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सिनेमा हॉल में कुंवारी लड़की को चोदा - अविवाहित गर्ल की चुदाई - Sinema hall me ladki chudai
सिनेमा हॉल में कुंवारी लड़की को चोदा - अविवाहित गर्ल की चुदाई - Sinema hall me ladki chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मैं झारखंड का रहने वाला हूं। मेरे घर की हालत कुछ अच्छी नहीं थी इस वजह से मैंने निर्णय लिया कि मैं अब शहर में ही नौकरी करूंगा। या फिर वहां पर कुछ काम करूँगा। मैंने अपने एक दोस्त से इस बारे में बात की। वह तो काफी समय से शहर में ही रह रहा था और वहां पर वह काफी अच्छी जॉब करता था। तो उसने मुझे बोला कि ठीक है, तुम एक काम करो कुछ दिनों बाद मेरे पास आ जाना और मैं तुम्हारे लिए यहां पर नौकरी का कोई बंदोबस्त कर के रख दूंगा। जब उसने यह बात कही तो मैंने अपने घर में बात की और उन्होंने भी मुझे कहा कि ठीक है, तुम चले जाओ। क्योंकि यहां पर कुछ होने वाला नहीं है। यह बहुत ही छोटा सा शहर है। यहां पर तुम्हारा भविष्य भी खराब हो जाएगा और आगे तुम्हें बहुत कुछ करना है।
अब मैं यहां से सपने लिए शहर की तरफ चला गया। मैं ट्रेन में बैठे-बैठे यही बात सोच रहा था कि मुझे अपने घर वालों को नौकरी के लिए छोड़ना पड़ा और वह घर में अकेले किस तरीके से रहेंगे। क्योंकि मेरा एक छोटा भाई है। अभी वह इतना समझदार नहीं है जो घरवालों की देखभाल कर सके और मुझ पर ही सारी जिम्मेदारी थी, अपने घर को संभालने की। यह सब मैं रात भर में सोचता रहा और अगले दिन में लखनऊ पहुंच गया। यह सब बातें मेरे जेहन में चल रही थी।
मैं लखनऊ में बस में बैठा जिस पते पर मुझे जाना था। मैंने बस की टिकट ली और मैं अपने दोस्त के यहां पर पहुंच गया। उसने मुझसे पूछा घर में सब लोग कैसे हैं? मैंने उसे बताया घर में सब लोग अच्छे हैं और उसने अपने घर के बारे में भी पूछा मैंने बताया कि तुम्हारे घर में भी सब लोग कुशल मंगल हैं। हम लोग काफी देर ऐसे ही बैठे रहे तभी उसने कहा कि मैं तुम्हारे लिए बाहर से कुछ खाने के लिए ले आता हूं। वह जैसे ही बाहर जाने लगा तो मैंने उसे कहा, कि रुको मैं तुम्हें पैसे देता हूं तुम कुछ ले आना।
अब मैंने जैसे ही अपनी जेब पर हाथ लगाया तो मुझे मालूम पड़ा कि मेरी जेब किसी ने काट ली है। मेरा पर्स मेरी जेब में था ही नहीं। मैं बहुत घबरा गया। मैंने सोचा उसमें मेरे पैसे भी थे और मेरे ID कार्ड भी थे। मैंने अपने दोस्त से इस बारे में कहा तो वह कहने लगा एक काम करते हैं पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करवा देते हैं। अब हम दोनों पुलिस स्टेशन में चले गए और हमने वहाँ कंप्लेंट दर्ज करवा दी लेकिन मैं बहुत परेशान था। मेरे पास बहुत कम पैसे बचे हुए थे और मैने अपने पर्स में ही मैंने ज्यादा पैसे रखे हुए थे। वह भी किसी ने चोरी कर लिया। मुझे अब बहुत ज्यादा टेंशन होने लगी थी। मेरे दोस्त ने मुझे आश्वासन दिया। तुम चिंता मत करो, इस महीने का खर्चा मैं चला लूंगा और जब तक तुम्हारी नौकरी की सैलरी आएगी, उसके बाद तुम मुझे दे देना।
