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अनाथ आश्रम वाली लड़की की चुदाई - Anath ashram wali ladki ki seel todi
अनाथ आश्रम वाली लड़की की चुदाई - Anath ashram wali ladki ki seel todi , छोरी को अपने घर में चोदा , अनाथालय सेक्स , बिना माँ बाप की लड़की को चुदने का शौक , कुवारी लड़की चुद गई , चुदने के लिए मेरे पास आई.
बचपन में ही मेरे पिताजी का देहांत हो गया। फिर मेरी मां लोगों के घर काम करने जाया करती थी। उसी से हमारा घर चलता था। लेकिन भगवान को यह भी नसीब नहीं था और एक दिन मेरी माँ को हार्टअटेक आया जिससे उसकी भी मौत हो गई। कोई सहारा नहीं बचा था इसलिए मुझे अनाथ आश्रम में भेज दिया गया।
अब मैं अनाथालय में ही रहने लगी। मुझे यहां थोड़ा ही समय हुआ था। मेरे यहां बहुत दोस्त बन चुके थे। मेरी तरह यहां के बच्चे भी अपनी मां से अलग होकर रह रहे थे। किसी के मां बाप नहीं थे तो किसी ने उन्हें जानबूझकर वहां छोड़ रखा था। अब हम सब यहीं रहते थे। हम लोग यहां खेलते कूदते वह पढ़ाई करते थे। कभी कभी छोटे-मोटे काम भी किया करते थे। लेकिन हम यहां बहुत खुश थे हमें यहां कोई परेशानी नहीं थी।
कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा फिर एक दिन हमारे अनाथ आश्रम में कोई आया वह बहुत ही अच्छे घर के लोग थे। वह हमारे लिए खाने की चीजें लाया करते थे। और हमें बहुत प्यार करते थे वह ज्यादातर मेरे साथ समय बिताया करते थे। ऐसे ही वह रोज आने लगे थे। आते तो और लोग भी थे वह भी सब बच्चों से बहुत प्यार करते थे। लेकिन मेरा और उनका एक दूसरे से ज्यादा ही लगाव हो गया था।
एक दिन उन्होंने मुझे अपने साथ ले जाने की बात कही, मैं थोड़ा डर सी गई थी। लेकिन मुझे खुशी भी हो रही थी, कि मुझे नए मां-बाप और एक नई जिंदगी मिलेगी। फिर उन लोगों ने मुझसे मेरे साथ चलने के लिए पूछा तो मैंने थोड़ा सोचा और फिर उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गई। फिर वह मुझे अपने साथ लेकर चले गए। और मैं उनके साथ रहने लगी। वह मुझे बहुत प्यार करते थे। मेरी हर एक इच्छा पूरी करने को तैयार रहते थे। मेरे नए मां-बाप का नाम सिमरन और अजय था मेरे पापा कॉलेज में प्रोफेसर थे। और मेरी मां घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थी। अब उन्होंने मेरा स्कूल में दाखिला करवाया। उन्होंने मुझे खूब पढ़ाया-लिखाया और स्कूल पूरा होने के बाद उन्होंने मुझे कॉलेज की पढ़ाई भी करवाई। अब मैं स्कूल से कॉलेज जाने लगी थी।
उनके साथ रहकर मेरी जिंदगी बदल चुकी थी। मुझे उनके साथ रहते-रहते काफी समय हो गया था। लेकिन मुझे अब भी अपनी मां और भाई की याद आया करती थी। लेकिन यह तो मुझे अपनी बेटी से भी बढ़कर प्यार करते थे। वह मुझे घुमाने ले कर जाते और नई नई अच्छी चीजें दिलाया करते थे। मैं भी उनके साथ बहुत खुश रहती थी। कॉलेज में भी स्कूल की तरह मेरे बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। मैं अपनी पढ़ाई मन लगाकर करती थी ताकि मैं अपने मां पापा के लिए कुछ कर सकूं। जो उन्होंने मेरे लिए किया मैं उनके लिए और अच्छा करना चाहती थी। कॉलेज में भी सभी टीचर लोग मेरी पढ़ाई में तारीफ किया करते थे और मुझे सपोर्ट किया करते थे।
मैं स्पोर्ट में भी अच्छी थी। मेरे कॉलेज के दोस्त भी बहुत अच्छे थे। हम लोग खूब मस्ती किया करते थे। हम लोग कभी पिकनिक पर जाया करते थे तो कभी एक दूसरे के घर। हम लोग एक दूसरे के घर जाकर पढ़ाई किया करते थे। कभी वह हमारे घर आते थे। तो मेरी मां उनके लिए खाने को कुछ बनाती और उन्हें भी मेरी तरह प्यार करती। कुछ समय बाद हमारा कॉलेज पूरा होने वाला था।
एक दिन हमारे कॉलेज में एक नए लड़के का एडमिशन हुआ। वह दिखने में बहुत ही हैंडसम था। मुझे वह बहुत ही पसंद था। उसका नाम सुनील था। सुनील मुझसे पहले दिन मिला तो वह काफी अच्छी बातें कर रहा था। मैं भी उसे बहुत इंप्रेस हो गई बातों-बातों में उसने मुझसे पूछ लिया। तुम्हारा घर कहां पर है। मैंने उसे अपना घर बता दिया।
