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सगे भाई बहन ग्रुप सेक्स के खेल में - Bhai ne sagi bahan ko choda
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मैं राज गर्ग दिल्ली रहता हूँ और अपने बिज़नस के अलावा मेरा एक छोटा सा स्विंगर्स क्लब यानि वाइफ़ स्वैपिंग क्लब भी है। हम अपने क्लब में जब मीटिंग करते हैं तो, सभी क्लब मेम्बर्स आपस में अपने अपने पति और पत्नी बदल कर सेक्स करते हैं।
मेरे अलावा 4-5 कपल्स और हैं, हम सब एक साथ बैठते हैं, बातें करते हैं, खाते पीते हैं, फिर बाद में जिसको जो भी अच्छा लगे या अच्छी लगे, उसके साथ सबके सामने, सबके साथ सेक्स करते हैं।
मेरी बीवी मेरे सामने क्लब के हर एक मेम्बर से सेक्स कर चुकी है और मैं अपनी बीवी के सामने अपने क्लब की हर एक औरत को चोद चुका हूँ। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
हमारे एक बड़े सम्माननीय क्लब मेम्बर हैं, अग्रवाल साहब… वो मेरी बीवी के बड़े दीवाने हैं, जब भी मौका मिलता है, वो शशि से अगर सेक्स नहीं करते तो अश्लील छेड़छाड़ ज़रूर करते हैं।
और क्लब में इस बात का कोई ऐतराज भी नहीं करता कि बात करते करते अगर आप किसी और की बीवी के कूल्हों पे या चुची पर हाथ फेर रहे हैं, या फिर फिर आपकी बीवी को कोई और मर्द बाहों में लेकर खड़ा है।
औरतें खुल कर अपनी सेक्स फ़ंतासियाँ सबसे डिस्कस कर रही हैं। एक दूसरे से गंदी बातें, गंदे इशारे क्लब में सब जायज़ है।
ऐसे ही एक दिन मुझे एक ईमेल आई, उसमें एक मियां बीवी हमारा क्लब जॉइन करना चाहते थे।
मैंने क्लब का प्रेसिडेंट होने के नाते उनको क्लब के सारे नियम कायदे समझाये, क्लब की फीस बताई, करने और न करने वाली सब बातें समझाई।
अगले दिन दोनों मियां बीवी मुझे मेरे घर पर मिलने आए, हम दोनों पति पत्नी ने उनका स्वागत किया।
थोड़ी औपचारिक बातचीत के बाद मैंने मुद्दे पर आना ठीक समझा और उन दोनों से पूछा- तो जैसा आप जानते हैं कि हमारे क्लब में अपनी अपनी बीवियाँ बदल कर या यूं कहें कि अपने अपने पति बदल कर एक दूसरे के साथ सेक्स किया जाता है, इसमें कोई शर्म लिहाज नहीं किया जाता। आपसे भी कोई आकर पूछ सकता है, क्या मैं आपकी पत्नी या पति से सेक्स कर सकता हूँ/ सकती हूँ। इसमें आप बुरा नहीं मान सकते।
मगर किसी भी क्लब मेम्बर को आप जलील नहीं कर सकते, चाहे उसकी परफॉर्मेंस कैसी भी हो, आप किसी के साथ गाली गलौच या मार पीट भी नहीं कर सकते। सभी मामले सभी ग्रुप मेम्बर्स आपस में बैठ कर सुलझाते हैं।
आपको इस क्लब को जॉइन करने के लिए अपने पूरे होशो हवास में बिना किसी भी दबाव के अपनी रजामंदी देनी होगी, आप क्लब को कभी भी छोड़ सकते हैं, बस एक बार जमा करवाई गई फीस वापिस नहीं मिलेगी।
क्लब छोड़ कर बाहर आप किसी से भी कभी भी इस क्लब के बारे में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं कह सकते, मतलब क्लब का किसी भी बात में ज़िक्र तक नहीं करेंगे।
तो क्या मैडम आप इस के लिए राज़ी हैं?
वो बोली- जी, मैं पूरी तरह से राज़ी हूँ।
मैंने फिर पूछा- तो क्या सर आप इसके लिए राज़ी हैं?