वह बात तो मैं भूल गया, लेकिन उसमें मेरे बहुत इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स है। जो कि बहुत ज्यादा जरूरी है। वह मुझे दोबारा से बनाने पडेंगे। उसके चलते मुझे काफी चिंता हो रही थी और मेरे दोस्त ने मेरी नौकरी की बात भी कर ली थी। वह कहने लगा कि कल से तुम नौकरी पर मेरे साथ ही चलोगे। मैंने तुम्हारी बात अपने ऑफिस में कर ली है। यह सुनकर मैं थोड़ा खुश हो गया और अब मैं काम पर जाने लगा। मैं यही सोच रहा था कि इस महीने मेरे पास थोड़ा पैसे आ जाएंगे। उसके बाद मैं घर जाकर अपने ID प्रूफ दोबारा से बनवा लूंगा। मुझे काम करते हुए 15 दिन हो चुके थे। तभी अचानक से एक दिन मेरे फोन पर फोन आया। फोन पर एक लड़की बात कर रही थी।
उसने मुझसे मेरा नाम पूछा उसने मुझे कहा कि क्या आप रोहित बोल रहे हैं? मैंने उसे कहा कि हां, मैं रोहित बोल रहा हूं। उसने मुझे कहा कि मैं जूही बोल रही हूं और मुझे आपका पर्स रोड पर पड़ा हुआ मिला। इसमें आपके काफी डॉक्यूमेंट हैं। आप इसे आकर मुझसे ले लीजिएगा। मैंने उसके घर का एड्रेस लिया और मैं उसके घर पर चला गया। मैंने जब जूही को देखा था तो वह बहुत ही सुंदर थी। मेरा मन हो रहा था कि मैं उसे वहीं पर चोद दूं। उसने तुरंत ही मेरा पर्स मेरे हाथ में दे दिया। जैसे ही उसने मेरा पर्स दिया तो मैंने सबसे पहले अपना पर्स चेक किया। उसमें एक भी रुपया नहीं था और मेरे सारे डॉक्यूमेंट उसके अंदर थे।
मैंने उससे दिल से शुक्रिया कहा और कहा कि आपने मेरा बहुत बड़ा काम किया है और इससे मेरी चिंता काफी कम हो गई है। नहीं तो मुझे अपने घर झारखंड जाना पड़ता। उसने मुझसे पूछा कि आपका पर्स कैसे चोरी हुआ। मैंने उससे सारी कहानी बताई, कि मैं अभी शहर में नया आया हूं और बस से अपने दोस्त के घर पर जा रहा था। तभी इसी बीच में किसी ने मेरे पास को चोरी कर लिया। मुझे पैसो का कोई दुख नहीं है लेकिन मेरी आइडेंटी कार्ड इसके अंदर थे। वह मुझे मिल गए। उसके लिए मैं आपको दोबारा से धन्यवाद कहना चाहता हूं। अब हम दोनों का परिचय हो चुका था और वह काफी अच्छी लड़की थी। मैंने उसके बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी लेली थी। उसके घर में उसकी एक बड़ी बहन और माता पिता ही रहते थे। अब जब मैं घर पहुंचा तो मैंने अपने दोस्त को यह सारी बात बताई। तो वह मुझे कहने लगा चलो अच्छा हुआ तुम्हारा पर्स तुम्हें वापस मिल गया।
मैंने उसे कहा चलो आजकल नेकी का जमाना तो बचा है। यदि वह लड़की मुझे मेरा पर्स नहीं लौटाती तो मुझे दोबारा से घर वापस जाना पड़ता। तब मेरे दोस्त ने मुझे कहा कि तुम्हें उससे कहीं पर बुलाना चाहिए और एक अच्छी सी पार्टी उसे देनी चाहिए। मैंने उसे बताया कि मेरे पास तो पैसे ही नहीं है। मेरे दोस्त ने मुझे कहा कि तुम एक काम करना मुझसे कुछ पैसे उधार ले लेना और उस लड़की को कहीं पर अच्छी सी पार्टी दे देना। अब मैंने भी मैसेज में जूही को थैंक्यू बोल दिया और उसे डिनर पर इन्वाइट किया। तो वह मेरी बात मान गई और मुझे कहने लगी ठीक है, मैं डिनर पर तुम्हारे साथ चलूंगी। तुम मुझे एड्रेस भेज देना। मैं वहां पहुंच जाऊंगी।
