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साली की छोटी-छोटी चूचियाँ - जीजा साली की चुदाई मस्ती में चोदा - Jija Sali ki mast chudai
साली की छोटी-छोटी चूचियाँ - जीजा साली की चुदाई मस्ती में चोदा - Jija Sali ki mast chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
साली के आने से मैं खुश हो गया, मुझे लगा कि अब मेरे लंड की भूख शांत हो सकेगी। मेरी साली भी बहुत सेक्सी थी, उसकी छोटी-छोटी दो चूचियाँ और एकदम पतली कमर थी। पहले मेरी बीवी के भी ऐसे ही थे लेकिन मैंने दबा-दबा कर बड़े कर दिए थे। साली को देखकर मेरा लंड जाग गया और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लग गया।
एक-दो दिन ऐसे ही निकल गए लेकिन अवसर नहीं मिला। पर जल्दी ही एक दिन मौक़ा हाथ लग गया। मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास जाना था, तो मैंने उससे कहा कि तुम मम्मी के साथ चली जाओ (मम्मी यानि मेरी माँ)। मेरी बीवी अच्छी है, मेरे कहने से माँ के साथ चली गई।
मैंने साली को पटाने का यह मौक़ा अच्छा समझा, वैसे मैं उससे थोड़ी-बहुत छेड़खानी पत्नी के सामने भी कर लेता था, ऊपर ऊपर से ही, पर आज अन्दर से करने का मन था। माँ और पत्नी के जाने के बाद मैं घर के भीतर आ गया और द्वार बन्द कर लिया, क्योंकि मैं जानता था कि अब कोई नहीं आएगा। कामवाली चली गई थी, पिताजी भी जा चुके थे। घर पर मैं और मेरी साली ही थे।
मेरे अन्दर आते ही साली ने कहा कि जीजू मैं आपके लिए चाय बना लाती हूँ, आप चाय पीजिए। फिर मैं नहाने जाऊँगी। यह कह कर वह रसोईघर में चली गई। उसके जाने के बाद मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा। फिर मुझे एक विचार आया, मैंने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतार लिए, और लुंगी-बनियान पहन कर कमरे में आ गया। थोड़ी देर में साली चाय लेकर आ गई, मैं कुर्सी पर बैठ गया। वो मुझे चाय देने लगी, मैंने धीरे से हाथ मार कर चाय ज़मीन पर गिरा दी।
वो पूछ बैठी- जीजू ये क्या हुआ?’
मैंने कहा- चाय गिर गई।’
तो वह कहने लगी- दीदी के जाने से आप इतने दुःखी हो गए!’
तो मैंने कहा- नहीं तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हें देखकर मैं स्वयं को सँभाल नहीं सका।’
यह सुनकर वो शरमा कर अन्दर वाले कमरे में चली गई।
मैं भी वहाँ पहुँच गया और उसे पकड़ कर पीछे से किस करने लगा। गर्दन के पास, कान के पीछे अपनी गरम साँसें देने लगा। ऐसा करने से वह गरम होने लगी। मेरा लंड भी खड़ा हो गया। फिर मैं अपने अपने एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा। ऊपर ही ऊपर उसे अच्छा लग रहा था, उसकी चूचियाँ कड़ी हो गईं थीं। मेरा 8 इन्च का लंड उसकी कमर से चिपका हुआ था। उसे मेरी लंड का अनुभव अपनी गाँड पर हो रहा था। वह कोई ऐतराज़ नहीं जता रही थी, मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिए और चूचियों को पहले की अपेक्षा कहीं जोरों से मसलने लगा।
जब मैंने देखा कि वह पूरी तरह से गरम हो गई है, तो उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसका कुरता उतार कर ब्रा के ऊपर से चूचियों को दबाने लगा, साथ अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर चूसने लगा। अब वह पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी। वो सिर्फ ब्रा-पैंटी में थी, और बहुत सेक्सी लग रही थी- एकदम दूध की भाँति सफ़ेद। फिर मैं उसकी ब्रा खोल कर एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को हाथ से दबाने लगा।
10 मिनट तक ऐसा ही करते रहने के बाद मैंने अपनी लुंगी और बनियान भी उतार दी। वह मेरा लंड देखकर डर गई, बोली- धीरे-धीरे करना जीजू, किसी को बताना मत, दीदी से भी मत।’
‘तुम्हारी कसम, नहीं बताऊँगा।’- मैंने कहा।
मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और सहलाने को कहा। वह लंड पकड़ कर उससे खेलने लगी। इसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे। उसकी बुर एकदम चिकनी थी, जैसे दो-तीन दिनों पहले ही झाँटें साफ की गईं हों। मैंने पूछा, तो उसने बताया- मैं जानती थी जीजू कि आप मुझे चोदना चाहते हैं, लेकिन आपको चांस नहीं मिल पा रहा। लेकिन मैं जानती थी कि इस बार मैं आपके लंड से नहीं बच पाऊँगी, सो मैं तैयारी से आई थी।’
यह सुनते ही मेरा लंड और भी कड़ा हो गया, फिर मैंने उसे बुर खोलने को कहा, और मुँह से उसकी बुर चाटने लगा। उसके मुँह से आआाहहह… अहहहह.. आहहह… आआआ… अहहह की आवाज़ें आ रही थीं। फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा, वह सहमत हो गई। अब हम 69 की स्थिति में आ गए, मैं उसकी बुर चाटने लगा, वो मेरे लंड का टोपा चूसने लगी।
हम यह लगभग 25 मिनट तक करते रहे और दोनों 2 बार छूट भी गए। हमने एक दूसरे की मलाई चाट ली। अब मैं उसे चोदना चाहता था, मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल के बुर-लंड का मिलन करवाऊँगा।’
उसने कहा- ‘जीजू, इस समय नहीं, रात को जब दीदी सो जाएगी, तो मैं आपके पास आ जाऊँगी, तब चुदाई का कार्यक्रम करेंगे- पूरी रात। अभी दीदी आनेवाली होंगी।’
मैंने कहा- ठीक है, रात को तुम्हें ख़ूब चोदूँगा।’ उसके बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए, और अपने-अपने काम पर लग गए। रात होने का इन्तज़ार करने लगे। थोड़ी देर के बाद माँ और पत्नी दोनों आ गए।
माँ और बीवी के घर आने के बाद हम लोग अब एक जीजा-साली की तरह व्यव्हार करने लगे और रात होने का इंतजार भी कर रहे थे और मन ही मन ये सोच कर लण्ड खुश हो रहा था कि आज एक और कुंवारी चूत मिलेगी। खैर दिन कट गया और रात आ गई। फिर हम सभी लोगों ने एक साथ खाना खाया। मम्मी-पापा अपने कमरे में चले गए और हम लोग भी अपने कमरे में आ गये, मैं, मेरी बीवी और साली !
साली ने मेरी ओर ऐसे देखा कि जैसे मुझे बुला रही हो। मैं उसका इशारा समझ गया। मैं बीवी से थोड़ा सा खेला और उससे बोला कि अब तुम सो जाओ मैं भी सो जाऊंगा ! और इतना बोल के मैं उसके चुचूक चूसते-2 सोने का नाटक करने लगा और वो सो गई।
मैंने साली को इशारा किया वो समझ गई कि अब जीजू का लण्ड मिलेगा !
मैंने उसे इशारे से दूसरे कमरे में आने को कहा और वो धीरे से उठ कर आ गई। मैंने कमरे की कुण्डी लगा दी और उसे पकड़ कर खूब किस करने लगा। किस करते समय मुझे यह एहसास हुआ कि वो गाऊन के नीचे कुछ नहीं पहने है। उसकी कड़ी-2 चूची मुझे पागल बना रही थी।
मैं गाऊन के ऊपर से उसकी चूची मसलने लगा। क्या मस्त चूची थी दोस्तो ! मेरा लण्ड खुशी के आंसू रोने लगा।
मैंने उसका गाऊन उतार कर उसे नंगा कर दिया और उसकी चूची मुंह में ले कर चूसने लगा, हाथ की उंगली बुर में डाल कर पानी निकालने लगा।
फिर साली को लिटा कर दोनों टाँगे खोल कर जीभ बुर में डाल कर खूब बुर चाटी जब तक पूरा पानी नहीं निकल आया।
मैंने साली से बोला- माय लव ! अब तुम मेरा लण्ड चूसो !
वो उठी और लण्ड पकड़ के मुंह में डाल लिया और अंदर बाहर करने लगी। मुझे खूब मस्ती छाने लगी। साली मेरा लण्ड चूसते-2 पूरा रस निकाल कर पी गई।
मैं और वो एक-एक बार स्खलित हो चुके थे लेकिन अब समय था बुर-लण्ड का मिलन करने का !
सो हम लोग 69 में आ गए और एक दूसरे को चाटने लगे। कुछ देर तक चाटने के बाद हम लोग फिर तैयार हो गए। इस बार मैंने साली से कहा- सीधे लेट जाओ !
वो लेट गई। मैंने उसकी बुर देखी। क्या बुर थी, एक दम मस्त-2 ! किसी को भी खड़ा-2 झाड़ दे ! इतना दम है उसकी बुर में !
मैंने उसकी बुर में लण्ड डाला तो आ आया आ आय आ आह्ह्ह्ह ह्ह्ह उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी। मैंने झटके देने बंद नहीं किया, लगातर झटके देता रहा और करीब 25 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई करी !