मिस्टर गोयल भी बोले- 100 प्रतिशत राज़ी, बस आप यह बताओ कि आप हमें क्लब में कब लेकर जा रहे हो?
मैंने कहा- ले जाएंगे, ले जाएंगे, पहले एक टेस्ट और कर लें!
वो बोले- कर लो!
मैंने पूछा- आप दोनों में से ज़्यादा जेलस कौन है, कौन अपने पार्टनर को किसी दूसरे के साथ देख कर ज़्यादा जलता है?
मिस्टर गोयल- देखिये, मैं तो नहीं जलता मगर मैं किसी और सुंदर सी औरत से बात करूँ तो ये अक्सर इसका बुरा मनाती है।
मैंने कहा- तो मिसेज गोयल यह टेस्ट आपका है।
मेरे इतना कहते ही शशि उठ खड़ी हुई और गोयल साहब के पास जाकर बैठ गई।
उसने गोयल साहब के चेहरे से एक उंगली फिरानी शुरू की और गर्दन से होते, कंधे से नीचे, सीने पे, और फिर पेट से होते उनकी जांघ तक आ गई। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
गोयल साहब अपनी आँख बंद करके इसका मजा ले रहे थे- ओह शशि, मजा आ गया, जान, और कर!
वो बोले तो शशि उनके बिल्कुल साथ चिपक कर बैठ गई।
मैं बड़ी बारीकी से मिसेज गोयल के रिएक्शन देख रहा था। अंदर ही अंदर वो जैसे जल रही थी।
फिर शशि ने गोयल साहब का हाथ पकड़ कर अपने चेहरे पे रखा और उनसे वैसे ही करने को कहा।
गोयल साहब ने पहले शशि के चेहरे पे हाथ फेरा, फिर गर्दन और कंधे से होते हुये उसके सीने पर आए, पहले गोयल साहब ने शशि की आँखों में देखा फिर मेरी तरफ और फिर अपनी बीवी की तरफ और फिर हल्के से शशि के स्तन के ऊपर से छूते हुये वो नीचे उसके गोरे पेट पर आ गए।
तब मेरी बीवी ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, अब गहरे गले के उसके ब्लाउज़ से उसका क्लीवेज और ब्लाउज़ के पतले रूबिया कपड़े से उसके ब्रा का सारा डिजाइन भी दिख रहा था।
गोयल साहब ने शशि को देखा, तो उसने इशारे से उन्हें अपने स्तन छूने को कहा।
गोयल साहब ने शशि के एक स्तन पे थोड़ा हिचकिचाते हुए हाथ रखा तो शशि ने उनका हाथ अपने हाथ में पकड़ कर पूरे ज़ोर से अपना स्तन दबवाया, तो मिसेज गोयल ने अपना मुँह फिरा लिया।
मैं उठ कर मिसेज गोयल के पास गया और उनके बिल्कुल पास बैठ कर बोला- देखिये मिसेज गोयल, यह तो अब रूटीन का मैटर होने वाला है, आप सिर्फ देखिये, आपको भी यही सब करना और देखना होगा।
मिसेज गोयल मुझसे बोली- क्या ये सब मैं आपके साथ भी करूंगी?
मैंने कहा- जी, मेरे साथ भी और क्लब के बाकी मेम्बर्स के साथ भी। हम टोटल 10 लोग हैं, आपको मिला कर 12 हो गए। अब जिस दिन आप कपड़े उतारेंगी तो 11 लोग आस पास खड़े आपको देख रहे होंगे, 6 मर्द और 5 औरतें, इसके लिए भी आपको अपना मन पक्का करना पड़ेगा।
कह कर मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।
वो चौंक कर बोली- यह क्या कर रहे हैं आप?
मगर मैं अपने कपड़े उतारता गया और बिल्कुल नंगा हो गया, अपना लंड हवा में हिलाता हुआ बोला- तो मिसेज गोयल, क्या आप मेरा लंड अपनी चूत में लेना पसंद करेंगी?
वो तो एकदम से खड़ी हो गई- यह क्या बकवास है?