अब मैंने उसे एड्रेस भेज दिया। वह जब वहां पहुंची तो हम लोगों में काफी बात हुई और वह मेरी बातों से बहुत प्रभावित हुई। वह मुझे कहने लगी, तुम एक बहुत अच्छे इंसान हो। मैंने उसे बताया कि मुझसे ज्यादा तुम एक अच्छे नागरिक और एक अच्छे इंसान हो। अगर यह पर्स मेरे पास नहीं लौट आता तो मुझे बहुत ही ज्यादा तकलीफ होती। अब हम दोनों ने बहुत ही इंजॉय किया और उसके बाद मैं उसे उसके घर तक छोड़ने गया। उसके घर से छोड़ने के बाद मैं अपने घर वापस लौट आया। मेरे दोस्त ने मुझसे सारी जानकारियां ली की तुम्हारा दिन कैसा रहा। तो मैंने उसे बताया कि बहुत अच्छा था। वह लड़की बहुत ही सुंदर और साधारण सी है। अब उसके बाद से जूही और मेरी मुलकाते काफी बढ़ने लगी और हम दोनों अक्सर मिलने लगे थे।
जिस दिन मेरी छुट्टी थी मैं उसके कॉलेज में गया। मैंने उसे कहा आज मूवी देखने चलते हैं हम दोनों मूवी देखने चले गए। उस दिन हॉल पूरा खाली था। हम ऐसे ही बैठे रहे मैंने कुछ देर बाद उसके स्तनों पर अपने हाथ को फिरना शुरु कर दिया। उसे भी बहुत अच्छा लगने लगा और उसने तुरंत ही मेरे होठो को बहुत अच्छे से किस करने लगी और उसने तुरंत ही मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया। वह ऐसे ही मेरे लंड को हिलाने लगी मैंने उसके बालों को पकड़ते हुए अपने लंड पर लगा दिया। अब उससे भी कंट्रोल नहीं हुआ और उसे मैंने उठाते हुए उसकी जींस को उतार दिया। उसे मैने अपने लंड पर बैठा दिया। जैसे ही वह मेरे लंड पर बैठी तो वह बड़ी तेजी से उठ खड़ी हुई मैंने उसे बोला क्या हुआ वह कहने लगी कि मेरी सील टूट गई है। मैंने उससे कहा तुम ऐसे ही बैठे रहो मै उसे नीचे से धक्के देने लगा और वह ऊपर से अपनी गांड को हिला रही थी।
हम दोनों बड़ी तेजी में कर रहे थे ना जाना अचानक से मेरे वीर्य निकल गया। जिसे मैने उसकी योनि में गिराया मुझे पता ही नहीं चला जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला तो बहुत सारा वीर्य मेरी पैंट पर गिर गया। मैंने अपने रुमाल से अपनी पैंट को साफ किया अब मैंने उसे कहा कि तुम दोबारा से मेरे लंड को चूसना शुरू करो। वह मेरे लंड को चूसने लगी। उसके बाद से मैने उसे ना जाने कितनी बार चोदा होगा।
मैं झारखंड का रहने वाला हूं। मेरे घर की हालत कुछ अच्छी नहीं थी इस वजह से मैंने निर्णय लिया कि मैं अब शहर में ही नौकरी करूंगा। या फिर वहां पर कुछ काम करूँगा। मैंने अपने एक दोस्त से इस बारे में बात की। वह तो काफी समय से शहर में ही रह रहा था और वहां पर वह काफी अच्छी जॉब करता था। तो उसने मुझे बोला कि ठीक है, तुम एक काम करो कुछ दिनों बाद मेरे पास आ जाना और मैं तुम्हारे लिए यहां पर नौकरी का कोई बंदोबस्त कर के रख दूंगा। जब उसने यह बात कही तो मैंने अपने घर में बात की और उन्होंने भी मुझे कहा कि ठीक है, तुम चले जाओ। क्योंकि यहां पर कुछ होने वाला नहीं है। यह बहुत ही छोटा सा शहर है। यहां पर तुम्हारा भविष्य भी खराब हो जाएगा और आगे तुम्हें बहुत कुछ करना है।
अब मैं यहां से सपने लिए शहर की तरफ चला गया। मैं ट्रेन में बैठे-बैठे यही बात सोच रहा था कि मुझे अपने घर वालों को नौकरी के लिए छोड़ना पड़ा और वह घर में अकेले किस तरीके से रहेंगे। क्योंकि मेरा एक छोटा भाई है। अभी वह इतना समझदार नहीं है जो घरवालों की देखभाल कर सके और मुझ पर ही सारी जिम्मेदारी थी, अपने घर को संभालने की। यह सब मैं रात भर में सोचता रहा और अगले दिन में लखनऊ पहुंच गया। यह सब बातें मेरे जेहन में चल रही थी।