एक दिन मैंने उसे घर पर इन्वाइट किया। वह मेरे घर आया तो मैंने उसे अपने मम्मी पापा से मिलाया। मैंने कहा सुनील बहुत अच्छा लड़का है। उन लोगों ने सुनील को देखा तो उन्हें भी वह काफी पसंद आया। अब हम दोनों काफी मिलने लगे थे। सुनील मेरे घर आ जाया करता था और मैं भी उसके घर चली जाती थी। उसके घर वाले भी मुझे कभी मना नहीं करता था।
ऐसे ही एक दिन मैं बिना बताए सुनील के घर चली गई। मैंने सोचा मैं सुनील को सरप्राइस देती हूं और वह अपने कमरे में लेटा हुआ था। उसने चादर ओढ़ी हुई थी। मैं दबे पांव उसके पास गई और मैंने उसके चादर को उठा दिया। तो मैंने देखा कि वह एकदम नंगा सोया हुआ था। मैंने उसके लंड को देखा, जो काफी बड़ा था। सुनील भी उठ गया और वह मुझे कहने लगा। यह क्या किया तुमने दरवाजे जल्दी से बंद करो। मैने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मैंने सुनील को कहा तुमने कुछ पहना भी नहीं था मुझे क्या मालूम था कि तुम नंगे सो रहे हो। उसने मुझसे पूछा तुमने क्या देखा। तो मैंने उसे बोला कुछ नहीं देखा। उसने मुझसे कहा तुमने मेरा लंड देख लिया है। अब मैं तुम्हें चोदूंगा उसके बाद उसने मुझे अपने पास बुलाया।
मैं उसके पास चली गई और उसने मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया। उसने कुछ भी कपड़े नहीं पहने हुए थे। उसने मेरी पैंटी को नीचे किया और मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी। उसने तेजी से मेरी योनि में अपने लंड को डाल दिया। जिससे कि मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और वह मुझे ऐसे ही ऊपर नीचे करने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो सुनील के लंड पर पूरा खून लगा हुआ है। लेकिन अब मुझे मज़ा आने लगा था। सुनील को भी मजा आ रहा था। तो हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से संभोग कर रहे थे। वह मुझे उठा उठा कर चोद रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
जब वह मेरे साथ सेक्स कर रहा था। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसके लंड पर मेरा खून लगा हुआ था। उसने ऐसे ही मुझे बिस्तर में लेटा दिया और मेरे साथ सेक्स करने लगा। जैसे ही उसने मेरी योनि के अंदर लंड डाला। मैं काफी तेज चिल्ला रही थी। उसने अपने हाथों से मेरे मुंह को दबा दिया और कहने लगा घर में मेरी मम्मी सुन लेगी तो वह आ जाएगी। सुनील काफी तेज तेज मेरे साथ सेक्स कर रहा था। और मैंने चिल्लाना बंद कर दिया था क्योंकि मुझे मालूम था। अगर मैं चिल्लाऊंगी तो सुनील की मम्मी आ जाएगी इसलिए वह बड़ी तेजी से ऐसा कर रहा था। थोड़ी देर बाद मेरा तो झड़ गया। जैसे ही मेरा झड़ा था सुनील ने मुझे कहा कि मुझे कुछ गर्म महसूस हुआ है। यह कहते-कहते सुनील का भी झड़ गया। उसने मेरी योनि के अंदर ही अपना वीर्य गिरा दिया। मैंने उसके माल को अपनी पैंटी से साफ किया। इस तरीके से मेरी सील सुनील ने ही तोड़ी। उसके बाद जब मैं अपने घर गई तो मुझे चक्कर जैसे आ रहे थे।
मैं उस दिन आराम कर रही थी। अगले दिन सुनील आया तो वह कहने लगा तुम्हें क्या हो गया है। तो मैंने उसे बताया कि मेरी तबीयत खराब है। उसने मुझे कहा कि मैं आज भी तुम्हें चोदूगा तो तुम ठीक हो जाओगी। उसने मुझे मेरे ही घर में चोदना शुरु कर दिया। मेरी तबियत अच्छी हो गई थी और मैं काफी खुश थी। मेरे घरवालों को मेरे बारे में और सुनील के बारे में सब पता था। मेरे घरवाले मुझे खुश देखना चाहते थे इसलिए कभी कुछ नहीं कहते थे।
Tags: अनाथ आश्रम वाली लड़की की चुदाई - Anath ashram wali ladki ki seel todi , छोरी को अपने घर में चोदा , अनाथालय सेक्स , बिना माँ बाप की लड़की को चुदने का शौक , कुवारी लड़की चुद गई , चुदने के लिए मेरे पास आई.