वो गुस्से से बोली।
मैंने कहा- आप शांत हो जाइए, इसी बात के लिए तो हम आपको तैयार कर रहे हैं, वहाँ आपसे कोई भी ये सब पूछ सकता है और ये भी हो सकता है कि कोई पूछे भी नहीं और जब आप बिल्कुल नंगी हो तो कोई आए और अपना लंड आपके मुँह या चूत में घुसा दे।
मेरी बात सुनते ही वो बैठ गई- तो क्या मुझे रंडी बनना होगा?
वो थोड़ा तल्खी से बोली।
मैंने कहा- जी नहीं, रंडी नहीं बनना, बस अगर आपके मन में सेक्स के प्रति कोई भी बात है, कोई भी अधूरी इच्छा है, उसे बाहर निकालना है, रंडी नहीं, बस बेशर्म बनना है।
मैंने उसे समझाया।
कुछ देर वो बैठी सोचती रही, दूसरी तरफ शशि और गोयल साहब आपस में बिज़ी थे, गोयल साहब शशि की साड़ी उठा कर अपना हाथ उसकी साड़ी में डाल कर शायद उसकी चूत सहला रहे थे और शशि उनका तना हुआ लंड हाथ में पकड़ कर उम्म्ह… अहह… हय… याह… उनकी मुट्ठ मार रही थी।
कुछ देर मिसेज गोयल ये सब देखती रही, फिर बोली- ओ के, मैं तैयार हूँ, मिस्टर राज, अब आपके किसी भी सवाल, किसी भी बात का मैं जवाब दूँगी।
मैंने कहा- तो नंगी होकर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसो।
मेरे इतना कहते ही उस औरत ने गजब की फुर्ती दिखाई, 10 सेकंड में अपनी साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज़, ब्रा पेंटी सब उतार फेंके और बिल्कुल नंगी हो कर मेरे पांव के पास बैठ गई, मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और लगी चूसने।
मैंने कहा- मिसेज गोयल, आप तो बड़ी तेज़ निकली?
वो बोली- मेरा नाम पूजा है, और जब मैं एक बार ठान लेती हूँ, तो फिर पीछे नहीं हटती।
उसके बाद हम चारों ने आपस में अपने अपने पार्टनर बदल कर सेक्स किया जिसे गोयल दंपति ने बहुत एंजॉय किया।
अगली मीटिंग में हमने उन्हें आने की दावत दी। मीटिंग हुई शुक्रवार रात की थी। शनिवार को दो कप्ल्ज़ ने कहीं बाहर जाना था, इसलिए शनिवार की जगह शुक्रवार रात की मीटिंग रखी गई।
करीब 7 बजे सब मेम्बर्स इकट्ठे हो गए, बस गोयल साहब और उनकी पत्नी ही नहीं आए थे। वो रास्ते में कहीं जाम में फंस गए थे। हमने अपनी पार्टी शुरू कर दी।
ड्रिंक्स थी, वेज नॉन वेज भी था, हर कोई अपनी पसंद के पार्टनर के साथ बातचीत में मशगूल था। अभी सिर्फ एक दो पेग हुये थे, इस लिए सुरूर कोई ज़्यादा नहीं था मगर मस्ती माहौल में छा चुकी थी।
हमारे अग्रवाल साहब तो सिर्फ चड्डी पहने घूम रहे थे, मुझसे कई बार पूछ चुके थे- अरे नई चिड़िया आई या नहीं?
मैं उन्हें आश्वासन दे देता- आ रही है।
कोई एक घंटे बाद मिस्टर और मिसेज गोयल पहुंचे। जब वो रूम में दाखिल हुये तो सबने उनका स्वागत किया मगर अग्रवाल साहब तो सन्न रह गए, मुझे एक तरफ ले जा कर बोले- अरे यार, ये तुमने किसको मेम्बर बना दिया?
मैंने पूछा- क्यों क्या हुआ, वो खुद आए थे मेरे पास, मैंने तो सब कुछ चेक करके ही उनको मेम्बर बनाया है।
वो बोले- अरे यार ये दोनों तो मेरे बहन और बहनोई हैं, मैं इनके साथ कैसे?
