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कितने प्यारे लौड़े हैं, लम्बे और चौड़े हैं - Bade aur mote land ki kahani
कितने प्यारे लौड़े हैं, लम्बे और चौड़े हैं - Bade aur mote land ki kahani , चुदवाने का शौक इच्छा और कामना , चुदाई का जूनून सिर पे चढ़ा , आ अब चुदने चलें , एक साथ 2 लंड से चुदने का मजा स्वाद और मस्ती.
अरे अम्मी जान मेरे सामने जब कोई एक लड़का आता है तो मैं उससे कहती हूँ की तू पहले अपने एक साथी को लेकर आ तब तो मैं तेरे लण्ड पे हाथ लगाऊंगी नहीं तो नहीं ? मुझे एक लण्ड कतई पसंद नहीं है। मेरे सामने जब दो लण्ड होतें है तब ही मैं उन्हें पकड़ती हूँ और उनके साथ पहले खूब खेलती हूँ। मुझे लण्ड से लण्ड लड़ाने में बड़ा मज़ा आता है। मेरे सामने जब दो टन टनाते हुए लण्ड आपस में लड़ते हैं। एक दूसरे पर चढ़ चढ़ कर बैठतें हैं। एक दूसरे से टकराते हैं, एक दूसरे की पटकते हैं तो मुझे ऐसा लगता है की जैसे दो लाँड़ नहीं दो सांड़ लड़ रहें हैं। उसके बाद मैं एक लण्ड मुंह में लेती हूँ तो दूसरा लण्ड चूत में।
एक लण्ड गांड में लेती हूँ तो दूसरा लण्ड मुंह में। एक लण्ड बुर में घुसाती हूँ तो दूसरा लण्ड चूँची में। मैं दोनों लण्ड का मज़ा एक साथ लेती हूँ। कभी कभी जब तीन तीन लण्ड एक साथ मिल जातें हैं तो फिर सोने पे सुहागा हो जाता है। मुझे लगता है की जैसे मेरी लण्ड की लॉटरी खुल गई है और तब आता है चुदाई का असली मज़ा समझी मेरी बुर चोदी अम्मी जान, तेरी बिटिया की बुर ? अम्मी जान को मेरी तरह की बातों की उम्मीद नहीं थीं लेकिन मैंने जब खुल कर कहा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न था। वह बोली हाय मेरी शन्नो बेटी आज मुझे यकीन हो गया हैं की पूरी तरह जवान हो गयी है और लण्ड का मज़ा लेने वाली हो गयी है। बस अपनी माँ का भोसड़ा और चुदाना शुरू कर दे तो मुझे पूरी तरह तसल्ली को जाए। मैंने कह तू बस देखती जा आगे क्या क्या होता है। मैं तो हर तरह से जवान हो गयी हूँ अब मेरे सामने न तो कोई भोसड़ी का मरद टिक पायेगा और न उसका बहन चोद लण्ड ?