बचपन में ही मेरे पिताजी का देहांत हो गया। फिर मेरी मां लोगों के घर काम करने जाया करती थी। उसी से हमारा घर चलता था। लेकिन भगवान को यह भी नसीब नहीं था और एक दिन मेरी माँ को हार्टअटेक आया जिससे उसकी भी मौत हो गई। कोई सहारा नहीं बचा था इसलिए मुझे अनाथ आश्रम में भेज दिया गया।
अब मैं अनाथालय में ही रहने लगी। मुझे यहां थोड़ा ही समय हुआ था। मेरे यहां बहुत दोस्त बन चुके थे। मेरी तरह यहां के बच्चे भी अपनी मां से अलग होकर रह रहे थे। किसी के मां बाप नहीं थे तो किसी ने उन्हें जानबूझकर वहां छोड़ रखा था। अब हम सब यहीं रहते थे। हम लोग यहां खेलते कूदते वह पढ़ाई करते थे। कभी कभी छोटे-मोटे काम भी किया करते थे। लेकिन हम यहां बहुत खुश थे हमें यहां कोई परेशानी नहीं थी।
कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा फिर एक दिन हमारे अनाथ आश्रम में कोई आया वह बहुत ही अच्छे घर के लोग थे। वह हमारे लिए खाने की चीजें लाया करते थे। और हमें बहुत प्यार करते थे वह ज्यादातर मेरे साथ समय बिताया करते थे। ऐसे ही वह रोज आने लगे थे। आते तो और लोग भी थे वह भी सब बच्चों से बहुत प्यार करते थे। लेकिन मेरा और उनका एक दूसरे से ज्यादा ही लगाव हो गया था।
एक दिन उन्होंने मुझे अपने साथ ले जाने की बात कही, मैं थोड़ा डर सी गई थी। लेकिन मुझे खुशी भी हो रही थी, कि मुझे नए मां-बाप और एक नई जिंदगी मिलेगी। फिर उन लोगों ने मुझसे मेरे साथ चलने के लिए पूछा तो मैंने थोड़ा सोचा और फिर उनके साथ चलने के लिए तैयार हो गई। फिर वह मुझे अपने साथ लेकर चले गए। और मैं उनके साथ रहने लगी। वह मुझे बहुत प्यार करते थे। मेरी हर एक इच्छा पूरी करने को तैयार रहते थे। मेरे नए मां-बाप का नाम सिमरन और अजय था मेरे पापा कॉलेज में प्रोफेसर थे। और मेरी मां घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थी। अब उन्होंने मेरा स्कूल में दाखिला करवाया। उन्होंने मुझे खूब पढ़ाया-लिखाया और स्कूल पूरा होने के बाद उन्होंने मुझे कॉलेज की पढ़ाई भी करवाई। अब मैं स्कूल से कॉलेज जाने लगी थी।
उनके साथ रहकर मेरी जिंदगी बदल चुकी थी। मुझे उनके साथ रहते-रहते काफी समय हो गया था। लेकिन मुझे अब भी अपनी मां और भाई की याद आया करती थी। लेकिन यह तो मुझे अपनी बेटी से भी बढ़कर प्यार करते थे। वह मुझे घुमाने ले कर जाते और नई नई अच्छी चीजें दिलाया करते थे। मैं भी उनके साथ बहुत खुश रहती थी। कॉलेज में भी स्कूल की तरह मेरे बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। मैं अपनी पढ़ाई मन लगाकर करती थी ताकि मैं अपने मां पापा के लिए कुछ कर सकूं। जो उन्होंने मेरे लिए किया मैं उनके लिए और अच्छा करना चाहती थी। कॉलेज में भी सभी टीचर लोग मेरी पढ़ाई में तारीफ किया करते थे और मुझे सपोर्ट किया करते थे।
मैं स्पोर्ट में भी अच्छी थी। मेरे कॉलेज के दोस्त भी बहुत अच्छे थे। हम लोग खूब मस्ती किया करते थे। हम लोग कभी पिकनिक पर जाया करते थे तो कभी एक दूसरे के घर। हम लोग एक दूसरे के घर जाकर पढ़ाई किया करते थे। कभी वह हमारे घर आते थे। तो मेरी मां उनके लिए खाने को कुछ बनाती और उन्हें भी मेरी तरह प्यार करती। कुछ समय बाद हमारा कॉलेज पूरा होने वाला था।