उधर गोयल साहब ने भी उनको चड्डी में लंड अकड़ाये घूमते देख लिया था, पूजा गोयल तो मुँह छुपाती फिर रही थी।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने स्थिति को संभालने के लिए ज़ोर से सब मेम्बर्स को आवाज़ लगाई- मेरे प्यारे ग्रुप मेम्बर्स, आज एक बड़ी विकत स्थिति आ गई है, हमारे नए बने मेम्बर्स मिसेज एंड मिस्टर गोयल हमारे अग्रवाल साहब के रिश्ते में बहन और बहनोई हैं। अब हालात ये हैं कि इन दोनों को आपस में एक दूसरे के सामने आने में दिक्कत हो रही है। अब आप सबसे निवेदन है कि मिल कर फैसला करें कि इस बात का क्या हल निकाला जाए।
सब मेम्बर्स आपस में बातचीत करने लगे। कुछ मेम्बर्स ने सुझाव दिये- या तो मिस्टर अग्रवाल या मिस्टर गोयल ये क्लब छोड़ दें।
मैंने कहा- पर अब तो इनको पता चल गया कि ये लोग इस क्लब के मेम्बर हैं।
दूसरा सुझाव- यहाँ किसी का किसी से कोई रिश्ता नहीं है, सिर्फ मर्द और औरत का रिश्ता है, इसलिए सब एंजॉय करो।
इसका प्रति उत्तर आया- तो जिस दिन राखी आएगी, उस दिन अग्रवाल साहब अपनी बहन से राखी कैसे बंधवायेंगे? आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर एक तीसरा हल पेश किया गया- अग्रवाल साहब और मिसेज गोयल आपस में सेक्स न करें, अपने भाई और बहन के रिश्ते को कायम रखें, मगर चूंकि इस क्लब में आने मात्र से ही ये दोनों भाई बहन एक दूसरे के सामने नंगे हो चुके हैं, इसलिए इन्हें क्लब की हर क्रिया में भाग लेने की इजाज़त है, बस आपस में ये न करें, और किसी के साथ, कुछ भी करें!
सबने अग्रवाल साहब और पूजा गोयल की तरफ देखा, दोनों के चेहरे भावशून्य थे, वो दोनों यह फैसला नहीं कर पा रहे थे, अगर आपके पास इस बात का कोई हल है तो प्लीज़ बताएं।
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मैं राज गर्ग दिल्ली रहता हूँ और अपने बिज़नस के अलावा मेरा एक छोटा सा स्विंगर्स क्लब यानि वाइफ़ स्वैपिंग क्लब भी है। हम अपने क्लब में जब मीटिंग करते हैं तो, सभी क्लब मेम्बर्स आपस में अपने अपने पति और पत्नी बदल कर सेक्स करते हैं।
मेरे अलावा 4-5 कपल्स और हैं, हम सब एक साथ बैठते हैं, बातें करते हैं, खाते पीते हैं, फिर बाद में जिसको जो भी अच्छा लगे या अच्छी लगे, उसके साथ सबके सामने, सबके साथ सेक्स करते हैं।
मेरी बीवी मेरे सामने क्लब के हर एक मेम्बर से सेक्स कर चुकी है और मैं अपनी बीवी के सामने अपने क्लब की हर एक औरत को चोद चुका हूँ। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
हमारे एक बड़े सम्माननीय क्लब मेम्बर हैं, अग्रवाल साहब… वो मेरी बीवी के बड़े दीवाने हैं, जब भी मौका मिलता है, वो शशि से अगर सेक्स नहीं करते तो अश्लील छेड़छाड़ ज़रूर करते हैं।