अम्मी ने कहा हां बेटी मैं यही चाहती थी। तू तो माँ की लौड़ी बिलकुल मेरे मन की निकली। तेरी माँ का भोसड़ा मेरी बुर चोदी शन्नो ? तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बिटिया की बुर ? अम्मी जान ऐसा कहते हुए और मुस्कराते हुए चली गई।
मेरा नाम शन्नो है दोस्तों, मैं 20 साल की एक मद मस्त खूबसूरत हॉट लड़की हूँ। बोल्ड हूँ, पढ़ी लिखी हूँ और गालियां भी देती हूँ। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं और सुडौल हैं. मेरी जांघें मोटी मोटी हैं, मेरी गांड उभरी हुई है, मेरी चूत एकदम चौकस है। उस पर काली काली झांटें बड़ी खूबसूरत लगतीं हैं। मैं दो साल से लण्ड पकड़ रही हूँ। एक नहीं दो दो लण्ड एक साथ पकड़ती हूँ। मेरी यह आदत तब से पड़ी जब से मैं नेट पर ब्लू फिल्म देखने लगी थी। एक दिन मैं अकेली बैठी थी तो मेरे सामने अचानक मेरी फूफी का बेटा अदब आ गया। वह मुझसे एक साल बड़ा है।
रिश्ते में वह मेरा भाई जान लगता है लेकिन हमारे समाज में भाई जान भी शौहर की ही तरह होता है। पता नहीं कब किस भाई जान से निकाह हो जाए। इसलिए हमारे यहाँ हर बहन अपने भाई जान का लन्ड पकड़ लेती है और हर भाई जान अपनी बहन की बुर चोद लेता है।
मैंने अदब को देखा तो मेरा मन मचल उठा। वह भी मेरी तरफ बढ़ा। मुझे लगा की अब वह मुझे अपना लण्ड पकड़ा देगा। उसने कहा भी शन्नो लो मेरा लण्ड पकड़ लो यार ? तो मैंने कहा नहीं अदब भाई जान अकेले नही ? तुम किसी और को अपने साथ ले आओ तब मैं तुम दोनों के लण्ड एक साथ पकड़ूँगी। मुझे एक लण्ड से मज़ा नहीं आता। वह फ़ौरन चला गया और 10 मिनट में एक लड़का लेकर आ गया। उसने कहा ये है मेरा दोस्त सनद। सनद को मैंने देखा तो अच्छा लगा क्योंकि वह अदब से ज्यादा हैंडसम था। दोनों मेरी ओर बढे और मेरी एक एक चूँची दबाने लगे तो मैंने भी कोई ऐतराज़ नहीं किया बल्कि उनके लण्ड का जायजा लेने लगी। उन्होंने मेरी कुर्ती उतार दी और मेरी दोनों बूब्स खुल गए क्योंकि मैं ब्रा नहीं पहने थी। मैं भी उनके कपड़े खोलने लगी। उन्हें नंगा करने लगी।
इतने में दोनों ने मिलकर मुझे पहले नंगी कर दिया। मेरा नंगा जिस्म देख कर वो दोनों भेड़िये की तरह मुझे पर टूट पड़े. मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगे. मुझे हर जगह चूमने लगे। मेरी चूत चाटने लगे. मेरी निपल्स चाटने लगे. मेरी गर्दन, मेरी होंठ और मेरी गांड भी चाटने लगे। मुझे ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था। मेरी छोटी छोटी झांटों पर अपनी उंगलियां फेरने लगे तो मुझे सुरसुरी होने लगी। तब तक मैंने भी उन दोनों को नंगा कर दिया। उनके दोनों लण्ड टन टना कर मेरे आमने खड़े हो गए। मैं लण्ड देख कर मस्त हो गयी। मैं अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। ऊपर नीचे करने लगी। बीच बीच में लण्ड के सुपाड़े चाटने और चूमने लगी। पेल्हड़ भी दोनो के चूमने लगी। मुझे सच में ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैं एकदम नंगी थी और वो दोनों भी एकदम नंगे थे।
