तुम चोदना चाहते हो। उसके पति से अपनी बीवी चुदवाओ। फिर उसकी बीवी से अपनी नजदीकियां बढ़ाओ वह भी तुमसे चुदवाने के लिए तैयार हो जाएगी। इससे तुम्हे भी मज़ा मिलेगा और तेरी बीवी अच्छी तरह ठीक हो जाएगी। वह चला गया.
एक महीने के बाद वह आया और बोला मैडम बड़ी ख़ुशी की बात है की मेरी बीवी पूरी तरह ठीक हो गयी है। अब तो खुले आम मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ और दोस्त मेरी बीवी चोदते हैं। अम्मी जान ने कहा बड़ी अच्छी बात है। अब तुम मेरी बेटी को मेरे सामने चोदो फिर जाओ। मैंने जब सुमन अंकल का लण्ड नंगा किया तो उसे देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गयीं। लण्ड साला 9" का था और मोटा 5" से ज्यादा। मैंने फिर खूब मजे से भकाभक चुदवाया।
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