और क्लब में इस बात का कोई ऐतराज भी नहीं करता कि बात करते करते अगर आप किसी और की बीवी के कूल्हों पे या चुची पर हाथ फेर रहे हैं, या फिर फिर आपकी बीवी को कोई और मर्द बाहों में लेकर खड़ा है।
औरतें खुल कर अपनी सेक्स फ़ंतासियाँ सबसे डिस्कस कर रही हैं। एक दूसरे से गंदी बातें, गंदे इशारे क्लब में सब जायज़ है।
ऐसे ही एक दिन मुझे एक ईमेल आई, उसमें एक मियां बीवी हमारा क्लब जॉइन करना चाहते थे।
मैंने क्लब का प्रेसिडेंट होने के नाते उनको क्लब के सारे नियम कायदे समझाये, क्लब की फीस बताई, करने और न करने वाली सब बातें समझाई।
अगले दिन दोनों मियां बीवी मुझे मेरे घर पर मिलने आए, हम दोनों पति पत्नी ने उनका स्वागत किया।
थोड़ी औपचारिक बातचीत के बाद मैंने मुद्दे पर आना ठीक समझा और उन दोनों से पूछा- तो जैसा आप जानते हैं कि हमारे क्लब में अपनी अपनी बीवियाँ बदल कर या यूं कहें कि अपने अपने पति बदल कर एक दूसरे के साथ सेक्स किया जाता है, इसमें कोई शर्म लिहाज नहीं किया जाता। आपसे भी कोई आकर पूछ सकता है, क्या मैं आपकी पत्नी या पति से सेक्स कर सकता हूँ/ सकती हूँ। इसमें आप बुरा नहीं मान सकते।
मगर किसी भी क्लब मेम्बर को आप जलील नहीं कर सकते, चाहे उसकी परफॉर्मेंस कैसी भी हो, आप किसी के साथ गाली गलौच या मार पीट भी नहीं कर सकते। सभी मामले सभी ग्रुप मेम्बर्स आपस में बैठ कर सुलझाते हैं।
आपको इस क्लब को जॉइन करने के लिए अपने पूरे होशो हवास में बिना किसी भी दबाव के अपनी रजामंदी देनी होगी, आप क्लब को कभी भी छोड़ सकते हैं, बस एक बार जमा करवाई गई फीस वापिस नहीं मिलेगी।
क्लब छोड़ कर बाहर आप किसी से भी कभी भी इस क्लब के बारे में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं कह सकते, मतलब क्लब का किसी भी बात में ज़िक्र तक नहीं करेंगे।
तो क्या मैडम आप इस के लिए राज़ी हैं?
वो बोली- जी, मैं पूरी तरह से राज़ी हूँ।
मैंने फिर पूछा- तो क्या सर आप इसके लिए राज़ी हैं?
मिस्टर गोयल भी बोले- 100 प्रतिशत राज़ी, बस आप यह बताओ कि आप हमें क्लब में कब लेकर जा रहे हो?
मैंने कहा- ले जाएंगे, ले जाएंगे, पहले एक टेस्ट और कर लें!
वो बोले- कर लो!
मैंने पूछा- आप दोनों में से ज़्यादा जेलस कौन है, कौन अपने पार्टनर को किसी दूसरे के साथ देख कर ज़्यादा जलता है?
मिस्टर गोयल- देखिये, मैं तो नहीं जलता मगर मैं किसी और सुंदर सी औरत से बात करूँ तो ये अक्सर इसका बुरा मनाती है।
मैंने कहा- तो मिसेज गोयल यह टेस्ट आपका है।
मेरे इतना कहते ही शशि उठ खड़ी हुई और गोयल साहब के पास जाकर बैठ गई।
उसने गोयल साहब के चेहरे से एक उंगली फिरानी शुरू की और गर्दन से होते, कंधे से नीचे, सीने पे, और फिर पेट से होते उनकी जांघ तक आ गई। आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
गोयल साहब अपनी आँख बंद करके इसका मजा ले रहे थे- ओह शशि, मजा आ गया, जान, और कर!