उन दोनों की झांटें थी। झांटें पेल्हड़ पर भी थी। मैंने कहा भोसड़ी वालों तुम लोग झांटें क्यों नहीं बनाते ? वे बोले हम लोग अपने हाथ से झांटें नहीं बनाते। हां कोई न कोई कुनबे में हमारी झांटें बना ही देती है। फिर मैंने
इलेक्ट्रिक रेज़र लिया और दोनों की झांटे बना दिया। उसके बाद गरम गरम तौलिया से पोंछ डाला दोनों लण्ड तो उनमें चमक आ गई। दोनों लण्ड और बड़े दिखने लगे और खूबसूरत भी। मैंने दोनों लण्ड अपने माथे पर फिराया। फिर उन्हें अपनी आँखों पर रखा। फिर एक एक लण्ड अपने दोनों गालों पर रख कर मज़ा लिया। अपनी नाक से लड़ाया दोनों लण्ड, अपने होठों से लड़ाया लण्ड और फिर गर्दन से होते हुए दोनों लण्ड अपनी चूँचियों पर रगड़ने लगी। दोनों लण्ड अपनी निपल्स से लड़ाने लगी। मुझे मस्त मजे का एहसास हो रहा था, मेरे लिए दोनों ही लण्ड नये थे और मैं पूरी मस्ती से भरी हुई थी। सनद मेरी बुर चाटने लगा और अदब मेरे निपल्स मुंह में भर कर चूसने लगा।
मैं मजे के सातवें आसमान पर थी। मुझे दो दो लण्ड का मज़ा पूरा मिलने लगा था। मुझे अब किसी की दुनिया में परवाह नहीं थी। मुझे दोनों लण्ड इतने अच्छे लगने लगे की मैं मन ही मन गुनगुनाने लगी की :-
कितने प्यारे लौड़े हैं - लम्बे लम्बे चौड़े हैं
गरम गरम रसगुल्ले हैं - गरमागरम पकौड़े हैं
सच में दोनों लण्ड के सुपाड़े बिलकुल गरमागरम लाल लाल रसगुल्ले की तरह लग रहे थे। मन करता था की इन्हे मुंह में रख कर अभी खा जाऊं। लण्ड भी इतने प्यारे और खूबसूरत होतें है ये मुझे आज पता चल रहा था।
इतने में मेरी अम्मी जान अचानक आ गई। वह मुझे देख कर खुश भी हुई और लण्ड देख कर ललचा भी गईं। उसके मुंह से लार टपकने लगी। मुझे लगा की कहीं अम्मी मेरे हाथ से कोई लण्ड छीन न लें ? तो मैंने कहा - अम्मी जान देखो मेरे किसी भी लण्ड को छूने की ज़ुर्रत न करना ? मैं किसी को कोई भी लण्ड नहीं दूँगी। अगर तुझे मेरे साथ चुदाई का मज़ा लेना है तो तू भोसड़ी वाली कोई लण्ड लेकर आ जा। फिर मुझसे बदले में एक लण्ड लेकर मज़ा ले ले। अगर तू दो लण्ड लाएगी तो मैं भी तुझे दोनों लण्ड का मज़ा लेने दूँगी नहीं तो नहीं ? तू हरामजादी मेरी अम्मी नहीं मेरी दोस्त है। लण्ड के मामले में मैं कोई रियायत नहीं करूंगी। तब मैंने देखा की मेरी अम्मी किसी को फोन कर रहीं हैं। मैं समझ गयी की अम्मी जान मानेगी नहीं। उसे इन दोनों लण्ड का मज़ा चाहिए। मैं भी अपनी जगह अडिग रही और टस से मस नहीं हुई। आखिर में 10 मिनट के बाद एक अंकल कमरे में आ ही गए। उसने मुझे नंगी नंगी दो दो लण्ड का मज़ा लेते हुए देखा तो उसका लण्ड भी खड़ा हो गया। अम्मी जाना बोली ले शन्नो बुर चोदी देख ले इसका लण्ड। ये है शब्बीर मेरी दोस्त का शौहर ?