वो दो बार झड़ी। जब मेरा माल निकलने का समय आया तो मैंने लण्ड बाहर निकाल कर उसके मुंह में लगा दिया। वो लॉलीपॉप की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी। मेरी पूरी मलाई उसके मुंह में भर गई !
साली के आने से मैं खुश हो गया, मुझे लगा कि अब मेरे लंड की भूख शांत हो सकेगी। मेरी साली भी बहुत सेक्सी थी, उसकी छोटी-छोटी दो चूचियाँ और एकदम पतली कमर थी। पहले मेरी बीवी के भी ऐसे ही थे लेकिन मैंने दबा-दबा कर बड़े कर दिए थे। साली को देखकर मेरा लंड जाग गया और मैं उसे चोदने की योजना बनाने लग गया।
एक-दो दिन ऐसे ही निकल गए लेकिन अवसर नहीं मिला। पर जल्दी ही एक दिन मौक़ा हाथ लग गया। मेरी पत्नी को डॉक्टर के पास जाना था, तो मैंने उससे कहा कि तुम मम्मी के साथ चली जाओ (मम्मी यानि मेरी माँ)। मेरी बीवी अच्छी है, मेरे कहने से माँ के साथ चली गई।
मैंने साली को पटाने का यह मौक़ा अच्छा समझा, वैसे मैं उससे थोड़ी-बहुत छेड़खानी पत्नी के सामने भी कर लेता था, ऊपर ऊपर से ही, पर आज अन्दर से करने का मन था। माँ और पत्नी के जाने के बाद मैं घर के भीतर आ गया और द्वार बन्द कर लिया, क्योंकि मैं जानता था कि अब कोई नहीं आएगा। कामवाली चली गई थी, पिताजी भी जा चुके थे। घर पर मैं और मेरी साली ही थे।
मेरे अन्दर आते ही साली ने कहा कि जीजू मैं आपके लिए चाय बना लाती हूँ, आप चाय पीजिए। फिर मैं नहाने जाऊँगी। यह कह कर वह रसोईघर में चली गई। उसके जाने के बाद मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा। फिर मुझे एक विचार आया, मैंने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतार लिए, और लुंगी-बनियान पहन कर कमरे में आ गया। थोड़ी देर में साली चाय लेकर आ गई, मैं कुर्सी पर बैठ गया। वो मुझे चाय देने लगी, मैंने धीरे से हाथ मार कर चाय ज़मीन पर गिरा दी।
वो पूछ बैठी- जीजू ये क्या हुआ?’
मैंने कहा- चाय गिर गई।’
तो वह कहने लगी- दीदी के जाने से आप इतने दुःखी हो गए!’
तो मैंने कहा- नहीं तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हें देखकर मैं स्वयं को सँभाल नहीं सका।’
यह सुनकर वो शरमा कर अन्दर वाले कमरे में चली गई।
मैं भी वहाँ पहुँच गया और उसे पकड़ कर पीछे से किस करने लगा। गर्दन के पास, कान के पीछे अपनी गरम साँसें देने लगा। ऐसा करने से वह गरम होने लगी। मेरा लंड भी खड़ा हो गया। फिर मैं अपने अपने एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा। ऊपर ही ऊपर उसे अच्छा लग रहा था, उसकी चूचियाँ कड़ी हो गईं थीं। मेरा 8 इन्च का लंड उसकी कमर से चिपका हुआ था। उसे मेरी लंड का अनुभव अपनी गाँड पर हो रहा था। वह कोई ऐतराज़ नहीं जता रही थी, मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिए और चूचियों को पहले की अपेक्षा कहीं जोरों से मसलने लगा।
जब मैंने देखा कि वह पूरी तरह से गरम हो गई है, तो उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसका कुरता उतार कर ब्रा के ऊपर से चूचियों को दबाने लगा, साथ अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर चूसने लगा। अब वह पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी। वो सिर्फ ब्रा-पैंटी में थी, और बहुत सेक्सी लग रही थी- एकदम दूध की भाँति सफ़ेद। फिर मैं उसकी ब्रा खोल कर एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को हाथ से दबाने लगा।
10 मिनट तक ऐसा ही करते रहने के बाद मैंने अपनी लुंगी और बनियान भी उतार दी। वह मेरा लंड देखकर डर गई, बोली- धीरे-धीरे करना जीजू, किसी को बताना मत, दीदी से भी मत।’
‘तुम्हारी कसम, नहीं बताऊँगा।’- मैंने कहा।