वो बोले तो शशि उनके बिल्कुल साथ चिपक कर बैठ गई।
मैं बड़ी बारीकी से मिसेज गोयल के रिएक्शन देख रहा था। अंदर ही अंदर वो जैसे जल रही थी।
फिर शशि ने गोयल साहब का हाथ पकड़ कर अपने चेहरे पे रखा और उनसे वैसे ही करने को कहा।
गोयल साहब ने पहले शशि के चेहरे पे हाथ फेरा, फिर गर्दन और कंधे से होते हुये उसके सीने पर आए, पहले गोयल साहब ने शशि की आँखों में देखा फिर मेरी तरफ और फिर अपनी बीवी की तरफ और फिर हल्के से शशि के स्तन के ऊपर से छूते हुये वो नीचे उसके गोरे पेट पर आ गए।
तब मेरी बीवी ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, अब गहरे गले के उसके ब्लाउज़ से उसका क्लीवेज और ब्लाउज़ के पतले रूबिया कपड़े से उसके ब्रा का सारा डिजाइन भी दिख रहा था।
गोयल साहब ने शशि को देखा, तो उसने इशारे से उन्हें अपने स्तन छूने को कहा।
गोयल साहब ने शशि के एक स्तन पे थोड़ा हिचकिचाते हुए हाथ रखा तो शशि ने उनका हाथ अपने हाथ में पकड़ कर पूरे ज़ोर से अपना स्तन दबवाया, तो मिसेज गोयल ने अपना मुँह फिरा लिया।
मैं उठ कर मिसेज गोयल के पास गया और उनके बिल्कुल पास बैठ कर बोला- देखिये मिसेज गोयल, यह तो अब रूटीन का मैटर होने वाला है, आप सिर्फ देखिये, आपको भी यही सब करना और देखना होगा।
मिसेज गोयल मुझसे बोली- क्या ये सब मैं आपके साथ भी करूंगी?
मैंने कहा- जी, मेरे साथ भी और क्लब के बाकी मेम्बर्स के साथ भी। हम टोटल 10 लोग हैं, आपको मिला कर 12 हो गए। अब जिस दिन आप कपड़े उतारेंगी तो 11 लोग आस पास खड़े आपको देख रहे होंगे, 6 मर्द और 5 औरतें, इसके लिए भी आपको अपना मन पक्का करना पड़ेगा।
कह कर मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।
वो चौंक कर बोली- यह क्या कर रहे हैं आप?
मगर मैं अपने कपड़े उतारता गया और बिल्कुल नंगा हो गया, अपना लंड हवा में हिलाता हुआ बोला- तो मिसेज गोयल, क्या आप मेरा लंड अपनी चूत में लेना पसंद करेंगी?
वो तो एकदम से खड़ी हो गई- यह क्या बकवास है?
वो गुस्से से बोली।
मैंने कहा- आप शांत हो जाइए, इसी बात के लिए तो हम आपको तैयार कर रहे हैं, वहाँ आपसे कोई भी ये सब पूछ सकता है और ये भी हो सकता है कि कोई पूछे भी नहीं और जब आप बिल्कुल नंगी हो तो कोई आए और अपना लंड आपके मुँह या चूत में घुसा दे।
मेरी बात सुनते ही वो बैठ गई- तो क्या मुझे रंडी बनना होगा?
वो थोड़ा तल्खी से बोली।
मैंने कहा- जी नहीं, रंडी नहीं बनना, बस अगर आपके मन में सेक्स के प्रति कोई भी बात है, कोई भी अधूरी इच्छा है, उसे बाहर निकालना है, रंडी नहीं, बस बेशर्म बनना है।
मैंने उसे समझाया।
कुछ देर वो बैठी सोचती रही, दूसरी तरफ शशि और गोयल साहब आपस में बिज़ी थे, गोयल साहब शशि की साड़ी उठा कर अपना हाथ उसकी साड़ी में डाल कर शायद उसकी चूत सहला रहे थे और शशि उनका तना हुआ लंड हाथ में पकड़ कर उम्म्ह… अहह… हय… याह… उनकी मुट्ठ मार रही थी।
कुछ देर मिसेज गोयल ये सब देखती रही, फिर बोली- ओ के, मैं तैयार हूँ, मिस्टर राज, अब आपके किसी भी सवाल, किसी भी बात का मैं जवाब दूँगी।
मैंने कहा- तो नंगी होकर मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसो।
मेरे इतना कहते ही उस औरत ने गजब की फुर्ती दिखाई, 10 सेकंड में अपनी साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज़, ब्रा पेंटी सब उतार फेंके और बिल्कुल नंगी हो कर मेरे पांव के पास बैठ गई, मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और लगी चूसने।
मैंने कहा- मिसेज गोयल, आप तो बड़ी तेज़ निकली?