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अरे अम्मी जान मेरे सामने जब कोई एक लड़का आता है तो मैं उससे कहती हूँ की तू पहले अपने एक साथी को लेकर आ तब तो मैं तेरे लण्ड पे हाथ लगाऊंगी नहीं तो नहीं ? मुझे एक लण्ड कतई पसंद नहीं है। मेरे सामने जब दो लण्ड होतें है तब ही मैं उन्हें पकड़ती हूँ और उनके साथ पहले खूब खेलती हूँ। मुझे लण्ड से लण्ड लड़ाने में बड़ा मज़ा आता है। मेरे सामने जब दो टन टनाते हुए लण्ड आपस में लड़ते हैं। एक दूसरे पर चढ़ चढ़ कर बैठतें हैं। एक दूसरे से टकराते हैं, एक दूसरे की पटकते हैं तो मुझे ऐसा लगता है की जैसे दो लाँड़ नहीं दो सांड़ लड़ रहें हैं। उसके बाद मैं एक लण्ड मुंह में लेती हूँ तो दूसरा लण्ड चूत में।
एक लण्ड गांड में लेती हूँ तो दूसरा लण्ड मुंह में। एक लण्ड बुर में घुसाती हूँ तो दूसरा लण्ड चूँची में। मैं दोनों लण्ड का मज़ा एक साथ लेती हूँ। कभी कभी जब तीन तीन लण्ड एक साथ मिल जातें हैं तो फिर सोने पे सुहागा हो जाता है। मुझे लगता है की जैसे मेरी लण्ड की लॉटरी खुल गई है और तब आता है चुदाई का असली मज़ा समझी मेरी बुर चोदी अम्मी जान, तेरी बिटिया की बुर ? अम्मी जान को मेरी तरह की बातों की उम्मीद नहीं थीं लेकिन मैंने जब खुल कर कहा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न था। वह बोली हाय मेरी शन्नो बेटी आज मुझे यकीन हो गया हैं की पूरी तरह जवान हो गयी है और लण्ड का मज़ा लेने वाली हो गयी है। बस अपनी माँ का भोसड़ा और चुदाना शुरू कर दे तो मुझे पूरी तरह तसल्ली को जाए। मैंने कह तू बस देखती जा आगे क्या क्या होता है। मैं तो हर तरह से जवान हो गयी हूँ अब मेरे सामने न तो कोई भोसड़ी का मरद टिक पायेगा और न उसका बहन चोद लण्ड ?
अम्मी ने कहा हां बेटी मैं यही चाहती थी। तू तो माँ की लौड़ी बिलकुल मेरे मन की निकली। तेरी माँ का भोसड़ा मेरी बुर चोदी शन्नो ? तेरी माँ की चूत ? तेरी माँ की बिटिया की बुर ? अम्मी जान ऐसा कहते हुए और मुस्कराते हुए चली गई।
मेरा नाम शन्नो है दोस्तों, मैं 20 साल की एक मद मस्त खूबसूरत हॉट लड़की हूँ। बोल्ड हूँ, पढ़ी लिखी हूँ और गालियां भी देती हूँ। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं और सुडौल हैं. मेरी जांघें मोटी मोटी हैं, मेरी गांड उभरी हुई है, मेरी चूत एकदम चौकस है। उस पर काली काली झांटें बड़ी खूबसूरत लगतीं हैं। मैं दो साल से लण्ड पकड़ रही हूँ। एक नहीं दो दो लण्ड एक साथ पकड़ती हूँ। मेरी यह आदत तब से पड़ी जब से मैं नेट पर ब्लू फिल्म देखने लगी थी। एक दिन मैं अकेली बैठी थी तो मेरे सामने अचानक मेरी फूफी का बेटा अदब आ गया। वह मुझसे एक साल बड़ा है।
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मैंने अदब को देखा तो मेरा मन मचल उठा। वह भी मेरी तरफ बढ़ा। मुझे लगा की अब वह मुझे अपना लण्ड पकड़ा देगा। उसने कहा भी शन्नो लो मेरा लण्ड पकड़ लो यार ? तो मैंने कहा नहीं अदब भाई जान अकेले नही ? तुम किसी और को अपने साथ ले आओ तब मैं तुम दोनों के लण्ड एक साथ पकड़ूँगी। मुझे एक लण्ड से मज़ा नहीं आता। वह फ़ौरन चला गया और 10 मिनट में एक लड़का लेकर आ गया। उसने कहा ये है मेरा दोस्त सनद। सनद को मैंने देखा तो अच्छा लगा क्योंकि वह अदब से ज्यादा हैंडसम था। दोनों मेरी ओर बढे और मेरी एक एक चूँची दबाने लगे तो मैंने भी कोई ऐतराज़ नहीं किया बल्कि उनके लण्ड का जायजा लेने लगी। उन्होंने मेरी कुर्ती उतार दी और मेरी दोनों बूब्स खुल गए क्योंकि मैं ब्रा नहीं पहने थी। मैं भी उनके कपड़े खोलने लगी। उन्हें नंगा करने लगी।