एक दिन हमारे कॉलेज में एक नए लड़के का एडमिशन हुआ। वह दिखने में बहुत ही हैंडसम था। मुझे वह बहुत ही पसंद था। उसका नाम सुनील था। सुनील मुझसे पहले दिन मिला तो वह काफी अच्छी बातें कर रहा था। मैं भी उसे बहुत इंप्रेस हो गई बातों-बातों में उसने मुझसे पूछ लिया। तुम्हारा घर कहां पर है। मैंने उसे अपना घर बता दिया।
एक दिन मैंने उसे घर पर इन्वाइट किया। वह मेरे घर आया तो मैंने उसे अपने मम्मी पापा से मिलाया। मैंने कहा सुनील बहुत अच्छा लड़का है। उन लोगों ने सुनील को देखा तो उन्हें भी वह काफी पसंद आया। अब हम दोनों काफी मिलने लगे थे। सुनील मेरे घर आ जाया करता था और मैं भी उसके घर चली जाती थी। उसके घर वाले भी मुझे कभी मना नहीं करता था।
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मैं उसके पास चली गई और उसने मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया। उसने कुछ भी कपड़े नहीं पहने हुए थे। उसने मेरी पैंटी को नीचे किया और मैंने स्कर्ट पहनी हुई थी। उसने तेजी से मेरी योनि में अपने लंड को डाल दिया। जिससे कि मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और वह मुझे ऐसे ही ऊपर नीचे करने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो सुनील के लंड पर पूरा खून लगा हुआ है। लेकिन अब मुझे मज़ा आने लगा था। सुनील को भी मजा आ रहा था। तो हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छे से संभोग कर रहे थे। वह मुझे उठा उठा कर चोद रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
जब वह मेरे साथ सेक्स कर रहा था। उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसके लंड पर मेरा खून लगा हुआ था। उसने ऐसे ही मुझे बिस्तर में लेटा दिया और मेरे साथ सेक्स करने लगा। जैसे ही उसने मेरी योनि के अंदर लंड डाला। मैं काफी तेज चिल्ला रही थी। उसने अपने हाथों से मेरे मुंह को दबा दिया और कहने लगा घर में मेरी मम्मी सुन लेगी तो वह आ जाएगी। सुनील काफी तेज तेज मेरे साथ सेक्स कर रहा था। और मैंने चिल्लाना बंद कर दिया था क्योंकि मुझे मालूम था। अगर मैं चिल्लाऊंगी तो सुनील की मम्मी आ जाएगी इसलिए वह बड़ी तेजी से ऐसा कर रहा था। थोड़ी देर बाद मेरा तो झड़ गया। जैसे ही मेरा झड़ा था सुनील ने मुझे कहा कि मुझे कुछ गर्म महसूस हुआ है। यह कहते-कहते सुनील का भी झड़ गया। उसने मेरी योनि के अंदर ही अपना वीर्य गिरा दिया। मैंने उसके माल को अपनी पैंटी से साफ किया। इस तरीके से मेरी सील सुनील ने ही तोड़ी। उसके बाद जब मैं अपने घर गई तो मुझे चक्कर जैसे आ रहे थे।
मैं उस दिन आराम कर रही थी। अगले दिन सुनील आया तो वह कहने लगा तुम्हें क्या हो गया है। तो मैंने उसे बताया कि मेरी तबीयत खराब है। उसने मुझे कहा कि मैं आज भी तुम्हें चोदूगा तो तुम ठीक हो जाओगी। उसने मुझे मेरे ही घर में चोदना शुरु कर दिया। मेरी तबियत अच्छी हो गई थी और मैं काफी खुश थी। मेरे घरवालों को मेरे बारे में और सुनील के बारे में सब पता था। मेरे घरवाले मुझे खुश देखना चाहते थे इसलिए कभी कुछ नहीं कहते थे।
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