मैं लखनऊ में बस में बैठा जिस पते पर मुझे जाना था। मैंने बस की टिकट ली और मैं अपने दोस्त के यहां पर पहुंच गया। उसने मुझसे पूछा घर में सब लोग कैसे हैं? मैंने उसे बताया घर में सब लोग अच्छे हैं और उसने अपने घर के बारे में भी पूछा मैंने बताया कि तुम्हारे घर में भी सब लोग कुशल मंगल हैं। हम लोग काफी देर ऐसे ही बैठे रहे तभी उसने कहा कि मैं तुम्हारे लिए बाहर से कुछ खाने के लिए ले आता हूं। वह जैसे ही बाहर जाने लगा तो मैंने उसे कहा, कि रुको मैं तुम्हें पैसे देता हूं तुम कुछ ले आना।
अब मैंने जैसे ही अपनी जेब पर हाथ लगाया तो मुझे मालूम पड़ा कि मेरी जेब किसी ने काट ली है। मेरा पर्स मेरी जेब में था ही नहीं। मैं बहुत घबरा गया। मैंने सोचा उसमें मेरे पैसे भी थे और मेरे ID कार्ड भी थे। मैंने अपने दोस्त से इस बारे में कहा तो वह कहने लगा एक काम करते हैं पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करवा देते हैं। अब हम दोनों पुलिस स्टेशन में चले गए और हमने वहाँ कंप्लेंट दर्ज करवा दी लेकिन मैं बहुत परेशान था। मेरे पास बहुत कम पैसे बचे हुए थे और मैने अपने पर्स में ही मैंने ज्यादा पैसे रखे हुए थे। वह भी किसी ने चोरी कर लिया। मुझे अब बहुत ज्यादा टेंशन होने लगी थी। मेरे दोस्त ने मुझे आश्वासन दिया। तुम चिंता मत करो, इस महीने का खर्चा मैं चला लूंगा और जब तक तुम्हारी नौकरी की सैलरी आएगी, उसके बाद तुम मुझे दे देना।
वह बात तो मैं भूल गया, लेकिन उसमें मेरे बहुत इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स है। जो कि बहुत ज्यादा जरूरी है। वह मुझे दोबारा से बनाने पडेंगे। उसके चलते मुझे काफी चिंता हो रही थी और मेरे दोस्त ने मेरी नौकरी की बात भी कर ली थी। वह कहने लगा कि कल से तुम नौकरी पर मेरे साथ ही चलोगे। मैंने तुम्हारी बात अपने ऑफिस में कर ली है। यह सुनकर मैं थोड़ा खुश हो गया और अब मैं काम पर जाने लगा। मैं यही सोच रहा था कि इस महीने मेरे पास थोड़ा पैसे आ जाएंगे। उसके बाद मैं घर जाकर अपने ID प्रूफ दोबारा से बनवा लूंगा। मुझे काम करते हुए 15 दिन हो चुके थे। तभी अचानक से एक दिन मेरे फोन पर फोन आया। फोन पर एक लड़की बात कर रही थी।
उसने मुझसे मेरा नाम पूछा उसने मुझे कहा कि क्या आप रोहित बोल रहे हैं? मैंने उसे कहा कि हां, मैं रोहित बोल रहा हूं। उसने मुझे कहा कि मैं जूही बोल रही हूं और मुझे आपका पर्स रोड पर पड़ा हुआ मिला। इसमें आपके काफी डॉक्यूमेंट हैं। आप इसे आकर मुझसे ले लीजिएगा। मैंने उसके घर का एड्रेस लिया और मैं उसके घर पर चला गया। मैंने जब जूही को देखा था तो वह बहुत ही सुंदर थी। मेरा मन हो रहा था कि मैं उसे वहीं पर चोद दूं। उसने तुरंत ही मेरा पर्स मेरे हाथ में दे दिया। जैसे ही उसने मेरा पर्स दिया तो मैंने सबसे पहले अपना पर्स चेक किया। उसमें एक भी रुपया नहीं था और मेरे सारे डॉक्यूमेंट उसके अंदर थे।
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