इतने में दोनों ने मिलकर मुझे पहले नंगी कर दिया। मेरा नंगा जिस्म देख कर वो दोनों भेड़िये की तरह मुझे पर टूट पड़े. मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगे. मुझे हर जगह चूमने लगे। मेरी चूत चाटने लगे. मेरी निपल्स चाटने लगे. मेरी गर्दन, मेरी होंठ और मेरी गांड भी चाटने लगे। मुझे ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था। मेरी छोटी छोटी झांटों पर अपनी उंगलियां फेरने लगे तो मुझे सुरसुरी होने लगी। तब तक मैंने भी उन दोनों को नंगा कर दिया। उनके दोनों लण्ड टन टना कर मेरे आमने खड़े हो गए। मैं लण्ड देख कर मस्त हो गयी। मैं अपने दोनों हाथों में एक एक लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। ऊपर नीचे करने लगी। बीच बीच में लण्ड के सुपाड़े चाटने और चूमने लगी। पेल्हड़ भी दोनो के चूमने लगी। मुझे सच में ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैं एकदम नंगी थी और वो दोनों भी एकदम नंगे थे।
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मैं मजे के सातवें आसमान पर थी। मुझे दो दो लण्ड का मज़ा पूरा मिलने लगा था। मुझे अब किसी की दुनिया में परवाह नहीं थी। मुझे दोनों लण्ड इतने अच्छे लगने लगे की मैं मन ही मन गुनगुनाने लगी की :-
कितने प्यारे लौड़े हैं - लम्बे लम्बे चौड़े हैं
गरम गरम रसगुल्ले हैं - गरमागरम पकौड़े हैं
सच में दोनों लण्ड के सुपाड़े बिलकुल गरमागरम लाल लाल रसगुल्ले की तरह लग रहे थे। मन करता था की इन्हे मुंह में रख कर अभी खा जाऊं। लण्ड भी इतने प्यारे और खूबसूरत होतें है ये मुझे आज पता चल रहा था।
इतने में मेरी अम्मी जान अचानक आ गई। वह मुझे देख कर खुश भी हुई और लण्ड देख कर ललचा भी गईं। उसके मुंह से लार टपकने लगी। मुझे लगा की कहीं अम्मी मेरे हाथ से कोई लण्ड छीन न लें ? तो मैंने कहा - अम्मी जान देखो मेरे किसी भी लण्ड को छूने की ज़ुर्रत न करना ? मैं किसी को कोई भी लण्ड नहीं दूँगी। अगर तुझे मेरे साथ चुदाई का मज़ा लेना है तो तू भोसड़ी वाली कोई लण्ड लेकर आ जा। फिर मुझसे बदले में एक लण्ड लेकर मज़ा ले ले। अगर तू दो लण्ड लाएगी तो मैं भी तुझे दोनों लण्ड का मज़ा लेने दूँगी नहीं तो नहीं ? तू हरामजादी मेरी अम्मी नहीं मेरी दोस्त है। लण्ड के मामले में मैं कोई रियायत नहीं करूंगी। तब मैंने देखा की मेरी अम्मी किसी को फोन कर रहीं हैं। मैं समझ गयी की अम्मी जान मानेगी नहीं। उसे इन दोनों लण्ड का मज़ा चाहिए। मैं भी अपनी जगह अडिग रही और टस से मस नहीं हुई। आखिर में 10 मिनट के बाद एक अंकल कमरे में आ ही गए। उसने मुझे नंगी नंगी दो दो लण्ड का मज़ा लेते हुए देखा तो उसका लण्ड भी खड़ा हो गया। अम्मी जाना बोली ले शन्नो बुर चोदी देख ले इसका लण्ड। ये है शब्बीर मेरी दोस्त का शौहर ?
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