वो बोली- मेरा नाम पूजा है, और जब मैं एक बार ठान लेती हूँ, तो फिर पीछे नहीं हटती।
उसके बाद हम चारों ने आपस में अपने अपने पार्टनर बदल कर सेक्स किया जिसे गोयल दंपति ने बहुत एंजॉय किया।
अगली मीटिंग में हमने उन्हें आने की दावत दी। मीटिंग हुई शुक्रवार रात की थी। शनिवार को दो कप्ल्ज़ ने कहीं बाहर जाना था, इसलिए शनिवार की जगह शुक्रवार रात की मीटिंग रखी गई।
करीब 7 बजे सब मेम्बर्स इकट्ठे हो गए, बस गोयल साहब और उनकी पत्नी ही नहीं आए थे। वो रास्ते में कहीं जाम में फंस गए थे। हमने अपनी पार्टी शुरू कर दी।
ड्रिंक्स थी, वेज नॉन वेज भी था, हर कोई अपनी पसंद के पार्टनर के साथ बातचीत में मशगूल था। अभी सिर्फ एक दो पेग हुये थे, इस लिए सुरूर कोई ज़्यादा नहीं था मगर मस्ती माहौल में छा चुकी थी।
हमारे अग्रवाल साहब तो सिर्फ चड्डी पहने घूम रहे थे, मुझसे कई बार पूछ चुके थे- अरे नई चिड़िया आई या नहीं?
मैं उन्हें आश्वासन दे देता- आ रही है।
कोई एक घंटे बाद मिस्टर और मिसेज गोयल पहुंचे। जब वो रूम में दाखिल हुये तो सबने उनका स्वागत किया मगर अग्रवाल साहब तो सन्न रह गए, मुझे एक तरफ ले जा कर बोले- अरे यार, ये तुमने किसको मेम्बर बना दिया?
मैंने पूछा- क्यों क्या हुआ, वो खुद आए थे मेरे पास, मैंने तो सब कुछ चेक करके ही उनको मेम्बर बनाया है।
वो बोले- अरे यार ये दोनों तो मेरे बहन और बहनोई हैं, मैं इनके साथ कैसे?
उधर गोयल साहब ने भी उनको चड्डी में लंड अकड़ाये घूमते देख लिया था, पूजा गोयल तो मुँह छुपाती फिर रही थी।
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सब मेम्बर्स आपस में बातचीत करने लगे। कुछ मेम्बर्स ने सुझाव दिये- या तो मिस्टर अग्रवाल या मिस्टर गोयल ये क्लब छोड़ दें।
मैंने कहा- पर अब तो इनको पता चल गया कि ये लोग इस क्लब के मेम्बर हैं।
दूसरा सुझाव- यहाँ किसी का किसी से कोई रिश्ता नहीं है, सिर्फ मर्द और औरत का रिश्ता है, इसलिए सब एंजॉय करो।
इसका प्रति उत्तर आया- तो जिस दिन राखी आएगी, उस दिन अग्रवाल साहब अपनी बहन से राखी कैसे बंधवायेंगे? आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर एक तीसरा हल पेश किया गया- अग्रवाल साहब और मिसेज गोयल आपस में सेक्स न करें, अपने भाई और बहन के रिश्ते को कायम रखें, मगर चूंकि इस क्लब में आने मात्र से ही ये दोनों भाई बहन एक दूसरे के सामने नंगे हो चुके हैं, इसलिए इन्हें क्लब की हर क्रिया में भाग लेने की इजाज़त है, बस आपस में ये न करें, और किसी के साथ, कुछ भी करें!
सबने अग्रवाल साहब और पूजा गोयल की तरफ देखा, दोनों के चेहरे भावशून्य थे, वो दोनों यह फैसला नहीं कर पा रहे थे, अगर आपके पास इस बात का कोई हल है तो प्लीज़ बताएं।
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