मैंने अपना लंड उसके हाथ में पकड़ा दिया और सहलाने को कहा। वह लंड पकड़ कर उससे खेलने लगी। इसके बाद मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे। उसकी बुर एकदम चिकनी थी, जैसे दो-तीन दिनों पहले ही झाँटें साफ की गईं हों। मैंने पूछा, तो उसने बताया- मैं जानती थी जीजू कि आप मुझे चोदना चाहते हैं, लेकिन आपको चांस नहीं मिल पा रहा। लेकिन मैं जानती थी कि इस बार मैं आपके लंड से नहीं बच पाऊँगी, सो मैं तैयारी से आई थी।’
यह सुनते ही मेरा लंड और भी कड़ा हो गया, फिर मैंने उसे बुर खोलने को कहा, और मुँह से उसकी बुर चाटने लगा। उसके मुँह से आआाहहह… अहहहह.. आहहह… आआआ… अहहह की आवाज़ें आ रही थीं। फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा, वह सहमत हो गई। अब हम 69 की स्थिति में आ गए, मैं उसकी बुर चाटने लगा, वो मेरे लंड का टोपा चूसने लगी।
हम यह लगभग 25 मिनट तक करते रहे और दोनों 2 बार छूट भी गए। हमने एक दूसरे की मलाई चाट ली। अब मैं उसे चोदना चाहता था, मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी बुर में लंड डाल के बुर-लंड का मिलन करवाऊँगा।’
उसने कहा- ‘जीजू, इस समय नहीं, रात को जब दीदी सो जाएगी, तो मैं आपके पास आ जाऊँगी, तब चुदाई का कार्यक्रम करेंगे- पूरी रात। अभी दीदी आनेवाली होंगी।’
मैंने कहा- ठीक है, रात को तुम्हें ख़ूब चोदूँगा।’ उसके बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए, और अपने-अपने काम पर लग गए। रात होने का इन्तज़ार करने लगे। थोड़ी देर के बाद माँ और पत्नी दोनों आ गए।
माँ और बीवी के घर आने के बाद हम लोग अब एक जीजा-साली की तरह व्यव्हार करने लगे और रात होने का इंतजार भी कर रहे थे और मन ही मन ये सोच कर लण्ड खुश हो रहा था कि आज एक और कुंवारी चूत मिलेगी। खैर दिन कट गया और रात आ गई। फिर हम सभी लोगों ने एक साथ खाना खाया। मम्मी-पापा अपने कमरे में चले गए और हम लोग भी अपने कमरे में आ गये, मैं, मेरी बीवी और साली !
साली ने मेरी ओर ऐसे देखा कि जैसे मुझे बुला रही हो। मैं उसका इशारा समझ गया। मैं बीवी से थोड़ा सा खेला और उससे बोला कि अब तुम सो जाओ मैं भी सो जाऊंगा ! और इतना बोल के मैं उसके चुचूक चूसते-2 सोने का नाटक करने लगा और वो सो गई।
मैंने साली को इशारा किया वो समझ गई कि अब जीजू का लण्ड मिलेगा !
मैंने उसे इशारे से दूसरे कमरे में आने को कहा और वो धीरे से उठ कर आ गई। मैंने कमरे की कुण्डी लगा दी और उसे पकड़ कर खूब किस करने लगा। किस करते समय मुझे यह एहसास हुआ कि वो गाऊन के नीचे कुछ नहीं पहने है। उसकी कड़ी-2 चूची मुझे पागल बना रही थी।
मैं गाऊन के ऊपर से उसकी चूची मसलने लगा। क्या मस्त चूची थी दोस्तो ! मेरा लण्ड खुशी के आंसू रोने लगा।
मैंने उसका गाऊन उतार कर उसे नंगा कर दिया और उसकी चूची मुंह में ले कर चूसने लगा, हाथ की उंगली बुर में डाल कर पानी निकालने लगा।
फिर साली को लिटा कर दोनों टाँगे खोल कर जीभ बुर में डाल कर खूब बुर चाटी जब तक पूरा पानी नहीं निकल आया।
मैंने साली से बोला- माय लव ! अब तुम मेरा लण्ड चूसो !
वो उठी और लण्ड पकड़ के मुंह में डाल लिया और अंदर बाहर करने लगी। मुझे खूब मस्ती छाने लगी। साली मेरा लण्ड चूसते-2 पूरा रस निकाल कर पी गई।
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वो लेट गई। मैंने उसकी बुर देखी। क्या बुर थी, एक दम मस्त-2 ! किसी को भी खड़ा-2 झाड़ दे ! इतना दम है उसकी बुर में !
मैंने उसकी बुर में लण्ड डाला तो आ आया आ आय आ आह्ह्ह्ह ह्ह्ह उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी। मैंने झटके देने बंद नहीं किया, लगातर झटके देता रहा और करीब 25 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई करी !
वो दो बार झड़ी। जब मेरा माल निकलने का समय आया तो मैंने लण्ड बाहर निकाल कर उसके मुंह में लगा दिया। वो लॉलीपॉप की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी। मेरी पूरी मलाई उसके मुंह में भर गई !
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